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 सर्दियों में कौन-सी आयुर्वेदिक चाय है सेहत की संजीवनी?

  सर्दियों का मौसम आते ही ठंड के साथ-साथ शरीर की कई अंदरूनी समस्याएं भी धीरे-धीरे सिर उठाने लगती हैं। सुबह उठते ही हाथ-पैरों में जकड़न, सुस्ती, नसों में खिंचाव, बार-बार ठंड लगना और ब्लड सर्कुलेशन का धीमा पड़ जाना आम शिकायत बन जाती है।  आयुर्वेद कहता है कि अगर सही जड़ी-बूटियों को सही अनुपात में लिया जाए, तो एक साधारण सी हर्बल चाय भी दवा का काम कर सकती है।  
 आयुर्वेद के अनुसार सर्दियों का मौसम मुख्य रूप से वात दोष को बढ़ाने वाला होता है। वात बढ़ने से शरीर में रूखापन, ठंडक, नसों की कमजोरी और ब्लड सर्कुलेशन से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं। ऐसे में ऐसी चाय का सेवन करना चाहिए जो शरीर को ऊष्णता   दे, अग्नि को मजबूत करे और नसों को पोषण पहुंचाए। आयुर्वेदिक हर्बल टी न सिर्फ ठंड से बचाती है बल्कि लंबे समय तक सेवन करने पर न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के जोखिम को भी कम कर सकती है।
 आयुर्वेदिक चाय बनाने के लिए क्या सामग्री चाहिए? 
 सर्दियों में ब्राह्मी, तुलसी, अश्वगंधा, जटामांसी, सौंफ, दालचीनी, तेज पत्ता, गुलाब के फूल और मुलेठी को मिलाकर एक विशेष चाय बनाई जा सकती है।इन सभी जड़ी-बूटियों का संयोजन शरीर को गर्म रखने के साथ-साथ ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है। नियमित रूप से इस चाय का सेवन करने से नसों को मजबूती मिलती है और पैरालिसिस जैसी गंभीर समस्याओं से बचाव में भी मदद मिल सकती है।
  आयुर्वेदिक चाय कैसे बनती है? 
इस चाय को बनाने के लिए सभी जड़ी-बूटियों को सुखाकर हल्का कूट लें। एक कप पानी में आधा चम्मच यह मिश्रण डालकर 5-7 मिनट तक उबालें। बाद में छानकर गुनगुना पिएं। चाहें तो स्वाद के लिए थोड़ा शहद भी मिला सकते हैं, लेकिन चाय हल्की ठंडी होने पर ही शहद डालें।
 आयुर्वेदिक हर्बल टी को रोजाना सीमित मात्रा में पिया जा सकता है। यह शरीर को गर्म रखने, पाचन सुधारने और इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करती है, लेकिन किसी भी जड़ी-बूटी का अत्यधिक सेवन नहीं करना चाहिए।
क्या आयुर्वेदिक चाय से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है?
कई आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां रक्त संचार को सक्रिय यानी एक्टिव करने में मदद करती हैं। दालचीनी, तेज पत्ता और अश्वगंधा जैसी जड़ी-बूटियां नसों तक रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने में सहायक मानी जाती हैं।
-सामान्य तौर पर वयस्क इसे सुरक्षित रूप से पी सकते हैं। बुजुर्गों और बच्चों के लिए मात्रा और जड़ी-बूटियों का चयन आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से करना बेहतर होता है।
हर्बल टी पीने का सही समय क्या है?
आयुर्वेद के अनुसार सुबह खाली पेट या शाम के समय हर्बल टी पीना सबसे फायदेमंद माना जाता है। रात में बहुत देर से इसका सेवन करने से बचना चाहिए।

 

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