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- *युक्तियुक्तकरण से स्कूल नहीं रहा अब एकल शिक्षकीय**सुनहरे भविष्य के सपने अब होंगे पूरे*बिलासपुर/कोटा ब्लॉक का ग्राम खरगा एक छोटा सा गांव, लेकिन मेहनती लोगों का गाँव है। यहाँ के शासकीय प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाली बच्ची पूनम धृतलहरे की आंखों में सुनहरे भविष्य की उम्मीद साफ देखी जा सकती है। वो कल की कल्पना चावला, अंतरिक्ष यात्री शुभ्रांशु शुक्ला या किसी भी अन्य क्षेत्र में अपनी कामयाबी का लोहा मनवा सकती है। उसकी मुस्कान में आत्मविश्वास झलकता है। पूनम एक ग्रामीण परिवार से आने वाली होशियार छात्रा है,शुरू से पढ़ाई में आगे थी । लेकिन एकल शिक्षकीय इस स्कूल में उस जैसे ही अन्य बच्चों को उचित शिक्षा नहीं मिल पा रही थी। बच्चे पढ़ाई में कहीं पीछे छूट रहे थे।*युक्तियुक्तकरण से आई उम्मीद की किरण*मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार द्वारा किए गए युक्तियुक्तकरण से कोटा ब्लॉक के इसी विद्यालय में श्री मुकेश कुमार यादव की पदस्थापना शिक्षक के रूप में हुई। यहां पहले से केवल एक शिक्षक श्री संतोष कुमार खांडे थे। एक और शिक्षक के आने से बच्चों को पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल मिल गया। अब पूनम सहित अन्य बच्चों को भी पढ़ने में मजा आने लगा है।*बदलाव के संकेत*गाँव के अन्य बच्चे, जो पहले स्कूल छोड़ने की सोच रहे थे, अब नए शिक्षक के आने से स्कूल आने को प्रेरित हुए।*पूनम और बच्चों के शब्दों में*पूनम और स्कूल के दूसरे बच्चों ने बताया कि उन्हें पहले लगता था कि हम पढ़ कैसे पाएंगे, मुश्किल सवाल हल नहीं कर पाते थे। लेकिन अब सर ने सिखाया है कि हर सवाल हल किया जा सकता है, बस तरीका चाहिए। पालकों ने कहा मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बच्चों की बेहतरी के लिए बहुत अच्छा फैसला लिया। उनके प्रयासों से आज इस स्कूल में हमारे बच्चों को नियमित शिक्षा मिल पा रही है। हमारे बच्चे भी अब शहर के बच्चों की तरह खूब पढ़ेंगे और हमारा और हमारे गांव का नाम रौशन करेंगे। खरगा जैसे छोटे गाँवों में जब शिक्षक समय पर पहुँचते हैं, तो न सिर्फ बच्चों की पढ़ाई बदलती है, बल्कि गाँव का भविष्य भी रोशन होता है। खरगा गांव के बच्चे भी अब मन लगाकर पढ़ेंगे और विकास के नए सोपान तय करेंगे।
- ग्राम कपरमेटा एवं कामता में आयोजित शिविर में हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं से किया गया लाभान्वित07 जुलाई को गुरूर विकासखण्ड के ग्राम अर्जुनी में आयोजित होगा शिविरबालोद/ केन्द्र सरकार के द्वारा आदिवासी क्षेत्रों मंे सेवाओं और अन्य बुनियादी ढाँचों को परिपूर्णता प्रदान करने तथा उनके व्यक्तिगत अधिकारों से परिपूर्ण करने के उद्देश्य से जिले में धरती आबा जनभागीदारी अभियान के अंतर्गत लाभ संतृप्ति शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत आज गुरूर विकासखण्ड के ग्राम कपरमेटा एवं डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम कामता में आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर में आदिवासी वर्ग के हितग्राहियों को विभिन्न शासकीय योजनाओं से लाभन्वित किया गया। इसके अंतर्गत आज गुरूर विकासखण्ड के ग्राम कपरमेटा शिविर में उपस्थित 03 हितग्राहियों को आयुष्मान कार्ड, 02 हितग्राहियों को किसान सम्मान निधि से लाभान्वित करने के अलावा ग्रामीणों का सिकलिन जाँच सहित शिविर में पहुँचे ग्रामीणों का टीकाकरण भी किया गया। इसके अलावा शिविर में उपस्थित ग्रामीणों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें दवाइयां भी वितरित की गई। इसी तरह डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम कामता में आज आयोजित शिविर में सगरी बाई एवं सुनीता बाई को राशन कार्ड, सविता बाई एवं ललिता बाई को जाॅब कार्ड एवं नदंूराम कुल्हारे एवं रोमिन बाई को कोदो बीज का वितरण किया गया। इसके अलावा यशोदा बाई एवं रजऊ राम को मुख्यमंत्री पेंशन योजना से लाभान्वित किया गया। इसके साथ ही आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर में 50 हितग्राहियों को आयुष्मान कार्ड, 05 हितग्राहियों को राशन कार्ड, 03 हितग्राहियों को किसान सम्मान निधि, 04 हितग्राहियों को पेंशन योजना से लाभान्वित करने के अलावा 14 ग्रामीणों का सिकलिन जाँच सहित शिविर में पहुँचे ग्रामीणों का टीकाकरण भी किया गया। इसके अलावा शिविर में उपस्थित ग्रामीणों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें दवाइयां भी वितरित की गई।आज दोनों ग्रामों में आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर में शामिल होने बड़ी संख्या में ग्रामीण एवं हितग्राही पहुँचे थे। शिविर में उपस्थित अधिकारी-कर्मचारियों के द्वारा आदिवासी वर्ग के हितग्राहियों को अपने-अपने विभाग के योजनाओं के संबंध में जानकारी लेते हुए इन योजनाओं के लाभ लेने के प्रक्रियाओं के संबंध में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। आज ग्राम कपरमेटा एवं कामता में आयोजित शिविर में शासकीय योजनाओं से लाभान्वित होेने पर हितग्राही बहुत ही प्रसन्नचित एवं उत्साही नजर आ रहे थे। उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन द्वारा गुरूर एवं डौण्डी विकासखण्ड के विभिन्न ग्रामों में शिविर आयोजन हेतु जारी की गई तिथि के अनुसार सोमवार 07 जुलाई को गुरूर विकासखण्ड के ग्राम अर्जुनी में शिविर का आयोजन किया गया है।
- बालोद/उप संचालक कृषि ने बताया कि जिले में लगातार उर्वरक गुण नियंत्रण के तहत सहकारी एवं निजी उर्वरक विक्रय परिसर का निरीक्षण कृषि विभाग के द्वारा नियमित रूप से किया जा रहा है। अब तक 93 सहकारी एवं निजी कृषि केन्द्रों का निरीक्षण किया गया है, जिसमें अनियमितता पाये गये 25 उर्वरक विक्रय केन्द्रों को उर्वरक गुण (नियंत्रण) आदेश 1985 के तहत नोटिस जारी कर, 4 निजी उर्वरक विक्रय केन्द्रों पर विक्रय प्रतिबंध लगाया गया है। जिसमें विकासखण्ड गुण्डरदेही में चन्द्राकर कृषि केन्द्र सिकोसा, सार्वा सेवा कृषि केन्द्र गुण्डरदेही एवं विकासखण्ड डौण्डी में कोठारी कृषि केन्द्र व सुन्दर कृषि केन्द्र खलारी शामिल है। मैदानी अमलों के द्वारा डी.ए.पी. के विकल्प के रूप में 20ः20ः0ः13, एन.पी.के., 12ः32ः16 एवं नैनो डी.ए.पी. नैनो यूरिया का उपयोग करने हेतु समझाईस दी जा रही है। उन्होंने बताया कि जिले में कृषकों को निर्धारित दर पर एवं गुणवत्तायुक्त उर्वरक उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए लगातार निरीक्षण किया जा रहा है। इसके साथ ही अनियमित्ता पाये जाने पर उर्वरक गुण (नियंत्रण) आदेश 1985 के तहत कार्यवाही की जा रही है। उप संचालक कृषि ने बताया कि कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा के मार्गदर्शन में उर्वरक गुण नियंत्रण हेतु जिला स्तरीय व विकासखण्ड स्तरीय दल का गठन किया गया है। गठित टीम द्वारा सतत् निरीक्षण व मॉनिटरिंग की प्रक्रिया जारी है।
- शासकीय योजनाओं का निर्धारित समयावधि में क्रियान्वयन सुनिश्चित करने तथा आम जनता के मांगों एवं समस्याओं के निराकरण हेतु त्वरित कार्रवाई करने के दिए निर्देशबालोद/ कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने आज नगर पंचायत गुण्डरदेही के सभाकक्ष में विकासखण्ड स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेकर विभिन्न विभागों के कार्यों की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में उन्होंने सभी विभाग के अधिकारियों को शासकीय योजनाओं का निर्धारित समयावधि में क्रियान्वयन सुनिश्चित करने तथा आम जनता के मांगों एवं समस्याओं के निराकरण हेतु त्वरित कार्रवाई करने के सख्त निर्देश दिए। बैठक में अपर कलेक्टर श्री चन्द्रकांत कौशिक, एसडीएम श्रीमती प्रतिमा ठाकरे झा, तहसीलदार श्री गोविंद ध्रुव, श्री चन्द्रशेखर चन्द्राकर, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।बैठक में श्रीमती मिश्रा ने राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, लोक निर्माण विभाग, वन, कृषि, पशु चिकित्सा विभाग, खाद्य एवं अन्य विभागों के अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, आदि कार्यों की बारी-बारी से समीक्षा की। राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने राजस्व अधिकारियों से राजस्व प्रकरणों के निराकरण के स्थिति की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने स्कूली बच्चों के जाति, निवास एवं आय प्रमाण पत्र बनाने हेतु की जा रही कार्रवाई के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि किसी भी स्थिति में शत प्रतिशत बच्चों का जाति, निवास एवं आय प्रमाण पत्र बनाने हेतु कैंप का आयोजन सुनिश्चित करें। उक्त प्रमाण पत्रों के लिए किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना बच्चों और उनके परिजनों को न करना पड़े। इसके लिए उन्होंने राजस्व एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों को समन्वय बनाकर इस कार्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर ने राजस्व विभाग के अधिकारियों से किसान पंजीयन के कार्य की जानकारी लेते हुए इस कार्य को शीघ्र पूरा कराने के निर्देश दिए।बैठक में कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कार्यों की भी समीक्षा की। इसके अंतर्गत उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत लक्षित आवासों की जानकारी लेते हुए पूर्ण, अपूर्ण एवं प्रगतिरत आवास के कार्यों के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी लेते हुए शेष सभी कार्यों को शीघ्र पूरा कराने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने आवास प्लस सर्वें कार्य के संबंध में भी जानकारी ली। उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के कार्यों की समीक्षा करते हुए महिला स्व सहायता समूह को अधिक से अधिक आर्थिक एवं आजीविकामूलक गतिविधियों से जोड़ने को कहा। इसके अलावा उन्हें मशरूम उत्पादन, फूलों की खेती, मछली पालन हेतु मार्केटिंग की व्यवस्था के लिए प्रेरित करने को कहा। कलेक्टर ने शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों से विद्यार्थियों के लिए गणवेश की उपलब्धता, शिक्षकों की पदस्थापना की जानकारी के अलावा अध्ययन-अध्यापन तथा अन्य शैक्षणिक क्रियाकलापों के संबंध में जानकारी ली। शाला भवनों की स्थिति की जानकारी लेते हुए आवश्यकतानुरूप अतिरिक्त कक्ष निर्माण हेतु प्रस्ताव पे्रषित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने निर्माण कार्य में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने को कहा। कलेक्टर ने कहा कि आंगनबाड़ी एवं स्कूलों के जर्जर भवनों को त्वरित रूप से डिसमेंटल कराएं, किसी प्रकार की दुर्घटना होने पर इसके लिए संबंधित विभाग जिम्मेदार होंगे। कलेक्टर ने सभी शालाओं में शौचालयों के निर्माण एवं मरम्मत कार्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए वर्षा ऋतु के मद्देनजर जलजनित एवं अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम हेतु पुख्ता उपाय सुनिश्चित करने को कहा। बैठक में उन्होंने सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में दवाइयों एवं अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के अलावा पूरे समय चिकित्सकों एवं अधिकारी-कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने को कहा। बैठक में उन्होंने टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, आयुष्मान कार्ड, आयुष्मान वय वंदना कार्ड निर्माण आदि कार्यों की भी समीक्षा की। वन विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए सघन वृक्षारोपण अभियान हेतु निर्धारित योजना के संबंध में जानकारी ली। कलेक्टर ने अधिक से अधिक पौधरोपण कर उनके सुरक्षा के उपाय भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कृषि विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए गुण्डरदेही विकासखण्ड में खाद-बीज की समुचित उपलब्धता के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में किसानों को खाद-बीज की कमी नही होनी चाहिए। श्रीमती मिश्रा ने अधिकारियों को खाद-बीज का प्रबंध सुनिश्चित करने को कहा। इसके अलावा उन्होंने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, पशु चिकित्सा विभाग, खाद्य विभाग, नगरीय निकायों के कार्यों की भी विस्तृत समीक्षा की।
- -नारायणपुर पुलिस के प्रयासों से अबुझमाड़ क्षेत्र में लगातार बढ़ी रही मोबाईल कनेक्टिविटी।-अबूझमाड़ के अंदरूनी क्षेत्रों में मोबाईल टॉवर लगने से ग्रामीण अपने परिजनों से फोन में बात कर हो रहे है खुश।-अब अबूझमाड़ क्षेत्र के ग्रामीण संचार सुविधा एवं इंटरनेट के माध्यम से लाभांवित होंगे।नारायणपुर । नारायणपुर पुलिस के प्रयास से अबुझमाड़ क्षेत्र अन्तर्गत जिला मुख्यालय से करीब 45 कि.मी.दूर थाना कोहकामेटा क्षेत्रान्तर्गत कैम्प कोडलियार में जियो का नया टॉवर लगाकर दूरसंचार व्यवस्था प्रारंभ किया गया है। कोडलियार में नया मोबाईल टॉवर लगने से आसपास क्षेत्र के लोगों में काफी उत्साह का माहौल बना हुआ है।कोडलियार में मोबाईल टॉवर लगने से क्षेत्र में आसपास के लोगों को मोबाईल कनेक्टिविटी दूरसंचार व्यवस्था एवं इंटरनेट का लाभ मिलेगा जिसके माध्यम से लोग शासकीय योजनाओं से लाभान्वित होंगे और देश-विदेश की घटनाओं एवं अन्य गतिविधियों की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।पुलिस अधीक्षक नारायणपुर ने कहा कि - अबूझमाड़ के अन्दरूणी क्षेत्र कोडलियार में मोबाईल टॉवर प्रारंभ हो गया है, यह स्थानीय निवासियों को बेहतर मोबाईल नेटवर्क कवरेज प्रदान करेगा। इससे स्थानीय निवासियों को दैनिक जीवन में बेहतर संचार सेवाएं मिलेगी और उनके जीवन में सुधार होगा। अब क्षेत्र के लोग अपने रिश्तदारों परिवारजनों से फोन में बात कर सकेंगे। हमे विश्वास है कि यह मोबाईल टॉवर अबूझमाड़ के अंदरूनी क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा और स्थानीय निवासियो को नए अवसर प्रदान करेगा।नारायणपुर पुलिस आपकी सेवा मे यहां पर तैनात है, हमे अपना मित्र समझे किसी भी प्रकार की समस्या आने पर आप लोग कभी भी कैम्प में आकर हमें बताएं। हमारे जवान सदैव आप लोगों की सुरक्षा एवं सेवा के लिए तत्पर है। भारत एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित की जा रह है।
- -जशप्योर बनेगा ग्लोबल ब्रांड – जशपुर से निकलकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुँच का मार्ग प्रशस्तरायपुर /छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचल जशपुर की आदिवासी महिलाओं के समूह द्वारा प्राकृतिक वनोपज का प्रसंस्करण कर तैयार की गई विभिन्न प्रकार की खाद्य सामग्रियों का ब्रांड जशप्योर अब जशपुर और छत्तीसगढ़ की सीमाओं से बाहर निकलकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कदमताल करने को तैयार है।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के वोकल फॉर लोकल अभियान को आत्मसात करते हुए एक अहम निर्णय लिया गया है जिसके तहत जशपुर जिले की महत्वाकांक्षी महिला केंद्रित ब्रांड जशप्योर का ट्रेडमार्क अब उद्योग विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा। यह ऐतिहासिक निर्णय जशप्योर को व्यापक उत्पादन, संस्थागत ब्रांडिंग और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुँच दिलाने की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक कदम है।जशप्योर – परंपरा को उद्यमिता से जोड़कर खोली उन्नति की राहजशप्योर ब्रांड महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने वाला उपक्रम है, जिसे जशपुर जिले की आदिवासी महिलाओं द्वारा संचालित किया जाता है। इसका उद्देश्य प्राकृतिक, पोषणयुक्त और रसायनमुक्त खाद्य उत्पादों का निर्माण करते हुए स्थानीय समुदायों को रोजगार उपलब्ध कराना और सतत विकास को बढ़ावा देना है।इस ब्रांड का लक्ष्य छत्तीसगढ़ की समृद्ध कृषि और वनोपज का प्रसंस्करण कर खाद्य उत्पादों के रूप में तैयार करना तथा रोजगार से जोड़ते हुए व्यावसायिक स्तर पर इन्हें व्यापक पहचान दिलाना है।जशप्योर के उत्पादों की मुख्य विशेषता यह है कि ये पूरी तरह से प्राकृतिक हैं। इनमें किसी भी प्रकार के प्रिज़र्वेटिव, रंग या कृत्रिम स्वाद का उपयोग नहीं किया जाता और ये सस्टेनेबल पैकेजिंग में उपलब्ध हैं। जशप्योर केवल एक ब्रांड नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ी माटी की महक, आदिवासी बहनों की मेहनत और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ का प्रतीक बन चुका है।जशप्योर के उत्पाद बना रहे हैं अपनी अलग पहचानजशप्योर द्वारा महुआ और अन्य वनोपज को शामिल करते हुए कई प्रकार के पारंपरिक और स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। इनमें महुआ आधारित उत्पाद जैसे महुआ नेक्टर, महुआ वन्यप्राश, महुआ कुकीज़, रागी महुआ लड्डू, महुआ कैंडी और महुआ नेक्टर कोकोआ शामिल हैं। इसके अलावा, ढेकी कूटा जवा फूल चावल, मिलेट आधारित पास्ता और कोदो, कुटकी, रागी तथा टाऊ से बने विभिन्न उत्पाद भी पूरे भारत में अपनी पहचान बना रहे हैं।महिला उद्यमिता को मिल रहा बढ़ावाजशप्योर ब्रांड का उद्देश्य केवल व्यापार नहीं है, बल्कि यह आदिवासी महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने का एक सशक्त प्रयास भी है। इस ब्रांड के माध्यम से महिलाओं को रोजगार का अवसर मिला है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है और वे आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर हुई हैं।जशप्योर द्वारा निर्मित हर उत्पाद आदिवासी महिलाओं की मेहनत और समर्पण का प्रतीक है। ये उत्पाद देशभर के विभिन्न स्टोर्स पर उपलब्ध हैं, जो ब्रांड की व्यापक पहुँच का प्रमाण हैं।जशप्योर के सभी उत्पाद पूर्णतः प्राकृतिक हैं। इनमें किसी भी प्रकार के प्रिज़र्वेटिव, कृत्रिम रंग या स्वाद का उपयोग नहीं किया जाता। यह उत्पाद श्रृंखला न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि पोषण से भरपूर और पर्यावरण-संवेदनशील पैकेजिंग में उपलब्ध है।जशप्योर के प्रमुख उत्पादों में महुआ नेक्टर, महुआ वन्यप्राश, रागी महुआ लड्डू, महुआ कुकीज़, महुआ कोकोआ ड्रिंक, कोदो, कुटकी, रागी आधारित पास्ता और ढेकी कूटा चावल शामिल हैं।जशप्योर की सबसे खास बात इसकी महिला प्रधान कार्यशक्ति है। यहां 90 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी आदिवासी महिलाएं हैं, जो उत्पादन से लेकर पैकेजिंग तक हर स्तर पर सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। इस मंच के माध्यम से ये महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि परंपरागत ज्ञान और तकनीकों को आधुनिक बाजार में प्रस्तुत करने में भी सक्षम हो रही हैं।वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 में मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया20 सितंबर 2024 को नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 में जशप्योर का स्टॉल सभी के आकर्षण का केंद्र बना रहा। स्वस्थ जीवनशैली अपनाने वाले उपभोक्ताओं, पोषण विशेषज्ञों और उद्यमियों ने विशेष रुचि के साथ महुआ और मिलेट से बने उत्पादों की सराहना की। इन उत्पादों में कोई एडिटिव, प्रिज़र्वेटिव या स्टेबलाइजर नहीं है, जिससे ये पूरी तरह से प्राकृतिक, सुरक्षित और पोषणयुक्त हैं।रेयर प्लेनेट के साथ ऐतिहासिक समझौताजशप्योर की पहुँच अब देशभर के प्रमुख एयरपोर्ट स्टोर्स तक होगी। रेयर प्लेनेट के साथ हुए समझौते के तहत पहले चरण में पाँच एयरपोर्ट्स पर महुआ और अन्य उत्पादों की बिक्री शुरू की जा रही है। यह पहल जशप्योर को राष्ट्रीय उपभोक्ताओं से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस एमओयू पर हस्ताक्षर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा ऑनलाइन माध्यम से किए गए, जो राज्य के स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।जशप्योर – लोकल टू ग्लोबल की राह पर अग्रसरजशप्योर से जुड़े जशपुर जिले के युवा वैज्ञानिक श्री समर्थ जैन ने बताया कि जिला प्रशासन और छत्तीसगढ़ शासन के प्रयासों से "महुआ को अब केवल शराब तक ही सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि इसे फॉरेस्ट गोल्ड या ग्रीन गोल्ड के रूप में भी देखा जाएगा।" जशप्योर ने यह साबित कर दिया है कि स्वास्थ्यवर्धक भोजन स्वादिष्ट भी हो सकता है। उनका मानना है कि शासन की इस पहल से जशप्योर को लोकल टू ग्लोबल ब्रांड बनाने में मदद मिलेगी और निश्चित ही यह निर्णय प्रदेश भर में वनोपज और स्थानीय उत्पादकों के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगा।ब्रांड ट्रेडमार्क हस्तांतरण के इस ऐतिहासिक निर्णय से जशप्योर को प्रोत्साहन मिलने के साथ ही कच्चे माल की माँग में वृद्धि होगी और आदिवासी महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर प्राप्त होंगे। इस निर्णय से जशप्योर ब्रांड का ट्रेडमार्क उद्योग विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा, ताकि इसके दायरे और प्रभाव को और व्यापक बनाया जा सके। इससे जशप्योर के उत्पादों को विश्वस्तरीय बनाने, उत्पादन में वृद्धि के लिए उन्नत मशीनें लगाने और प्रभावी मार्केटिंग सुनिश्चित करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
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-नियद नेल्ला नार और युक्तियुक्तकरण से माओवाद प्रभावित गाँव में लौटी शिक्षा की रौशनी
रायपुर / कभी वीरान पड़ा था ये स्कूल.... दरवाजों पर ताले लटकते थे, कमरे धूल और सन्नाटे से भरे रहते थे। लेकिन आज वही ईरकभट्टी का प्राथमिक शाला बच्चों की चहचहाहट और पाठों की गूंज से फिर से जीवंत हो उठा है। अबुझमाड़ के इस सुदूर गांव में फिर से शिक्षा की लौ जल उठी है, जिसका श्रेय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार द्वारा संचालित ‘नियद नेल्ला नार’ योजना और युक्तियुक्तकरण की पहल को जाता है।बीते कुछ वर्षों में माओवादी गतिविधियों के चलते गांवों की रंगत फीकी पड़ गई थी। बच्चों के हाथों से किताबें छूट गई थीं, स्कूलों के आँगन सुनसान हो गए थे और मांदर की थाप भी खामोश हो गई थी। नारायणपुर जिले के ईरकभट्टी भी ऐसा ही एक गांव था, जहां लोग हर हाल में जीवन को संवारने की कोशिश करते थे, लेकिन शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरत तक से वंचित थे। यहां के निवासी श्री रामसाय काकड़ाम कहते है कि पहले लगता था कि हमारे बच्चे शायद कभी स्कूल का नाम भी नहीं जान पाएंगे, लेकिन अब जब शिक्षकों की नियुक्ति हो गई है और स्कूल फिर से खुल गया है, तो लगता है मानो गाँव में फिर से जान लौट आई हो।
‘नियद नेल्ला नार’ यानी ‘आपका अच्छा गांव’ योजना ने ईरकभट्टी जैसे दूरदराज और संघर्षरत गांवों में एक नई उम्मीद जगाई है। सुरक्षा कैंपों के पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में योजनाओं को प्रभावी तरीके से पहुँचाया जा रहा है। इसी क्रम में ईरकभट्टी में सड़क बनी, बिजली पहुंची और वर्षों से बंद पड़ा प्राथमिक स्कूल फिर से खुल गया। शासन के युक्तियुक्तकरण प्रयास से प्राथमिक शाला ईरकभट्टी में अब दो शिक्षक नियमित रूप से पदस्थ हैं। श्री अशोक भगत और श्रीमती लीला नेताम नामक शिक्षक यहां के बच्चों को पढ़ा रहे हैं। वे न केवल पठन-पाठन का कार्य कर रहे हैं, बल्कि अभिभावकों को भी प्रेरित कर रहे हैं कि वे अपने बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजें।शिक्षिका श्रीमती लीला नेताम बताती हैं कि पहले तो यहां डर लगता था, लेकिन बच्चों की मुस्कुराहट सब डर भुला देती है। ये बच्चे बहुत होशियार हैं, बस उन्हें अवसर की जरूरत थी। अब हम हर दिन उन्हें नया सिखाने का प्रयास करते हैं। अब स्कूल में दर्जन भर से अधिक बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। छोटे-छोटे हाथों में किताबें हैं, और उन आंखों में भविष्य के सपने। पहले जो गांव स्कूल जाने के नाम से डरते थे, अब वहां लोग अपने बच्चों को कंधे पर बिठाकर स्कूल छोड़ने आते हैं।गांव के बुजुर्ग मंगतु बाई की आंखों में आंसू हैं, लेकिन खुशी के। वे कहती हैं कि अब हमारी पोती भी पढ़-लिखकर अफसर बन सकती है। हमने कभी सोचा भी नहीं था कि ये दिन भी देखेंगे। ईरकभट्टी की कहानी सिर्फ एक गांव की नहीं, बल्कि उन हजारों गाँवों की है, जो कभी उपेक्षा और असुरक्षा के अंधेरे में डूबे हुए थे। लेकिन अब ‘नियद नेल्ला नार’ और युक्तियुक्तकरण जैसी योजनाएं उनके जीवन में उजाले की किरण लेकर आई हैं। शिक्षा की लौ फिर से जल चुकी है और यह लौ अब बुझने वाली नहीं। - -एनपीके और एसएसपी उर्वरकों के लक्ष्य में 4.62 लाख मेट्रिक टन की बढ़ोत्तरी-मुख्यमंत्री ने कहा किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं-चालू खरीफ सीजन में अब 17.18 लाख मेट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्यरायपुर, / देश में डीएपी खाद के आयात में कमी के चलते चालू खरीफ सीजन में राज्य में डीएपी की आपूर्ति प्रभावित होने का वैकल्पिक मार्ग छत्तीसगढ़ सरकार ने निकाल लिया है। किसानों को डीएपी खाद की किल्लत के चलते परेशान होने की जरूरत नहीं है। डीएपी के बदले किसानों को भरपूर मात्रा में इसके विकल्प के रूप में एनपीके और एसएसपी खाद की उपलब्धता सोसायटियों के माध्यम सुनिश्चित की जा रही है। डीएपी की कमी को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एनपीके (20ः20ः013) और एनपीके (12ः32ः13) के वितरण लक्ष्य में 3.10 लाख मेट्रिक टन तथा एसएसपी के वितरण लक्ष्य में 1.80 लाख मेट्रिक टन की वृद्धि करने के साथ ही इसके भण्डारण एवं वितरण की भी पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित की है। एनपीके और एसएसपी के लक्ष्य में वृद्धि होने के कारण चालू खरीफ सीजन में विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों का वितरण लक्ष्य 14.62 लाख मेट्रिक टन से 17.18 लाख मेट्रिक टन हो गया है।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि डीएपी खाद की कमी को लेकर किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसके विकल्प के रूप में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अन्य रासायनिक उर्वरक जैसे-एनपीके और एसएसपी की भरपूर व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इंदिरा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विभाग के अधिकारियों के सुझाव के अनुरूप किसान डीएपी के बदले उक्त उर्वरकों का प्रयोग कर बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। सोसायटियों से किसानों को उनकी डिमांड के अनुसार खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित हो, इस पर कड़ी निगाह रखी जा रही है। किसानों की समस्याओं का समाधान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। यहां यह उल्लेखनीय है कि चालू खरीफ सीजन में 14.62 लाख मेट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य कृषि विभाग द्वारा निर्धारित किया गया था, जिसमें यूरिया 7.12 लाख मेट्रिक टन, डीएपी 3.10 लाख मेट्रिक टन, एनपीके 1.80 लाख मेट्रिक टन, एमओपी 60 हजार मेट्रिक टन, एसएसपी 2 लाख मेट्रिक टन शामिल था। डीएपी के कमी को देखते हुए कृषि विभाग ने इस लक्ष्य को संशोधित किया है। डीएपी की आपूर्ति की कमी चलते इसके लक्ष्य को 3.10 लाख मेट्रिक टन से कमकर 1.03 लाख मेट्रिक टन किया गया है, जबकि एनपीके के 1.80 लाख मेट्रिक टन के लक्ष्य को बढ़ाकर 4.90 लाख मेट्रिक टन और एसएसपी के 2 लाख मेट्रिक टन को बढ़ाकर 3.53 लाख मेट्रिक टन कर दिया गया है। यूरिया और एमओपी के पूर्व निर्धारित लक्ष्य को यथावत् रखा गया है। इस संशोधित लक्ष्य के चलते रासायनिक उर्वरकों के वितरण की मात्रा 14.62 लाख मेट्रिक टन से बढ़कर अब 17.18 लाख मेट्रिक टन हो गई है।कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि डीएपी की कमी को अन्य उर्वरकों के निर्धारित मात्रा का उपयोग कर पूरी की जा सकती है और फसल उत्पादन बेहतर किया जा सकता है। फसलों के लिए जरूरी पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश सहित मात्रा में मिले तो उपज में कोई कमी नहीं आती है। डीएपी की कमी को देखते हुए किसानों को अन्य फॉस्फेट खादों के उपयोग की सलाह दी है। डीएपी के प्रत्येक बोरी में 23 किलोग्राम फॉस्फोरस और 9 किलोग्राम नाइट्रोजन होता है। इसके विकल्प के रूप में तीन बोरी एसएसपी और एक बोरी यूरिया का उपयोग करने से पौधों को पर्याप्त मात्रा में फॉस्फोरस, कैल्सियम, नाइट्रोजन और सल्फर मिल जाता है। एसएसपी उर्वरक पौधों की वृद्धि के साथ-साथ जड़ों के विकास में भी सहायक है, इसके उपयोग से फसल की क्वालिटी और पैदावार बढ़ाने में मदद मिलती है। डीएपी की कमी को दूर करने के लिए किसान जैव उर्वरकों का भी उपयोग कर सकते हैं।कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार खरीफ-2025 में किसानों को विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 12.13 लाख मेट्रिक टन उर्वरकों का भण्डारण कराया गया है, जिसमें से 7.29 लाख मेट्रिक टन का वितरण किसानों को किया जा चुका है। राज्य में वर्तमान में सहकारी और निजी क्षेत्र में 4.84 लाख मेट्रिक टन खाद वितरण हेतु उपलब्ध है।
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-जीएसटी राजस्व संग्रहण विषय पर मंत्रियों के समूह (GoM) की बैठक आयोजित
-मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में जीएसटी कलेक्शन के संदर्भ में राज्य स्तर पर नियमित समीक्षा और डेटा आधारित निर्णय प्रक्रियाओं ने दिए सकारात्मक परिणाम - वित्त मंत्री श्री चौधरी
रायपुर / देशभर में जीएसटी राजस्व संग्रहण को और अधिक पारदर्शी, तकनीक-सक्षम और प्रभावी बनाने के लिए गठित मंत्रियों के समूह (GoM) की महत्वपूर्ण बैठक शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में आयोजित हुई। बैठक में छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने राज्य के अनुभव साझा किए और बोगस व्यवसायियों पर सख्त कार्रवाई, पंजीयन प्रक्रिया में आधुनिक तकनीक के प्रयोग तथा फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट पर रोकथाम के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए। इस समूह का संयोजन गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद पी. सावंत कर रहे हैं।बैठक में छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने बतौर सदस्य भागीदारी की और राज्य के अनुभव एवं नीतिगत सुझाव साझा किए। बैठक का मुख्य उद्देश्य राजस्व संग्रहण में आ रही चुनौतियों का आकलन कर व्यापक समाधान तलाशना था।बैठक के दौरान देश के विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों में जीएसटी के राजस्व पर पड़ने वाले आर्थिक व अन्य कारकों का विस्तार से विश्लेषण किया। इस अवसर पर श्री चौधरी ने छत्तीसगढ़ में एंटी इवेजन और अनुपालन के क्षेत्र में की गई पहलों की जानकारी दी।श्री ओ.पी. चौधरी ने बताया कि कर अपवंचन रोकने और वास्तविक करदाताओं को सहूलियत देने के लिए छत्तीसगढ़ में डाटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित टूल्स का सघन उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयासों से राज्य के राजस्व में उल्लेखनीय बढ़ोतरी संभव हुई है।बैठक में बीफा, जीएसटी प्राइम और ई-वे बिल पोर्टल जैसी अत्याधुनिक प्रणालियों के प्रजेंटेशन भी हुए। श्री चौधरी ने सुझाव दिया कि इन नवाचारों को पूरे देश में समान रूप से लागू करने से बोगस व्यवसायियों की पहचान और कार्यवाही में तेजी लाई जा सकेगी।छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ने विशेष रूप से फर्जी बिलों पर नियंत्रण, फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट की रोकथाम, तथा पंजीकरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए केंद्रीयकृत डिजिटल तंत्र के विकास पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इन उपायों से न केवल राजस्व बढ़ेगा बल्कि करदाताओं में विश्वास भी बढ़ेगा। वित्त मंत्री श्री चौधरी ने बैठक में यह भी रेखांकित किया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में जीएसटी कलेक्शन के संदर्भ में राज्य स्तर पर नियमित समीक्षा और डेटा आधारित निर्णय प्रक्रियाओं ने सकारात्मक परिणाम दिए हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ का अनुभव अन्य राज्यों के लिए उपयोगी मॉडल बन सकता है। बैठक में वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी ने कहा कि सभी राज्यों को मिलकर साझा प्रयास करने चाहिए ताकि जीएसटी राजस्व संग्रहण में स्थायित्व एवं वृद्धि सुनिश्चित हो सके। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मंत्रियों के समूह द्वारा सुझाए गए उपायों को जीएसटी परिषद शीघ्र लागू करेगी। उन्होंने कहा कि यह बैठक जीएसटी परिषद के समक्ष व्यापक सुधारात्मक प्रस्ताव रखने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी, जिससे भारत में कर प्रशासन और राजस्व संग्रहण को नई दिशा मिलेगी।
- महासमुंद / राज्यपाल श्री रमेन डेका शुक्रवार को पिथौरा विकासखंड अंतर्गत गोड़बहाल पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल, गोड़बहाल परिसर में “एक पेड़ मां के नाम“ अभियान के तहत नीम का पौधा रोपित किया। राज्यपाल द्वारा पर्यावरण संरक्षण और जन-जागरूकता के उद्देश्य से इस पौधरोपण कार्यक्रम में सहभागिता दी गई। इस दौरान उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों एवं जनसमुदाय को अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित किया।
- -विकास कार्यों में तेजी व योजनाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के दिए निर्देश-सभी संकेतकों को पूर्ण करने के दिए निर्देशमहासमुंद / महामहिम राज्यपाल श्री रमेन डेका ने शुक्रवार को पिथौरा के गोड़बहाल में विकासखंड स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेकर पिथौरा में आकांक्षी विकासखंड के अंतर्गत चल रहे विकास कार्यों, शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन और जनकल्याणकारी कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, कृषि, कौशल विकास, वित्तीय समावेश एवं बुनियादी ढांचे में सुधार को लेकर विभागीय प्रदर्शन की विस्तृत समीक्षा की और सभी विभागों को निर्देशित किया कि आकांक्षी विकासखंड के सभी संकेतकों को 90 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए तेजी से कार्य करें। उन्होंने कहा कि शासन की प्राथमिकताओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए सभी विभाग समन्वित प्रयास करें।राज्यपाल श्री डेका ने जल संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखते हुए कहा कि प्रत्येक ग्राम में जल संचयन के लिए ठोस प्रयास किए जाएं। उन्होंने डाबरी निर्माण, शोक पिट (सोखता गड्ढा), इंजेक्शन वेल जैसे संरचनात्मक कार्य तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए ताकि वर्षा जल का अधिक से अधिक संग्रहण और भूजल स्तर में सुधार हो सके।राज्यपाल ने पशुपालन को ग्रामीण आजीविका का सशक्त माध्यम बताते हुए इसे बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पशुपालन से न केवल आय में वृद्धि होगी, बल्कि यह पोषण सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। पर्यटन विकास की संभावनाओं पर चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि स्थानीय प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित कर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए। इससे स्थानीय रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। सड़क सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी पहल की जाए और व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाए जाएं। उन्होंने हेलमेट और यातायात नियमों के प्रति सतत् जागरूकता के निर्देश भी दिए।राज्यपाल ने महिला स्व सहायता समूहों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि समूहों की आर्थिक गतिविधियों का और विस्तार किया जाए। उन्होंने बैंकिंग सुविधाओं को सुदृढ़ और सुगम बनाने पर विशेष जोर दिया ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को मजबूती मिले।स्वास्थ्य और पोषण को लेकर उन्होंने कुपोषित बच्चों की पहचान एवं सघन मॉनिटरिंग करने, न्यू बॉर्न केयर यूनिट में भर्ती और पोषण ट्रैकर से निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने मितानिन, महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग के बीच समन्वय से डाटा संकलन करने कहा। वार्षिक प्रशिक्षण कैलेण्डर के अनुसार शिक्षकों का नियमित प्रशिक्षण, राज्य एवं जिला स्तर पर विषय-विशेष प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी विभागों से आपसी समन्वय और सूचकांकों के सतत सुधार की रणनीति पर कार्य करने के निर्देश दिए। राज्यपाल ने अधिकारियों को योजनाओं की जमीनी स्तर पर जांच के लिए फील्ड विजिट करने और लाभार्थियों से फीडबैक लेने के निर्देश दिए। एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को मिशन बताते हुए राज्यपाल ने सभी को पेड़ लगाने और दूसरों को भी प्रेरित करने का आह्वान किया। सभी सरकारी कार्यालयों में हरियाली बढ़ाने के लिए पौधरोपण के निर्देश दिए।इस अवसर पर कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह ने जिले की प्रगति और लक्ष्यों की पूर्ति को प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि जिले में आकांक्षी जिला कार्यक्रम के अंतर्गत शिक्षा, स्वच्छता, जल प्रबंधन, महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में निरंतर विकास के लिए प्रयास किया जा रहा है। शिक्षा में नवाचार और सहभागिता से पिथौरा, बागबाहरा और महासमुंद विकासखंड के 40 चयनित ग्राम पंचायतों के 77 स्कूलों में पंचायतों के नेतृत्व में आधारभूत मूल्यांकन कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। विशेष रूप से कमजोर और पढ़ाई छोड़ चुके छात्रों के लिए अतिरिक्त अध्ययन समय की व्यवस्था की गई है। 213 शिक्षकों को विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए प्रशिक्षित किया गया। 6 ग्राम पंचायत हाई स्कूलों में सामुदायिक पुस्तकालय स्थापित किए गए। जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा में 18 विद्यार्थियों ने सफलता प्राप्त की।उन्होंने बताया कि 55 ग्राम पंचायतों को ओडीएफ प्लस मॉडल का दर्जा प्राप्त हुआ है और 98 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया है। ब्लॉक में 84 प्रतिशत परिवारों को फंक्शनल नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है। सभी गांव खुले में शौच से मुक्त घोषित हो चुके हैं। 100 पंचायतों को टीबी मुक्त पंचायत घोषित किया गया है 112 सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। 400 से अधिक एनीमिया पीड़ित किशोरियाँ अब स्वस्थ हो चुकी हैं। 51 बच्चे गंभीर कुपोषण श्रेणी से बाहर आ चुके हैं।महिला सशक्तिकरण और आर्थिक समृद्धि की दिशा में 6 स्वयं सहायता समूहों ने अपने उत्पादों के लिए ट्रेडमार्क प्राप्त किया है। अधिकांश स्वयं सहायता समूह आर्थिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से संलग्न हैं। कृषि के क्षेत्र में पिथौरा ब्लॉक के 27461 किसानों को केसीसी के माध्यम से 176.35 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया है। 23000 किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी हैं। 1160 मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाए गए हैं। ब्लॉक में सभी पशुओं को एफएमडी टीका लगाया जा चुका है। डिजिटल और वित्तीय समावेशन के लिए 614 बैंकिंग टच पॉइंट (बैंक शाखा, बीसी केंद्र) ब्लॉक में कार्यरत हैं। पीएम डिजिटल साक्षरता अभियान के अंतर्गत 250 नागरिकों को डिजिटल प्रमाणन प्रदान किया गया है। 86 प्रतिशत से अधिक नागरिकों के आयुष्मान भारत कार्ड बनाए गए हैं। बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, महिला एवं बाल विकास, और अन्य विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित रहे।
- -महिला सशक्तिकरण की दिशा में उत्कृष्ट कार्यों की सराहनामहासमुंद / राज्यपाल श्री रमेन डेका ने शुक्रवार को महासमुंद जिले के गोड़बहाल प्रवास के दौरान वहां के महिला स्व-सहायता समूहों से आत्मीय भेंट की। इस अवसर पर राज्यपाल ने महिला समूहों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि महिलाएं जो भी व्यवसाय करें, पूरी लगन और गुणवत्ता के साथ करें। आपसी सहयोग बनाए रखें और आंतरिक प्रतिस्पर्धा से बचें।श्रीमती गायत्री यादव, श्रीमती राजश्री महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य ने राज्यपाल को बताया कि उनका समूह दुग्ध उत्पादन का कार्य कर रहा है। वहीं, लीलावती पटेल, जयश्री महिला समूह की सदस्य ने बैग निर्माण के अपने व्यवसाय की जानकारी दी। माधुरी पटेल ने हस्तकला में समूह की दक्षता को साझा किया, जबकि गोमती पटेल ने भी दुग्ध उत्पादन की विस्तृत जानकारी दी।महिला समूहों की ओर से राज्यपाल को स्मृति चिह्न स्वरूप हस्तशिल्प उत्पाद भेंट किए गए। राज्यपाल ने महिला समूह की कार्यों की सराहना की और महिला सशक्तिकरण की दिशा में हो रहे प्रयासों की प्रशंसा की। इस अवसर पर कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह एवं जिला पंचायत सीईओ श्री एस आलोक भी उपस्थित थे।
- रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने शुक्रवार को राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में राष्ट्रीय छात्र पर्यावरण प्रतियोगिता के पोस्टर का विमोचन किया। यह प्रतियोगिता 1 जुलाई से 21 अगस्त 2025 तक आयोजित की जा रही है। इसका प्रमुख उद्देश्य स्वदेशी परंपराओं के पुनरुद्धार पर आधारित गतिविधियों को बढ़ावा देना और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जनमानस में जागरूकता का वातावरण तैयार करना है।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण आज की सबसे बड़ी चुनौती है, जिससे निपटने के लिए भावी पीढ़ियों को जागरूक और संवेदनशील बनाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि स्कूली और महाविद्यालयीन छात्र इस अभियान में सहभागी होकर न केवल अपनी रचनात्मक क्षमताओं का विकास करेंगे बल्कि पारंपरिक जीवन मूल्यों और पर्यावरणीय संतुलन को भी मजबूत करेंगे।इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण गतिविधि संस्थान के प्रतिनिधि श्री अक्षय अलकरी, श्री मनोहर चंदेल, श्री आनंद पांडे और डॉ. अनुज नारद सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।
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-मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन की पहल
-नए बच्चे के जन्म पर जिला प्रशासन द्वारा दिए जा रहे 5 फलदार पौधेरायपुर / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुरूप जिला प्रशासन ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम उठाया है—"ग्रीन पालना अभियान"। इस अभिनव पहल के अंतर्गत अब सरकारी अस्पतालों में जन्म लेने वाले बच्चों के साथ ही उनके माता-पिता को पांच फलदार पौधे—आम, अमरूद, कटहल, पपीता और मुनगा—सौगात स्वरूप भेंट किए जा रहे हैं।यह पहल सिर्फ पौधारोपण नहीं, बल्कि एक भावनात्मक और जिम्मेदार जुड़ाव है, जिसमें हर माता-पिता अपने बच्चे की तरह ही इन पौधों की भी देखभाल करेंगे, उन्हें बड़ा करेंगे।कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह के मार्गदर्शन में शुरू हुए इस अभियान में वन विभाग के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग बच्चों के जन्म के साथ ही माता-पिता को 5 फलदार पौधे तथा एक प्रमाण पत्र प्रदाय कर रही है। जो इस नए जीवन और हरियाली के रिश्ते की एक यादगार दस्तावेज़ होगा। यह अभियान न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता को जन्म देगा, बल्कि आने वाली पीढ़ी को भी प्रकृति से जुड़ाव और संरक्षण का मूल्य सिखाएगा। -
राजनांदगांव । मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह ने वीडियों कान्फ्रेसिंग के माध्यम से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सभी महत्वपूर्ण योजनाओं एवं कार्यक्रमों तथा समसामयिक विषयों की समीक्षा की। उन्होंने फसल चक्र परिवर्तन, आयुष्मान कार्ड निर्माण, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के क्रियान्वयन एवं प्रगति की विस्तृत समीक्षा कर जिला अधिकारियों, जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत के संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। सीईओ जिला पंचायत ने आगामी रबी फसल में फसल चक्र परिवर्तन के संबंध में कार्ययोजना बनाकर धान की जगह अन्य फसल लेने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने पिछले वर्ष की भांति गांव-गांव में फसल संगोष्ठी का आयोजन कर व्यवहार परिवर्तन हेतु किसानों को प्रेरित करने के लिए कहा।
सीईओ जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह ने प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण की विकासखंडवार समीक्षा की। उन्होंने निर्माणाधीन आवास में तेजी लाने के निर्देश दिए। संबंधित अधिकारियों एवं अन्य मैदानी अधिकारियों को स्थल का सतत निरीक्षण करने कहा। सीईओ जिला पंचायत ने वय वंदन आयुष्मान कार्ड और सामान्य आयुष्मान कार्ड बनाने में तेजी लाने कहा। उन्होंने एएमसी जॉंच, संस्थागत प्रसव, एनिमिया की रोकथाम एवं बचाव के लिए आवश्यक उपाय सुनिश्चित करने कहा। स्वास्थ्य भवनों में अनिवार्यत: रेनवाटर हार्वेस्टिंग, फेल बोरवेल में नाली निकासी एवं सोख्ता गढ्ढा की व्यवस्था सुनिश्चित करने निर्देशित किया गया। बैठक में स्वच्छता सर्वेक्षण की विकासखंडवार समीक्षा की गई। बैठक मेंं ओडीएफ वेरिफिकेशन तथा फीडबैक के कार्य को पूर्ण कर अवगत कराने हेतु सभी को निर्देंशित किया गया। बैठक में व्यक्तिगत शौचालय का जियो टेग करने हेतु रोजगार सहायकों को इस कार्य में लगाने हेतु निर्देशित किया गया। बैठक में एसएलडब्ल्यूएम सेंटर में रखे मशीनों को नियमित अवलोकन करने हेतु सभी को निर्देशित किया गया। साथ ही सार्वजनिक शौचालय, स्वास्थ्य केन्द्र, शासकीय भवनों की साफ-सफाई, नाली निकासी, तालाबों की सफाई, सार्वजनिक हैण्डपंप के आस पास स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने हेतु निर्देश दिए। बैठक में सभी योजनान्तर्गत चल रहे कार्यो को समय-सीमा में पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया। बैठक में जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत के सभी संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे। - - जल जीवन मिशन से ग्राम बंजारी एवं फत्तेगंज के 73 ग्रामीण परिवारों को घर पर मिल रही पेयजल की सुविधा- पानी की समस्या का समाधान होने से महिलाओं का जीवन हुआ आसानराजनांदगांव । डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम बंजारी एवं फत्तेगंज की कहानी उन ग्रामीण क्षेत्रों के लिए मिसाल है, जहां जल जीवन मिशन ने जीवन स्तर को ना सिर्फ सुधारा है, बल्कि वहां के ग्रामीणों को नयी उम्मीद भी दी है। जिला मुख्यालय राजनांदगांव से 50 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत चारभाठा के आश्रित ग्राम बंजारी में 39 एवं ग्राम फत्तेगंज में लगभग 34 परिवार निवास करते है। इन गांवों के ग्रामीणों की आजीविका का साधन मुख्यत: कृषि और मजदूरी पर ही निर्भर है। पहलेे इन गांव में पानी की काफी समस्या थी और पेयजल का एकमात्र स्रोत हैंडपंप था। गांव के सरपंच श्री मनोज कोर्राम बताते है कि ग्राम बंजारी एवं फत्तेगंज के ग्रामीण लम्बे समय से पेयजल के लिए संघर्ष कर रहे थे। हैंडपम्पों से पानी निकालने में काफी दिक्कते आती थी। गर्मियों के दिनों में जब जलस्तर नीचे चला जाता था, तब पानी निकालना और भी मुश्किल हो जाता था। कई बार पानी भरने के लिए ग्रामीणों को लंबी लाइन में खड़ा रहना पड़ता था। कई ग्रामीणों को दूर के क्षेत्रों से पानी भरकर लाना पड़ता था, जिससे उनका समय तो बर्बाद होता ही था, बल्कि मेहनत भी काफी लगती थी। पानी की कमी का सबसे ज्यादा प्रभाव गांव की महिलाओं पर पड़ता था। जिनके दिन का एक बड़ा हिस्सा पेयजल की व्यवस्था में बीत जाता था।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री अरूण साव की पहल से जल जीवन मिशन के तहत ग्राम बंजारी में 950 मीटर तथा फत्तेगंज में 750 मीटर की पाइप लाइन बिछाई गयी है तथा सोलर के माध्यम से 24 घंटे पर्याप्त मात्रा में पानी मिल रहा है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह की अगुवाई में ग्राम को हर घर जल घोषित किया गया। अब प्रत्येक घर में नल के माध्यम से पेयजल पहुंचाया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों की दिनचर्या में बहुत बदलाव आया है। जो समय पानी की व्यवस्था में लग जाता था, अब अन्य कार्यों में समय का उपयोग किया जा रहा है। इससे ग्रामीणों की उत्पादकता भी बढ़ी है और जीवन स्तर में सुधार भी हुआ है। ग्राम की निवासी श्रीमती निर्मला साहू एवं श्रीमती अंजू सिन्हा ने बताया कि पहले उनका समय दिन भर पानी जुटाने में लग जाता था एवं अपने बच्चों के देखभाल में भी पूर्ण समय नहीं दे पाती थी, लेकिन जल जीवन मिशन अंतर्गत घरों में नल की सुविधा मिलने से आज उनके बच्चों को भी पढ़ाई के लिए अधिक समय मिलने लगा है, जिससे बच्चों के शैक्षणिक स्तर में भी सुधार हुआ है।
- - खेती-किसानी के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद-बीज मिलने पर किसानों में प्रसन्नता- रामकुमार एवं रूपेन्द्र ने खाद मिलने पर संतुष्टि जाहिर की- किसान भूषण एवं रूपलाल के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना बनी मददगारराजनांदगांव। बारिश के साथ ही जिले में खेती-किसानी का कार्य जोरों पर है। अच्छी उपज की मंगल कामना के साथ किसान कृषि कार्य में जुट गए है। शासन की कृषक हितकारी योजनाएं उनके जीवन में खुशहाली एवं समृद्धि ला रही है। सरकार द्वारा धान के साथ ही कृषक उन्नति योजना का दायरा बढ़ाते हुए धान की फसल के साथ ही अब दलहन-तिलहन और मक्का की फसल लगाने वाले किसानों को भी लाभ मिलेगा। किसान सहकारी समितियों से खाद-बीज ले रहे है। जिले में खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता है। राजनांदगांव विकासखंड के नया ढाबा वार्ड क्रमांक 4 के किसान श्री रामकुमार साहू ने बताया कि उनके पास 2.68 एकड़ जमीन है और वे धान, सरसों, मसूर, चना की खेती कर रहे है। सहकारी समिति में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है और उन्होंने 3 बोरी यूरिया, 1 बोरी पोटाश एवं आर्गेनिक फार्मिंग के लिए खाद खरीदा है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के हित का ध्यान रख रही है और कृषक उन्नति योजना से किसानों को बहुत लाभ मिल रहा है। राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम मोहड़ के किसान श्री रूपेन्द्र साहू ने बताया कि उनके पास 2 एकड़ भूमि है, जिसमें वह मुख्यत: धान की फसल लेते है। उन्होंने सहकारी समिति से 2 बोरी यूरिया, 1 बोरी राखड़, 1 बोरी पोटाश रासायनिक खाद की खरीदी की है। उन्होंने बताया कि बोआई के लिए पर्याप्त वर्षा हो रही है। राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम बरगाही के किसान श्री अशोक कुमार साहू के पास 1.5 एकड़ कृषि भूमि है। उन्होंने बताया कि वर्षा होते ही वह कृषि कार्य में जुट गए है। खेती के लिए सहकारी समिति से 3 बोरी यूरिया, 1 बोरी पोटाश, 1 बोरी राखड़ खरीदा है।राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम बरगाही के किसान श्री भूषण साहू ने बताया कि उन्होंने सहकारी समिति में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि किसान के्रडिट कार्ड योजना के तहत उन्होंने शून्य प्रतिशत दर पर खेती-किसानी के लिए 47 हजार रूपए ऋण लिया है। जिससे उन्हें बहुत मदद मिल रही है। उन्होंने द्वारा सरकार द्वारा किसानों से कृषक उन्नति योजना के तहत 3100 रूपए प्रति क्विंटल की दर और प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से धान खरीदी की जा रही है, जो सराहनीय है। सहकारी समिति खाद खरीदने आए ग्राम बरगाही के किसान श्री रूपलाल साहू ने कहा कि आज उन्होंने 2 बोरी यूरिया, 1 सुपर फास्फेट खरीदा है। पर्याप्त मात्रा में खाद मिल रहा है। उन्होंने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत उन्होंने शून्य प्रतिशत दर पर 20 हजार रूपए की राशि ऋण ली है। जिससे खेती-किसानी के कार्यों के लिए राशि की कमी नहीं हो रही है। किसान क्रेडिट कार्ड होने से सेठ-साहूकार से कर्ज नहीं लेना पड़ता। सरकार की इस मदद से बहुत आसानी हुई।
- राजनांदगांव । जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र राजनांदगांव में 9 जुलाई 2025 को सुबह 10.30 बजे से प्लेसमेंंट कैम्प का आयोजन किया गया है। प्लेसमेंट कैम्प में फायर एण्ड सेफ्टी डिजास्टर मैनेजमेंंट इंस्ट्रीट्यूट राम नगर सुपेला भिलाई द्वारा फायरमेन के 20 पद केवल पुरूष, सिक्यूरिटी गार्ड के 150 पद, सिक्यूरिटी सुपरवाईजर के 50 पद केवल पुरूष, ड्राईवर हैवी लाईसेंस के 10 पद केवल पुरूष, होम केयर टेकर सर्विस के 100 पद एवं सनसूर श्रुष्टि इंटरप्राजेस बजरंग चौक तुलसीपुर राजनांदगांव द्वारा ब्रांच मैंनेजर के 33 पद, बिजनेस डेवलपमेंट ऑफिसर के 10 पद तथा वृंदा इंजीनियरिंग प्राईवेट लिमिटेड टेड़ेसरा राजनांदगांव द्वारा फिटर के 50 पद, वेल्डर के 40 पद, गैस कटर के 35 पद, ग्राइंडर के 30 पद, हेल्पर के 50 पद, एसएपी ऑपरेटर के 3 पद, एनडीटी लेवल टू के 2 पद, असिस्टेंट इंजीनियर के 4 पद, सेफ्टी ऑफिसर के 2, क्यूए व क्यूसी इंजीनियर के 4 पद पर भर्ती की जाएगी।
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*पानी केवल प्राकृतिक संसाधन नहीं, बल्कि जीवन का आधार : कलेक्टर*
*जल संरक्षण के उपायों पर किया गया विचार-विमर्श*बिलासपुर/भू-जल संवर्धन एवं संरक्षण के लिए जिले में व्यापक अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम जिला पंचायत के सभागार में आयोजित किया गया। आज कार्यशाला के समापन अवसर में कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल शामिल हुए। कार्यशाला में सीईओ जिला पंचायत श्री संदीप अग्रवाल समेत संभाग के सभी जिलों के सीईओ जिला पंचायत ने भी भाग लिया। कार्यशाला में जल का बचाव कर भविष्य के लिए जल संरक्षण के उपायों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। केंद्रीय भूमि जल बोर्ड द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में भू-जल संरक्षण के विषय में रिजनल डायरेक्टर सी जी. डब्ल्यू, वी एनसीसीआर रायपुर से आये डॉ. प्रवीर के. नायक द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यशाला में भू-जल संवर्धन के लिए जनभागीदारी पर बल दिया गया। कैसे जन जागरूकता और प्रति व्यक्ति जिम्मेदारी के साथ इस समस्या का समाधान किया जाएगा, इस पर गहन चर्चा की गई।कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने कहा कि पानी केवल प्राकृतिक संसाधन नहीं बल्कि जीवन का आधार है। जिस तेजी से भू-जल स्तर गिर रहा है। वह न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक खतरा बन चुका है। हमने आने वाले पीढ़ियों का पानी भी उपयोग कर लिया है। उन्होंने कहा कि जल संकट से बचने के लिए यदि अभी से ठोस कदम नहीं उठाए गए तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। जिस तेजी से हम भूमिगत जल का दोहन कर रहे है। उसी हिसाब से नीचे पानी नहीं भेज रहे है। पुराने समय में शहर भी नदियों के किनारे बसते थे। हमारे यहां बहुत अच्छी बारिश होती है लेकिन हम इसका संरक्षण नहीं कर पाते है। कलेक्टर ने कहा कि हमें जनभागीदारी से भू-जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रयास करना होगा। राज्य में राजनांदगांव, धमतरी जिले में इस दिशा में सराहनीय कार्य किया गया है।कलेक्टर ने कहा कि बिलासपुर जिले में भी हम जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए लगातार काम कर रहे है। गांव का पानी गांव में रोकने का प्रयास हमें जनभागीदारी से करना होगा। हमने मोर गांव मोर पानी अभियान के तहत कच्चा नाला बंधान, सोख्ता गड्ढा, रिचार्ज पिट, इंजेक्शन वेल, डिफक्ट बोर वेल जैसे नवाचार अपनाया है। एक ही दिन में 40 हजार सोकपिट बनाए गए। गांव-गांव में अभियान को लेकर जन जागरूकता के लिए रैली और संगोष्ठी आयोजित की जा रही है। अभी तक जन जागरूकता के लिए गांव में 486 रैली निकाली गई है। उन्होंने कहा कि जल ऐसी चीज है जिससे जीवन यापन के लिए हर चीज बनाई जाती है पर जल नहीं बनाया जा सकता। यह प्राकृतिक है और सीमित है।कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों ने वर्षा जल के संचय, संरक्षण और भू-जल को रिचार्ज करने के उपायों पर तीन दिन तक प्रशिक्षण दिया। विषय विशेषज्ञों ने कार्यशाला में कहा कि छत्तीसगढ़ में पर्याप्त बारिश होती है इसके संरक्षण एवं संवर्धन से पानी की दिक्कतों को दूर किया जा सकता है। कार्यशाला में जन प्रतिनिधिगण, उद्योगपति, विभागों के कार्यपालन अभियंता और प्रबुद्धजन शामिल हुए। -
*केन्द्र और राज्य से मिल रही सब्सिडी*
*सरकण्डा निवासी शशांक दुबे का बिजली बिल हुआ शून्य*बिलासपुर/प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना एक ऐसी योजना है जिसमें सौर ऊर्जा के माध्यम से घरों तक रोशनी पहुंचाई जा रही है। योजना का उद्देश्य उपभोक्ताओं को बिजली के लिए आत्मनिर्भर बनाना है। इसके तहत हितग्राहियों को केन्द्र सरकार की ओर से 78 हजार रूपए और राज्य सरकार द्वारा 30 हजार तक की सब्सिडी दी जा रही है साथ ही प्रतिमाह 300 यूनिट फ्री बिजली का भी प्रावधान है। योजना के तहत अरविंद नगर सरकण्डा निवासी श्री शशांक शेखर दुबे ने अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगवाया है जिससे हो रहे बिजली उत्पादन से अब उन्हें महंगे बिजली के बिल से राहत मिल रही है और उनके घर का बिजली बिल शून्य हो गया है। इस महत्वपूर्ण योजना के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का आभार जताया है।अरविंद नगर सरकण्डा निवासी श्री शशांक शेखर दुबे ने बताया कि जब से उन्होंने अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगवाया है, उनके घर का बिजली बिल शून्य हो गया है। सोलर पैनल के जरिए छत पर हो रहे बिजली उत्पादन से उनकी प्रतिमाह बिजली पर होने वाले खर्च की बचत हो रही है। श्री दुबे ने बताया कि उनकी छत पर 5 किलोवाट का सोलर पैनल लगा है, जिससे हो रहे बिजली उत्पादन से न केवल प्रतिमाह आने वाले बिजली बिल की अब चिंता नहीं रही, वहीं वे उत्पादक के रूप में भी बिजली की सप्लाई भी कर रहे हैं जो गर्व की बात है। सोलर पैनल लगवाने के बाद उनके घर का बिजली बिल शून्य हो गया है। उन्होंने बताया कि 5 किलोवाट सोलर पैनल लगवाने पर उन्हें लगभग 2 लाख की लागत आई है, जिसमें से केन्द्र सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में 78 हजार रूपए प्राप्त हो गए हैं और राज्य सरकार की ओर से भी जल्द ही 30 हजार रूपए की सब्सिडी मिलने वाली है।उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत केवल 1 बार निवेश करना है जिसके बाद 25 वर्षो तक बिजली की आपूर्ति होती रहेगी। लंबे समय के लिए यह एक बेहद किफायती योजना है जिसके लिए बैंक द्वारा कम ब्याज दर पर ऋण की भी सुविधा दी जाती है। उन्होंने बताया कि एक बार सोलर पैनल लगवाने के बाद इस पर किसी प्रकार का मेंटेनेन्स खर्च नहीं है और पैनल लगाने वाली कंपनी द्वारा 5 साल तक निःशुल्क सविर्सिंग की सुविधा दी जाती है। उन्होंने कहा कि यह पर्यावरण की दृष्टि ये बेहद उपयोगी है। इस माध्यम से हम सौर ऊर्जा कर उपयोग कर बिजली का उत्पादन कर पा रहे हैं, जो ग्रीन एंनर्जी को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह इस योजना को अपनाकर सौर ऊर्जा का उपयोग करते हुए बिजली के लिए आत्मनिर्भर बनें और पर्यावरण संवर्धन में अपना योगदान दें।उल्लेखनीय है कि पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत शासन द्वारा शहरी एवं ग्रामीण घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को अपने घरों की छतों पर रूफ टॉप सोलर प्लाण्ट स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उक्त स्थापित प्लाण्ट नेट मीटरिंग द्वारा विद्युत ग्रिड से जुड़ेगा जिससे उपभोक्ता द्वारा अपनी खपत से अधिक उत्पादित बिजली ग्रिड में सप्लाई हो जाती है। इससे न केवल उपभोक्ता के घर का बिजली बिल शून्य हो जाता है, बल्कि ग्रिड में दी गई बिजली के एवज में अतिरिक्त आमदनी भी मिल जाती है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान की जा रही है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से अधिक आय, कम बिजली बिल और नवीन रोजगारों का सृजन होगा तथा नवीनीकृत ऊर्जा स्त्रोत के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। शासन द्वारा इस योजना में 30 हजार रूपये से लेकर 78 हजार रूपये तक अनुदान भी दिया जाता है। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए उपभोक्ता पीएम सूर्यघर डॉट जीओव्ही डॉट इन वेब पोर्टल अथवा पीएम सूर्यघर एप्प में पंजीयन करा सकते हैं। -
बिलासपुर/जिले में किसान अब ऑयल पाम की खेती करेगें। उद्यानिकी विभाग किसानों को नए फसलों के लिए प्रोत्साहित करते हुए पाम की खेती की शुरुआत करने जा रही है। पहले चरण में 300 हेक्टेयर में ऑयल पाम की खेती की योजना बनाई गई है। उसके लिए विभाग किसानों को प्रोत्साहित कर रहा है। धान की तुलना में 3 से 5 गुना तक ज्यादा कमाई और सब्सिडी जैसी सुविधाएं मिलने से किसान तैयार भी होने लगे है। यानी जल्द ही जिले में ऑयल पाम की खेती होती नजर आएगी। जिले में तखतपुर ब्लॉक के ग्राम घोघाड़ीह में मेगा ऑयल पाम प्लानटेंशन ड्राइव के तहत 01 हेक्टे. (143 पौधे) रकबे के खेत में पौधरोपण किया जा चुका है।
योजना के अंतर्गत केन्द्र एवं राज्य सरकार मिलकर किसानों को भरपूर अनुदान, तकनीकी मार्गदर्शन और विपणन की गारंटी दे रही है। इससे किसानों की आय में स्थायी रुप से बढ़ावा मिलेगा और देश में खाद्य तेलों की आत्मनिर्भरता भी सशक्त बनेगी। भारत को खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आयल पॉम पौध रोपण अहम कदम है। भारत में वर्तमान में 60 से 70 प्रतिशत खाद्य तेल का आयात किया जाता है. जिसमें अकेले पाम ऑयल की हिस्सेदारी लगभग 55-60 प्रतिशत है। इस चुनौती को देखते हुए ऑयल पाम की खेती को बढ़ावा देना रणनीतिक एवं आर्थिक दोनों दृष्टियों से अत्यंत आवश्यक हो गया है।ऑयल पाम एक ऐसी फसल है. जिसमें न्यूनतम मजदूर की आवश्यकता होती है। ऑयल पाम पौधे में बीमारी होने की संभावना कम होती है। इसकी विशेषता यह है कि एक बार पौधरोपण करने के बाद चौथे वर्ष से उत्पादन शुरु होकर लगातार 25-30 वर्षों तक उत्पादन लिया जा सकता है। प्रति हेक्टेयर 143 पौधे त्रिकोणीय विधि से लगाए जाते है, जिससे चौथे वर्ष में 4-6 टन और सातवें वर्ष के बाद 20-25 टन उत्पादन होने लगता है। यह फसल प्रति हेक्टेयर पारंपारिक फसलों की तुलना में 4 से 6 गुना अधिक तेल उत्पादन देती है। किसान प्रति हेक्टेयर 3 से 4 लाख तक की सालाना आय प्राप्त कर सकते है। यह धान के बदले अन्य फसलों के विकल्प के रुप में एक अच्छा फसल है। यह फसल ड्रीप के माध्यम से न्यूनतम सिंचाई में भी अच्छा उत्पादन का माध्यम है। पाम ऑयल की खेती न केवल फायदेमंद है, बल्कि देश की खाद्य तेलों पर आयात की निर्भरता को भी कम करेगी।उपसंचालक उद्यान डॉ कमलेश दीवान ने बताया कि किसानों के लिए इसमें आय बढ़ाने का एक और मौका रहता है। पौधे लगाने के बाद पेड़ बनने तक यानी तीन साल किसान पौधों के बीच में ग्राफ्टेड बैंगन, टमाटर, अदरक, हल्दी जैसी फसल लगा सकते है। ऑयल पाम क्षेत्र विस्तार को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की प्रचलित अनुदान प्रावधान न्यूनतम राशि 1.30 लाख के अलावा राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त अनुदान (टॉप-अप) के साथ अधिकतम 2.30 लाख प्रति हेक्टेयर का प्रावधान है। इसमें प्रति हेक्टेयर उद्यानिकी विभाग की ओर से किसानों को रोपण सामग्री, मेंटनेंस, बोरवेल, पंपसेट, फेरािग, ड्रिप के लिए सब्सिडी दी जावेगी। जिले में प्रीयूनिक एशिया प्रायवेट लिमि. कंपनी का विभाग के साथ एमओयू हुआ है। इसमें कंपनी मौके से ही किसानों की फसल खरीदेगी। किसानों को कहीं भी जाने की जरुरत नहीं होगी।किसान योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिए वरिष्ठ उद्यानिकी विभाग अधिकारी बिल्हा श्री अशोक कुमार परस्ते मो0न0 9617483390, उद्यानिकी विकास अधिकारी तखतपुर श्री जैनेन्द्र कुमार पैकरा मो0न0 6265981957, वरिष्ठ उद्यानिकी विभाग अधिकारी कोटा श्री साधूराम नाग मो0न0 9165490297, प्रभारी उद्यान अधीक्षक मस्तूरी श्रीमती निशा चंदेल मो0न0 7000441324, प्रबंधक प्रीयूनिक एशिया प्रायवेट लिमिटेड श्री संजीव गाईन मो0न0 9630053999 एवं प्रतिनिधि कंपनी क्षेत्रीय प्रतिनिधि प्रीयूनिक एशिया प्रायवेट लिमिटेड श्री शिव भास्कर मो0न0 9131004397 से संपर्क कर सकते है। -
- संयुक्त सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में सड़क दुर्घटनाएं रोकने की गई रायशुमारी*
दुर्ग/ जिला कार्यालय के सभा कक्ष में आज संयुक्त सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित की गई। सांसद श्री विजय बघेल की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में विधायक श्री डोमन लाल कोर्सेवाड़ा, श्री ललित चन्द्राकर एवं श्री गजेन्द्र यादव तथा कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री विजय अग्रवाल भी सम्मिलित हुए। बैठक में सड़क दुर्घटनाओं के कारणों और उसके रोकथाम के उपायों पर रायशुमारी की गई। बैठक को सम्बोधित करते हुए सांसद श्री विजय बघेल ने कहा कि सड़क दुर्घटनाएं और असमय मौत को रोकने हेतु कारगर पहल करना समिति का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में यातायात के संसाधन बढ़ने के साथ हमें सजगता के साथ ट्रैफिक नियमों का जनता से पालन करवाना जरूरी हो गया है। यातायात नियमों की उल्लंघन करने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई होना चाहिए, लेकिन यह ध्यान रखा जाए कार्रवाई के नाम पर आम जनता परेशान न हो। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग में दुर्घटनाएं रोकने सभी आवश्यक पहल किया जाए। समयबद्ध ढंग से एक-एक करके अनावश्यक डिवाइडर को बंद करायी जाए। सांसद श्री बघेल ने आश्वस्त किया कि सड़क सुरक्षा और दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु जिला एवं पुलिस प्रशासन के कार्यों को यहां के जनप्रतिनिधिगण हर संभव सहयोग करेंगे।बैठक में एजेंडावार क्रमशः नेशनल हाइवे 53 में सर्विस रोड व मुख्य मार्ग के बीच सड़क बेरियर लगाने जाने, अतिक्रमण हटाने, रोड मार्किंग व समुचित प्रकाश व्यवस्था। ज्योति कटिंग/जनता कटिंग को बंद कर रेल नगर चरोदा कटिंग को खोलने, मार्केट एरिया व व्यवसायिक संस्थानों के सामने रोड को व्हाईट पट्टी से मार्किंग। शहर के प्रमुख चौक-चौराहे पर लेफ्ट टर्न बनाने, दुर्घटना में घायलों की प्राथमिक उपचार हेतु एम्बुलेंस की व्यवस्था। स्कूल के सामने संकेत बोर्ड, चेतावनी बोर्ड, साईन बोर्ड, नो पार्किंग एवं अन्य आवश्यक बोर्ड लगाने। राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे संचालित शराब दुकानों को अन्य जगह स्थांनांतरित करने। नो एन्ट्री जोन, गुरूद्वारा तिराहा से दुर्ग शहर की ओर एवं अंजोरा बायपास से पुलगांव दुर्ग शहर की ओर भारी मालवाहकों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने। बस स्टैण्ड, सुलभ शौचालय के पीछे एरीकेशन विभाग के रिक्त भूमि पर पार्किंग स्पेस तैयार कराने। राजेन्द्र पार्क चौक, ग्रीन चौक एवं पुलगांव चौक से जेल तिराहा तक मीडियम साइज डिवाइडर बनाने। झरोखा बोगदा पुलिया से डी-मार्ट एवं आरोग्यम हॉस्पिटल से बोगदा पुलिया तक सड़क मार्ग की दोनों ओर सर्विस रोड का निर्माण। उतई पाटन एवं पाटन मोतीपुर अमलेश्वर, पुलगांव अण्डा रोड में रात्रि के समय समुचित प्रकाश की व्यवस्था। रेल चौक (ग्लोब चौक) में सिग्नल की स्थापना, खुर्सीपार रोलिंग मिल गेट से सिरसाकला चौक तक बीएसपी बाउण्ड्रीवॉल के किनारे-किनारे राष्ट्रीय राजमार्ग के पैरलर सड़क निर्माण। दुर्ग भिलाई शहरी क्षेत्र के प्रमुख चौक-चौराहों पर सुगम यातायात संचालन हेतु ट्रैफिक बूथ निर्माण और सड़क सुरक्षा मितान का चिन्हांकन व सहायता राशि के संबंध में चर्चा की गई।बैठक में विधायक श्री गजेन्द्र यादव, श्री ललित चन्द्राकर और श्री डोमन लाल कोर्सेवाड़ा ने भी जिले में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु अपने महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किये। अधिकारियों ने सड़क सुरक्षा के संबंध में सौपे गये विभागीय कार्यों के अद्यतन प्रगति के संबंध में समिति को अवगत कराया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात सुश्री ऋचा मिश्रा ने पी.पी.टी. के माध्यम से वर्ष 2023-24 एवं माह जनवरी से जून 2025 तक सड़क दुर्घटनाओं की माहवार तुलनात्मक जानकारी प्रस्तुत की। इसी प्रकार जनवरी से जून 2025 तक की मार्गवार, समयवार एवं थानेवार जानकारी प्रस्तुत की गई। उन्होंने मोटर व्हीकल एक्ट के प्रमुख धाराओं में चालानी कार्रवाई, ग्रे स्पॉट व ब्लैक स्पॉट, अधोसंरचना सुधार, सड़क बेरियर, राष्ट्रीय राजमार्ग में प्रमुख चौक-चौराहों पर रम्बल्ड स्ट्रिक, ई-रिक्शा एवं ऑटो चालकों के लिए रूट तथा स्टैण्ड व्यवस्था की ओर समिति का ध्यान आकृष्ट किया। बैठक में एडीएम श्री विरेन्द्र सिंह, जिला पंचायत के सीईओ श्री बी.के. दुबे, नगर निगम भिलाई के आयुक्त श्री राजीव पाण्डेय, नगर निगम दुर्ग के आयुक्त श्री सुमीत अग्रवाल, नगर निगम रिसाली की आयुक्त श्रीमती मोनिका वर्मा, एसडीएम श्री महेश राजपूत एवं श्री हितेश पिस्दा सहित पुलिस एवं समस्त विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। -
दुर्ग/ खरीफ 2025 सीजन के लिए जिले में किसानों को बीज की उपलब्धता को लेकर कोई समस्या नहीं है। कृषि विभाग द्वारा विभिन्न फसलों के लिए 28,167 क्विंटल बीज की मांग की गई थी, जिसके मुकाबले आज दिनांक तक धान, अरहर, सोयाबीन, उड़द, मूंग और रागी सहित कुल 29,649.78 क्विंटल बीज उपलब्ध कराया गया है। यह आंकड़ा मांग से 108% अधिक उपलब्धता को दर्शाता है, जिससे किसानों को पर्याप्त बीज उपलब्ध हो पाया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, उपलब्ध बीज में से 27,178.10 क्विंटल बीज जिले की 87 सेवा सहकारी समितियों द्वारा किसानों को वितरण हेतु उपलब्ध कराया गया है, जो कि उपलब्ध बीज का लगभग 94% है जिसका किसानों द्वारा उठाव किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त, विभागीय प्रदर्शनों के लिए कृषि विभाग के पास 183 क्विंटल बीज मौजूद है, जबकि बीज उत्पादन कार्यक्रम और किसानों को नगद बिक्री हेतु प्रक्रिया केंद्र रुआबांधा से 1,952 क्विंटल बीज उपलब्ध कराया गया है। किसानों को उनकी मांग के अनुरूप बीज निगम द्वारा प्रमाणित, आधार और प्रजनक बीज उपलब्ध कराया गया है। इन बीजों का उपयोग सामान्य बोनी के साथ-साथ आगामी वर्ष हेतु बीज उत्पादन कार्यक्रम में भी किया जा रहा है, जिससे भविष्य के लिए भी गुणवत्तापूर्ण बीज की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। वर्तमान में, वितरण के उपरांत समितियों में 1,100 क्विंटल और बीज निगम में 530 क्विंटल बीज शेष है। इन बचे हुए बीजों का वितरण/विक्रय कार्य किसानों के बीच निरंतर जारी है। कृषि विभाग के मैदानी अमले भी किसानों को उनकी मांग के अनुरूप समितियों और बीज निगम में उपलब्ध बचे हुए बीज को खरीदने के लिए लगातार मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं। जिले के किसान इस पर्याप्त उपलब्धता से बेहद संतुष्ट हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की किसान हितैषी निति के तहत किसानों को सहकारी समिति में जरूरत के अनुसार अच्छी गुणवत्ता का बीज आसानी से मिल गया हैं। बीज प्रबंधक श्री एस. के. बेहरा ने आश्वस्त किया है कि चालू खरीफ सीजन के दौरान जिले में किसी भी फसल के बीज की कोई समस्या या कमी नहीं है। यह सुनिश्चित किया गया है कि किसानों को उनकी आवश्यकतानुसार गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध हो सके, जिससे खरीफ की बुवाई सुचारु रूप से संपन्न हो सके और अच्छी फसल का लाभ मिल सके। -
*- गड्ढों को मलबे और मुरूम से भरे जा रहे हैं*
*- धान वाहन का परिवहन होगा सुगम*दुर्ग,/ कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह के निर्देश के परिपालन में जिले के धान संग्रहण केन्द्र सेलूद और अरसनारा अंतर्गत सड़क मरम्मत का कार्य प्रारंभ हो गया है। संग्रहण केन्द्र के सड़कों में गड्ढे मलबे और मुरूम से भरे जा रहे हैं। जिससे अब धान परिवहन व्यवस्था सुगम हो जाएगी। धान से लोडेड ट्रक अब फंसेंगे नहीं, जिससे धान परिवहन में तेजी आएगी। वहीं संग्रहण केन्द्रोें से धान का उठाव भी तेज गति से होगी। ज्ञात हो कि विगत दिवस कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने धान संग्रहण केन्द्रों का निरीक्षण कर सड़कों के गड्ढे मलबों एवं मुरूम से भरने के निर्देश दिये थे। अरसनारा संग्रहण केन्द्र में नगर पालिका अहिवारा एवं जामुल से मलबे लाये जा रहे हैं। वहीं सेलूद संग्रहण केन्द्र में भिलाई-03 चरौदा निगम से मलबे लाये जा रहे हैं। संग्रहण केन्द्र में ट्रकों के आवाजाही हेतु गड्ढों में मलबे एवं मुरूम डालकर मार्ग मरम्मत किया जा रहा है। -
*- नव प्रवेशी बच्चों को तिलक लगाकर और मुंह मीठा कर किया गया स्वागत*
*- बच्चों को पाठ्यपुस्तक एवं गणवेश का किया गया वितरण**- मेघावी विद्यार्थियों को मेडल प्रदान कर किया गया सम्मानित**- मुख्य अतिथि सांसद श्री बघेल ने उल्लास नवभारत साक्षरता अभियान की दिलाई शपथ**- मुख्यमंत्री सरस्वती सायकल योजना के तहत 9वीं कक्षा के नव प्रवेशी छात्राओं को किया गया सायकल वितरण*दुर्ग,/ सांसद श्री विजय बघेल के मुख्य आतिथ्य में तथा विधायक दुर्ग ग्रामीण श्री ललित चंद्राकर, विधायक दुर्ग शहर श्री गजेन्द्र यादव की उपस्थिति में आज जिला स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव कार्यक्रम का आयोजन स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम जे.आर.डी.बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक शाला में आयोजन किया गया। जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह भी सम्मिलित हुए। बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर अतिथियों का स्वागत किया गया। मुख्य अतिथि सांसद श्री बघेल और अन्य अतिथियों ने आंगनबाड़ी के नन्हे-मुन्ने बच्चों को तिलक लगाकर, माला पहनाकर एवं मिठाई खिलाकर स्वागत किया। इसके साथ ही पहली, छठवीं एवं नवमी कक्षा के नवप्रवेशी विद्यार्थियों को गणवेश और पाठ्यपुस्तकें भेंट की गईं। अतिथियों का स्वागत बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर किया गया।अतिथियों द्वारा विद्या की देवी सरस्वती की तैलचित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। मुख्य अतिथि सांसद श्री बघेल एवं अन्य अतिथियों ने नन्हे-मुन्ने आंगनबाड़ी बच्चों का तिलक लगाकर, माला पहनाकर व मिठाई खिलाकर स्वागत किया। इसके साथ ही विभिन्न शासकीय विद्यालयों से आए कक्षा पहली, छठवी और नवमीं के नवप्रवेशी विद्यार्थियों को भी तिलक लगाकर व मिठाई खिलाकर, गणवेश और पाठ्यपुस्तक भेंट कर जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग ने बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना की।शाला प्रवेश उत्सव को सम्बोधित करते हुए सांसद श्री बघेल ने इस अवसर पर कहा कि जे.आर.डी. स्कूल की ऐतिहासिक महत्ता रही है, जहां से पढ़कर कई छात्र आज उच्च पदों पर कार्यरत हैं। उन्होंने सरकारी स्कूलों की बदली छवि की सराहना करते हुए कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद ये स्कूल बेहतर परिणाम दे रहे हैं और प्राइवेट स्कूलों के समकक्ष खड़े हो रहे हैं। सांसद श्री बघेल ने कहा कि स्वर्गीय झाडू राम देवांगन की स्मृति में इस स्कूल का नाम रखा गया है। यह दुर्ग जिले का बहुत पुराना स्कूल है। उन्होंने सभी नवप्रदेश बच्चों को बधाई और शुभकामनाएं दी। सांसद बघेल ने कहा कि कुछ वर्षों पहले तक यह माना जाता था कि शासकीय स्कूलों में न तो पढ़ाई होती है और न ही पर्याप्त व्यवस्था होती है, लेकिन आज स्थिति पूरी तरह बदल गई है। उन्होंने विद्यालय के शिक्षक और प्राचार्य को धन्यवाद दिया कि उन्होंने सीमित संसाधनों के बावजूद इन स्कूलों ने बेहतर परिणाम दिए हैं, जो कि निजी स्कूलों के लिए भी एक प्रेरणा हैं। उन्होंने कहा कि आज शिक्षा एक व्यवसाय बन गया है, जहां अधिक फीस लेकर भी जरूरी नहीं कि गुणवत्ता दी जा रही हो। जबकि शासकीय विद्यालयों में वही पाठ्यक्रम, सीमित संसाधन और कम फीस के बावजूद बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि शासकीय विद्यालयों को और मजबूत करने की दिशा में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय निरंतर प्रयासरत हैं, वहीं प्रधानमंत्री भी शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता जैसे अमूल्य विषयों पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। सांसद बघेल ने कहा कि पीएमश्री योजना के माध्यम से शिक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव आया है और इसका लाभ आने वाली पीढ़ियों को मिलेगा। यह नई पीढ़ी ही कल के भारत की रचना करेगी। उन्होंने कहा कि शासकीय विद्यालयों के बच्चे अब यह साबित कर रहे हैं कि वे किसी से कम नहीं हैं। इस अवसर पर विधायक ग्रामीण श्री ललित चंद्राकर ने भी शाला प्रवेश उत्सव को सम्बोधित किया। विधायक गजेन्द्र यादव ने भी अपने छात्र जीवन की यादें साझा कीं और शिक्षक व विद्यालय प्रशासन को उनकी सकारात्मक पहल के लिए धन्यवाद दिया।कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा एक ऐसा धन है जिसे न तो कोई चुरा सकता है, न ही खत्म किया जा सकता है। यह ऐसा अमूल्य संसाधन है जो बाँटने से और अधिक बढ़ता है। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि बच्चों की पहली पाठशाला उनका घर होता है, जहाँ उन्हें माता-पिता से शुरुआती ज्ञान प्राप्त होता है। इसके बाद जैसे ही उनकी उम्र बढ़ती है, वे विद्यालय में प्रवेश लेकर औपचारिक शिक्षा प्राप्त करते हैं और गुरूजनों के सान्निध्य में एक अच्छे नागरिक के रूप में तैयार होते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार गरीब-अमीर सभी को समान रूप से मिला है और आज के दौर में शिक्षा के बिना कोई भी राष्ट्र या समाज तरक्की नहीं कर सकता। शिक्षा से ही व्यक्ति आत्मनिर्भर बनता है और अपने परिवार, समाज और देश के लिए योगदान देता है।इस अवसर पर अतिथियों द्वारा मुख्यमंत्री सरस्वती सायकल योजना के तहत दूरस्थ अंचल में निवास करने वाले 11 छात्राओं को सायकल भी वितरित की गई। इसके अलावा कक्षा दसवीं एवं बारहवीं की परीक्षा उत्कृष्ट अंकों के साथ उत्तीर्ण करने वाले मेधावी छात्राओं को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। साथ ही समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत 6 दिव्यांग बच्चों को व्हीलचेयर प्रदान की गई। वहीं दिव्यांग छात्रा मानसी को राइटर की सहायता से बोर्ड परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने पर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही मुख्य अतिथि सांसद श्री बघेल ने उल्लास नवभारत साक्षरता अभियान की तहत शपथ दिलाई। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्री बजरंग दुबे, जिला शिक्षा अधिकारी श्री अरविन्द मिश्रा तथा शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, विभिन्न स्कूलों के शिक्षक, विद्यार्थी एवं अभिभावक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।