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 पश्चिम बंगाल में फर्जी पासपोर्ट मामले में ईडी की छापेमारी, रैकेट चलाने वाले अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को जाली कागजात और पासपोर्ट कराते हैं मुहैया

 कोलकाता। पश्चिम बंगाल के नादिया में फर्जी पासपोर्ट मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की है। ईडी के अधिकारी नादिया जिले के चकदाहा में गुरुवार सुबह से ही छापेमारी और तलाशी अभियान चला रहे हैं। पश्चिम बंगाल में चल रहे एक बड़े फर्जी भारतीय पासपोर्ट रैकेट में मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की जांच के सिलसिले में यह छापेमारी की गई है।
छापेमारी और तलाशी अभियान अभी जारी
राज्य में रैकेट चलाने वाले लोग भारत में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को जाली कागजात और पासपोर्ट मुहैया कराते हैं। हालांकि ताजा छापेमारी और तलाशी अभियान का ब्योरा अभी उपलब्ध नहीं कराया गया है। फिलहाल ईडी के अधिकारियों द्वारा अभी तक उन लोगों की पहचान के बारे में कुछ नहीं बताया गया है, जिनके चकदाहा स्थित आवास पर छापेमारी और तलाशी अभियान जारी है।
दो सरगनाओं के एक सहयोगी के आवास पर की गई छापेमारी
घटनाक्रम से वाकिफ सूत्रों ने बताया है कि यह कार्रवाई रैकेट के दो सरगनाओं आलोक नाथ और आजाद मलिक के एक करीबी सहयोगी के आवास पर की गई है, जिन्हें इस सप्ताह की शुरुआत में ईडी अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था। नाथ को मंगलवार शाम को नादिया जिले के गेडे स्थित उनके कार्यालय से गिरफ्तार किया गया था, जो बांग्लादेश के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा के बहुत करीब है।
वहीं दूसरी ओर, बांग्लादेशी निवासी मलिक को उसी रात केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास उनके किराए के आवास से गिरफ्तार किया, जो कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके में स्थित है।
अपने आवास से हवाला रैकेट भी चला रहा थे आरोपी
मलिक न केवल भारतीय पासपोर्ट सहित नकली भारतीय पहचान दस्तावेजों के साथ कोलकाता में रह रहा था, बल्कि अपने आवास से हवाला रैकेट भी चला रहा था। ईडी के निष्कर्षों के अनुसार, उसने पिछले साल हवाला मार्ग का उपयोग करके भारत से बांग्लादेश में कुल 2.62 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए थे।
कोलकाता पुलिस ने अदालत में जाली पासपोर्ट घोटाले मामले में आरोप पत्र किया था दायर 
ज्ञात हो पिछले महीने, कोलकाता पुलिस ने कोलकाता की एक निचली अदालत में जाली पासपोर्ट घोटाले के मामले में आरोप पत्र दायर किया, जिसमें उल्लेख किया गया था कि दस्तावेज में नामित 130 व्यक्तियों में से 120 बांग्लादेशी निवासी हैं और शेष भारतीय नागरिक हैं।
बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ मुख्य आरोप
बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ मुख्य आरोप यह है कि उन्होंने नकली भारतीय पासपोर्ट हासिल करने के लिए भारी मात्रा में धन का भुगतान किया। आरोपी भारतीय नागरिकों पर आरोप है कि उन्होंने इन बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए भारतीय पासपोर्ट समेत फर्जी भारतीय पहचान दस्तावेजों की व्यवस्था करने में मदद की। इससे पहले, कोलकाता पुलिस ने शहर पुलिस के सेवानिवृत्त सहायक उपनिरीक्षक अब्दुल हई को गिरफ्तार किया था। आरोप पत्र में मामले में अब्दुल हई की संलिप्तता का विवरण भी दिया गया था। इसमें इन 52 पुलिस सत्यापन मंजूरी के माध्यम से अब्दुल हई के वित्तीय लाभ का विवरण था, जहां वह जमीनी जांच या सत्यापन अधिकारी था। 

 

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