समाजसेवी सुधीर मिश्रा का जाना सभी को रुला गया
0- तात्यापारा हनुमान मंदिर में आयोजित शोकसभा में वक्ताओं ने सुधीर को उनके शानदार व्यक्तित्व व नि:स्वार्थ सेवाओं के लिए किया याद
रायपुर। नि:स्वार्थ भाव से समर्पित होकर समाजसेवा करने वाले सुधीर मिश्रा का हम सब के बीच से इस तरह असमय चले जाना असहनीय और अपूरणीय क्षति है। हम सभी के जीवन में उनकी कमी हमेशा खलती रहेगी। तात्यापारा हनुमान मंदिर में आयोजित सुधीर मिश्रा की शोकसभा में इस आशय के विचार लगभग सभी वक्ताओं के रहे। सुधीर मिश्रा का निधन 21 सितंबर को एक निजी अस्पताल में हुआ था।
हनुमान मंदिर समिति तात्यापारा के मिलिंद शेष ने कहा कि मंदिर समिति के कोषाध्यक्ष रहे सुधीर मिश्रा का निधन अपूरणीय क्षति है। ऐसा सरल व्यक्ति, जिसे कभी क्रोध नहीं आया, कभी किसी से ऊंची आवाज में बात नहीं की, का अब मिलना मुश्किल है। बैंक इंप्लाइज फेडरेशन के शिरीष नलगुंडवार ने अपने संबोधन में सुधीर को बैंक के सभी अधिकारियों- कर्मचारियों का शुभचिंतक बताया।
अरुण कठोटे ने सुधीर के महाराष्ट्र मंडल में किए गए कार्यों का स्मरण किया। सुरेखा हिशीकर ने बड़े भाई के रूप में जीवन के प्रसंगों को याद किया। निशा राहटगांवकर ने सुधीर मिश्रा द्वारा हनुमान मंदिर में किए गए नि:स्वार्थ सेवाओं की याद दिलाई। रवि तिवारी ने सुझाव दिया कि सुधीर के कार्यों का हमेशा स्मरण बनाए रखने के लिए मंदिर समिति को कुछ अतिरिक्त सेवा कार्य करने चाहिए।
रवि रामटेके ने परिवार की ओर से साधुवाद देते हुए कहा कि संसार में अच्छे लोगों को ईश्वर जल्दी बुला लेते हैं। मंडल अध्यक्ष अजय मधुकर काले ने आदरांजलि देते हुए कहा कि सुधीर का जाना, उनके परिवार, समाज, मंदिर को अखर गया। उनकी कमी उनसे जुड़ी हर संस्था व समिति में महसूस की जाएगी। शोकसभा में बड़ी संख्या में तात्यापारावासी, सुधीर के मित्र, मंदिर समिति के सदस्य, महाराष्ट्र मंडल के सभासद उपस्थित रहे।


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