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- राजनांदगांव। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह ने जिला पंचायत सभाकक्ष से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला अधिकारी, जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत के संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित महत्वपूर्ण योजनाओं एवं कार्यक्रमों के प्रगति की गहन समीक्षा की। सीईओ जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह ने स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण अंतर्गत संचालित सभी प्रगतिरत कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने तथा कार्यों का जियो टैग कर एमआईएस में एन्ट्री करने के निर्देश दिए।उन्होंने सभी ग्रामों में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण अनिवार्य रूप से करने तथा यूजर चार्ट लेने कहा। उन्होंने 15 अक्टूबर से 19 नवम्बर 2025 तक आयोजित स्वच्छ संकल्प अभियान के सफल संचालन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। पशु चिकित्सा विभाग द्वारा जनपद पंचायतों को अधोसंरचना निर्माण के लिए उपलब्ध कराई गई राशि से शीघ्र कार्य प्रारंभ करने निर्देशित किया। उन्होंने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अन्तर्गत स्वीकृत कार्यों की विकासखंडवार समीक्षा की और कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कार्यों में वांछित प्रगति नहीं आने पर संबंधितों पर कार्रवाई की जाएगी।सीईओ जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह ने फसल चक्र परिवर्तन, जल संरक्षण, ग्रीष्मकालीन धान की फसल में रोक लगाने के संबंध में विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने ग्राम पंचायतों में नियमित रूप से संगोष्ठी का आयोजन कर कृषकों को धान के बदले कम पानी की फसलों के संबंध में जानकारी देने कहा। उन्होंने प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के लाभ के संबंध में ग्रामीणों को जानकारी देने कहा तथा समर्थ पोर्टल एवं संपदा पोर्टल के कार्यों में प्रगति लाने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री समग्र गामीण विकास योजना, महतारी सदन, परकोलेशन टेंक सहित अन्य निर्माण कार्यों की विस्तृत समीक्षा की गयी तथा अप्रारम्भ एवं अपूर्ण कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण करने हेतु निर्देश दिए गए।
- 0- अब तक 89 खातों में 73 लाख 87 हजार रूपए खाताधारकों एवं खाताधारकों के उत्तराधिकारियों को किया गया भुगतान0- भारतीय जीवन बीमा की दावा नहीं किये गए बीमा पालिसी के क्लेम प्रक्रिया की दी गई जानकारी0- शिविर में जनधन खाता, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा, प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा बीमा, अटल पेंशन योजना सहित अन्य बैंकिंग योजनाओं का किया गया पंजीकरण0- 12 हितग्राहियों को किया गया दावा प्रमाण पत्र का वितरणराजनांदगांव। वित्त मंत्रालय भारत सरकार एवं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के निर्देशानुसार गांधी सभागृह राजनांदगांव में सभी बैंकों एवं जीवन बीमा कंपनियों द्वारा विशेष अभियान आपकी पूंजी आपका अधिकार अंतर्गत निष्क्रिय खातों के सक्रियकरण एवं बिना दावा किये गए जमा राशि को वापस करने के लिए जिला स्तरीय जागरूकता एवं समाधान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का आयोजन वित्त मंत्रालय भारत सरकार एवं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा 1 अक्टूबर 2025 से 31 दिसंबर 2025 तक संचालित विशेष अभियान अंतर्गत किया गया।लीड बैंक अधिकारी जिला अग्रणी बैंक श्री मुनीश शर्मा ने बताया कि अभियान अंतर्गत बैंक द्वारा अब तक 89 खातों में 73 लाख 87 हजार रूपए खाताधारकों एवं खाताधारकों के उत्तराधिकारियों को भुगतान किया गया है। इसके अलावा भारतीय जीवन बीमा की दावा नहीं किये गए बीमा पालिसी के क्लेम प्रक्रिया की जानकारी भी दी गयी। शिविर में भारत सरकार द्वारा संचालित जनधन खाता, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा, प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा बीमा, अटल पेंशन योजना सहित अन्य बैंकिंग योजनाओं का पंजीकरण भी शिविर में किया गया। शिविर में प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की जानकारी भी दी गयी। खातों की पुन: केवाईसी कार्य मौके पर पूर्ण किया गया। जिले में 89 हजार 367 खातों में 26 करोड़ 63 लाख रूपए की राशि देय है। शिविर में बैंक ऑफ इंडिया रायपुर जोनल ऑफिस से उप-मंडल प्रबंधक श्री नागेन्द्र चौरसिया द्वारा 12 हितग्राहियों को दावा प्रमाण पत्र का वितरण किया गया। शिविर में लगभग 15 बैंकों एवं जीवन बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों द्वारा प्रकरणों का निराकरण किया गया।
- 0- श्री रामलाल पालीवाल को बिजली के बिल से मिली मुक्ति, बिजली की बचत एवं उत्पादन से मिली राहत0- प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का सभी को लेना चाहिए लाभराजनांदगांव। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना लोकहित में कारगर साबित हो रही है। सौर ऊर्जा का उपयोग कर बिजली उत्पादन करने की यह योजना ऊर्जा सशक्तिकरण की दिशा में मील पत्थर साबित हो रही है। राजनांदगांव शहर के बसंतपुर वार्ड नंबर 43 के निवासी श्री रामलाल पालीवाल ने बताया कि उन्हें समाचार पत्रों के माध्यम से प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के संबंध में जानकारी मिली। जिसके बाद उन्होंने विद्युत विभाग एवं वेंडर से संपर्क किया एवं अपने घर में 3 किलोवाट का सोलर प्लांट लगवाया है। जिसकी लागत 1 लाख 75 हजार रूपए है। शासन की ओर से 78 हजार रूपए अनुदान राशि प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि पहले बिजली के बिल से परेशान थे। 1200 से 1500 रूपए तक बिजली बिल आता था। वही गर्मियों में बढ़कर 2000 रूपए से अधिक बिजली का बिल देना पड़ता था। उन्होंने कहा कि अब बिजली के बिल से मुक्ति मिल गई है और अतिरिक्त बिजली 446 यूनिट जमा है। प्रतिदिन लगभग 12 से 15 यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन लगभग 10 यूनिट बिजली का उपयोग होता है। श्री रामलाल पालीवाल ने बताया कि अब बिजली बिल से राहत मिली है और बिजली की बचत हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना बहुत उपयोगी है। इसका लाभ सभी को लेना चाहिए। रूफ टॉप सोलर प्लांट पर्यावरण मित्र होने के साथ ही ऊर्जा के संरक्षण की दिशा में उपयोगी है। उन्होंने बताया कि बैंक से ऋण लेने में कोई दिक्कत नहीं हुई 1 लाख 75 हजार रूपए बैंक से तत्काल ऋण मिल गया। ईएमआईके माध्यम से आसान किस्तों में ऋण का भुगतान कर रहे है।उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत अपने घर की छत पर ही ऊर्जा का उत्पादन करने की यह पहल बिजली के बिल से मुक्ति दिलाने तथा ऊर्जा संरक्षण की दिशा में लाभदायक साबित हो रही है। प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत स्थापित प्लांट नेट मीटरिंग द्वारा विद्युत ग्रिड से संयोजित होगा, जिससे उपभोक्ता द्वारा अपनी खपत से अधिक उत्पादित बिजली ग्रिड में सप्लाई हो जाती है। इससे न केवल उपभोक्ता के घर का बिजली बिल शून्य हो जाता है, बल्कि ग्रिड में दी गई बिजली के एवज में अतिरिक्त आय भी प्राप्त होती है। शासन द्वारा प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत 30 हजार रूपए से 78 हजार रूपए तक की सब्सिडी प्रति प्लांट दिए जाने का प्रावधान है। रूफटॉप सोलर संयंत्र की क्षमता अनुसार लागत राशि एवं सब्सिडी अलग-अलग है। उपभोक्ता द्वारा सोलर प्लांट के ब्रांड चयन कर सकते है। 3 किलोवाट से अधिक क्षमता का प्लांट लगाने पर अधिकतम 78 हजार रूपए तक सब्सिडी का प्रावधान है। प्रधानमंत्री सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को वेबसाईट श्चद्वह्यह्वह्म्4ड्डद्दद्धड्डह्म्.द्दश1.द्बठ्ठ या पीएम सूर्यघर मोबाईल एप पर पंजीयन कर लॉग इन आईडी प्राप्त करना होगा। इसके बाद वेब पोर्टल पर उपलब्ध वेंडर का चुनाव कर बिजली कर्मचारी की मदद से वेब पोर्टल पर पूर्ण आवेदन करना होगा। निर्धारित अनुबंध हस्ताक्षरित होने के पश्चात वेंडर द्वारा छत पर प्लांट की स्थापना एवं डिस्कॉम द्वारा नेट मीटर स्थापित किया जाता है। स्थापित प्लांट के सत्यापन पश्चात शासन द्वारा सब्सिडी ऑनलाईन जारी कर दी जाती है। इस दौरान यदि उपभोक्ता इच्छुक हो तो शेष राशि का प्रकरण 7 प्रतिशत ब्याज दर पर बैंक ऋण हेतु बैंकों को जनसमर्थन पोर्टल द्वारा ऑनलाईन प्रेषित किया जाता है।
- 0- पोट्ठ लईका पहल अभियान नवाचार की सफलता को देखते हुए पालक चौपाल पूरे जिले में किया जा रहा संचालित0- पालक चौपाल में पोषण परामर्श का मिला फायदाराजनांदगांव। जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा यूनिसेफ और एबीस की पहल के साथ साझेदारी में पो_ लईका पहल अभियान का संचालन किया जा रहा है। पोट्ठ लईका पहल अभियान जून 2024 से संचालित है। जिसके तहत सर्वाधिक कुपोषित बच्चों वाले 241 आंगनबाडी केन्द्रों का चयन किया गया। जिसमें 323 अति गंभीर कुपोषित, 1080 मध्यम तीव्र कुपोषण, 284 गंभीर रूप से कम वजन वाले बच्चे और 1 हजार 726 मध्यम कम वजन वाले कुल 3 हजार 413 कुपोषित बच्चों को लक्षित किया गया। पोट्ठ लईका पहल अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास तथा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारियों को यूनिसेफ द्वारा पोषण संबंधी परामर्श में गहन प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण के बाद उन्होंने अपने क्षेत्र में पोषण परामर्श देना शुरू किया। कार्यक्रम के अंतर्गत लक्षित आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रत्येक शुक्रवार को पालक चौपाल का आयोजन किया जाता है। इस चौपाल में लक्षित बच्चों के माता-पिता, सरपंच, सचिव, नवविवाहित महिलाएं, गर्भवती महिलाएं, स्व सहायता समूह से जुड़ी हुई महिलाएं शामिल होती हैं। पालक चौपाल में सभी समुदाय को सुपोषण के मुद्दे से जोड़ते हुए उनको पोषण परामर्श दिया जाता है और कुपोषित बच्चों के वजन को हर सप्ताह मॉनिटर किया जाता है। इस अभियान में मार्च 2025 की स्थिति में 2 हजार 246 बच्चों को कुपोषण से बाहर निकाला गया है। इस प्रकार से कुल 65.81 प्रतिशत बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए। इसकी सफलता को देखते हुए इस अभियान पर विशेष जोर दिया जा रहा है।पोट्ठ लईका पहल अभियान की सफलता को देखते हुए इस अभियान का संचालन माह जून 2025 से पूरे जिले में किया जा रहा है। माह जून 2025 की स्थिति में इनमें शामिल 443 अति गंभीर कुपोषित, 2396 मध्यम तीव्र कुपोषण, 731 गंभीर रूप से कम वजन वाले बच्चे और 6 हजार 181 मध्यम कम वजन वाले कुल 6 हजार 912 बच्चे जिन्हें पोषण परामर्श और निगरानी के माध्यम से कुपोषण से बाहर लाने हेतु निरंतर प्रयास किया गया। जिसके परिणाम स्वरूप माह सितम्बर 2025 में इनकी संख्या घटकर 234 अति गंभीर कुपोषित, 1499 मध्यम तीव्र कुपोषण, 526 गंभीर रूप से कम वजन वाले बच्चे और 5197 मध्यम कम वजन वाले कुल 5723 हो गई है। जिन्हें पोषण परामर्श और निगरानी के माध्यम से कुपोषण से बाहर लाने हेतु निरंतर प्रयास किया जा रहा है। राजनांदगांव जिले के सभी ब्लॉक के अति गंभीर कुपोषित बच्चों को ऑगमेंटेड टेक होम राशन (एटीएचआर) भी प्रदान किया जा रहा है और निरंतर प्रत्येक गुरूवार को पालक चौपाल का आयोजन किया जा रहा है ताकि जिले को कुपोषण से मुक्त किया जा सके।
- महासमुंद. महिला एवं बाल विकास विभाग के निर्देश के परिपालन में जिले में बाल विवाह मुक्त ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकाय घोषित करने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास श्री टिक्वेंद्र जटवार ने बताया कि ऐसे ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों को बाल विवाह मुक्त घोषित किया जाना है जहाँ विगत दो वर्षों वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में किसी भी प्रकार का बाल विवाह प्रकरण संज्ञान में नहीं आया हो। जिला महासमुंद अंतर्गत 232 ग्राम पंचायतों एवं 02 नगरीय निकायों से इस संबंध में नियमानुसार प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।इन सभी ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों को बाल विवाह मुक्त घोषित कर प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। इन ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों की विस्तृत सूची जिले की आधिकारिक वेबसाइट www.mahasamund.gov.in पर उपलब्ध है। साथ ही यह सूची जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), जनपद पंचायतों एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी के कार्यालयों के सूचना पटल पर भी चस्पा की गई है। यदि किसी भी व्यक्ति अथवा संस्था को सूची में सम्मिलित किसी ग्राम पंचायत या नगरीय निकाय के संबंध में आपत्ति हो अथवा किसी प्रकार का बाल विवाह प्रकरण संज्ञान में हो, तो वे 6 नवम्बर 2025 को शाम 5.30 बजे तक जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास महासमुंद में कार्यालयीन समय में लिखित रूप में सुसंगत दस्तावेजों सहित दावा-आपत्ति प्रस्तुत कर सकते हैं।
- 0- महिलाओं की आत्मनिर्भरता की सराहना कीरायपुर। राज्यपाल श्री रमेन डेका ने शुक्रवार को धमतरी जिले में ग्राम दुगली में वनधन विकास केन्द्र का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने महिला समूहों द्वारा एलोवेरा से बनाए जा रहे उत्पादों की प्रोसेसिंग एवं पैकेजिंग प्रक्रिया को निकट से देखा और उनकी सराहना की। राज्यपाल ने समूहों द्वारा तैयार अन्य उत्पादों का भी अवलोकन किया। राज्यपाल श्री डेका ने केंद्र में एलोवेरा जैल निर्माण, तिखुर प्रसंस्करण एवं दोना-पत्तल निर्माण की पूरी प्रक्रिया की जानकारी ली। उन्होंने परिसर में लगाई गई एलोवेरा और तिखुर की खेती का भी निरीक्षण किया। इस दौरान कमार जनजाति के समाज प्रमुख, पर्यटन समिति के सदस्य और लखपति दीदियों से राज्यपाल ने आत्मीय संवाद किया।लखपति दीदी श्रीमती देवकुमारी साहू ने राज्यपाल को बताया कि वे बिहान योजना से जुड़कर सेंट्रिंग और दैनिक उपयोग की वस्तुओं का कार्य करती हैं, जिससे उन्हें गांव में ही रोजगार और स्थायी आमदनी मिल रही है। उन्होंने बताया कि बिहान से जुड़ने के बाद उनके जीवन में आर्थिक सुधार हुआ है और अब वे अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा भी दिला पा रही हैं। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव डॉ. सी. आर. प्रसन्ना, मुख्य वन संरक्षक श्रीमती सतोविशा समाजदार, धमतरी जिले के कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा, पुलिस अधीक्षक श्री सूरज सिंह परिहार, वनमण्डलाधिकारी एवं वन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।इको-टूरिज्म समिति के सदस्य श्री माधव सिंह मरकाम ने राज्यपाल को बताया कि जबर्रा ग्राम की प्राकृतिक सुंदरता को प्रदर्शित करने के लिए समिति गठित की गई है, जिससे देश-विदेश के पर्यटक यहां आकर्षित हो रहे हैं। समिति के माध्यम से ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार प्राप्त हुआ है और जीवन स्तर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।नगरी विकासखंड के लीफ आर्टिस्ट श्री विकास शांडिल्य ने पीपल के पत्ते पर उकेरी गई शेर की कलात्मक आकृति राज्यपाल श्री डेका को भेंट की। राज्यपाल ने उनकी कला की प्रशंसा करते हुए आकृतियों के निर्माण में लगने वाले समय और उनकी कीमत के बारे में जानकारी ली। उन्होंने विकास को पत्ते पर और भी कलात्मक आकृति तैयार करने हेतु प्रोत्साहित किया एवं उनकी कृतियों को खरीदने की इच्छा भी व्यक्त की। राज्यपाल श्री डेका ने महिला स्व-सहायता समूहों की दीदियों के साथ आत्मीयतापूर्ण संवाद करते हुए समूहों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की और उनके साथ स्मृति स्वरूप छायाचित्र भी लिए।
- 0- धान खरीदी सहित अन्य योजनाओं के लाभ हेतु 31 अक्टूबर तक पंजीयन अनिवार्यरायपुर। राज्य शासन द्वारा किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। अब सभी किसानों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए एग्रीस्टैक पोर्टल पर पंजीयन कराना अनिवार्य किया गया है। सहायक आयुक्त सहकारिता ने बताया कि एग्रीस्टैक पोर्टल पर पंजीयन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर निर्धारित की गई है, जो किसान पंजीयन से छूटे हों, वे शीघ्र ही अपना पंजीयन करा सकते हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय कृषि क्षेत्र के लिए एक डिजिटल इकोसिस्टम है, जिसे भारतीय सरकार ने विकसित किया है। जिसका उद्देश्य किसानों के लिए एक संपूर्ण डेटाबेस बनाना है, जिसमें उनकी पहचान, भूमि रिकॉर्ड, आय, ऋण, फसल की जानकारी और बीमा इतिहास के बारे में जानकारी शामिल है। एग्रीस्टैक पोर्टल पर पंजीयन कराने से किसानों को धान खरीदी सहित शासन की अन्य योजनाओं का लाभ मिलेगा।एग्रीस्टैक पोर्टल पर पंजीयन के फायदेएग्रीस्टैक पोर्टल पर किसान आईडी बनवाने से किसानों को धान खरीदी, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड, किसान क्रेडिट कार्ड, उर्वरक अनुदान, प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, कृषि मशीनीकरण योजना एवं मुख्यमंत्री किसान सहायता योजना जैसी अनेक केंद्र एवं राज्य शासन की योजनाओं का लाभ सीधे प्राप्त होगा। कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार ने जिले के सभी किसानों से अपील की है, कि वे शीघ्रता से एग्रीस्टैक पोर्टल में पंजीयन कराएँ, ताकि किसी भी योजना का लाभ लेने में उन्हें कठिनाई न हो। उन्होंने बताया कि किसान स्वयं मोबाइल ऐप से ऑनलाइन पंजीयन कर सकते हैं। साथ ही, स्थानीय सीएससी सेंटर, सेवा सहकारी समिति एवं पटवारी कार्यालयों के माध्यम से भी निःशुल्क पंजीयन की सुविधा उपलब्ध है। साथ हीhttps://cgfr.agristack.gov.in/पर भी पंजीयन किया जा सकता है।
- 0- पशु शेड के निर्माण से संपन्न हो रहे हितग्राहीरायपुर। सुविधा एवं साधन विहीन ऐसे हितग्राही जो जीवन में आगे बढ़ने की ललक रखते है उनके लिए सफलताओं का मार्ग भी प्रशस्त होता है। व्यवसाय करने के लिए शासकीय योजनाओं से जुड़कर सफलता के द्वार खुलते है और लक्ष्य की प्राप्ति तब और सूखद अनुभव में परिलक्षित होता है जब मन चाहा काम पूरा हो जाता है। ऐसी ही कहानी है कबीरधाम ज़िले के विकासखंड पंडरिया के ग्राम पंचायत चारभाठाखुर्द के हितग्राही श्री रामफल पिता श्री विश्राम की। महात्मा गांधी नरेगा योजना में दैनिक मजदूरी से अपना जीवन-यापन करने वाले श्री रामफल का सपना छोटा सा व्यवसाय करने का था। गौ पालक बनकर आगे बढ़ने की इच्छा थी लेकिन संसाधनों की कमी आड़े आ रही थी। समस्याओं का समाधान महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से निकला। जिसमें पशु शेड का निर्माण करने से व्यवसाय ने गति पकड़ी और बढ़ती आमदनी से जीवन आसान हो गया। पशु शेड बन जाने से गौ माता को सभी मौसमों में सुरक्षित रखने की सुविधा अलग से मिल गई।आमदनी में बढ़ोतरी और पशुओं की सुरक्षा का साधन बना पशु शेडपशु शेड नहीं होने से अनेकों परेशानियां थी जिसमें प्रमुख रूप से सभी मौसमों से पशुधन को बचाना। खुले में पशुधन रहने के कारण यहा वहां चले जाना, किचड़ एवं गंदगी के कारण गायों को होने वाली बिमारियां और साथ ही इस पर होने वाले खरचो की परेशानी बनी रहती थी। पशु शेड़ बनने के पहले शुरूआत में आमदनी कम हुआ करती थी और पशुधन के देखरेख में ज्यादा पैसे खर्च हो जाते थे। इन सभी समस्याओं का समाधान पशु पालन शेड निर्माण के रूप में स्थायी तौर पर हो गया।पशुशेड निर्माण कार्य पर एक नजरहितग्राही श्री रामफल को अपने पंचायत से पता चला कि महात्मा गांधी नरेगा योजना की सहायता से उनके पशुधन के लिए पक्का शेड निशुल्क बनाया जा सकता है। फिर क्या था उनकी मांग एवं समस्याओं को देखकर ग्राम पंचायत ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के द्वारा इसका हल निकाला। पंचायत ने प्रस्ताव पारित कर पशु शेड निर्माण कार्य 68 हजार 500 रूपए राशि से स्वीकृत कराया गया। स्वीकृति पश्चात् माह अक्टुबर 2023 को पशु शेड निर्माण प्रारंभ किया गया। कार्य प्रारंभ होने पर ऐसा लगा जैसे व्यवसाय में आगे बढ़ने का रास्ता खुल गया हो। देखते ही देखते लगभग एक माह के अल्प समय में निर्माण कार्य पूरा हो गया। पशु शेड निर्माण में स्वंय हितग्राही को 48 दिवस का रोजगार मिला साथ ही 12 मानव दिवस का रोजगार सृजन करते हुए अन्य परिवारो सहित सभी ग्रामीणों को मजदूरी के रूप में 7 हजार 500 रूपए प्राप्त हुए।पशुशेड का महत्व श्री रामफल बहुत अच्छे से जानते थे क्योंकि यही वह जगह है जो उनके व्यवसाय को समय के साथ आगे बढ़ाने में प्रमुख योगदान देकर आजिविका को आगे बढ़ाने का सपना सच होता दिख रहा है। पक्का एवं हवादार पशु शेड बन जाने से व्यवसाय में प्रगति हो रहीं है। 3 से 4 हजार रूपए प्रतिमाह की आमदनी दुध बेचकर होने लगा साथ मे घर के लिए भी दूध मिल रहा है। सारा व्यवसाय अपने घर से संचालित करने की खुशी अलग से।आजीविका के नए साधन बन जाने से परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है और समाज में प्रतिष्ठा बढ़ रही है। आमदनी परिवार के बहुत काम आ रहा है। जिसमें छोटी सी 2 एकड़ के खेतीहर भूमि में उपयोग कर कृषक कार्य कर रहें और अलग से आमदनी का स्त्रोत बन रहा है।हितग्राही श्री रामफल अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि पशुशेड बनाने के पूर्व अपने पशुओं को सुरक्षित रखने की बहुत चिंता रहती थी। खुले में पशुधन को बरसात के दिनों में पानी से बचाने एवं सर्दी के दिनों में ठण्ड से बचाना बड़ी समस्या था। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण पशुशेड नही बन पा रहा था। रोजगार गारंटी योजना से मेरी सभी चिन्ताएं दूर हो गई और अब पशुधन के सुरक्षा की चिन्ता नही रही। पशुधन से होने वाली आमदनी गौसेवा में लगा रहा हूं और साथ ही अपने व्यवसाय को आगे बढ़ने के लिए और अधिक गाय पालने में समर्थ हो गया हूं।
- 0- मां अंगारमोती मंदिर परिसर में आयोजित मड़ई में बैगाओं व लोगों की भीड़धमतरी। मां अंगारमोती मंदिर परिसर में 24 अक्टूबर को आयोजित गंगरेल मड़ई में 52 गांवों के देवी-देवता व 45 गांवों के आंगा देवता शामिल हुए, जिसे देखने हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी। पूजा-अर्चना के बाद मड़ई शुरू हुई। वहीं संतान की कामना को लेकर मंदिर परिसर में 200 से अधिक महिलाएं जमीन पर लेट गई, जिनके उपर से बैगाओं का दल गुजरा। रात तक लोग मड़ई का लुत्फ उठाते रहे। गंगरेल में परंपरा के अनुसार हर साल दिवाली त्योहार के बाद पड़ने वाले प्रथम शुक्रवार को मेला मडई का आयोजन होता है। मां अंगारमोती मंदिर के बैगा सूदे सिंह ने बताया कि शुक्रवार को गंगरेल मड़ई में शामिल होने के लिए धमतरी, बालोद, कांकेर और कोंडागांव जिले के 52 गांवों के देवी-देवता व 45 गांवों के आंगा देव दोपहर तक गंगरेल बांध किनारे मां अंगारदेवी मंदिर परिसर पहुंच गए। दोपहर को पूजा-अर्चना के साथ मड़ई का दौर शुरू हुआ। मंदिर परिसर में उपस्थित बैगाओं के दर्शन व स्वागत करने लोगों की रेलमपेल मची रही।
- रायपुर कलेक्टर कार्यालय रायपुर की नाजरात शाखा द्वारा जिला रायपुर अंतर्गत निष्प्रयोज्य (अनुपयोगी) सामग्रियों की सार्वजनिक नीलामी आयोजित की जाएगी। यह नीलामी दिनांक 30 अक्टूबर 2025 (गुरुवार) को प्रातः 11:00 बजे, रेडकॉस भवन सभा कक्ष, कलेक्टोरेट परिसर रायपुर में संपन्न होगी।नीलामी में लकड़ी, लोहा एवं प्लास्टिक/रबर श्रेणी की वस्तुएँ सम्मिलित हैं, जिनका विवरण इस प्रकार है - लकड़ी की वस्तुएँ :- चेयर (गद्दा वाला) – 07 नग, चेयर (केनिन वाला) – 09 नग, दरवाजा – 02 नग, टेबल – 04 नग, लकड़ी का काँच लगा रैक – 01 नगलोहा की वस्तुएँ :- 1. चेयर – 03 नग, 2. टेबल – 04 नग, 3. फोटो कॉपी मशीन – 01 नगप्लास्टिक/रबर सामग्री :- टायर – 30 नगइच्छुक व्यक्ति या संस्थान निर्धारित दिनांक एवं समय पर उपस्थित होकर बोली लगाकर नीलामी में भाग ले सकते हैं। सर्वोच्च बोली लगाने वाले को तत्काल राशि जमा करनी होगी तथा सामग्री का उठाव अपने व्यय पर करना होगा। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें नाजिर शाखा, कलेक्टर कार्यालय |
- रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में परिवहन विभाग द्वारा वाहन चालकों की योग्यता और सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए ड्राइविंग टेस्ट और लाइसेंसिंग प्रक्रिया का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। परिवहन मंत्री श्री केदार कश्यप के निर्देशानुसार राज्य के 8 जिले रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, जगदलपुर, अंबिकापुर, रायगढ़ और कोरबा में ई-ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक (ई-ट्रैक) की स्थापना की जा रही है।अब लाइसेंस प्रक्रिया अधिक पारदर्शी एवं निष्पक्षइन आधुनिक ई-ट्रैकों के माध्यम से ड्राइविंग टेस्ट पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी तरीके से लिए जाएंगे। इसका उद्देश्य है कि ड्राइविंग परीक्षण में मानव हस्तक्षेप कम हो, निष्पक्षता बनी रहे और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आए। ई-ट्रैक प्रणाली में वाहन नियंत्रण, लेन अनुशासन, सिग्नलिंग, गति नियंत्रण और सड़क सुरक्षा से जुड़ी तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। इसमें लगे डिजिटल सेंसर और कैमरे अभ्यर्थियों की ड्राइविंग क्षमता का सटीक मूल्यांकन करेंगे। इससे लाइसेंस प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष होगी तथा पात्र आवेदकों को समय पर सही परिणाम प्राप्त होंगे।परिवहन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि यह पहल न केवल सड़क सुरक्षा को बढ़ाएगी बल्कि छत्तीसगढ़ को स्मार्ट परिवहन व्यवस्था की दिशा में आगे ले जाएगी। सुरक्षित और आधुनिक परिवहन व्यवस्था राज्य के लोगों के जीवन में सहजता और भरोसा लाएगी। उन्होंने कहा कि यह राज्य में सुरक्षित, स्मार्ट और विश्वसनीय परिवहन व्यवस्था के निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम है।परिवहन सचिव श्री एस प्रकाश ने कहा कि ई-ट्रैक की मदद से योग्य चालकों को प्रमाणित किया जाएगा, जिससे जिम्मेदार ड्राइविंग को बढ़ावा मिलेगा और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी। उन्होंने बताया कि इन जिलों में ई-ट्रैक शुरू होने के बाद आवेदक ऑनलाइन आवेदन और अपॉइंटमेंट बुकिंग के माध्यम से ड्राइविंग टेस्ट दे सकेंगे। सफल परीक्षण के बाद उन्हें डिजिटल फीडबैक और लाइसेंस जारी किया जाएगा।
- रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य के रजत जयंती वर्ष में कोरिया जिले ने सिंचाई के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। पिछले 25 वर्षों में जिले की कुल सिंचित रकबा में ढाई गुना से अधिक वृद्धि हुई है। वर्ष 2000 में जिले का सिंचित रकबा 18 हजार 13 हेक्टेयर था, जो अब बढ़कर 21 हजार 102 हेक्टेयर तक पहुँच गया है। यह वृद्धि जिले की कृषि व्यवस्था और जल संसाधन प्रबंधन में आए सकारात्मक परिवर्तन को दर्शाती है। यदि सिंचाई प्रतिशत की बात करें तो यह वर्ष 2000 में 13.72 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर 34.55 प्रतिशत हो गई है। कोरिया जिले में रबी फसलों के सिंचाई रकबे में भी उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है। वर्ष 2000 में जहाँ मात्र 3 हजार 595 हेक्टेयर में रबी फसलों को सिंचाई सुविधा प्राप्त थी, वहीं अब यह क्षेत्र बढ़कर 5 हजार 469 हेक्टेयर तक पहुँच गया है।जल संसाधन संभाग, बैकुंठपुर के अनुसार, वर्ष 2000 में जिले में 1 मध्यम और 63 लघु सिंचाई परियोजनाएँ संचालित थीं। वर्तमान में 2025 में यह संख्या 2 मध्यम और 58 लघु परियोजनाओं तक है। इस बीच अविभाजित कोरिया जिले की 43 लघु परियोजनाएँ नवगठित मनेंद्रगढ़ -चिरमिरी-भरतपुर जिले को हस्तांतरित की गई हैं। वर्ष 2000 में 28 हजार 619 किसान सिंचाई परियोजनाओं से लाभान्वित हो रहे थे, जबकि अब लाभान्वित किसानों की यह संख्या बढ़कर 40 हजार 210 तक पहुँच गई है। जिले में वर्तमान में कुल 60 सिंचाई परियोजनाएँ संचालित हैं, जिनमें से 2 प्रमुख हैं। यह उपलब्धि न केवल कोरिया जिले की कृषि उत्पादकता में वृद्धि का प्रतीक है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती और किसानों की जीवनशैली में आए सकारात्मक बदलाव का भी द्योतक है ।
- 0- विद्यार्थियों के हित में माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर की विशेष पहलरायपुर। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल, रायपुर द्वारा विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य एवं भावनात्मक संतुलन को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों के मानसिक तनाव को दूर करने हेतु एक विशेष हेल्पलाइन सेवा प्रारंभ की जा रही है। देश में आत्महत्याओं की बढ़ती घटनाओं तथा शैक्षणिक संस्थानों में विद्यार्थियों पर बढ़ते मानसिक दबाव को देखते हुए मण्डल ने यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है l इस हेल्पलाइन से विद्यार्थी अपने मानसिक तनाव, घबराहट या अन्य मनोवैज्ञानिक समस्याओं का समाधान विशेषज्ञों से प्राप्त कर सकेंगे।यह हेल्पलाइन सेवा माध्यमिक शिक्षा मण्डल कार्यालय, रायपुर में संचालित की जाएगी। विद्यार्थी टोल फ्री नम्बर 1800-233-4363 पर प्रत्येक शुक्रवार दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक संपर्क कर सकते हैं। इस सेवा का शुभारंभ 31 अक्टूबर 2025 से किया जा रहा है। इस अवधि में योग्य मनोवैज्ञानिक एवं मनोचिकित्सक विद्यार्थियों के मार्गदर्शन के लिए उपलब्ध रहेंगे। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल का यह प्रयास विद्यार्थियों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उन्हें तनावमुक्त शैक्षणिक वातावरण प्रदान करने की दिशा में एक सराहनीय एवं सकारात्मक पहल है।
- रायपुर,। छत्तीसगढ़ की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने आज भटगांव के दुर्गा मंदिर के समीप स्थित छठ घाट का निरीक्षण कर पर्व की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के सभी आवश्यक प्रबंध समय पर पूरे किए जाएं ताकि छठ महापर्व शांति, सौहार्द और श्रद्धा के साथ संपन्न हो सके।मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने घाट की साफ-सफाई, जल स्तर, सुरक्षा व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था और आवागमन की सुगमता का विस्तार से निरीक्षण किया। उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों से कहा कि घाट पर पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था, साउंड सिस्टम और शुद्ध पेयजल की सुविधा सुनिश्चित की जाए। साथ ही, भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में महिला सुरक्षा और यातायात व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि छठ पर्व भारतीय संस्कृति का अत्यंत पवित्र पर्व है, जो सूर्य उपासना और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक है। इस पर्व में महिलाएं निर्जला उपवास रखकर परिवार की सुख-समृद्धि और कल्याण की कामना करती हैं। अतः इस आयोजन में स्वच्छता और सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
- भिलाईनगर। नगर पालिक निगम भिलाई जोन क्रमांक-05 अंतर्गत हुड़को तालाब, महाकालेश्वर तालाब, अमृत मिशन उद्यान, सुभाष उद्यान सहित रोड साफ-सफाई का निरीक्षण आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय द्वारा किया गया। निगम आयुक्त एवं महापौर परिषद सदस्य सीजू एंथोनी द्वारा हुड़को तालाब एवं महाकालेश्वर तालाब का निरीक्षण किया गया। छठ पर्व से पहले तालाबों की साफ-सफाई कराने के साथ अन्य तालाबों की सफाई कराने निर्देशित किए हैं । जिससे श्रद्वालुओं को पूजा, अर्चना में किसी प्रकार की परेशानी न हो। पर्यावरण एवं हरियाली को दृष्टिगत रखते हुए अमृत मिशन उद्यान एवं सुभाष उद्यान का अवलोकन किया गया, ग्रास कटिंग, वृक्षारोपण एवं अन्य व्यवस्थाओं के सुधार हेतु उद्यान अधिकारी तिलेश्वर साहू को निर्देशित किये । उद्यानों के भीतर किए गए सोलर प्रकाश व्यवस्था हेतु पोल एवं लाईटो का संधारण कराने निर्देशित किया गया है। सड़को की साफ-सफाई व्यवस्था का जायजा लेते हुए एकत्रित कचरे को एस.एल.आर.एम. सेंटर भेजवाने निर्देशित किए है। निरीक्षण के दौरान जोन आयुक्त अमरनाथ दुबे, सहायक अभियंता श्वेता महेश्वर, उप अभियंता शंकर सुवन मरकाम, जोन स्वास्थ्य अधिकारी सागर दुबे एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।
- रायपुर, /भारत निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा आयोजित दो दिवसीय मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs) का सम्मेलन आज इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल मैनेजमेंट (IIIDEM), नई दिल्ली में संपन्न हुआ। सम्मेलन की अध्यक्षता मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने की। इस अवसर पर निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी भी उपस्थित रहे। देशभर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने इस सम्मेलन में भाग लिया।बैठक में आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को अपने-अपने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण की तैयारियों को अंतिम रूप देने के निर्देश दिए। आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा एसआईआर प्रक्रिया पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया तथा राज्यों द्वारा उठाए गए सभी प्रश्नों का समाधान किया गया।आयोग ने पूर्व में जारी निर्देशों पर हुई प्रगति की समीक्षा की, जिसके अंतर्गत राज्यों को वर्तमान मतदाताओं की तुलना पिछले एसआईआर के दौरान दर्ज मतदाता आंकड़ों से करने के निर्देश दिए गए थे।सम्मेलन के दौरान आयोग ने आगामी चुनाव वाले राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों - असम, तमिलनाडु, पुदुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल - के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठकों में विस्तृत चर्चा भी की। यह सम्मेलन 10 सितंबर 2025 को आयोजित एसआईआर तैयारी सम्मेलन की अनुवर्ती कड़ी के रूप में आयोजित किया गया। उस बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपने-अपने क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या, पिछले एसआईआर की अर्हता तिथि तथा मतदाता सूची से संबंधित जानकारी प्रस्तुत की थी।
- रायपुर /छत्तीसगढ़ राज्य में डिजिटल सेवाओं के विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में आज सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के “राज्य कार्यालय सह प्रशिक्षण केंद्र” भवन का भूमि पूजन समारोह सेक्टर-24, नवा रायपुर अटल नगर में विधिवत संपन्न हुआ।यह भवन छत्तीसगढ़ में सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) के स्थायी राज्य कार्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा, जो राज्य में डिजिटल सशक्तिकरण, प्रशिक्षण और सेवा समन्वय का प्रमुख केंद्र बनेगा।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के प्रबंध संचालक श्री संजय कुमार राकेश एवं विशिष्ट अतिथि श्री संतोष कुमार आर्या, कार्यपालन अभियंता उपस्थित रहे। इस अवसर पर अन्य गणमान्य अतिथि, राज्य टीम के अधिकारी, जिला समन्वयक एवं विभिन्न जिलों के वीएलई प्रतिनिधि भी सम्मिलित हुए।समारोह का शुभारंभ पारंपरिक विधि से दीप प्रज्वलन एवं भूमि पूजन के साथ हुआ। इसके पश्चात अतिथियों ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपने विचार व्यक्त किए।मुख्य अतिथि श्री संजय कुमार राकेश ने अपने उद्बोधन में कहा कि “यह नया सीएससी राज्य कार्यालय छत्तीसगढ़ में डिजिटल सेवाओं के प्रसार का केंद्र बनेगा। इससे न केवल वीएलई नेटवर्क को मजबूती मिलेगी, बल्कि नागरिकों तक सरकारी योजनाओं की पहुँच और भी सरल एवं प्रभावी होगी।”यह नया भवन सीएससी के राज्य स्तरीय मुख्यालय के रूप में कार्य करेगा, जहाँ से आधार नामांकन, जी2सी सेवाएँ, वित्तीय समावेशन, डिजिटल साक्षरता एवं परियोजना मॉनिटरिंग जैसे प्रमुख कार्यक्रमों का संचालन किया जाएगा। इससे राज्य में प्रशिक्षण और सेवा विस्तार की प्रक्रिया और अधिक संगठित व सशक्त होगी।कार्यक्रम का स्वागत उद्बोधन सीएससी राज्य प्रमुख श्री जयनारायण पटेल द्वारा किया गया। उन्होंने सभी अतिथियों एवं सहयोगियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “सीएससी, डिजिटल इंडिया मिशन की रीढ़ है और यह भवन उस मिशन को नई ऊर्जा और दिशा प्रदान करेगा।” समारोह का समापन आभार प्रदर्शन श्री मोहम्मद रियाज द्वारा किया गया।
- भिलाईनगर। नगर पालिक निगम भिलाई आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय, नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा एवं अधीक्षण अभियंता अजीत तिग्गा की उपस्थिति में 06 मकानहीन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाटरी के माध्यम से मकान आबंटित किया गया।वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन एवं महापौर नीरज पाल अत्यावश्यक कार्य के कारण कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो पाए । विधायक एवं महापौर द्वारा सभी हितग्राहियों को बधाई दी गई है।नगर पालिक निगम भिलाई अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना से निर्मित मकानों का मुख्य कार्यालय सभागार में लाटरी आयोजित की गई। हितग्राहियों द्वारा पूर्व में मकान हेतु आवेदन योजना शाखा के काउंटर में जमा किया गया था। उनका दस्तावेज परीक्षण कर सक्षम स्वीकृति मिलने उपरांत हितग्राहियों से मकान का 10 प्रतिशत अंशदान राशि जमा कराया गया हैं। वंदे मातरम कुरूद भिलाई भूतल मकान हेतु रीना साहू को मकान आबंटित किया गया है। सूर्याविहार के पीछे खम्हरिया के भूतल मकान हेतु रवि कुमार, रेशमा हियाल, हिरौदा बाई साहू, मोहनी लाड, नरेन्द्र कुमार भाण्डेकर एवं विकास कुमार सिंघल को लाटरी निकालकर पर्ची सौंपा गया। सभी हितग्राही बहुत प्रसन्न नजर आए । लाटरी के दौरान कार्यपालन अभियंता कुलदीप गुप्ता, आवास प्रभारी विद्याधर देवांगन, नम्रता सिंह ठाकुर, थलेश्वर जोशी, जी मोहन राव, जागेश्वर साहू सहित सी.एल.टी.सी. किरण चतुर्वेदी, आदित्य सिंह, उत्पल शर्मा उपस्थित रहे।
- - ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत कैम्प में किया वृक्षारोपणरायपुर। उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री श्री विजय शर्मा आज बीजापुर जिले के सुदूर वनांचल में स्थित नम्बी ग्राम में 196 बटालियन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कैंप में पहुंचे। जहां उन्होंने कैंप में तैनात जवानों से मुलाकात कर उनके नक्सल अभियानों में प्रदर्शित किये गए अदम्य साहस और समर्पण की सराहना की। उन्होंने नक्सल मोर्चे पर उनकी वीरता के साथ ग्राम के विकास हेतु संवेदनशीलता पूर्वक किये गए कार्यों एवं क्षेत्र की शांति के लिए ग्रामीणों में विश्वास बढ़ाने के प्रयासों की सराहना की।श्री शर्मा ने जवानों के साथ बात कर उनके मनोबल को बढ़ाया तथा अभियान के दौरान आने वाली चुनौतियों की जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि राज्य में स्थायी शांति स्थापना एवं विकास के लिए सुरक्षा बलों के योगदान को अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमारे जवानों ने ना केवल नक्सल हिंसा रोकने में उल्लेखनीय कार्य किया है अपितु लोगों में शासन-प्रशासन के प्रति विश्वास जगाने का भी कार्य कर रहे हैं। जिससे क्षेत्र में स्थाई शांति का मार्ग प्रशस्त हुआ है। शासन द्वारा मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में बनी संवेदनशील पुनर्वास नीति से अब भटके युवा मुख्यधारा में लौट रहे हैं जिसमें हमारे सशस्त्र बलों का योगदान भी सराहनीय है।इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इस कार्यक्रम में दंतेवाड़ा विधायक श्री चौतराम अटामी, जिला पंचायत सदस्य शंकरैया माड़वी जनपद पंचायत अध्यक्ष सुश्री पूर्णिमा तेलम श्री घासी राम नाग एडीजी नक्सल ऑपरेशन श्री विवेकानंद सिन्हा, बस्तर संभाग आयुक्त श्री डोमन सिंह, आईजी बस्तर श्री सुंदरराज पी., डीआईजी श्री कमलोचन कश्यप, कलेक्टर श्री संबित मिश्रा, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र यादव, डीएफओ श्री रंगानाथन रामकृष्णन वाय, जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में सुरक्षा बल के जवान उपस्थित रहे।
- -गांव के चौपाल में ग्रामीणों ने बताया अब हो रहा ग्रामों में विकास-शासन क्षेत्र की सुख, शांति और समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध - उपमुख्यमंत्री श्री शर्मारायपुर। उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा आज अपने एकदिवसीय प्रवास पर सुकमा जिले के सुदूर वनांचल ग्राम दुलेड पहुंचे। जहां उन्होंने सीआरपीएफ के कैम्प का निरीक्षण किया। उन्होंने कैम्प में जवानों से मुलाकात कर उनका हाल जाना। उन्होंने जवानों को कठिन परिस्थितियों और मुश्किलों के बाद भी लाल आतंक को जड़ से उखाड़ने के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह आप लोगों के साहस और संवेदनशीलता का ही परिणाम है कि आज राज्य के कई जिले अब नक्सल आतंक से मुक्त हो गए हैं।ग्रामीणों को अब असल विकास का अहसासउप मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने जनचौपाल लगाकर दुलेड के ग्रामीणों से सीधी चर्चा भी की। जहां उन्होंने कहा कि दुलेड में कैंप खुलने के बाद यहां आमूल चूल परिवर्तन आया है। कई सालों तक नक्सलियों ने गांव तक बिजली, पेयजल, सड़क जैसी आधारभूत सुविधाओं को आने से रोका, शिक्षा का प्रकाश फैलाने वाले शिक्षादूतों को मारा लेकिन अब हमारे ग्राम तैयार हैं, हम सभी को मिलकर गांव के विकास के लिए कार्य करना है। सरकार भी क्षेत्र के सुख, शांति और समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध होकर लगातार कार्य कर रही है ताकि यहां के लोगों को अपने वन उत्पादों का उचित मूल्य एवं शासन की योजनाओं का लाभ प्राप्त हो। इस अवसर पर ग्रामीणों ने बताया कि अब गांव में उन्हें असल विकास का अहसास हो रहा है। हमें सभी योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है।शासन द्वारा वनांचल के विकास के लिए अनेक योजनाएंग्रामीण अब विकास की मुख्यधारा में जुड़ने के लिए अग्रसर हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि बस्तर संभाग के सभी जिलों में सभी जनप्रतिनिधि आदिम समाज से ही संबंधित हैं और संविधान के द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अनुसार यहां केवल आदिवासी वर्ग के लोग ही यहां जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं और सौभाग्य से हमारे राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय भी आज आदिवासी वर्ग के ही हैं। ऐसे में यदि कोई भोले भाले ग्रामीणों को बहकाकर हिंसा के मार्ग पर ले जाता है, शिक्षा कार्य करने वाले शिक्षादूतों की हत्या करता है, तो वह आपको मार्ग से भटकाने का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा वनांचल वासियों के विकास के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रहीं है।इलवद ग्राम योजना के लिए विकास कार्यों को प्राथमिकताउप मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने लोगों से आह्वाहन किया कि वे अपने गांवों के भटके युवाओं को मुख्यधारा में आने के लिए प्रोत्साहित करें। विगत दिनों दो दिन में 300 से अधिक लोग हथियार त्याग कर मुख्यधारा में शामिल हुए हैं, जिनका उनके ग्राम के गायता, पुजारी, पटेल द्वारा पारम्परिक रूप से स्वागत किया गया। शासन ने भी समर्पण करने वालों के लिए खुशी से अपनी बाहों को खोल रखा है और उनके पुनर्वास के लिए संवेदनशील पुनर्वास नीति भी तैयार की है। उन्होंने सभी को बताया कि शासन की इलवद ग्राम योजना से अब नक्सल मुक्त ग्रामों के लिए एक करोड़ के विकास कार्यों की घोषणा की गई है, इससे गांव में बारहमासी सड़कें, पेयजल, परिवहन आदि की व्यवस्था की जाएगी। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने ग्रामीण युवाओं को खेल उपकरणों का भी वितरण किया।
- - अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति ने कहा – लैब तकनीशियन स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ हैंबिलासपुर।छत्तीसगढ़ आयु विज्ञान संस्थान (सिम्स) बिलासपुर में आज मेडिकल लैब टेक्नीशियन दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सिम्स के अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति थे। उनके द्वारा सूक्ष्मजीव विज्ञान के जनक एंटोनी ल्यूवेनहॉक के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।इस अवसर पर माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. रेखा बरापात्रे, पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. रश्मि गुप्ता, बायोकेमेस्ट्री विभागाध्यक्षडॉ. मनीष साहू सहित लैब टेक्नीशियन देव सिंह मार्को, संजय दुबे, देवेंद्र शर्मा, जया शाह, पिंकी वाधवानी, रविंद्र पांडे, दुष्यंत राय, अरुण मैरोलिया, शेवता वर्मा, वर्षा राय, आबिद बेगम एवं अन्य स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।अपने संबोधन में अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति ने कहा —> “स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था में मेडिकल लैब टेक्नीशियन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। किसी भी रोग की सटीक पहचान, उपचार की दिशा और मरीज के जीवन की रक्षा में प्रयोगशाला कर्मियों का अमूल्य योगदान रहता है। यह वह वर्ग है जो पर्दे के पीछे रहकर भी हर चिकित्सक का सबसे भरोसेमंद सहयोगी होता है। इनकी निष्ठा, परिश्रम और तकनीकी दक्षता से ही सटीक निदान संभव हो पाता है।”उन्होंने आगे कहा कि सिम्स संस्थान लगातार अपनी प्रयोगशालाओं को आधुनिक उपकरणों और नवीनतम तकनीकों से सुसज्जित कर रहा है, जिससे प्रदेशवासियों को उच्च गुणवत्ता की जांच सेवाएँ उपलब्ध कराई जा सकें।कार्यक्रम में वक्ताओं ने मेडिकल लैब टेक्नीशियन दिवस के ऐतिहासिक महत्व पर भी प्रकाश डाला और एंटोनी ल्यूवेनहॉक के वैज्ञानिक योगदान को नमन किया।समारोह के अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए डॉ. रेखा बरापात्रे ने अधिष्ठाता महोदय सहित सभी अतिथियों, तकनीशियनों एवं सहयोगी कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन सामूहिक अभिनंदन समारोह और समूह छायाचित्र के साथ किया गया, जिसमें उपस्थित सभी सदस्यों ने एकजुट होकर सेवा, समर्पण और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
- - 28 अक्टूबर से शुरू होगी विकासखण्ड स्तरीय प्रतियोगिताबिलासपुर /आदिम जाति एवं अनुसूचित विकास विभाग द्वारा करमा महोत्सव 2025 के लिए कार्यक्रम जारी किया गया है। जिसके अनुसार 28 अक्टूबर से लेकर 31 अक्टूबर तक विकासखण्ड स्तरीय करमा नृत्य महोत्सव आयोजित होगा। खण्ड स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए जनपद पंचायतों में 27 अक्टूबर तक इच्छुक दलों को पंजीयन कराना होगा। खण्ड स्तरीय आयोजन बिल्हा में 28 अक्टूबर, मस्तुरी में 29 अक्टूबर, तखतपुर में 30 अक्टूबर एवं कोटा में 31 अक्टूबर को किया जाएगा।सहायक आयुक्त आदिवासी विकास ने बताया कि राज्य शासन के निर्देशानुसार करमा महोत्सव का आयोजन ग्राम स्तर से लेकर जनपद, जिला एवं राज्य स्तर पर आयोजित किया जा रहा है। राज्य स्तरीय कार्यक्रम 15 नवम्बर को होगा। उन्होंने बताया कि विकासखण्ड स्तर पर करमा नृत्य, करमा गीत, जनजातीय लोक गायकों का प्रतिनिधित्व एवं जनजातीय समुदायों में प्रचलित परम्परागत वाद्य यंत्रों के प्रदर्शन पर आधारित प्रतिस्पर्धा कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। विकासखण्ड के ग्राम स्तर पर नर्तक दल अपना पंजीयन जनपद पंचायतों में दर्ज कराकर कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं। जिला स्तरीय करम महोत्सव 1 नवम्बर से 7 नवम्बर 2025 तक आयोजित होगा, जिसमें चयनित एक करम नर्तक दल को राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रतिनिधित्व का अवसर मिलेगा। राज्य स्तरीय आयोजन 8 नवम्बर से 15 नवम्बर 2025 तक किया जाएगा। कार्यक्रम में भाग लेने वाले चयनित ग्रामों के करमा नर्तक दलों को प्रति ग्राम 2 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि जनपद पंचायतों के माध्यम से प्रदान की जाएगी। वहीं, विकासखण्ड स्तरीय कार्यक्रमों के संचालन हेतु प्रति विकासखण्ड 1 लाख रुपये की राशि निर्धारित की गई है। file photo
- बिलासपुर/ राज्य गठन के 25 वीं वर्षगांठ पर कृषि विभाग द्वारा कृषि महाविद्यालय परिसर में रजत जयंती महोत्सव सह परम्परागत कृषि विकास योजनांतर्गत जिलास्तरीय जैविक कृषि मेला का आयोजन किया गया। इस महोत्सव के आयोजन का उद्देश्य राज्य की उपलब्धियों को प्रदेश के कोने-कोने तक पहुंचाना है। आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में युवा, महिला, किसान समेत समस्त नागरिक आदि केन्द्र बिन्दु रहे। इनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करते हुए वर्ष 2050 के भावी छत्तीसगढ़ CG@50 के निर्माण में योगदान के लिए प्रेरित करना है। कार्यक्रम में जैविक प्रदर्शनी कृषि संर्वगीय विभागों के द्वारा स्टाल लगाकर किया गया तथा कार्यक्रम में ड्रोन का प्रदर्शन कर किसानों को खेती में ड्रोन का उपयोग करने प्रोत्साहित किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों के करकमलों से छ.ग. महतारी के छायाचित्र मे दीप प्रज्जवलन कर कृषि महाविद्यालय परिसर सभागार में किया गया। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र बिलासपुर के प्रमुख वैज्ञानिक डां.गीत शर्मा द्वारा किसानों को जैविक खेती की तकनीकी की जानकारी देते हुए कृषि उत्पादकता बढ़ानें, जैविक उत्पादन हेतु नवाचार एवं नवीन वैज्ञानिक पध्दतियों की विस्तृत जानकारी दी गई।उप संचालक कृषि श्री पी.डी. हथेश्वर द्वारा रजत जयंती महोत्सव सह जिलास्तरीय जैविक कृषि मेला में वर्ष 2000 से वर्ष 2025 के बीच जिलें में कृषि एवं संवर्गीय विभाग की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कृषकों की खेती में हुए नवाचार, आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकी का उपयोग, फसलों का विविधीकरण इत्यादि के माध्यम से किसानों के फसल उत्पादन एवं उनकी आर्थिक स्थिति में हुई वृध्दि का प्रदर्शन एवं प्रचार प्रसार किया जाकर कार्यक्रम में योजनाओं के लाभार्थीयों, महिलाओं, किसानों, श्रमिकों, भूमिहीन मजदूरों एवं कृषि आदान विक्रेताओं आदि को विशेष रूप से शामिल किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री राजेश सुर्यवशीं, अध्यक्ष जिला पंचायत बिलासपुर द्वारा बताया गया कि 01 नवम्बर 2000 को छ.ग. राज्य की स्थापना से लेकर अब तक किसान हितैसी राज्य सरकार द्वारा किसानों के विकास के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है। इन 25 वर्षों में जिले के किसानों द्वारा कृषि क्षेत्रों में अनेक नवीन तकनीकों और वैज्ञानिक सोंच को अपनाया है, जिसे आज रजत जयंती महोत्सव कार्यक्रम के माध्यम से प्रदर्शित किया जा रहा है। साथ ही इस कार्यक्रम में कृषि, उद्याानिकी, पशुपालन, मतस्य पालन, कृषि महाविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र, किसान बीज उत्पादक संस्था रिस्दा एवं महिला स्व सहायता समूहों द्वारा निर्मित कृषि तथा जैविक उत्पादों का प्रदर्शन तथा योजनाओं का प्रचार प्र्रसार किसानों के मध्य किया जा रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमति अनुसुईया जागेन्द्र कश्यप, सभापति कृषि स्थाई समिति द्वारा किया गया।कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्री राजेश सुर्यवशीं, अध्यक्ष जिला पंचायत, श्री जागेन्द्र कश्यप, प्रतिनिधी सभापति कृषि स्थाई समिति, श्री चंद्रप्रकाश सुर्या, प्रतिनिधी सदस्य, कृषि स्थाई समिति, श्री उमेश गौराहा, बेलतरा विधायक प्रतिनिधी, डां. एन.के.चौरे, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय, श्री पी.डी. हथेश्वर, उप संचालक कृषि, डां. गीत शर्मा, प्रमुख वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र, डां. संजय वर्मा, प्रमुख वैज्ञानिक, क्षेत्रिय कृषि अनुसंधान, श्री ए.के.शुक्ला, सहायक संचालक कृषि कृषि वैज्ञानिकगण, कृषि संर्वगीय अधिकारी एवं कर्मचारीगण, स्व सहायता समूह की महिलांएं एवं जिलें के लगभग 695 कृषकगण उपस्थित रहे तथा कार्यक्रम का संचालन श्री अनिल वर्मा, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी ने किया।
- - घर - घर जाकर आंख की बीमारी का करेंगे सर्वेबिलासपुर /शासन के निर्देशानुसार संपूर्ण नेत्र सुरक्षा कार्यक्रम का शुभारंभ तखतपुर में किया गया। यह कार्यकम मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिला नोडल अधिकारी डॉ. शुभा गरेवाल के मार्गदर्शन तथा सहायक नोडल अधिकारी लिए श्री राजेन्द्र शर्मा के निर्देशन में संचालित किया जा रहा है। कार्यक्रम के अंतर्गत जिले के सभी नेत्र सहायक अधिकारी 24 अक्टूबर से 01 नवंबर तक घर-घर जाकर नेत्र सर्वेक्षण करेंगे। इस दौरान आरएचओ द्वारा पूर्व में तैयार सर्वे सूची का सत्यापन सुपरवाईजर, मितानिन एवं आरएचओ के सहयोग से किया जायेगा। खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. उमेश कुमार साहू, नेत्र सहायक अधिकारी, ब्लाक नोडल, एनपीसीबी, श्री आर के साहू, श्री संजय शुक्ला, श्री पंच राम बंजारे, श्री अनिल दूबे, श्री शिव प्रसाद ध्रुव, श्रीमति संजू आदित्य, श्री जे आर ध्रुव, श्री अनुप सिंह, श्रीमति निधी गुप्ता, श्री पवन चौहान, श्री राजेन्द्र उजागर के नेतृत्व में अभियान नियोजित कार्ययोजना के तहत संचालित हो रहा है। तय कार्यक्रम के अनुसार शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वे कार्य किया जायेगा। जिला नोडल अधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शुभा गरेवाल ने बताया कि यह सत्यापन कार्य पूरे राज्य में एक साथ आयोजित किया जा रहा है। बिलासपुर जिले में इसका शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा ग्राम भरनी, सैदा एवं अमसेना में किया गया। इस दौरान सर्वे टीम घर घर जाकर नेत्र रोगों से पीड़ित व्यक्ति की पहचान कर उनकी जानकारी एकत्र करेंगे। पहचान किये गये मोतियाबिंद मरीजों का ऑपरेशन जिला अस्पताल एवं सिम्स चिकित्सालय बिलासपुर में किया जायेगा। वहीं अन्य नेत्र रोग जैसे ग्लूकोमा, डायबिटीक, रैटिनोपैथी, दृष्टिदोष, लो विजन, कंजेक्टीवाइटिस आदि से पीड़ित व्यक्तियों की सूचीबद्ध कर कार्यालय को रिपोर्ट भेजी जायेगी, ताकि उन्हें समूचित उपचार मिल सके। इस सर्वे का उददेश्य उन लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुंचाना है जो अस्पताल नहीं पहुँच पाते। नेत्र परीक्षण कार्य में जिले के सभी नेत्र सहायक अधिकारी सक्रिय रूप से भाग ले रहें है।
- रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा 5000 शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया को वित्तीय स्वीकृति प्रदान किया गया है। मंत्री श्री गजेंद्र यादव ने कहा कि यह निर्णय प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा और मजबूती प्रदान करेगा। मंत्री श्री यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की प्राथमिकता हमेशा से ही गुणवत्तापूर्ण और सुलभ शिक्षा सुनिश्चित करना रही है। शिक्षकों की कमी लंबे समय से शिक्षा प्रणाली को प्रभावित कर रही थी, ऐसे में यह भर्ती न केवल स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था को सुदृढ़ करेगी बल्कि प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के हजारों नए अवसर भी उपलब्ध कराएगी। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी का आभार व्यक्त किया।उन्होंने आगे कहा कि इस भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण पारदर्शिता और योग्यता आधारित प्रणाली से संचालित किया जाएगा। ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षकों की उपलब्धता बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, ताकि प्रदेश के हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अधिकार प्राप्त हो सके। शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव ने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल पदों की पूर्ति नहीं, बल्कि एक मजबूत, सक्षम और प्रेरणादायी शिक्षण तंत्र का निर्माण करना है। उन्होंने सभी अभ्यर्थियों से आग्रह किया कि वे उत्साह और विश्वास के साथ तैयारी करें, क्योंकि यह भर्ती प्रदेश के शैक्षणिक भविष्य को नई ऊँचाइयों तक ले जाने वाली सिद्ध होगी।

























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