घुटनों के दर्द को ठीक करने की क्षमता रखता है गोंद
आज के समय में घुटनों के दर्द की परेशानी बहुत ही आम बन चुकी है। चाहे वह बुजुर्ग हो या युवा हर उम्र के लोग घुटनों के दर्द की समस्या से परेशान हैं। घुटनों के दर्द के कारणों में गठिया (Arthritis), शरीर का ज्यादा वजन, कोई पुरानी चोट, खाने में पोषण की कमी और आयु संबंधी हड्डियों की क्षति शामिल होती है। सामान्य तौर पर देखा जाता है कि जब किसी व्यक्ति को घुटनों के दर्द की समस्या होती है, तो लोग इसका इलाज तेल से करने की कोशिश करते हैं। परंतु आयुर्वेद में तेल के अलावा कई प्राकृतिक उपाय बताए गए हैं जो घुटनों के दर्द को जड़ से ठीक करने में मदद कर सकते हैं। इन्हीं में से एक उपाय है- गोंद का सेवन।
गोंद क्या है?
गोंद एक प्रकार का प्राकृतिक रेजिन (resin) होता है जो पेड़ों के तनों से निकलता है। इसे सुखाकर पाउडर या दानों के रूप में तैयार करके रोजाना इस्तेमाल किया जाता है।
आयुर्वेद में गोंद का महत्व
आयुर्वेद के अनुसार, गोंद को "बल्य" (शरीर को बल देने वाला), "वातहर" (वात दोष को शांत करने वाला) और "संधि स्थायी" (जोड़ों को मजबूत करने वाला) माना गया है। आयुर्वेद के अनुसार, जब व्यक्ति के शरीर का वात दोष असंतुलित हो जाता है, तो इससे घुटनों में दर्द, सूजन और अकड़न की परेशानी होती है। गोंद का सेवन करने से शरीर का वात दोष संतुलित होता है और ये घुटनों के दर्द की समस्या को दूर करता है।
गोंद में पाए जाने वाले पोषक तत्व
गोंद सिर्फ एक पारंपरिक उपाय नहीं है, बल्कि इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं। गोंद में कैल्शियम, प्रोटीन, हाई फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन ई जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये पोषक तत्व समग्र स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद होते हैं।
घुटनों के दर्द में गोंद कैसे करता है काम?
घुटनों के दर्द को कम करने में गोंद का सेवन कई प्रकार से फायदेमंद होता है।
1. वात दोष को करें संतुलित
आयुर्वेद में वात दोष का असंतुलन जोड़ों में दर्द और सूजन का मुख्य कारण माना गया है। गोंद का सेवन वात दोष को नियंत्रित करता है, घुटनों के सूजन और दर्द में राहत मिलती है।
2. हड्डियों को करें पोषित
गोंद में मौजूद कैल्शियम और प्रोटीन हड्डियों को पोषित करके उसकी ताकत को बढ़ाते हैं। गोंद का सेवन करने से घुटनों की हड्डियों में घिसाव कम होता है। जिसकी मदद से घुटनों के दर्द की परेशानी दूर होती है।
3. जोड़ो की लुब्रिकेशन बढ़ाता है
गोंद में नेचुरल लुब्रिकेंट्स होते हैं जो जोड़ो की चिकनाई बढ़ाते हैं। इससे उम्र के साथ होने वाली घुटनों की क्षति कम हो जाती है। गोंद का सेवन करने से उम्र के साथ होने वाली चलने-फिरने की तकलीफ कम होती है।
4. घुटनों की सूजन करे कम
गोंद के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण घुटनों के दर्द और सूजन को भी कम करते हैं।
5. मांसपेशियां बनाएं मजबूत
गोंद का नियमित रूप से सेवन किया जाए, तो इसके पोषक तत्व मांसपेशियों की ताकत बढ़ाकर घुटनों पर पड़ने वाले दबाव को कम करती है। इससे घुटनों में होने वाला दर्द और सूजन कम करने में मदद मिलती है।
Journal of Medicinal Plants Studies में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, गोंद कतीरा का नियमित सेवन जोड़ो के दर्द और ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। नियमित रूप से गोंद का सेवन करने से कम उम्र में घुटनों के दर्द की परेशानी नहीं होती है।
घुटनों के दर्द में गोंद का सेवन कैसे करें-
घुटनों के दर्दऔर अन्य परेशानियों में गोंद का सेवन कई प्रकार से किया जा सकता है। आइए जानते हैं इसके बारे में।
1. गोंद के लड्डू - गोंद से बनाए जाने वाले लड्डू सबसे पारंपरिक और प्रभावी तरीका है इसे खाने का।
2. गोंद कतीरा ड्रिंक- गर्मी के मौसम में गोंद कतीरा को पानी में भिगोकर नींबू के साथ मिलाकर ड्रिंक के तौर पर पिया जा सकता है।
3. गोंद पाउडर- पारंपरिक तौर पर गोंद का सूखा पाउडर बना लें। रात को सोने पहले आधा गोंद का पाउडर गुनगुने दूध के साथ लें।
निष्कर्ष
गोंद सिर्फ एक मिठाई बनाने की सामग्री नहीं है, बल्कि यह एक सम्पूर्ण औषधि है जो घुटनों के दर्द जैसी गंभीर समस्या से राहत दिलाने में मदद करता है। अगर आप घुटनों के दर्द से परेशान हैं, तो गोंद को अपनी डाइट का हिस्सा जरूर बनाएं।







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