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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन से टेलीफोन पर बातचीत की। इस बातचीत में रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के प्रयासों से लेकर कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक ताकतों में शामिल हैं और दोनों के रिश्ते साझा मूल्यों, आपसी विश्वास और भविष्य के लिए समान दृष्टिकोण पर आधारित हैं। नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि भारत-यूरोपीय संघ की रणनीतिक साझेदारी वैश्विक चुनौतियों का समाधान निकालने, स्थिरता लाने और पारस्परिक समृद्धि बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही है।
बातचीत में व्यापार, प्रौद्योगिकी, निवेश, नवाचार, स्थिरता, रक्षा, सुरक्षा और आपूर्ति शृंखला लचीलेपन जैसे अहम क्षेत्रों में हुई प्रगति का स्वागत किया गया। साथ ही भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को जल्द पूरा करने और आईएमइइसी (India-Middle East-Europe Corridor) गलियारे को लागू करने की प्रतिबद्धता दोहराई गई। फरवरी में यूरोपीय संघ कॉलेज के आयुक्तों की भारत यात्रा को ऐतिहासिक बताया गया और भविष्य में भारत में अगले भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के आयोजन पर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने इसके लिए दोनों नेताओं को भारत आने का निमंत्रण दिया।प्रधानमंत्री मोदी ने दोहराया कि भारत संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और दुनिया में शांति व स्थिरता की बहाली के लिए लगातार समर्थन करता रहेगा। तीनों नेताओं ने भविष्य में भी संपर्क बनाए रखने पर सहमति जताई। इस बातचीत के बाद यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करके खुशी हुई। हम राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ भारत के निरंतर सहयोग का स्वागत करते हैं। रूस को अपना आक्रामक युद्ध समाप्त करना चाहिए और शांति की राह बनानी चाहिए, जिसमें भारत की अहम भूमिका है। यह युद्ध वैश्विक सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता के लिए हानिकारक है और पूरी दुनिया के लिए जोखिम है। भविष्य की ओर देखते हुए, हम 2026 में अगले भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन में एक संयुक्त रणनीतिक एजेंडे पर सहमत होने की योजना बना रहे हैं। इसके अलावा, हम इस साल के अंत तक मुक्त व्यापार समझौते की बातचीत पूरी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन इसके लिए और प्रगति जरूरी है।” -
पटना. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मां को अपशब्द कहे जाने के विरोध में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों के महिला प्रकोष्ठों ने बृहस्पतिवार को पांच घंटे का राज्यव्यापी बिहार बंद आयोजित किया। भाजपा, जदयू और अन्य सहयोगी दलों की महिला कार्यकर्ताओं ने सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे तक पटना सहित राज्य के विभिन्न जिलों में प्रदर्शन किया। पटना के आयकर चौराहे पर, हाथों में तख्तियां लिए प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस व राजद विरोधी नारे लगाए। उधर, भाजपा के नेताओं ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय के बाहर धरना दिया, जिसमें भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, सांसद रविशंकर प्रसाद और धर्मशीला गुप्ता समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी की दिवंगत मां का अपमान बिहार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा। कांग्रेस की बेशर्मी का आलम यह है कि उसके किसी भी वरिष्ठ नेता ने अब तक इस घटना के लिए माफी नहीं मांगी है। यह उनकी और उनके गठबंधन सहयोगियों की अहंकारपूर्ण मानसिकता को दर्शाता है। बिहार की जनता प्रधानमंत्री की दिवंगत मां के अपमान को कभी नहीं भूलेगी।” वहीं, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने ‘एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “प्रधानमंत्री मोदी की दिवंगत मां के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी ने पूरे देश की आत्मा को आहत किया है। यह केवल एक माँ का नहीं, बल्कि देश की हर माँ का अपमान है। इसी अपमान के विरोध में भाजपा महिला मोर्चा सड़कों पर उतरा है। आज पूरा देश माँ की गरिमा और महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए एकजुट है।” कानून व्यवस्था को लेकर पटना (मध्य) की पुलिस अधीक्षक दीक्षा ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना से बचाव के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है। उधर नवादा, कटिहार, मुजफ्फरपुर और दरभंगा समेत कई जिलों में भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि दरभंगा में पिछले सप्ताह कांग्रेस की ‘वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान एक स्थानीय नेता के मंच पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मां को अपशब्द कहने वाला एक कथित वीडियो वायरल हुआ था। आरोपी युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आयोजकों ने कहा कि उस समय कोई वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद नहीं था। प्रधानमंत्री मोदी ने दो सितंबर को इस घटना पर पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि उन्हें इस घटना से गहरा दुख पहुंचा है। उन्होंने भावुक होकर कहा, “मेरी दिवंगत मां का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था, फिर उनका क्या दोष था? मैं कांग्रेस और राजद को माफ कर सकता हूं, लेकिन बिहार की जनता कभी उन्हें माफ नहीं करेगी।” उन्होंने जोर देकर कहा कि अब हर गली-कस्बे में संदेश पहुंचना चाहिए कि माताओं और बहनों का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और 27 देशों के यूरोपीय संघ के शीर्ष नेताओं एंटोनियो कोस्टा और उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने अमेरिका की विघटनकारी व्यापार नीतियों के बीच नियम-आधारित वैश्विक व्यवस्था को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। इस बातचीत में भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) ने दिसंबर तक अपने बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को अंतिम रूप देने का संकल्प लिया। कोस्टा और वॉन डेर लेयेन के साथ संयुक्त रूप से फोन कॉल में मोदी ने यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान और शांति एवं स्थिरता की शीघ्र बहाली के लिए भारत के निरंतर समर्थन को दोहराया। भारत द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि नेताओं ने वैश्विक मुद्दों का साथ मिलकर समाधान करने और पारस्परिक समृद्धि के लिए नियम-आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देने में भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी की भूमिका को रेखांकित किया। तीनों नेताओं के बीच फोन पर बातचीत ऐसे समय हुई है जब भारत अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नीत प्रशासन द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ (शुल्क) के प्रभाव को कम करना चाहता है। तीनों नेताओं ने आपसी सुविधानुसार शीघ्र ही भारत में अगला भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन आयोजित करने पर भी चर्चा की और प्रधानमंत्री मोदी ने इसके लिए कोस्टा और वॉन डेर लेयेन को आमंत्रित किया। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में मोदी ने बातचीत को "बहुत अच्छा" बताया।
उन्होंने कहा, "भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को शीघ्र पूरा करने और आईएमईईसी गलियारे के कार्यान्वयन के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की। आपसी हितों के मुद्दों और यूक्रेन में संघर्ष को शीघ्र समाप्त करने के प्रयासों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। हम इस बात पर सहमत हुए कि स्थिरता को बढ़ावा देने और नियम-आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देने में हमारी रणनीतिक साझेदारी की महत्वपूर्ण भूमिका है।" बातचीत में यूक्रेन संघर्ष का मुद्दा भी उठा और लेयेन ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि रूस को उसके युद्ध को समाप्त करने में मदद करने और शांति की दिशा में मार्ग बनाने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष लेयेन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के साथ भारत के निरंतर सहयोग का स्वागत किया। उन्होंने कहा, "विश्व के लिए इस युद्ध के गंभीर परिणाम होंगे और यह आर्थिक स्थिरता को कमज़ोर करेगा। इसलिए यह पूरी दुनिया के लिए एक ख़तरा है।" यह फोन कॉल मुख्य रूप से भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते और शिखर सम्मेलन पर केंद्रित थी। यह कॉल यूरोपीय संघ के व्यापार आयुक्त मारोस सेफकोविक की दिल्ली की प्रस्तावित यात्रा से कुछ दिन पहले हुई है। भारत और यूरोपीय संघ ने आठ वर्षों के अंतराल के बाद जून 2022 में मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए वार्ता पुनः शुरू की। बयान में कहा गया, ‘‘दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक ताकतों के रूप में, भारत और यूरोपीय संघ के बीच विश्वास, साझा मूल्यों और भविष्य के लिए एक समान दृष्टिकोण पर आधारित मज़बूत और घनिष्ठ संबंध है।'' नेताओं ने व्यापार, प्रौद्योगिकी, निवेश, नवाचार, स्थिरता, रक्षा, सुरक्षा और आपूर्ति शृंखला के लचीलेपन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति का भी स्वागत किया और भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौता वार्ता के शीघ्र समापन और आईएमईईसी (भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा) के कार्यान्वयन के लिए साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की। लेयेन ने कहा, "आगे की ओर देखते हुए, हम 2026 में यथाशीघ्र अगले यूरोपीय संघ-भारत शिखर सम्मेलन में एक संयुक्त रणनीतिक एजेंडे पर सहमत होने की योजना बना रहे हैं। हम वर्ष के अंत तक मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता को पूरा करने के लिए भी पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। इसे प्राप्त करने के लिए अभी प्रगति की आवश्यकता है।" भारतीय बयान में कहा गया कि नेताओं ने यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने के प्रयासों सहित आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया। प्रधानमंत्री मोदी ने संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान और शांति एवं स्थिरता की शीघ्र बहाली के लिए भारत के निरंतर समर्थन को दोहराया। आईएमईईसी पहल को 2023 में दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान अंतिम रूप दिया गया। इसे एक अग्रणी पहल बताया जा रहा है और इसका उद्देश्य सऊदी अरब, भारत, अमेरिका और यूरोप के बीच एक वृहद सड़क, रेलमार्ग और शिपिंग नेटवर्क स्थापित करना है, जिसका उद्देश्य एशिया, मध्य पूर्व और पश्चिम के बीच एकीकरण सुनिश्चित करना है। -
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर का असर अब मेट्रो पर भी दिखाई देने लगा है। यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन तक जाने वाली सड़क को बंद कर दिया गया है। इसकी जानकारी दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने दी है।
डीएमआरसी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में सड़क के बंद होने की दी जानकारीदिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में सड़क के बंद होने की जानकारी दी।स्टेशन सामान्य रूप से काम कर रहा है और इंटरचेंज सुविधा उपलब्ध हैडीएमआरसी ने बताया कि यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन तक जाने वाली सड़क वर्तमान में बंद है। कृपया अपनी यात्रा की योजना बनाते समय वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करें। हालांकि, स्टेशन सामान्य रूप से काम कर रहा है और इंटरचेंज सुविधा उपलब्ध है।यमुना नदी का जलस्तर 207.48 मीटर दर्ज किया गयाबता दें कि यमुना नदी का जलस्तर गुरुवार सुबह पुराने रेलवे ब्रिज पर 207.48 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान (205.33 मीटर) से काफी ऊपर है। इससे दिल्ली के निचले इलाकों जैसे गीता कॉलोनी, मयूर विहार, यमुना बाजार, मजनू का टीला और कश्मीरी गेट में बाढ़ का पानी घुस गया है।जलस्तर 207.48 मीटर पर स्थिर रहाआधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सुबह 6 बजे से 7 बजे तक जलस्तर 207.48 मीटर पर स्थिर रहा। अधिकारियों ने बताया कि सुबह 5 बजे यह 207.47 मीटर था और रात 2 बजे से सुबह 5 बजे तक यह इसी स्तर पर बना रहा।बाढ़ का पानी दिल्ली सचिवालय की ओर बढ़ गयाबाढ़ का पानी दिल्ली सचिवालय की ओर बढ़ गया, जहां मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्रियों और वरिष्ठ नौकरशाहों के कार्यालय स्थित हैं। इसके अलावा, वासुदेव घाट के आसपास के क्षेत्र भी पानी में डूब गए हैं।नदी के जलस्तर में कमी आने की संभावनाबुधवार शाम को जारी बाढ़ नियंत्रण बुलेटिन में कहा गया है कि गुरुवार सुबह 8 बजे पुराने रेलवे ब्रिज पर जलस्तर 207.48 मीटर रहेगा, लेकिन इसके बाद नदी के जलस्तर में कमी आने की संभावना है।पुराने रेलवे ब्रिज यमुना के प्रवाह और बाढ़ के जोखिम का आकलन करने के लिए एक महत्वपूर्ण निगरानी बिंदु बना हुआ है। - नयी दिल्ली. जीएसटी परिषद ने बुधवार को कई डेयरी उत्पादों, उर्वरकों, जैव कीटनाशकों और कृषि उपकरणों पर कर की दरें कम करने का फैसला किया। इससे त्योहारों से पहले किसानों और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में कृषि और डेयरी क्षेत्रों के लिए कर दरों में कटौती को मंजूरी दी गई। आधिकारिक बयान के अनुसार, परिषद ने ‘अल्ट्रा हाई टेम्परेचर' (यूएचटी) दूध और पनीर पर जीएसटी को पांच प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया। कंडेंस्ड दूध, मक्खन, अन्य वसा और पनीर पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है।विभिन्न कृषि उपकरणों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। इनमें 15 हॉर्स पावर तक की क्षमता के निश्चित गति वाले डीजल इंजन, हैंड पंप, ड्रिप सिंचाई उपकरण और स्प्रिंकलर के लिए नोजल, मिट्टी तैयार करने के लिए कृषि और बागवानी मशीनरी, कटाई और थ्रेसिंग मशीनरी, कंपोस्टिंग मशीन और ट्रैक्टर (1800 सीसी से अधिक इंजन क्षमता वाले सेमी-ट्रेलर के लिए ट्रैक्टर को छोड़कर) शामिल हैं। घटी हुई दरें सेल्फ-लोडिंग कृषि ट्रेलरों और ठेलागाड़ियों सहित हाथ से चलने वाले वाहनों पर भी लागू होंगी। सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड और अमोनिया सहित प्रमुख उर्वरक कच्चे माल पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है।परिषद ने नीम-आधारित कीटनाशक सहित विभिन्न जैव कीटनाशकों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया है। उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 के अंतर्गत आने वाले सूक्ष्म पोषक तत्वों पर जीएसटी घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। परिषद ने ट्रैक्टर के पिछले टायर और ट्यूब, ट्रैक्टरों के लिए 250 सीसी से अधिक सिलेंडर क्षमता वाले कृषि डीजल इंजन, ट्रैक्टर के लिए हाइड्रोलिक पंप और विभिन्न ट्रैक्टर कलपुर्जों पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया है। इन फैसलों से किसानों की लागत कम होने और आवश्यक डेयरी उत्पाद उपभोक्ताओं के लिए किफायती होने की उम्मीद है। नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी।
- नयी दिल्ली. उद्योग जगत एवं निर्यातक समुदाय ने बुधवार को जीएसटी परिषद की बैठक में लिए गए निर्णयों को कर सुधारों की दिशा में मील का पत्थर बताते हुए कहा कि इससे कारोबार क्षेत्रों एवं उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलने के साथ वृद्धि भी तेज होगी। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने बयान में कहा, “जीएसटी सुधारों का कदम एक शानदार उपलब्धि है। पांच और 18 प्रतिशत की दो कर दरें ही रखने, रिफंड और एमएसएमई से जुड़ी प्रक्रियाओं को सरल बनाने और व्यक्तिगत जीवन एवं स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी हटाने जैसे दूरदर्शी फैसलों का हम स्वागत करते हैं। यह एक व्यापक बदलाव है।”उन्होंने कहा कि कर ढांचे में इस स्पष्टता से अनुपालन आसान होगा, मुकदमे घटेंगे और कारोबारों एवं उपभोक्ताओं को पूर्वानुमान की सुविधा मिलेगी। बनर्जी ने कहा कि रोजमर्रा की वस्तुओं और जरूरी कच्चे माल पर दरें कम होने से परिवारों को तत्काल राहत मिलेगी और वृद्धि की बुनियाद मजबूत होगी। उन्होंने कहा, “सीआईआई का मानना है कि उद्योग क्षेत्र इन लाभों को तेजी से उपभोक्ताओं तक पहुंचाएगा और सरकार के साथ मिलकर सुचारू, समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगा। इससे मांग को बढ़ावा मिलेगा और नौकरियां सृजित होंगी।”शीर्ष निर्यातक संगठन फियो ने भी जीएसटी परिषद के फैसलों का स्वागत करते हुए कहा कि सात दिन के भीतर रिफंड निपटान की प्रतिबद्धता सही दिशा में उठाया गया कदम है और इससे निर्यातकों पर नकदी से जुड़ा दबाव काफी हद तक कम होगा। निर्यातकों के प्रतिनिधि संगठन ने कहा कि वैश्विक मांग को लेकर बनी अनिश्चितता के बीच समय पर और पूर्वानुमेय रिफंड भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए बेहद अहम हैं। फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा, “हमें सरकार के साथ मिलकर इन उपायों के जमीनी स्तर पर सुचारू क्रियान्वयन की उम्मीद है। एक हजार रुपये से कम के जीएसटी रिफंड की अनुमति ई-कॉमर्स निर्यातकों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगी।”
- नयी दिल्ली. व्यक्तिगत जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के प्रीमियम अब सस्ते हो जाएंगे क्योंकि इन बीमा उत्पादों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से छूट दे दी गई है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक के बाद ऐलान किया कि सभी तरह की व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसी और उनके पुनर्बीमा पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा। इनमें टर्म लाइफ, यूलिप या एंडोमेंट पॉलिसी शामिल हैं।इसी तरह सभी व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी और उनका पुनर्बीमा भी जीएसटी के दायरे से बाहर कर दिया गया है। इनमें फैमिली फ्लोटर और वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी भी शामिल हैं। जुलाई, 2017 में जीएसटी प्रणाली लागू होने के बाद से अब तक जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी वसूला जाता था। सीतारमण ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि बीमा कंपनियां जीएसटी से दी गई राहत का लाभ उपभोक्ताओं को दें और बीमा आम आदमी के लिए किफायती बने और देश में बीमा कवरेज बढ़े।” जीएसटी की नई दरें 22 सितंबर यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू हो जाएंगी।सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 में स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा पर लगाए गए जीएसटी से 16,398 करोड़ रुपये जुटाए थे। इसमें 8,135 करोड़ रुपये जीवन बीमा और 8,263 करोड़ रुपये स्वास्थ्य बीमा से आए थे। इसके अलावा 2,045 करोड़ रुपये पुनर्बीमा पर उपकर के रूप में मिले, जिनमें 561 करोड़ रुपये जीवन बीमा और 1,484 करोड़ रुपये स्वास्थ्य बीमा से जुड़े थे। वित्त वर्ष 2022-23 में जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर लगाए गए जीएसटी से कुल 16,770 करोड़ रुपये की वसूली हुई थी। जीएसटी परिषद ने जीएसटी ढांचे को सरल बनाते हुए चार की जगह सिर्फ दो दरें ही रखने पर सहमति जताई। अब उत्पादों पर पांच एवं 18 प्रतिशत की दर से कर लगेगा जबकि कुछ चुनिंदा उत्पादों पर विशेष 40 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाएगा.
- नयी दिल्ली. कोका-कोला एवं पेप्सी जैसे लोकप्रिय शीतल पेय और अन्य गैर-अल्कोहल पेय पदार्थ भी अब महंगे हो जाएंगे। जीएसटी परिषद ने बुधवार को कार्बोनेटेड पेय पदार्थों पर कर की दर को वर्तमान 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने को मंजूरी दे दी। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में व्यापक सुधारों के तहत जीएसटी परिषद ने फलों से बने पेय या फलों के रस वाले कार्बोनेटेड पेय पदार्थों पर भी कर की दर 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दी। इसके साथ ही परिषद ने कैफीन-युक्त पेय पदार्थों पर भी जीएसटी की दर बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दी।अन्य गैर-अल्कोहल पेय पदार्थ भी महंगे हो जाएंगे क्योंकि इन वस्तुओं पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दी गई है। जीएसटी परिषद ने अतिरिक्त चीनी या अन्य मीठा पदार्थ या स्वाद वाले सभी उत्पादों पर भी कर की दर 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दी है। हालांकि फलों के गूदे या फलों के रस आधारित पेय (फलों के कार्बोनेटेड पेय या फलों के रस वाले कार्बोनेटेड पेय को छोड़कर) पर कर की दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई है।
- नयी दिल्ली. जीएसटी दरों में व्यापक बदलाव से छोटी कारें और मोटरसाइकिल सस्ती होंगी। जीएसटी परिषद ने बुधवार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में व्यापक बदलाव को मंजूरी दे दी। इसके तहत जीएसटी में पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो-स्तरीय कर संरचना को मंजूरी दी गयी है। नई दरें 22 सितंबर, यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू होंगी। जीएसटी दरों में संशोधन के तहत 1,200 सीसी से कम और 4,000 मिमी से कम लंबाई वाले पेट्रोल, एलपीजी और सीएनजी वाहन तथा 1,500 सीसी और 4,000 मिमी तक लंबाई वाले डीजल वाहनों पर मौजूदा 28 प्रतिशत की जगह अब 18 प्रतिशत कर लगेगा। वहीं 350 सीसी तक की मोटरसाइकिल पर अब 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा जबकि वर्तमान में यह 28 प्रतिशत है। वहीं 1,200 सीसी से अधिक और 4,000 मिमी से अधिक लंबी सभी वाहनों के साथ-साथ 350 सीसी से अधिक की मोटरसाइकिल और रेसिंग कार पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा। कर मोर्चे पर छोटी हाइब्रिड कारों को भी लाभ होगा।जबकि इलेक्ट्रिक वाहनों पर पांच प्रतिशत की दर से कर लगता रहेगा। मर्सिडीज-बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी संतोष अय्यर ने एक बयान में कहा, ‘‘सरकार ने वाहन उद्योग की जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने की लंबे समय से चली आ रही मांग को सुना है।'' उन्होंने कहा कि यह जीएसटी संशोधन सही दिशा में उठाया गया कदम है, प्रगतिशील है और खपत को बढ़ावा देकर बहुप्रतीक्षित प्रोत्साहन प्रदान करेगा और वाहन उद्योग को गति प्रदान करेगा। कुल मिलाकर इससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। वर्तमान में, वाहनों पर 28 प्रतिशत कर लगता है। यह जीएसटी का सबसे ऊंचा स्लैब है। वाहन के प्रकार के आधार पर, कर की इस दर के ऊपर एक से 22 प्रतिशत तक का क्षतिपूर्ति उपकर लगाया जाता है। इंजन, क्षमता और लंबाई के आधार पर कारों पर कुल कर दर छोटी पेट्रोल कारों के लिए 29 प्रतिशत जबकि एसयूवी के लिए 50 प्रतिशत तक है। इसके अलावा, वाहन कलपुर्जों पर जीएसटी को मौजूदा 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है।
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जोधपुर. राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बुधवार को यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत से मुलाकात की। राजे की भागवत के साथ मुलाकात सुबह करीब 20 मिनट तक चली। भागवत सोमवार से नौ-दिवसीय यात्रा पर जोधपुर में हैं। राजे उनसे मिलने पहुंचीं। वह मंगलवार को पूर्व भाजपा सांसद कर्नल सोनाराम को श्रद्धांजलि देने जैसलमेर के मोहनगढ़ भी गईं। भागवत के साथ राजे की मुलाकात का एजेंडा साझा नहीं किया गया। राजे ने हाल में दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, जिससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि उन्हें पार्टी में बड़ी भूमिका मिल सकती है।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि महत्वपूर्ण खनिजों के पुनर्चक्रण के लिए प्रोत्साहन योजना को मंजूरी देने से बैटरी कचरे और इलेक्ट्रॉनिक कचरे के पुनर्चक्रण की क्षमता बढ़ेगी, निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1,500 करोड़ रुपये की इस प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य देश में द्वितीयक स्रोतों से महत्वपूर्ण खनिजों को अलग करने और उत्पादन के लिए पुनर्चक्रण क्षमता का विकास करना है। इन स्रोतों में इलेक्ट्रॉनिक कचरा, लिथियम आयन बैटरी (एलआईबी) कबाड़ और कैटेलिटिक कन्वर्टर जैसे अन्य कबाड़ शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, महत्वपूर्ण खनिजों के पुनर्चक्रण को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना से जुड़ा मंत्रिमंडल का यह निर्णय बैटरी कचरे और इलेक्ट्रॉनिक कचरे के पुनर्चक्रण की क्षमता बढ़ाएगा, निवेश को प्रोत्साहित करेगा और रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने आज बुधवार को 1,500 करोड़ रुपये की रिसाइक्लिंग प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है। इस योजना का उद्देश्य देश में क्रिटिकल मिनरल्स की रीसाइक्लिंग क्षमता बढ़ाना और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना है। यह पहल नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन (NCMM) के तहत चलायी जाएगी, जबकि इसे वित्त वर्ष 2025-26 से 2030–31 तक छह साल की अवधि में लागू किया जाएगा। इस योजना में ई-वेस्ट, लिथियम-आयन बैटरी (LIB) स्क्रैप और कैटलिटिक कन्वर्टर्स जैसी पुरानी सामग्री की रीसाइक्लिंग को शामिल किया गया है। योजना का लाभ बड़े उद्योगपतियों के साथ-साथ छोटे कारोबारियों और स्टार्ट-अप्स को भी मिलेगा। खास बात यह है कि कुल बजट का एक-तिहाई हिस्सा छोटे खिलाड़ियों के लिए आरक्षित किया गया है।
इस योजना के तहत दो प्रमुख प्रोत्साहन दिए जाएंगे। पहला, संयंत्र और मशीनरी पर 20% कैपिटल सब्सिडी उन इकाइयों को मिलेगी जो निर्धारित समय में उत्पादन शुरू करेंगी। दूसरा, 2025-26 के आधार वर्ष से अधिक हुई बिक्री पर ऑपरेटिंग सब्सिडी दी जाएगी, जो दूसरे साल में 40% और पांचवें साल में 60% तक होगी।
प्रोत्साहन की अधिकतम सीमा बड़े उद्योगों के लिए 50 करोड़ रुपये और छोटे उद्योगों के लिए 25 करोड़ रुपये रखी गई है। वहीं, ऑपरेटिंग सब्सिडी की सीमा क्रमशः 10 करोड़ और 5 करोड़ रुपये तय की गई है।खनन मंत्रालय का कहना है कि इस योजना से हर साल लगभग 270 किलो टन रीसाइक्लिंग क्षमता तैयार होगी, जिससे करीब 40 किलो टन क्रिटिकल मिनरल्स का उत्पादन होगा। इसके साथ ही योजना से करीब 8,000 करोड़ रुपये का निवेश आएगा और लगभग 70,000 प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे। -
पटना. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को सस्ती ब्याज दरों पर धन उपलब्ध कराने के लिए ‘बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड' का मंगलवार को डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया। मोदी ने दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम के दौरान संस्था के बैंक खाते में 105 करोड़ रुपये भी हस्तांतरित किए। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं विजय कुमार सिन्हा तथा राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इस कार्यक्रम में शामिल हुए। मोदी ने कहा कि यह नयी सहकारी संस्था बिहार में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं के उद्यमिता कौशल को बढ़ावा देगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार ने हमेशा महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए काम किया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘इस सहकारी संस्था की स्थापना का उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को किफायती ब्याज दरों पर आसानी से ऋण उपलब्ध कराना है। जीविका के सभी पंजीकृत क्लस्टर-स्तरीय संघ इस संस्था के सदस्य बनेंगे। बिहार सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी संस्था के संचालन के लिए धनराशि में योगदान करेगी।'' इसमें कहा गया कि पिछले कुछ वर्षों में जीविका के स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं में उद्यमिता का विकास हुआ है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में कई लघु उद्यमों और उत्पादक कंपनियों की स्थापना हुई है। बयान में कहा गया, ‘‘महिला उद्यमियों को हालांकि अक्सर 18 प्रतिशत से 24 प्रतिशत तक की ऊंची ब्याज दरें वसूलने वाले सूक्ष्म वित्त संस्थानों पर निर्भर रहना पड़ता है। जीविका निधि को सूक्ष्म वित्त संस्थानों पर निर्भरता कम करने और कम ब्याज दरों पर समय पर बड़ी ऋण राशि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक वैकल्पिक वित्तीय प्रणाली के रूप में बनाया गया है।'' इसमें कहा गया, ‘‘यह प्रणाली पूरी तरह से एक डिजिटल मंच पर काम करेगी, जिससे जीविका दीदियों के बैंक खातों में सीधे और तेजी से पारदर्शी धन हस्तांतरण सुनिश्चित होगा। इसे सुविधाजनक बनाने के लिए 12,000 सामुदायिक कार्यकर्ताओं को टैबलेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं।'' बयान में कहा गया है कि इस पहल से ग्रामीण महिलाओं के बीच उद्यमिता को बढ़ावा मिलने और समुदाय-आधारित उद्यमों के विकास में तेजी आने की उम्मीद है। पूरे बिहार से लगभग 20 लाख महिलाओं ने इस उद्घाटन कार्यक्रम को देखा।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि 18 अरब डॉलर से अधिक की 10 सेमीकंडक्टर परियोजनाएं जारी हैं और देश अब ‘भारत सेमीकंडक्टर मिशन' के अगले चरण की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने साथ ही कहा कि 1,000 अरब डॉलर के वैश्विक चिप बाजार का दोहन करने के लिए उसको (चिप) तैयार करने से जुड़ी प्रोत्साहन (डीएलआई) योजना के अगले चरण पर सरकार काम कर रही है। मोदी ने कहा, ‘‘ वह दिन दूर नहीं जब भारत में बनी सबसे छोटी चिप दुनिया में सबसे बड़ा बदलाव लाएगी। वह दिन दूर नहीं जब दुनिया कहेगी ‘भारत में तैयार, भारत में निर्मित, दुनिया के लिए विश्वसनीय' ।'' सेमीकॉन इंडिया-2025 के उद्घाटन के अवसर पर मोदी ने यह बात कही। इसमें दुनिया भर से करीब 50 देशों के सेमीकंडक्टर क्षेत्र के विशेषज्ञों ने शिरकत की। मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की नवाचार और युवा शक्ति भी इस कार्यक्रम में स्पष्ट रूप से मौजूद है। उन्होंने कहा कि यह अनूठा संयोजन एक स्पष्ट संदेश देता है, ‘‘ दुनिया, भारत पर भरोसा करती है। दुनिया, भारत में विश्वास करती है और दुनिया, भारत के साथ सेमीकंडक्टर का भविष्य बनाने के लिए तैयार है।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि सेमीकंडक्टर की दुनिया में अक्सर कहा जाता है कि ‘‘ तेल काला सोना था लेकिन चिप डिजिटल हीरा है।'' उन्होंने कहा कि जहां तेल ने पिछली सदी को आकार दिया, वहीं 21वीं सदी की शक्ति अब छोटी चिप में केंद्रित है। आकार में छोटा होने के बावजूद इन चिप में वैश्विक प्रगति को तेजी से बढ़ाने की क्षमता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार पहले ही 600 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच चुका है और आने वाले वर्ष में इसके 1,000 अरब डॉलर को पार करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘ सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत जिस गति से आगे बढ़ रहा है उसे देखते हुए इस 1,000 अरब अमेरिकी डॉलर के बाजार में भारत की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी होगी।'' निवेशकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत खुले दिल से उनका स्वागत करने को इच्छुक है। मोदी ने कहा, ‘‘ डिजाइन तैयार है। मास्क तैयार है। अब सटीक क्रियान्वयन और बड़े पैमाने पर आपूर्ति का समय है।'' उन्होंने कहा कि भारत की नीतियां अल्पकालिक संकेत नहीं बल्कि दीर्घकालिक प्रतिबद्धताएं हैं। मोदी ने आश्वासन दिया कि प्रत्येक निवेशक की जरूरतें पूरी की जाएंगी। प्रधानमंत्री ने 2021 में सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम के आरंभ का उल्लेख करते हुए कहा कि 2023 तक देश का पहला सेमीकंडक्टर संयंत्र स्वीकृत किया गया था। 2024 में कई और संयंत्रों को मंजूरी मिली और 2025 में पांच अतिरिक्त परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। मोदी ने कहा, ‘‘ कुल मिलाकर 10 सेमीकंडक्टर परियोजनाएं अभी जारी हैं, जिनमें 18 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश शामिल है। यानी 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक... यह भारत में बढ़ते वैश्विक भरोसे को दर्शाता है।'' सेमीकंडक्टर क्षेत्र में गति के महत्व पर उन्होंने कहा, ‘‘ दस्तावेजों से फैक्टरी तक का समय जितना कम होगा और कागजात जितने कम होंगे, ‘वेफर' का काम उतनी ही जल्दी शुरू हो सकेगा।'' उन्होंने कहा कि सरकार इसी दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है।
राष्ट्रीय एकल-खिड़की प्रणाली लागू की गई है। इससे केंद्र और राज्य सरकारों दोनों से सभी स्वीकृतियां एक ही मंच पर प्राप्त की जा सकेंगी। देश भर में ‘प्लग-एंड-प्ले इन्फ्रास्ट्रक्चर मॉडल' के तहत सेमीकंडक्टर पार्क विकसित किए जा रहे हैं जो भूमि, बिजली आपूर्ति, बंदरगाह एवं हवाई अड्डा संपर्क और कुशल श्रमिकों के एक समूह तक पहुंच जैसी सुविधाएं प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि जब इस तरह के बुनियादी ढांचे को प्रोत्साहनों के साथ जोड़ा जाता है, तो औद्योगिक विकास अपरिहार्य है। पीएलआई प्रोत्साहनों या ‘डिजाइन' से जुड़े अनुदान के माध्यम से भारत शुरू से अंत तक क्षमताएं प्रदान कर रहा है। मोदी ने कहा, ‘‘ इसीलिए निवेश प्रवाह जारी है। भारत ‘बैकएंड ऑपरेशंस' से आगे बढ़कर एक ‘फुल-स्टैक सेमीकंडक्टर' राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है। वह दिन दूर नहीं जब भारत की सबसे छोटी चिप दुनिया के सबसे बड़े बदलाव की नींव रखेगी।" उन्होंने कहा, ‘‘ भारत सुधार, प्रदर्शन एवं परिवर्तन के मंत्र पर चलकर इस मुकाम पर पहुंचा है। अगली पीढ़ी के सुधारों का एक नया चरण जल्द ही शुरू किया जाएगा।'' मोदी ने यह भी घोषणा की कि ‘‘ डिजाइन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को उसके उद्देश्यों को बेहतर ढंग से पूरा करने के लिए पुनर्गठित किया जा रहा है।'' मोदी ने कहा कि भारत की यात्रा देर से शुरू हुई, लेकिन अब इसे कोई नहीं रोक सकता।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सेमीकंडक्टर के लिए सीजी पावर का संयंत्र प्रायोगिक आधार पर 28 अगस्त को शुरू कर दिया और केन्स टेक्नोलॉजी का प्रायोगिक संयंत्र भी जल्द ही शुरू होने वाला है। वैश्विक सेमीकंडक्टर क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत इन चुनौतियों से निपटने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। मोदी ने कहा कि जहां इस्पात ऊंची इमारतों एवं शहरों में दिखाई देने वाले प्रभावशाली भौतिक बुनियादी ढांचे का आधार है। वहीं भारत के डिजिटल बुनियादी ढांचे की नींव महत्वपूर्ण खनिजों पर टिकी है। उन्होंने कहा, ‘‘ भारत वर्तमान में राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन पर काम कर रहा है और दुर्लभ खनिजों की अपनी मांग को घरेलू स्तर पर पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।'' मोदी ने कहा कि पिछले चार वर्ष में महत्वपूर्ण खनिज परियोजनाओं पर उल्लेखनीय प्रगति हुई है और सरकार इस क्षेत्र में भारतीय बौद्धिक संपदा के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। -
नयी दिल्ली. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि भारत-चीन संबंध धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहे हैं। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे सीमा मुद्दे सुलझते जाएंगे तनाव कम होता जाएगा।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई बैठक में भारत-चीन सीमा मुद्दे के ‘‘निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य'' समाधान की दिशा में काम करने पर सहमति बनी है। दोनों नेताओं ने वैश्विक व्यापार को स्थिर करने में एक-दूसरे की अर्थव्यवस्थाओं की भूमिका को मान्यता देते हुए व्यापार एवं निवेश संबंधों को बढ़ाने का संकल्प लिया। गोयल से पत्रकारों ने पूछा कि अगर भारत और चीन अपने संबंधों को फिर से स्थापित कर रहे हैं, तो क्या पीएन3 में ढील की गुंजाइश है। इस पर उन्होंने कहा, ‘‘ यह एक एससीओ शिखर सम्मेलन था, जिसमें सभी एससीओ सदस्यों ने भाग लिया। गलवान में हमारे सामने एक समस्या थी, जिसके कारण हमारे संबंधों में थोड़ी तलखी आई थी। मुझे लगता है कि सीमा मुद्दों का समाधान होने के साथ ही स्थिति का सामान्य होना एक बहुत ही स्वाभाविक परिणाम है।'' चीन से भूमि सीमा साझा करने वाले देशों से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए सभी क्षेत्रों में वर्तमान में सरकारी अनुमोदन लेना अनिवार्य है। यह नीति अप्रैल, 2020 में प्रेस नोट 3 (पीएन3) के रूप में जारी की गई थी। घरेलू उद्योग सरकार से चीन से अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए इन प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मानदंडों को आसान बनाने का आग्रह कर रहा है। जुलाई, 2024 में बजट-पूर्व आर्थिक समीक्षा में स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने और निर्यात बाजार का दोहन करने के लिए चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त करने का पुरजोर समर्थन किया गया था। इसमें कहा गया था कि पड़ोसी देशों से विदेशी निवेश में वृद्धि से भारत की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भागीदारी बढ़ाने और निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है। अप्रैल, 2000 से मार्च, 2025 तक भारत में दर्ज कुल एफडीआई प्रवाह में चीन केवल 0.34 प्रतिशत हिस्सेदारी (2.5 अरब अमेरिकी डॉलर) के साथ 23वें स्थान पर रहा। भारत का निर्यात 2024-25 में 14.25 अरब अमेरिकी डॉलर और आयात 113.5 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।
व्यापार घाटा (आयात एवं निर्यात के बीच का अंतर) 2003-04 के 1.1 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2024-25 में 99.2 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। गत वित्त वर्ष 2024-25 में भारत के कुल व्यापार असंतुलन (283 अरब अमेरिकी डॉलर) में चीन का व्यापार घाटा करीब 35 प्रतिशत था। 2023-24 में यह अंतर 85.1 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था। -
नयी दिल्ली. केंद्र सरकार बुधवार से शुरू हो रही जीएसटी परिषद की दो दिन की बैठक में दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर कर कम करने के लिए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में महत्वाकांक्षी बदलाव पर विचार कर सकती है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली और सभी राज्यों के प्रतिनिधित्व वाली यह परिषद केंद्र के 'अगली पीढ़ी' के जीएसटी सुधार प्रस्ताव पर चर्चा करेगी। प्रस्तावित सुधारों में मौजूदा 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत के कर स्लैब को हटाकर केवल पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो कर दरें रखना प्रमुख है। इसके अलावा कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर 40 प्रतिशत की विशेष दर से कर लिया जाएगा। कर स्लैब में कटौती और इसके चलते कीमतों में होने वाली कमी का आमतौर पर स्वागत किया गया है, लेकिन विपक्षी दलों के शासन वाले राज्य इस बदलाव के कारण राजस्व में किसी भी नुकसान की भरपाई की मांग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में जीएसटी सुधारों की योजना के बारे में बताया था। इसके तुरंत बाद केंद्र सरकार ने प्रारंभिक समीक्षा के लिए विभिन्न राज्यों के मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) के साथ प्रस्तावित सुधार का एक खाका साझा किया। जीओएम ने कर दरों को कम करने के केंद्र के प्रस्ताव पर सहमति जताई है। परिषद 3-4 सितंबर को इन सिफारिशों पर विचार करेगी। मामले से अवगत सूत्रों ने बताया कि स्लैब में बदलावों से मोटे तौर पर सहमत होते हुए मंत्री समूह ने 40 लाख रुपये तक कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहन पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने का समर्थन किया है। हालांकि, केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक वाहन को प्रोत्साहन देना चाहती है और उनसे पांच प्रतिशत की दर का समर्थन किया है। इसके अलावा घी, मेवे, पीने के पानी (20 लीटर), नमकीन, कुछ जूते और परिधान, दवाइयां और चिकित्सा उपकरण जैसी ज्यादातर आम इस्तेमाल की वस्तुओं को 12 प्रतिशत से पांच प्रतिशत कर स्लैब में लाने की संभावना है। पेंसिल, साइकिल, छाते से लेकर हेयर पिन जैसी आम उपयोग की वस्तुओं को भी पांच प्रतिशत के स्लैब में लाया जा सकता है। कुछ श्रेणी के टीवी, वॉशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर जैसी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की कीमतों में कमी होने की भी संभावना है, क्योंकि इन पर मौजूदा 28 प्रतिशत की तुलना में 18 प्रतिशत की दर से कर लगाया जा सकता है। वाहनों पर इस समय 28 प्रतिशत की उच्चतम दर और क्षतिपूर्ति उपकर लागू है, लेकिन अब उन पर अलग-अलग दरें लागू हो सकती हैं। शुरुआती स्तर की कारों पर 18 प्रतिशत की दर लागू होगी, जबकि एसयूवी और लक्जरी कारों पर 40 प्रतिशत की विशेष दर लागू होगी। इसके अलावा 40 प्रतिशत की विशेष दर अवगुणों से संबंधित वस्तुओं, जैसे तंबाकू, पान मसाला और सिगरेट पर भी लागू होगी। इस श्रेणी के लिए इस दर के ऊपर एक अतिरिक्त कर भी लगाया जा सकता है। पश्चिम बंगाल जैसे विपक्षी राज्यों ने मांग की है कि 40 प्रतिशत की दर के ऊपर लगाया गया कोई भी कर राज्यों के साथ साझा किया जाना चाहिए, ताकि उनके राजस्व घाटे की भरपाई की जा सके। विपक्षी दलों के शासन वाले आठ राज्यों में हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
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नयी दिल्ली. वित्त मंत्रालय नौ अक्टूबर से 2026-27 के लिए बजट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू करेगा। वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताओं और भारतीय सामान पर 50 प्रतिशत अमेरिकी शुल्क के बीच बजट की तैयारी शुरू होने जा रही है। अगले वर्ष के बजट में मांग बढ़ाने, रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को आठ प्रतिशत से अधिक की सतत वृद्धि दर पर लाने के लिए मुद्दों पर ध्यान देना होगा। सरकार का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.3 से 6.8 प्रतिशत के बीच रहेगी। आर्थिक मामलों के विभाग के बजट परिपत्र (2026-27) के अनुसार, ‘‘सचिव (व्यय) की अध्यक्षता में बजट-पूर्व बैठकें नौ अक्टूबर, 2025 से शुरू होंगी।'' परिपत्र में कहा गया, ‘‘वित्तीय सलाहकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि परिशिष्ट I से VII में आवश्यक विवरण तीन अक्टूबर, 2025 से पहले या उससे पहले ठीक से दर्ज किए जाएं। निर्दिष्ट प्रारूपों में आंकड़ों की ‘हार्ड कॉपी' सत्यापन के लिए जमा की जानी चाहिए।'' वित्त वर्ष 2026-27 के बजट अनुमानों को बजट-पूर्व बैठकों के पूरा होने के बाद अस्थायी तौर पर अंतिम रूप दिया जाएगा और संशोधित अनुमान (आरई) बैठकें नवंबर, 2025 के मध्य तक जारी रहेंगी। परिपत्र के अनुसार, ‘‘सभी मंत्रालयों/विभागों को उन स्वायत्त निकायों/कार्यान्वयन एजेंसियों का विवरण प्रस्तुत करना चाहिए, जिनके लिए अलग से कोष बनाया गया है। उनके जारी रहने के कारण और अनुदान सहायता की आवश्यकता और इसे समाप्त क्यों नहीं किया जाना चाहिए, इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी जानी चाहिए।'' चालू वित्त वर्ष 2026-27 का बजट संसद के बजट सत्र के शुरू में एक फरवरी को पेश किए जाने की संभावना है। चालू वित्त वर्ष के बजट में बाजार मूल्य पर 10.1 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया है, जबकि राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
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नई दिल्ली। उत्तराखंड में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार के लिए पूरे राज्य में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
उत्तराखंड के कई जिलों में खराब मौसम की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने एहतियात के तौर पर स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया हैउत्तराखंड के कई जिलों में खराब मौसम की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने एहतियात के तौर पर स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है। आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, “कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश, बहुत तेज बारिश, गरज के साथ बौछारें और बिजली के साथ भारी बारिश की संभावना है।” इसके अलावा, बादल फटने, अचानक बाढ़ और लगातार बारिश से उत्पन्न होने वाले अन्य खतरों को देखते हुए पौड़ी गढ़वाल, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, नैनीताल, उधम सिंह नगर, अल्मोड़ा, चंपावत, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में मंगलवार को कक्षा 12 तक के सभी स्कूल बंद रहेंगे।पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और नदियों तथा नालों में पानी के स्तर में अचानक वृद्धि का खतरा बना हुआ हैपहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और नदियों तथा नालों में पानी के स्तर में अचानक वृद्धि का खतरा बना हुआ है। हालात यह हैं कि भारी बारिश ने पहाड़ों और मैदानी इलाकों दोनों में जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है।देहरादून में मिनस मोटर रोड के पास बहने वाली टोंस नदी खतरनाक रूप से उफान पर हैदेहरादून में मिनस मोटर रोड के पास बहने वाली टोंस नदी खतरनाक रूप से उफान पर है। यमुना में मिलने के बाद जब यह नदी मैदानी इलाकों में उतरती है तो इसके जलस्तर में तेजी से वृद्धि होती है, जिससे बाढ़ का खतरा और बढ़ जाता है। इसके अलावा, भूस्खलन के कारण कई राष्ट्रीय राजमार्गों के हिस्से अवरुद्ध हैं, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है।मौसम विभाग द्वारा जारी रेड और ऑरेंज अलर्ट को ध्यान में रखते हुए, चारधाम यात्रा और हेमकुंड साहिब यात्रा को 5 सितंबर तक स्थगित कर दिया गया हैचमोली पुलिस ने बताया कि थाना थराली क्षेत्र के अंतर्गत कंचन गंगा, भनेरपानी, कमेड़ा, कोटदीप, लोल्टी और नासिर मार्केट थराली से लोल्टी तक कई मार्ग बंद कर दिए गए हैं। मौसम विभाग द्वारा जारी रेड और ऑरेंज अलर्ट को ध्यान में रखते हुए, चारधाम यात्रा और हेमकुंड साहिब यात्रा को 5 सितंबर तक स्थगित कर दिया गया है। हालांकि, स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है और प्रशासन ने असुरक्षित क्षेत्रों में लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। -
नई दिल्ली। देश के लिए एक ग्लोबल सेमीकंडक्टर हब बनने की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहला भारत निर्मित प्रोसेसर और चार स्वीकृत परियोजनाओं के टेस्ट चिप्स पेश किए। इसरो की सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला (एससीएल) द्वारा ‘विक्रम’ नामक पहला पूर्णतः स्वदेशी 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर विकसित किया गया है।
इसे स्पेस लॉन्च व्हीकल्स की कठोर पर्यावरणीय परिस्थितियों का सामना करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो आयातित चिप्स पर निर्भरता कम करने के भारत के प्रयासों में एक मील का पत्थर है।केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “पहले ‘मेड इन इंडिया’ चिप्स। यह किसी भी देश के लिए गर्व का क्षण है। आज भारत ने यह उपलब्धि हासिल कर ली है।” उन्होंने आगे कहा कि यह महत्वपूर्ण उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच, दृढ़ इच्छाशक्ति और निर्णायक कार्रवाई से संभव हुई है।केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने ‘सेमीकॉन इंडिया 2025’ कार्यक्रम में भारत के सेमीकंडक्टर इंफ्रास्ट्रक्चर की तीव्र प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “कुछ साल पहले ही, हम अपने प्रधानमंत्री के दूरदर्शी दृष्टिकोण से प्रेरित होकर एक नई शुरुआत करने के लिए पहली बार मिले थे, हमने भारत सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत की थी। 3.5 वर्ष की छोटी सी अवधि में, दुनिया भारत की ओर विश्वास से देख रही है।”अश्विनी वैष्णव ने उपस्थित लोगों को बताया, “वर्तमान में पांच सेमीकंडक्टर इकाइयों का निर्माण तेजी से चल रहा है। हमने अभी-अभी प्रधानमंत्री मोदी को पहली ‘मेड-इन-इंडिया’ चिप भेंट की है।” सेमिकॉन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा ने गति पकड़ी है।सरकार पहले ही हाई-वॉल्यूम फैब्रिकेशन यूनिट्स (फैब्स), 3डी हेटेरोजेनस पैकेजिंग, कंपाउंड सेमीकंडक्टर और आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्टिंग (ओएसएटी) जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में 10 परियोजनाओं को मंजूरी दे चुकी है। इसके अलावा, डिजाइन-केंद्रित पहलों ने 280 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों और 72 स्टार्ट-अप्स को एडवांस्ड टूल्स से सहायता प्रदान की है, जबकि डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (डीएलआई) योजना के तहत 23 स्टार्ट-अप्स को मंजूरी दी गई है।तीन दिनों तक चलने वाले इस प्रमुख कार्यक्रम में मुख्य भाषण, पैनल चर्चाएं, फायरसाइड चैट, शोध-पत्र प्रस्तुतियां और छह अंतरराष्ट्रीय गोलमेज सम्मेलन होंगे।एक समर्पित ‘कार्यबल विकास मंडप’ भी नई प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स में करियर के अवसरों पर प्रकाश डालेगा। एप्लाइड मैटेरियल्स, एएसएमएल, आईबीएम, इनफिनियॉन, लैम रिसर्च, माइक्रोन, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, एसके हाइनिक्स और टोक्यो इलेक्ट्रॉन जैसी शीर्ष कंपनियों की भागीदारी के साथ, सेमीकॉन इंडिया 2025 से भारत में सेमीकंडक्टर इनोवेशन की अगली लहर को गति मिलने और ग्लोबल वैल्यू चेन में अपनी स्थिति मजबूत होने की उम्मीद है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं को विकसित भारत का आधार बताया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सशक्त करने के लिए बहुत जरूरी है कि उनकी जिंदगी से हर प्रकार की मुश्किलें कम हों। ये बातें उन्होंने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार की महिलाओं को संबोधित करते हुए कहीं।
पीएम मोदी ने कहा- बिहार की माताओं-बहनों को एक नई सुविधा मिलने जा रही है: जीविका निधि साख सहकारी संघपीएम मोदी ने ‘बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड’ के उद्घाटन अवसर पर कहा, “आज मंगलवार के दिन बहुत मंगल काम की शुरुआत हो रही है। बिहार की माताओं-बहनों को आज एक नई सुविधा मिलने जा रही है: जीविका निधि साख सहकारी संघ। इससे गांव-गांव में जीविका से जुड़ी बहनों को अब और आसानी से पैसा मिलेगा, उन्हें आर्थिक मदद मिलेगी। इससे वो जो काम या व्यवसाय करती हैं, उसे आगे बढ़ाने में बहुत मदद मिलेगी। मुझे ये देखकर भी बहुत खुशी है कि जीविका निधि की व्यवस्था पूरी तरह डिजिटल है।”विकसित भारत का बहुत बड़ा आधार है, भारत की सशक्त महिलाएंउन्होंने कहा, “विकसित भारत का बहुत बड़ा आधार है, भारत की सशक्त महिलाएं। महिलाओं को सशक्त करने के लिए बहुत जरूरी है कि उनकी जिंदगी से हर प्रकार की मुश्किलें कम हों। इसलिए, हम माताओं-बहनों-बेटियों की जिंदगी को आसान बनाने के लिए अनेक काम कर रहे हैं। हमने महिलाओं के लिए करोड़ों शौचालय बनवाए, ताकि उन्हें खुले में शौच की मजबूरी से मुक्ति मिले। हमने पीएम आवास योजना के अंतर्गत पक्के घर बनवाए और इसमें ये भी ध्यान रखा कि वो घर हो सके तो महिलाओं के नाम पर हो। महिला जब घर की मालकिन होती है, तो उसकी आवाज का भी वजन बढ़ जाता है।”केंद्र सरकार की योजनाओं का किया जिक्रप्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा, “केंद्र सरकार आज मुफ्त राशन की योजना भी चला रही है। इस योजना ने हर मां को इस चिंता से मुक्ति दिलाई है कि आज घर में बच्चों का पेट कैसे भरेगा। महिलाओं की आमदनी बढ़ाने के लिए हम उन्हें लखपति दीदी, ड्रोन दीदी और बैंक सखी भी बना रहे हैं। ये सारी योजनाएं माताओं-बहनों की सेवा का एक बहुत बड़ा महायज्ञ हैं। आज इस कार्यक्रम में मैं आपको ये भरोसा देता हूं कि आने वाले महीनों में बिहार की एनडीए सरकार इस अभियान को और तेज करने जा रही है।”हमारी सरकार के लिए मां की गरिमा, उसका सम्मान, उसका स्वाभिमान बहुत बड़ी प्राथमिकताउन्होंने कहा, “कुछ दिनों बाद नवरात्र का पावन पर्व शुरू होने वाला है। पूरे देश में नवदुर्गा की पूजा होगी, यानी मां के नौ रूपों की पूजा होगी, लेकिन बिहार और पुरबिया इलाके में नवदुर्गा के साथ सतबहिनी पूजा की परंपरा भी पीढ़ियों से है। मां के रूप में सात बहनों की पूजा की परंपरा, मां के प्रति श्रद्धा और विश्वास, ये बिहार की पहचान है। हमारी सरकार के लिए मां की गरिमा, उसका सम्मान, उसका स्वाभिमान बहुत बड़ी प्राथमिकता है। मां ही तो हमारा संसार होती है, मां ही हमारा स्वाभिमान होती है।” - नई दिल्ली। देशभर में राष्ट्रीय पोषण सप्ताह 2025 का आयोजन 1 से 7 सितंबर तक किया जा रहा है। इस साल की थीम है ‘ईट राइट फॉर ए बेटर लाइफ’ यानी बेहतर जीवन के लिए सही खानपान अपनाएं। इसका उद्देश्य लोगों को संतुलित आहार, सही खानपान की आदतें अपनाने, कुपोषण रोकने और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से बचाव के प्रति जागरूक करना है।इस बीच डॉ. एम.के. दीक्षित ने कहा कि आजकल बच्चे या तो कमजोर हो रहे हैं या मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं, क्योंकि वे ज्यादातर जंक फूड और बाहर का खाना पसंद करते हैं। उन्होंने बताया कि पारंपरिक भोजन जैसे दाल, चावल, सब्जी और रोटी में लगभग सभी जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं। अगर साथ में मौसमी फल और सलाद भी शामिल किया जाए तो भोजन संतुलित बन जाता है। डॉ. दीक्षित ने कहा कि स्वाद से ज्यादा स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी है और घर के बने खाने को रोजाना के भोजन का हिस्सा बनाना चाहिए।वहीं डॉ. अंकित ओम ने बताया कि संतुलित आहार स्वस्थ शरीर और मस्तिष्क के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि शिशु अवस्था से लेकर किशोरावस्था, गर्भावस्था और वृद्धावस्था तक सभी के लिए पोषण अनिवार्य है। सही आहार लेने से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। उनका कहना था कि राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का मुख्य उद्देश्य लोगों को जागरूक कर संतुलित आहार अपनाने के लिए प्रेरित करना है।डॉ. मीरा पाठक ने कहा कि इस साल की थीम संतुलित आहार, माइंडफुल ईटिंग, प्रोसेस्ड फूड का कम उपयोग और पोषण शिक्षा को बढ़ावा देती है। उन्होंने पांच सुझाव दिए: नाश्ता न छोड़ें और भोजन का समय नियमित रखें, दिन में तीन बड़े और तीन छोटे भोजन लें, थाली का आधा हिस्सा फल और सब्जियों, 25 प्रतिशत प्रोटीन और 25 प्रतिशत साबुत अनाज से भरें, साथ ही दूध और दही शामिल करें। उन्होंने रिफाइंड फूड, अधिक तेल, नमक और चीनी से बचने की सलाह दी।दिल्ली एम्स के पूर्व रेसिडेंट डॉ. राकेश ने बताया कि इस सप्ताह को हर साल किसी खास थीम के साथ मनाया जाता है ताकि सही खानपान का महत्व समझाया जा सके। बच्चों में कुपोषण रोकने के लिए जन्म के बाद पहले छह महीने केवल मां का दूध देना जरूरी है। बड़े बच्चों और वयस्कों को फल, हरी सब्जियां, दाल, पनीर, सोयाबीन, अंडा और मछली शामिल करनी चाहिए। नमक कम करें, पानी अधिक पीएं और तैलीय भोजन व बार-बार इस्तेमाल किए गए तेल से परहेज करें।डॉ. निर्माल्य ने कहा कि इस वर्ष की थीम का मतलब पेट भरने पर नहीं, बल्कि सही खानपान पर जोर देने का है। सही खानपान से डायबिटीज, हृदय रोग, स्ट्रोक और किडनी की बीमारियों को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि कम तेल, कम नमक और कम चीनी का उपयोग करना हर व्यक्ति के लिए जरूरी है।
- नई दिल्ली। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने सोमवार को इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2025 के लिए एक एआई-आधारित मोबाइल ऐप लॉन्च किया। उन्होंने इसे “कनेक्शन, सहयोग और परिणामों का द्वार” बताते हुए कहा कि यह ऐप प्रतिभागियों के लिए अनुभव को और बेहतर बनाएगा। बता दें कि इंडिया मोबाइल कांग्रेस का 9वां संस्करण 8 से 11 अक्टूबर तक नई दिल्ली के द्वारका स्थित यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में आयोजित होगा। इस बार इसका थीम-“इनोवेट टू ट्रांसफॉर्म” रखा गया है।यह नया मोबाइल ऐप कई आधुनिक फीचर्स से लैस है। इसमें लाइव स्ट्रीमिंग, एआई-आधारित व्यक्तिगत सुझाव, स्टार्टअप्स और प्रतिभागियों के लिए नेटवर्किंग टूल, और तुरंत सहायता के लिए बिल्ट-इन चैटबॉट शामिल है। साथ ही इसमें छोटे एआई-जनरेटेड वीडियो हाइलाइट्स, लाइव पोल, प्रतियोगिताएं और इंटरएक्टिव फोटो बूथ की सुविधा भी होगी। लॉन्च के दौरान सिंधिया ने कहा, “इंडिया मोबाइल कांग्रेस सिर्फ एक आयोजन नहीं बल्कि संभावनाओं का मंच है। इस ऐप के जरिए हम इन संभावनाओं को वास्तविक परिणामों में बदल रहे हैं।”इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 में 5G/6G, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), क्वांटम कंप्यूटिंग, सेमीकंडक्टर्स, क्लीन टेक्नोलॉजी और स्मार्ट मोबिलिटी से जुड़े 1,000 से अधिक यूज केस प्रदर्शित किए जाएंगे। यह आयोजन दूरसंचार विभाग (DoT) और सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। प्रतिनिधियों, स्टार्टअप्स, छात्रों, मीडिया और शैक्षणिक संस्थानों के लिए रजिस्ट्रेशन आधिकारिक IMC वेबसाइट पर शुरू हो चुके हैं।
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नयी दिल्ली. पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पद से इस्तीफा देने के छह हफ्ते बाद, अपने सरकारी आवास से दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर इलाके में स्थित एक निजी फार्महाउस में चले गए। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि छतरपुर के गदाईपुर इलाके में स्थित यह फार्महाउस इनेलो (इंडियन नेशनल लोकदल) नेता अभय चौटाला का है। अधिकारी ने बताया कि धनखड़ अंतरिम व्यवस्था के तहत इस निजी फार्महाउस में तब तक रहेंगे जब तक उन्हें टाइप-8 का सरकारी आवास आवंटित नहीं कर दिया जाता, जिसके वह पूर्व उपराष्ट्रपति होने के नाते हकदार हैं। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय आवासन एवं शहरी मामलों के मंत्रालय को अब तक सरकारी बंगले के आवंटन के लिए धनखड़ से कोई औपचारिक अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओ पी चौटाला के बेटे अभय चौटाला ने पुष्टि की कि पूर्व उपराष्ट्रपति छत्तरपुर में स्थित फार्महाउस में चले गए हैं। चौटाला ने कहा, ‘‘हमारे पुराने पारिवारिक संबंध हैं। वह परिवार के एक सदस्य की तरह हैं। मुझे उन्हें हमारे घर में रहने की पेशकश करने की ज़रूरत नहीं है, यह उनका अपना घर है।'' चौटाला परिवार के साथ पूर्व उपराष्ट्रपति के साथ करीबी संबंधों पर प्रकाश डालते हुए अभय चौतला ने कहा, ‘‘हम नियमित अंतराल पर एक-दूसरे से बात करते रहते हैं और इसी दौरान आवास खाली करने की बात सामने आई।'' चौटाला ने कहा, ‘‘इस पर मैंने उनसे कहा कि जब तक उनका अपना घर तैयार नहीं हो जाता है, तब तक छतरपुरपुर फार्महाउस भी उनका अपना ही घर है और उन्हें कहीं और नहीं जाना चाहिये।'' धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए संसद के मानसून सत्र के पहले दिन 21 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और तब से वह जनता की नजरों से दूर हैं। वह अब तक संसद भवन के पास उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में रह रहे थे। धनखड़ के करीबी सूत्रों ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ समय बिता रहे हैं, टेबल टेनिस खेल रहे हैं और योग का अभ्यास कर रहे हैं। उनके उत्तराधिकारी के चयन के लिए नौ सितंबर को चुनाव होना है। उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन का मुकाबला विपक्ष के उम्मीदवार एवं उच्च्तम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच है। उपराष्ट्रपति के रूप में धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 को समाप्त होना था।
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जम्मू/ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को ‘डेटा एनालिटिक्स' और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग करके बादल फटने के कारणों का अध्ययन करने तथा हिमनद झीलों के फटने के चलते आने वाली बाढ़ की पूर्व चेतावनी प्रणाली की समीक्षा करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने हाल की आपदाओं में हुई जनहानि पर दुख व्यक्त किया।
केंद्र शासित प्रदेश में 14 अगस्त से लगातार आई आपदाओं से सर्वाधिक प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद राजभवन में एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए शाह ने लोगों को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार उनके साथ मजबूती से खड़ी है और उन्हें तुरंत राहत और वित्तीय सहायता प्रदान कर रही। ताजा स्थिति की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में, शाह ने सभी एजेंसियों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार ने बचाव अभियान तेजी से चलाया। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 80 प्रतिशत से अधिक बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है और लोगों को शुद्ध पेयजल भी मिलने लगा है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला तथा केंद्र और जम्मू कश्मीर सरकार के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में शामिल हुए। शाह ने हाल की घटनाओं में हुई जनहानि पर दुख व्यक्त किया और कहा, ‘‘संकट की इस घड़ी में, पहले दिन से ही, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात की है। केंद्र सरकार ने बचाव कार्यों में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।'' उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र शासित प्रदेश और सभी एजेंसियों ने मिलकर संभावित नुकसान को काफी कम किया है और समन्वित प्रयासों से हमने कई लोगों की जान सफलतापूर्वक बचाई है।'' उन्होंने सभी प्रारंभिक चेतावनी ऐप (ईडब्ल्यूए), उनकी सटीकता और जमीनी स्तर तक उनकी पहुंच के गहन विश्लेषण की आवश्यकता को रेखांकित किया। शाह ने कहा कि गहन विश्लेषण के माध्यम से प्रणालियों में सुधार ही हताहतों की संख्या शून्य करने की दिशा में आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका है। केंद्रीय गृह मंत्री ने ‘ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड' (जीएलओएफ) पूर्व चेतावनी प्रणाली की समीक्षा की आवश्यकता को रेखांकित किया और कहा कि मौसम विभाग और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को बादल फटने की प्रवृत्तियों और बादलों में नमी की मात्रा के बीच संबंधों का संयुक्त रूप से अध्ययन करना चाहिए, कारणों का पता लगाना चाहिए और एक पूर्व चेतावनी प्रणाली स्थापित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय को ‘डेटा एनालिटिक्स' और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का लाभ उठाकर इस दिशा में कदम उठाने चाहिए। शाह ने यह भी कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को अतिरिक्त राशन की व्यवस्था करनी चाहिए और 10 दिनों में कनेक्टिविटी का आकलन करने के बाद राशन वितरण पर निर्णय लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय की सर्वेक्षण टीमें नुकसान का आकलन करेंगी और सहायता प्रदान की जाएगी।
गृह मंत्री ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के संबंधित विभागों और केंद्रीय गृह सचिव की एक बैठक एक-दो दिन में होगी।'' उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय और केंद्र शासित प्रदेश सरकार की टीमों को नुकसान के आकलन को प्राथमिकता देनी चाहिए। शाह ने कहा कि स्वास्थ्य और जल विभाग को जलापूर्ति और स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जबकि सेना, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और वायुसेना की चिकित्सा इकाइयों को भी सहायता प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने रेखांकित किया कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के लिए 209 करोड़ रुपये केंद्र के हिस्से के रूप में जम्मू कश्मीर के लिए आवंटित किए गए हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अधिकतर सड़कों पर यातायात शुरू हो गया है और जरूरत पड़ने पर राहत सामग्री भी पहुंच रही है। उन्होंने बताया कि एहतियात के तौर पर 5,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। एनडीआरएफ की 17 टीमें, सेना की 23 टुकड़ियां, वायुसेना के हेलीकॉप्टर, जम्मू कश्मीर पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के जवान अभियान में लगे हुए हैं। -
नयी दिल्ली. भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी संजय सिंघल ने सोमवार को सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के नये महानिदेशक (डीजी) के रूप में कार्यभार संभाला। एसएसबी नेपाल और भूटान के साथ लगती भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा की चौकसी करता है।
एसएसबी के प्रवक्ता ने बताया कि 57-वर्षीय सिंघल ने यहां आर के पुरम में बल के मुख्यालय में अपना कार्यभार संभाला। उन्हें जवानों द्वारा औपचारिक सलामी गारद दी गई। एसएसबी में करीब 80,000 कर्मी हैं। एसएसबी के इस शीर्ष पद पर यह रिक्ति 31 अगस्त को पूर्व महानिदेशक ए एम प्रसाद की सेवानिवृत्ति के बाद उत्पन्न हुई थी। केंद्र सरकार ने 29 जुलाई को एक आदेश जारी कर सिंघल को नया एसएसबी प्रमुख नियुक्त किया था। एसएसबी गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है तथा उसे मुख्यत: नेपाल (1751 किलोमीटर) तथा भूटान (699किलोमीटर) से लगती बिना बाड़ की अंतरराष्ट्रीय सीमा की रखवाली करना होता है। उसे देश की अंदरूनी सुरक्षा के सिलसिल में भी विभिन्न जिम्मेदारियां सौंपी जाती हैं। उत्तर प्रदेश कैडर के 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी सिंघल केंद्र में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में सेवा देने के अलावा, अपने गृह राज्य में विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके हैं। वह पिछली बार यहां बीएसएफ मुख्यालय में विशेष महानिदेशक के पद पर तैनात थे। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक (बीई) सिंघल को 2009 में पुलिस वीरता पदक से सम्मानित किया गया था। वह दिसंबर 2028 में सेवानिवृत्त होंगे।