- Home
- देश
-
नई दिल्ली। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने शनिवार को अपने उत्तराधिकारी को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगा दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह अगले 30 से 40 साल और जीवित रहेंगे और लोगों की सेवा करते रहेंगे।यह बात उन्होंने अपने 90वें जन्मदिन से एक दिन पहले मैकलोडगंज स्थित मुख्य मंदिर त्सुगलाखांग में एक दीर्घायु प्रार्थना समारोह के दौरान कही। दलाई लामा, जिनका मूल नाम तेनज़िन ग्यात्सो है, ने कहा कि उन्हें “स्पष्ट संकेत” मिल रहे हैं कि अवलोकितेश्वर (करुणा के बौद्ध देवता) की कृपा उनके साथ है।
उन्होंने यह भी कहा कि वह स्वस्थ हैं और लगातार लोगों की सेवा करने का प्रयास कर रहे हैं। इस बयान को उनके उत्तराधिकारी की घोषणा को लेकर चल रही चर्चाओं के जवाब के रूप में देखा जा रहा है।तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा है कि उन्हें अवलोकितेश्वर (बौद्ध करुणा के देवता) का आशीर्वाद प्राप्त है और अब तक उन्होंने लोगों की भलाई के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है। उन्होंने यह भी कहा कि लोगों की प्रार्थनाओं का असर अब तक दिखा है और वे आगे 30-40 साल और जीने की आशा रखते हैं।दलाई लामा ने कहा, “हमने अपना देश खो दिया है और अब भारत में निर्वासन में रह रहे हैं। लेकिन इसी भारत में, खासतौर पर धर्मशाला में, मुझे बहुत से लोगों के कल्याण के लिए काम करने का अवसर मिला है।” उन्होंने यह भी कहा, “मैं आगे भी लोगों की सेवा और उनके हित में कार्य करता रहूंगा।” - नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अर्जेंटीना की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। पीएम मोदी के इस दौरे को लेकर भारतीय प्रवासियों के साथ अर्जेंटीना के लोगों में भी उत्साह दिखाई दे रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री की यात्रा को लेकर खुशी जाहिर की और कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि हम पीएम मोदी को इतने करीब से देख पाएंगे।भारतीय समुदाय की एक महिला सदस्य ने बताया कि “हमारे लिए यह एक सपने के सच होने जैसा है। हमने कभी नहीं सोचा था कि हम प्रधानमंत्री मोदी को इतने करीब से देख पाएंगे। उन्हें इतने करीब से देखना पिछले जन्म का आशीर्वाद जैसा लगता है। मुझे लगता है कि पीएम मोदी के रहते हम सुरक्षित हैं।” एक अन्य भारतीय प्रवासी मनोज कुमार ने कहा, “मुझे बहुत खुशी है कि प्रधानमंत्री यहां आए हैं। मैं उनसे मिला हूं और यह बहुत अच्छी बात है। मैं उनसे सात साल पहले भी मिला था, जब वे यहां आए थे।”प्रधानमंत्री मोदी की अर्जेंटीना यात्रा पर एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हमें अपने देश में पीएम मोदी का स्वागत करके और उनसे मिलकर बहुत खुशी है। हमें उनका यहां स्वागत करके बहुत खुशी हुई है और हमें यहां आमंत्रित किया जाना हमारे लिए सम्मान की बात है।”भारतीय प्रवासी समुदाय के एक सदस्य ने बताया कि “हम भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और गर्व के साथ पीएम मोदी का यहां स्वागत कर रहे हैं। इतने लंबे समय के बाद उन्हें देखना खुशी की बात है। हम भारत से बहुत दूर रहते हैं और उनकी यात्रा हमें समुदाय से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करती है और हमें एक साथ लाती है।”एक अन्य भारतीय प्रवासी ने कहा, “आज हमें प्रधानमंत्री मोदी से मिलने का शानदार अवसर मिला और हम यहां आकर बहुत खुश हैं।” एक बुजुर्ग महिला ने कहा, “मुझे अच्छा लग रहा है और बहुत खुशी हो रही है। ऐसा लग रहा है कि जैसे मैंने भगवान के दर्शन कर लिए हों, जैसे ही पीएम मोदी यहां पहुंचे और उनको देखकर ऐसा लगा कि जैसे मेरे लिए किसी मंदिर के दरवाजे खुल गए हों।
- नई दिल्ली। अमरनाथ यात्रा के लिए आज जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप से चौथा जत्था भोले बाबा के दर्शन के लिए रवाना हुआ। सुबह के शांत और भक्ति भरे माहौल में “बम बम भोले” और “बोले बाबा की जय” के नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। इसके साथ ही श्रद्धालु ‘इंडियन आर्मी जिंदाबाद’ और ‘भारतीय सेना जिंदाबाद’ के नारे लगाते दिखे। यात्रा के दौरान कुछ श्रद्धालु अपने हाथों में गमले लिए हुए थे, जिनमें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का स्टीकर लगा हुआ था। बातचीत में कुछ यात्रियों ने कहा, “सभी देशवासियों से यहीं कहना चाहते हैं कि इंडियन आर्मी पर भरोसा करें और जितना हो सके उतना हुजूम में अमरनाथ यात्रा पर आएं और यात्रा का आनंद उठाएं।”हजारों श्रद्धालुओं की आंखों में बाबा बर्फानी के दर्शन की ललक और मन में अपार श्रद्धा साफ झलक रही थी। इस जत्थे में देश के कोने-कोने से आए भक्त शामिल थे, जिनमें बुजुर्ग, युवा और महिलाएं सभी उत्साह से भरे हुए थे। यात्रा शुरू होने से पहले भगवती नगर बेस कैंप में भक्ति का अनोखा नजारा देखने को मिला। जैसे ही बसों और अन्य वाहनों का काफिला रवाना हुआ, माहौल में एक अलग ही जोश और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार देखने को मिला। कुछ श्रद्धालुओं ने बताया कि वे कई साल से इस पवित्र यात्रा में हिस्सा ले रहे हैं, और हर बार यह अनुभव उनके लिए नया और अविस्मरणीय होता है। इसके साथ ही श्रद्धालु ‘जय-जय श्रीराम’ के नारे लगाते नजर आए। एक बुजुर्ग श्रद्धालु रामप्रसाद ने भावुक होकर कहा, “हम हर साल बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए आते हैं। उनके सामने सिर झुकाने का सुख शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। जम्मू-कश्मीर के बारे में पहले कुछ गलत धारणाएं थीं, लेकिन यहां आकर देखा तो सब कुछ शांत और व्यवस्थित है।” उन्होंने आगे कहा, “प्रशासन ने श्रद्धालुओं लिए बहुत अच्छी व्यवस्था की है। खाने-पीने से लेकर रहने और सुरक्षा तक, हर चीज का पूरा ध्यान रखा गया है।” प्रशासन ने यात्रियों के लिए मेडिकल कैंप, लंगर और विश्राम स्थलों की भी व्यवस्था की है, ताकि किसी को कोई परेशानी न हो। स्थानीय लोग भी श्रद्धालुओं का गर्मजोशी से स्वागत कर रहे हैं।
- नई दिल्ली। हैदराबाद की कंपनी अनंत टेक्नोलॉजीज भारत की पहली निजी कंपनी बनने जा रही है, जो स्वदेशी सैटेलाइट के जरिए सैटेलाइट कम्युनिकेशन (सैटकॉम) सर्विस देगी। भारत के अंतरिक्ष और टेलीकॉम सेक्टर के लिए यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) ने अनंत टेक्नोलॉजीज को 2028 से देश में ब्रॉडबैंड-फ्रॉम-स्पेस सर्विस शुरू करने की मंजूरी दे दी है। इस फैसले के साथ कंपनी अब स्टारलिंक, यूरोप की यूरोसैट वनवेब और अमेजन के प्रोजेक्ट काइपर जैसे बड़े इंटरनेशनल प्लेयर्स के साथ सीधे मुकाबला कर सकेगी।अनंत टेक्नोलॉजीज 4 टन वजन वाले एक जियोस्टेशनरी (GEO) सैटेलाइट लॉन्च करने की तैयारी कर रही है, जो 35,000 किलोमीटर की ऊंचाई पर तैनात होगा। यह सैटेलाइट पूरे भारत में 100 गीगाबिट प्रति सेकंड की डेटा स्पीड देगा। कंपनी ने इस प्रोजेक्ट के लिए शुरुआती तौर पर 3,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है। जरूरत पड़ने पर और फंडिंग की जाएगी।GEO सैटेलाइट का फायदा यह है कि एक ही सैटेलाइट पूरे भारत को कवर कर सकता है, जबकि स्टारलिंक जैसे लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट्स को पूरी तरह कवरेज के लिए कई सैटेलाइट्स की जरूरत पड़ती है। हालांकि, GEO सैटेलाइट्स में लेटेंसी (डेटा ट्रांसफर में देरी) LEO की तुलना में ज्यादा होती है।इधर, भारत में सैटकॉम सर्विस के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को जल्द ही भारत में काम शुरू करने की अंतिम मंजूरी मिलने वाली है। IN-SPACe ने स्टारलिंक को ड्राफ्ट लेटर ऑफ इंटेंट जारी किया है, जिसके बाद औपचारिक मंजूरी मिल जाएगी। स्टारलिंक को मई में ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट (GMPCS) लाइसेंस मिल चुका है, जिसके बाद वह भारत में कमर्शियल सर्विस देने वाली तीसरी सैटकॉम कंपनी बन गई है। दूसरी ओर, वोडाफोन आइडिया ने अमेरिकी कंपनी AST स्पेसमोबाइल के साथ साझेदारी की है, ताकि स्मार्टफोन्स में सीधे सैटेलाइट फोन सर्विस दी जा सके। AST स्पेसमोबाइल ने हाल ही में अंतरिक्ष से पहला वॉयस और वीडियो कॉल करके अपनी तकनीक का लोहा मनवाया है। यह साझेदारी भारत के उन इलाकों में मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाने पर केंद्रित है, जहां अभी नेटवर्क नहीं पहुंचा है।
- नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वाहन चालकों को बड़ी राहत देते हुए राष्ट्रीय राजमार्गों के कुछ हिस्सों पर टोल रेट्स में 50 प्रतिशत तक की कमी की है। इन हिस्सों में सुरंग, पुल, फ्लाईओवर और एलिवेटेड रोड जैसे स्ट्रक्चर शामिल हैं। इस कदम का उद्देश्य यात्रा की लागत को कम करना और सड़क यात्रा को लोगों के लिए अधिक किफायती बनाना है।सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम, 2008 में संशोधन किया है और टोल चार्ज की गणना के लिए एक नया फॉर्मूला अधिसूचित किया है। नए नियम के अनुसार, अब टोल की गणना इस तरह से की जाएगी कि राजमार्ग के उन हिस्सों पर शुल्क में कमी आएगी, जिनमें मुख्य रूप से महंगे इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। अधिसूचना के अनुसार, अगर राष्ट्रीय राजमार्ग के किसी हिस्से में फ्लाईओवर या सुरंग जैसे स्ट्रक्चर शामिल हैं तो टोल की गणना या तो स्ट्रक्चर की लंबाई का दस गुना या राजमार्ग खंड की कुल लंबाई का पांच गुना दोनों में से कम मूल्य के आधार पर की जाएगी।मंत्रालय ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर राजमार्ग का 40 किलोमीटर का हिस्सा पूरी तरह से पुल या फ्लाईओवर जैसे स्ट्रक्चर से बना है तो टोल की गणना स्ट्रक्चर की लंबाई का 10 गुना (400 किमी) या कुल लंबाई का 5 गुना (200 किमी) में से कम मूल्य आधार यानी 200 किमी के आधार पर की जाएगी, जिससे प्रभावी रूप से दर आधी हो जाएगी। इससे पहले, वाहन चालकों को ऐसे स्ट्रक्चर के प्रत्येक किलोमीटर के लिए नियमित टोल दर से दस गुना अधिक भुगतान करना पड़ता था, क्योंकि इस प्रकार के इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण और रखरखाव अधिक महंगा होता है।इस बीच, परेशानी मुक्त राजमार्ग यात्रा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले महीने निजी वाहनों के लिए एक नए फास्टैग-आधारित वार्षिक पास की घोषणा की। 3,000 रुपए की कीमत वाला यह पास इस साल 15 अगस्त से उपलब्ध होगा। विशेष रूप से गैर-वाणिज्यिक निजी वाहनों जैसे कार, जीप और वैन के लिए डिजाइन किया गया यह वार्षिक पास एक्टिवेशन की तारीख से एक वर्ष तक या 200 यात्रियों तक, जो भी पहले हो, तक वैलिड रहेगा।
- मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में लोगों से मराठी बोलने की अपेक्षा करना गलत नहीं है, लेकिन इसके लिए हिंसा का सहारा लेना अस्वीकार्य है और इस बारे में कोई भी हठधर्मिता नहीं अपना सकता। उन्होंने इस मुद्दे पर कानून को अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी चेतावनी दी। मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी हाल में हुई एक घटना के जवाब में आई है, जिसमें महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने ठाणे जिले के भयंदर में एक ‘फूड स्टॉल’ मालिक पर मराठी न बोलने के कारण हमला किया था। इसके अलावा, मुंबई में एक व्यवसायी ने बयान जारी कर कहा था कि वह कई वर्षों से शहर में रहने के बावजूद मराठी नहीं बोलेगा।फडणवीस ने यहां विधान भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘आप महाराष्ट्र में लोगों से मराठी बोलने के लिए कह सकते हैं, लेकिन आप मराठी को लेकर हठी नहीं हो सकते।’ उन्होंने कहा, ‘मराठी लोगों में अन्य भाषाओं के प्रति इतनी नफरत नहीं हो सकती।’ भाषाई श्रेष्ठता के प्रति आगाह करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं भी मराठी हूं। अन्य राज्यों में भी मराठी लोग काम कर रहे हैं। अगर वहां भी उनके साथ ऐसा ही व्यवहार होता है तो यह उचित नहीं होगा। जो कोई भी कानून अपने हाथ में लेगा, उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।’उन्होंने भाषाओं को लेकर चुनिंदा तरीके से आक्रोश व्यक्त किए जाने की आलोचना की और कहा, ‘मुझे कभी-कभी आश्चर्य होता है कि ये लोग अंग्रेजी को कैसे अपना लेते हैं, लेकिन हिंदी को लेकर विवाद पैदा करते हैं। यह किस तरह की सोच है?’
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि सांस्कृतिक संबंधों के लिए दूरी कोई बाधा नहीं है। यह बात उन्होंने अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में अल्वियर पैलेस होटल पहुंचने पर भारतीय समुदाय द्वारा किए गए गर्मजोशी भरे और पारंपरिक स्वागत के बाद कही।प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, “सांस्कृतिक जुड़ाव के मामले में दूरी कोई बाधा नहीं है! ब्यूनस आयर्स में भारतीय समुदाय द्वारा किए गए शानदार स्वागत से सम्मानित महसूस कर रहा हूं। यह देखना वाकई बहुत अच्छा है कि कैसे घर से हज़ारों किलोमीटर दूर, भारत की भावना हमारे भारतीय समुदाय के माध्यम से चमकती है।”अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स स्थित अल्वियर पैलेस होटल पहुंचने पर भारतीय समुदाय ने गर्मजोशी से ‘मोदी-मोदी’, ‘जय हिंद’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों के साथ प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। इस दौरान पारंपरिक भारतीय शास्त्रीय नृत्य का प्रदर्शन किया गया, जिसमें भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की छाप दिखी। वहां मौजूद लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी से ऑटोग्राफ भी लिया।बता दें कि पीएम मोदी की यह अर्जेंटीना यात्रा 57 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा है, जो इसके ऐतिहासिक महत्व को दर्शाती है। पीएम मोदी राष्ट्रपति जेवियर माइली के निमंत्रण पर अर्जेंटीना पहुंचे हैं। दोनों नेताओं के बीच आखिरी मुलाकात नवंबर 2024 में ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी।इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी अर्जेंटीना के राष्ट्रीय नायक जनरल जोस डी सैन मार्टिन की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। उनका औपचारिक स्वागत किया जाएगा और राष्ट्रपति माइली के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी, जिसके बाद उनके सम्मान में दोपहर का भोजन आयोजित किया जाएगा। यह यात्रा प्रधानमंत्री मोदी की पांच देशों की यात्रा का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य वैश्विक दक्षिण के साथ संबंधों को गहरा करना है। अर्जेंटीना की यात्रा के बाद पीएम मोदी ब्राजील जाएंगे, जहां वे ब्रासीलिया की द्विपक्षीय यात्रा करने से पहले रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके बाद वे नामीबिया जाएंगे, जो उनकी यात्रा का अंतिम पड़ाव होगा।
-
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर द्वारा आयोजित रात्रिभोज के दौरान अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति, सरयू और प्रयागराज के महाकुंभ का पवित्र जल भेंट किया। इस अवसर पर उन्होंने भारत और कैरिबियाई राष्ट्र के बीच गहरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रिश्तों को उजागर किया।
इस संबंध में पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर द्वारा आयोजित रात्रिभोज में मैंने राम मंदिर की प्रतिकृति, सरयू नदी का पवित्र जल और महाकुंभ का जल भेंट किया। ये भारत और त्रिनिदाद एंड टोबैगो के बीच गहरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों का प्रतीक हैं।”उन्होंने एक अन्य पोस्ट में बताया, “रात्रिभोज में भोजन सोहारी के पत्ते पर परोसा गया, जो त्रिनिदाद और टोबैगो, खासकर भारतीय मूल के लोगों के लिए बहुत सांस्कृतिक महत्व रखता है। यहां त्योहारों और विशेष अवसरों पर इस पत्ते पर भोजन परोसने की परंपरा है।”पोर्ट ऑफ स्पेन में रात्रिभोज के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने राणा मोहिप से मुलाकात की, जिन्होंने कुछ साल पहले महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर भारत में ‘वैष्णव जन तो’ गाया था। उन्होंने भारतीय संगीत और संस्कृति के प्रति उनके जुनून की सराहना की।इससे पहले, गुरुवार को अपनी दो दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद एंड टोबैगो तथा भारत के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को साझा किया।उन्होंने एक्स पर एक अन्य पोस्ट में लिखा, “पोर्ट ऑफ स्पेन में भोजपुरी चौताल प्रदर्शन देखकर बहुत खुशी हुई। त्रिनिदाद एंड टोबैगो और भारत, खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों के बीच का संबंध अद्भुत है। प्रधानमंत्री मोदी के आगमन पर लोगों में उत्साह दिखाई दिया और वे ढोल की थाप पर थिरकते नजर आए। इस दौरान पारंपरिक संगीत व प्रदर्शन के साथ स्थानीय और भारतीय संस्कृति का मिश्रण देखने को मिला।यह प्रधानमंत्री मोदी की 8 महीनों में कैरिबियाई क्षेत्र की दूसरी यात्रा है। इससे पहले नवंबर 2024 में उन्होंने गुयाना का दौरा किया था। यह दर्शाता है कि भारत कैरिबियाई देशों को कितना महत्व देता है और कैरिबियाई समुदाय के साथ भारत की बढ़ती साझेदारी को दर्शाता है। -
नई दिल्ली। स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें नमन किया है। पीएम मोदी ने उनके विचारों को मार्गदर्शन करने वाला बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स हैंडल पर स्वामी विवेकानंद की 123वीं पुण्यतिथि पर भावनाएं व्यक्त कीं। लिखा, “मैं स्वामी विवेकानंद जी को उनकी पुण्यतिथि पर नमन करता हूं। उनके विचार और समाज के लिए उनकी दृष्टि हमारे लिए मार्गदर्शक प्रकाश बनी हुई है। उन्होंने हमारे इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर में गर्व और आत्मविश्वास की भावना जगाई। उन्होंने सेवा और करुणा के मार्ग पर चलने पर भी जोर दिया।”
बता दें, पीएम मोदी ने यह पोस्ट शुक्रवार सुबह किया। स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में नरेंद्र नाथ दत्त के रूप में हुआ था। श्री रामकृष्ण परमहंस के शिष्य बनने के बाद, उन्होंने आध्यात्मिकता और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया।स्वामी विवेकानंद ने हमें सिखाया कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर हमारी ताकत है, और इसे गर्व के साथ अपनाना चाहिए। साथ ही, उन्होंने मानवता की सेवा को जीवन का परम लक्ष्य बताया। उनकी शिक्षाएं आज भी हमें एकजुटता, करुणा और आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाती हैं।स्वामी जी ने 1893 में शिकागो के विश्व धर्म संसद में उनके ऐतिहासिक भाषण ने विश्व मंच पर भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म की गौरवगाथा को प्रस्तुत किया। उनके इस भाषण ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में लोगों को प्रभावित किया। स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन की स्थापना की, जो आज भी शिक्षा, स्वास्थ्य और मानव सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं।उन्होंने भारतीय युवाओं को आत्मविश्वास और सांस्कृतिक गर्व का संदेश दिया। उनका कथन, “उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो,” आज भी लोगों को प्रेरित करता है। उन्होंने धर्म को केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं माना, बल्कि इसे जीवन के हर क्षेत्र में लागू करने की वकालत की। उनके लिए सेवा और करुणा सच्चे धर्म के आधार थे।उनके विचारों ने भारतीय समाज में राष्ट्रवाद की भावना को बल दिया और युवाओं को देश के पुनर्निर्माण के लिए प्रेरित किया। उनकी जयंती, 12 जनवरी, भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाई जाती है, जो उनकी युवा शक्ति के प्रति अटूट विश्वास को दर्शाता है। - नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घाना का सर्वोच्च सम्मान दिए जाने की परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के महाराज चिदानंद मुनि ने सराहना की। सरकार की विदेश नीति की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि जैसे भगवान राम सभी को लेकर आगे बढ़े थे, वैसे ही पीएम मोदी भी सबको साथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी चाहते हैं कि देश की पहचान बने, उनकी खुद की नहीं। मुझे लगता है कि भारत भाग्यशाली है कि हमारे पास ऐसा प्रधानमंत्री है। जहां भी जाते हैं, पूरे भारत का सम्मान होता है। पीएम मोदी 140 करोड़ लोगों को साथ लेकर चलते हैं। वहीं, भारतीय जहां भी गए देश के झंडे गाड़े। विदेश में मौजूद भारतीयों ने अपने देश का सम्मान बढ़ाया।चिदानंद मुनि ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैंने कई प्रधानमंत्री देखे, लेकिन नरेंद्र मोदी जैसा कोई नहीं देखा। पीएम मोदी ने भारत को सम्मान दिलाया, नई ऊंचाई प्रदान की, भारत के नाम को पूरे विश्व में ऊंचा स्थान दिलाया है। यही कारण है कि आज पूरा विश्व पीएम मोदी का सम्मान करता है। बात सिर्फ इसकी नहीं कि दुनिया के 24 देशों ने उन्हें अपने राष्ट्र का सर्वोच्च सम्मान दिया, बल्कि ऐसा समय आ रहा है कि हर देश भारत का सम्मान करेगा। पीएम मोदी खुद कहते हैं कि यह उनका नहीं देश की 140 करोड़ जनता का सम्मान है।”भारत सरकार की विदेश नीति की तारीफ करते हुए चिदानंद मुनि ने कहा, “घाना में आज तक भारत के कितने प्रधानमंत्री गए? पिछले 20 साल में जाने वाले नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं। पीएम मोदी छोटे-छोटे देशों को भी महत्व दे रहे हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि अगर भविष्य में भारत के महत्व को बढ़ाना है तो इन सभी देशों से अच्छा संबंध रखना होगा। जैसे भगवान राम ने शबरी और केवट को गले लगाया और जहां भी गए सबको साथ लिया, ठीक इसी तरह पीएम मोदी भी सबको साथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं।”उन्होंने कहा, “करीब 20 साल पहले जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं थे, उस समय उन्होंने विश्व हिंदू सम्मेलन में भारतीय प्रवासी पर एक घंटे का अद्भुत भाषण दिया था, जिसको सुनने के बाद भारत का जनमानस झूम उठा था। नरेंद्र मोदी की मर्यादा, अनुशासन और राष्ट्र प्रेम का दर्शन हमने उस समय ही कर लिया था, जब वह प्रधानमंत्री नहीं थे। पीएम मोदी राष्ट्रप्रेमी हैं, जिसके कारण उन्हें सप्ताह में सातों दिन चौबीसों घंटे काम करने की ऊर्जा मिलती है, जो अद्भुत और अलौकिक है। साधारण व्यक्ति ऐसा नहीं कर सकता।”चिदानंद मुनि ने कहा, “पीएम मोदी के दौरे पर त्रिनिदाद में पूरे स्कूल, कॉलेज और ऑफिस बंद कर दिए गए हैं, ताकि लोग उन्हें देख, सुन सकें। पूरा देश उनके आने का उत्सव मना रहा है। जब वह घाना में थे, तो सभी ने देखा कि किस तरह से पीएम मोदी का सम्मान हुआ। केवल घाना ही नहीं बल्कि हर देश उन्हें सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित कर रहा है।
- नई दिल्ली। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने टेलीविजन रेटिंग एजेंसियों के लिए 2014 में जारी नीति दिशा-निर्देशों में संशोधन का प्रस्ताव किया है। प्रस्तावित मसौदे में मीडिया घरानों के लिए कुछ प्रतिबंधात्मक प्रावधानों को हटा दिया गया है, ताकि देश में टेलीविजन दर्शकों की माप प्रणाली को लोकतांत्रिक और आधुनिक बनाया जा सके। वर्तमान में टीवी रेटिंग प्रदान करने वाली एक मात्र एजेंसी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल – बार्क है। प्रस्तावित संशोधनों का उद्देश्य टीवी रेटिंग के क्षेत्र में कई एजेंसियों के माध्यम से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने, नई तकनीक लाने और विशेष रूप से कनेक्टेड टीवी प्लेटफ़ॉर्म के लिए अधिक विश्वसनीय और प्रतिनिधि डेटा प्रदान करने की अनुमति देना है।मंत्रालय ने ड्राफ्ट जारी होने के 30 दिन के भीतर हितधारकों और आम जनता से सुझाव मांगे हैं।मौजूदा नियम 2014 के हैं, जो अब पुराने हो चुके हैं। भारत में लगभग 23 करोड़ घरों में टेलीवीजन हैं, लेकिन केवल 58 हज़ार घरों से डाटा लिया जाता है, जो कुल टीवी घरों का केवल दशमलव शून्य दो-पांच प्रतिशत है। यह डाटा स्मार्ट टीवी, स्ट्रीमिंग डिवाइस और मोबाइल एप्लिकेशन जैसे आधुनिक प्लेटफार्मों पर दर्शकों की संख्या को पूरी तरह से नहीं दर्शाता है।मंत्रालय ने उल्लेख किया कि यह सीमित पैमाना विभिन्न क्षेत्रों और जनसांख्यिकी में विविधता देखने की प्राथमिकताओं का पर्याप्त रूप से प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता है। इन बदलावों को पहचानते हुए, मीडिया जगत में मनोरंजन की वर्तमान सामग्री उपभोग की आदतों को सही ढंग से दर्शाने के लिए टेलीविजन रेटिंग प्रणाली को मजबूत करने की आवश्यकता है।
- नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अमेरिका की ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट को भारतीय शेयर बाजार में ट्रेडिंग से प्रतिबंधित कर दिया है। सेबी का आरोप है कि यह फर्म बाजार में हेराफेरी कर रही थी और गैरकानूनी तरीके से भारी मुनाफा कमा रही थी। सेबी ने एक अंतरिम आदेश में Jane Street को 4,844 करोड़ रुपये की अवैध कमाई लौटाने का भी निर्देश दिया है।सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण ने 105 पेज के आदेश में लिखा है कि, “इस मामले के तथ्यों को देखते हुए तत्काल रोक (cease and desist) के आदेश जरूरी हैं। जब तक जांच पूरी नहीं होती और उससे जुड़े मामले निपट नहीं जाते, सभी एक्सचेंजों को JS Group की सभी गतिविधियों पर लगातार नजर रखनी होगी, ताकि यह फर्म भविष्य में किसी भी तरह की हेराफेरी न कर सके। यह निवेशकों का भरोसा बनाए रखने के लिए जरूरी है।”सेबी के मुताबिक जेन स्ट्रीट का तरीका कुछ इस तरह था—कंपनी पहले ऑप्शंस सेगमेंट में आक्रामक पोजिशन बनाती थी और फिर शेयर बाजार (cash और futures segment) में बड़ी खरीदारी करके दाम को प्रभावित करती थी। खासकर साप्ताहिक इंडेक्स ऑप्शन की एक्सपायरी वाले दिनों में, जब कैश और फ्यूचर्स सेगमेंट में ट्रेडिंग कम होती है, उस वक्त यह कंपनी भारी ट्रेडिंग करके इंडेक्स को अपनी दिशा में मोड़ देती थी और ऑप्शंस में मोटा मुनाफा कमाती थी। जांच में पाया गया कि जेन स्ट्रीट ने Bank Nifty के 12 स्टॉक्स और उनके फ्यूचर्स में भारी खरीदारी की, जिससे इन शेयरों के दाम ऊपर गए और कंपनी ने ऑप्शंस में बड़ी पोजिशन बनाकर मोटा फायदा उठाया। सेबी के अनुसार,जेन स्ट्रीटने बैंक निफ्टी से जुड़े शेयरों में (कैश और फ्यूचर्स दोनों सेगमेंट में) असामान्य रूप से अधिक संख्या में बाय ऑर्डर दिए, जो आखिरी सौदे की कीमत के बराबर या उससे ऊपर थे। इससे इन शेयरों की कीमतें बढ़ाने या उन्हें ऊंचा बनाए रखने की कोशिश की गई।सेबी का कहना है कि जेन स्ट्रीट ने एक्सपायरी वाले दिन जानबूझकर बाजार को ऐसे बंद करने की रणनीति अपनाई, जिससे उसे उसके बड़े इंडेक्स ऑप्शन पोजिशन में फायदा मिल सके। सेबी के मुताबिक, यह PFUTP (Prohibition of Fraudulent and Unfair Trade Practices) रेगुलेशन का प्राथमिक रूप से उल्लंघन माना जा सकता है।सेबी के ऑर्डर के अनुसार, जनवरी 2023 से मार्च 2025 के बीच जेन स्ट्रीट ने ऑप्शंस ट्रेडिंग से 44,358 करोड़ का मुनाफा कमाया। हालांकि, इसी दौरान कंपनी को स्टॉक फ्यूचर्स में ₹7,208 करोड़, इंडेक्स फ्यूचर्स में ₹191 करोड़ और कैश सेगमेंट में ₹288 करोड़ का नुकसान हुआ। कुल मिलाकर, इस अवधि मेंजेन स्ट्रीट को ₹36,671 करोड़ का शुद्ध लाभ हुआ।--
- नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को कहा कि शहरी निकाय लोकतंत्र की बुनियाद हैं और जनता से सीधे जुड़े होते हैं। उन्हें संवाद और आदर्श प्रथाओं के जरिए अधिक उत्तरदायी और पारदर्शी बनाया जाना चाहिए। सदन नियमित चले, मुद्दों पर चर्चा हो, जवाबदेही सुनिश्चित हो, यही लोकतंत्र की सच्ची परंपरा है, जिसे हमें विकसित करना होगा।ओम बिरला गुरुग्राम के मानेसर में शहरी निकायों के राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने लोकतंत्र की मजबूती और जवाबदेह शासन के लिए शहरी स्थानीय निकायों को संवाद और आदर्श आचरण के जरिए सशक्त बनाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि निकाय प्रतिनिधि जनता से सीधा संवाद करते हैं और समस्या व संकट की सबसे पहली जानकारी इन्हें मिलती है। ऐसे में संवाद से इनका समाधान निकल सकता है। इसी सोच से संसद की संरक्षक की भूमिका को समझते हुए श्रेष्ठ प्रथाओं को साझा करने की यह पहल की गई है।उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं को उच्च स्तर पर ले जाना सभी की जिम्मेदारी है। शहरी क्षेत्रों में एक उत्तरदायी और पारदर्शी निकाय प्रणाली विकसित होनी चाहिए। सदन में प्रश्नोत्तर हों, मुद्दों पर चर्चा हो, बैठकें नियमित चलें—यह परंपरा विकसित की जानी चाहिए। साथ ही इन निकायों में जनहितधारकों जैसे बुद्धिजीवी वर्ग, पर्यावरणविद को नीतिगत प्रक्रिया और बजट निर्माण में शामिल किया जाना चाहिए।उन्होंने कहा कि निकायों में समितियां बनें और संसद की तरह कार्य करें। उन्होंने उल्लेख किया कि 18वीं लोकसभा में सकारात्मक परिवर्तन आया है और सभी दलों ने सदन को चलाने की दिशा में सहयोग दिखाया है। अब रुकावट डालने वाले स्वयं समाज के प्रति उत्तरदायी होंगे। हमें यह सोचकर भी कार्य करना चाहिए कि भविष्य में राजनीतिक नेतृत्व शहरी निकायों से ही निकलेगा।हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि शहरी निकायों की जड़ें जितनी मजबूत होंगी, राष्ट्र उतना ही मजबूत बनेगा। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम निकाय एक विकास मॉडल है जिसे वर्ष 2050 तक 75 लाख की आबादी के लिए तैयार किया जा रहा है। निकायों को पारदर्शी और आधुनिक बनाना ज़रूरी है। स्मार्ट सिटी, स्वच्छता और पर्यावरण को प्राथमिकता दी जा रही है और प्रधानमंत्री का विजन है कि शहर स्लम मुक्त हों।सम्मेलन की जानकारी देते हुए लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि इस आयोजन की प्रेरणा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिली। उनका मानना है कि संसद को अन्य निकायों का संरक्षक बनना चाहिए। यह पहली बार है जब शहरी निकायों के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण ने कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य यह समझाना है कि शहरी निकाय राष्ट्र निर्माण में कैसे भूमिका निभा सकते हैं। यह अवसर है कि निकाय अपनी जिम्मेदारी को समझें और जनता की जरूरत के अनुसार काम करें। इस सम्मेलन के दूरगामी परिणाम होंगे और हरियाणा में इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।उल्लेखनीय है कि यह दो दिवसीय सम्मेलन 3 से 4 जुलाई तक आयोजित किया जा रहा है। इसमें देशभर से नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पालिकाओं के सभापति भाग ले रहे हैं। सम्मेलन में शहरीकरण, महिला सशक्तीकरण, विकसित भारत 2047 में योगदान, पारदर्शिता और निकाय शासन के पांच उप विषयों पर गहन चर्चा की जाएगी।
- नई दिल्ली।‘ भारत का इस्पात उद्योग ग्रीन स्टील की दिशा में बढ़ने के लिए कमर कस रहा है। लेकिन इस उद्योग के दिग्गजों और विशेषज्ञों ने गुरुवार को कहा कि पूरी तरह बदलाव लाने में दशकों का समय लगेगा। इस बीच, उन्होंने मददगार सरकारी नीतियों और उत्सर्जन कम करने के लिए कदम उठाने की अपील की। नई दिल्ली में इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) की 14वें इंडिया मिनरल्स एंड मेटल्स फोरम में जिंदल स्टेनलेस के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल ने कहा कि बदलाव की शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने कहा, ‘ग्रीन स्टील की दिशा में बदलाव हो रहा है और उत्पादन में कम उत्सर्जन वाली प्रक्रियाओं को अपनाना एक सही शुरुआत है।’उन्होंने कहा कि अन्य देशों में सफल बदलाव काफी हद तक सरकार की सहायक नीतियों के कारण संभव हुआ। ग्रीन हाइड्रोजन मिशन जैसी नीतियों पर जोर देते हुए जिंदल ने कहा कि ये नि:संदेह इस दिशा में उद्योग के कदम का समर्थन करती हैं।उद्योग के विश्लेषकों का भी मानना है कि ग्रीन स्टील की ओर बदलाव के लिए चरणबद्ध प्रक्रिया अपनाना महत्वपूर्ण है। जिंदल स्टील ऐंड पावर के वाइस चेयरमैन वी आर शर्मा ने कहा, ‘हालांकि पूर्ण परिवर्तन में दशकों लगेंगे, लेकिन भारतीय इस्पात निर्माताओं को व्यावहारिक कदम उठाने होंगे। इस्पात निर्माताओं को उत्सर्जन को कम करने और ऊर्जा संरक्षण के साथ यह सुनिश्चित करना होगा कि कम से कम 10 प्रतिशत नई क्षमता ग्रीन हाइड्रोजन और स्वच्छ बिजली पर आधारित हो।’उद्योग के आंकड़ों के अनुसार वैश्विक इस्पात उद्योग वैश्विक कार्बन डी ऑक्साइड उत्सर्जन के लगभग 7-9 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है। चूंकि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक है, इसलिए उसके लिए पर्यावरणीय लक्ष्यों को पूरा करने और टिकाऊ विकास सुनिश्चित करने, दोनों के लिए अपनी उत्पादन प्रक्रियाओं से कार्बन हटाना जरूरी है।गुरुवार का कार्यक्रम उन्नत ग्रीन स्टील निर्माण और देश के इस्पात उद्योग में मजबूत सर्कुलर इकॉनमी की तत्काल आवश्यकता पर केंद्रित था। सम्मेलन में कार्बन उत्सर्जन कम करने और पारंपरिक इस्पात उत्पादन प्रणालियों से हटने के लिए खाके की संभावना के लिए उद्योग के विशेषज्ञ एक साथ आए। इंडियन स्टील एसोसिएशन के महासचिव आलोक सहाय ने इस बात पर जोर दिया कि भारत का इस्पात क्षेत्र मजबूत घरेलू मांग और महत्वाकांक्षी इन्फ्रास्ट्रक्चर लक्ष्यों से रफ्तार ले रहा है जिसमें निर्यात एक सह-उत्पाद है।
- नई दिल्ली। रसायन के क्षेत्र में भारत की आयात पर बहुत अधिक निर्भरता पर लगाम लगाने के लिए नीति आयोग ने गुरुवार को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (जीवीसी) में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए 8 प्रमुख बंदरगाह आधारित क्लस्टर बनाने, रसायन क्षेत्र में सहायता के लिए एक केमिकल फंड बनाने और विभिन्न सब्सिडी देने का सुझाव दिया है।भारत रसायनों का प्रमुख निर्यातक है, लेकिन भारी आयात पर भी निर्भर है। केंद्र के नीति से जुड़े थिंक टैंक के मुताबिक इसकी वजह से 2023 में इस सेक्टर में 31 अरब डॉलर का व्यापार घाटा हुआ है।इसमें यह भी कहा गया है कि भारत की केमिकल जीवीसी में मौजूदा हिस्सेदारी अभी 3.5 प्रतिशत है।भारत के करीब 34 प्रतिशत रसायनों का आयात चीन से होता है, जिसका कुल व्यापार घाटा 29 अरब डॉलर है। नीति आयोग ने कहा कि राजकोषीय और गैर-राजकोषीय हस्तक्षेपों की एक व्यापक श्रृंखला वाले लक्षित सुधारों से भारत को 1 लाख करोड़ डॉलर का रासायनिक क्षेत्र बनाने और 2040 तक जीवीसी में 12 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने में मदद मिलेगी, जिससे वह एक वैश्विक रासायनिक महाशक्ति बन जाएगा। इसमें उम्मीद जताई गई है कि 2030 तक भारत का रसायन के क्षेत्र व्यापार घाटा शून्य हो जाएगा।नीति आयोग के मुख्य कार्याधिकारी और पूर्व वाणिज्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, ‘दुनिया की आर्थिक और भू-राजनीतिक स्थिति को देखते हुए भारत इस समय आदर्श स्थिति में है। भारत अच्छी स्थिति में है। हम बिल्कुल सही जगह पर हैं।’नीति आयोग ने ‘रसायन उद्योग : वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की भागीदारी को सशक्त बनाना’ नाम से पेश रिपोर्ट में कहा, ‘रासायनिक केंद्र के भीतर बुनियादी ढांचे के विकास और अन्य प्रमुख पहलों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक जीवीसी केमिकल फंड की स्थापना की जा सकती है। यह फंड सुनिश्चित कर सकता है कि महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की जरूरतें पूरी करने के लिए आवश्यक निवेश किया जाए और पार्कों की दीर्घकालिक स्थिरता का समर्थन करने वाली परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा सकती है। राज्य सरकारें स्थानीय स्तर पर भूमि खरीद और विवाद समाधान में सहायता करें।’इसके अलावा नीति आयोग ने परिचालन व्यय के लिए सब्सिडी देने, पर्यावरण संबंधी मंजूरी में तेजी लाने के लिए समिति बनाने तथा कौशल विकास और अनुसंधान एवं विकास सहायता जैसे अन्य हस्तक्षेपों की भी सिफारिश की है।
- नई दिल्ली। आधार संख्या धारकों ने जून माह में लगभग 230 करोड़ आधार प्रमाणित लेन-देन किए। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में सात दशमलव आठ प्रतिशत अधिक है। इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि यह वृद्धि आधार के व्यापक उपयोग और देश में डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास को दर्शाती है। इस वर्ष जून में रिकॉर्ड 15 करोड़ से अधिक चेहरा प्रमाणीकरण लेन-देन दर्ज किए गए, जबकि पिछले वर्ष इसी महीने में 4 करोड 61 लाख लेन-देन किए गये थे।
- नई दिल्ली। किम मिन-सोक को गुरुवार को आधिकारिक तौर पर दक्षिण कोरिया का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। राष्ट्रपति ली जे म्युंग ने देश की नई सरकार के तहत इस पद के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के चार बार के सांसद के नाम का चयन किया था, जिसके समर्थन में नेशनल असेंबली ने मतदान किया। इससे पहले दिन में नेशनल असेंबली ने पूर्ण सत्र के दौरान तीन अमान्य मतपत्रों के साथ 173-3 मतों से किम के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया।मुख्य विपक्षी दल पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) ने उनकी संपत्ति और परिवार से जुड़े आरोपों के विरोध में इस प्रस्ताव का बहिष्कार किया।किम ने पत्रकारों से बात करते हुए “लोगों की इच्छा को बनाए रखने” का संकल्प लिया और इस बात पर जोर दिया कि “अत्याचारी ताकतों” के कारण उत्पन्न “आर्थिक संकट पर काबू पाना” उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।राष्ट्रपति के प्रवक्ता कांग यू-जंग के अनुसार, ली ने संसदीय मतदान के बाद आधिकारिक तौर पर किम को प्रधानमंत्री नियुक्त किया। किम की रिपोर्ट की गई संपत्ति और खर्च के बीच बड़े अंतर के बीच उनकी आय के स्रोत के साथ-साथ उनके बेटे के कॉलेज प्रवेश और चीन के त्सिंगुआ विश्वविद्यालय में उनकी खुद की पढ़ाई के बारे में आरोपों को मुद्दा बनाते हुए पीपीपी ने किम को अयोग्य उम्मीदवार कहा है।डेमोक्रेटिक पार्टी ने पहले कहा था कि वह पुष्टिकरण को एकतरफा आगे बढ़ाएगी, भले ही पीपीपी असहमत हो। दक्षिण कोरिया में प्रधानमंत्री ही एकमात्र कैबिनेट पद है जिसके लिए संसदीय अनुमोदन की आवश्यकता होती है।सत्र के दौरान नेशनल असेंबली ने वाणिज्यिक अधिनियम में संशोधन भी पारित किया, जो कॉर्पोरेट बोर्ड के सदस्यों के प्रत्ययी कर्तव्य को सभी शेयरधारकों तक विस्तारित करेगा। प्रतिद्वंद्वी दलों में उस नियम को लेकर टकराव हुआ था, जो ऑडिटर का चयन करते समय किसी कंपनी में सबसे बड़े शेयरधारक के मतदान अधिकार को तीन प्रतिशत तक सीमित कर देगा। लेकिन बुधवार को नियम में संशोधन करने के बाद विधेयक को मतदान के लिए रखने पर सहमति हुई।उपस्थित 272 सांसदों में से 220 ने संशोधन को मंजूरी दी। 29 सदस्यों ने इसके विरोध में मत डाला, जबकि 23 ने मतदान में भाग नहीं लिया।वहीं, असेंबली ने मार्च में भी इसी तरह का विधेयक पारित किया था, लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति यूं सुक योल ने इसे वीटो के जरिए रद्द कर दिया था। मार्शल लॉ अधिनियम में संशोधन भी गुरुवार के सत्र में पारित किया गया, जो मार्शल लॉ घोषित होने पर नेशनल असेंबली में सेना और पुलिस के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाता है।--
- नई दिल्ली। पीएम मोदी ने घाना के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और स्पीकर को दिए भारतीय कला और विरासत से जुड़े खास उपहारभारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पांच देशों के दौरे की शुरुआत घाना की ऐतिहासिक यात्रा के साथ की। पीएम मोदी ने घाना के राष्ट्रपति, उनकी पत्नी, उपराष्ट्रपति और स्पीकर को खास गिफ्ट भेंट किए। खास बात यह है कि भेंट किए गए गिफ्ट का भारतीय कला-संस्कृति से कनेक्शन है। इतना ही नहीं इन गिफ्ट के जरिए भारत की कला, कारीगरी और विरासत को वहां के लोगों तक पहुंचाने का मैसेज दिया गया है।उन्होंने घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा को फूलदान और उनकी पत्नी को चांदी का पर्स गिफ्ट में दिया। इसके अलावा, पीएम मोदी ने घाना के उपराष्ट्रपति प्रोफेसर नाना जेन ओपोकु-अग्येमांग को कश्मीरी पश्मीना शॉल, स्पीकर को लघु हाथी अंबावरी तोहफे में दिया।पीएम मोदी ने घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा को बिदरी कलाकृति से सजाए गए फूलदान दिए। इनका निर्माण कर्नाटक के बीदर के कारीगर करते हैं। यह भारत के प्रसिद्ध धातु शिल्प को दर्शाती है, जो अपनी आकर्षक काली फिनिश और बेहतरीन चांदी की जड़ाई के लिए जानी जाती है। यह सदियों पुरानी तकनीक का उपयोग करके कुशल कारीगरों द्वारा हस्तनिर्मित है। फूलदान जिंक-कॉपर मिश्र धातु से बने हैं, इन पर सुंदरता और समृद्धि के प्रतीक पुष्प आकृतियों को उकेरा गया है।इसके साथ ही पीएम मोदी ने राष्ट्रपति की पत्नी लॉर्डिना महामा को चांदी का बना पर्स उपहार में दिया। ओडिशा के कटक का यह खूबसूरत सिल्वर फिलिग्री वर्क पर्स, इस क्षेत्र के प्रसिद्ध तारकासी शिल्प का एक शानदार उदाहरण है। यह 500 वर्षों से अधिक समय से परिष्कृत जटिल सिल्वर फिलिग्री है। जिसे कुशल कारीगरों द्वारा हाथों से तैयार किया गया है। इसमें महीन चांदी के तारों से पुष्प और बेल की आकृति हैं, जो इसे बेहद आकर्षक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाती है।वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने घाना के उपराष्ट्रपति प्रोफेसर नाना जेन ओपोकु-अग्येमांग को कश्मीरी पश्मीना शॉल उपहार में दी। पश्मीना शॉल कश्मीर में चंगथांगी बकरी के बेहतरीन अंडरकोट से तैयार की जाती है। यह शानदार पश्मीना शॉल, कालातीत कलात्मकता और शान का प्रतिनिधित्व करता है। यह अपनी असाधारण कोमलता, गर्माहट और हल्केपन के लिए प्रसिद्ध है।प्रधानमंत्री मोदी ने घाना के स्पीकर अल्बन बैगबिन को पश्चिम बंगाल में तैयार किया गया हाथी अंबावरी उपहार में दिया। यह हाथी अंबावरी शाही परंपरा और भारत की समृद्ध कलात्मक विरासत का प्रतीक है। यह कृति पॉलिश किए गए सिंथेटिक हाथीदांत से बनाई गई है, जो कि प्राकृतिक हाथीदांत का एक नैतिक और टिकाऊ विकल्प है। हाथी अंबावरी सिंथेटिक आइवरी यानी पर्यावरण के अनुकूल विकल्प से बनाई गई है। इसमें बारीकी से नक्काशी की गई है, जो भारत की उत्कृष्ट कारीगरी और सांस्कृतिक गौरव को दर्शाती है।----
- लखनऊ. एक्सिओम मिशन-4 के तहत अंतरिक्ष यात्रा पर गये लखनऊ निवासी शुभांशु शुक्ला ने विभिन्न स्कूलों के बच्चों से अपने इस अविस्मरणीय सफर के अनुभव साझा किये। बच्चों ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर मौजूद अंतरिक्ष यात्री शुक्ला से बात करने के मौके का भरपूर फायदा उठाया। इस दुर्लभ बातचीत में बच्चों के अंदर यह जानने की खासी ललक दिखी कि अंतरिक्ष यात्री क्या खाते हैं? वे अंतरिक्ष में कैसे सोते हैं? अगर कोई बीमार पड़ जाए तो क्या होता है? शरीर अंतरिक्ष में कैसे ढलता है और पृथ्वी पर लौटने के बाद माहौल में फिर से ढलने में कितना समय लगेगा? आईएसएस पर मौजूद शुक्ला ने यहां सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में एकत्र हुए छात्रों द्वारा पूछे गए इन सवालों के विस्तृत जवाब दिये। छात्रों ने अंतरिक्ष कार्यक्रम के लाभों के बारे में भी जानना चाहा।साथ ही यह भी जानने की ख्वाहिश जतायी कि अंतरिक्ष यात्रा का कौन सा हिस्सा सबसे ज्यादा मजेदार होता है। आईएसएस पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बने शुक्ला ने 25 जून को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से एक्सिओम मिशन-4 के शुरू होने के अपने अनुभव को 'अद्भुत' बताया। अंतरिक्ष यात्री कैसे सोते हैं, इस बारे में पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा, ''यह वास्तव में मजेदार है... इसलिए अगर आप स्टेशन (आईएसएस) पर आते हैं, तो आप पाएंगे कि कोई दीवारों पर सो रहा है, कोई छत पर।'' शुक्ला ने कहा, ''ऊपर तैरना और खुद को छत से बांधना बहुत आसान है। चुनौती यह है कि जागने पर आप उसी स्थान पर मिलें, जहां आप रात में सोए थे। यह बहुत जरूरी है कि हम अपने ‘स्लीपिंग बैग' बांध लें ताकि हम बहकर कहीं और न पहुंचे जाएं।'' एक छात्र ने पूछा कि अगर कोई यात्री अंतरिक्ष में बीमार पड़ जाए तो क्या होगा, शुक्ला ने जवाब दिया कि ऐसी स्थिति से निपटने के लिये पर्याप्त दवाएं साथ रखी जाती हैं। बातचीत के दौरान भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन गगनयान का हिस्सा रहे ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप अंतरिक्ष कार्यक्रमों के बारे में युवाओं में जागरूकता पैदा करने के लिए लखनऊ में मौजूद थे। छात्रों के साथ यह बातचीत इसरो के विद्यार्थी संवाद कार्यक्रम का हिस्सा थी। आईएसएस पर पहुंचने वाले पहले भारतीय शुक्ला गगनयान के लिए नामित चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं।एक छात्र के मुताबिक, शुक्ला ने उन्हें बताया कि अंतरिक्ष यात्रियों को शायद ही कोई खाली समय मिलता है। हालांकि, एक चीज जिसका अंतरिक्ष यात्री बेसब्री से इंतजार करते हैं वह है बाहर जाकर अंतरिक्ष और पृथ्वी का खूबसूरत नजारा देखना। अंतरिक्ष के माहौल में खुद को ढालने से जुड़ी चुनौतियों के बारे में शुक्ला ने उपस्थित बच्चों को बताया कि सबसे बड़ी चुनौती गुरुत्वाकर्षण की अनुपस्थिति है। उन्होंने कहा, ''अंतरिक्ष शरीर के लिए एक नई स्थिति है। हालांकि मैं पहले दिन की तुलना में अब बहुत बेहतर महसूस कर रहा हूं।'' शुक्ला ने कहा, ''मेरा शरीर अब ‘माइक्रोग्रैविटी' के अनुकूल हो गया है, लेकिन जब मैं धरती पर वापस लौटूंगा तो मेरे शरीर को गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल फिर से ढलना होगा। यह एक चुनौती होगी और धरती पर दोबारा प्रवेश करने पर इस अनुकूलन की जरूरत होगी। इसके लिये बहुत सारी तैयारियां और प्रक्रियाएं जरूरी हैं क्योंकि अंतरिक्ष बहुत ही गतिशील जगह है।'' अंतरिक्ष यात्री क्या खाते हैं, इस सवाल पर शुक्ला ने कहा कि अधिकांश भोजन पहले से पैक किया हुआ होता है और पर्याप्त पोषण सुनिश्चित करने के लिए उसकी पर्याप्त देखभाल की जाती है। दरअसल, अंतरिक्ष में भोजन प्रेरणा या आनंद के मुख्य स्रोतों में शुमार हो जाता है।शुक्ला ने कहा, ''कई तरह के खाद्य पदार्थ रखे जाते हैं और अंतरिक्ष यात्री उन सभी का स्वाद लेते हैं।'' उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बातचीत के दौरान उन्हें बताया था कि वह अंतरिक्ष में अपने साथ गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आम रस जैसी मिठाइयां ले गए हैं। एक छात्र ने जानना चाहा कि अंतरिक्ष का मानसिक स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है, इस पर शुक्ला ने कहा कि आधुनिक तकनीक ने यह सुनिश्चित किया है कि अंतरिक्ष यात्री परिवार और दोस्तों से जुड़ सकें और इससे बहुत मदद मिलती है। भारत के पहले अंतरिक्ष यान गगनयान के लिए नामित चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक विंग कमांडर अंगद प्रताप ने बृहस्पतिवार को लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में छात्रों से कहा कि उन्हें अगले कुछ दशकों तक प्रेरित रहना होगा क्योंकि तब भारत में मानव अंतरिक्ष यान के लिए अपार संभावनाएं सामने आएंगी। उनकी बातचीत विंग कमांडर शुक्ला से भी हुई। प्रताप ने एयरोस्पेस विज्ञान के क्षेत्र में रोमांचक और चुनौतीपूर्ण करियर के बारे में बात की।
-
नयी दिल्ली. जून में भारतीय सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर 10 माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई, जिसमें सकारात्मक मांग के रुझान और बिक्री में जारी सुधार के बीच अंतरराष्ट्रीय बिक्री और रोजगार सृजन में मजबूत विस्तार शामिल है। बृहस्पतिवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई। मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स मई में 58.8 से बढ़कर जून में 60.4 हो गया, जो नए व्यावसायिक ऑर्डरों में तेज उछाल के कारण हुआ। क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में, 50 से ऊपर का अंक विस्तार को दर्शाता है, जबकि 50 से नीचे का अंक संकुचन को दर्शाता है। एचएसबीसी के भारत में मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, “सेवा पीएमआई व्यवसाय गतिविधि सूचकांक 10 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जिसका कारण नए घरेलू ऑर्डरों में तीव्र वृद्धि थी। नए निर्यात ऑर्डरों में भी वृद्धि हुई, यद्यपि धीमी गति से। मार्जिन में सुधार हुआ, क्योंकि कच्चे माल की लागत में वृद्धि आउटपुट शुल्क के मुकाबले कम थी।” अगस्त, 2024 के बाद से नए ऑर्डर सबसे तेज गति से बढ़े। सेवा कंपनियों को घरेलू बाज़ार की निरंतर मज़बूती से सबसे ज़्यादा फ़ायदा हुआ, साथ ही नए निर्यात कारोबार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। पैनल के सदस्यों के अनुसार, एशियाई, पश्चिम एशियाई और अमेरिकी बाज़ारों से विदेशी मांग में ख़ास तौर पर सुधार हुआ।
-
हापुड़ (उप्र) .हापुड़ जिले में एक तेज रफ्तार कैंटर की टक्कर से मोटरसाइकिल पर सवार चार बच्चों समेत पांच लोगों की मौत हो गई। पुलिस के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) विनीत भटनागर ने बताया कि हाफिजपुर क्षेत्र के रफीकनगर मोहल्ले के निवासी दानिश (40) बुधवार देर रात अपने दो बच्चों मायरा (11) और समायरा (10) तथा भाई सरताज के बच्चों समर (आठ) और मिहिम (10) के साथ मोटरसाइकिल से अपने परिचित के फार्म हाउस पर स्विमिंग पूल में नहाने गए थे। उन्होंने बताया कि लौटते समय बुलंदशहर मार्ग पर ‘मिनीलैंड स्कूल' के बाहर एक तेज रफ्तार कैंटर ने उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी जिससे पांचों की मौके पर ही मौत हो गई। भटनागर ने बताया कि घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। पुलिस ने कैंटर को कब्जे में ले लिया है और उसके चालक की तलाश की जा रही है।
-
कोलकाता. पश्चिम बंगाल सरकार ने भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के वापसी उत्सव के दौरान दीघा में एक ‘एयर एम्बुलेंस' तैनात रखने का फैसला किया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में भगवान जगन्नाथ की ‘उल्टो रथ यात्रा' के दौरान दीघा में ‘एयर एम्बुलेंस' तैनात रखने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘पांच जुलाई को ‘उल्टो रथ' के दिन एक हेलीकॉप्टर तैनात रखने को कहा गया है। हेलीकॉप्टर संचालन एजेंसी को पहले ही सूचित कर दिया गया है। ‘एयर एंबुलेंस' चार जुलाई को दोपहर से तैयार रखी जाएगी। यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि किसी व्यक्ति के बीमार पड़ने की स्थिति में उसे बिना देर किए कोलकाता के किसी अस्पताल ले जाया जा सके।'' अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार को पांच जुलाई को दीघा में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा की वापसी के उत्सव के दौरान लोगों की भारी भीड़ के उमड़ने का अनुमान है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 27 जून को दीघा के समुद्र तटीय नगर में नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर से पहली रथ यात्रा की शुरूआत की।
-
नई दिल्ली। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार संसद के मानसून सत्र से पहले 19 जुलाई को सर्वदलीय बैठक बुलाएगी। यह सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा। स्वतंत्रता दिवस समारोह के कारण 13 और 14 अगस्त को संसद की बैठकें नहीं होंगी।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने एक्स पर किया पोस्टइस संबंध में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “भारत के राष्ट्रपति ने 21 जुलाई से 21 अगस्त 2025 तक संसद का मानसून सत्र बुलाने के सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।”यह सत्र जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 7 मई को हुए आतंकवादी हमले के बाद शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहला संसद सत्र होगा। विपक्षी नेताओं ने इस हमले और अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए विशेष सत्र की मांग की थी।इससे पहले 2025 के बजट सत्र में हुई थीं 26 बैठकेंइससे पहले, 2025 के बजट सत्र में वक्फ संशोधन विधेयक सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए। सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में कुल 26 बैठकें हुईं। बजट सत्र की समाप्ति के बाद केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें बताया था कि बजट सत्र के पहले भाग में लोकसभा और राज्यसभा की कुल 9 बैठकें हुईं। सत्र के दूसरे भाग में दोनों सदनों की 17 बैठकें हुईं।सत्र के दूसरे भाग के दौरान, रेलवे, जल शक्ति और कृषि और किसान कल्याण मंत्रालयों की अनुदान मांगों पर लोकसभा में चर्चा की गई और मतदान किया गया। अंत में शेष मंत्रालयों/विभागों की अनुदान मांगों को शुक्रवार, 21 मार्च, 2025 को सदन के मतदान के लिए रखा गया। संबंधित विनियोग विधेयक भी 21.03.2025 को ही लोकसभा में पेश, विचार और पारित किया गया।वर्ष 2024-25 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों के दूसरे और अंतिम बैच से संबंधित विनियोग विधेयक; वर्ष 2021-22 के लिए अतिरिक्त अनुदान मांगें और वर्ष 2024-25 के लिए मणिपुर की अनुपूरक अनुदान मांगें तथा वर्ष 2025-26 के लिए मणिपुर राज्य के संबंध में लेखानुदान मांगें भी 11.03.2025 को लोकसभा में पारित की गईं। वित्त विधेयक, 2025 को 25 मार्च को लोकसभा द्वारा पारित किया गया। राज्य सभा में शिक्षा, रेलवे, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा गृह मंत्रालयों के कामकाज पर चर्चा की गई। -
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की बढ़ती साख और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीतिक कुशलता ने देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। इसका ताजा उदाहरण जुलाई में घाना की राजधानी अक्रा में देखने को मिला, जहां पीएम मोदी को घाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से नवाजा गया।
पीएम मोदी को अब तक मिल चुके 24 देशों से सर्वोच्च सम्मानबताना चाहेंगे पीएम मोदी को अब तक 24 देशों से सर्वोच्च सम्मान मिल चुके हैं, जो किसी भी भारतीय नेता के लिए रिकॉर्ड है। इनमें रूस का ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रू’, यूएई का ‘जायद मेडल’, फ्रांस का ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’, मालदीव का ‘रूल ऑफ इज्जुद्दीन’ और नाइजीरिया, साइप्रस, फिजी जैसे देशों के प्रतिष्ठित पुरस्कार शामिल हैं।संयुक्त राष्ट्र ने भी उन्हें पर्यावरण संरक्षण के लिए ‘चैंपियन ऑफ द अर्थ’ पुरस्कार से सम्मानित कियासंयुक्त राष्ट्र ने भी उन्हें पर्यावरण संरक्षण के लिए ‘चैंपियन ऑफ द अर्थ’ पुरस्कार से सम्मानित किया था। ये सम्मान केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि भारत की बढ़ती वैश्विक ताकत और प्रभाव का परिचायक हैं।पीएम मोदी की अगुवाई में भारत ने ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना को अपनाते हुए वैश्विक दक्षिण की आवाज को मजबूत किया है। उनकी विदेश यात्राएं नए व्यापारिक अवसर, निवेश और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का माध्यम बनी हैं।घाना का यह सम्मान भारत के वैश्विक नेतृत्व की भूमिका को करता है रेखांकितघाना का यह सम्मान भारत के वैश्विक नेतृत्व की भूमिका को रेखांकित करता है। पीएम मोदी ने न केवल भारत को एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में स्थापित किया, बल्कि वे विकासशील देशों के लिए प्रेरणा बन गए हैं। उनकी कूटनीति ने भारत को वैश्विक मंच पर एक भरोसेमंद और प्रभावशाली साझेदार बनाया है। यह सम्मान भारत के उभरते कद और विश्वास की गवाही है, जो आने वाले समय में और सशक्त होगा।यह सम्मान विदेशी नेताओं को बहुत कम दिया जाता है और यह भारत-घाना के मजबूत रिश्तों का प्रतीक है। 30 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की घाना यात्रा ने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को और गहरा किया।इस मौके पर घाना की संसद को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “भारत और घाना का रिश्ता सिर्फ कूटनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आपसी विश्वास और साझा मूल्यों की नींव पर टिका है। यह सम्मान भारत की जनता के लिए गर्व का क्षण है।” उन्होंने भारत-अफ्रीका सहयोग, सांस्कृतिक जुड़ाव और विकास की साझा यात्रा पर जोर दिया। -
नई दिल्ली। 36 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का एक और जत्था गुरुवार को जम्मू से घाटी के लिए रवाना हुआ। दूसरे जत्थे में 5246 तीर्थयात्री शामिल हैं, जिन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच जम्मू के कैनाल रोड स्थित भगवती नगर से घाटी के लिए भेजा गया। अधिकारियों ने बताया कि इन तीर्थयात्रियों में से 1993 यात्री बालटाल बेस कैंप जा रहे हैं, जबकि 3253 पहलगाम बेस कैंप जा रहे हैं।
तीर्थयात्री ‘बम बम भोले’ और ‘हर हर महादेव’ के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ेतीर्थयात्री ‘बम बम भोले’ और ‘हर हर महादेव’ के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़े। बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए तीर्थयात्रियों में उत्साह दिखा। उन्होंने सरकार की ओर से मुहैया कराई गई सुविधाओं और सुरक्षा व्यवस्थाओं की तारीफ की। तीर्थयात्रियों ने भारतीय सेना पर पूरा भरोसा जताया।श्रद्धालुओं ने कहा कि सेना के जवानों ने हमें बहुत अच्छे से भगवती नगर तक पहुंचायाश्रद्धालुओं ने कहा कि सेना के जवानों ने हमें बहुत अच्छे से भगवती नगर तक पहुंचाया। केंद्र सरकार और जम्मू कश्मीर सरकार की ओर से जो सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, वो बहुत अच्छी हैं। दूसरे जत्थे में कुछ ऐसे भी तीर्थयात्री हैं, जो पहली बार अमरनाथ यात्रा पर जा रहे हैं। उन्होंने भी सुरक्षा के साथ यहां की सुविधाओं की तारीफ की।श्रद्धालुओं ने बातचीत में बताया कि वो बहुत खुश हैं, सरकार ने अच्छी व्यवस्थाएं की हैंश्रद्धालुओं ने बातचीत में बताया कि वो बहुत खुश हैं, सरकार ने अच्छी व्यवस्थाएं की हैं। एक श्रद्धालु ने कहा कि वो 2019 से लगातार अमरनाथ यात्रा के लिए यहां आते हैं। इस बार बहुत अच्छा लग रहा है। सरकार ने अच्छी व्यवस्था की है। एक महिला ने सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां की व्यवस्थाओं को देखकर बहुत खुशी हुई।एक श्रद्धालु ने कहा, जब संवेदनशील समय था, जब आतंकवादी हमले होते थे, उस समय भी भक्त इस यात्रा के लिए आते थेएक श्रद्धालु ने कहा, “जब संवेदनशील समय था, जब आतंकवादी हमले होते थे, उस समय भी भक्त इस यात्रा के लिए आते थे। अब बिल्कुल निर्भय होकर यहां श्रद्धालु आ रहे हैं।” एक अन्य श्रद्धालु ने कहा, “पहले और अब की यात्रा में जमीन-आसमान का फर्क है। यहां दो-तीन गुना अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती है। पहले के मुकाबले चार गुना सुख-सुविधाएं यहां देखने को मिल रही हैं।”अमरनाथ यात्रा 36 दिनों तक चलेगी और इस बार इसका समापन 9 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन के दिन होगाश्रद्धालुओं को सलाह दी गई है कि वो सिर्फ सुरक्षा काफिले के साथ ही जम्मू से घाटी की ओर यात्रा करें और अकेले न निकलें। अमरनाथ यात्रा 36 दिनों तक चलेगी और इस बार इसका समापन 9 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन के दिन होगा।