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 कोरोना से स्वस्थ हो चुके 5 में से 2 लोग अभी भी नहीं हैं पूरी तरह स्वस्थ...  सामने आ रही हैं ये समस्याएं: सर्वे
 देश में कोरोनावायरस संक्रमण की दूसरी लहर अभी भी जारी है। बीते दिनों में रोजाना मिलने वाले नए मामलों की संख्या में कमी आई थी  हालांकि देश में कोरोना के खिलाफ चल रहा टीकाकरण अभियान लगातार जारी है। लेकिन इन सबसे बीच कोरोना से संक्रमित हुए लोगों के ठीक होने के बाद भी परेशानियां कम नहीं हो रही है। शुरुआत में कोरोना से ठीक हुए लोगों में पोस्ट कोविड के लक्षण देखे जा रहे थे जिसे डॉक्टर्स ने कोरोना के साइड इफेक्ट्स बताये थे। लेकिन अब एक बार फिर से कोरोना से ठीक हो चुके लोगों को लेकर चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में इस बात की जानकारी दी गयी है कि कोरोना से संक्रमित होने वाले लोगों में ठीक होने के बाद भी कुछ लक्षण लंबे समय तक रह सकते हैं जो चिंता का विषय है। 
 कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों में लॉन्ग कोविड के लक्षण देखे जा रहे हैं। हाल ही में एआईजी अस्पताल द्वारा किये गए एक ऑनलाइन सर्वे में पता चला है कि कोरोना से ठीक हो चुके 5 में से लगभग 2 लोगों में लॉन्ग कोविड के लक्षण रहते हैं। इस सर्वे में 2038 लोगों को शामिल किया गया था जिसमें से 40 प्रतिशत लोगों को ठीक होने के बाद भी कई परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। कोरोना से ठीक होने के बाद इनमें से ज्यादातर लोगों को कमजोरी और थकान के साथ बुखार की समस्या हो रही है। एआईजी अस्पताल के प्रेसिडेंट डी नागेश्वर रेड्डी ने इस सर्वे में मिली जानकारियां साझा की। उन्होनें एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि देश की 1 करोड़ आबादी जो कोरोनावायरस के संक्रमण से उबर चुकी है, को लॉन्ग कोविड का खतरा है। डॉ रेड्डी के मुताबिक कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद भी लोगों में दिख रहे लक्षण लॉन्ग कोविड का खतरा हैं।
 कोरोनावायरस संक्रमण से ठीक होने के बाद भी लोगों को तमाम समस्याएं हो रही हैं। लोगों में कमजोरी, थकान, मांसपेशियों में दर्द और सांस लेने में तकलीफ और सिरदर्द जैसे लक्षण लॉन्ग कोविड का संकेत हैं। एआईजी हॉस्पिटल द्वारा किये गए सर्वे में मिली जानकारी के मुताबिक लंबे समय तक कोरोना के लक्षण उन लोगों में ज्यादा दिख रहे हैं जिन्होंने इलाज के दौरान स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया था। हालांकि अस्पताल की तरफ से इस सर्वे में यह भी कहा गया है कि कोरोना से संक्रमित होने के दौरान ऑक्सीजन की आवश्यकता से लॉन्ग कोविड का कोई संबंध नही है। लॉन्ग कोविड के लक्षण हल्के, मध्यम और गंभीर लक्षणों वाले सभी मरीजों में हो सकते हैं।
 एआईजी हॉस्पिटल द्वारा किये गए इस सर्वे के मुताबिक कोरोना से रिकवर हो चुके कुछ मरीजों में लॉन्ग कोविड के गंभीर लक्षण भी देखने को मिले हैं। अस्पताल के प्रेसिडेंट डी नागेश्वर रेड्डी ने प्रेस कांफ्रेंस में यह कहा कि कोविड से ठीक होने वाले 30 से कम उम्र के रोगियों में दिल का दौरा पडऩे की समस्या भी देखी गयी है। ऐसे तमाम लोगों ने उनसे सलाह भी ली है। ठीक होने के चार से छह सप्ताह के बाद कुछ मरीजों में दिल का दौरा, ब्रेन स्ट्रोक और फेफड़ों से जुड़ी गंभीर समस्या आदि देखने को मिली है। कुछ लोगों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बैक्टीरिया पूरी तरह से बदल गयाजिससे अपच, या दस्त की समस्या भी हुई है। इसके अलावा कई अन्य गंभीर समस्याएं भी कोरोना से ठीक होने के बाद लोगों को हो रही हैं।
 इस अध्ययन में यह कहा गया है कि कोरोना से ठीक होने के बाद ज्यादातर लोगों में लॉन्ग कोविड की समस्या स्टेरॉयड के इस्तेमाल की वजह से भी देखने को मिल रही है। कोरोना संक्रमित होने के बाद इलाज के दौरान स्टेरॉयड का इस्तेमाल विशेष परिस्थितियों में किया जाना चाहिए। इस सर्वे के मुताबिक अस्पतालों में जरूरत से अधिक लोगों को स्टेरॉयड थेरेपी देने की वजह से उनमें लॉन्ग कोविड का खतरा बढ़ जाता है।

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