केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16 राज्यों में गांवों में ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए भारतनेट के कार्यान्वयन को मंजूरी दी
- देश के सभी शेष राज्यो में भारतनेट कनेक्टिविटी का विस्तार करने के लिए भी मंजूरी प्रदान की गई
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज देश के 16 राज्यों में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से भारतनेट की संशोधित कार्यान्वयन रणनीति को मंजूरी प्रदान की। भारतनेट का अब इन 16 राज्यों में ग्राम पंचायतों (जीपी) से अलग सभी आबादी वाले गांवों तक विस्तार किया जाएगा। संशोधित रणनीति में रियायत के साथ भारतनेट का निर्माण, उन्नयन, संचालन, रख-रखाव और उपयोग भी शामिल है, जिसका चयन प्रतिस्पर्धी अंतरराष्ट्रीय बोली प्रक्रिया द्वारा किया जाएगा। इस पीपीपी मॉडल के लिए अनुमानित अधिकतम व्यवहार्यता अंतर कोष के लिए 19,041 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
आज कैबिनेट की मंजूरी के दायरे में आने वाले राज्य केरल, कर्नाटक, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश हैं। इसके तहत ग्राम पंचायतों सहित अनुमानित 3.61 लाख गांवों को शामिल किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने शेष राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी आबादी वाले गांवों को शामिल करने के लिए भारतनेट का विस्तार करने को सैद्धांतिक मंजूरी भी दी। दूरसंचार विभाग इन (शेष) राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए अलग से तौर-तरीके तैयार करेगा।
पीपीपी मॉडल के तहत संचालन, रख-रखाव, उपयोग और राजस्व सृजन के लिए निजी क्षेत्र की दक्षता का लाभ उठाया जाएगा और इसके परिणामस्वरूप भारतनेट की सेवा तेजी से प्राप्त होने की उम्मीद है।
Leave A Comment