ब्रेकिंग न्यूज़

राजनाथ ने सर क्रीक में किसी भी तरह के दुस्साहस के खिलाफ पाकिस्तान को चेतावनी दी

 नयी दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि सर क्रीक सेक्टर में इस्लामाबाद के किसी भी दुस्साहस का ‘‘निर्णायक जवाब'' दिया जाएगा, जो ‘‘इतिहास और भूगोल'' दोनों को बदल देगा। गुजरात के भुज में भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट एक सैन्य अड्डे पर सिंह की यह टिप्पणी विवादित क्षेत्र में पड़ोसी देश द्वारा सैन्य बुनियादी ढांचे के विस्तार की पृष्ठभूमि में आई है। रक्षा मंत्री ने सैनिकों के साथ दशहरा मनाया और इस अवसर पर ‘शस्त्र पूजा' की।

 
सिंह ने यह भी कहा कि भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के सभी उद्देश्यों को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है और तनाव बढ़ाकर पाकिस्तान के साथ युद्ध शुरू करना उसका उद्देश्य नहीं था। उन्होंने कहा कि इस अभियान ने पाकिस्तान की हवाई रक्षा को ‘‘बेनकाब'' कर दिया तथा भारत की ‘‘निर्णायक क्षमता'' को साबित कर दिया। हालांकि, विवादित सर क्रीक क्षेत्र पर उनकी टिप्पणियों ने काफी ध्यान आकर्षित किया।
 
उन्होंने कहा, ‘‘यदि पाकिस्तान सर क्रीक सेक्टर में कोई दुस्साहस करता है, तो जवाब इतना कड़ा होगा कि वह इतिहास और भूगोल दोनों बदल देगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘1965 के युद्ध में भारतीय सेना ने लाहौर तक पहुंचने की क्षमता का प्रदर्शन किया था। आज 2025 में पाकिस्तान को याद रखना चाहिए कि कराची जाने का एक रास्ता इसी क्रीक से होकर गुजरता है।'' सर क्रीक गुजरात के कच्छ के रण और पाकिस्तान के बीच 96 किलोमीटर लंबा ज्वारीय मुहाना है। दोनों पक्षों द्वारा समुद्री सीमा की अलग-अलग व्याख्याओं के कारण इसे एक विवादित क्षेत्र माना जाता है। रक्षा मंत्री ने कहा कि आजादी के 78 साल बाद भी पाकिस्तान सर क्रीक सेक्टर पर ‘विवाद पैदा करता रहता है', जबकि भारत इस मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए बार-बार प्रयास करता रहा है। उन्होंने कहा कि सर क्रीक से सटे इलाकों में उसके सैन्य बुनियादी ढांचे का हालिया विस्तार उसकी मंशा को दर्शाता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘सर क्रीक सेक्टर में पाकिस्तान द्वारा किए गए किसी भी दुस्साहस का निर्णायक जवाब दिया जाएगा।'' सिंह ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस सेक्टर में ‘टाइडल बर्थिंग' सुविधा और एक संयुक्त नियंत्रण केंद्र (जेसीसी) का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, ये सुविधाएं एकीकृत तटीय संचालन के लिए प्रमुख सहायक के रूप में कार्य करेंगी, साथ ही संयुक्त संचालन क्षमता, तटीय सुरक्षा समन्वय और किसी भी खतरे पर त्वरित प्रतिक्रिया को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएंगी। अपने संबोधन में सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के रक्षा नेटवर्क में सेंध लगाने के पाकिस्तान के प्रयासों को सफलतापूर्वक विफल करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने लेह से लेकर सर क्रीक तक भारत की रक्षा प्रणाली को भेदने की असफल कोशिश की। अपनी जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी वायु रक्षा प्रणाली को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया और दुनिया को यह संदेश दिया कि भारतीय सेना जब चाहे और जहां चाहे, पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचा सकती है।'' सिंह ने कहा कि सामर्थ्य होने के बावजूद भारत ने संयम का परिचय दिया क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवाद का मुकाबला करना था, न कि व्यापक संघर्ष को भड़काना। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि ऑपरेशन सिंदूर के सभी सैन्य उद्देश्य सफलतापूर्वक प्राप्त कर लिए गए तथा इस बात की पुष्टि की कि आतंकवाद के विरुद्ध भारत की लड़ाई पूरे संकल्प के साथ जारी रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘इसे बढ़ाना और युद्ध छेड़ना ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य नहीं था। मुझे खुशी है कि भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के सभी सैन्य उद्देश्यों को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है। लेकिन आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी है।'' पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने सात मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसके तहत पाकिस्तान के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में आतंकियों के बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया। इन हमलों के बाद चार दिनों तक भीषण झड़पें हुईं, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति के साथ समाप्त हुईं। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की सराहना करते हुए सिंह ने कहा कि यह सशस्त्र बलों की एकजुटता के कारण संभव हुआ। उन्होंने सैनिकों और अधिकारियों को उनकी रणनीति, साहस और क्षमता के लिए बधाई दी, जिससे यह साबित हुआ कि भारत किसी भी परिस्थिति में अपने विरोधियों को परास्त करने में सक्षम है। सिंह ने कहा, ‘‘यह हमारे सशस्त्र बलों की एकजुटता ही थी जिसने ऑपरेशन सिंदूर को रिकॉर्ड समय में अंजाम दिया। आज इस अवसर पर, मैं ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए हमारे बहादुर सैनिकों और अधिकारियों को विशेष बधाई देना चाहता हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘आपकी रणनीति, आपके साहस और आपके सामर्थ्य ने यह सिद्ध कर दिया है कि भारत हर परिस्थिति में दुश्मन को परास्त करने में सक्षम है। मुझे पूरा विश्वास है कि आप सभी का साहस, आप सभी का पराक्रम भारत की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करता रहेगा।'' रक्षा मंत्री ने थलसेना, वायुसेना और नौसेना को भारत की ताकत के ‘‘तीन स्तंभ'' बताया।
 
उन्होंने कहा, ‘‘जब ये तीनों मिलकर काम करेंगी, तभी हम हर चुनौती का प्रभावी ढंग से सामना कर पाएंगे।'' सिंह पिछले कई वर्षों से दशहरा पर शस्त्र पूजा करते आ रहे हैं। उन्होंने पिछली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में भी शस्त्र पूजा की थी। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए हथियार सिर्फ़ औज़ार नहीं हैं। हथियार सिर्फ़ शक्ति प्रदर्शन के लिए नहीं हैं बल्कि, हमारा मानना ​​है कि हथियार धर्म की स्थापना का एक साधन हैं।'' रक्षा मंत्री ने कहा कि 'शस्त्र पूजा' महज एक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह भारत के सभ्यतागत दर्शन का प्रतिबिंब है, जहां हथियारों को धर्म का साधन माना जाता है, न कि सिर्फ हिंसा का साधन। उन्होंने भारतीय परंपरा से समानताएं बतायीं, जहां किसान अपने हल की पूजा करते हैं, छात्र अपनी पुस्तकों का और सैनिक अपने हथियारों का सम्मान करते हैं। सिंह ने ज़ोर देकर कहा कि हथियारों का इस्तेमाल हमेशा न्याय और धर्म की रक्षा के लिए किया जाना चाहिए।
 
उन्होंने कहा, ‘‘ज्ञान, रक्षा शक्ति के बिना असुरक्षित है और ज्ञान के मार्गदर्शन के बिना शक्ति अराजकता का कारण बनती है। 'शास्त्र' और 'शस्त्र' का संतुलन हमारी सभ्यता को जीवंत और अजेय बनाए रखता है।'' रक्षा मंत्री ने भारत की सीमाओं पर चुनौतियों के बारे में भी बात की।
 
उन्होंने कहा, ‘‘चुनौतियां कभी भी सरल नहीं रही हैं और वे विभिन्न रूपों में सामने आती हैं। कभी ये चुनौतियां बाहरी आक्रमण के रूप में सामने आती हैं, कभी आतंकवादी संगठनों के रूप में सामने आती हैं और आज की दुनिया में ये साइबर युद्ध और सूचना युद्ध के रूप में भी सामने आती हैं।'' विजयदशमी के अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए सिंह ने कहा कि यह त्योहार हमें याद दिलाता है कि बुराई चाहे कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः जीत धर्म की ही होती है। उन्होंने कहा, ‘‘इस दिन शस्त्रों की पूजा भारत के राष्ट्रीय जीवन से गहराई से जुड़ी हुई है क्योंकि यह देश की सामूहिक शक्ति, सुरक्षा और स्वतंत्रता के प्रति सम्मान का प्रतीक है।'' रक्षा मंत्री ने महात्मा गांधी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि गांधीजी ने अपनी आत्मशक्ति से ही उस समय के सबसे मजबूत साम्राज्य को झुकने पर मजबूर कर दिया। सिंह ने कहा, ‘‘हमारे सैनिकों के पास मनोबल और हथियार दोनों हैं, इसलिए कोई भी चुनौती उनके संकल्प के आगे टिक नहीं सकती।''

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english