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उर्वरक से लेकर रोजमर्रा के यौगिक कैसे बदल जाते हैं विस्फोटकों में

नई दिल्ली.  लाल किले के पास सोमवार शाम 12 लोगों की जान लेने वाले विस्फोट की जांच ने फरीदाबाद से बरामद 2,900 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री पर ध्यान केन्द्रित कर दिया है। विशेषज्ञों की मानें तो विस्फोटकों का यह भंडार ऑक्सीडाइजर, ईंधन और सेंसिटाइजर के मिश्रण से बना अत्यंत अस्थिर संयोजन हो सकता है, जो अधिकांश औद्योगिक विस्फोटकों के रासायनिक सिद्धांतों के अनुरूप है। पुलिस को शक है कि फरीदाबाद में बरामद पदार्थों में अमोनियम नाइट्रेट, पोटाशियम नाइट्रेट और सल्फर शामिल थे, और इस मामले में वे गैरकानूनी (अवैध गतिविधियां) रोकथाम कानून के तहत आतंकवाद-संबंधी धाराएं भी लागू कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी में घटना को ‘‘बम विस्फोट'' करार दिया गया है, जबकि फोरेंसिक विशेषज्ञ यह जानने में लगे हैं कि क्या फरीदाबाद से मिली सामग्री का रासायनिक संयोजन लाल किले के पास हुए विस्फोट के अवशेषों से मेल खाता है। दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के एप्लायड केमिस्ट्री विभाग के प्रोफेसर मनीष जैन ने  बताया, “सभी विस्फोटक यौगिकों को मोटे तौर पर तीन घटकों में वर्गीकृत किया जा सकता है — ईंधन, ऑक्सीडाइजर और सेंसिटाइजर।” उन्होंने कहा, “अमोनियम नाइट्रेट और पोटेशियम नाइट्रेट ऑक्सीडाइजर के रूप में काम करते हैं, जो दहन के लिए ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, जबकि सल्फर और कार्बन जैसे तत्व ईंधन का काम करते हैं। जब सेंसिटाइजर जोड़ा जाता है तो मिश्रण के लिए काम आरंभ करना आसान हो जाता है और तेजी से जलने से लेकर विस्फोटक प्रतिक्रिया तक बढ़ सकता है।” अमोनियम नाइट्रेट उर्वरकों में और नियंत्रित औद्योगिक विस्फोटकों जैसे-अमोनियम नाइट्रेट-ईंधन में प्रयुक्त सबसे सामान्य ऑक्सीडाइजर में से एक है। लेकिन गलत तरीके से मिलाने पर या अतिरिक्त ईंधन के साथ मिलने पर यह अत्यंत अस्थिर हो सकता है। जैन ने कहा, “अमोनियम नाइट्रेट को पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर के साथ मिलाने पर एक अत्यंत अस्थिर और संवेदनशील मिश्रण बनता है।'' दिल्ली विश्वविद्यालय के राजधानी कॉलेज में रसायन विज्ञान विभाग में सहायक प्रोफेसर आनंद प्रकाश ने विस्फोटकों की बरामदगी को “गंभीर चिंताजनक” बताया। उन्होंने कहा, “अमोनियम नाइट्रेट एक शक्तिशाली ऑक्सीडाइजर है, पोटाशियम नाइट्रेट जलने के लिए ऑक्सीजन देता है, और सल्फर प्रज्वलन तापमान को कम कर प्रतिक्रिया के फैलने में मदद करता है। साथ मिलकर ये किसी मिश्रण की संवेदनशीलता और विनाशक क्षमता को नाटकीय रूप से बढ़ा देते हैं।” अधिकारी बता रहे हैं कि बरामद सामान में से लगभग 360 किलोग्राम पदार्थ ज्वलनशील था और उसके अमोनियम नाइट्रेट होने का संदेह है। जांचकर्ता यह भी संदेह कर रहे हैं कि यह जखीरा जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद नेटवर्क से संबद्ध ‘सफेदपोश' आतंकी मॉड्यूल का हो सकता है, जिनका नेटवर्क कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि ऐसे मिश्रणों का रसायन विज्ञान सरल है और रोजमर्रा की औद्योगिक व कृषि सामग्री में मामूली बदलाव भी उन्हें घातक बना सकते हैं। प्रकाश ने कहा, “खतरा सिर्फ रसायनों में नहीं, बल्कि इसमें भी है कि इन्हें कैसे मिलाया, संरक्षित और ट्रिगर किया जाता है।

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