विटामिन डी की कमी मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है
अनहेल्दी लाइफस्टाइल और गलत खानपान के कारण ज्यादातर लोग विटामिन-डी की कमी से परेशान रहते हैं। इसके कारण लोगों को हड्डियों के कमजोर होने, थकान होने, बालों के झड़ने, मांसपेशियों के कमजोर होने, मांसपेशियों में दर्द होने, बार-बार बीमार पड़ने, इम्यूनिटी के कमजोर होने, घाव के धीरे-धीरे भरने, स्ट्रेस होने, डिप्रेशन होने और हड्डियों से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ने जैसी स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। बता दे, विटामिन-डी की कमी के कारण लोगों को शारीरिक और मानसिक दोनों ही स्वास्थ्य प्रभावित होते हैं।
विटामिन डी की कमी आपके मेंटल हेल्थ को कैसे प्रभावित करती है?
शरीर में विटामिन-डी की कमी होने पर लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। विटामिन-डी ब्रेन के कार्यों के लिए बेहद जरूरी है, जिसमें मूड और व्यवहार की रेगुलेशन भी शामिल है। कई अध्ययनों के अनुसार, विटामिन-डी की कमी और डिप्रेशन, चिंता (anxiety) और मौसमी भावात्मक विकार (seasonal affective disorder (SAD)) के बढ़ते जोखिम के बीच संबंध पाया गया है। बता दें, ऐसा इसलिए है क्योंकि विटामिन-डी शरीर में सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर के उत्पादन को नियंत्रित करने में मदद करता है, जो मनोदशा या मानसिक स्वास्थ्य की स्थिरता को प्रभावित करता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अध्ययन के अनुसार, विटामिन-डी, जिसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स के गुण होते हैं और जो ब्रेन के टिश्यूज के लिए जरूरी है। मनोदशा संबंधी विकारों (mood disorders preventions) की रोकथाम या उपचार के लिए जरूरी है।
विटामिन-डी की कमी के लक्षण
शरीर में विटामिन-डी की कमी होने पर व्यक्ति को थकान होने, एकाग्रता की कमी होने, चिड़चिड़ापन होने और डिप्रेस्ड मूड होने जैसे लक्षण दिखते हैं। बता दें, विटामिन-डी की कमी होने की समस्या खासकर, ठंडे मौसम में रहने वाले लोगों, घर के अंदर काम करने वाले लोगों या गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों को ज्यादा होती है। इसके अलावा, विटामिन-डी की कमी संज्ञानात्मक में गिरावट (cognitive decline) से जुड़ी हुई है और यह बढ़ती उम्र में मनोभ्रंश (dementia) जैसी स्थितियों के विकास या बिगड़ने में योगदान दे सकती है।
विटामिन-डी की कमी को दूर करने के लिए क्या करें?
विटामिन-डी की कमी को दूर करने के लिए धूप में बैठें, विटामिन-डी युक्त फैट युक्त मछली और फोर्टिफाइड फूड्स को डाइट में शामिल करें। इसके अलावा, डॉक्टर की सलाह अनुसार, विटामिन-डी के सप्लीमेंट्स का सेवन किया जा सकता है। इनसे विटामिन-डी के स्तर में सुधार करने और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद मिलती है। हालांकि, सप्लीमेंट्स लेना शुरु करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। पर्याप्त विटामिन-डी बनाए रखना मानसिक स्वास्थ्य के बचाव की दिशा में एक सरल लेकिन प्रभावी कदम है।
निष्कर्ष
शरीर में विटामिन-डी की कमी होने पर व्यक्ति को चिड़चिड़ापन होने, एकाग्रता की कमी होने, थकान होने और डिप्रेस्ड मूड होने की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, इसके कारण व्यक्ति को डिमेंशिया जैसी समस्याओं को बढ़ावा मिल सकता है। ऐसे में विटामिन-डी की कमी को दूर करने के लिए विटामिन-डी युक्त फूड्स को डाइट में शामिल करें, सप्लीमेंट्स लें और धूप में बैठें। इससे स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं। ऐसे में ध्यान रहे, विटामिन-डी की कमी को दूर करने के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें, साथ ही, सप्लीमेंट्स का सेवन डॉक्टर की सलाह के साथ ही करें।

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