जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज की प्रचारिका सुश्री श्रीश्वरी देवी जी के सान्निध्य में मनेगा श्यामा श्याम धाम में कृष्ण-जन्मोत्सव
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव
30 अगस्त, रात्रि 9 बजे से
श्यामा श्याम धाम मंदिर, उमरपोटी, भिलाई
उमरपोटी, भिलाई । 30 अगस्त को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव है। भिलाई क्षेत्र के उमरपोटी स्थित 'श्यामा श्याम धाम' मंदिर में इस अवसर पर विश्व के पंचम मूल जगदगुरुत्तम श्री कृपालु जी महाराज की कृपाप्राप्त प्रचारिका सुश्री श्रीश्वरी देवी जी के सान्निध्य में कृष्ण-जन्मोत्सव का कार्यक्रम सत्संगियों तथा नगरवासियों की उपस्थिति में बड़ी धूमधाम से मनाया जायेगा।
यह कार्यक्रम सोमवार रात्रि 9 बजे से प्रारम्भ होगा जो रात्रि लगभग 1 बजे तक चलेगा। जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज विरचित श्रीकृष्ण नाम संकीर्तनों, पद तथा लीला संबंधी कीर्तनों तथा उनकी व्याख्या सुश्री श्रीश्वरी देवी जी के श्रीमुख से होगी। श्रीकृष्ण कौन हैं? उनसे हमारा क्या सम्बन्ध है? भगवान का अवतार क्यों होता है? उन्हें प्राप्त करने के लिये हमारी क्या साधना होनी चाहिये? आदि महत्वपूर्ण आध्यात्मिक शंकाओं का भी समाधान संकीर्तन व पदों की व्याख्या के दौरान किया जायेगा। इसके अलावा भगवान श्रीकृष्ण का महाभिषेक, जन्मोत्सव की बधाई, लुटाई व महाआरती के महत्वपूर्ण कार्यक्रम भी सम्पन्न होंगे और भक्तजनों को महाप्रसाद भी वितरित होगा। इन सभी कार्यक्रमों में कोरोना सम्बन्धी गाइडलाइंस का ध्यान रखा जायेगा, इसी कारण लोगों से भी मास्क लगाकर आने का अनुरोध किया गया है।
उपरोक्त कार्यक्रम के अलावा 30 अगस्त की सुबह लगभग 11 बजे मंदिर के पुजारी संतोष अवस्थी और राजू तिवारी के द्वारा भगवान का अभिषेक किया जायेगा और शाम 7 बजे की आरती के बाद श्रृंगार के लिये मंदिर के पट बन्द रहेंगे। इन कार्यक्रमों के बाद रात्रि 9 बजे जन्मोत्सव का कार्यक्रम प्रारम्भ होगा।
★ वृंदावन स्थित 'श्री प्रेम मंदिर' और जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज
जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज को भारत के 500 शीर्षस्थ शास्त्रज्ञ विद्वानों की तत्कालीन सभा काशी विद्वत परिषत ने 14 जनवरी 1957 को 'पंचम मूल जगदगुरु' की उपाधि से विभूषित किया था। आदि जगदगुरु शंकराचार्य, रामानुजाचार्य, निम्बार्काचार्य एवं माधवाचार्य के बाद वे पांचवें मूल जगदगुरु हैं। जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज ने अत्यंत सरल तथा व्यवहारिक रूप में मनुष्य के कल्याण के साधन के रूप में करुणक्रन्दन करते हुये भगवान श्रीराधाकृष्ण के रूपध्यानयुक्त संकीर्तन और स्मरण को महत्व प्रदान किया है। जीवों की इस साधना में सहायता के लिये उन्होंने अनगिनत संकीर्तन एवं पदों की रचना अपने साहित्यों यथा प्रेम रस मदिरा, श्यामा श्याम गीत, राधा गोविन्द गीत, युगल रस, युगल शतक, ब्रज रस माधुरी आदि में की है तथा 'मैं कौन? मेरा कौन?' व 'ब्रम्ह जीव माया' आदि विषयों पर श्रृंखलाबद्ध प्रवचन सहित अनेक आध्यात्मिक विषयो पर असंख्य प्रवचन दिये हैं। स्मारकों के रूप में वृंदावन स्थित 'श्री प्रेम मन्दिर' का अनुपम उपहार उन्होंने हम विश्ववासियों को प्रदान किया है साथ ही श्री बरसाना धाम में श्रीराधारानी की माता श्री कीर्ति मैया का प्रसिद्ध मन्दिर भी उनकी ही देन है। जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा वैदिक सिद्धान्त के प्रचार प्रसार के लिये गठित प्रचारक मंडली की सुश्री श्रीश्वरी देवी जी एक प्रमुख कृपाप्राप्त प्रचारिका हैं, जिनका जन्मस्थान भिलाई शहर ही है। वे मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ एवं नेपाल में श्री कृपालु जी महाराज के सिद्धान्तों का प्रचार प्रसार करती हैं।
★★★
ध्यानाकर्षण/नोट (Attention Please)
- जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा प्रगटित सम्पूर्ण साहित्यों की जानकारी/अध्ययन करने, साहित्य PDF में प्राप्त करने अथवा उनके श्रीमुखारविन्द से निःसृत सनातन वैदिक सिद्धान्त का श्रवण करने के लिये निम्न स्त्रोत पर जायें -
(1) www.jkpliterature.org.in (website)
(2) JKBT Application (App for 'E-Books')
(3) Sanatan Vaidik Dharm - Jagadguru Kripalu Parishat (App)
(4) Kripalu Nidhi (App)
(5) www.youtube.com/JKPIndia
(उपरोक्त तीनों एप्लीकेशन गूगल प्ले स्टोर पर Android तथा iOS के लिये उपलब्ध हैं.)


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