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नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को चीन में शंघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) रक्षा मंत्रियों की बैठक में शामिल हुए, जहां उन्होंने ‘संयुक्त बयान’ पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। राजनाथ सिंह ने एसीओ बैठक में पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा उठाया। इसके साथ ही उन्होंने दोषियों को न्याय के दायरे में लाने की अपील करते हुए भारत के आतंकवाद विरोधी रुख पर जोर दिया।
भारत की तरफ से राजनाथ सिंह का साफ कहना है कि यह संयुक्त बयान आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत स्टैंड को नहीं दिखाता है। ऐसा लगता है कि पहलगाम को इस बयान से बाहर करना पाकिस्तान के इशारे पर किया गया है क्योंकि उसका सदाबहार सहयोगी चीन अभी संगठन का अध्यक्ष है। इसमें न सिर्फ पहलगाम हमले का कोई जिक्र नहीं है बल्कि उसकी जगह डॉक्यूमेंट में बलूचिस्तान का उल्लेख किया गया है, और भारत पर वहां बिना नाम लिए अशांति पैदा करने का आरोप लगाया गया है।इससे पहले, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किंगदाओ में इस बैठक के दौरान आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति में बदलाव की व्यापक रूपरेखा प्रस्तुत की। इसके साथ ही सदस्य देशों से सामूहिक सुरक्षा और संरक्षा के लिए इस खतरे को खत्म करने के लिए एकजुट होने की अपील की।रक्षा मंत्रियों, एससीओ महासचिव, एससीओ के क्षेत्रीय आतंकवाद-रोधी ढांचे (आरएटीएस) के निदेशक और अन्य प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि क्षेत्र के सामने सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी से संबंधित हैं। इसके साथ ही उन्होंने बढ़ती कट्टरता, उग्रवाद और आतंकवाद को इन समस्याओं का मूल कारण बताया है।रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, ताकि आतंकवाद से बचाव और सीमा पार से होने वाले हमलों को रोकने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया जा सके।राजनाथ सिंह ने बैठक में कहा, “पहलगाम आतंकी हमले के दौरान, पीड़ितों को उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर गोली मार दी गई थी। आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक प्रतिनिधि ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने हमले की जिम्मेदारी ली है। पहलगाम हमले का पैटर्न भारत में एलईटी के पिछले आतंकी हमलों से मिलता है।उन्होंने आगे कहा, “आतंकवाद के प्रति भारत का जीरो टॉलरेंस उसके कार्यों के माध्यम से प्रदर्शित हुआ। इसमें आतंकवाद के खिलाफ खुद का बचाव करने का अधिकार भी शामिल है। हमने यह दिखाया है कि अब आतंकवाद के केंद्र सुरक्षित नहीं हैं। हम उन्हें निशाना बनाने में कोई संकोच नहीं करेंगे।” -
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अंतरराष्ट्रीय नशा विरोधी दिवस पर कहा कि नशा हमारे युवाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। सरकार नशा तस्करी करने वाले गिरोहों (नार्को-कार्टेल) के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है और नशे की लत में फंसे युवाओं को सामान्य जीवन में वापस लाने के लिए काम कर रही है। आज 26 जून को अंतरराष्ट्रीय नशा विरोधी और अवैध तस्करी दिवस के अवसर पर अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स हैंडल पर पोस्ट कर यह बात कही।
हर साल 26 जून को विश्व स्तर पर नशा विरोधी दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य नशे से मुक्त समाज के लिए कार्रवाई और सहयोग को मजबूत करना है। अमित शाह ने पोस्ट में कहा, “ड्रग्स हमारे युवाओं के लिए सबसे बड़ा संकट है। मोदी सरकार इस खतरे से निपटने के लिए अन्य सरकारों के साथ काम कर रही है और नार्को-कार्टेल के लिए काम कर रही है और नशे की लत में फंसे युवाओं को सामान्य जीवन में वापस ला रही है।”इस साल का अभियान ‘ब्रेक द साइकल’, स्टॉप ऑर्गनाइज्ड क्राइम’ है, जो ड्रग ट्रैफिकिंग और संगठित अपराध को रोकने के लिए लंबे समय तक समन्वित कार्रवाई की जरूरत पर जोर देता है। इसके लिए मूल कारणों को दूर करना, रोकथाम में निवेश करना और स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक व्यवस्थाओं को मजबूत करना जरूरी है।भारत सरकार ने नशा मुक्त भारत अभियान के तहत जून, 2025 में देशव्यापी जागरूकता कार्यक्रम शुरू किए हैं। सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के अनुसार, अब तक 15.78 करोड़ से अधिक लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया गया है, जिसमें 5.26 करोड़ युवा और 3.31 करोड़ महिलाएं शामिल हैं।सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के सचिव ने एक्स पर कहा, “विभाग बड़ी संख्या में नागरिकों, खासकर छात्रों और युवाओं तक पहुंच रहा है ताकि नशीली दवाओं की समस्या से लड़ने के लिए जागरूकता और सहयोग बढ़ाया जा सके।”विश्व नशा रिपोर्ट 2025 के मुताबिक, संगठित नशा तस्करी समूह वैश्विक संकटों का फायदा उठाकर कमजोर वर्गों को निशाना बना रहे हैं। साल 2023 में 31.6 करोड़ लोगों ने नशे का सेवन किया, जो 15-64 आयु वर्ग की 6 प्रतिशत आबादी है। भांग (24.4 करोड़), ओपिओइड (6.1 करोड़), एम्फेटामाइन (3.07 करोड़), कोकीन (2.5 करोड़) और एक्स्टसी (2.1 करोड़) सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले नशीले पदार्थ हैं।भारत में नशे के खिलाफ सख्त कानून है। नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 गैर-चिकित्सीय नशे के उपयोग को रोकता है और इलाज चाहने वालों को छूट देता है। साल 1988 का अवैध तस्करी कानून दोहराने वाले तस्करों को हिरासत में लेने की शक्ति देता है। ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 दवाओं के उत्पादन और वितरण को नियंत्रित करता है। -
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित राजभाषा विभाग के स्वर्ण जयंती समारोह में कहा कि भारतीय भाषाएं भारत को जोड़ने का सबसे सशक्त माध्यम बनेंगी।
आने वाले समय में केंद्र और राज्यों के प्रशासन में भारतीय भाषाओं का उपयोग और भी बढ़ेगाउन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में केंद्र और राज्यों के प्रशासन में भारतीय भाषाओं का उपयोग और भी बढ़ेगा। वह इसके लिए राज्यों से संपर्क करेंगे और उन्हें समझाने का प्रयास करेंगे। इस अवसर पर शाह ने राजभाषा हिन्दी और सभी भारतीय भाषाओं के प्रेमियों को शुभकामनाएं दीं।उन्होंने कहा, “हमें किसी भी भाषा या विदेशी भाषा से विरोध नहीं है, लेकिन आग्रह अपनी भाषा के सम्मान और उपयोग का होना चाहिए। जब तक हम अपनी भाषा में सोचेंगे और गर्व से बोलेंगे नहीं, तब तक गुलामी की मानसिकता से मुक्ति संभव नहीं है।”सरकारी प्रशासन आम नागरिकों की भाषा में हो, यह लोकतंत्र और आत्मसम्मान दोनों के लिए जरूरीराजभाषा विभाग की 1975 से 2025 तक की यात्रा का उल्लेख कर केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत की आजादी की शताब्दी (2047) तक देश के आत्मगौरव से जुड़े हर प्रयास में राजभाषा विभाग का योगदान स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकारी प्रशासन आम नागरिकों की भाषा में हो, यह लोकतंत्र और आत्मसम्मान दोनों के लिए जरूरी है।भारतीय भाषाओं का भविष्य उज्ज्वलकेंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि अब जेईई, नीट और सीयूईटी जैसी परीक्षाएं 13 भारतीय भाषाओं में कराई जा रही हैं। सीएपीएफ कांस्टेबल भर्ती परीक्षा भी अब 13 भाषाओं में हो रही है और 95 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपनी मातृभाषा में परीक्षा दी है। यह दिखाता है कि भारतीय भाषाओं का भविष्य उज्ज्वल है।गृह मंत्री ने कहा कि हिंदी किसी भी भारतीय भाषा की विरोधी नहीं हैगृह मंत्री ने कहा कि हिंदी किसी भी भारतीय भाषा की विरोधी नहीं है। हिंदी सभी भाषाओं की मित्र है और सब भाषाएं मिलकर ही भारत के स्वाभिमान को ऊंचा उठा सकती हैं। उन्होंने कहा कि पहले भाषाओं का इस्तेमाल देश को बांटने के लिए किया गया, लेकिन अब उन्हें भारत को जोड़ने का जरिया बनाया जाएगा।समारोह में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, केंद्रीय मंत्री बंदी संजय कुमार, सांसद भर्तृहरि महताब, राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी और हिंदी भाषा की वरिष्ठ विद्वान डॉ. राजलक्ष्मी कृष्णन समेत कई प्रमुख हस्तियां उपस्थित रहीं। - नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि अहमदाबाद में एयर इंडिया के बोइंग ड्रीमलाइनर 787 एयरक्राफ्ट की क्रैश साइट से मिले कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) के डेटा का एनालिसिस किया जा रहा है। नागर विमानन मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि ब्लैक बॉक्स से संबंधित अब तक की सभी कार्रवाइयां घरेलू कानूनों और अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के पूर्ण अनुपालन में समयबद्ध तरीके से की गई हैं।एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के बाद, एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) ने तुरंत जांच शुरू की और निर्धारित मानदंडों के अनुसार 13 जून 2025 को एक बहु-विषयक टीम का गठन किया।अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के अनुसार गठित इस टीम का नेतृत्व एएआईबी के महानिदेशक करते हैं और इसमें एक विमानन देखभाल विशेषज्ञ, एक एटीसी अधिकारी और नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (एनटीएसबी) के प्रतिनिधि शामिल हैं, जो अमेरिका की मैन्युफैक्चरिंग और डिजाइन की सरकारी जांच एजेंसी है और इस जांच के लिए आवश्यक है।सीवीआर और एफडीआर दोनों बरामद कर लिए गए। इनमें से पहला 13 जून, 2025 को दुर्घटना स्थल पर इमारत की छत से और दूसरा 16 जून, 2025 को मलबे से मिला। मंत्रालय ने कहा, “सीवीआर और एफडीआर दोनों के सुरक्षित संचालन, भंडारण और परिवहन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी की गई थी। उपकरणों को अहमदाबाद में चौबीसों घंटे पुलिस सुरक्षा और सीसीटीवी निगरानी में रखा गया था।”इसके बाद, 24 जून, 2025 को पूरी सुरक्षा के साथ भारतीय वायुसेना के विमान द्वारा ब्लैक बॉक्स को अहमदाबाद से दिल्ली लाया गया। फ्रंट ब्लैक बॉक्स 24 जून, 2025 को 14:00 बजे एएआईबी के महानिदेशक के साथ दिल्ली की एएआईबी लैब लाया गया। रियर ब्लैक बॉक्स दूसरी एएआईबी टीम द्वारा और 24 जून, 2025 को 17:15 बजे दिल्ली की एएआईबी लैब लाया गया।मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, “एएआईबी के डीजी के नेतृत्व में एएआईबी और एनटीएसबी के तकनीकी सदस्यों के साथ टीम ने 24 जून, 2025 की शाम को डेटा निष्कर्षण प्रक्रिया शुरू की। फ्रंट ब्लैक बॉक्स से क्रैश प्रोटेक्शन मॉड्यूल (सीपीएम) को सुरक्षित रूप से निकाला गया और 25 जून, 2025 को मेमोरी मॉड्यूल तक सफलतापूर्वक पहुंचा गया और इसका डेटा एएआईबी लैब में डाउनलोड किया गया।”सीवीआर और एफडीआर डेटा का विश्लेषण चल रहा है। इन प्रयासों का उद्देश्य दुर्घटना की ओर ले जाने वाली घटनाओं के अनुक्रम को फिर से बनाना और विमानन सुरक्षा को बढ़ाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए योगदान देने वाले कारकों की पहचान करना है।
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नई दिल्ली। भारत के लिए 26 जून अंतरिक्ष क्षेत्र में एक ऐतिहासिक दिन बन गया जब भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर कदम रखा। इसके साथ ही वह पहले भारतीय बने जो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर पहुंचे और 41 साल बाद किसी भारतीय ने अंतरिक्ष की यात्रा की। इससे पहले 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा ने सोवियत संघ के ‘Soyuz T-11’ से उड़ान भरी थी। शुभम शुक्ला एक्सिओम स्पेस के प्राइवेट मिशन Axiom-4 (Ax-4) के तहत अमेरिकी कंपनी SpaceX के ड्रैगन अंतरिक्ष यान ‘Grace’ में सवार होकर अंतरिक्ष पहुंचे। यह उड़ान अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से बुधवार को भारतीय समयानुसार दोपहर 12:00 बजे (2:31 AM ET) लॉन्च हुई और करीब 14 घंटे की यात्रा के बाद गुरुवार शाम 4:00 बजे (6:30 AM ET) अंतरिक्ष स्टेशन के ‘Harmony’ मॉड्यूल से जुड़ गई। SpaceX ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “डॉकिंग की पुष्टि हो गई!”
गौरतलब है कि शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में पहुंचने वाले भारत के दूसरे नागरिक हैं। उनसे पहले 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा ने सोवियत संघ के Soyuz T-11 मिशन से अंतरिक्ष की यात्रा की थी। हालांकि, शुभांशु शुक्ला पहले भारतीय हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंच बनाई है। Ax-4 मिशन में उनके साथ तीन जिनमें मिशन कमांडर पेगी व्हिटसन, पोलैंड के अंतरिक्ष यात्री स्लावोश उजनस्की-विस्निएवस्की, और हंगरी के पेलोड स्पेशलिस्ट तिबोर कापू शामिल हैं। अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद शुभांशु शुक्ला ने अपना पहला संदेश भेजा। उन्होंने कहा, “नमस्कार दोस्तों, मैं अंतरिक्ष से बोल रहा हूं। अपने साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है। लॉन्च के समय मुझे सीट में जोर से धक्का लगा और अब यहां सब कुछ भारहीन लग रहा है। मैं यहां बिल्कुल बच्चे की तरह चलना और खाना सीख रहा हूं।”शुभांशु शुक्ला का जन्म उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 10 अक्टूबर 1985 को हुआ था। वह भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट हैं और ISRO के गगनयान मिशन के लिए चयनित चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं। ISS पर अपने दो सप्ताह के प्रवास के दौरान वह वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जिनका संबंध भोजन और पोषण से है। उनका प्रयोग खास तौर पर पोषक तत्वों से भरपूर सूक्ष्म शैवाल (microalgae) पर केंद्रित होगा, जिसे भविष्य की लंबी अंतरिक्ष यात्राओं के लिए एक संभावित खाद्य स्रोत माना जा रहा है।यह शोध ISRO, जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) और NASA के सहयोग से तैयार किया गया है। इसमें यह अध्ययन किया जाएगा कि अंतरिक्ष की सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण (microgravity) और विकिरण का प्रभाव शैवाल की जीन अभिव्यक्ति (gene expression), प्रोटीन उत्पादन (protein synthesis) और चयापचय क्रियाओं (metabolic activity) पर कैसे पड़ता है। अंतरिक्ष में उगाई गई शैवाल की तुलना पृथ्वी पर उगाई गई शैवाल से की जाएगी।शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन से पहले की एक अहम तैयारी मानी जा रही है। बता दें कि ISRO का गगनयान मिशन 2025 में लॉन्च होने की योजना है, जिसमें भारत स्वदेशी तकनीक से अपने अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजेगा। - नयी दिल्ली. मुकेश अंबानी और गौतम अदाणी ने एक-दूसरे के ईंधन खुदरा नेटवर्क का लाभ उठाकर वाहन ईंधन बेचने के लिए साझेदारी की है। यह दो अरबपति उद्योगपतियों के बीच दूसरा व्यावसायिक सहयोग है। ब्रिटेन की बीपी के साथ अंबानी का ईंधन उद्यम जियो-बीपी, अदाणी टोटल गैस लिमिटेड (एटीजीएल) की सीएनजी खुदरा दुकानों पर पेट्रोल और डीजल डिस्पेंसर स्थापित करेगा। बुधवार को जारी संयुक्त बयान के अनुसार, अंबानी का ब्रिटेन की बीपी के साथ ईंधन उद्यम- जियो-बीपी, अदाणी टोटल गैस लिमिटेड (एटीजीएल) की सीएनजी खुदरा दुकानों पर पेट्रोल और डीजल डिस्पेंसर लगाएगा। इसके साथ ही, अदाणी समूह और फ्रांस की टोटल एनर्जीज का शहरी गैस वितरण संयुक्त उद्यम - एटीजीएल, जियो बीपी के ईंधन स्टेशनों पर सीएनजी डिस्पेंसर लगाएगा।इस साझेदारी के तहत समूह की मौजूदा और भविष्य की, दोनों इकाइयां आएंगी।जियो-बीपी के पास देशभर में 1,972 पेट्रोल पंप हैं, जबकि एटीजीएल 34 भौगोलिक क्षेत्रों में 650 सीएनजी स्टेशनों का नेटवर्क संचालित करती है। बयान के अनुसार, “अदाणी टोटल गैस लिमिटेड (एटीजीएल) और जियो-बीपी (रिलायंस बीपी मोबिलिटी लिमिटेड के परिचालन ब्रांड) ने आज (बुधवार) भारतीय उपभोक्ताओं के लिए वाहन ईंधन खुदरा अनुभव को फिर से परिभाषित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की।” इसमें कहा गया, “इस साझेदारी के तहत, चुनिंदा एटीजीएल ईंधन आउटलेट जियो-बीपी के उच्च प्रदर्शन वाले तरल ईंधन (पेट्रोल और डीजल) की पेशकश करेंगे, जबकि चुनिंदा जियो-बीपी ईंधन आउटलेट एटीजीएल के अधिकृत भौगोलिक क्षेत्रों (जीए) के भीतर एटीजीएल के सीएनजी डिस्पेंसर को एकीकृत करेंगे।इस प्रकार परिवहन उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाले ईंधन की आपूर्ति बढ़ाई जाएगी।” हाल के महीनों में यह दूसरी बार है जब देश के दो प्रमुख अरबपति उद्योगपति एक साथ आए हैं। पिछले साल मार्च में, दोनों ने मध्यप्रदेश में एक बिजली परियोजना के लिए अपने पहले सहयोग के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। अंबानी की कंपनी रिलायंस ने मध्यप्रदेश में अदाणी पावर की परियोजना में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी और संयंत्र की 500 मेगावाट बिजली का खुद इस्तेमाल करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
- कन्नौज . जिले के गुरसहायगंज क्षेत्र में बालू से लदे डंपर की चपेट में आने से मोटरसाइकिल सवार दो युवकों की मौत हो गई। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि घटना से नाराज ग्रामीणों ने बालू लेने जा रहे तीन अन्य डंपरों पर पथराव किया और मृत युवकों के शव सड़क पर रखकर रास्ता जाम कर दिया। अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) अजय कुमार ने बुधवार को बताया कि गुरसहायगंज थाना क्षेत्र में गुगरापुर क्षेत्र के संयोगिता मार्ग पर पडआपुर गांव के पास मंगलवार रात बालू से लदे एक डंपर की टक्कर लगने से मोटरसाइकिल सवार प्रभाकांत (22) और अजय वर्मा (20) की मौत हो गई।घटना के बाद डंपर चालक अपना वाहन लेकर भाग गया। उन्होंने बताया कि नाराज ग्रामीणों ने बालू लादने जा रहे डंपरों पर पथराव कर उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया तथा सड़क पर शव रखकर रास्ता जाम कर दिया। कुमार ने बताया कि उन्होंने गुरसहायगंज कोतवाली प्रभारी आलोक कुमार दुबे को डंपर चालक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की रिपोर्ट दर्ज करने और उसकी गिरफ्तारी के आदेश दिये। उसके बाद देर रात 11 बजे जाम खुला सका। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि खनन ठेकेदार तय किए गए खनन ठेके से अधिक बालू निकालते हैं। लगभग 20 दिन पहले भी एक युवक की डंपर की टक्कर से मौत हुई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पर अपर पुलिस अधीक्षक ने अवैध खनन करने वालों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया।
- नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कोई भी भारतीय यह कभी नहीं भूलेगा कि आपातकाल के दौरान संविधान की भावना का कैसे उल्लंघन किया गया। उन्होंने संवैधानिक सिद्धांतों को मजबूत करने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर कई पोस्ट कर मोदी ने कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र के इतिहास के सबसे अंधकारमय अध्याय में से एक है।उन्होंने कहा कि आपातकाल में संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार कर दिया गया, मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता को दबा दिया गया और बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों के नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया।प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ऐसा लग रहा था जैसे उस समय सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया था।'' मोदी सरकार ने पिछले साल घोषणा की थी कि आपातकाल की बरसी को ‘‘संविधान हत्या दिवस'' के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 42वें संशोधन में संविधान में व्यापक परिवर्तन किए गए जो आपातकाल लगाने वाली कांग्रेस सरकार की चालों का एक प्रमुख उदाहरण है, जिसे जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने बाद में पलट दिया था। उन्होंने कहा कि गरीबों, हाशिए पर पड़े लोगों और दलितों को विशेष रूप से निशाना बनाया गया और उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाई गई।मोदी ने कहा, ‘‘हम अपने संविधान में निहित सिद्धांतों को मजबूत करने और विकसित भारत के अपने दृष्टिकोण को साकार करने के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराते हैं। हम प्रगति की नयी ऊंचाइयों को छूएं और गरीबों तथा दलितों के सपनों को पूरा करें।'' आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में डटे रहने वाले हर व्यक्ति को सलाम करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये लोग पूरे भारत से, हर क्षेत्र से, हर विचारधारा से थे, जिन्होंने एक ही उद्देश्य से एक-दूसरे के साथ मिलकर काम किया और वह था: भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा करना और उन आदर्शों को बनाए रखना जिनके लिए स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘यह उनका सामूहिक संघर्ष था जिसने यह सुनिश्चित किया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार लोकतंत्र बहाल करे। नए सिरे से चुनाव कराने पड़े, जिसमें वे (कांग्रेस पार्टी) बुरी तरह हार गए।''--
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कोलकाता. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि वैश्विक उथल-पुथल के बावजूद भारत 2027 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर मजबूती से आगे बढ़ रहा है और यह सब सामूहिक राष्ट्रीय प्रयास एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मजबूत नेतृत्व के कारण संभव हो पाया है। ‘मर्चेंट्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री' (एमसीसीआई) द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन सत्र में गोयल ने सरकार के दशक भर के आर्थिक सुधारों को वृद्धिशील के बजाय परिवर्तनकारी करार दिया।
गोयल ने मंगलवार को कहा, ‘‘ हम अगले तीन वर्ष में पांच हजार अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। यह 2047 तक ‘विकसित भारत' बनने के सफर में हमारी पहली उपलब्धि होगा।'' वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और भू-राजनीतिक चुनौतियों पर मंत्री ने कहा कि भारत को एकता और दृढ़ संकल्प के साथ अशांत माहौल में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘ बड़ी अर्थव्यवस्थाएं शांत स्थिति मे नहीं बनती। यह भारत का समय है। हमें इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए और दुनिया के अग्रणी देशों के बीच अपना उचित स्थान पाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।'' गोयल ने सरकार के वृद्धि मॉडल को समावेशी, टिकाऊ और ईमानदार विकास पर केंद्रित बताया जिसमें सेवा, सुशासन और नवाचार पर जोर दिया गया है। उन्होंने नागरिक कल्याण के प्रति प्रधानमंत्री मोदी की व्यक्तिगत प्रतिबद्धता की प्रशंसा की। साथ ही ईरान तथा यूक्रेन जैसे वैश्विक संघर्ष क्षेत्रों में सरकार के निकासी प्रयासों का भी उल्लेख किया। - नयी दिल्ली. आपातकाल और उस दौरान के अपने अनुभवों पर एक पुस्तक के विमोचन से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि यह अवधि उनके लिए सीख देने वाली थी। लोकतंत्र के आदर्शों के लिए मोदी के संघर्ष को रेखांकित करने वाली किताब ‘द इमरजेंसी डायरीज-ईयर्स दैट फोर्ज्ड ए लीडर' का प्रकाशन ब्लूक्राफ्ट ने किया है। मोदी ने कहा कि यह किताब आपातकाल के दौरान की उनकी यात्रा को बयां करती है और उस समय की कई स्मृतियों को ताजा करती है। मोदी ने ‘एक्स' पर कहा, ‘‘मैं उन सभी लोगों से अपील करता हूं जिन्हें आपातकाल के वे काले दिन याद आते हैं या जिनके परिवारों ने उस दौरान कष्ट झेले थे, वे अपने अनुभवों को सोशल मीडिया पर साझा करें। इससे युवाओं में 1975 से 1977 तक के शर्मनाक समय के बारे में जागरूकता पैदा होगी।''प्रधानमंत्री ने कहा कि आपातकाल के समय वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के युवा प्रचारक थे।उन्होंने कहा, ‘‘आपातकाल विरोधी आंदोलन मेरे लिए सिखाने वाला अनुभव था। इसने हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को संरक्षित करने की महत्ता को फिर से पुष्ट किया। साथ ही, मुझे राजनीतिक क्षेत्र के लोगों से बहुत कुछ सीखने को मिला।'' मोदी ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन ने उन अनुभवों में से कुछ को एक पुस्तक के रूप में संकलित किया है, जिसकी प्रस्तावना श्री एच.डी. देवेगौड़ा जी ने लिखी है, जो स्वयं आपातकाल विरोधी आंदोलन के एक दिग्गज थे।'' प्रकाशक ने एक पोस्ट में कहा कि पुस्तक आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में मोदी द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालती है।उन्होंने कहा कि मोदी के साथ उनकी युवावस्था में काम करने वाले सहयोगियों के अनुभवों और अन्य सामग्रियों के आधार पर यह पुस्तक अपनी तरह की पहली किताब है, जो एक ऐसे युवा के प्रारंभिक वर्षों पर नए सिरे से रोशनी डालती है, जिसने अत्याचार के खिलाफ लड़ाई में अपना सब कुछ झोंक दिया। इसमें आगे कहा गया है, ‘‘इमरजेंसी डायरीज पुस्तक लोकतंत्र के आदर्शों के लिए संघर्ष कर रहे नरेन्द्र मोदी की एक जीवंत तस्वीर पेश करती है और बताती है कि कैसे उन्होंने अपने पूरे जीवन में इसे बनाए रखने और बढ़ावा देने के लिए काम किया है।'' ब्लूक्राफ्ट ने कहा कि यह पुस्तक उन लोगों के साहस और संकल्प को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने चुप रहने से इनकार कर दिया था, और यह उन शुरुआती चरणों की एक दुर्लभ झलक पेश करती है, जिसने हमारे समय के सबसे क्रांतिकारी नेताओं में से एक को गढ़ा।
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नई दिल्ली। देश में आलू के सबसे बड़े उत्पादक राज्य में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र की स्थापना होने जा रही है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज उत्तर प्रदेश के आगरा में अंतरराष्ट्रीय आलू केन्द्र (सीआईपी) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केन्द्र (सीएसएआरसी) की स्थापना के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह केंद्र आगरा के सींगना में स्थापित किया जाएगा। आगरा को राज्य और देश का आलू हब माना जाता है। भारत में आलू के अनुसंधान के लिए केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र हिमाचल के शिमला में स्थित है।
अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र का क्या है उद्देश्यअंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (सीएसएआरसी) की आगरा में स्थापना का मुख्य उद्देश्य आलू की उत्पादकता, कटाई के बाद प्रबंधन और मूल्य संवर्धन में सुधार करके खाद्य एवं पोषण सुरक्षा, किसानों की आय और रोजगार सृजन को बढ़ाना है। केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि भारत में आलू क्षेत्र में उत्पादन, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, परिवहन, विपणन, मूल्य श्रृंखला आदि में महत्वपूर्ण रोजगार अवसर पैदा करने की क्षमता है। इसलिए इस क्षेत्र में अपार संभावनाओं का दोहन करने और उन्हें तलाशने के लिए उत्तर प्रदेश के आगरा के सींगना में सीआईपी के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना की जा रही है।सीएसएआरसी द्वारा विकसित आलू की उच्च उपज देने वाली, पोषक तत्व वाली और जलवायु अनुकूल किस्में विश्व स्तरीय विज्ञान और नवाचार के माध्यम से न केवल भारत में बल्कि दक्षिण एशिया क्षेत्र में भी आलू क्षेत्र के सतत विकास को महत्वपूर्ण रूप से गति प्रदान करेंगी।आगरा में ही यह केंद्र खोलने को क्यों मिली मंजूरी?उत्तर प्रदेश में भारत का सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में 2024-25 में 595 लाख टन आलू का उत्पादन हुआ था। इसमें 202 लाख टन उत्पादन के साथ सबसे बड़ी हिस्सेदारी उत्तर प्रदेश की रही। उत्तर प्रदेश का आगरा शहर आलू कारोबार का हब माना जाता है। आगरा मंडी को आलू की बेंचमार्क मंडी कहा जाता है। इसी मंडी के आलू दाम तय होते हैं। आगरा में ही सबसे अधिक कोल्ड स्टोर हैं और यहीं से खासकर नई फसल की आवक खत्म होने के बाद कोल्ड स्टोर से देश के दूसरे हिस्सों में आलू की आपूर्ति की जाती है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पुणे मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण वनाज से चांदनी चौक (कॉरिडोर 2ए) और रामवाड़ी से वाघोली/विट्ठलवाड़ी (कॉरिडोर 2बी) को मंजूरी दे दी है। यह चरण-1 के तहत मौजूदा वनाज-रामवाड़ी कॉरिडोर का विस्तार है।
पुणे की आर्थिक क्षमता को करेगा उजागरपरियोजना की अनुमानित लागत 3626.24 करोड़ रुपये है, जिसे भारत सरकार, महाराष्ट्र सरकार और बाहरी द्विपक्षीय/बहुपक्षीय एजेंसियों द्वारा समान रूप से साझा किया जाएगा। यह रणनीतिक विस्तार पुणे की आर्थिक क्षमता को उजागर करेगा और अर्बन ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाएगा। साथ ही महानगरीय क्षेत्र में सस्टेनेबल और इंक्लूसिव डेवलपमेंट में महत्वपूर्ण योगदान देगा।इस परियोजना को चार साल में पूरा करने का लक्ष्यये दो एलिवेटेड कॉरिडोर 12.75 किलोमीटर तक फैले होंगे और इनमें 13 स्टेशन शामिल होंगे, जो चांदनी चौक, बावधन, कोथरुड, खराडी और वाघोली जैसे तेजी से विकसित हो रहे उपनगरों को जोड़ेंगे। इस परियोजना को चार साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।मुख्य मार्गों पर भीड़भाड़ कम करने में भी मिलेगी मददलॉन्ग-टर्म मोबिलिटी प्लानिंग के तहत, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों से इंटरसिटी बस सेवाओं को चांदनी चौक में इंटीग्रेट किया जाएगा, जबकि अहिल्या नगर और छत्रपति संभाजी नगर, वाघोली में कनेक्ट होंगे। ये विस्तार पौड रोड और नगर रोड जैसे मुख्य मार्गों पर भीड़भाड़ कम करने में भी मदद करेंगे, जिससे सुरक्षित, तेज और पर्यावरण के अनुकूल गतिशीलता विकल्प मिलेंगे।पूरे नेटवर्क में सार्वजनिक परिवहन और यात्रियों की संख्या में होगी वृद्धिये विस्तार प्रमुख आईटी हब, वाणिज्यिक क्षेत्रों, शैक्षणिक संस्थानों और आवासीय क्षेत्रों को सेवाएं प्रदान करेंगे, जिससे पूरे नेटवर्क में सार्वजनिक परिवहन और यात्रियों की संख्या में वृद्धि होगी। नए गलियारे डिस्ट्रिक्ट कोर्ट इंटरचेंज स्टेशन को लाइन-1 (निगडी-कात्रज) और लाइन-3 (हिंजेवाड़ी-डिस्ट्रिक्ट कोर्ट) के साथ इंटीग्रेट करेंगे।इस परियोजना को महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा क्रियान्वितइन गलियारों के पूरा होने के बाद, पूरी लाइन 2 के लिए अनुमानित दैनिक वृद्धिशील यात्रियों की संख्या 2027 में 0.96 लाख, 2037 में 2.01 लाख, 2047 में 2.87 लाख और 2057 में 3.49 लाख होने का अनुमान है। इस परियोजना को महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (महा-मेट्रो) द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा, जो सभी सिविल, इलेक्ट्रो-मैकेनिकल और संबंधित कार्यों को एग्जीक्यूट करेगा। -
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को ऐतिहासिक मिशन पर जाने के लिए शुभकामनाएं व्यक्त की। शुभांशु शुक्ला एक्सिओम मिशन 4 के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बनेंगे। उन्होंने आईएसएस तक भारत की यात्रा करने और भारतीयों को गौरवान्वित करने के लिए शुभांशु शुक्ला को बधाई दी।राष्ट्रपति मुर्मु ने कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष में उड़ान पर दीं शुभकामनाएं
इसे लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष में उड़ान पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर जानकारी साझा करते हुए लिखा कि जैसे ही ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने भारत के लिए अंतरिक्ष में एक नया मील का पत्थर बनाया, पूरा देश एक भारतीय की सितारों तक की यात्रा से उत्साहित और गौरवान्वित है। वह और अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के एक्सिओम मिशन 4 के उनके साथी अंतरिक्ष यात्री साबित करते हैं कि दुनिया वास्तव में एक परिवार है… वसुधैव कुटुम्बकम।” राष्ट्रपति ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा, ”इस मिशन की सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं, जो नासा और इसरो के बीच स्थायी साझेदारी को दर्शाती है। चालक दल द्वारा किए जाने वाले व्यापक प्रयोगों से वैज्ञानिक अध्ययन और अंतरिक्ष अन्वेषण की नई सीमाएं सामने आएंगी।”
पीएम मोदी ने भी शुभांशु शुक्ला को दी बधाई
वहीं पीएम मोदी ने भी शुक्ला को बधाई दी और उन्हें और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को सफलता की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, ”हम भारत, हंगरी, पोलैंड और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अंतरिक्ष मिशन के सफल प्रक्षेपण का स्वागत करते हैं। भारतीय अंतरिक्ष यात्री, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बनने की राह पर हैं। वे अपने साथ 1.4 बिलियन भारतीयों की इच्छाओं, आशाओं और आकांक्षाओं को लेकर चल रहे हैं। उन्हें और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को सफलता की शुभकामनाएं!”
भारतीय वायु सेना ने एक्स पर लिखा यह संदेशवहीं सफल लॉन्चिंग के बाद भारतीय वायु सेना ने एक्स पर लिखा आसमान को जीतने से लेकर सितारों को छूने तक-भारतीय वायुसेना के वायु योद्धा की अदम्य भावना से प्रेरित एक यात्रा।नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से एक्सिओम मिशन-4 लॉन्चभारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला बुधवार को एक्सिओम 4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुए। फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर में कॉम्प्लेक्स 39ए से बुधवार सुबह 2:31 बजे ईडीटी (12:01 बजे आईएसटी) एक्सिओम मिशन-4 स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान ने चार अंतरिक्ष यात्रियों के साथ उड़ान भरी।इस मिशन की अवधि 14 दिनइस मिशन की अवधि 14 दिन है। नासा के अनुसार, लॉन्चिंग के अगले दिन 26 जून की शाम लगभग 4 बजकर 30 मिनट पर ड्रैगन कैप्सूल अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से डॉक करेगा। नासा और स्पेसएक्स के सहयोग से एक्सिओम स्पेस ने इस मिशन को तैयार किया है।इसमें कई देशों के अंतरराष्ट्रीय क्रू मेंबरइसमें कई देशों के अंतरराष्ट्रीय क्रू मेंबर शामिल हैं। यह कमर्शियल और वैश्विक अंतरिक्ष एक्सप्लोरेशन में एक बड़ा कदम है। भारत के लिहाज से खास बात ये है कि इसमें भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला भी हैं। किसी भी भारतीय एस्ट्रोनॉट की आईएसएस के लिए ये पहली उड़ान है। भारत, हंगरी और पोलैंड के लिए यह मिशन लंबे अंतराल के बाद मानव अंतरिक्ष यान की वापसी का प्रतीक है।यह ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशनग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला एक ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन पर रवाना हुए हैं, जो देश के गौरव को धरती से परे ले जाएगा। यह भारत के लिए एक ऐसा क्षण है जो स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा के मिशन के 41 साल बाद आया है। ऐसे में यह एक मिशन से कहीं बढ़कर है। यह भारत के निरंतर विस्तारित क्षितिज की पुष्टि करता है। उल्लेखनीय है कि भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं। इससे पहले वर्ष 1984 में अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष की यात्रा की थी। राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष से कहा था, ”सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा।” - नयी दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित करने हेतु प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान को संयुक्त निर्देश एवं संयुक्त आदेश जारी करने के लिए अधिकृत किया है। यह उस पुरानी प्रणाली में किया गया परिवर्तन है, जिसमें दो या अधिक सेनाओं से संबंधित निर्देश/आदेश प्रत्येक सेना द्वारा अलग-अलग जारी किए जाते थे। यह कदम सेना, नौसेना और वायुसेना के बीच बेहतर तालमेल और संयुक्तता के लिए 'थिएटराइजेशन मॉडल' को लागू करने के सरकार के प्रयासों के बीच उठाया गया है। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि संयुक्त निर्देशों और संयुक्त आदेशों के 'अनुमोदन, प्रकाशन और क्रमांकन' पर पहला संयुक्त आदेश मंगलवार को जारी किया गया। इस आदेश में प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने, अतिरेक को समाप्त करने तथा अंतर-सेवा सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया गया। रक्षा मंत्रालय ने सीडीएस को शक्तियां प्रदान करने को सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और परिवर्तन की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और परिवर्तन की दिशा में एक बड़े कदम के तहत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस और सैन्य मामलों के विभाग के सचिव को तीनों सेनाओं के लिए संयुक्त निर्देश और संयुक्त आदेश जारी करने के लिए अधिकृत किया है।'' मंत्रालय ने कहा कि यह पहल तीनों सेनाओं में बेहतर पारदर्शिता, समन्वय और प्रशासनिक दक्षता की नींव रखेगी। थियेटराइजेशन मॉडल के तहत सरकार सेना, वायुसेना और नौसेना की क्षमताओं को एकीकृत करना चाहती है तथा युद्धों और अभियानों के लिए उनके संसाधनों का इष्टतम उपयोग करना चाहती है।
- नयी दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस से हाथ मिलाने वाले द्रमुक, समाजवादी नेताओं और अन्य पर निशाना साधते हुए कहा कि वे एक ऐसी पार्टी के साथ बैठे हैं जिसने आपातकाल लगाकर ‘‘लोकतंत्र की हत्या'' की। ‘आपातकाल के 50 वर्ष' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने यह भी कहा कि 25 जून -जिस दिन आपातकाल लगाया गया था - हर किसी को याद दिलाता है कि कांग्रेस सत्ता के लिए किस हद तक जा सकती है। उन्होंने कहा कि 1975 के आपातकाल को भले ही 50 साल हो गए हों, लेकिन कांग्रेस के ‘‘अन्याय, अत्याचार और तानाशाही'' की यादें अभी भी सभी के दिमाग में ताजा हैं। गृह मंत्री ने कहा कि आपातकाल लागू होने के बाद देश भर में 1.1 लाख लोगों - विपक्षी नेताओं, छात्र कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और संपादकों को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने गुजरात और तमिलनाडु में गैर-कांग्रेसी सरकारों को बर्खास्त कर दिया था। शाह ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, आपातकाल का दंश झेलने वाले कई लोग अब कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़ गए हैं।'' शाह ने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस के बजाय द्रमुक, समाजवादी और अन्य पार्टियों से पूछना चाहता हूं कि आपको लोकतंत्र के बारे में सवाल पूछने का क्या अधिकार है, जब आपने उस पार्टी से हाथ मिला लिया है जिसने देश में लोकतंत्र की हत्या की है।'' शाह ने कहा कि भारत तानाशाही को स्वीकार नहीं कर सकता क्योंकि यह देश लोकतंत्र की जननी है। उन्होंने कहा, ‘‘अत्याचारी के इर्द-गिर्द रहने वाले एक छोटे से समूह को छोड़कर किसी को भी आपातकाल पसंद नहीं था। यही कारण है कि जब आपातकाल हटा तो भारत के लोगों ने देश की पहली गैर-कांग्रेसी सरकार (केंद्र में) चुनी।'' अपना निजी अनुभव साझा करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि जब आपातकाल लगाया गया था तब वह सिर्फ 11 वर्ष के थे और गुजरात में उनके गांव के 184 लोगों को गिरफ्तार कर साबरमती जेल में रखा गया था।
- नयी दिल्ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को यहां राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में 'सितारे ज़मीन पर' फिल्म देखी। राष्ट्रपति कार्यालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि इस फिल्म में ‘न्यूरोडायवर्जेंट' स्थिति वाले वास्तविक लोगों को दिखाया गया है, जो विविधता, समानता और समावेश का संदेश देती है। पोस्ट में कहा गया, "फिल्म के निर्माता और मुख्य अभिनेता आमिर खान तथा फिल्म की पूरी टीम भी स्क्रीनिंग पर मौजूद थी।" इससे पहले खान ने राष्ट्रपति भवन में मुर्मू से मुलाकात की थी। राष्ट्रपति कार्यालय ने पोस्ट में कहा, अभिनेता आमिर खान ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।
- पुणे . केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि परियोजनाओं के लिए धन की कोई कमी नहीं है लेकिन नौकरशाही में लचीलेपन की कमी और लीक से हटकर न सोचना चिंता का विषय है। गडकरी ने सोमवार को पुणे में एक कार्यक्रम में कहा कि पूर्व नौकरशाह विजय केलकर ने लचीला रुख अपनाया और वे अपवाद हैं। इस समारोह में केलकर को पुण्यभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे पास धन की कमी नहीं है। मैं हमेशा एक लाख करोड़, 50,000 करोड़ या दो लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं की बात करता हूं। आम तौर पर पत्रकार बड़ी घोषणाओं के मामले में राजनेताओं पर भरोसा नहीं करते। मैं उनसे कहता हूं कि मैं जो कहता हूं उसे रिकॉर्ड करें और अगर काम पूरा नहीं होता है तो ‘ब्रेकिंग न्यूज' चलाएं।'' मंत्री ने यह भी कहा कि चिंता धन की उपलब्धता की बजाय काम की धीमी गति को लेकर है। उन्होंने कहा, ‘‘ ग्रामीण इलाकों में जब मवेशी चरने जाते हैं तो वे एक ही पंक्ति में चलते हैं। वे इतने अनुशासित होते हैं कि कभी भी क्रम नहीं तोड़ते।मुझे कभी-कभी नौकरशाही के बारे में भी यही महसूस होता है। यहां लीक से हटकर विचार अपनाना पूरी तरह मना है। हालांकि केलकर सर ने नीति-निर्माण में लचीलेपन को स्वीकार किया।'' गडकरी ने कहा कि उन्होंने केलकर से उस समय मुलाकात की थी जब वह वित्त आयोग के चेयरमैन थे और उन्हें बताया था कि 3.85 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली 406 परियोजनाएं रुकी हुई हैं और बैंकों के सामने तीन लाख करोड़ रुपये की गैर-निष्पादित आस्तियां होने का खतरा है। मंत्री ने कहा, ‘‘ उन्होंने मुझसे पूछा कि इसका कारण क्या है। मैंने उनसे कहा कि इसका एकमात्र कारण नौकरशाह हैं।हमने कुछ परियोजनाओं को समाप्त करके और कुछ में सुधार करके समस्या का समाधान किया। परियोजनाएं फिर से शुरू हुईं और बैंकों को तीन लाख करोड़ रुपये की गैर-निष्पादित आस्तियों से बचाया गया।'' केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ केलकर ने हर विभाग में उत्कृष्ट कार्य किया, लेकिन वित्त सचिव के रूप में उन्होंने जो नीतियां तैयार कीं, उनका भारत के भविष्य पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा।'' गडकरी ने बताया कि 2009 में जब (भारत के पूर्व राष्ट्रपति) प्रणब मुखर्जी केंद्रीय वित्त मंत्री थे, तब केलकर कई चुनौतियों का सामना करते हुए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) पर आम सहमति बनाने की कोशिश कर रहे थे और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसा किया जाना चाहिए क्योंकि यह देश के हित में था। इस अवसर पर केलकर ने कहा कि राजनेता ही सामाजिक और आर्थिक सुधारों को बढ़ावा देते हैं। न्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि वे ही असली नीति निर्माता हैं क्योंकि वे ही निर्णय लेते हैं।''
- नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत तेजी से आगे बढ़ रही है और जल्द ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। वर्ष 2030 तक 2,000 अरब अमेरिकी डॉलर के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए निर्यात को बढ़ावा देने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने पहले ही संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया और चार देशों के ईएफटीए (यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ) ब्लॉक के साथ मुक्त व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर कर लिए हैं और ब्रिटेन के साथ बातचीत पूरी हो चुकी है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘ अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ बातचीत वास्तव में बेहद तेजी से जारी है और जल्द ही निष्कर्ष पर पहुंच जाएगी।'' ‘इंडिया एक्जिम बैंक' द्वारा यहां आयोजित व्यापार सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि अब अधिक मुक्त व्यापार समझौते करने पर जोर दिया जा रहा है।देश के निर्यात का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में वस्तुओं एवं सेवाओं का कुल निर्यात 825 अरब अमेरिकी डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जो 2023-24 की तुलना में छह प्रतिशत की वृद्धि है। उन्होंने कहा कि जहां वैश्विक निर्यात में केवल चार प्रतिशत की वृद्धि हुई, वहीं भारत के निर्यातक व्यापार मोर्चे पर वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद तेजी से आगे बढ़ने और 6.3 प्रतिशत की वृद्धि को पार करने में सफल रहे हैं। उन्होंने निर्यातकों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाते हुए उनसे आग्रह किया कि वे नवोन्मेषण पर ध्यान केंद्रित करें तथा अपने उत्पादों के लिए नए बाजार तलाशें। कार्यक्रम में वित्तीय सेवा सचिव एम. नागराजू ने कहा कि भारत की वृद्धि संभावनाएं उज्ज्वल बनी हुई हैं, जबकि विश्व अर्थव्यवस्था भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और इससे उत्पन्न चुनौतियों से परेशान है। उन्होंने कहा, ‘‘ वैश्विक स्तर पर तमाम चुनौतियों के बावजूद भारत दुनिया में उम्मीद की किरण बना हुआ है।''नागराजू ने कहा कि भारत का निर्यात जिसे वाणिज्य मंत्रालय वैश्विक मूल्य श्रृंखला से जोड़ने के ‘‘ कई प्रयास कर रहा है "... वह चुनौतियों के बावजूद अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने कहा कि दवा तथा रत्न एवं आभूषण क्षेत्रों से निर्यात में जुझारूपन देखने को मिल रहा है। इसमें वित्त मंत्रालय नीति, योजनाओं और वित्तीय सहायता के माध्यम से समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है। वित्तीय सेवा सचिव ने कहा, ‘‘ हमारी वित्तीय प्रणालियां पर्याप्त पूंजी और कम गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों के साथ मजबूत बनी हैं।'' उन्होंने कहा कि इससे भारत की वित्तीय जरूरतों को मजबूत समर्थन मिलता है।
- नयी दिल्ली. केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा कि किसी भी क्षेत्र में दो कंपनियों का वर्चस्व अच्छी बात नहीं है और हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। ‘ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम' के एक कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि देश में इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा है और सरकार 15 अगस्त से पहले छह गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को लाइसेंस मुक्त करने के नियम जारी करेगी। इसका इस्तेमाल वाई-फाई सेवाओं और डिजिटल विभाजन को पाटने के लिए किया जाएगा। सिंधिया ने कहा, ‘‘ हमारा काम यथासंभव अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराना है और प्रत्येक क्षेत्र में कड़ी प्रतिस्पर्धा संभव कराना है।एक या दो विमानन कंपनियों का वर्चस्व पर्याप्त नहीं है।''इससे पहले, कार्यक्रम में पूर्व दूरसंचार नियामक भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के चेयरमैन आर. एस. शर्मा ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र में भी द्वैधाधिकार है और केवल दो सक्रिय सेवा प्रदाता हैं तथा उपभोक्ताओं को किफायती दरों पर ब्रॉडबैंड पहुंच उपलब्ध कराने के लिए और अधिक विकल्प उपलब्ध कराने की जरूरत है। भारतीय दूरसंचार क्षेत्र पर वर्तमान में भारती एयरटेल और रिलायंस जियो का प्रभुत्व है जो सक्रिय रूप से 4जी और 5जी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया ने उच्चतम न्यायालय में दाखिल याचिका में अपने अस्तित्व को लेकर आशंका जाहिर की है। सरकारी बीएसएनएल ने अभी तक अखिल भारतीय स्तर पर 4जी और 5जी सेवाएं शुरू नहीं की हैं। सिंधिया ने कहा कि देश में ब्रॉडबैंड, वाईफाई के लिए फाइबर प्रौद्योगिकी है और जल्द ही उपग्रह सेवाएं भी उपलब्ध होंगी। मंत्री ने कहा, ‘‘ हमें हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा करनी होगी।'' उन्होंने कहा कि उपग्रह संचार सेवाओं के लिए जल्द ही प्रशासनिक आधार पर उपग्रह कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटित किया जाएगा। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ने हालांकि उपग्रह संचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन की समयसीमा का खुलासा नहीं किया।
- नयी दिल्ली. भारत ने युद्धरत ईरान और इजराइल से मंगलवार को अपने 1,100 से अधिक नागरिकों को निकाला। इसी के साथ भारतीयों को इन दोनों देशों से सुरक्षित निकालने के लिए शुरू किये गए ‘ऑपरेशन सिंधु' के तहत अबतक 3,170 लोगों को सुरक्षित वापस लाया गया है। विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी। मंत्रालय के मुताबिक, भारतीय वायुसेना के सी-17 भारी-भरकम विमान का उपयोग करते हुए 400 से अधिक लोगों को इजराइल से वापस लाया, जिन्हें भूमि मार्ग से पहले इजराइल से जॉर्डन और मिस्र ले जाया गया था। इसके अलावा, 161 भारतीयों को सड़क मार्ग से इजराइल से जॉर्डन की राजधानी अम्मान से पहुंचाने के बाद विशेष विमान से स्वदेश लाया गया।विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को दो विशेष उड़ानों के जरिये कुल 573 भारतीयों, तीन श्रीलंकाई और दो नेपाली नागरिकों को ईरान से निकाला गया। मंत्रालय ने बताया कि ईरान से निकाले गए लोगों के नए जत्थों के साथ, भारत अब तक फारस की खाड़ी के इस देश से 2,576 भारतीयों को वापस ला चुका है। ईरान और इजराइल के बीच युद्ध शुरू होने के बाद पिछले सप्ताह ऑपरेशन सिंधु शुरू किया गया और अबतक भारत ने कुल 3,170 भारतीयों को इन दोनों देशों से निकाला है। पहले जत्थे में 161 भारतीय सड़क मार्ग से इजराइल से जॉर्डन पहुंचे और मंगलवार को सुबह 8.20 बजे अम्मान से विशेष विमान के जरिये उन्हें नई दिल्ली लाया गया। इस समूह का स्वागत विदेश राज्य मंत्री पाबित्रा मार्गेरिटा ने हवाई अड्डे पर किया। इजराइल से जॉर्डन के रास्ते 165 भारतीयों के दूसरे समूह को अम्मान से सी-17 विमान से नई दिल्ली वापस लाया गया।इस समूह की अगवानी राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने की। इजराइल से मिस्र के रास्ते 268 भारतीयों का एक अन्य समूह शर्म-अल-शेख से सी-17 विमान के जरिये भारत लाया गया और यह विमान पूर्वाह्न 11 बजे नई दिल्ली पहुंचा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि तड़के 3:30 बजे मशहद से नयी दिल्ली पहुंचे एक विशेष विमान से, 292 भारतीय नागरिकों को ईरान से स्वदेश लाया गया। उन्होंने बताया कि 281 भारतीय, तीन श्रीलंकाई और दो नेपाली नागरिकों को ईरान से निकाला गया। यह समूह मशाद से विशेष उड़ान से अपराह्न तीन बजे नई दिल्ली पहुंचा। जायसवाल ने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंधु के तहत अब तक 2576 भारतीय नागरिकों को ईरान से स्वदेश लाया जा चुका है।'' विदेश मंत्रालय ने बताया कि सोमवार रात एक विशेष उड़ान से 290 भारतीय नागरिकों और एक श्रीलंकाई को ईरानी शहर मशहद से भारत लाया गया। भारत ने ईरान और इजराइल के बीच बढ़ती शत्रुता को देखते हुए दोनों देशों से भारतीयों को वापस लाने के लिए पिछले सप्ताह ‘ऑपरेशन सिंधु' शुरू किया। इजराइल और ईरान ने एक-दूसरे के शहरों और सैन्य तथा रणनीतिक केंद्रों पर एक सप्ताह से अधिक समय में सैकड़ों मिसाइल और ड्रोन दागे हैं। रविवार सुबह अमेरिका द्वारा ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों पर बमबारी के बाद तनाव काफी बढ़ गया।भारत ने बुधवार से ईरानी शहर मशहद, आर्मेनिया की राजधानी येरेवन और तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात से संचालित चार्टर्ड उड़ानों से अपने नागरिकों को निकाला है। ईरान ने मशहद से तीन चार्टर्ड उड़ानों की सुविधा के लिए शुक्रवार को हवाई क्षेत्र संबंधी प्रतिबंध हटा दिए। पहली उड़ान शुक्रवार देर रात 290 भारतीयों के साथ नयी दिल्ली में उतरी और दूसरी शनिवार दोपहर 310 भारतीयों के साथ राष्ट्रीय राजधानी में उतरी। बृहस्पतिवार को येरेवन से एक और उड़ान आई। अश्गाबात से एक विशेष निकासी विमान शनिवार सुबह नई दिल्ली पहुंचा।
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नयी दिल्ली. भारत में 5जी ग्राहकों की संख्या 2030 तक तीन गुना बढ़कर लगभग 98 करोड़ होने का अनुमान है। दूरसंचार गियर बनाने वाली कंपनी एरिक्सन की एक रिपोर्ट में मंगलवार को यह जानकारी दी। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि 4जी उपयोगकर्ताओं की संख्या 2030 तक लगभग 60 प्रतिशत घटकर 23 करोड़ रह जाने का अनुमान है।
एरिक्सन मोबिलिटी रिपोर्ट ने नवंबर में अनुमान लगाया था कि 5जी ग्राहकों की संख्या बढ़कर 97 करोड़ हो जाएगी, जो कुल उपयोगकर्ता आधार का 74 प्रतिशत होगा। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत 2024 में प्रति स्मार्टफोन उपयोगकर्ता 32 जीबी के डेटा खपत के लिहाज से दुनिया में सबसे आगे था। इसने नवंबर 2024 की रिपोर्ट में अनुमान जताया था कि 2030 तक मोबाइल फोन पर डेटा खपत 66 जीबी तक बढ़ जाएगी, हालांकि ताजा रिपोर्ट में इस अनुमान को घटाकर 62 जीबी कर दिया है।
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फिरोजाबाद (उप्र). जनपद के थाना शिकोहाबाद क्षेत्र के नगला पोपी में मंगलवार दोपहर कुएं में गिरे एक मोबाइल को निकालने के प्रयास के दौरान तीन युवकों की कथित तौर पर मीथेन गैस से मौत हो गयी। यह जानकारी पुलिस ने दी। पुलिस के अनुसार, घटना अपराह्न करीब एक बजे की है, जब ध्रुव (25) अपने चचेरे भाई अजय (28) और दोस्त चंद्रवीर के साथ कुएं के किनारे बैठा था। पुलिस के अनुसार, उसी दौरान उसका मोबाइल फोन कुएं में गिर गया। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट विशु राजा ने बताया कि ध्रुव मोबाइल निकालने के लिए कुएं में कूद गया, लेकिन जब वह आधे घंटे तक वापस नहीं आया तो अजय भी उसकी मदद के लिए कुएं में कूद गया।
उन्होंने बताया कि जब दोनों वापस नहीं आए तो चंद्रवीर भी कुएं में उतर गया।उन्होंने बताया कि तीनों के बाहर नहीं आने पर मौके पर एकत्रित लोगों ने घटना की जानकारी पुलिस व प्रशासन को दी। अपर जिला अधिकारी ने बताया कि उन्होंने मौके पर क्षेत्राधिकारी व उप जिलाधिकारी शिकोहाबाद को भेजा। उन्होंने बताया कि दमकल विभाग के कर्मी भी मौके पर पहुंचे और उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ नीचे उतारा गया। उन्होंने बताया कि 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद तीनों युवकों को कुएं से बाहर निकालकर जिला अस्पताल भेजा गया, जहां तीनों को मृत घोषित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह कुआं इसी परिवार की पुश्तैनी जगह पर स्थित है और तीनों युवकों की मौत संभवतः कुएं में मीथेन गैस के कारण हुई है। - शिमला. फिल्म अभिनेत्री और हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद कंगना रनौत ने मंगलवार को राज्य के बंजार विधानसभा क्षेत्र के बजौरा में पीएम पोषण किट वितरित की। कंगना ने कहा कि प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम पोषण) योजना के तहत पात्र महिलाओं को पोषण किट वितरित की जा रही हैं और उनके मंडी निर्वाचन क्षेत्र में 17 हजार किट वितरित की जाएंगी। अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर आईं कंगना का स्थानीय लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है।
- नयी दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा अपने कार्यकाल के दूसरे वर्ष के दौरान दिए गए 51 भाषणों के संग्रह का सोमवार को विमोचन किया। सिंह ने इस मौके पर कहा कि यह ‘‘विकसित भारत के दृष्टिकोण का कर्म ग्रंथ'' बनेगा। राष्ट्रपति भवन परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में सिंह ने अंग्रेजी में ‘विंग्स टू आवर होप्स-वॉल्यूम-2' और हिंदी में ‘आशाओं की उड़ान-खंड-2' नाम से प्रकाशित पुस्तक और इसके ई-संस्करण का विमोचन किया। राष्ट्रपति मुर्मू के भाषणों में राष्ट्र के नाम उनके संबोधन से लेकर विभिन्न विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोहों में दिए गए भाषण भी शामिल हैं। राष्ट्रपति के भाषणों को राष्ट्रपति भवन ने संकलित और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रकाशन विभाग ने प्रकाशित किया है।पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय राज्य मंत्री एल मुरुगन भी मौजूद थे। रक्षामंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यह पुस्तक 2047 तक विकसित भारत बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने का साधन बनेगी।'' सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा रविवार को जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया था कि ‘विंग्स टू आवर होप्स- वॉल्यूम-2' राष्ट्रपति के 51 भाषणों का संग्रह है, जो महामहिम के कार्यकाल के दूसरे वर्ष (अगस्त 2023- जुलाई 2024) के दौरान उनके दृष्टिकोण, दर्शन और प्राथमिकताओं की झलक प्रदान करता है। सिंह ने नवाचार, देश के विकास में महिलाओं के योगदान, समानता और सांस्कृतिक विरासत जैसे विषयों पर राष्ट्रपति द्वारा दिये गए भाषणों के संकलन को 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के सरकार के दृष्टिकोण का सार बताया। उन्होंने कहा, ‘‘यह पुस्तक हमारी गौरवशाली विरासत को संरक्षित करते हुए प्रगतिशील विचारों के साथ विकसित भारत के निर्माण के लिए मार्गदर्शक बनेगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हमारे देश में विविधता के महत्व को जानती हैं और वंचितों के दर्द को पहचानती हैं। यह पुस्तक समानता की भावना का उद्घोष करती है।'' सिंह ने राष्ट्रपति के कुछ विचारों का विशेष उल्लेख किया तथा उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की राष्ट्रीय प्राथमिकताएं बताया, जिनमें विकास के साथ-साथ विरासत, हमारी संस्कृति और सभ्यता की पहचान शामिल हैं। वैष्णव ने ‘विंग्स टू आवर होप्स (वॉल्यूम-2)' को देश के ‘प्रथम नागरिक' के नजरिए से समसामयिक मुद्दों को समझने का माध्यम बताया और उम्मीद जताई कि यह राष्ट्रपति के लोक कल्याणकारी विचारों को भावी पीढ़ियों तक पहुंचाएगा।
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नयी दिल्ली. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने सोमवार को बीजिंग में चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक के दौरान समग्र क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए सभी प्रकार के आतंकवाद का मुकाबला करने की आवश्यकता पर बल दिया। डोभाल शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन की यात्रा पर हैं। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों पक्षों ने भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों में हाल के घटनाक्रम की समीक्षा की और लोगों के बीच अधिक से अधिक संपर्क बढ़ाने सहित द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास को बढ़ावा देने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
बयान में कहा गया, ‘‘एनएसए ने क्षेत्र में समग्र शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सभी प्रकार के आतंकवाद का मुकाबला करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।'' डोभाल ने आतंकवाद का मुकाबला करने पर ऐसे वक्त जोर दिया है जब लगभग डेढ़ महीने पहले भारत ने 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान में कई आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया था। विदेश मंत्रालय ने कहा कि डोभाल और वांग ने आपसी हित के अन्य द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। बयान के अनुसार, ‘‘एनएसए ने कहा कि वह विशेष प्रतिनिधि (एसआर) वार्ता के 24वें दौर के लिए पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथि पर भारत में वांग यी के साथ बैठक करने के लिए उत्सुक हैं।''