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 खेती का आधुनिक युगः ‘‘पावर टिलर बना बदलाव का आधार‘‘

0- जिला पंचायत सीईओ ने शासन की विभिन्न योजनाओं एवं कार्यकमों की विस्तृत समीक्षा की
राजनांदगांव । मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह ने जिला पंचायत सभाकक्ष में वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों तथा अन्य महत्वपूर्ण विषयों की विस्तृत समीक्षा की। जिला पंचायत सीईओ ने प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत राज्य कार्यालय से प्राप्त द्वितीय किश्त की राशि के लिए प्राप्त लक्ष्य को 30 सितम्बर तक पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने आवास प्लस में चेकर्स को 31 जुलाई तक सत्यापन कार्य पूरा करने कहा। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को जल्द से जल्द प्रथम किश्त की राशि देने के निर्देश दिए। एनपीसीआई कराने का दायित्व आवास मित्रों को देने कहा। उन्होंने बताया कि रूरल मेशन ट्रेनिंग सभी ब्लाक में आरसेटी के माध्यम से दिया जाएगा। जिसके लिए छुरिया एवं डोंगरगांव में जल्द से जल्द काउंसलिंग कराने निर्देशित किया। निर्माणाधीन आवास को समय सीमा में पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया। जिला पंचायत सीईओ ने जनपद पंचायत राजनांदगांव अंतर्गत ग्राम पंचायत अंजोरा एवं टेड़ेसरा की परिसम्पत्तियों की जानकारी गुगलशीट में एन्ट्री कराने के निर्देश दिए।
जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह ने स्वच्छता सर्वेक्षण के प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने स्वच्छता सर्वेक्षण अंतर्गत निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। सचिव एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की संयुक्त टीम बनाकर मिशनमोड में सर्वे का कार्य पूर्ण करने निर्देंशित किया। उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण टीम द्वारा जल्द से जल्द जिले का भ्रमण किया जाएगा। स्वच्छता सर्वेक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार अधिकारी सभी स्वच्छता गतिविधियों को योजनाबद्ध तरीके से पूरा करे। उन्होंने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत खुले में शौच मुक्त स्थिति, अपशिष्ट प्रबंधन, सहभागिता और स्थायी ढांचे सहित अन्य मापदंडों पर गांवों का मूल्यांकन किया जाएगा। साथ ही सिटीजन फीडबैक भी एक अहम बिंदु होगा, जिसके लिए ग्रामीणों को मोबाइल ऐप के माध्यम से राय देने हेतु प्रेरित किया जाए। गांव-गांव में बैनर, पोस्टर, ऑडियो संदेश, नुक्कड़ नाटक व सोशल मीडिया प्रचार के माध्यम से नागरिकों को जागरूक करें। प्रत्येक गांवों में 6-7 दक्ष एवं शिक्षित लोगों का समूह बनाएं, ताकि सर्वे टीम के समक्ष प्रजेन्टेंशन दे सके। 
ग्रामीणों को यूजर चार्ज देने के लिए प्रेरित करें। साथ ही अभियान चलाकर यूजर चार्ज का संग्रहण करें। बैठक में ग्रे-वाटर ट्रीटमेंट प्लान्ट को चालू हालत में रखने तथा आस-पास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। जिला पंचायत सीईओ ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत राजमिस्त्री का प्रशिक्षण पूर्ण कराने निर्देशित किया। मृत्यु दावा की सूची जल्द से जल्द उपलब्ध कराने कहा गया। इन्टरप्राईजेस फायनेंस के कार्य में प्रगति लाने के निर्देश दिए गए। पीएमश्री योजनान्तर्गत प्रगतिरत कार्यों को शीघ्र पूरा करने, जनदर्शन के प्रकरणों का प्राथमिकता से निराकरण करने के निर्देशित किया। बैठक में संबंधित जिला अधिकारी, जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत क्षेत्र के सभी संबंधित अधिकारी शामिल हुए।दंतेवाड़ा । छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में स्थित दंतेवाड़ा जिला, जो अपनी समृद्ध प्राकृतिक संपदा, उपजाऊ मिट्टी और अनुकूल जलवायु के लिए जाना जाता है, अब जैविक खेती में एक नई दिशा की ओर अग्रसर हो चुका है। पारंपरिक कृषि पद्धतियों के साथ-साथ अब आधुनिक यंत्रों का समावेश कर खेती को अधिक आसान और लाभकारी बनाया जा रहा है। इसी क्रम में जिला प्रशासन और कृषि विभाग ने किसानों को पावर टिलर वितरित कर यंत्रीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है।
जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए दंतेवाड़ा में कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन उसमें सबसे बड़ी चुनौती श्रम और समय की अधिकता रही है। जैविक खादों, प्राकृतिक कीटनाशकों और पारंपरिक तरीकों का उपयोग करने के बावजूद खेत की तैयारी, खरपतवार नियंत्रण और खाद मिलाने जैसी गतिविधियों में काफी मेहनत लगती है। इस चुनौती से निपटने के लिए अब पावर टिलर जैसे उपकरण किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
जिला प्रशासन ने हाल ही में 75 पावर टिलरों का वितरण किया है, जो कि महिला स्व-सहायता समूहों और प्रगतिशील किसानों को प्रदान किए गए हैं। यह वितरण न केवल व्यक्तिगत उपयोग के लिए किया गया है, बल्कि सामूहिक यंत्र उपयोग मॉडल को भी बढ़ावा दिया गया है, जिससे मशीनों का अधिकतम उपयोग हो सके। समूहों के माध्यम से यह पावर टिलर किराए पर भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे अन्य किसान भी इसका लाभ उठा सकें।
इसके साथ ही पावर टिलर का उपयोग जैविक खेती में बेहद उपयोगी साबित हो रहा है। इससे खेत की गहरी जुताई, मिट्टी को बारीक करना और जैविक खादों को समरस रूप से मिलाने में आसानी हो रही है। जहां पहले पारंपरिक हल से खेत की जुताई में दो से तीन दिन लगते थे, वहीं अब यह काम कुछ ही घंटों में पूरा हो रहा है। इसके अलावा पावर टिलर का आकार छोटा और संचालन सरल होने के कारण यह छोटे जोत के किसानों के लिए भी उपयुक्त है।
इस संबंध में हीरानार के किसान लूदरुराम और कासौली के सुरेश नाग बताते हैं कि पावर टिलर के उपयोग से खेती करना अब कहीं ज्यादा आसान हो गया है। उन्हें समय की बचत तो हो ही रही है, साथ ही उत्पादन में भी सुधार देखने को मिल रहा है। उन्होंने जिला प्रशासन और कृषि विभाग का  आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह मल्टीपरपज मशीन न केवल जुताई के काम आती है, बल्कि मिट्टी पलटने, कतार बनाने, निंदाई-गुड़ाई, खाद मिलाने और ट्रॉली से परिवहन जैसे कार्यों में भी सहायक है। इससे श्रम लागत में भी कमी आई है, जिससे जैविक खेती अब और अधिक टिकाऊ और लाभदायक बन रही है। जिला प्रशासन की यह पहल  कृषि क्षेत्र में तकनीक के समावेश का उत्कृष्ट उदाहरण है। पावर टिलर वितरण के माध्यम से न केवल जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि युवा किसान भी अब आधुनिक कृषि तकनीकों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। आने वाले वर्षों में यह पहल दंतेवाड़ा को जैविक कृषि में एक मॉडल जिला बना सकती है, जहां परंपरा और तकनीक का संतुलन एक नई कृषि क्रांति को जन्म देगा।
 

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