बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने महाराष्ट्र मंडल करेगा पहल
0- मंडल की स्वावलंबन समिति की बैठक में लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय
रायपुर। महाराष्ट्र मंडल की स्वावलंबन समिति बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य करेगी। बेटियों के अभिभावकों के व्यवसाय के प्रति नजरिए में बदलाव लाने का प्रयत्न किए जाएंगे। अभिभावकों में व्यवसाय में आत्मनिर्भर मॉडल के प्रति विश्वास जगाया जाएगा। जिनकी लड़कियां स्वयं का व्यवसाय शुरू करना चाहती है, उन्हें पूरी तरह मदद की जाएगी।
स्वावलंबन समिति की प्रमुख शताब्दी पांडेय ने बताया कि महाराष्ट्र मंडल स्वावलंबन समिति की बैठक मंडल कार्यालय में संपन्न हुई। इसमें तय किया गया कि प्रत्येक माह एक बार समिति के सदस्यों की बैठक होगी। मंडल में एक ऐसा प्लेटफार्म तैयार किया जाएगा, जिसमें सभी प्रकार के व्यवसाय करने वाले मराठी भाषी जुड़ेंगे। इससे एक- दूसरे के प्रति व्यवसाय- व्यवहार को बढ़ावा मिलेगा। सर्वप्रथम मंडल से जुड़े चुने हुए व्यवसायियों की सफलता की कहानी पर सत्र होगा, जो लोगों के लिए प्रेरणा का आधार बनेगा। साल 2047 के विकसित भारत की दृष्टि से स्कूली विद्यार्थियों को उद्यमिता की ओर प्रोत्साहित किया जाएगा।
सचिव चेतन दंडवते ने कहा कि जीएसटी एवं अन्य आवश्यक नियम- शर्तों के अनुपालन, दस्तावेजीकरण, सरकारी योजनाओं का युवा उद्यमियों के लिए लाभ पर विषय विशेषज्ञों के मार्गदर्शन सत्र आयोजित किए जाएंगे। वहीं युवाओं को उद्यम से जोड़ा जाएगा। बेटियों पर विशेष फोकस किया जाएगा। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र मंडल बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार कार्य कर रहा है। मंडल के संत ज्ञानेश्वर स्कूल में बच्चियों को 20 फीसद की विशेष छूट और दिव्यांग बालिका विकास गृह में बच्चियों का लालन-पालन किया जाता है।
बैठक में प्रसन्न निमोणकर, मिलिंद शेष, चेतन दंडवते, श्याम सुंदर खंगन, परितोष डोंनगांवकर, शताब्दी पांडे, प्रवीण क्षीरसागर, सुबोध टोले, सुकृत गनोदवाले, भागीरथ कालेले समेत कई सभी उपस्थित रहे।
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