सीने में जकड़न और बार-बार सांस फूलना! अस्थमा के इन पांच शुरुआती लक्षणों को न करें अनदेखा
क्या आपकी बार-बार सांस फूलती है? या फिर आपको थोड़ा-सा काम करने के बाद ही शरीर में दर्द और सीने में जकड़न की समस्या होने लगती है? अगर आपको ऐसी ही समस्याएं होती हैं, तो सावधान होने का वक्त है क्योंकि ये लक्षण आम नहीं बल्कि अस्थमा के भी हो सकते हैं इसलिए अगर आपको ज्यादा परेशानी हो रही है, तो आपको तुंरत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। आइए, जानते हैं अस्थमा के कुछ शुरुआती लक्षण क्या है-
हमेशा सूखी खांसी का होना
ज्यादातर लोगों को सर्दी-जुकाम या फिर ब्रोंकाइटिस में कफ या सूखी खांसी आती है लेकिन ये अस्थमा का भी संकेत हो सकता है। हंसने या लेटने के बाद आपकी खांसी और बढ़ जाती है और ये खांसी आपके गले से नहीं बल्कि छाती से आती है। इस तरह के अस्थमा को कफ वेरिएंट अस्थमा कहते हैं।
हमेशा उबासी, सांस फूलना
लगातार उबासी, सांस फूलना या गहरी सांस की वजह हमेशा ऐंगजाइटी या थकान होती है। बासी या गहरी सांस लेने से शरीर को ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है और कार्बन डाइऑक्साइड भी ज्यादा बाहर निकलती है। ये तीनों चीजों वायुमार्ग में आए असंतुलन की वजह हो सकती हैं।
रात में इन समस्याओं का बढ़ना
आप कफ और सांस की घरघराहट की वजह से सो नहीं पाते हैं तो ये एक गंभीर समस्या हो सकती है। ठीक से ना सो पाने की वजह से एनर्जी कम हो जाती है और इसका असर मानसिक रूप से भी पड़ता है। क्रोनिक स्लीपलेसनेस को दिल की बीमारी या फिर डायबिटीज के संकेतों से भी जोड़ कर देखा जाता है।
सीने में जकड़न का होना
सीने में जकड़न या दर्द हमेशा दिल की बीमारी की वजह से नहीं होता है। ये भी अस्थमा का एक मुख्य लक्षण हो सकता है। सीने में जकड़न की वजह से अस्थमा अटैक आ सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अस्थमा अटैक की वजह से सीने में जकड़न, सांस लेने में तकलीफ और कफ का अनुभव होता है।
तेज-तेज सांसे लेना
कुछ लोगों में तेज-तेज सांस लेना भी अस्थमा का लक्षण माना जाता है। अमेरिका की क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, वयस्कों के सांस लेने की सामान्य दर 12 से 20 सांस प्रति मिनट होती है। अगर आप इससे अधिक तेजी से सांस ले रहे हैं तो आपको हाइपरवेंटिलेशन भी हो सकता है।
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