एकीकृत पेंशन योजना चुनने की समयसीमा नवंबर तक बढ़ाई गई
नयी दिल्ली. वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय कर्मचारियों की हल्की प्रतिक्रिया को देखते हुए मंगलवार को 'एकीकृत पेंशन योजना' (यूपीएस) का विकल्प चुनने की समयसीमा को 30 नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया। वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने पेंशन कोष नियामक पीएफआरडीए के चेयरमैन को भेजी सूचना में कहा कि कर्मचारियों के लिए यूपीएस का विकल्प चुनने की समयसीमा को दो महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। विभाग ने कहा कि यूपीएस में हाल ही में कई सकारात्मक बदलाव किए गए हैं जिनमें स्विच विकल्प, इस्तीफा या अनिवार्य सेवा निवृत्ति पर लाभ एवं कर छूट शामिल हैं। इसे देखते हुए संबंधित पक्षों ने कर्मचारियों को निर्णय लेने के लिए अतिरिक्त समय देने की मांग की थी। विभाग ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए यूपीएस का विकल्प चुनने की समयसीमा बढ़ाने का फैसला किया गया है। यह निर्णय वित्त मंत्री की मंजूरी के बाद लिया गया है। मंत्रालय ने पीएफआरडीए से अनुरोध किया है कि इस बदलाव को लागू करने के लिए अपनी प्रणाली और नियमों में जरूरी संशोधन करें। सरकार ने एक अप्रैल, 2025 से केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूपीएस को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के एक विकल्प के रूप में पेश किया हुआ है। यूपीएस के तहत कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन लाभ मिलेगा। पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के उलट यह योजना योगदान पर आधारित है, जिसमें कर्मचारी को अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत देना होगा जबकि सरकार 18.5 प्रतिशत योगदान देगी। छह महीने के भीतर करीब एक लाख केंद्रीय कर्मचारियों ने ही यूपीएस का विकल्प चुना है, जबकि इसके लिए कुल पात्र कर्मचारियों की संख्या 23 लाख है।


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