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- लंदन। डिएडे डि ग्रूट ने शनिवार को यहां आल इंग्लैंड क्लब में महिला व्हीलचेयर फाइनल में अपनी छठी विम्बलडन एकल ट्रॉफी जीतकर लगातार 15वां ग्रैंड स्लैम खिताब हासिल किया। उन्होंने हमवतन नीदरलैंड की अपनी साथी खिलाड़ी एनीक वैन कूट को 6-4, 6-4 से हराया। डिएडे डि ग्रूट ने अपने लगातार मेजर खिताबों के रिकॉर्ड में इजाफा करते हुए अपनी ट्रॉफियों की कुल संख्या 23 कर दी। उन्होंने 2020 के अमेरिकी ओपन के बाद से हर ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट जीता है और उनके नाम 19 मेजर युगल खिताब भी हैं।
- हरारे। सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल (नाबाद 93) के ताबड़तोड़ और कप्तान शुभमन गिल (नाबाद 58) के संयमित अर्धशतक तथा दोनों के बीच पहले विकेट के लिए 156 रन की अटूट साझेदारी से भारत ने शनिवार को यहां चौथे टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में जिम्बाब्वे को 10 विकेट से रौंदकर पांच मैच की श्रृंखला में 3-1 से अजेय बढ़त हासिल की। भारत ने इस तरह जिम्बाब्वे पर दूसरी दफा 10 विकेट के अंतर से जीत हासिल की। 2016 में इसी स्थल पर भारत ने मेजबान टीम को 10 विकेट से हराया था। भारत ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला करते हुए कामचलाऊ गेंदबाज शिवम दूबे और अभिषेक शर्मा के शानदार प्रदर्शन से जिम्बाब्वे को सात विकेट पर 152 रन पर रोक दिया। फिर जायसवाल और गिल की मदद से उछाल भरी पिच पर यह लक्ष्य महज 15.2 ओवर में 156 रन बनाकर हासिल कर लिया।टी20 विश्व कप में जायसवाल को खेलने का मौका नहीं मिला था, उन्होंने 53 गेंद की नाबाद पारी में विकेट के चारों ओर शॉट लगाये। उनकी पारी में 13 चौके और दो छक्के जड़े थे। गिल ने संयम से खेलते हुए जायसवाल को ताबड़तोड़ रन जुटाने दिये तथा 39 गेंद की नाबाद पारी के दौरान छह चौके और दो छक्के जमाये। जायवाल का जिम्बाब्वे के कप्तान सिकंदर रजा पर बैक-ड्राइव शॉट दर्शनीय था और रिचर्ड नगारवा की गेंद पर छक्का भी उतना ही आकर्षक था। जिम्बाब्वे के तेज गेंदबाजों की खामियों का पूरा फायदा उठाते हुए जायसवाल ने नौ चौकों से अपना अर्धशतक पूरा किया जबकि तब शुभमन 15 रन पर ही थे। जिम्बाब्वे के कप्तान रजा के पास इन दोनों के चौकों छक्कों को रोकने का कोई विकल्प नहीं था। बस सवाल था कि जायसवाल अपना शतक पूरा कर पायेंगे या नहीं। या फिर गिल अपना अर्धशतक बनायेंगे। गिल ने अपना अर्धशतक पूरा किया। इससे जायसवाल के पास शतक पूरा करने के लिए रन नहीं बचे। लेकिन उन्होंने शानदार पुल-शॉट के साथ मैच खत्म किया। इससे पहले जिम्बाब्वे के कप्तान सिकंदर रजा ने 28 गेंद में 46 रन की पारी खेली।लेकिन भारत के पांचवें गेंदबाज अभिषेक (तीन ओवर में 20 रन देकर एक विकेट) और छठे विकल्प दूबे (दो ओवर में 11 रन देकर एक विकेट) ने अच्छे गेंदबाजी प्रयास से जिम्बाब्वे को दबाव में रखा। इन्होंने खतरनाक दिख रही वेस्ले माधेवेरे (24 गेंद में 25 रन) और टाडीवानाशे मारूमनी (31 गेंद में 32 रन) की सलामी जोड़ी को आउट करके मध्य ओवरों में लगाम कसी। कप्तान रजा ने हालांकि अपनी पारी में तीन छक्के और दो चौके लगाकर जिम्बाब्वे को 150 से अधिक रन के स्कोर तक पहुंचाया। लेग स्पिनर रवि बिश्नोई को छोड़कर सभी भारतीय गेंदबाजों को विकेट मिले।पदार्पण करने वाले मध्यम गति के गेंदबाज तुषार देशपांडे (तीन ओवर में 30 रन देकर एक विकेट) का पहला स्पैल काफी अधिक फुल लेंथ वाली गेंद या बहुत शॉर्ट गेंद लेंथ वाला रहा। इससे दोनों सलामी बल्लेबाज माधेवेरे और मारूमनी आसानी से बाउंड्री बनाने में सफल रहे। पर देशपांडे के लिए अच्छा रहा कि वह रजा का विकेट लेने में सफल रहे।पहले तीन मैच में जिम्बाब्वे के लिए पहले विकेट की सर्वश्रेष्ठ साझेदारी नौ रन की थी लेकिन माधेवेर और मारूमनी ने 63 रन की साझेदारी निभायी, हालांकि यह इतनी तेज नहीं थी। बायें हाथ के स्पिनर अभिषेक ने पहले विकेट की साझेदारी तोड़ी। उनकी गेंद पर मारूमनी पुल शॉट को टाइम नहीं कर सके और रिंकू सिंह के हाथों कैच आउट हुए। दूबे ने फिर माधेवेरे को आउट किया। उनका कैच भी रिंकू ने ही लपका।दूसरे मैच में अच्छी बल्लेबाजी करने वाले ब्रायन बेनेट (14 गेंद में नो रन) को वाशिंगटन ने अपना शिकार बनाया। दूबे और अभिषेक ने ‘विकेट टू विकेट' गेंदबाजी करते हुए स्कोर गति पर लगाम कसी।
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नई दिल्ली। स्पेन के कार्लोस अल्काराज ने रूस के दानिल मेदवेदेव को हराकर विम्बलडन फाइनल में प्रवेश कर लिया जहां उनका सामना नोवाक जोकोविच से होगा । अपना 21वां जन्मदिन मनाने से कुछ महीने दूर अल्काराज अगर जीत जाते हैं तो उनका लगातार दूसरा विम्बलडन और चौथा ग्रैंडस्लैम खिताब होगा । उन्होंने मेदवेदेव को 6 . 7, 6 . 3, 6 . 4, 6 . 4 से हराया । जीत के बाद उन्होंने कहा ,‘‘ लग रहा है कि अब मैं नया नहीं हूं । मुझे पता है कि फाइनल में कैसा लगता है । मैं पहले भी खेल चुका हूं और उसी प्रदर्शन को दोहराऊंगा ।’’पिछली बार भी फाइनल में उनका सामना जोकोविच से ही था । जोकोविच ने 25वीं वरीयता प्राप्त इटली के लोरेंजो मुसेत्ती को 6 . 4, 7 . 6, 6 . 4 से हराया । जोकोविच के 2014 और 2015 में रोजर फेडरर को हराने के बाद से पहली बार लगातार दो फाइनल समान प्रतिद्वंद्वियों के बीच होगा ।
जोकोविच इस सत्र में किसी भी टूर्नामेंट के फाइनल में नहीं पहुंच सके हैं । जून में उन्होंने दाहिने घुटने का आपरेशन भी कराया । उन्हें यहां क्वार्टर फाइनल में वॉकओवर मिला था जब उनके प्रतिद्वंद्वी एलेक्स डि मिनौर ने कूल्हे की चोट के कारण नाम वापिस ले लिया ।एटीपी रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचने वाले और ग्रास , क्ले और हार्ड तीनों कोर्ट पर खिताब जीतने वाले सबसे युवा खिलाड़ी अल्काराज अब 22 वर्ष की उम्र से पहले दो विम्बलडन खिताब जीतने वाले बोरिस बेकर और ब्योर्न बोर्ग के बाद तीसरे खिलाड़ी बनने से एक जीत दूर है । - लाहौर।: पाकिस्तान के दिग्गज तेज गेंदबाज शाहीन अफरीदी पिता बनने वाले हैं. अफरीदी और उनकी पत्नी अंशा अपने पहले बच्चे की उम्मीद कर रहे हैं. इस जोड़े ने पिछले साल फरवरी में कराची में शादी की थी. कपल का निकाह फरवरी में हुआ था, लेकिन शादी का रिसेप्शन सितंबर में हुआ था.पाकिस्तान राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के रेड-बॉल कोच जेसन गिलिसपी ने जियो टीवी के हवाले से बताया है कि शाहीन बच्चे के जन्म के कारण बांग्लादेश के टेस्ट मैचों से बाहर हो सकते हैं. अगर वह तब तक अपनी पत्नी के साथ रहना चाहते हैं, तो हम उन्हें आराम दे सकते हैं.
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लंदन.अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से कुछ दिन में संन्यास लेने वाले इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन का कहना है कि उन्होंने अपने लंबे करियर के दौरान भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के खिलाफ गेंदबाजी का सबसे ज्यादा लुत्फ उठाया है। वेस्टइंडीज के खिलाफ लॉर्ड्स में इंग्लैंड के लिए अपना 188वां टेस्ट खेल रहे एंडरसन इस मैच के बाद संन्यास ले लेंगे। एंडरसन ने भले ही तेंदुलकर को नौ मौकों पर आउट किया हो लेकिन वह भारतीय मास्टर ब्लास्टर के खिलाफ कोई तय योजना नहीं बना सके थे। जब एंडरसन से पूछा गया कि गेंदबाजी के लिए सबसे मुश्किल बल्लेबाज कौन रहा तो उन्होंने ‘स्काई स्पोर्ट्स' से कहा, ‘‘मुझे कहना ही होगा कि सचिन तेंदुलकर सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं। ''
- मुंबई.। अल्टीमेट टेबल टेनिस (यूटीटी) की आठ फ्रेंचाइजी ने 22 अगस्त से सात सितंबर तक चेन्नई में होने वाली यूटीटी 2024 के लिए खिलाड़ियों के ड्राफ्ट से 48 खिलाड़ियों का चयन किया जिसमें 16 विदेशी होंगे। आठ टीम में छह छह खिलाड़ी होंगे।इस सत्र में दो नयी टीम जयपुर पैट्रियोट्स और अहमदाबाद एसजी पाइपर्स शामिल हुई हैं।गत चैम्पियन गोवा चैलेंजर्स ने भारतीय स्टार हरमीत देसाई को रिटेन किया था। टीम ने युवा भारतीय पैडलर यशस्विनी घोरपाडे और सयाली वाणी के साथ आस्ट्रेलिया के यांग्जी लियू को चुना है। इटली के मिहाई बोबोसिका ने 2008 और 2012 ओलंपिक में हिस्सा लिया था और वह उनके विदेशी खिलाड़ी होंगे।
- नयी दिल्ली।. भारतीय घुड़सवारी महासंघ (ईएफआई) ने पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए आधिकारिक तौर पर राइडर अनुष अग्रवाला की प्रविष्टि भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को भेजी है। पेरिस ओलंपिक में जगह बनाने की एक अन्य दावेदार श्रुति वोरा ने चयन पात्रता को अदालत में चुनौती दी थी लेकिन अदालत ने इसे सही ठहराया जिसके बाद अनुष का नाम आईओए को भेजा गया। महासंघ अपनी पहली वार्षिक आम बैठक (एजीएम) की भी तैयारी कर रहा है। अदालत द्वारा बहाल की गई कार्यकारी परिषद के कुछ सदस्यों ने हालांकि 21 जुलाई हो होने वाली बैठक को लेकर आशंका जताई है। कार्यकारी परिषद के सदस्यों की बैठक शुक्रवार को होनी है। दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा यथास्थिति बनाए रखने के लिए परिषद को बहाल करने के आदेश के बाद यह पहली बैठक होगी। कार्यकारी परिषद के एक सदस्य ने कहा, ‘‘ईएफआई ने अदालत द्वारा अनुष के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद उनके नाम की प्रविष्टि भेजी है। ईएफआई को उम्मीद नहीं है कि अदालत के आदेश को आगे चुनौती दी जाएगी।'' सदस्य ने कहा, ‘‘एजीएम का नोटिस वेबसाइट पर भी डाला गया है। सभी लोग एजीएम के पक्ष में नहीं हैं क्योंकि अब तक ऑडिट खाते कार्यकारी परिषद के समक्ष नहीं रखे गए हैं और कार्यकारी परिषद ने बैठक के एजेंडा को भी स्वीकृति नहीं दी है। '' ईएफआई के एक अधिकारी ने कहा कि एजीएम का आयोजन खेल संहिता के तहत अनिवार्य है और यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अगले वर्ष के बजट को मंजूरी देनी है।
- नयी दिल्ली। महान बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण 26 जुलाई से शुरू होने वाले पेरिस ओलंपिक के लिए 15 सदस्यीय भारतीय बैडमिंटन टीम के साथ ‘मेंटोर' के तौर पर यात्रा करेंगे। ‘आल इंग्लैंड चैम्पियनशिप' जीतने वाले पहले भारतीय पादुकोण ने 1991 में संन्यास ले लिया था। वहीं बैडमिंटन को ओलंपिक में 1992 बार्सिलोना खेलों में शामिल किया गया था। अपने तीसरे ओलंपिक की तैयारियों में जुटी पीवी सिंधू ने पादुकोण को पेरिस ओलंपिक से पहले अपना ‘मेंटोर' बनाने की घोषणा की थी। लक्ष्य सेन भी प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी (पीपीबीए) से ही आये हैं। इसकी जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने पीटीआई से कहा, ‘‘बैडमिंटन दल में सात खिलाड़ी और आठ सहयोगी स्टाफ शामिल हैं जिसमें कोच और फिजियो शामिल हैं। '' उन्होंने कहा, ‘‘पुलेला गोपीचंद, आरएमवी गुरुसाईदत्त, ऑगस सांटोसा, विमल कुमार और माथियास बो पेरिस जाने वाले कोच हैं जबकि प्रकाश पादुकोण ‘मेंटोर' हैं। जिनिया समर और किरण चलागुंडला टीम में दो फिजियो होंगे। '' पेरिस में बैडमिंटन स्पर्धा 27 जुलाई से शुरू होंगी और पांच अगस्त तक चलेंगी।
- चेन्नई। भारतीय महिला टीम की उपकप्तान स्मृति मंधाना तेज गेंदबाज पूजा वस्त्राकर के दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 श्रृंखला में किए गए प्रदर्शन से बेहद प्रभावित हैं और उनका मानना है कि बांग्लादेश में अक्टूबर में होने वाले टी20 विश्व कप में उनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होगी। वस्त्राकर ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 श्रृंखला में 8 विकेट लिए। उन्होंने तीसरे और अंतिम मैच में 13 रन देकर 4 विकेट हासिल किए जो उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। भारत ने इस मैच में 10 विकेट से जीत दर्ज करके तीन मैच की श्रृंखला 1-1 से बराबर की। मंधाना ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा,‘‘पहले दो मैच में विकेट सपाट था और ऐसे में इस तरह का प्रदर्शन शानदार है। हमें उम्मीद है कि वह (वस्त्राकर) अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखेगी और विश्व कप मेंं हमारे लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।' ' उन्होंने कहा,‘‘उसने शानदार गेंदबाजी की। यह लंबी अवधि की श्रृंखला थी और एक गेंदबाज होने के नाते उसने जैसा प्रदर्शन किया उससे मैं हैरान हूं।'' भारत ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 श्रृंखला के अलावा तीन वनडे और एक टेस्ट मैच भी खेला।मंधाना ने वस्त्राकर के अप्रैल मई में बांग्लादेश में किए गए प्रदर्शन को भी याद किया। उन्होंने तब 5 मैच की टी20 श्रृंखला में 5 विकेट लिए थे। भारतीय उप कप्तान ने कहा,‘‘यहां तक कि बांग्लादेश में टी20 श्रीलंका में उसने विशेष कर डेथ ओवरों में जिस तरह से गेंदबाजी की, वह शानदार था। हम जानते थे कि जिस तरह से वह पिछले कुछ महीनो से गेंदबाजी कर रही थी, उसे देखते हुए वह अंतर पैदा कर सकती है। इस श्रृंखला में खेलने से पहले ही हम उसके प्रदर्शन को लेकर आश्वस्त थे।'' मंधाना ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सफलता का श्रेय श्रृंखला से पहले राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में लगाए गए अभ्यास शिविर को दिया। उन्होंने कहा,‘‘श्रृंखला से पहले राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में लगाए गए शिविर में काफी कड़ी मेहनत की गई थी। इसका हमें फायदा मिला। पूरी श्रृंखला के दौरान सभी खिलाड़ी प्रत्येक प्रारूप में बल्लेबाजी के लिए तैयार थे। '' सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा ने भी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया।मंधाना ने कहा,‘‘शेफाली जब बहुत अधिक नहीं सोचती तब वह बल्लेबाजी में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करती है। उस जैसी बल्लेबाज को आपको बहुत अधिक जानकारी देने की जरूरत नहीं पड़ती है। मैं उसे केवल जल्दबाजी नहीं दिखाने के लिए कहती हूं। सीनियर खिलाड़ी होने के नाते मैं उसे गेंदबाज के बारे में बताती हूं और वह खुद ही उसके अनुरूप ढल जाती है।'' दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लॉरा वोलवार्ट ने कहा कि उनके बल्लेबाज पिच का सही अनुमान नहीं लगा पाए और परिस्थितियों के अनुसार ढलने में नाकाम रहे। उन्होंने कहा,‘‘हम इस तरह से श्रृंखला का अंत नहीं करना चाहते थे। शुरू में गेंद पर रुककर आ रही थी। इसके अलावा मुझे लगता है कि हमने उस तरह से परिस्थितियों से तालमेल नहीं बिठाया जैसा कि हम कर सकते थे।''
- नई दिल्ली.।' भारतीय टीम के मुख्य कोच नियुक्त किए गए गौतम गंभीर के बचपन के कोच संजय भारद्वाज का मानना है कि यह पूर्व सलामी बल्लेबाज अपने खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवाने की क्षमता रखता है और चुनौतियों का डटकर सामना करने की उनकी आदत राष्ट्रीय टीम के लिए जीत की आदत बन सकती है। गंभीर को मंगलवार को भारतीय पुरुष टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया। वह राहुल द्रविड़ की जगह लेंगे जिनका कार्यकाल टी20 विश्व कप के बाद समाप्त हो गया था। भारद्वाज ने कहा,‘‘गौतम के पास अपने खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवाने की योग्यता है। एक शीर्ष कोच का काम यही होता है। गौती अपने खिलाड़ियों को अच्छी तरह से जानते हैं और उनका प्रभावी ढंग से उपयोग करके उनसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवा सकते हैं।'' उन्होंने कहा,‘‘ मेरा मानना है कि कोच के रूप में उनमें भारत को चरम पर ले जाने की क्षमता है। वह बिना किसी पक्षपात के ईमानदारी से काम कर सकते हैं और भारतीय क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन ला सकते हैं। भारत पिछले 13 वर्ष है (वनडे) विश्व कप नहीं जीत पाया है लेकिन अब इस खिताब को जीतने की पूरी उम्मीद है।'' अमित मिश्रा, उन्मुक्त चंद और नितीश राणा जैसे कई खिलाड़ियों को तैयार करने वाले भारद्वाज का मानना है कि गंभीर किसी भी तरह की चुनौती का सामना करने के लिए हर समय तैयार रहते हैं। उन्होंने कहा,‘‘वह हमेशा चुनौती का सामना करते हुए खेलते हैं। जब वह 10 वर्ष के थे तब से उनमें जीत की मानसिकता है। वह हमेशा जीतने के लिए खेलते थे। उन्होंने कभी नहीं सोचा कि वह कोई मैच हार सकते हैं। उन्हें अपनी क्षमता पर कभी संदेह नहीं रहा। उनमें किसी भी तरह की चुनौती का सामना करने और उसने सफल होने की योग्यता है।'' गंभीर ने 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई में भारत को वनडे विश्व कप जिताने में अहम भूमिका निभाई थी। भारद्वाज ने कहा कि गंभीर ने तब रोहित शर्मा के स्टार खिलाड़ी बनने की भविष्यवाणी कर दी थी जब वर्तमान भारतीय कप्तानअपने शुरुआती दिनों में खराब फॉर्म से गुजर रहा था। उन्होंने कहा,,‘‘गंभीर ने विराट कोहली और रोहित शर्मा के साथ क्रिकेट खेली है। एक बार उन्होंने अपना मैन ऑफ द मैच विराट को दे दिया था जिससे पता चलता है कि वह दिल के कितने सच्चे इंसान हैं। उन्होंने मुझे बहुत पहले बता दिया था कि रोहित शर्मा एक दिन स्टार खिलाड़ी बनेगा जो सही साबित हुआ।'' भारद्वाज ने कहा,‘‘अगर गौतम को लगता है कि यह चीज टीम के लिए सही है तो वह अपने फैसले पर अडिग रहेंगे। गौतम जीतने के लिए खेलते हैं। उन्हें पता है कि क्या करना है और एक निश्चित टीम संयोजन बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। वह पक्षपात में विश्वास नहीं करते; उन्हें केवल क्रिकेट ही सबसे ज़्यादा पसंद है।''
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मुबंई। भारत के हेड कोच राहुल द्रविड़ ने टी20 वर्ल्ड कप 2024 की जीत के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा दिए गए अतिरिक्त 2.5 करोड़ रुपये के बोनस को लेने से इनकार कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने सम्मान में समानता पर जोर देते हुए सहयोगी स्टाफ को दिए गए 2.5 करोड़ रुपये के बराबर राशि ही लेने का फैसला किया है।
भारत की टी20 वर्ल्ड कप जीत के बाद, बीसीसीआई ने शुरू में राहुल द्रविड़ को 5 करोड़ रुपये का बोनस देने का फैसला किया था, जो खिलाड़ियों के बराबर था। लेकिन, द्रविड़ ने खुद ही अपने बोनस को कम करने का अनुरोध किया ताकि वो बाकी सहयोगी स्टाफ के बराबर हो जाए। इनमें बॉलिंग कोच पारस मांभ्रे, फील्डिंग कोच टी दिलीप और बैटिंग कोच विक्रम राठौर शामिल हैं। जिनको भी 2.5 करोड़ रुपये का बोनस दिया जाना था।बीसीसीआई के एक सूत्र के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है, “राहुल अपने बाकी सहयोगी स्टाफ के समान ही बोनस राशि [2.5 करोड़ रुपये] लेना चाहते थे। हम उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं।”टी20 वर्ल्ड कप में टीम के शानदार प्रदर्शन के बाद, 15 खिलाड़ियों में से प्रत्येक को 5 करोड़ रुपये का इनाम दिया गया। वहीं सहयोगी स्टाफ के प्रत्येक सदस्य को 2.5 करोड़ रुपये, चयनकर्ताओं और रिजर्व खिलाड़ियों को 1-1 करोड़ रुपये दिए गए।बीसीसीआई सचिव जय शाह और अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने 4 जुलाई को मुंबई में विजयी परेड के दौरान टीम को पुरस्कार राशि दी।समान इनाम बांटने की परंपरादुबारा राहुल द्रविड़ ने समान रूप से इनाम बांटने की अपनी कमिटमेंट दिखाई है। 2018 में, भारत की अंडर-19 विश्व कप विजेता टीम के मुख्य कोच के रूप में, द्रविड़ ने अपने लिए ज्यादा बोनस लेने से इनकार कर दिया था। शुरू में, बीसीसीआई ने उन्हें 50 लाख रुपये देने की योजना बनाई थी, जबकि अन्य सहयोगी स्टाफ सदस्यों को 20-20 लाख रुपये और खिलाड़ियों को 30-30 लाख रुपये मिलने थे।राहुल द्रविड़ ने बराबर बंटवारे की वकालत की, जिसके बाद एक प्रत्येक कोचिंग स्टाफ सदस्य, जिसमें वह खुद भी शामिल थे, को 25-25 लाख रुपये मिले।द्रविड़ का कार्यकाल और उनकी विरासत2024 टी20 विश्व कप के साथ भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के रूप में द्रविड़ का कार्यकाल समाप्त हो गया है। पिछले नवंबर में वनडे विश्व कप फाइनल में मिली हार के बाद, द्रविड़ ने पद छोड़ने पर विचार किया था। हालांकि, रोहित शर्मा के आग्रह पर उन्होंने टी20 वर्ल्ड कप तक बने रहना चुना।द्रविड़ के कार्यकाल के बारे में बात करते हुए, बोर्ड सचिव जय शाह ने कहा, “हम राहुल द्रविड़ और उनकी सहयोगी स्टाफ टीम को टीम इंडिया के साथ उनके कार्यकाल में उनकी सर्विस और शानदार प्रयास के लिए धन्यवाद देते हैं। टीम ने सभी प्रारूपों में बड़ी सफलता हासिल की और आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप 2024 में चैंपियन बनना एक ऐसा क्षण है जिसे देश लंबे समय तक संजोएगा।”गौतम गंभीर को टीम इंडिया का नया मुख्य कोच नियुक्त किया गया है। पूर्व भारतीय ओपनर ने 3.5 साल के लिए करार किया है। अभिषेक नायर को असिस्टेंट कोच के रूप में चुना गया है। - नयी दिल्ली। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और चैम्पियन बल्लेबाज विराट कोहली को अगस्त में श्रीलंका के खिलाफ तीन मैचों की वनडे श्रृंखला से आराम दिया जा सकता है और केएल राहुल या हार्दिक पंड्या इस प्रारूप में कप्तानी कर सकते हैं । भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को भी वनडे श्रृंखला से ब्रेक दिया जा सकता है ।समझा जाता है कि रोहित और विराट ने बीसीसीआई से लंबा ब्रेक मांगा है चूंकि दोनों आईपीएल की शुरूआत से लगातार खेल रहे हैं । सैतीस बरस के रोहित ने छह महीने से ब्रेक नहीं लिया है । उन्होंने दिसंबर जनवरी में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला से लगातार खेला है । उसके बाद अफगानिस्तान के खिलाफ टी20, इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला, आईपीएल और टी20 विश्व कप शामिल है । बोर्ड के एक सूत्र ने बताया ,‘‘ चैम्पियंस ट्रॉफी से पहले इंग्लैंड के खिलाफ तीन वनडे तैयारी के लिये काफी है । इसके बाद अगले कुछ महीने दोनों टेस्ट को प्राथमिकता देंगे क्योंकि भारत को सितंबर से जनवरी के बीच दस टेस्ट खेलने हैं ।''
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सिडनी। डेविड वॉर्नर ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को ‘खत्म हुआ अध्याय' करार दिया लेकिन कहा कि अगर चैम्पियंस ट्रॉफी की टीम में उन्हें जगह मिलती है तो वह देश के लिए फिर से खेलने के लिए तैयार होंगे। चैम्पियंस ट्रॉफी का आयोजन अगले साल पाकिस्तान में फरवरी-मार्च के महीने में होने की संभावना है और ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट और एकदिवसीय कप्तान पैट कमिंस ने कहा है कि वॉर्नर उनके ‘आपातकालीन विकल्प' होंगे। वॉर्नर ने पिछले साल नवंबर में ऑस्ट्रेलिया के विश्व कप जीतने के बाद वनडे से संन्यास ले लिया था, जबकि उनका आखिरी टेस्ट जनवरी में पाकिस्तान के खिलाफ था। उन्होंने अपना आखिरी टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच 24 जून को टी20 विश्व कप में भारत के खिलाफ खेला था।
वॉर्नर ने इंस्टाग्राम पर लिखा, अध्याय खत्म। इतने लंबे समय तक शीर्ष स्तर पर खेलना एक अविश्वसनीय अनुभव रहा है। ऑस्ट्रेलिया मेरी टीम रही है। मेरे करियर का अधिकांश हिस्सा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बिता है। ऐसा करने में सक्षम होना सम्मान की बात है। सभी प्रारूपों में देश के लिए 100 से अधिक मैच खेलना मेरे करियर का मुख्य आकर्षण है।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं कुछ समय तक फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलना जारी रखूंगा और अगर राष्ट्रीय टीम में चयन हुआ तो मैं चैंपियंस ट्रॉफी खेलने के लिए भी तैयार हूं।'' यह पहली बार नहीं है जब वॉर्नर ने 50 ओवर के प्रारूप में खेले जाने वाले इस टूर्नामेंट में भाग लेने की इच्छा जताई है। जनवरी में एकदिवसीय और टेस्ट से संन्यास की घोषणा करते समय भी उन्होंने कहा कि वह चैम्पियंस ट्रॉफी खेलना चाहते हैं। चैम्पियंस ट्रॉफी की आठ साल बाद वापसी हो रही है। कमिंस ने भी तब कहा था, ‘‘ यह शायद कुछ और खिलाड़ियों को (एकदिवसीय में) आजमाने का समय है, लेकिन हम सभी जानते है कि वह क्रिकेट खेलना जारी रखेगा।'' उन्होंने कहा था, ‘‘ वह आपातकालीन विकल्प हो सकते हैं क्योंकि आप जानते है कि उसके पास कही भी रन बनाने की क्षमता है।'' वह टी20 प्रारूप में 110 मैचों में 33.43 के औसत और 142.47 के स्ट्राइक रेट से 3,277 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया के सर्वोच्च और दुनिया के सातवें सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज है। उन्होंने करियर में योगदान के लिए परिवार, प्रशंसकों और टीम के साथियों को धन्यवाद दिया। वॉर्नर ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि मैंने सभी क्रिकेट प्रशंसकों का मनोरंजन किया है और विशेष रूप से टेस्ट खेलने के तरीके को बदलने में योगदान दिया है। हमने दूसरों की तुलना में थोड़ी रन बनाये है। हम प्रशंसकों के बिना वह नहीं कर सकते जो हम पसंद करते हैं, इसलिए धन्यवाद।'' उन्होंने कहा, ‘‘ मैं उन सभी को धन्यवाद कहना चाहता हूं जिन्होंने इसे संभव बनाया है। मेरी पत्नी और मेरी बेटियां जिन्होंने इतना बलिदान दिया, आपके सभी समर्थन के लिए धन्यवाद।'' उन्होंने 2011 से 2024 के बीच 112 टेस्ट मैचों में 44.59 की औसत से 26 शतक और 37 अर्धशतक के साथ 8,786 रन बनाए हैं। उन्होंने 161 वनडे मैचों में 45.30 की औसत से 22 शतक और 33 अर्धशतक की मदद से 6,932 रन भी बनाए।
- नयी दिल्ली। भारत की विश्व कप टीम के सदस्य रहे पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर को मंगलवार को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम का नया मुख्य कोच नियुक्त किया। बोर्ड को उम्मीद है कि वह इस पद पर ‘दृढ़ता और नेतृत्व क्षमता' लाएंगे जिस पर हाल तक राहुल द्रविड़ ‘शानदार सफलता' के साथ काबिज थे। भारत की 2011 एकदिवसीय विश्व कप जीत में अहम भूमिका निभाने वाले 42 वर्षीय बाएं हाथ के बल्लेबाज गंभीर द्रविड़ की जगह लेने की दौड़ में सबसे आगे थे। द्रविड़ का कार्यकाल पिछले महीने बारबाडोस में टी20 विश्व कप में भारत की जीत के साथ समाप्त हुआ था।बीसीसीआई के एक बयान में गंभीर ने कहा, ‘‘अपने तिरंगे, अपने लोगों और अपने देश की सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात है।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस अवसर पर राहुल द्रविड़ और उनके सहयोगी स्टाफ को टीम के साथ उनके शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई देना चाहता हूं। मैं टीम इंडिया के मुख्य कोच की भूमिका निभाने को लेकर सम्मानित और रोमांचिक महसूस कर रहा हूं।'' गंभीर ने कहा, ‘‘अपने खेलने के दिनों से ही भारतीय जर्सी पहनने पर मुझे हमेशा गर्व होता था और जब मैं यह नई भूमिका निभाऊंगा तो यह उससे अलग नहीं होगा।‘‘ गंभीर ने कहा कि वह बीसीसीआई, राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण, सहयोगी स्टाफ और सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ियों के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हैं क्योंकि सभी आगामी टूर्नामेंटों में सफलता हासिल करने की दिशा में काम करेंगे। भारत के कोच के रूप में गंभीर का पहला दौरा श्रीलंका का होगा जहां टीम 27 जुलाई से तीन टी20 और इतने ही एकदिवसीय मैच की श्रृंखला खेलेगी।बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने एक विस्तृत बयान में कहा, ‘‘बोर्ड पूर्व मुख्य कोच राहुल द्रविड़ को टीम के साथ उनके शानदार प्रदर्शन के लिए धन्यवाद देना चाहता है। टीम इंडिया अब नए कोच गौतम गंभीर के नेतृत्व में सफर पर निकलेगी।'' बोर्ड ने कहा कि अशोक मल्होत्रा, जतिन परांजपे और सुलक्षणा नाइक की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ने मंगलवार को सर्वसम्मति से गंभीर के नाम की सिफारिश की। बिन्नी ने कहा, ‘‘मुख्य कोच के रूप में उनकी नियुक्ति भारतीय क्रिकेट के लिए एक नया अध्याय है। खेल के प्रति उनका अनुभव, समर्पण और दूरदर्शिता उन्हें हमारी टीम को आगे बढ़ाने के लिए आदर्श उम्मीदवार बनाती है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमें विश्वास है कि उनके नेतृत्व में टीम इंडिया लगातार बेहतर प्रदर्शन करेगी और देश को गौरवांवित करेगी।''बीसीसीआई सचिव जय शाह ने भी उनसे सहमति जताई। शाह ने कहा, ‘‘अब यह जिम्मेदारी गौतम गंभीर को सौंपी गई है जो श्रीलंका में आगामी श्रृंखला से मुख्य कोच की भूमिका निभाएंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘गंभीर एक कड़े प्रतिस्पर्धी और शानदार रणनीतिकार रहे हैं। हमें विश्वास है कि वह मुख्य कोच के रूप में अपनी भूमिका में भी वही दृढ़ता और नेतृत्व क्षमता लाएंगे। मुख्य कोच की भूमिका में उनका आना स्वाभाविक प्रगति है और मुझे विश्वास है कि वह हमारे खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवाएंगे।'' शाह ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 2007 टी20 विश्व कप और 2011 एकदिवसीय विश्व कप में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले गंभीर टीम को प्रेरित करेंगे और नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए उनका विजन हमारे लक्ष्यों से पूरी तरह मेल खाता है और हम आगे की यात्रा को लेकर उत्साहित हैं।'' एक खिलाड़ी के तौर पर गंभीर ने अपनी कप्तानी में 2012 और 2014 में कोलकाता नाइट राइडर्स को आईपीएल खिताब दिलाया। इसके बाद उन्होंने 2024 में आईपीएल खिताब जीतने वाली नाइट राइडर्स टीम के मार्गदर्शक (मेंटर) के तौर पर अपनी कोचिंग साख साबित की।लक्ष्मण के मुख्य कोच का पद संभालने की अनिच्छा व्यक्त करने के बाद गंभीर द्रविड़ की जगह लेने के लिए शीर्ष पसंद बन गए। नवंबर 2021 में टी20 विश्व कप के बाद रवि शास्त्री की जगह लेने वाले द्रविड़ 2023 एकदिवसीय विश्व कप के साथ अपना दो साल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद सेवा विस्तार पर थे। भारत के पूर्व कप्तान द्रविड़ आखिरकार भारत के टी20 विश्व कप का खिताब जीतने के बाद टीम से अलग हो गए। यह 11 वर्षों में भारत की पहली आईसीसी ट्रॉफी थी।पता चला है कि गंभीर ने अपने सहायक कोच के रूप में कोलकाता नाइट राइडर्स अकादमी के प्रमुख अभिषेक नायर की सेवाएं मांगी हैं। नायर राष्ट्रीय एकदिवसीय और टेस्ट कप्तान रोहित शर्मा के भी करीबी मित्र हैं। गंभीर को अपने जीवन में केवल यही अफसोस है कि वह एक सैनिक के रूप में देश की सेवा नहीं कर सके। उन्होंने तिरंगे की सेवा करने को बेहद सम्मान की बात बताया। वर्ष 2003 में भारतीय राष्ट्रीय टीम के लिए पदार्पण करने वाले गंभीर ने सलामी बल्लेबाज के रूप में अपनी दृढ़ता और कौशल से जल्द ही छाप छोड़ी। गंभीर के करियर ने सही मायने में 2007 में उड़ान भरी। पहले आईसीसी टी20 विश्व कप में वह भारत की जीत के नायकों में शामिल रहे। वह पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में शीर्ष स्कोरर रहे। उन्होंने महत्वपूर्ण 75 रन बनाए जिससे भारत को ट्रॉफी जीतने में मदद मिली। गंभीर के करियर का शिखर 2011 का एकदिवसीय विश्व कप था। गंभीर ने एक बार फिर श्रीलंका के खिलाफ फाइनल में मैच विजयी पारी खेली। उन्होंने लक्ष्य का पीछा करते हुए 97 रन बनाए जिससे भारत 28 साल बाद एकदिवसीय विश्व कप जीतने में सफल रहा। गंभीर को राष्ट्रीय टीम के साथ कप्तान के तौर पर अपनी नेतृत्व क्षमता दिखाने का मौका नहीं मिला लेकिन उन्होंने अपनी कप्तानी का लोहा तब मनवाया जब उन्होंने नाइट राइडर्स की किस्मत बदल दी। उनके नेतृत्व ने टीम ने दो बार आईपीएल खिताब जीता। उनका कोचिंग कौशल पहली बार लखनऊ सुपर जाइंट्स के साथ सामने आया जब टीम आईपीएल 2022 और 2023 दोनों सत्र में प्ले ऑफ में पहुंची। उन्होंने इसके बाद अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जब वह नाइट राइडर्स के साथ फिर से जुड़े और इस बार मेंटर के रूप में टीम को तीसरा खिताब दिलाया। बीसीसीआई ने इस बीच पारस म्हाम्ब्रे (गेंदबाजी कोच), टी दिलीप (क्षेत्ररक्षण कोच) और विक्रम राठौर (बल्लेबाजी कोच) को भी बेहद सफल कार्यकाल के लिए बधाई दी। द्रविड़ के जाने के साथ ही उनका कार्यकाल भी समाप्त हो गया। बीसीसीआई ने कहा, ‘‘बीसीसीआई उनके योगदान को महत्व देता है और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता है।
- मुंबई। रियो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रही भारतीय जिम्नास्ट दीपा करमाकर ने जेएसडब्ल्यू समूह की पहल ‘लीप जिम्नास्टिक' में युवा खिलाड़ियों के साथ अपने अनुभव साझा किये । दीपा ने यहां परिसर का दौरा करके युवाओं को शीर्ष स्तर पर कामयाब होने के लिये कई उपयोगी टिप्स दिये । संस्था द्वारा जारी विज्ञप्ति में दीपा ने कहा ,‘‘ मुझे लगता है कि भारतीय जिम्नास्टिक की अगली पीढी को बढावा देने के लिये इस तरह की पहल जरूरी है । इस तरह से उन्हें विश्व स्तर पर चमकने के लिये मौके और मंच मिलेगा ।'' लीप जिम्नास्टिक की संस्थापक तन्वी जिंदल ने कहा कि दीपा की सफलता की कहानी युवाओं के लिये प्रेरणास्रोत है जिन्हें बढावा देने के लिये हम प्रतिबद्ध हैं । संस्था ने अपनी स्थापना के बाद से मुंबई में एक हजार से अधिक जिम्नास्टों को प्रशिक्षण दिया है ।
- नयी दिल्ली। मोहन बागान और ईस्ट बंगाल के पूर्व कोच स्टेनली रोजारियो और नॉर्थईस्ट यूनाईटेड के मौजूदा सहायक कोच नौशाद मूसा उन भारतीयों में शामिल हैं जिन्होंने राष्ट्रीय पुरुष टीम के मुख्य कोच के पद के लिए आवेदन किया है। यह पद इगोर स्टिमक को बर्खास्त किए जाने के बाद से खाली पड़ा है।अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को दुनिया भर से कुल मिलाकर 291 आवेदन मिले हैं। इनमें से 100 आवेदनकर्ता यूएफा प्रो लाइसेंस डिप्लोमा धारक हैं जबकि 20 के पास एएफसी प्रो लाइसेंस डिप्लोमा है। तीन के पास कोनमेबोल (दक्षिण अमेरिका फुटबॉल परिसंघ) लाइसेंस है। रोजारियो और मूसा एएफसी प्रो लाइसेंस डिप्लोमा धारक हैं।मोहन बागान सुपर जाइंट्स को 2023-24 आईएसएल लीग शील्ड जिताने में मदद करने वाले एंटोनियो लोपेज हबास ने भी आवेदन किया है। एआईएफएफ अधिकारी ने बताया, ‘‘स्टेनली रोजारियो और नौशाद मूसा उन भारतीयों में शामिल हैं जिन्होंने आवेदन किया है और एएफसी प्रो लाइसेंस धारक हैं। एंटोनियो हबास ने भी आवेदन किया है।'' पता चला है कि छांटे गए उम्मीदवारों के नाम 20 जुलाई को एआईएफएफ कार्यकारी समिति की बैठक में रखे जाएंगे। इससे पहले एआईएफएफ उपाध्यक्ष एनए हैरिस की अगुआई वाली समिति आवेदनों की समीक्षा करेगी। समिति में तकनीकी, लीग, प्रतियोगिता, वित्त और विकास समिति के अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष भी शामिल होगा। एआईएफएफ ने कहा है कि इस महीने के आखिर तक पुरुष टीम के नए कोच का नाम पता चल जाएगा।एआईएफएफ की कार्यकारी समिति की 20 जुलाई को होने वाली बैठक में इस बात पर भी चर्चा होगी कि 2019 में भारतीय फुटबॉल के लिए तय किए गए खाके को पूरी तरह से कैसे लागू किया जा सकता है क्योंकि आईलीग क्लब संघ ने महासंघ को एक पत्र भेजकर कुछ प्रमुख मुद्दों पर चिंता जताई है। एआईएफएफ प्रमुख और कार्यकारी समिति के सदस्यों को लिखे पत्र में आईलीग क्लब संघ के अध्यक्ष रंजीत बजाज ने एआईएफएफ द्वारा भारतीय फुटबॉल खाके को लागू नहीं करने की स्थिति में कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी थी।
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नयी दिल्ली.लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग ने सोमवार को पेरिस ओलंपिक के लिए भारत के मिशन प्रमुख के रूप में मुक्केबाज मेरीकोम की जगह ली। पेरिस खेलों के उद्घाटन समारोह में दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू भारत की महिला ध्वजवाहक होंगी। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने बताया कि मेरीकोम के इस्तीफे के बाद उप मिशन प्रमुख नारंग को मिशन प्रमुख बनाया जाना स्वत: पसंद थी। उषा ने विज्ञप्ति में कहा, ‘‘मैं अपने दल की अगुआई के लिए ओलंपिक पदक विजेता को ढूंढ रही थी और मेरे युवा साथी मेरीकोम के उपयुक्त विकल्प हैं। उषा ने कहा, ‘‘मुझे यह घोषणा करते हुए भी खुशी हो रही है कि दो ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की एकमात्र महिला खिलाड़ी पीवी सिंधू उद्घाटन समारोह में टेबल टेनिस खिलाड़ी ए शरत कमल के साथ महिला ध्वजवाहक होंगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि हमारे खिलाड़ी पेरिस 2024 ओलंपिक खेलों में भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ परिणाम देने के लिए अच्छी तरह तैयार हैं।'' - नयी दिल्ली। भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन अमेरिकन गैम्बिट्स टीम के सह मालिक बन गए हैं जो ग्लोबल चेस लीग (जीसीएल) के दूसरे सत्र में हिस्सा लेने वाली नई टीम है। जीसीएल टेक महिंद्रा और अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ के संयुक्त स्वामित्व वाली लीग है।लंदन में तीन से 12 अक्टूबर तक होने दूसरे सत्र के लिए लीग ने सोमवार को छह फ्रेंचाइजी को पेश किया।जाने माने व्यवसायी प्रचुर पीपी, वेंकट के नारायण और अश्विन के स्वामित्व वाली अमेरिकन गैम्बिट्स टूर्नामेंट में चिंगारी गल्फ टाइटंस की जगह लेगी। एक प्रेस विज्ञप्ति में अश्विन के हवाले से कहा गया, ‘‘हम अमेरिका गैम्बिट्स को शतरंज जगत के सामने पेश करके रोमांचित हैं। रणनीतिक प्रतिभा और अटूट दृढ़ संकल्प के मिश्रण के साथ हमारी टीम खेल को फिर से परिभाषित करने का लक्ष्य रखती है। सह मालिक के रूप में मैं उनकी यात्रा का गवाह बनने और उनकी सफलता में योगदान देने के लिए उत्साहित हूं।'' लीग के दूसरे सत्र में हिस्सा लेने वाली पांच अन्य फ्रेंचाइजी अल्पाइन एसजी पाइपर्स, पीबीजी अलास्कन नाइट्स, गैंगेस ग्रैंडमास्टर्स, गत चैंपियन त्रिवेणी कॉन्टिनेंटल किंग्स और मुंबा मास्टर्स हैं।
- बेंगलुरू। ‘अंत तक हार नहीं माननी है और लड़ते रहना है', भारतीय क्रिकेट टीम की टी20 विश्व कप में खिताबी जीत ने अपना चौथा ओलंपिक खेलने जा रहे भारतीय हॉकी के महान गोलकीपर पी आर श्रीजेश को भी प्रेरित किया है जो इसे पेरिस में याद रखेंगे । भारत ने दक्षिण अफ्रीका को टी20 विश्व कप के रोमांचक फाइनल में हार की कगार पर पहुंचने के बाद हराया और 11 साल बाद आईसीसी खिताब जीता । श्रीजेश ने कहा ,‘‘ मैने फाइनल मैच देखा था । मैने इससे सबसे बड़ी सीख ली है कि आखिरी गेंद से पहले जश्न नहीं मनाना है । दक्षिण अफ्रीका 15वें ओवर तक आसानी से जीत रहा था लेकिन भारतीय टीम ने उम्मीद नहीं छोड़ी और हार की कगार पर पहुंचकर जीत दर्ज की ।'' भारत के लिये 328 मैच खेल चुके इस दिग्गज ने कहा ,‘‘ इससे हमें ही नहीं बल्कि ओलंपिक जाने वाले हर खिलाड़ी को सीखना चाहिये । हार नहीं माननी है, इंतजार करना है और अंतिम समय तक डटे रहना है, जीत जरूर मिलेगी । मैं इसे ओलंपिक में याद रखूंगा ।'' बोर्ड के इम्तिहान में ग्रेस अंक पाने के लिये हॉकी खेलना शुरू करने से ओलंपिक पदक जीतने और चौथा ओलंपिक खेलने तक, श्रीजेश ने दो दशक के अपने कैरियर में लंबा सफर तय किया है ।उन्होंने चौथा ओलंपिक खेलने के बारे में कहा ,‘‘ यह बहुत सम्मान और गर्व की बात है लेकिन इसके साथ जिम्मेदारियां भी हैं। युवाओं के मार्गदर्शन की जिम्मेदारी, टीम को लक्ष्य हासिल करने के लिये प्रेरित करने की जिम्मेदारी ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ मेरा सफर सपने जैसा रहा है । बोर्ड परीक्षा में ग्रेस अंक लेने के लिये खेलना शुरू किया तो कभी सोचा नहीं था कि भारत की जर्सी पहनूंगा और ओलंपिक खेलूंगा । चौथा ओलंपिक सपना ही लगता है । अब तक धनराज पिल्लै ने ही चार ओलंपिक, चार विश्व कप, चैम्पियंस ट्रॉफी और एशियाई खेलों में भाग लिया । चार ओलंपिक खेलने वाला मैं पहला गोलकीपर हूं , विश्वास नहीं होता ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ ओलंपिक का सफर बच्चे की तरह होता है । पहले आप असहाय होते हैं, फिर लड़खड़ाकर चलते हैं और फिर दौड़ते हैं । इसी तरह लंदन ओलंपिक 2012 बुरे सपने की तरह रहा जिसमें हम सारे मैच हार गए । रियो 2016 में प्रदर्शन बेहतर रहा और इन दोनों ओलंपिक से मिले सबक ने हमें तोक्यो के लिये तैयार किया ।'' एफआईएच के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे श्रीजेश ने कहा ,‘‘ हमने युवाओं के साथ अपने अनुभव बांटे और उन्हें वह गलतियां नहीं दोहराने के लिये कहा । इसी से हम 41 साल बाद ओलंपिक पदक जीत सके ।'' जर्मनी के खिलाफ कांस्य पदक के मुकाबले में भारत की जीत के नायक रहे श्रीजेश ने कहा,‘‘ अपेक्षायें तो होंगी ही लेकिन इन्हें सकारात्मक लेने की जरूरत है । मैं युवाओं से यही कहता हूं कि आलोचना होगी, अपेक्षायें भी रहेंगी लेकिन मैदान पर आप बॉस हो । अपने बेसिक्स पर डटे रहो और खेल का मजा लो ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ मैने लंबे समय से खेला है , कामयाब रहा और नाकाम भी हुआ । जब मैं युवाओं को कुछ बताता हूं तो वह समझते हैं । मैं उन्हें चुनौतियां देता रहता हूं ताकि वे अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकें ।'' उन्होंने कहा,‘‘ ओलंपिक में काफी दबाव होता है । यह प्रेशर कुकर की तरह है । मीडिया की नजरें आप पर होती है, सोशल मीडिया पर लोग राय देने लगते हैं और आपका ध्यान भटक जाता है । मैं यही सलाह देता हूं कि बाहरी आवाजें सुने बिना अपने खेल पर फोकस रखो ।'' भारतीय क्रिकेट की दीवार राहुल द्रविड़ ने बरसों पहले उन्हें एक सलाह दी थी और अपने कैरियर में उन्होंने इस पर हमेशा अमल किया । उन्होंने कहा ,‘‘ मैं द्रविड़ भाई से बरसों पहले मिला था । उन्होंने मुझे संयम की अहमियत के बारे में बताया । उन्होंने कहा था कि अपने मौके का इंतजार करो । मैने वही किया । मैं रातोंरात सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर नहीं बन गया । मैने सही मौकों का इंतजार किया ।'' भारत को ओलंपिक में अर्जेंटीना , आस्ट्रेलिया और बेल्जियम जैसी दिग्गज टीमों का पूल मिला है लेकिन श्रीजेश इससे दबाव में नहीं हैं । उन्होंने कहा ,‘‘ मैं मैच परिदृश्य की कल्पना करके ही खेलता हूं । इससे दबाव में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाता हूं । हम 365 दिन हॉकी खेलते हैं लेकिन मैदान, दर्शक और माहौल दबाव बनाते हैं । इस दबाव से बखूबी निपटने वाला ही सफल रहता है । हम अभ्यास में इसी माहौल की कल्पना करके खेलते हैं ताकि मैच के दिन कामयाब रहें ।''
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चेन्नई. भारतीय महिला क्रिकेट टीम के क्षेत्ररक्षण कोच मुनीश बाली ने उमा छेत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह युवा विकेटकीपर ‘वास्तव में कड़ी मेहनत करने वाली क्रिकेटर है।' इक्कीस वर्षीय छेत्री ने रविवार को यहां दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बारिश के कारण रद्द कर दिए गए दूसरे मैच में टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। उन्होंने दीप्ति शर्मा की गेंद पर तेजमिन ब्रिट्स को स्टंप आउट किया। इससे पहले वह इसी बल्लेबाज को स्टंप के आगे से गेंद पकड़ने के कारण जीवनदान दे चुकी थी। बाली ने हालांकि छेत्री का बचाव किया और कहा कि इस युवा खिलाड़ी ने पिछले सप्ताह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एकमात्र टेस्ट मैच में शॉर्ट लेग पर जिस तरह से क्षेत्ररक्षण किया वह सराहनीय है। बाली ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा,‘‘मुझे बहुत खुशी है कि उसे टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण का मौका मिला। टेस्ट मैच के दौरान उसने 70 से 80 ओवर तक फील्डिंग की थी। वह बहादुर लड़की है।'' उन्होंने कहा,‘‘शॉर्ट लेग पर फील्डिंग करना आसान नहीं होता है। उसे तब चोट भी लगी थी लेकिन दर्द के बावजूद भी उसने वहां पर फील्डिंग की। उसका रवैया शानदार है और वह वास्तव में कड़ी मेहनत करने वाली क्रिकेटर है। मुझे बहुत खुशी है कि उसने ब्रिट्स को स्टंप आउट किया।'' दक्षिण अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 6 विकेट पर 177 रन बनाए लेकिन भारतीय पारी शुरू होने से पहले ही बारिश आ गई जिसके कारण मैच रद्द करना पड़ा। दक्षिण अफ्रीका पहला मैच जीत कर तीन मैच की श्रृंखला में 1-0 से आगे है। तीसरा और अंतिम मैच मंगलवार को खेला जाएगा।
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नई दिल्ली। एशियाई डबल्स स्क्वाश चैम्पियनशिप में भारतीय खिलाड़ी अभय सिंह ने दोहरे खिताब जीते। मेंस डबल्स के फाइनल में वेलावन सेंथिलकुमार के साथ उन्होंने मलेशिया के ओंग साई हुंग और सियाफिक कमाल की जोड़ी को 11-4, 11-5 से शिकस्त दी। वहीं मिक्स्ड डबल्स में अभय और जोशना चिनप्पा की जोडी ने टोंग सेज विंग और टांग मिंग होंग की दूसरी वरीयता प्राप्त जोड़ी को 11-8, 10-11, 11-5 से हराकर खिताब जीता।
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लंदन. इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने लंबे समय तक अपने साथी रहे जेम्स एंडरसन की जमकर प्रशंसा करते हुए उन्हें गेंदबाजी कला का दीवाना करार दिया। एंडरसन इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच 10 जुलाई से लॉर्ड्स में होने वाले पहले टेस्ट क्रिकेट मैच के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह देंगे। उन्होंने अब तक 187 टेस्ट मैच में 700 विकेट लिए हैं। ब्रॉड ने द टाइम्स में अपने कॉलम में लिखा, ‘‘उसे गेंदबाजी करने की लय, अपने एक्शन की तकनीक पर नियंत्रण रखना पसंद है फिर चाहे वह स्विंग, इनस्विंग, सीम किसी तरह की गेंदबाजी कर रहा हो।' उन्होंने कहा,‘‘जब आप लंबे समय तक खेलने वाले पेशेवर खिलाड़ियों की बात करते हैं तो उनकी अनुशासित दिनचर्या और समर्पण की बात करते हैं। निश्चित तौर पर अगर आप इस तरह का जीवन नहीं जीते हैं तो 42 साल तक नहीं खेल सकते हैं।'' ब्रॉड ने कहा,‘‘लेकिन एक चीज जो एंडरसन को सबसे अलग बनाती है वह है गेंदबाजी कला के प्रति उनका सच्चा प्यार। किसी चीज के प्रति दीवानापन नकारात्मक रूप से उपयोग किया जाता है लेकिन मैं यह कहूंगा कि वह गेंदबाजी कला का दीवाना है।
- मुंबई। राहुल द्रविड़ ने कहा कि भारतीय टीम के मुख्य कोच के अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें टीम में बहुत अधिक काट छांट और बदलाव करना पसंद नहीं था और उन्होंने हमेशा कप्तान रोहित शर्मा के सहायक की भूमिका निभाई ताकि वह अपनी रणनीति के अनुसार चल सके।भारत के टी20 विश्व कप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका पर जीत के साथ ही द्रविड़ का मुख्य कोच का कार्यकाल भी समाप्त हो गया। द्रविड़ ने बीसीसीआई द्वारा जारी किए गए वीडियो में कहा,‘‘मैं वास्तव में ऐसा व्यक्ति हूं जिसे निरंतरता पसंद है। मुझे बहुत अधिक काट छांट और बदलाव करना पसंद नहीं है। क्योंकि मेरा मानना है कि इससे बहुत अस्थिरता पैदा होती है और बहुत अच्छा माहौल नहीं बनता।'' उन्होंने कहा,‘‘मुझे लगता है कि मैं उस टीम का हिस्सा हूं जिसकी जिम्मेदारी सही पेशेवर, सुरक्षित, संरक्षित वातावरण बनाना है जिसमें वास्तव में असफलता का डर न हो, लेकिन लोगों को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त चुनौतियां हों। यह हमेशा मेरा प्रयास रहा है।'' द्रविड़ ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद जब खिलाड़ी बाहर आए तो वह मुश्किल दौर था तथा उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें आधा दर्जन कप्तानों के साथ काम करना पड़ेगा। उन्होंने कहा,‘‘मेरे कोच बनने के शुरुआती दौर में हम कोविड के प्रतिबंधों से बाहर निकल रहे थे। हमें तीनों प्रारूप में कार्यभार का प्रबंध करना था। कुछ खिलाड़ी चोटिल थे और इस कारण मुझे 8-10 महीने में पांच-छह कप्तानों के साथ काम करना पड़ा।'' द्रविड़ ने कहा,‘‘यह कुछ ऐसा था जिसकी मैंने कल्पना नहीं की थी या इसके बारे में मैंने सोचा भी नहीं था लेकिन यह स्वाभाविक तौर पर हो गया।'' द्रविड़ के कोच रहते हुए भारत ने इंग्लैंड को पांच टेस्ट मैच की श्रृंखला में हराया और टीम वनडे विश्व कप के फाइनल में पहुंची। उन्होंने कहा,‘‘कोविड की पाबंदियां हटने के बाद सकारात्मक बात यह रही कि हमने काफी क्रिकेट खेली। पिछले ढाई वर्षो में हमने विशेषकर सीमित ओवरों की क्रिकेट में कई युवा खिलाड़ियों को मौका दिया। पिछले कुछ समय में हमने टेस्ट क्रिकेट में भी कुछ युवा खिलाड़ियों को अवसर दिया।'' द्रविड़ कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली को लंबे समय से जानते हैं। जब वह अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर थे तब इन दोनों ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। उन्होंने कहा,‘‘मैंने वास्तव में रोहित के साथ काम करने का आनंद लिया जिसे मैं काफी समय से जानता था। मैंने उसे एक व्यक्ति और एक कप्तान के रूप में परिपक्व होते हुए देखा। मुझे उसकी टीम के प्रति प्रतिबद्धता और खिलाड़ियों का ध्यान रखने की प्रवृत्ति वास्तव में बहुत अच्छी लगी। उसने टीम में ऐसा माहौल बनाया जिसने सभी सुरक्षित महसूस करें। यह ऐसी चीज है जिसकी मुझे कमी खलेगी।'' द्रविड़ ने कहा,‘‘ यहां तक कि विराट के साथ भी जो कोच के रूप में मेरे शुरुआती दिनों में कप्तान थे। मुझे उन्हें जानने और समझने का मौका मिला और यह काफी रोमांचक था।'' द्रविड़ ने कहा कि उन्होंने हमेशा प्रक्रिया पर ध्यान दिया जिसका कुछ अवसरों पर गलत अर्थ भी लगा दिए गए। उन्होंने कहा,‘‘मेरे लिए वास्तव में परिणाम महत्वपूर्ण थे। मैंने प्रक्रिया पर ध्यान दिया और लोगों को लगा कि मैं सोचता हूं कि परिणाम महत्वपूर्ण नहीं है। निश्चित तौर पर परिणाम महत्वपूर्ण था।'' द्रविड़ ने कहा,‘‘मैं उस पद पर था जिसमें परिणाम महत्वपूर्ण था। लेकिन एक कोच के रूप में मुझे यह सोचना था कि वह कौन सी चीज हैं जिन्हें मैं नियंत्रित करके अनुकूल परिणाम हासिल करने में मदद कर सकता हूं। आखिर में मेरी जिम्मेदारी कप्तान को उसकी रणनीति पर सही तरह से अमल करने में मदद करनी थी।''
- बुखारेस्ट (रोमानिया)। भारत के आर प्रज्ञाननंदा और डी गुकेश को चार खिलाड़ियों के बीच खेले गए टाइब्रेकर में हार का सामना करना पड़ा जिसमें दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी फैबियानो कारुआना ने तीनों रैपिड गेम जीतकर सुपरबेट क्लासिक में अपने खिताब का सफलतापूर्वक बचाव किया। कारुआना क्लासिकल प्रारूप में नीदरलैंड के अनीश गिरी से हार गए, जिससे मुकाबला रोचक बन गया क्योंकि गुकेश, प्रज्ञाननंदा और फ्रांस के अलीरेजा फिरौजा सभी उनकी बराबरी पर पहुंच गए। प्रज्ञाननंदा मुख्य बाजी में अलीरेजा के सामने एक समय बेहद मुश्किल स्थिति में फंसे हुए थे। यदि फ्रांसीसी खिलाड़ी क्लासिकल दौर की इस बाजी को जीत जाता तो फिर वह कारुआना से आगे निकल जाते और विजेता का फैसला करने के लिए टाइब्रेकर की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन कारुआना हार गए, जबकि गुकेश और प्रज्ञाननंदा ने अपनी अपनी बाजियां ड्रॉ खेली जिससे विजेता का फैसला करने के लिए चार खिलाड़ियों के बीच टाइब्रेकर की स्थिति बन गई। कारुआना ने दिखाया कि आखिर उन्हें क्यों टाइब्रेकर का मास्टर कहा जाता है। उन्होंने साबित कर दिया कि वे युवा पीढ़ी से बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। अमेरिका के इस खिलाड़ी ने टाइब्रेकर में अपने तीनों प्रतिद्वंदियों गुकेश, प्रज्ञाननंदा और अलीरेजा को हराकर 68500 अमेरिकी डॉलर का पहला पुरस्कार जीता। इससे पहले प्रज्ञाननंदा टूर्नामेंट में अपनी पहली हार की तरफ बढ़ रहे थे लेकिन अलीरेजा की एक गलती का फायदा उठाकर वह बाजी ड्रा करने में सफल रहे। गुकेश ने वेस्ली सो के साथ अंक बांटकर टाइब्रेकर में खेलने का हक पाया था।
- मुंबई।रोहित शर्मा सहित टी20 विश्वकप विजेता टीम के मुंबई में रहने वाले सदस्यों को शुक्रवार को महाराष्ट्र विधान भवन में सम्मानित किया गया।केंद्रीय सभागार में आयोजित सम्मान समारोह में सूर्यकुमार भी मौजूद थे जिन्होंने टी20 विश्वकप फाइनल के मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अहम कैच लिया था जिससे पूरे मैच का रुख बदल गया था। यादव जब समारोह में बोलने के लिए खड़े हुए तो वहां उपस्थित मंत्रियों और विधायकों ने एक स्वर में उनसे उस कैच के बारे में बताने को कहा।सूर्यकुमार ने श्रोताओं की नारेबाजी के बीच मराठी में कहा, ‘‘कैच बसला हातात (कैच सीधे मेरे हाथ में आ गया)।’’ इसके बाद उन्होंने एक तरह से नाट्य रूपांतर किया और अपने हाथों से इशारा करते हुए बताया कि उन्होंने कैच कैसे लिया।सूर्यकुमार के संबोधन के बाद टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने कहा, ‘‘ सूर्य ने अभी बताया कि गेंद आकर उनके हाथ में ‘बैठ’ गई। यह अच्छा है कि गेंद उनके हाथ में बैठ गई नहीं तो मैं उन्हें ‘बैठा’ (टीम से बाहर कर) देता।’’रोहित ने मराठी में कहा, ‘‘भारत में दोबारा विश्वकप लाना सपना था। हमने इसके लिए 11 साल प्रतीक्षा की। 2013 में हमने आईसीसी चैम्पियनशिप ट्रॉफी जीती थी।’’उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने टीम के साथियों का शुक्रगुजार हूं, न केवल शिवम दुबे, सूर्य और यशस्वी जायसवाल बल्कि हर उस व्यक्ति का जिसने भारत की इस सफलता में योगदान दिया। मैं भाग्यशाली हूं कि ऐसी टीम है। प्रत्येक व्यक्ति ने मजबूत प्रयास किया। सभी ने इस पल के लिए मेहनत की।’’ इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने आधिकारिक आवास पर रोहित शर्मा, यशस्वी जायसवाल, शिवम दुबे और सूर्यकुमार यादव को सम्मानित किया था।