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प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष का बजट, निवेशकों और देश की जनता को पर्यावरण संरक्षित विकास की ओर ले जाने के अवसर प्रदान करता है

 नई दिल्ली।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि  पर्यावरण संरक्षित विकास इस साल के केंद्रीय बजट की सात शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है। इसका उद्देश्‍य देश में पर्यावरण संरक्षित औद्योगिक और आर्थिक परिवर्तन लाना तथा पर्यावरण अनुकूल कृषि एवं टिकाऊ ऊर्जा अपनाना है। इससे बड़ी संख्‍या में हरित रोजगारों का सृजन भी होगा।

 इस साल केंद्रीय बजट में पर्यावरण संरक्षित विकास के लिए विभिन्‍न क्षेत्रों और मंत्रालयों की कई परियोजनाएं प्रस्‍तावित हैं। इनमें ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, ऊर्जा परिवर्तन, ऊर्जा भंडारण और नवीकरणीय परियोजनाएं, ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम, गोबरधन योजना तथा पुराने वाहनों को बदलने जैसी योजनाएं हैं।
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इस वर्ष का बजट निवेशकों और देश की जनता को हरित विकास की ओर बढ़ते हुए अपना भविष्‍य सुरक्षित करने के अनेक अवसर प्रदान करता है। उन्‍होंने कहा कि सरकार अर्थव्‍यवस्‍था के हरित विकास के लिए हर संभव सहायता देने को तैयार है। बजट के बाद हरित विकास पर वीडियो कांफ्रेंस से वेबिनार को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि इस सरकार द्वारा 2014 से प्रस्‍तुत किया जा रहा प्रत्‍येक बजट मौजूदा चुनौतियों के समाधान के लिए नए समय के सुधारों को आगे ले जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि यह बजट वैश्विक हरित ऊर्जा बाजार में भारत की अग्रणी भूमिका तय करने में अहम होगा। उन्‍होंने कहा कि बजट से हरित रोजगार बढ़ाने और वैश्विक भलाई में सहायता मिलेगी।
  हरित विकास और ऊर्जा परिवर्तन के लिए की गई पहलों को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अक्षय ऊर्जा का उत्‍पादन बढ़ाना, पेट्रोल-डीजल जैसे जीवाश्‍म ईंधन के उपयोग को कम करना और गैस आधारित अर्थव्‍यवस्‍था की ओर बढ़ना देश की प्राथमिकताओं के तीन स्‍तंभ हैं। उन्‍होंने कहा कि 2014 से बजट में पीएम कुसुम, रूफ टॉप सोलर योजना, सोल्‍डर पैनल विनिर्माण के लिए प्रोत्‍साहन राशि तथा बैटरी स्‍टोरेज समेत अनेक महत्‍वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। इस साल के बजट में घोषित पहलों के बारे में बात करते हुए श्री मोदी ने कहा कि बजट में हरि‍त विकास के लिए अनेक घोषणाएं की गई हैं जो देश की भावी पीढि़यों के उज्‍जवल भविष्‍य के लिए बुनियाद का काम करेंगी। उन्‍होंने कहा कि पीएम प्रणाम, गोबर्धन, वाहन स्‍क्रैपिंग नीति जैसी योजनाएं देश के भविष्‍य को आकार देने में प्रमुख भूमिका निभाएंगी।  
 प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अक्षय ऊर्जा स्रोतों के मामले में जितनी अधिक नेतृत्‍व की भूमिका निभाएगा, दुनिया में उतना ही बदलाव ला सकता है। उन्‍होंने कहा कि भारत 2014 से दुनिया की प्रमुख अर्थव्‍यवस्‍थाओं में अपनी अक्षय ऊर्जा क्षमता को मजबूत करने वाला अग्रणी देश है। उन्‍होंने कहा कि देश ने जो भी लक्ष्‍य निर्धारित किए, समय सीमा से पहले उन्‍हें पूरा किया। उन्‍होंने कहा कि देश ने गैर-जीवाश्‍म ईंधन से 40 प्रतिशत विद्युत क्षमता के लक्ष्‍य को निर्धारित समय सीमा से नौ वर्ष पहले ही प्राप्‍त कर लिया। उन्‍होंने अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अवसरों को सोने की खान बताते हुए निवेशकों से अपील की कि जैव ईंधन, कृषि अपशिष्‍ट, बायोगैस, ग्रीन हाइड्रोजन, बैटरी स्‍टोरज तथा शहरों के कचरा निस्‍तारण जैसे क्षेत्रों में निवेश करें।

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