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जयपुर। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राजस्थान से राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया है। श्री सिंह का राज्यसभा का कार्यकाल 14 जून को खत्म हो गया, वे असम से लगातार पांच बार राज्यसभा सांसद रहे। फिलहाल वे किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। श्री सिंह मंगलवार सुबह जयपुर पहुंचे। यहां राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनका स्वागत किया। नामांकन दाखिल करते समय श्री सिंह के साथ मुख्यमंत्री श्री गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और अविनाश पांडे मौजूद थे। बताया जाता है कि राजस्थान में राज्यसभा की यह सीट मदनलाल सैनी के निधन के बाद खाली हुई है।
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बीजिंग। चीन में तूफान लीकिमा का कहर जारी है। तूफान से अब तक मरने वालों की संख्या 49 पहुंच गई है। इस प्राकृतिक आपाद में कम से कम 26 बिलियन युआन (&.7 बिलियन अमेरिकी डालर) का आर्थिक नुकसान का भी अनुमान जताया गया है।
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार शनिवार को झिंजियांग प्रांत में हुए भूस्खलन के साथ ही लगभग 190 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रहीं हैं। समुद्री तटों के किनारे ऊंची-ऊंची लहरें कहर बरपा रहीं हैं। समाचार एजेंसी के मुताबिक तूफान उत्तर दिशा की ओर बढ़ रहा है। चीन के कई तटीय प्रांतों झिंजियांग, फुजियान, जिआंग्सु और शंघाई में इसका सर्वाधिक असर देखने को मिला है। बताया जाता है कि दस लाख से अधिक लोग कई शिविरों में अब भी शरण लिए हुए हैं। &5 हजार लोग बेघर हो गए हैं। उनके आवास या क्षतिग्रस्त हो गए हैं या फिर बाढ़ में उनका अस्तित्व ही समाप्त हो गया है। लीकिमा के चलते तटीय इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। पूरे इलाके में मूसलाधार बारिश के साथ तेज हवाएं चलने से तटीय इलाकों में हजारों पड़ों जड़ से उखड़ गए हैं। वर्ष 1952 के बाद चीन में सर्वाधिक वर्षा दर्ज की गई है। -
अंबाला। हरियाणा के मुलाना से महिला भाजपा विधायक संतोष सारवान को एक कार्यक्रम में युवक ने थप्पड़ मार दिया। विधायक गांव सरदेहड़ी के पंचायत घर में एक उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचीं थी। कार्यक्रम के बाद जैसे ही सोफे से उठनी लगीं तो गांव के ही 25 वर्षीय आरोपी तलविंद्र सिंह ने मुंह पर थप्पड़ मारा। विधायक गिरते-गिरते बचीं और सुरक्षा कर्मी ने उन्हें संभाला। इसके बाद समर्थकों ने आरोपी युवक की पिटाई कर दी। पुलिस ने सरपंच जल सिंह की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ मारपीट करने, लोकसेवक पर बल प्रयोग करने, जान से मारने की धमकी देने और साजिश रचने की धाराओं में केस दर्ज किया है।
एसपी अभिषेक जोरवाल ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया है। आरोपी को भी काबू कर लिया है। जांच के बाद ही साफ हो पाएगा कि आरोपी मानसिक रोगी है या नहीं।
घटना के बाद में आरोपी तलविंद्र के पिता महिंद्र सिंह और माता जसबीर कौर मुलाना रेस्ट हाउस में विधायक से मिलने पहुंचे। उन्होंने कहा कि आरोपी तलविंद्र 7 साल से मानसिक रूप से बीमार है। उसका उपचार चल रहा है। -
नई दिल्ली। आईसीएआई ने सीए फाइनल और सीए फाउंडेंशन कोर्स का परिणाम जारी कर दिया है। यह रिजल्ट ओल्ड और न्यू दोनों कोर्सेस का जारी किया है। रिजल्ट के साथ टॉप 50 छात्रों की लिस्ट भी जारी कर दी गई है। जिन छात्रों ने सीए फाइनल की परीक्षा पास कर ली है उनके अंकों की स्टेटमेंट उन्हें डाक के जरिए भेजी जाएगी।
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नई दिल्ली। भारतीय रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (आरआरबी) द्वारा आरआरबी जेई की परीक्षा परिणाम जारी कर दिया है। जो उम्मीदवार जूनियर इंजीनियर परीक्षा में शामिल हुए थे, वे बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर अपना रिजल्ट देख सकते हैं।
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गंगटोक/नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी को सिक्किम में एक बड़ी सफलता मिली है। विधानसभा में इस राज्य से एक भी सीट नहीं जीतने वाली भाजपा के अब वहां पर 10 विधायक हो गए हैं।
दरअसल सिक्किम की प्रमुख पार्टी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के 10 विधायकों ने मंगलवार को राजधानी नई दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले ली है। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा और महासचिव राम माधव की मौजूदगी में इन विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया। इनमेें पूर्व मुख्यमंंत्री पवन कुमार चामलिंग सहित 4 अन्य विधायकों को छोड़कर एसडीएफ के बाकी सभी विधायक शामिल हैं। पवन कुमार चामलिंग इस राज्य से 5 बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट ने सिक्किम पर 25 सालों तक शासन किया था। पार्टी में अभी कुल 15 विधायक थे। वर्ष 1993 में पवन चामलिंग ने एसडीएफ का गठन किया था। पार्टी ने 1994, 1999, 2004, 2009, 2014 के विधानसभा चुनावों में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई थी। हालांकि इस साल हुए विधानसभा चुनाव में एसडीएफ को अपनी जीत का सिलसिला बरकरार रखने में सफल नहीं हो पाई। एसडीएफ से बगावत कर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) बनाने वाले प्रेम कुमार तमांग ने एसडीएफ के 25 साल के राज को समाप्त करते हुए प्रदेश में सरकार बनाई। 32 सीटों वाले सिक्किम विधानसभा में एसडीएफ को 15 सीटें मिलीं, जबकि सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा 17 सीटें हासिल कर सरकार बनाने में सफल हो गया। प्रेम तमांग के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हुआ। सिक्किम की एकमात्र लोकसभा सीट पर भी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा -एसकेएम का ही कब्जा है।
गौरतलब है कि वर्ष 2016 में असम में पहली बार सरकार बनाने के बाद भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए ने नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस का गठन किया था। सिक्किम सहित अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर, असम के मुख्यमंत्री इस गठबंधन का हिस्सा बने थे।
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कोरिया। विधानसभा अध्यक्ष डाॅ चरणदास महंत ने एक बयान देते हुए कहा कि सोनिया गांधी के अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी में फैली हुई निराषा खत्म दूर होगी। डाॅ महंत ने कहा कि वहीं इससे वो लोग कांगे्रस की तरफ लौटेंगे जो पार्टी को छोडकर चले गए थे। विधानसभा अध्यक्ष डाॅ महंत अपनी सांसद पत्नी ज्योत्सना महंत और बेटे सूरज महंत के साथ जिले के सोनहत के मेंड्रा स्थित शिव मंदिर में रुद्राभिषेक करने आए थे।आपको बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष डाॅ महंत ने सांसद रहते हुए हसदेव नदी के उदगम स्थल पर शिव मंदिर बनवाया था। तब से हर साल सावन माह में परिवार समेत पहुंचकर विशेष पूजा अर्चना करते हैं।रुद्राभिषेक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए विस अध्यक्ष महंत ने सोनिया गांधी को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनाए जाने पर कहा, सोनिया गांधी कांग्रेस में फैली निराशा को दूर करेंगी। सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के साथ ही अब पार्टी छोड़ चुके लोग कांग्रेस में वापसी करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि हालांकि राहुल गांधी के इस्तीफे पर निराशा हुई। वो निराशा सोनिया जी दूर करेंगी। गौरतलब है कि डाॅ चरणदास महंत को सोनिया गांधी के करीबी माना जाता है।
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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी किए जाने के बाद पहली बार चीन-अमरीका, कश्मीर और अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखी है. पीएम मोदी ने कहा है कि आने वाले समय में कश्मीर में आर्थिक प्रगति आएगी और सरकार का हालिया फ़ैसला इसमें मददगार साबित होगा. अंग्रेजी अख़बार इकोनॉमिक टाइम्स के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने कई मुद्दों पर बात की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर में निवेश की संभावनाओं पर कहा है कि वह इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर के युवा राज्य को नई ऊंचाइंयों पर ले जाएंगे. पीएम ने इस इंटरव्यू में कहा, मुझे पूरा भरोसा है कि ये होकर रहेगा. यही नहीं, कई बड़े उद्यमियों ने अभी से ही जम्मू-कश्मीर में निवेश करने के प्रति अपना रुझान दिखाना शुरू कर दिया है. आज के दौर में एक बंद माहौल में आर्थिक प्रगति नहीं हो सकती. खुले दिमाग़ और खुले बाज़ार ये आश्वस्त करेंगे कि घाटी के युवा कश्मीर को प्रगति के रास्ते पर लेकर जाएं क्योंकि एकीकरण निवेश, अन्वेषण, और आमदनी को बढ़ावा देता है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 370 पर हालिया फ़ैसला आश्वस्त करता है कि घाटी में ये सभी तत्व मौजूद हों. ऐसे में निवेश होना निश्चित है. क्योंकि ये क्षेत्र कुछ ख़ास उद्योगों जैसे पर्यटन, आईटी, खेती और हेल्थकेयर के लिए काफ़ी मुफीद है. इससे एक ऐसा इको-सिस्टम तैयार होगा जो कि कौशल, प्रतिभा और क्षेत्रीय उत्पादों के लिए मुफीद साबित होगा. आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों के खुलने की वजह से युवाओं के लिए शिक्षा के बेहतर अवसर पैदा होंगे और कश्मीर को भी बेहतर कामगार मिलेंगे. हवाई-अड्डों और रेलवे के आधुनिकीकरण की वजह से यातायात करना बेहतर होगा. इससे इस क्षेत्र के उत्पाद पूरे देश में पहुंच पाएंगे जिससे आम आदमी को फायदा होगा. इस सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि ये पूरी तरह आंतरिक मामला है. प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं, मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैंने ये निर्णय बहुत सोच-समझकर लिया है. मैं इसे लेकर पूरी तरह निश्चिंत हूं. इससे आने वाले दिनों में लोगों का भला होगा. पीएम मोदी से एक सवाल किया गया कि एनडीए सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में जल संरक्षण को अपना उद्देश्य बनाया है, क्या इससे भारतीय अर्थव्यवस्था की मॉनसून पर निर्भरता कम करने का व्यापक लक्ष्य साधा जा रहा है? इस सवाल पर पीएम मोदी ने कहा है कि जल-शक्ति अभियान सिर्फ़ एक सरकारी प्रक्रिया नहीं है. बल्कि, ये आम लोगों का आंदोलन है जिसमें केंद्र सरकार एक साझेदार की भूमिका निभा रही है. मोदी ने कहा, भारत को आगे ले जाने के लिए आर्थिक कदम उठाने के साथ-साथ व्यवहार में बदलाव करने की भी ज़रूरत है. जब एक किसान ड्रिप इरिगेशन शुरू करता है तो इसमें पानी का छिड़काव करने के लिए उपकरणों की खरीद एक आर्थिक पहलू को सामने लाती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से डेटा सिक्योरिटी और प्राइवेसी को लेकर भी सवाल किया गया. उनसे पूछा गया कि इस मुद्दे से उपजने वाले आर्थिक अवसर को लेकर उनकी क्या राय है. इस सवाल पर पीएम मोदी ने कहा, मैं इसे इस तरह देखता हूं. जिस तरह 90 के दशक में सॉफ़्टवेयर और आईटी के क्षेत्र ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर अपना असर दिखाया था, ठीक उसी तरह डेटा का क्षेत्र निकट भविष्य में भारतीय अर्थव्यवस्था पर अपना असर दिखाएगा. हमें डेटा को एक अवसर के रूप में देखना चाहिए. जितनी ज़्यादा मात्रा में डेटा हासिल किया जा रहा है और सहेजा जा रहा है, वो अपने आप में नौकरियों, कंपनियों और उद्योगों के विशाल क्षेत्र का निर्माण कर रहा है. भारत अपने प्रतिभावान युवा, बढ़ती अर्थव्यवस्था, मुफ़ीद सरकार और विशाल बाज़ार के साथ दुनिया भर में डेटा साइंस, एनालिटिक्स और स्टोरेज़ का केंद्र बन सकता है. पीएम मोदी के साक्षात्कार पर वरिष्ठ पत्रकार आलोक पुराणिक कानज़रिया गहराई से देखें, तो पीएम मोदी की अर्थनीति एक गहन वामपंथी रुख ले चुकी है और उसमें गरीबों, किसानों, मजदूरों की बातें वैसी हैं, जैसी आम तौर पर वामपंथी नेता करते दिखते हैं. भाजपा अपनी नीतियों में जितनी वामपंथी दिखायी पड़ रही है, उतने तो वामपंथी भी वामपंथी दिखायी नहीं पड़ते. किसानों को सालाना छह हजार रुपए, 10 करोड़ परिवारों को पांच लाख रुपए सालाना तक की बीमा योजना की मदद. देश के महत्वपूर्ण आर्थिक अखबा़र इकोनोमिक टाइम्स में पीएम नरेंद्र मोदी का दो पेज का साक्षात्कार छपा है. मोटे तौर पर पीएम मोदी ने अपनी उन बातों को दोहराया है, जो वह तमाम मंचों से लगातार दोहराते रहे हैं. अस्तित्व के संकट से बचाने के लिए अर्थव्यवस्था में भरपूर इंतजाम हैं पर तमाम औद्योगिक क्षेत्रों में मांग को मजबूत करने के लिए जो नक्शा चाहिए, वह इस साक्षात्कार में नहीं है. आयुष्मान से लेकर किसानों के लिए छह हजार रुपये साल तक के जरिये सरकार न्यूनतम खर्च का इंतजाम कर देगी, पर तेज गति से विकास की ज़िम्मेदारी कौन उठाएगा यह नहीं मालूम. इस साक्षात्कार में विस्तार से इस बात पर विमर्श नहीं है कि किस तरह से ठीक ठाक नौकरियों का विकास होगा. किसानों को 6000 रुपये साल से उठा कर निर्यातक की श्रेणी में लाने की बात इस साक्षात्कार में है, पर इसे ठोस कार्ययोजना में कैसे बदला जायेगा, इस पर महीन विमर्श होना अभी बाकी है. पीएम मोदी राजनीतिक अर्थव्यवस्था का वह कोड खोल चुके हैं, जिसके तहत कुछ विपन्न तबकों को कुछ करोड़ रुपये सीधे ट्रांसफ़र करके वोट हासिल करना मुश्किल नहीं है. किसानों के खाते में ट्रांसफर से लेकर छोटे कारोबारियों के लिए शुरू हुई मुद्रा कर्ज़ की योजनाओं की राजनीतिक सफलता यह साफ करती है कि समग्र अर्थव्यवस्था भले ही धीमी गति से चले पर कुछ वर्गों के हाथों में अगर क्रय क्षमता है तो पीएम मोदी को राजनीतिक दिक्कत नहीं होगी. इसे लेन देन की राजनीतिक अर्थव्यवस्था भी कह सकते हैं. पीएम मोदी इस साक्षात्कार में एक बार फिर दोहरा रहे हैं कि आगामी पांच सालों में निवेश आधारित विकास होगा. 100 लाख करोड़ रुपये का निवेश अनुमानित है. पर यह बात अलग है कि तमाम उद्योगपति निवेश को बढ़ाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. चीन और अमेरिका के बीच चल रहे ट्रेड वॉर में भारत को लाभ क्यों नहीं मिल रहा है? चीन से तमाम कंपनियां भारत की तरफ क्यों नहीं आ रही हैं? इन सवालों का जवाब दरअसल पीएम मोदी के पास भी नहीं है. केंद्र और राज्य के स्तर पर इतनी तरह की औपचारिकताएं हैं कि कारोबार करना आसान अब भी नहीं है. खास तौर पर विदेशी निवेशकों के लिए गति धीमी है और मौजूदा ढांचे में इसमें तेजी संभव नहीं है. यह साक्षात्कार ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए थोड़ी राहत की बात करता है. पीएम मोदी इस सेक्टर को एक न्यूनतम आश्वस्ति देते हैं कि परंपरागत तकनीक पर आधारित ऑटोमोबाइल वाहनों को एक झटके में ही बिजली चालित तकनीक पर नहीं लाया जायेगा. बिजली चालित तकनीक और परंपरागत तकनीक का अस्तित्व साथ साथ बना रह सकता है. ऑटोमोबाइल सेक्टर का समग्र मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर में बड़ा योगदान है. पीएम मोदी ने अनुच्छेद 370 से जुड़े सवाल का जो जवाब दिया है उसके विश्लेषण के लिए थोड़ा वक्त देना होगा. पीएम मोदी ने साक्षात्कार में जो कहा है, उसका आशय है कि नई स्थितियों में कश्मीर में निवेश बढ़ने की संभावनाएं हैं. सेंटर फॉर इंडियन इकॉनोमी यानी सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2016 से जुलाई 2019 के बीच जम्मू कश्मीर बेरोज़गारी के चार्ट में सबसे ऊपर है. इस अवधि में जम्मू कश्मीर में मासिक औसत बेरोज़गारी दर 15 प्रतिशत रही. इसी अवधि में राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 6.4 प्रतिशत रही है. पूरे देश के मुकाबले दोगुने से ज्यादा बेरोज़गार जम्मू कश्मीर में है. तीन-चार साल में अगर जम्मू कश्मीर की बेरोज़गारी का स्तर राष्ट्रीय स्तर पर आ जाता है, तो माना जाना चाहिए कि कम से रोजगार के स्तर पर जम्मू कश्मीर देश की मुख्यधारा में आ गया है.
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0 राहुल केरल में पीड़ितों से मिले
बेंगलुरु। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को कर्नाटक के बेलगावी पहुंचे। शाह ने यहां मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी अपने संसदीय क्षेत्र केरल के वायनाड पहुंचे। यहां से राहुल ने मलप्पुरम जिले के निलंबुर में पहुंचकर एक राहत शिविर में बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की। मलप्पुरम में भूस्खलन के तीन दिन बाद 9 और शव निकाले गए हैं।
केरल और कर्नाटक में बाढ़ और भूस्खलन की वजह से मरने वालों की संख्या 97 हो गई है। केरल में 67 और कर्नाटक में 30 लोगों ने जान गंवाई। जबकि महाराष्ट्र में चार लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। यहां सांगली और कोल्हापुर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। सेना की 123 टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं।
गुजरात के मोरबी में पुलिसकर्मी पृथ्वीराज जडेजा दो बच्चियों को कंधे पर बैठाकर 1.5 किमी से ज्यादा पैदल चले और बाढ़ से रेस्क्यू किया। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। गुजरात में 19 और महाराष्ट्र में 29 लोगों की जान गई।
येदियुरप्पा ने मृतकों के परिजन को 5 लाख रु. के मुआवजे का ऐलान किया
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने मृतकों के परिजन को 5 लाख रु. के मुआवजे का ऐलान किया है। जिला प्रशासन ने शनिवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता बी जनार्दन पुजारी को दक्षिण कन्नड़ जिले के बाढ़ प्रभावित बंतवाल में उनके घर से बचाया। वहीं, धारवाड़ जिला प्रशासन ने स्कूलों और कॉलेजों की छुट्टियों को तीन दिनों के लिए और बढ़ा दिया है। लगातार हो रही बारिश को देखते हुए स्कूल-कॉलेज 13 अगस्त को खुलेंगे। येदियुरप्पा ने बाढ़ को राज्य में 45 साल की सबसे बड़ी आपदा बताया है। इसमें अब तक 6 हजार करोड़ रु. का नुकसान हो चुका है। कर्नाटक सरकार ने केंद्र से 3 हजार करोड़ रु. की मदद मांगी है।
केरल: भूस्खलन में दबे नौ लोगों के शव निकाले गए
पिछले तीन दिनों में राज्य के 8 जिलों में भारी बारिश के कारण भूस्खलन की 80 घटनाएं हुईं। मलप्पुरम में 8 अगस्त को भूस्खलन के बाद 30 से ज्यादा लोग लापता हो गए थे। एनडीआरएफ ने यहां रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। रविवार को नौ और शव मलबे से निकाले गए। इससे पहले वायनाड में जमीन धंसने से 8 लोगों की जान चली गई थी। केरल में रेलवे ट्रैक पर पेड़ और चट्टान गिरने की वजह से ट्रैफिक पर असर पड़ा है। 10 ट्रेनें पूरी तरह और 5 को आंशिक रूप से रद्द किया गया है।
मध्य प्रदेश: नर्मदा खतरे के निशान से 7 मीटर ऊपर बह रही
प्रदेश के धार और बड़वानी में नर्मदा नदी उफान पर है। इसकी वजह से 1000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राज्य के 28 बांधों में से सात के गेट खोल दिए गए हैं। जबलपुर स्थित बरगी बांध के 15 गेट खोल दिए गए हैं। बड़वानी में नर्मदा खतरे के निशान से 7 मीटर ऊपर बह रही है।
दक्षिण भारत में भारी बारिश क्यों हो रही है?
पश्चिम प्रशांत महासागर क्षेत्र में उठे दो तूफानों लेकिमा और क्रोसा के कारण देश के दक्षिणी राज्यों में भारी बारिश हो रही है। मौसम वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है। उनका कहना है कि पहले पश्चिम प्रशांत महासागर का भारतीय क्षेत्रों पर प्रभाव सीमित था। अब यह हिंद महासागर को डंप यार्ड के तौर पर इस्तेमाल करने लगा है। इसी का असर केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में भारी बारिश के रूप में दिख रहा है।
केरल के तीन जिलों में बारिश का रेड अलर्ट
मौसम विभाग के मुताबिक, रविवार को गुजरात, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। वहीं, 12 से 14 अगस्त तक ओडिशा, दक्षिण झारखंड, उत्तर छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश और केरल में तेज बारिश का अनुमान है। रविवार के लिए केरल के तीन जिलों में रेड अलर्ट और 6 जिलों में ऑरेंज अलर्ट है। -
बीजिंग पहुंचे जयशंकर....
नई दिल्ली विदेश मंत्री एस जयशंकर चीनी नेतृत्व के साथ वार्ता के लिए तीन दिवसीय दौरे पर रविवार को बीजिंग पहुंचे। उनकी यात्रा के दौरान इस साल राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत दौरे के इंतजाम को अंतिम रूप देने सहित कई मुद्दों पर बातचीत होगी। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद जयशंकर चीन का दौरा करने वाले पहले भारतीय मंत्री हैं। यह दौरा ऐसे वक्त भी हो रहा है, जब भारत ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करते हुए उसे दो केंद्रशासित क्षेत्रों में बांट दिया है। राजनयिक से विदेश मंत्री बने जयशंकर 2009 से 2013 तक चीन में भारत के राजदूत रहे थे। उनकी वार्ता की शुरुआत सोमवार को होगी। वे चीनी स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
दोनों मंत्री सांस्कृतिक और लोगों के आपसी संपर्क पर उच्च स्तरीय तंत्र की दूसरी बैठक की सह अध्यक्षता करेंगे। पहली बैठक पिछले साल नई दिल्ली में हुई थी। जयशंकर की यात्रा के दौरान चार सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। 2017 में दोकलम में 73 दिनों तक चले गतिरोध के बाद मोदी और शी ने पिछले साल वुहान में पहली अनौपचारिक वार्ता कर द्विपक्षीय संबंधों को गति दी थी। अधिकारियों को उम्मीद है कि इस साल पहली बार द्विपक्षीय व्यापार 100 अरब डॉलर पार करने की उम्मीद है।
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जम्मू/श्रीनगर। कश्मीर में ईद-उल-अजहा से पहले रविवार को बैंक, एटीएम और कुछ बाजार खुले रहे और तमाम प्रतिबंधों में ढील दी गई ताकि लोगों को त्योहार की खरीदारी करने में आसानी हो। वहीं, प्रशासन ने कहा कि वह त्योहर के अवसर पर लोगों के लिए भोजन और अन्य जरूरी चीजें उपलब्ध कराने और सोमवार को मस्जिदों में नमाज के लिए पूरी व्यवस्था करने में जुटा है। संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को संसद द्वारा निरस्त किए जाने के बाद बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती, प्रतिबंधों और संचार संपर्क सीमित किए जाने के कारण कश्मीर घाटी में त्योहार का चहल-पहल और उल्लास नजर नहीं आ रहा है। यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देता था। अधिकारियों ने बताया कि घाटी में कहीं से भी हिंसा की सूचना नहीं है। उन्होंने बताया कि जम्मू क्षेत्र में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं। वहां पांच जिलों से निषेधाज्ञा पूरी तरह हटा ली गयी है। अन्य पांच जिलों में ईद को देखते हुए प्रतिबंधों/निषेधाज्ञा में छूट दी गयी है। श्रीनगर के उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी ने बताया कि हालात शांतिपूर्ण हैं। पाबंदियों में ढील दी गयी है और सरकारी तथा निजी वाहन सड़कों पर दिख रहे हैं। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि लोगों की सुविधा के लिए प्रत्येक महत्वपूर्ण स्थान पर मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गयी है। अधिकारियों ने बताया कि बकरीद को ध्यान में रखते हुए श्रीनगर शहर में छह मंडी/बाजार बनाए गए हैं और लोगों के लिए 2.5 लाख भेड़ें उपलब्ध करायी गयी हैं। लोगों के घरों तक सब्जियां, गैस सिलिंडर, मुर्गे-मुर्गियां और अंडे आदि पहुंचाने के लिए वाहनों का इंतजाम किया गया है। अनुच्छेद 370 पर पांच अगस्त को हुए फैसले के बाद से घाटी में संचार संपर्क सीमित होने की पृष्ठभूमि में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल प्रशासन ने 300 विशेष टेलीफोन बूथ लगाने को कहा है ताकि लोग अपने प्रियजन से बातचीत कर सकें।
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नई दिल्ली। राहुल गांधी के इस्तीफे के 75 दिन बाद सोनिया गांधी कांग्रेस की नई अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष होंगी। वे 20 महीने बाद फिर कांग्रेस की बागडोर संभालेंगी। शनिवार रात कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक खत्म होने के पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी के हर नेता की राय थी कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर सेवाएं देते रहें। उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया। अधिवेशन में नए अध्यक्ष के फैसले तक सोनिया जिम्मेदारी संभालेंगी। अगले अध्यक्ष पर एआईसीसी के अधिवेशन में फैसला होगा। लोकसभा चुनाव के बाद से ही करीब ढाई महीने तक बिना अध्यक्ष के रही कांग्रेस को आखिरकार गांधी परिवार से ही नया अध्यक्ष मिल गया है। कांग्रेस कार्यसमिति ने सोनिया गांधी को नया कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष चुना है। कांग्रेस अधिवेशन में नियमित अध्यक्ष के चुनाव तक वह पार्टी की बागडोर संभालेंगी। इससे पहले लंबे समय तक गैर गांधी परिवार से कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा रही। सीडब्लूसी बैठक के बाद रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सोनिया गांधी सबसे तजुर्बेकार नेता हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस के संविधान के मुताबिक कांग्रेस कार्यसमिति के पास सिर्फ अंतरिम अध्यक्ष चुनने का ही अख्तियार है। सीडब्लूसी की बैठक के बाद रात करीब 11.05 मिनट पर कांग्रेस के मीडिया इंचार्ज रणदीप सुरजेवाला और महासचिव सी. वेणुगोपाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी। वेणुगोपाल ने बताया, कांग्रेस कार्यसमिति की दूसरी बैठक साढ़े 8 बजे शुरू हुई और अभी-अभी खत्म हुई है। बैठक में सर्वसम्मति से 3 प्रस्ताव पास किए गए।
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तीन प्रस्ताव पारित
00 कांग्रेस कार्यसमिति में पास हुए पहले प्रस्ताव में राहुल गांधी के नेतृत्व की तारीफ की गई।
00 दूसरा प्रस्ताव राहुल गांधी को अध्यक्ष पद न छोड़ने की अपील संबंधी पास किया गया। बाद में सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाने का फैसला किया गया। वह नियमित अध्यक्ष चुने जाने तक पार्टी की कमान संभालेंगी।
00 तीसरा प्रस्ताव जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात को लेकर पास किया गया। प्रस्ताव में जम्मू-कश्मीर के हालात पर चिंता जताई गई।
-- - रायपुर । मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी को ‘भारत रत्न’ अलंकरण से सम्मानित किए जाने पर बधाई और शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति जी को सम्मानित किया जाना गर्व की बात है। उन्होंने कई दशकों तक विभिन्न भूमिकाओं में अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करते हुए देश की सेवा की। श्री बघेल ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति श्री मुखर्जी ने देश सेवा के लिए अथक परिश्रम किया, जो उन्हें भारत का एक महान रत्न बनाता है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने आज शाम राष्ट्रपति भवन में आयोजित अलंकरण समारोह में श्री प्रणब मुखर्जी, श्री नानाजी देशमुख (मरणोपरांत) और डॉ. भूपेन्द्र कुमार हजारिका (मरणोपरांत) को ‘भारत रत्न’ अलंकरण प्रदान किया।
- राष्ट्र के नाम संबोधन में बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीनई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार देश को संबोधित किया है। उन्होंने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त किये जाने को ऐतिहासिक बताया। टेलीविजन पर प्रसारित राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर के संदर्भ में दो अनुच्छेदों का देश के खिलाफ कुछ लोगों की भावनाएं भड़काने के लि, पाकिस्तान द्वारा एक शस्त्र की तरह इस्तेमाल किया जाता था मोदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए ने जम्मू कश्मीर को अलगाववाद, आतंकवाद, परिवारवाद और व्यवस्था में बड़े पैमाने पर फैले भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया। इसके कारण तीन दशक में राज्य में 42 हजार निर्दोष लोग मारे गए। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में कोई भी सरकार हो, वह संसद में कानून बनाकर, देश की भलाई के लिए काम करती है, लेकिन कोई कल्पना नहीं कर सकता कि संसद इतनी बड़ी संख्या में कानून बनाए और वो देश के एक हिस्से में लागू ही नहीं हों। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ कालखंड के लिये जम्मू कश्मीर को सीधे केंद्र सरकार के शासन में रखने का फैसला काफी सोच समझकर लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि एक राष्ट्र के तौर पर, एक परिवार के तौर पर, आपने, हमने, पूरे देश ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। एक ऐसी व्यवस्था, जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हमारे भाई-बहन अनेक अधिकारों से वंचित थे, जो उनके विकास में बड़ी बाधा थी, वो अब दूर हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नई व्यवस्था में केंद्र सरकार की ये प्राथमिकता रहेगी कि राज्य के कर्मचारियों को, जम्मू-कश्मीर पुलिस को, दूसरे केंद्र शासित प्रदेश के कर्मचारियों और वहां की नागरिकों को प्राथमिलकता मिले।इनको याद कियापीएम मोदी ने कहा कि जो सपना सरदार पटेल का था, बाबा साहेब अंबेडकर का था, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का था, अटल जी और करोड़ों देशभक्तों का था, वो अब पूरा हुआ है मोदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 के साथ भी ऐसा ही भाव था। उससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हमारे भाई-बहनों की जो हानि हो रही थी, उसकी चर्चा ही नहीं होती थी।धारा-370 पर उठाए सवालपीएम मोदी ने कहा कि हैरानी की बात ये है कि किसी से भी बात करें, तो कोई ये भी नहीं बता पाता था कि अनुच्छेद 370 से जम्मू-कश्मीर के लोगों के जीवन में क्या लाभ हुआ उन्होंने कहा कि समाजिक जीवन में कुछ बातें, समय के साथ इतनी घुल-मिल जाती हैं कि कई बार उन चीजों को स्थाई मान लिया जाता है। ये भाव आ जाता है कि, कुछ बदलेगा नहीं, ऐसे ही चलेगा।रिक्त पदों पर जल्द होगी भर्तीपीएम मोदी ने कहा कि जल्द ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में केंद्रीय और राज्य के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इससे स्थानीय नौजवानों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। केंद्र की सर्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां और निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फ्री वाई-फाई देने का वादा पूरा किया है। उन्होंने ऐलान किया है कि दिल्ली में 11 हजार जगहों पर हॉट स्पॉट लगाया जाएगा, जिससे दिल्लीवासी हर महीने 15 जीबी डाटा इस्तेमाल कर सकेंगे। यह सुविधा पूरी तरह फ्री होगी। केजरीवाल ने यह भी कहा कि पूरी दिल्ली में फ्री वाई-फाई देने की दिशा में काम शुरू भी हो गया है। बता दें कि हाल ही में केजरीवाल ने 200 यूनिट तक बिजली भी मुफ्त कर दी है। सरकार बनी है तब से ही 20 हजार लीटर पानी मुफ्त है।व्यय वित्त समिति ने इस परियोजना के लिए 99 करोड़ रुपए के आवंटन को मंजूरी दे दी है। 70 विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्येक में 100 हॉटस्पॉट लगेंगे। इसके लिए राउटर्स सार्वजनिक जगहों पर लगाए जाएंगे, जैसे मोहल्ला क्लिनिक, पार्क, मार्केट या बिल्डिंग के पास। इनके अलावा बस अड्डों पर भी चार हजार हॉटस्पॉट लगाए जाएंगे।
- नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बाद मची सियासी हलचल के बीच महाराजा हरि सिंह के बेटे और कांग्रेस नेता डॉ. करण सिंह का बयान आया है. करण सिंह ने भी अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने की एक तरह से वकालत करते हुए लद्दाख को कश्मीर से अलग करते हुए केंद्र शासित क्षेत्र बनाए जाने का स्वागत किया है.डॉ. करण सिंह ने मीडिया को जारी पत्र में कहा कि तेजी से घटित घटनाक्रम ने दूसरों लोगों की तरह उन्हें भी आश्चर्य में डाला है. लेकिन इसकी एकतरफा आलोचना करना ठीक नहीं है. इसमें अच्छी बातें भी हैं, जिसमें लद्दाख को अलग करना शामिल है. मैने 1965 में खुद इस बात की वकालत की थी. उन्होंने साथ ही बिना विधानसभा वाले लद्दाख में हिल काउंसिल फॉर लेह एंड लद्दाख के पूर्ववत काम करते रहने की उम्मीद जताई, जिससे स्थानीय लोगों की बात सुनी जा सके. डॉ करण सिंह ने अनुच्छेद 35ए में विद्यामान लैगिंक मतभेद को हटाए जाने के साथ पश्चित पाकिस्तान से आए लाखों शरणार्थियों के साथ अनुसूचित जनजाति के लोगों को आरक्षण दिए जाने की बात कही है. इसके साथ उन्होंने नए सिरे से परिसीमन की वकालत की है, जिससे पहली बार जम्मू और कश्मीर के बीच सत्ता का बराबरी का बंटावारा हो पाए. उन्होंने कश्मीर के मुद्दे पर राजनीतिक वार्ता को जारी रखने की बात कही है. घाटी के दोनों राजनीतिक – नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी को भारत-विरोधी करार दिए जाने को गलत बताया है, वहीं वैध राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को जल्द से जल्द जेलों से रिहा करने की मांग की है.डॉ. सिंह ने हर सूरत में जम्मू-कश्मीर में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रहने की बात कहते हुए इसे जल्द से जल्द राज्य का दर्जा देने की मांग की है, जिससे प्रांत को लोग भी भारत के दूसरे प्रांतों में रहने वाले लोगों की तरह राजनीतिक अधिकार प्राप्त कर सकें.
- नई दिल्ली- त्रिपुरा के नव नियुक्त राज्यपाल रमेश बैस ने गुरूवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सौजन्य मुलाकात की. राष्ट्रपति और पीएम ने राज्यपाल रमेश बैस से त्रिपुरा के विकास से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की.राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से राज्यपाल रमेश बैस ने की सौजन्य मुलाकातबता दे कि रमेश बैस लागातर रायपुर से सात बार सांसद रह चुके हैं. अभी हाल की में उन्हें त्रिपुरा का राज्यपाल नियुक्त किया गया है.
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नईदिल्ली। राज्यसभा का 249वां सत्र बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. इस सत्र के दौरान तीन तलाक विधेयक और जम्मू-कश्मीर के अनुच्छेद 370 सहित कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया गया. इस सत्र में राज्यसभा में 32 और लोकसभा में 36 विधेयकों को पारित किया गया. उच्च सदन में आज आखिरी दिन जलियावाला बाग राष्ट्रीय स्मारक बिल को वापस ले लिया गया.
इससे पहले कार्यवाही शुरू होने से पहले सदन में मौन रखकर पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि दी. सभापति एम वेंकैया नायडू ने उच्च सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले अपने पारपंरिक संबोधन में कहा कि पिछले 14 साल में सबसे अधिक विधायी कामकाज तथा सबसे अधिक बैठकें इस सत्र में हुईं. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सदन में मौजूद थे.
सत्रहवीं लोकसभा के लिए चुनाव के बाद राज्यसभा का यह पहला सत्र था और इस दौरान 2019-20 का आम बजट, राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव, तीन तलाक संबंधी विधेयक, आरटीआई कानून में संशोधन संबंधी विधेयक, अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को समाप्त करने संबंधी संकल्प, जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक समेत कुल 32 विधेयक पारित किए गए.
सत्र के दौरान जहां कई नए सदस्यों ने उच्च सदन की सदस्यता की शपथ ली. वहीं, सपा और कांग्रेस के कई सदस्यों ने इस्तीफा भी दिया. इन सदस्यों में सपा के नीरज शेखर, संजय सेठ और सुरेंद्र नागर तथा कांग्रेस के संजय सिंह और भुवनेश्वर कालिता शामिल हैं.
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नईदिल्ली। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन पर दुख जताते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि देश ने एक सम्मानित और समर्पित नेता खो दिया है। सिंह ने एक बयान में कहा, सुषमा स्वराज जी के आकस्मिक निधन के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं। उनके लोकसभा नेता प्रतिपक्ष रहते हुए उनके साथ मेरी सुखद यादें हैं। उन्होंने कहा, वह एक उच्च कोटि की नेता थीं जिनका पार्टी लाइन से इतर सभी सम्मान करते थे। वह एक महान सांसद और बहुत की कुशल मंत्री रहीं। उनके निधन से देश ने एक सम्मानित और समर्पित नेता खो दिया है। इससे पहले मंगलवार रात कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सुषमा एक ऐसी अद्भुत नेता थीं जिनके सभी पार्टियों के लोगों से मित्रवत रिश्ते थे। गांधी ने ट्वीट किया, सुषमा स्वराज जी के निधन के बारे में सुनकर स्तब्ध हूँ। वह एक अद्भुत नेता थीं जिनकी पार्टी लाइन से इतर मित्रता थी। उन्होंने कहा, दुख की इस घड़ी में उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदना है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे। ओम शांति। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, सुषमा जी के असामयिक निधन के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं। वह एक महान इंसान थीं और वह इसी तरह हमेशा याद की जाएंगी।
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नई दिल्ली। पूर्व विदेश मंत्री और भाजपा की कद्धावर नेता सुषमा स्वराज को लोधी रोड स्थित श्मशान गृह में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. अंतिम रस्म सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी ने पूरी की. इस दौरान नाते-रिश्तेदारों, राजनीतिक दल के नेता-कार्यकर्ताओं, उनको करीब से जानने वाले लोगों के साथ आम लोगों की भी आंखें भर आई.दिल्ली के एम्स में मंगलवार की रात को अंतिम सांस लेने के बाद सुषमा स्वराज के पार्थिव शरीर को उनके जनपथ जीवनदीप बिल्डिंग स्थित निवास में बुधवार सुबह दर्शन के लिए रखा गया था, जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, गृहमंत्री अमित शाह, सोनिया गांधी, राहुल गांधी सहित अन्य नेताओं ने अंतिम दर्शन कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की.दोपहर को सुषमा स्वराज के अंतिम दर्शन के लिए भाजपा कार्यालय लाया गया, जहां गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनके पार्थिव देह को भाजपा के झंडे से लिपेटा. केवल दिल्ली ही नहीं बल्कि दूसरे प्रांतों से भी बड़ी संख्या में पहुंचे भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी. भाजपा कार्यालय से अंतिम संस्कार के लिए लोधी श्मशान घाट ले जाया गया. इस दौरान राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा, रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल सहित अन्य नेताओं ने कंधा दिया.
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार रात पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के आकस्मिक निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया. बनर्जी ने स्वराज को एक उत्कृष्ट राजनीतिज्ञ, एक अच्छा इंसान बताया और कहा कि उनके साथ उन्होंने ‘संसद में कई अच्छे पल बिताए.’ मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘सुषमा स्वराज जी के आकस्मिक निधन पर गहरा दुख हुआ, 1990 के दशक से ही मैं उन्हें जानती थी. भले ही हमारी विचारधाराएँ भिन्न थीं, हमने संसद में कई सौहार्दपूर्ण पल साझा किए. एक उत्कृष्ट राजनेता, अच्छी इंसान. उनकी कमी खलेगी. बनर्जी इस समय चेन्नई में हैं. विदेश मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने भारत-पाक और भारत-चीन संबंधों सहित रणनीतिक रूप से संवेदनशील कई मुद्दों को देखा और बखूबी अपनी जिम्मेदारी निभाई. भारत और चीन के बीच डोकलाम गतिरोध को दूर करने में उनकी भूमिका को हमेशा याद रख जाएगा. स्वराज की तारीफ हर राजनीतिक दल के लोग करते थे. लोग उनकी भाषण कला को पसंद करते थे. वह जब संसद में बोलती थीं तो सदस्य उन्हें गंभीरता के साथ सुनते थे. सुषमा स्वराज भाजपा की एक ऐसी हस्ती थीं जिन्होंने न सिर्फ एक प्रखर वक्ता के रूप में अपनी छवि बनाई, बल्कि उन्हें ‘जन मंत्री’ कहा जाता था. इतना ही नहीं वह जब विदेश मंत्री बनीं तो उन्होंने आम आदमी को विदेश मंत्रालय से जोड़ दिया. वह सिर्फ एक ट्वीट पर विदेश में फंसे किसी भारतीय की मदद के लिए तुरंत सक्रिय हो जाती थीं. बीजेपी के अलावा अन्य दलों के नेताओं के साथ उनके मधुर संबंध रहे.
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राहुल गांधी: मैं पार्टी के तर्ज पर दोस्ती के साथ, एक असाधारण राजनीतिक नेता, एक प्रतिभाशाली नेता और एक असाधारण सांसद,सुषमास्वराज जी के निधन के बारे में सुनकर हैरान हूं। दुख की इस घड़ी में उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदना। उसकी आत्मा को शांति मिले।
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विपक्ष नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘हम तकरीबन 40-45 साल से एक-दूसरे को जानते थे, लेकिन पहले दिन से लेकर अब तक हमने कभी एक दूसरे को नाम से नहीं पुकारा. चाहे हम सदन के अंदर मिले हो या बाहर. मैं हमेशा पूछता था- ‘बहन तुम कैसी हो?’ वो कहती थीं- ‘भाई आप कैसे हो?”
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अब इस दुनिया में नहीं रहीं. हार्ट अटैक से देर रात उनका निधन हो गया. सुसमा के जाने ने पूरा देश गमगीन है. क्या पक्ष-क्या विपक्ष, देश के सभी नेता सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि दे रहे हैं. वरिष्ठ कांग्रेस नेता व राज्यसभा सदस्य गुलाम नबी आजाद ने शूस्मा को श्रद्धांजलि देते हुए बीते पलों को याद किया है.
सुषमा स्वराज के निधन पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘बहुत धक्का लगा है. कभी भी हम ये कल्पना नहीं कर सकते थे कि सुषमा जी ऐसे चली जाएंगी. मैं 1977-78 से उनको जानता था, जब मैं यूथ कांग्रेस में था और वो पहली दफा मंत्री बनी थीं. हम तकरीबन 40-45 साल से एक-दूसरे को जानते थे, लेकिन पहले दिन से लेकर अब तक हमने कभी एक दूसरे को नाम से नहीं पुकारा. चाहे हम सदन के अंदर मिले हो या बाहर. मैं हमेशा पूछता था- ‘बहन तुम कैसी हो?’ वो कहती थीं- ‘भाई आप कैसे हो?’
विपक्ष नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘राजनीति अपनी-अपनी जगह है. हम राजनीति में एक-दूसरे के विरोधी थे, मगर असल जिंदगी में मैंने आज अपनी बहन को खो दिया. वो एक अच्छी इंसान और एक अच्छी लीडर थीं. बेहतरीन वक्ता थीं. उन्हें हमेशा याद किया जाएगा.’
सुषमा स्वराज पहली पूर्णकालिक विदेश मंत्री थीं, उनसे पहले इंदिरा गांधी ने पीएम रहते हुए ये पद संभाला था. सुषमा का नाम भारतीय राजनीति में तेजतर्रा वक्ता के तौर पर जाना जाता था. अपने ओजस्वी भाषण में वह जितनी आक्रामक दिखती थीं, निजी जीवन में उतनी ही सरल और सौम्य थीं.
भारतीय जनता पार्टी में अस्सी के दशक में शामिल होने के बाद से सुषमा का राजनैतिक कद लगातार बढ़ता गया. सुषमा स्वराज पर पार्टी का विश्वास इस कदर था कि 13 दिन की वाजपेयी सरकार में भी उन्हें सूचना व प्रसारण मंत्रालय जैसा महत्वपूर्ण पद मिला. अगली बार बीजेपी के सत्ता में आने पर एक बार फिर सुषमा को दूरसंचार मंत्रालय के साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय मिला.
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नई दिल्ली:भारतीय राजनीतिज्ञ और सुप्रीम कोर्ट की पूर्व वकील और भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज के पार्थिव शरीर को आज दोपहर 12 बजे भाजपा मुख्यालय में रखा जाएगा.वर्ष 2016 में किडनी खराब होने के कारण वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज एम्स में भर्ती कराया गया था. वह डायबिटीज की बीमारी से भी पीड़ित थीं. डायबिटीज की बीमारी ने उन्हें लंबे समय से घेर रखा था. वह करीब 20 वर्षों से ज्यादा से इस बीमारी से जूझ रही थीं. वहीं, दिसंबर, 2016 में सुषमा का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था. किडनी ट्रांसप्लांट के बाद से ही सुषमा स्वराज की राजनीति में सक्रियता धीरे-धीरे कम होती गई. इसी के चलते सुषमा स्वराज ने 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था.सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1953 को हुआ था. वह बीजेपी की वरिष्ठ नेता होने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट की पूर्व वकील भी थीं. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बाद सुषमा स्वराज दूसरी महिला थीं, जिन्होंने विदेश मंत्रालय संभाला था. मात्र 25 वर्ष की उम्र में 1977 में वह पहली बार केंद्रीय कैबिनेट में शामिल हुई थीं. उस वक्त वह सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री थीं. वह दिल्ली की मुख्यमंत्री भी रही थीं. 2014 में सुषमा स्वराज ने मध्य प्रदेश के विदिशा से दूसरी बार 4 लाख वोटों से चुनाव जीता था. सुषमा स्वराज को अमेरिका के वॉल स्ट्रीट जर्नल ने ‘बेस्ट लव्ड पॉलिटिशियन’ कहा था. बता दें कि सुषमा स्वराज का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था.
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नई दिल्ली। बीजेपी की वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि देने के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर स्थित उनके आवास पर तांता लगा हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सुषमा के आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
अपनी पूर्व सहयोगी का पार्थिव शरीर देखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेहद भावुक हो गए और उनकी आंखें डबडबा गईं। प्रधानमंत्री ने बेहद गमगीन माहौल में सुषमा की बेटी बांसुरी स्वराज के सिर पर हाथ फेर कर उनका ढांढस बंधाया। वहीं कुछ देर बाद पहुंचे बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सुषमा के पार्थिव शरीर को शांत खड़े निहारते रहे।
पीएम मोदी की आंखें हो गईं नम
सुषमा के पार्थिव शरीर को बुधवार सुबह अंतिम दर्शनों के लिए जंतर-मंतर स्थित आवास पर रखा गया। अंतिम दर्शनों के लिए सुबह से ही वहां लंबी लाइन लगी रही। बीजेपी ही नहीं, विरोधी दलों के नेता भी उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे। समाजवादी पार्टी नेता रामगोपाल यादव तो सुषमा को श्रद्धांजलि देते हुए बेहद भावुक हो गए और रोने लगे। कुछ देर बाद पीएम मोदी सुषमा के आवास पर पहुंचे। अपनी पार्टी की बेहद तेज तर्रार और लोकप्रिय नेता को इस तरह शांत देख वह भावुक हो गए और उनकी आंखें छलक आईं। मोदी इस दौरान सुषमा की बेटी को सांत्वना देते रहे।
सुषमा को शांत खड़े निहारते रहे आडवाणी
मोदी के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी अपनी बेटी प्रतिभा आडवाणी के साथ सुषमा को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे। पार्टी और एनडीए सरकार में अपनी करीबी सहयोगी रही सुषमा को देखकर आडवाणी भी बेहद भावुक हो गए। वह कुछ क्षणों तक सुषमा के निष्प्राण शरीर को देखते रहे। इस दौरान उनकी बेटी प्रतिभा पास ही खड़ीं सुषमा की बेटी बांसुरी से लिपटकर रोने लगीं।
कौन-कौन पहुंचा श्रद्धांजलि देने
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव, बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आप सांसद संजय सिंह ने सुषमा स्वराज के निवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी पार्टी की वरिष्ठ नेता को श्रद्धांजलि दी। स्वराज को श्रद्धांजलि देने वाले अन्य नेताओं में तृणमूल कांग्रेस डेरेक ओ ब्रायन, योग गुरु रामदेव, बीजेपी नेता हेमा मालिनी, केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी शामिल हैं।