जी-20 देशों का किसानों की मदद के लिए जलवायु वित्त बढ़ाने पर जोर : कृषि सचिव
इंदौर. किसानों के बीच पर्यावरणनुकूल खेती को बढ़ावा देने में मदद को जी-20 के सदस्यों ने जलवायु वित्त बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया है। कृषि सचिव मनोज आहूजा ने बुधवार को यह जानकारी दी। यहां जी-20 के पहले कृषि उप-प्रमुखों की बैठक के अंतिम दिन मीडिया को संबोधित करते हुए आहूजा ने कहा, ‘‘जलवायु वित्त उन मुद्दों में से एक था जिनपर चर्चा की गई। सदस्यों ने महसूस किया कि जलवायु वित्तपोषण को बढ़ाने के लिए एक वातावरण बनाने की जरूरत है।''
सदस्य देशों ने यह भी सुझाव दिया कि यदि किसान जलवायु अनुकूल खेती या हरित कृषि अपना रहे हैं, तो उन्हें प्रोत्साहित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इनमें से एक तरीका कार्बन क्रेडिट का है। उन्होंने कहा कि जी-20 देशों ने भी कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के बारे में अपने अनुभव साझा किए। कृषि कार्यसमूह (एडब्ल्यूजी) की पहली जी-20 कृषि प्रतिनिधियों की तीन दिन की बैठक बुधवार को संपन्न हुई। इसने चार प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर विचार-विमर्श किया गया जैसे कि खाद्य सुरक्षा और पोषण, जलवायु स्मार्ट दृष्टिकोण के साथ टिकाऊ कृषि, समावेशी कृषि मूल्य श्रृंखला और खाद्य आपूर्ति प्रणाली और कृषि बदलाव का डिजिटलीकरण। सचिव ने कहा कि जी-20 कृषि कार्यसमूह की अगली बैठक चंडीगढ़, वाराणसी और हैदराबाद में होगी। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि पर भविष्य की बैठकों में 10 और देशों को आमंत्रित किया जाएगा।


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