एम्स ने छत्तीसगढ़ में किया पहला सफल वीए-ईसीएमओ केस
- उन्नत क्रिटिकल केयर और बहु-विषयक टीमवर्क से बचाई गई जान
रायपुर। एम्स रायपुर ने क्रिटिकल केयर मेडिसिन के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है, जहां संस्थान ने छत्तीसगढ़ के किसी सरकारी संस्थान में पहली बार वीनो-आर्टेरियल एक्स्ट्रा-कॉरपोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन (VA-ECMO) का सफल प्रबंधन किया। एक 35 वर्षीय महिला, जो उच्च जोखिम गर्भावस्था (High-Risk Pregnancy) से गुजर रही थी, प्रसव के तुरंत बाद पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी यानी जीवन-घातक हृदय विफलता से पीड़ित हो गई। जब सामान्य उपचार असफल रहे, तब एनेस्थीसिया और क्रिटिकल केयर मेडिसिन, सीटीवीएस, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन, नेफ्रोलॉजी, गैस्ट्रो-सर्जरी और नर्सिंग सेवाओं की बहु-विषयक टीम ने उन्हें ईसीएमओ पर रखा और उन्नत किडनी सपोर्ट प्रदान किया।गंभीर जटिलताओं के बावजूद, रोगी की स्थिति धीरे-धीरे सुधरी और 65 दिनों के आईसीयू प्रवास के बाद उन्हें सफलतापूर्वक वेंटिलेटर से हटा दिया गया।
ईसीएमओ (ECMO) एक अत्याधुनिक जीवनरक्षक तकनीक है, जिसका उपयोग तब किया जाता है जब हृदय या फेफड़े काम करना बंद कर देते हैं और अन्य सभी उपचार विफल हो जाते हैं। यह मशीन अस्थायी रूप से इन अंगों का कार्य संभालती है, जिससे मरीज को स्वस्थ होने का महत्वपूर्ण अवसर मिलता है।यह केस डॉ. सुभ्रता सिंघा और डॉ. चिन्मय के. पांडा के नेतृत्व में प्रबंधित किया गया, जिनके साथ विशेषज्ञ सलाहकार डॉ. नितिन कश्यप, डॉ. प्रणय मेसरे (CTVS), डॉ. रमेश चंद्राकर (ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन), डॉ. विनय राठौर (नेफ्रोलॉजी), डॉ. सौविक पॉल (गैस्ट्रोएंटरोलॉजी) और डॉ. विनिता सिंह (स्त्री एवं प्रसूति रोग) शामिल थे।
ले. जनरल अशोक जिंदल (से.नि.), कार्यकारी निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, एम्स रायपुर ने पूरी टीम को बधाई दी, जिनके प्रयासों से इस गंभीर मरीज का जीवन सफलतापूर्वक बचाया जा सका।यह सफलता सीसीयू टीम की समर्पित मेहनत का परिणाम है — सीनियर रेज़िडेंट्स डॉ. साईनाथ, डॉ. सतीश, डॉ. चेतन, डॉ. गौरव, डॉ. रुपेन्द्र, नर्सिंग इंचार्ज श्री महेश तथा स्टाफ जिबिन, जसीम, सृष्टि, इतिश्री, गोविंद, विनोद, खूमेंद्र, अजू, परफ्यूज़निस्ट्स श्री विनोद खांडे, श्री राजकुमार, श्री अजीत, और समर्पित स्वास्थ्य सहायकों के योगदान से यह उपलब्धि संभव हुई।









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