डायबिटीज में टाइम पर खाना क्यों है जरूरी?
डायबिटीज को कंट्रोल करने में सिर्फ क्या खाते हैं? ही नहीं, बल्कि कब खाते हैं? वाला सवाल भी खुद से पूछना चाहिए क्योंकि यह भी उतना ही जरूरी है। खाने का सही समय इंसुलिन सेंसिटिविटी, हार्मोनल बैलेंस और मेटाबॉलिक हेल्थ को प्रभावित करता है, जो ब्लड शुगर को संतुलित रखने के लिए बेहद अहम हैं। भारत में, जहां लाइफस्टाइल डिजीज तेजी से बढ़ रही हैं, यह समझना लाखों लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है कि डायबिटीज में समय पर खाने की आदत एक बड़ी भूमिका क्यों निभाती है? इस लेख में समझेंगे कि आखिर शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए मील टाइमिंग क्यों जरूरी है?
समय पर खाने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल होता है-
हमारे शरीर में सर्केडियन रिदम नाम की एक इंटरनल क्लॉक होती है, जो ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करती है। तय समय पर खाना खाने से ब्लड शुगर के अचानक बढ़ने या गिरने की समस्या से बचाव होता है। इसके उलट, कभी देर रात खाना, कभी नाश्ता छोड़ देना, ये आदतें इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ाती हैं। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन में प्रकाशित अध्ययनों के अनुसार, 10 से 12 घंटे की तय ईटिंग विंडो में खाना खाने से टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में शुगर कंट्रोल 20 से 30% तक बेहतर हो सकता है।
सुबह 8 बजे नाश्ता, 1 बजे लंच और 7 बजे डिनर करें
अगर नाश्ते की बात करें, तो डायबिटिक मरीजों के लिए नाश्ता दिन का अहम मील है। अगर नाश्ता स्किप करेंगे, तो कोर्टिसोल और ग्लूकागोन हार्मोन (Glucagon Hormone) बढ़ने की वजह से होता है। वहीं, हर तीन से चार घंटे में संतुलित भोजन करने से दवाओं का असर बेहतर होता है, एनर्जी बनी रहती है और ज्यादा भूख लगने से होने वाली ओवरईटिंग की समस्या कम होता है। जैसे सुबह आठ बजे ओट्स के साथ नट्स, दोपहर एक बजे लंच करना और शाम करीब सात बजे डिनर, यह बॉडी के नेचुरल इंसुलिन रिदम को फॉलो करता है।
सोने से तीन घंटे पहले आखिरी मील लें
दिन के उजाले में खाना खाने से कई मरीजों का एचबीए1सी (HbA1c) लेवल काफी हद तक कम हुआ है। रात में देर से खाने से मेलाटोनिन कम होता है, जिससे नींद और ग्लूकोज एब्जॉर्ब होने की प्रक्रिया दोनों प्रभावित होते हैं। कोशिश करें कि सोने से कम से कम तीन घंटे पहले आखिरी मील हो। इससे ओवरनाइट फास्टिंग होती है, फैट बर्न बढ़ता है और सुबह होने वाला शुगर स्पाइक कम होती है।
निष्कर्ष:
लंबे समय में, मील टाइमिंग डायबिटीज कंट्रोल का एक मजबूत हथियार है। इसे पोर्शन कंट्रोल, एक्सरसाइज और शुगर मॉनिटरिंग के साथ जोड़ें। यह आसान और असरदार तरीका है। इसे आज से ही शुरू करें और खाने का सही समय अपनाकर अपनी सेहत को बेहतर बनाएं।



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