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प्रधानमंत्री ने 41वीं प्रगति बैठक में 41,500 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की समीक्षा की


नयी दिल्ली
. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को 41वीं प्रगति बैठक की अध्यक्षता की और 13 राज्यों में 41,500 करोड़ रुपये से अधिक की नौ प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समीक्षा की। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक मोदी ने मिशन अमृत सरोवर की भी समीक्षा की और मानसून की शुरुआत से पहले अमृत सरोवर का काम मिशन मोड में पूरा करने के लिए सभी मंत्रालयों और राज्य सरकारों को सलाह दी। प्रगति ‘‘प्रो-एक्टिव गवर्नेस'' और परियोजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए एक ‘‘आइसीटी'' आधारित मंच है जिसमें केंद्र और राज्य सरकारें शामिल हैं। पीएमओ ने कहा कि बैठक में नौ प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समीक्षा की गई। इनमें से तीन परियोजनाएं सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से, दो परियोजनाएं रेल मंत्रालय से और एक-एक परियोजना बिजली मंत्रालय, कोयला मंत्रालय, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से है। इन नौ परियोजनाओं की कुल लागत 41,500 करोड़ रुपये से अधिक है और यह 13 राज्यों में क्रियान्वित की जा रही हैं। इन राज्यों में छत्तीसगढ़, पंजाब, बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, असम, गुजरात, महाराष्ट्र और अरुणाचल प्रदेश से संबंधित हैं। प्रधानमंत्री ने मंत्रालयों और राज्य सरकारों को बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना बनाने के लिए पीएम गतिशक्ति पोर्टल का उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए भूमि अधिग्रहण, उपयोगिता स्थानांतरण और अन्य मुद्दों के शीघ्र समाधान पर भी जोर दिया। उन्होंने केंद्र सरकार के मंत्रालयों और राज्य सरकारों के बीच उचित समन्वय सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने 'मिशन अमृत सरोवर' की भी समीक्षा की। उन्होंने बिहार के किशनगंज और गुजरात के बोटाद में ड्रोन के माध्यम से अमृत सरोवर स्थलों का दृश्य भी देखा। पीएमओ के अनुसार प्रधानमंत्री ने सभी मंत्रालयों और राज्य सरकारों को मानसून की शुरुआत से पहले अमृत सरोवर का काम मिशन मोड में पूरा करने की सलाह दी। प्रधानमंत्री ने योजना के तहत 50,000 अमृत सरोवरों के लक्ष्य को समय पर पूरा करने के लिए ब्लॉक स्तर पर निगरानी पर भी जोर दिया। 'मिशन अमृत सरोवर' का लक्ष्य पूरे देश में जल निकायों को फिर से जीवंत करने और भविष्य के लिए जल संरक्षण है। पीएमओ ने कहा कि एक बार मिशन पूरा हो जाने के बाद, जल धारण क्षमता में अपेक्षित वृद्धि लगभग 50 करोड़ घन मीटर होगी, अनुमानित कार्बन पृथक्करण प्रति वर्ष लगभग 32,000 टन होगा वहीं भूजल पुनर्भरण में अपेक्षित वृद्धि 22 अरब घन मीटर से अधिक होगी। जिन अमृत सरोवरों का काम पूरा हो चुका है, वे सामुदायिक गतिविधि और भागीदारी के केंद्रों के रूप में विकसित हो रहे हैं और इस प्रकार जन भागीदारी की भावना को बढ़ा रहे हैं। बयान के मुताबिक अमृत सरोवर स्थलों पर स्वच्छता रैली, जल संरक्षण पर जल शपथ, रंगोली प्रतियोगिता जैसी स्कूली बच्चों की गतिविधियां, छठ पूजा जैसे धार्मिक त्योहारों का आयोजन किया जा रहा है। प्रगति बैठकों के दौरान अब तक कुल 15.82 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली 328 परियोजनाओं की समीक्षा की गई है।
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