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- चंडीगढ़। पंजाब पुलिस के सब इन्स्पेक्टर हरजीत सिंह कोरोना वॉरियर्स और समाज के लिए वीरता की मिसाल बन गए हैं। कुछ दिन पहले लॉकडाउन ड्यूटी पर तैनात हरजीत सिंह का हाथ कुछ लोगों ने काट दिया था।हरजीत सिंह को प्रमोट करके सब इंसपेक्टर बनाया गया। अब हॉस्पिटल से उनका नया वीडियो आया है। इस वीडियो में मुस्कुराते हुए हरजीत सिंह सैल्यूट करते हुए उन सभी लोगों को हौसला दे रहे हैं, जो मुश्किल वक्त में भी ड्यूटी पर तैनात हैं। पीजीआई चंडीगढ़ में डॉक्टरों ने साढ़े सात घंटे की मशक्कत के बाद हरजीत सिंह का हाथ जोड़ दिया था। अब दो हफ्ते बाद उनका एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में सब इन्स्पेक्टर हरजीत सिंह काफी खुश दिखाई दे रहे हैं। सामने वाला शख्स हरजीत सिंह से उनका हालचाल पूछता है तो वह सैल्यूट करके कहते हैं, सब बढिय़ा है, कोई दिक्कत नहीं है। उनके हाथ की ऊंगलियों में हरकत भी हो रही है।गौरतलब है कि 12 अप्रैल को हरजीत सिंह पटियाला शहर में लॉकडाउन के दौरान ड्यूटी पर तैनात थे। इसी बीच एक वाहन में सवार कुछ लोग बैरिकेडिंग के पास पहुंच गए। हरजीत सिंह की टीम ने पास दिखाने को कहा तो झगड़ा शुरू हो गया। इस झगड़े में कुछ लोगों ने ड्यूटी पर तैनात जवानों पर हमला कर दिया। इस दौरान एक हमलावर ने तलवार से हरजीत सिंह का एक हाथ काट दिया था। इसके बाद पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन ऐंड रिसर्च में डॉक्टर्स के तमाम प्रयासों के बाद हरजीत का हाथ जोड़ दिया गया था।हरजीत सिंह को सम्मान देने के लिए पंजाब पुलिस ने अनोखा कैंपेन चलाया। डीजीपी दिनकर गुप्ता ने 80 हजार पुलिसकर्मियों के साथ अपनी वर्दी पर हरजीत सिंह के नाम का बैच लगाया और मैं भी हरजीत कैंपेन की अगुआई की। डीजीपी दिनकर गुप्ता ने कहा, हरजीत सिंह पुलिस और दूसरे फ्रंटलाइन वर्कर्स पर हो रहे हमले के खिलाफ सिंबल बन चुके हैं। इस मौके पर डीजीपी ने हरजीत सिंह के समर्थन में एक दिन के लिए उनके नाम का बैच अपनी यूनिफॉर्म में लगाया।---
- 0 देश भर के छात्रों और अभिभावकों से संवाद किया0 शैक्षणिक चुनौतियों से निपटने, मिड डे मील और समग्र शिक्षा को लेकर मंगलवार को सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों से करेंगे चर्चानई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आज वेबिनार के माध्यम से देशभर के अभिभावकों एवं छात्रों से संवाद किया और कोविड 19 की वजह से उत्पन्न परिस्थितियों की वजह से उनके मन में उठ रहे विभिन्न सवालों के जवाब दिए। इस वेबिनार संवाद से जम्मू-कश्मीर से लेकर केरल तक और गुवाहाटी से लेकर गुजरात तक लगभग 20 हजार अभिभावक जुड़े।केंद्रीय मंत्री ने अपने वेबिनार संवाद के माध्यम से मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा चलाये जा रहे ऑनलाइन शिक्षा के लिए विभिन्न अभियानों और योजनाओं के बारे में सभी अभिभावकों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि मंत्रालय को अपने छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों की चिंता है और इसी वजह से हमने पहले से चली आ रही विभिन्न योजनाओं को युद्ध स्तर पर लागू किया जिसका लाभ देश के 33 करोड़ छात्र कभी भी और कहीं से भी उठा सकते हैं।श्री निशंक ने अभिभावकों को विश्वास दिलाया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय छात्रों की पढ़ाई और उनके भविष्य के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस दिशा में मंत्रालय दीक्षा, ई-पाठशाला, मुक्त शैक्षिक संसाधनों का राष्ट्रीय भंडार (एनआरओईआर), स्वयं, डीटीएच चैनल स्वयंप्रभा इत्यादि द्वारा सभी छात्रों की पढ़ाई अनवरत जारी रखने का प्रयास कर रहा है। श्री पोखरियाल ने बताया कि ऑनलाइन शिक्षा नीति को सुदृढ़ बनाने के लिए हमने भारत पढ़े ऑनलाइन अभियान की शुरुआत की है जिसमें देशभर से छात्रों, अभिभावकों और अध्यापकों से सुझाव मांगे गए थे। हमें 10 हजार से अधिक सुझाव प्राप्त हुए थे जिस पर मंत्रालय बहुत जल्द दिशा निर्देश लेकर आएगा।केंद्रीय मंत्री ने विद्यादान 2.0 के बारे में अभिभावकों को बताते हुए कहा कि इस अभियान के तहत मंत्रालय ने देश के शिक्षाविदों और शैक्षणिक संगठनों से विभिन्न ई-लर्निंग प्लेटफार्म पर पाठ्यक्रम के अनुसार सामग्री विकसित करने और इसमें योगदान देने का आग्रह किया है। श्री निशंक ने आगे कहा कि इस कार्यक्रम में अनेक शिक्षाविदों एवं शैक्षणिक ने अपनी रूचि दिखाई है और आशा जताई कि बहुत जल्द हमें इसके तहत काफी सारी पाठ्यसामग्री मिल जाएगी।इस संवाद के दौरान डॉ. निशंक ने अभिभावकों के सवालों के जवाब भी दिए। पटना से एक अभिभावक के एनसीआरईटी पुस्तकों की उपलब्धता के सवाल पर मंत्री जी ने कहा कि एनसीआरईटी ने लगभग सभी राज्यों में पुस्तकें भेज दी हैं और बहुत शीघ्र विद्यार्थियों को ये पुस्तकें उपलब्ध हो जाएंगी। सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाएं आयोजित कराने के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हालात सामान्य होने पर मुख्य विषयों के 29 पेपर्स की परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा।उन्होंने इस दौरान यह भी बताया कि मंत्रालय लगातार सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों एवं शिक्षा सचिवों के साथ संपर्क में हैं और यह सुनिश्चित करने में लगा है कि इस मुश्किल घड़ी में भी छात्रों की पढाई जारी रहे। इसी संदर्भ में कल वह सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात करेंगे जिसमें विशेष रूप से कोविड-19 से उत्पन्न हुई शैक्षणिक चुनौतियों से निपटने, मिड डे मील और समग्र शिक्षा के बारे में चर्चा की जाएगी।
- नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में लखनऊ का किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी कोविड-19 के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी सफलतापूर्वक शुरू करने वाला देश का पहला सरकारी अस्पताल बन गया है।कल 58 वर्ष के एक व्यक्ति को प्लाज्मा थेरेपी दी गई। किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने इसे एक एहतियात के तौर पर बताया और कहा कि उनका संस्थान भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की ओर से प्लाज्मा थैरेपी को अनुमति दिए जाने के बाद से ही इसकी तैयारी कर रहा था।इसके लिए प्लाज्मा उन 3 मरीजों से लिया गया जो केजीएमयू अपने कोविड संक्रमण का सफलतापूर्वक इलाज करवाकर स्वस्थ हो चुके थे। मेडिसीन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. डी हिमांशु ने बताया कि कोविड संक्रमण से पीडित 58 वर्षीय मरीज की हालत अब पहले से बेहतर है और आज उन्हें प्लाज्मा की दूसरी डोज दी जा सकती है। अगर इस मरीज की तबीयत पूरी तरह से ठीक हो सकती है तो ये कोविड संक्रमण के गंभीर मरीजों को प्लाज्मा ट्रांसफ्यूजन पद्धति से ठीक करने की दिशा में एक अहम कदम साबित होगा।
- श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में रविवार को सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में चार आतंकवादी मारे गए। पुलिस ने यह जानकारी दी।एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि दक्षिण कश्मीर के देवसर क्षेत्र में रविवार की शाम को सुरक्षा बलों के गश्ती दल पर आतंकवादियों ने गोलीबारी की। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में चार आतंकवादी मारे गए। अधिकारी ने कहा कि मारे गए आतंकवादियों की पहचान होनी अभी बाकी है। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि रविवार को मारे गए चार आतंकवादियों को मिला कर अप्रैल में अब तक कुल 26 आतंकवादी मारे गए हैं। अधिकारी ने बताया कि इस साल अब तक 58 आतंकवादी मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि सेना कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को लेकर प्रतिबद्ध है लेकिन साथ ही यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि आतंकवादी गतिविधियां और उनकी संख्या नहीं बढ़े। अधिकारी ने कहा, सेना लगातार नियंत्रण रेखा के साथ सीमा के भीतर भी आक्रमक रुख अपनाए हुए है और आतंकवादियों को खोज कर समाप्त कर रही है। इससे घाटी में सुरक्षा की स्थिति और मजबूत होगी। इसलिए सेना सफलतापूर्वक सकारात्मक सुरक्षा माहौल विकसित कर रही है जिससे जनता खुद को सुरक्षित महसूस करे और 2020 की गर्मी में शांति बनी रहे।---
- नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्रदीप कुमार त्रिपाठी को इस्पात सचिव नियुक्त किया है। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति के आदेश में यह कहा गया है। इसमें कहा गया है कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग में विशेष सचिव एवं प्रतिष्ठान अधिकारी, त्रिपाठी नये इस्पात सचिव के तौर पर कार्यभार संभालेंगे।वे मौजूदा इस्पात सचिव विनय कुमार की सेवानिवृति के बार यह पद संभालेंगे। विनय कुमार 31 मई 2020 को सेवानिवृत हो रहे हैं। प्रदीप कुमार त्रिपाठी जम्मू-कश्मीर कैडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। विनय कुमार 1983 बैच के अधिकारी हैं जिन्होंने एक सितंबर 2018 को इस्पात मंत्रालय में सचिव का कार्यभार संभाला था।---
- वृंदावन। अक्षय तृतीया पर वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में भगवान श्रीकृष्णा के चरणों के दर्शन के लिए इस बार भक्तों का तांता नहीं लगा । भक्तों को बांके बिहारी के चरणों के दर्शन ऑनलाइन कराए गए।साल में एक बार चरणों के दर्शन करने को लालायित भक्त लॉकडाउन के चलते बांकेबिहारी की मनोहारी छवि को प्रत्यक्ष देखने से लोग वंचित जरूर रहे, लेकिन ठाकुर श्रीराधा सनेह बिहारीजी मंदिर समेत वृंदावन के अधिकतर मंदिरों के भक्तों ने ऑनलाइन दर्शन करके अपने को धन्य समझा। अक्षय तृतीया पर साल में एक बार ठाकुर बांकेबिहारीजी के चरणों के दर्शन होते हैं। सुबह मंदिर के सेवायत जुगल किशोरी गोस्वामी ने ठाकुरजी का चंदन लेप करने के बाद चरणों में पाजेब और मुकटा धारण कराया। इसके बाद सतुआ के लड्डू का भोग, खरबूज और तरबूज भी ठाकुरजी को अर्पित किए गए।शाम को सेवायत सुनील गोस्वामी (बड़े लाला) ने ठाकुरजी के सर्वांगीण दर्शन की सेवा-पूजा की। उधर, ठाकुर श्रीराधा सनेह बिहारी मंदिर में चरण दर्शन ऑनलाइन हुए। नगर के इस्कॉन, प्रेम मंदिर आदि मंदिरों के दर्शन भी भक्तों को ऑनलाइन हुए।---
- उत्तरकाशी। अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर रविवार को उत्तराखंड में गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट अपने निर्धारित समय पर खुल गए । हालांकि कोविड-19 के साये में शुरू हुई इस यात्रा से फिलहाल श्रद्धालुओं को दूर ही रखा गया है।सबसे पहले गंगा पूजन, गंगा सहस्त्रनाम पाठ एवं विशेष पूजा अर्चना के बाद वैदिक मंत्रोच्चार के साथ रोहिणी अमृत योग की शुभ बेला पर दोपहर 12बजकर 35 मिनट पर पुजारियों, मंदिर समिति के पदाधिकारियों तथा प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में गंगोत्री के कपाट खोले गए। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पूर्ण रूप से पालन किया गया तथा वहां मौजूद सभी व्यक्तियों ने मास्क पहने हुए थे ।शनिवार को मां गंगा की डोली उनके मायके एवं शीतकालीन प्रवास मुखबा से भैरोंघाटी आयी और वहां रात्रि विश्राम के बाद सुबह गंगोत्री पहुंची जहां पूर्ण विधि-विधान के साथ गंगा मैया की भोग मूर्ति को मंदिर के भीतर विराजमान किया गया।वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट भी विशेष पूजा-अर्चना व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ तय मुहूर्त 12.41 मिनट पर खोल दिये गये । इस अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर पहली पूजा हुई। जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने कहा कि कोरोना वायरस एवं देशव्यापी लॉकडाउन के चलते भारत सरकार के दिशानिर्देश के अनुरूप दोनों धामों के कपाट सादगीपूर्ण तरीके से खोले गये । इससे पहले, दोनों धामों में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ डीपी जोशी के नेतृत्व में मेडिकल टीम द्वारा कपाट खुलने के समारोह में शामिल सभी तीर्थ पुरोहितों का मेडिकल परीक्षण किया गया। साथ ही मौके पर सैनिटाइजर, मास्क आदि की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई थी ।उच्च गढवाल हिमालय के चारधाम के नाम से मशहूर दो अन्य धामों के कपाट भी जल्द खोले जाएंगे। केदारनाथ के कपाट जहां 29 अप्रैल को खुलेंगे वहीं बदरीनाथ के कपाट 15 मई को खुलेंगे । सर्दियों में भीषण बर्फवारी और ठंड की चपेट में रहने के कारण चारों धामों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं जो अगले साल अप्रैल—मई में फिर खोल दिए जाते हैं ।--
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.....- न तो सेवानिवृत्ति की उम्र घटाने की कोई पहल की गई है और न ही सरकार के स्तर पर ऐसे किसी प्रस्ताव पर चर्चा की गई है- डॉ. जितेंद्र सिंह नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मीडिया के एक हिस्से में चल रही उन खबरों को सिरे से खारिज किया है, जिनमें सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र घटाकर 50 वर्ष करने का प्रस्ताव रखे जाने की बात कही गई है। केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज यहां स्पष्ट रूप से कहा कि न तो सेवानिवृत्ति की उम्र घटाने की कोई पहल की गई है और न ही सरकार के स्तर पर ऐसे किसी प्रस्ताव पर चर्चा की गई है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से कुछ तत्व बार-बार सोशल मीडिया पर गलत जानकारियां फैला रहे हैं और इनके पीछे सरकारी स्रोतों या डीओपीएंडटी का हवाला दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हर बार हितधारकों के बीच भ्रम की स्थिति को दूर करने के लिए त्वरित खंडन जारी किया जाता है। उन्होंने इसे दुखद बताते हुए कहा कि ऐसे समय में जब देश कोरोना संकट से जूझ रहा है और पूरी दुनिया महामारी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रिय रणनीति की प्रशंसा कर रहा है, कुछ तत्व क्षुद्र स्वार्थवश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को कमतर करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से मीडिया में ऐसी खबरें चलवा रहे हैं।उन्होंने कहा कि इसके विपरीत कोरोना की चुनौती सामने आने के बाद से सरकार और डीओपीएंडटी द्वारा समय-समय पर कर्मचारियों के हितों की रक्षा में त्वरित फैसले लिए जा रहे हैं। उदाहरण सामने रखते हुए उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से पहले ही डीओपीटी ने आधिकारिक रूप से कार्यालयों में बेहद आवश्यक या न्यूनतम कर्मचारियों के साथ काम करने का परामर्श जारी किया था। हालांकि आवश्यक सेवाओं को इन दिशानिर्देशों से छूट देते हए डीओपीटी ने दिव्यांग कर्मचारियों को आवश्यक सेवाओं से भी छूट देने का आदेश जारी किया था।लॉकडाउन की बाधाओं पर विचार करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने याद दिलाया कि डीओपीटी ने सरकारी अधिकारियों द्वारा वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (एपीएआर) को भरने की अंतिम तारीख टाल दी थी। इसके अलावा उन्होंने यूपीएससी के आईएएस/ सिविल सेवाओं के साक्षात्कार/ व्यक्तित्व परीक्षण की तारीखों में बदलाव करने के फैसले का उल्लेख किया। साथ ही यह भी घोषणा की जा चुकी है कि सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा 3 मई के बाद की जाएगी। इसी प्रकार एसएससी ने भी अपनी भर्ती प्रक्रिया को टाल दिया है।कार्मिक मंत्रालय के कार्मिक विभाग के संबंध में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले सप्ताह ही ऐसा फर्जी समाचार था कि सरकार ने पेंशन में 30 प्रतिशत कटौती और 80 वर्ष से ज्यादा उम्र वालों की पेंशन बंद करने का फैसला किया है। हालांकि, इसके विपरीत हकीकत यह थी कि 31 मार्च को ऐसा कोई पेंशनर नहीं था जिसकी पेंशन उनके खाते में जमा नहीं की गई हो। इसके साथ ही डाक विभाग की सेवाओं के माध्यम से जरूरत पडऩे पर पेंशनरों के घर पर पेंशन की धनराशि पहुंचाई गई। इसके अलावा कार्मिक मंत्रालय के कार्मिक विभाग ने पिछले चार सप्ताह के दौरान 20 शहरों में पेंशनरों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस परामर्श का आयोजन किया था, जहां डॉ. रणदीप गुलेरिया, निदेशक (एम्स) जैसे विशेषज्ञों द्वारा स्वास्थ्य संबंधी सलाह दी गई। इसी प्रकार वेबिनार पर योग सत्रों के आयोजन भी कराए जा रहे हैं। - जम्मू। जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल जीसी मुर्मू ने कहा कि आगामी अमरनाथ यात्रा कोविड-19 को लेकर होने वाली समीक्षा पर निर्भर करेगी क्योंकि इस वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए विस्तृत योजना एवं क्रियान्वयन की जरूरत होती है।उल्लेखनीय है कि दक्षिण कश्मीर में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ की पवित्र गुफा के दर्शन के लिए इस साल 23 जून को यात्रा शुरू होने की तारीख निर्धारित की गई है। वहीं पुंछ जिले में दस दिवसीय बुड्ढ़ा अमरनाथ की यात्रा अगस्त में शुरू होनी है। राजभवन में बाबा अमरनाथ और बुड्ढ़ा अमरनाथ यात्री न्यास के नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करने के बाद उप राज्यपाल मुर्मू ने कहा, सरकार यात्रा करने के लिए सभी संभावनाओं पर विचार कर रही है। हालांकि, यह फैसला कोविड-19 संकट की पृष्ठभूमि में होने वाली समीक्षा पर निर्भर करता है।पवन कुमार कोहली के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल से यात्रा से संबंधित विभिन्न चिंताओं पर चर्चा की और यात्रा की अवधि कम करने, कुछ खास आयुवर्ग के श्रद्धालुओं को ही यात्रा करने की अनुमति देने, ऑनलाइन यात्रा का पंजीकरण कराने, हेलीकॉप्टर से यात्रा शुरू करने और स्थिति के अनुरूप पैदल यात्रा की तारीख में देरी करने संबंधी विभिन्न सुझाव दिए।उप राज्यपाल ने कहा, कोविड-19 महामारी की मौजूदा परिस्थिति के मुताबिक अमरनाथ यात्रा करने पर उचित फैसला सामयिक समीक्षा के आधार पर ही होगा। यात्रा को आयोजित करने के लिए विस्तृत योजना और उसके क्रियान्वयन की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि 20 हजार स्वास्थ्य कर्मी और 30 हजार सुरक्षाबल कोविड-19 को नियंत्रित करने के काम में लगे हैं और यात्रा के लिए उनकी उपलब्धता पर भी विचार किया जाएगा। आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने पूजा का सजीव प्रसारण का सुझाव दिया जिस पर उपराज्यपाल ने कहा कि ऐसी संभावना पर पहले ही चर्चा हो रही है। मुर्मू ने प्रतिनिधिमंडल से आह्वान किया कि वे लंगर लगाने वाले संगठनों के संपर्क में रहे और भरोसा दिया कि जहां भी जरूरत होगी यथासंभव सबसे बेहतर व्यवस्था की जाएगी।--
- छपरा। छपरा में आकाशीय बिजली गिरने से 9 लोगों की मौत हो गयी है और करीब आधा दर्जन लोग घायल बताये जा रहे हैं।पश्चिमी विक्षोभ के कारण बिहार के अधिकत्तर इलाकों में आंधी-तूफान और ओलावृष्टि की भी खबर मिली है। प्राप्त जानकारी के अनुसार दियारा इलाके में सुबह कुछ ग्रामीण परवल की खेती की मापी के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान तेज आंधी व बारिश शुरू हो गयी। सभी लोग पास की एक झोपड़ी में इक_ा हो गय थे। इसी दौरान आकाशीय बिजली झोपड़ी पर गिरी जिसकी चपेट में आकर 9 लोगों ने दम तोड़ दिया। अन्य घायलों को इलाज के लिए छपरा सदर अस्पताल लाया गया है।घटना की जानकारी मिलते ही सदर एसडीपीओ अजय कुमार भी मौके पर पहुंच गए हैं। इस घटना पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने शोक व्यक्त किया है।
- नई दिल्ली। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने कोविड-19 लॉकडाउन के बीच आज बर्फ की सफाई के बाद तीन सप्ताह से ज्यादा समय पहले ही रोहतांग दर्रा (समुद्री स्तर से 13,500 फुट ऊपर) खोल दिया है। यह हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले को भारत के बाकी हिस्से से जोडऩे वाला मुख्य मार्ग है। पिछले साल इस दर्रे को 18 मई को खोला गया था।हिमाचल प्रदेश सरकार ने बर्फ की सफाई में तेजी लाने के लिए बीआरओ से संपर्क किया था, जिससे फसलों की कटाई शुरू करने के लिए किसानों की वापसी को आसान बनाया जा सके और कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए लाहौल घाटी में राहत सामग्री पहुंचाई जा सके तथा आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही तेज की जा सके।बीआरओ ने इस कार्य के लिए मनाली और खोकसार दोनों तरफ से उच्च तकनीक वाली मशीनरी लगाई थीं। रहाला झरना, बीस नाला और रानी नाला में बर्फीले तूफान, जमा देने वाला तापमान और नियमित अंतराल पर होने वाले हिमस्खलन के चलते परिचालन में देरी हुई, लेकिन लाहौल घाटी के नागरिकों तक राहत पहुंचाने के लिए कोविड-19 से बर्फ की सफाई करने वाले दल दिन और रात काम में लगी रहीं। इस दौरान उन्होंने कोविड-19 से जुड़ी सभी सावधानियां भी बरतीं।आज लाहौल स्पीति के लिए आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और लगभग 150 किसानों से भरे वाहनों की पहली खेप रवाना की गई, जिसका मार्गदर्शन इस साल रोहतांग पास खोलने वाला बीआरओ अधिकारियों का दल कर रहा था। रोहतांग दर्रा पिछले साल की तुलना में तीन सप्ताह पहले ही यातायात के लिए खोले जाने की खबर से स्थानीय लोगों को खासी राहत मिली है। इससे केन्द्र और राज्य सरकारों के लिए स्थानीय आबादी तक राहत सामग्रियां और चिकित्सा सामान पहुंचाना आसान हो जाएगा। इसके साथ ही कृषि गतिविधियां भी फिर से चालू हो सकेंगी, जो जिले की अर्थव्यवस्था के लिए रीढ़ के समान हैं।दर्रे को खोलने के लिए बर्फ की सफाई का काम हर साल किया जाता है, क्योंकि हर साल नवंबर से मई के मध्य तक लगभग छह महीने तक रोहतांग दर्रा बर्फ से पटा रहता है। यह 12 दिसंबर, 2019 तक खुला रहा था। पूरी घाटी सर्दियों के दौरान किसी भी तरह की ढुलाई/ आपूर्तियों के लिए हवाई माध्यम पर निर्भर रहती है। इसके अलावा कोविड-19 के खिलाफ सरकार के प्रयासों में सहायता के लिए सीमा सड़क संगठन के सभी कर्मचारियों ने एक दिन के वेतन के रूप में पीएम केयर्स कोष में सामूहिक तौर पर एक करोड़ रुपये का अंशदान किया है।----
- नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने सरकारी कर्मचारियों और सैनिकों के महंगाई भत्ते में वृद्धि नहीं करने के केंद्र सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि इस वक्त केंद्रीय कर्मियों एवं सैनिकों के लिए मुश्किल पैदा करना उचित नहीं है।कांग्रेस की ओर से जारी पार्टी के सलाहकार समूह की बैठक के वीडियो के मुताबिक डॉ. सिंह ने यह भी कहा कि कांग्रेस को इस वक्त इन सरकारी कर्मचारियों और सैनिकों के साथ खड़े रहना है। डॉ. सिंह हाल ही में गठित कांग्रेस सलाहकार समूह के अध्यक्ष हैं।डॉ. मनमोहन सिंह ने ट्वीट कर यह भी कहा कि प्रधानमंत्री जनता को यह भी बताएं कि पीएम केयर्स फंड्स में कितनी राशि एकत्र हुई है और यह राशि जरूरतमंदों और गरीबों को बांटने के लिए उनकी क्या योजना है।---
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल आकाशवाणी से मन की बात कार्यक्रम में देश-विदेश के लोगों से अपने विचार साझा करेंगे। यह मासिक रेडियो कार्यक्रम की 64वीं कड़ी होगी। आकाशवाणी और दूरदर्शन के समूचे नेटवर्क पर इसका प्रसारण किया जाएगा। यह आकाशवाणी समाचार की वेबसाइट www.newsonair.com और newsonair Mobile App. पर भी उपलब्ध रहेगा।आकाशवाणी, दूरदर्शन समाचार, प्रधानमंत्री कार्यालय तथा सूचना और प्रसारण मंत्रालय के यू-ट्यूब चैनलों पर भी कार्यक्रम सीधा प्रसारित होगा। हिंदी में प्रसारण के तुरंत बाद क्षेत्रीय भाषाओं में इसका प्रसारण किया जाएगा। क्षेत्रीय भाषा में कार्यक्रम रात आठ बजे फिर सुना जा सकेगा।
- लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार ने आज बड़ा फैसला लिया है। न्यूज एंजेसी एएनआई के अनुसार योगी सरकार ने प्रदेश में 30 जून तक किसी भी सार्वजनिक सभा और लोगों की भीड़ एकत्र होने पर रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा बताया गया कि इस संबंध में सभी जिला अधिकारी को निर्देश दे दिया गया है। आगे की कार्यवाही स्थिति देखकर की जायेगी।उत्तर प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 1621 हो गयी है। वहीं कोरोनो से सबसे अधिक प्रभावित आगरा, कानपुर, लखनऊ, फिरोजाबाद, मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद ये सात जिले हैं। बीते चार दिनों में भी इन्हीं जिलों में सबसे अधिक मरीज सामने आए हैं। इन जिलों में कुल 988 मामले सामने आये है। प्रदेश के 57 जिलों में कोरोना ने दस्तक दे दी है।---
- - ग्रामीण क्षेत्रों में , शॉपिंग मॉल की दुकानों को छोड़, सभी दुकानों को खोलने की अनुमति है- शहरी क्षेत्रों में सभी एकल दुकानों, आस-पड़ोस की दुकानों और आवासीय परिसरों में स्थित दुकानों को खोलने की अनुमति है- शहरी क्षेत्रों में बाजारों/बाजार परिसरों और शॉपिंग मॉल की दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं हैनई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने दुकानों को खोलने की अनुमति देने के लिए लॉकडाउन उपायों पर जारी समेकित संशोधित दिशा-निर्देशों में संशोधनों पर एक आदेश जारी किया है।ग्रामीण क्षेत्रों में, सभी दुकानों को खोलने की अनुमति है। हालांकि, शॉपिंग मॉल में स्थित दुकानें इनमें शामिल नहीं हैं।शहरी क्षेत्रों में, सभी एकल दुकानों, आस-पड़ोस की दुकानों और आवासीय परिसरों में स्थित दुकानों को खोलने की अनुमति है। हालांकि, बाजारों/बाजार परिसरों और शॉपिंग मॉल में स्थित दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं है।- यह स्पष्ट किया जाता है कि ई-कॉमर्स कंपनियों को केवल आवश्यक वस्तुओं की ही बिक्री करने की अनुमति है।- यह भी स्पष्ट किया जाता है कि शराब की बिक्री के साथ-साथ उन अन्य वस्तुओं की भी बिक्री प्रतिबंधित है, जिनके बारे में कोविड-19 के प्रबंधन संबंधी राष्ट्रीय निर्देशों में निर्दिष्ट किया गया है।- जैसा कि समेकित संशोधित दिशा-निर्देशों में निर्दिष्ट किया गया है, उपर्युक्त दुकानों को उन सभी क्षेत्रों, चाहे वे ग्रामीण हों या शहरी, में खोलने की अनुमति नहीं है, जिन्हें संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा नियंक्षण क्षेत्र (कंटेनमेंट जोन) घोषित किया गया है।----
- नई दिल्ली। कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए अग्रिम पंक्ति में तैनात स्वास्थ्यकर्मियों, डॉक्टरों, पुलिस और अन्य आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों को संक्रमण से बचाने के लिए कुछ स्थानों पर मिस्ट सैनिटाइजर टनल का उपयोग हो रहा है। लेकिन, इस टनल में छिड़काव के लिए उपयोग होने वाले रसायन सोडियम हाइपोक्लोराइट के दुष्प्रभावों का हवाला देते हुए कई एजेंसियों ने इसके खिलाफ दिशा-निर्देश जारी किए हैं।हालांकि, अब वैज्ञानिक परीक्षण के बाद मिस्ट सैनिटाइजर टनल के उपयोग को सुरक्षित बताया जा रहा है। काउंसिल ऑफ साइंटिफिक ऐंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) की पुणे स्थित प्रयोगशाला नेशनल केमिकल लैबोरेटरी (एनसीएल) के एक ताजा अध्ययन के बाद इस संस्थान के वैज्ञानिकों ने यह बात कही है। सीएसआईआर-एनसीएल के वैज्ञानिकों ने सोडियम हाइपोक्लोराइट की विभिन्न सांद्रताओं का मूल्यांकन करने पर मिस्ट सैनिटाइजर टनल में इसके उपयोग को सुरक्षित पाया है।सोडियम हाइपोक्लोराइट के प्रभाव, जिसे हाइपो या ब्लीच के रूप में भी जाना जाता है, का 0.02 से 0.5 प्रतिशत वजन की सांद्रता के साथ मिस्ट सैनिटाइजर टनल इकाई के भीतर से होकर गुजरने वाले कर्मियों पर अध्ययन किया गया है। इसके अलावा, मिस्ट सैनिटाइजर के टनल के संपर्क में आने से पहले और बाद में सूक्ष्मजीवों के खिलाफ जीवाणुरोधी गतिविधि का आंकलन किया गया है।मुंबई स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (आईसीटी) के शोधकर्ताओं ने इस तरह के रसायनों के छिड़काव के लिए खास नोज़ल डिजाइन किए हैं, जिन्हें आवश्यकता के अनुसार उपयोग किया जा सकता है। सैनिटाइजर टनल में एक व्यक्ति को संक्रमण मुक्त करने में औसतन आठ सेंकेंड का समय लगता है। अगर 0.5 प्रतिशत सॉल्यूशन का मिस्ट सैनिटाइजर में आठ सेंकेंड तक छिड़काव किया जाए तो सिर्फ 0.00133 मिलीग्राम हाइपोक्लोराइट के संपर्क में आने की संभावना होती है। नोजेल से पूरी टनल में समान रूप से सूक्ष्म बूंदों के छिड़काव का समान वितरण भी नुकसान से बचाने में मददगार होता है। द्रव कण बनाने के लिए फिल्टर की हुई हवा का उपयोग टनल में घुटन की आशंका से बचा जा सकता है।मिस्ट सैनिटाइजर के उपयोग से जुड़ी नकारात्मक खबरों पर प्रतक्रिया देते हुए सीएसआईआर-एनसीएल के निदेशक प्रोफेसर अश्विनी कुमार नांगिया और आईसीटी, मुंबई के वाइस चांसलर प्रोफेसर ए.बी. पंडित ने अपने संयुक्त वक्तव्य में कहा है कि हर चीज की एक निर्धारित प्रक्रिया होती है और रसायनों के उपयोग पर यह बात सबसे अधिक लागू होती है। कई स्थानों पर मिस्ट सैनिटाइजर में निर्धारित मात्रा से 100 गुना अधिक तक सोडियम हाइपोक्लोराइट का उपयोग किया गया, जिससे नुकसान स्वाभाविक है।यदि किसी को सोडियम हाइपोक्लोराइट से एलर्जी है, तो उसके लिए भी आईसीटी, मुंबई ने एक विकल्प सुझाया है। ऐसे लोगों को संक्रमण रहित करने के लिए बेंजैलकोनियम क्लोराइड (बीकेसी) आधारित सॉल्यूशन का छिड़काव किया जा सकता है। द जर्नल ऑफ हॉस्पिटल इन्फेक्शन में प्रकाशित एक ताजा अध्ययन में बीकेसी की 0.003 से 0.005 प्रतिशत मात्रा को कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी पाया गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सही पद्धति की जानकारी हो और उस पर उपयुक्त ढंग से अमल किया जाए तो बिना किसी नुकसान के रोगजनक सूक्ष्मजीवों से बचा जा सकता है।दरअसल इस अध्ययन से पता चला है कि 0.02 से 0.05 प्रतिशत वजन की सांद्रता त्वचा पर कोई प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना रोगाणुओं को नष्ट कर सकती है। इसी आधार पर, वैज्ञानिक मिस्ट सैनिटाइजर में 0.02 से 0.05 प्रतिशत वजन की सांद्रता में हाइपोक्लोराइट का उपयोग करने की सलाह दे रहे हैं। संक्रमण के संपर्क की अलग-अलग प्रकृति के अनुसार वैज्ञानिकों ने हाइपोक्लोराइट की विभिन्न सांद्रताओं की सिफारिश की है। हाइपोक्लोराइट की 0.5 प्रतिशत सांद्रता के मिश्रण के छिड़काव की सिफारिश उन लोगों पर करने के लिए की गई है, जो अधिक आबादी के बीच रहकर कोविड-19 के खिलाफ काम कर रहे हैं। इसी तरह, 0.2 प्रतिशत मात्रा का उपयोग सामान्य कार्यालयों या फैक्टरी में किया जा सकता है। हालांकि, घर जैसे पूरी तरह पृथक रहने वाले स्थानों पर इस सैनिटाइजर के उपयोग की आवश्यकता नहीं है। सोडियम हाइपोक्लोराइट के दुष्प्रभाव न होने के बावजूद सीएसआईआर-एनसीएल के वैज्ञानिकों ने कहा है कि टनल से गुजरने के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से फेस शील्ड या सेफ्टी गॉगल्स का उपयोग किया जा सकता है। टनल से गुजरकर सैनिटाइज करने की प्रक्रिया हैंड-सैनिटाइजर या साबुन से हाथ धोने के बाद पूरी होती है।
- नई दिल्ली। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने 17 अप्रैल को किसान रथ नाम का एक ऐप शुरू किया है जो किसानों और व्यापारियों की कृषि उत्पादों खाद्यान्न (अनाज, मोटा अनाज, दलहन आदि) से लेकर फल और सब्जियां, तिलहनों, मसाले, रेशे वाली फसलें, फूल, बांस, लठ्ठे और छोटे वनोत्पाद, नारियल आदि को पहुंचाने के लिए परिवहन की सही प्रणाली का पता लगाने में मदद करेगा। अब तक, कुल 80,474 किसान और 70,581 व्यापारी इस ऐप पर पंजीकृत हैं।पूर्ण लॉकडाउन के कारण, सभी थोक मंडियों को 25 मार्च को बंद कर दिया गया था। भारत में 2587 प्रमुख/ मुख्य कृषि बाजार उपलब्ध हैं।दलहन और तिलहन की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद वर्तमान में बीस (20) राज्यों में चल रही है। नैफेड और एफसीआई 1,79,852.21 मीट्रिक टन दलहन और 1,64,195.14 मीट्रिक टन तिलहन खरीद चुके हैं जिसका मूल्य 1605.43 करोड़ रुपये आंका गया है, जिससे 2,05,869 किसान लाभान्वित हुए हैं।----
- नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कोरोना महामारी के बावजूद, टीबी की पहचान और उसके इलाज का काम अनवरत जारी रहे।स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि राष्ट्रीय तपेदिक उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत सभी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए। मंत्रालय ने कहा है कि अगर टीबी का रोगी स्वास्थ्य केन्द्र तक आ पाने में असमर्थ हो, तो उसे घर पर ही दवाएं उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जानी चाहिए। मंत्रालय ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया है कि स्वास्थ्य केन्?द्रों में हर टीबी रोगी को दवा अनिवार्य रूप से मिले- चाहे उसके पास पहचान-पत्र हो या न हो।स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, टीबी रोगियों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के लिए एहतियाती उपायों की जानकारी दी जा रही है और उनसे कहा जा रहा है कि वे टीबी का निर्धारित इलाज जारी रखें।
- रायपुर। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु ने आज टेलीफोन पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से चर्चा की। श्री नायडु ने मुख्यमंत्री श्री बघेल से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के कार्यों से गांवों में खेती-किसानी को उन्नत बनाने, अधिक से अधिक लोगों को रोजगार से जोडऩे तथा रोजगार मूलक कार्यांे से गांवों में कृषि की स्थायी परिसंपत्तियों के निर्माण पर विस्तृत चर्चा की।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने उप राष्ट्रपति श्री नायडु को बताया कि देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद छत्तीसगढ़ में 11 हजार 504 ग्राम पंचायतों में से वर्तमान 9 हजार 687 ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत रोजगार मूलक कार्य संचालित किए जा रहे है। इसमें गांवों में 43 हजार 325 रोजगार मूलक गतिविधियां संचालित की जा रही हंै जिसमें 12 लाख 81 हजार 327 मजदूरों को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने उपराष्ट्रपति को राज्य सरकार की सुराजी गांव योजना नरवा, गरूवा, घुरवा, बारी के तहत संचालित ग्रामीण विकास के कार्यों की भी जानकारी दी। उपराष्ट्रपति श्री नायडु ने मनरेगा के अलावा छत्तीसगढ़ में कोरोना संकट से निपटने के लिए किए गए इंतजामों पर भी मुख्यमंत्री के साथ विस्तृत चर्चा की।----
- नई दिल्ली। इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय को यह सुझाव दिया है कि उसे मोबाइल फोन, लैपटॉप, डेस्कटॉप, स्टोरेज उपकरण और अन्य संबंधित उत्पादों को आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिये।इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय में सचिव अजय साहनी ने 20 अप्रैल को गृह मंत्रालय सचिव अजय कुमार भल्ला को इस संबंध में पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने मोबाइल फोन से संबंधित तमाम उपकरणों को आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में शामिल करने का सुझाव दिया है। इसके साथ ही उन्होंने आईटी हार्डवेयर उपकरणों के विनिर्माण की भी मंजूरी देने को कहा है। श्री साहनी ने कहा है कि घर से काम करने के मामले में इन सभी उत्पादों की जरूरत है। मोबाइल फोन को आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में शामिल करने से ई- कामर्स कंपनियों और खुदरा स्टोरों को इस प्रकार के उत्पादों की लॉकडाउन के दौरान बिक्री करने की अनुमति मिल जायेगी।
- नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों से कहा है कि अधिक से अधिक कोरोना योद्धाओं को ऑनलाइन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम करने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि महामारी से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके।केंद्र ने कहा कि बहादुर और प्रतिबद्ध चिकित्सक, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, पुलिस और अन्य स्वयंसेवियों की क्षमता बढ़ाए जाने की जरूरत है ताकि उन्नत प्रौद्योगिकी और वायरस के बारे में उनकी वैश्विक समझ बढ़े। कार्मिक मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, सभी राज्यों, केंद्र शासित सरकारों से आग्रह किया गया है कि इसका व्यापक प्रचार किया जाए और अधिक से अधिक कोविड-19 योद्धाओं को प्रोत्साहित किया जाए कि वे समन्वित ऑनलाइन प्रशिक्षण मॉड्यूल (आईजीओटी) प्लेटफॉर्म को अपनाएं तथा अपने लिए प्रासंगिक ऑनलाइन प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में हिस्सा लें ताकि महामारी से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके। बयान में कहा गया है कि आईजीओटी का हाल ही में जरूरत के माकूल संस्करण जारी किया गया है ताकि देश के सभी कोविड-19 योद्धाओं को प्रशिक्षित किया जा सके। अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी से मुकाबला करने के लिए एक लाख 44 हजार से अधिक लोगों ने आईजीओटी प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण कराया है और उनमें से करीब 96,268 लोगों ने पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है।
- नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने इस वर्ष 4.07 करोड़ टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस साल रिकॉर्ड 10 करोड़ 62.1 लाख टन गेहूं उत्पादन की उम्मीद है।खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने ट्वीट किया , केंद्र सरकार ने वर्ष 2020-21 के रबी सत्र में 4.07 करोड़ टन गेहूं और एक करोड़ 12.9 लाख टन चावल की खरीद को मंजूरी दी है। कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन की स्थिति के बीच, मुख्य रबी फसल, गेहूं की कटाई चल रही है। लगभग 67 प्रतिशत गेहूं फसल की कटाई हो चुकी है। गेहूं का विपणन वर्ष अप्रैल से मार्च तक तक का होता है और अधिकांश खरीद का काम पहले तीन महीनों में किया जाता है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य एजेंसियां एमएसपी पर खरीद का काम करती हैं। विपणन वर्ष 2019-20 के दौरान गेहूं की खरीद तीन करोड़ 41.3 लाख टन की हुई थी।खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गेहूं उत्पादक राज्यों द्वारा दिये गये फसल अनुमान का आंकलन करने के बाद लक्ष्य को अंतिम रूप दिया गया है। अधिकारी ने कहा कि मौजूदा विपणन वर्ष के लिए, पंजाब के लिए गेहूं खरीद लक्ष्य 1.35 करोड़ टन, मध्य प्रदेश में एक करोड़ टन, हरियाणा में 95 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 55 लाख टन और राजस्थान में 17 लाख टन निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और बिहार के लिए 20 - 20 लाख टन की खरीद का लक्ष्य रखा गया है, जबकि गुजरात तथा हिमाचल प्रदेश जैसे अन्य राज्यों के लिए इस साल 50- 50 हजार टन की खरीद का लक्ष्य रखा गया है।केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने अपने दूसरे अनुमान में गेहूं का उत्पादन चालू वर्ष में रिकॉर्ड 10 करोड़ 62.1 लाख टन होने का अनुमान लगाया है लेकिन गेहूं उत्पादक राज्य 11 करोड़ 84.1 लाख टन से भी अधिक उत्पादन की उम्मीद कर रहे हैं। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने इस साल के रबी सत्र के दौरान एक करोड़ 12.9 लाख टन चावल की खरीद का लक्ष्य रखा है। विपणन वर्ष 2020-21 के दौरान तेलंगाना के लिए लक्ष्य 61.9 लाख टन और आंध्र प्रदेश के लिए लक्ष्य 21.9 लाख टन निर्धारित किया गया है। ओडिशा के लिए यह लक्ष्य साढ़े नौ लाख टन, पश्चिम बंगाल के लिए 8 लाख टन, तमिलनाडु के लिए 5 लाख 44 हजार टन, महाराष्ट्र के लिए 3 लाख 35 हजार टन, केरल के लिए 2 लाख टन, असम के लिए 67 हजार टन और कर्नाटक के लिए 12 हजार टन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। एफसीआई द्वारा खरीफ सत्र के दौरान उगाये गये चावल की भारी पैमाने पर खरीद की जाती है।---
- नई दिल्ली। .कोरोना वायरस के संकट के दौर में सीएसआईआर के खनिज एवं पदार्थ प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएमएमटी) ने पैरों से चलने वाला वॉश बेसिन तैयार की है जिसे मुंबई के धारावी इलाके में लगाया जाएगा।घनी आबादी वाले धारावी में गुरुवार तक कोरोना वायरस संक्रमण के 189 मामले सामने आए हैं। इस वॉश बेसिन में इस्तेमाल करने वाले को पानी या साबुन लेने के लिए हाथ का इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा और इससे कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत काम करने वाले वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद' (सीएसआईआर) ने ट्वीट किया, सीएसआईआर आईएमएमटी ने हस्तमुक्त वाशिंग स्टेशन बनाकर कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया है जिन्हें मुंबई के धारावी में लगाया जाएगा। इस महीने की शुरुआत में प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों में विशेष रूप से धारावी के लिए पैरों से चलने वाले वाश बेसिन की सिफारिश की गयी थी।
- जैसलमेर। राजस्थान के जैसलमेर जिले के लाठी पुलिस थाना क्षेत्र में गुरुवार को अनाज की बोरियों के नीचे दबने से दो बच्चियों की मौत हो गई।थानाधिकारी ओमप्रकाश चौधरी ने बताया कि डेलासर गांव में एक कृषि फार्म हाउस पर अनाज की बोरियों के पास दो बच्चियां खेल रही थी, अचानक बोरियां दोनों बच्चियों पर गिर गई जिसके नीचे दबने से दोनों की मौत हो गई। दोनों लगभग दो वर्ष की थी। उन्होंने बताया कि सुमन और मनीषा रिश्ते में बहनें थी। उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया जहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।-
- नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि केंद्र सरकार को संकट के इस समय में बेसहारा लोगों को अन्न और जीविका की सुरक्षा प्रदान करने को प्राथमिकता देनी चाहिए।उन्होंने एक खबर शेयर करते हुए ट्वीट किया, कोविड-19 के लॉकडाउन से रोज़ की रोटी कमाकर जीवन चलाने वाले भुखमरी का शिकार हो रहे हैं। श्री गांधी ने कहा, इस संकट में हमारे बेसहारा भाई बहनों को अन्न और जीविका की सुरक्षा देना सरकार की प्राथमिकता होनी ही चाहिए। उन्होंने जिस खबर का हवाला दिया उसके मुताबिक संयुक्त राष्ट्र से जुड़े विश्व खाद्य कार्यक्रम ने आगाह किया है कि दुनिया भुखमरी की महामारी के कगार पर खड़ी है और अगर वक्त रहते जरूरी कदम नहीं उठाए गए कुछ ही महीने में भुखमरी के शिकार लोगों की संख्या में भारी इजाफा हो सकता है।-