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नई दिल्ली। भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC Stock) का शेयर शुक्रवार के कारोबारी सत्र में भारी वॉल्यूम का सहारा पाकर 7 फीसदी की उछाल के साथ 19 महीने के उच्चस्तर 820.05 रुपये को छू गया क्योंकि वित्त मंत्रालय ने कंपनी को 25 फीसदी सार्वजनिक शेयरधारिता के नियम से एकबारगी की छूट दी है। यह शेयर अंत में 3.73 फीसदी की बढ़त के साथ 793 रुपये पर बंद हुआ।
एक्सचेंज के आंकड़े बताते हैं कि इसमें शुक्रवार को एनएसई व बीएसई पर कुल मिलाकर 1.16 करोड़ शेयरों का कारोबार हुआ। सरकारी स्वामित्व वाली बीमा कंपनी का शेयर 31 मई, 2022 के बाद के सर्वोच्च स्तर पर है।आज के लाभ के साथ इस शेयर ने 29 मार्च के 52 हफ्ते के निचले स्तर 530.20 रुपये से 50 फीसदी की रिकवरी की है। कंपनी के शेयर ने सूचीबद्धता के दिन 17 मई, 2022 को 918.85 रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ था।एक्सचेंज को भेजी सूचना में एलआईसी ने कहा है, वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने जनहित में भारतीय जीवन बीमा निगम को 25 फीसदी सार्वजनिक शेयरधारिता के नियमों के अनुपालन 10 साल में करने की एकबारगी की छूट दी है। यह समय सूचीबद्धता के समय से मिली है यानी कंपनी को मई 2032 तक इसका अनुपालन करना है।LIC की सूचीबद्धता एक्सचेंजों पर 17 मई, 2022 को हुई थी और उसे न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता के नियमों का अनुपालन 2027 तक करना था। हालांकि उसे 5 साल का विस्तार मिला है और अब उसे मई 2032 तक इसका अनुपालन करना होगा।मौजूदा नियम कहता है कि एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बाजार पूंजीकरण वाली सूचीबद्ध इकाई को 25 फीसदी की न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता का अनुपालन सूचीबद्धता से पांच साल के भीतर करनी होती है। परिचालन के मोर्चे पर सबसे बड़ी बीमा कंपनी लगातार निराश कर रही है।इस साल अब तक के आधार पर एलआईसी का सालाना प्रीमियम समकक्ष (एपीई) 20 फीसदी फिसला है। समूह का एपीई भी 40 फीसदी घटा है, वहीं वित्त वर्ष 24 में अब तक इसमें 33 फीसदी की नरमी दर्ज हुई है।कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 30 नवंबर, 2023 को 58.8 फीसदी थी, जो एक साल पहले 67.7 फीसदी रही थी। वित्त वर्ष 24 की पहली छमाही में न्यू बिजनेस मार्जिन की वैल्यू 14.6 फीसदी पर स्थिर रही।कंपनी प्रॉडक्ट मिक्स में सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रही है और इसका ज्यादा ध्यान गैर-भागीदारी वाले सेगमेंट (नॉन-पार) पर है, यह कहना है केआर चोकसी रिसर्च का। कंपनी से उद्योग की वृद्धि के मौके को पूंजीकृत करने की उम्मीद है, जिसे उसकी अहम प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों और भौगोलिक विस्तार से सहारा मिलेगा।ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज ने हालांकि एलआईसी को 850 रुपये के लक्ष्य के साथ खरीद की रेटिंग दी है। ब्रोकरेज ने कहा, ‘एलआईसी के पास उद्योग में अग्रणी स्थिति बरकरार रखने का दमखम है। हालांकि इस विशाल संगठन को उम्दा व अच्छी तरह से विचारित क्रियान्वयन योजना की दरकार है।’ब्रोकरेज फर्म को उम्मीद है कि एलआईसी एपीई में वित्त वर्ष 23-25 के दौरान 3 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि की रफ्तार से वृद्धि दर्ज करेगी (वित्त वर्ष 24 में गिरावट और वित्त वर्ष 25 में तेज रिकवरी), ऐसे में वह नए बिजनेस की वैल्यू में 9 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि के हिसाब से बढ़त हासिल करने में सक्षम होगी। -
नई दिल्ली। भारत में 2030 तक सालाना एक करोड़ इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की बिक्री होने की उम्मीद है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को यह अनुमान जताते हुए कहा कि इससे करीब पांच करोड़ नौकरियां पैदा होंगी।
उन्होंने 19वें EV Expo 2023 को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘वाहन आंकड़ों के अनुसार भारत में 34.54 लाख ईवी पहले ही पंजीकृत हैं।’’केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत में दुनिया का शीर्ष ईवी विनिर्माता बनने की क्षमता है और सरकार स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।गडकरी ने कहा कि सरकार ने मौजूदा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को हाइब्रिड और पूरी तरह से EV में बदलने की अनुमति दी है।उन्होंने बताया कि इसके लिए नियमों को अंतिम रूप दे दिया गया है और प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन सफलतापूर्वक किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा सार्वजनिक परिवहन और लॉजिस्टिक में तेजी से ईवी को बढ़ावा देने का है। - नयी दिल्ली. वैश्विक बाजार में शराब की मांग बढ़ने से भारत से शराब से बने उत्पादों का निर्यात अगले कुछ वर्षों में एक अरब डॉलर से अधिक पर पहुंचने का अनुमान है। वाणिज्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल ने बृहस्पतिवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में भारतीय शराब उत्पादों का निर्यात 23 करोड़ डॉलर तक पहुंच गया। पिछले वित्त वर्ष की समूची अवधि में यह 32.5 करोड़ डॉलर रहा था। अग्रवाल ने कहा, ‘‘भारत में बनी शराब की मांग बढ़ रही है। अगले कुछ वर्षों में इसके एक अरब डॉलर से अधिक हो जाने का अनुमान है। भारतीय शराब उत्पादों का बाजार बड़ी तेजी से बढ़ रहा है और दुनियाभर में इन ब्रांड की मांग धीरे-धीरे जोर पकड़ रही है।'' इन उत्पादों का वैश्विक कारोबार करीब 130 अरब डॉलर होने का अनुमान है।इस अवसर पर अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में होने वाले ‘इंडस फूड शो' में शराब पर केंद्रित एक अलग खंड भी मौजूद होगा। इस प्रदर्शनी में 2,500 से अधिक विदेशी और 5,000 से अधिक घरेलू खरीदारों के शामिल होने की संभावना है।
- नयी दिल्ली. सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को 10 साल के भीतर 25 प्रतिशत न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (एमपीएस) हासिल करने की छूट दी है। सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी मई 2022 में सूचीबद्ध हुई थी। सरकार ने आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के माध्यम से एलआईसी में 22.13 करोड़ से अधिक शेयर यानी 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची थी। कंपनी में फिलहाल सरकार की 96.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।एलआईसी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि आर्थिक मामलों के विभाग ने ‘एलआईसी को सूचीबद्धता की तारीख से 10 साल के भीतर यानी मई 2032 तक 25 प्रतिशत न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता हासिल करने को लेकर एक बारगी छूट दी है। सरकार ने इस साल की शुरुआत में नियमों में संशोधन किया था ताकि सूचीबद्ध सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और बैंकों को निजीकरण के बाद भी जरूरत के अनुसार जनहित में 25 प्रतिशत न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारित की आवश्यकता से छूट मिले
- नयी दिल्ली। रिलायंस जियो ने दूरसंचार बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करते हुए सितंबर में 34.7 लाख मोबाइल ग्राहक जोड़े। दूसरी ओर एयरटेल के मोबाइल ग्राहकों की संख्या 13.2 लाख बढ़ी। बाजार नियामक ट्राई ने अपने मासिक आंकड़ों में यह जानकारी दी। वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) ने सितंबर में 7.5 लाख मोबाइल ग्राहक खो दिए, जिससे उसके वायरलेस ग्राहकों की संख्या घटकर 22.75 करोड़ रह गई। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के आंकड़ों के अनुसार, रिलायंस जियो को सितंबर में 34.75 लाख वायरलेस ग्राहक मिले और उसका उपयोगकर्ता आधार बढ़कर 44.92 करोड़ हो गया। भारती एयरटेल ने सितंबर में अपने मोबाइल ग्राहकों की संख्या में 13.2 लाख की बढ़ोतरी की। इसके साथ कंपनी के कुल वायरलेस ग्राहक बढ़कर 37.77 करोड़ हो गए।
- मुंबई। भारत में आर्थिक गतिविधियों में व्यापक मजबूती बनी रहने की संभावना है। साथ ही 2024-25 की पहली तीन तिमाहियों में खुदरा मुद्रास्फीति मौजूदा 5.6 प्रतिशत से घटकर 4.6 प्रतिशत पर आ सकती है। बुधवार को जारी आरबीआई बुलेटिन में प्रकाशित एक लेख में यह बात कही गई।लेख में अर्थव्यवस्था के बारे में कहा गया कि 2024 में वैश्विक वृद्धि की रफ्तार और धीमी हो सकती है। मुद्रास्फीति विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में अलग-अलग गति से ब्याज दरों में कटौती का रास्ता साफ कर सकती है। लेख के मुताबिक भारत में, आर्थिक गतिविधियों में जारी मजबूती कच्चे माल की लागत में कमी और कॉरपोरेट मुनाफे के चलते आगे भी बनी रहने की उम्मीद है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा के नेतृत्व वाले एक दल ने यह लेख तैयार किया है। आरबीआई ने हालांकि कहा कि लेख केंद्रीय बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है।
- नयी दिल्ली. ‘गूगल मैप्स' अगले साल की शुरुआत में भारत से ‘एड्रेस डिस्क्रिप्टर' सेवा लॉन्च करेगा। कंपनी की एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। यह गूगल द्वारा भारत से शुरू की जाने वाली पहली वैश्विक सेवा होगी। इस सेवा के तहत मैप का इस्तेमाल कर रहे व्यक्ति द्वारा साझा की गई लोकेशन के निकटतम ‘लैंडमार्क' (मुख्य स्थान) और वहां से लोकेशन की दिशा का पता चल सकेगा। गूगल मैप्स की उपाध्यक्ष और महा प्रबंधक मिरियम डैनियल ने कहा, ‘‘हम भारत से पहली बार नया नवोन्मेष- ‘गूगल मैप्स' पर ‘एड्रेस डिस्क्रिप्टर' पेश कर रहे हैं, जिससे हमारे उपयोगकर्ताओं को स्थानों के पते को पहले से बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।'' उन्होंने कहा कि यह सुविधा अगले साल की शुरुआत में पूरे भारत में लॉन्च की जाएगी।डेनियल ने ‘स्ट्रीट व्यू' नेविगेशन की शुरुआत की घोषणा की जो पैदल चल रहे उपयोगकर्ता के रास्ते में पड़ने वाली इमारतों या मार्गों के वास्तविक ऑनलाइन चित्र दिखाएगी और इसके साथ ही जनवरी 2024 से भारत के 15 शहरों में ‘लेंस इन मैप्स' की सुविधा शुरू की जाएगी जिससे लोगों को यह पता चल सकेगा कि पैदल चलते समय उनके मार्ग में कौन की दुकानें या अन्य प्रतिष्ठान पड़ेंगे।
- नयी दिल्ली। सभी वैश्विक बदलाव भारत के पक्ष में काम कर रहे हैं, लेकिन देश के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में एक समावेशी वृद्धि की है। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने सोमवार को यह बात कही। टाटा समूह के प्रमुख ने जेआरडी टाटा व्याख्यान में कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई) का प्रभाव रहेगा और अगर भारत ने इसके लिए तैयारी की, तो यह फायदेमंद होगा। उन्होंने कहा कि शीत युद्ध के बाद तुलनात्मक रूप से स्थिर और समृद्धि दौर के विपरीत अब ऐसा लगता है कि दुनिया ने अप्रत्याशित संघर्षों और आर्थिक अनिश्चितता को रास्ता दे दिया है। महामारी के चलते आपूर्ति श्रृंखला को भारी झटका लगा है। चन्द्रशेखरन ने कहा, ''विशेष रूप से विकसित बाजारों में आर्थिक नरमी थी। हालात स्थिर होते हुए दिख रहे थे, लेकिन अब हम दो युद्धों के बीच में हैं और अमेरिका-चीन व्यापार गतिरोध चल रहा है।'' उन्होंने कहा कि कई महत्वपूर्ण वैश्विक बदलाव भी हो रहे हैं। खासकर एआई, ऊर्जा और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के क्षेत्र में ऐसा हो रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा, ''ये सभी परिवर्तन वृद्धि, नवाचार और अतीत से बेहतर नया भविष्य बनाने के लिए अवसर देते हैं। इस लिहाज से भारत महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है। आर्थिक रूप से, हम पहले ही पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। कई चीजें हमारे पक्ष में काम कर रही हैं।'' चंद्रशेखरन ने भारत की मजबूत व्यापक स्थिरता, एक स्वस्थ बैंकिंग प्रणाली, निर्यात की बढ़ती हिस्सेदारी, निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों में नए पूंजीगत व्यय चक्र, बढ़ती खपत और मजबूत सार्वजनिक डिजिटल बुनियादी ढांचा का हवाला देते हुए कहा कि सभी वैश्विक बदलाव भारत के पक्ष में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ''खासकर आज की अनिश्चित दुनिया में हमारे पास वैश्विक ताकत बनने की क्षमता है... हमारे सामने कई चुनौतियां हैं। हमारी प्रति व्यक्ति जीडीपी वैश्विक औसत से 60 प्रतिशत कम है। राज्यों में प्रति व्यक्ति आय में अंतर बहुत बड़ा है।'' चंद्रशेखरन ने आगे कहा कि कुल श्रम बल में महिलाओं की हिस्सेदारी केवल 37 प्रतिशत हैं और उन्हें समान काम के लिए अपने पुरुष समकक्षों की तुलना में 35 प्रतिशत कम वेतन मिलता है। उन्होंने कहा, ''समावेशी विकास हमारी सबसे बड़ी चुनौती रही है। हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि सभी तक बुनियादी शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच हो।'' चन्द्रशेखरन ने यह भी कहा कि एक तरफ हमारे पास अत्यधिक कुशल लोगों का एक बड़ा समूह है, तो दूसरी तरफ अकुशल लोगों की संख्या भी बहुत बड़ी है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर लड़की को भी लड़कों की तरह समान अवसर मिले।
- नयी दिल्ली। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड रेल (आरआरटीएस) गलियारे के निर्माण और औद्योगिक गलियारे के विकास के लिए 25-25 करोड़ डॉलर के दो कर्जों को स्वीकृति दी है। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि 82 किलोमीटर लंबे आरआरटीएस गलियारे के निर्माण के लिए एडीबी 25 करोड़ डॉलर का वित्त मुहैया कराने जा रहा है। एडीबी ने वर्ष 2020 में आरआरटीएस के निर्माण के लिए 104.9 करोड़ डॉलर का वित्तपोषण कई चरणों में मुहैया कराने पर सहमति जताई थी। पहली किस्त में 50 करोड़ डॉलर का कर्ज दिया था। वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव जूही मुखर्जी ने कर्ज समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा कि इस निवेश से आरआरटीएस शहरी परिवहन में सुधार ला पाएगा और इससे महिलाओं एवं दिव्यांगों को भी आर्थिक लाभ होंगे। एडीबी ने विनिर्माण को अधिक प्रतिस्पर्द्धी बनाने और राष्ट्रीय आपूर्ति शृंखला को सशक्त करने के लिए औद्योगिक गलियारा विकास के लिए भी 25 करोड़ डॉलर के एक कर्ज को मंजूरी दी है। इस 'सबप्रोग्राम 2' से परिवहन, लॉजिस्टिक एवं शहरी सुविधाओं से औद्योगिक गलियारों को लैस करने में मदद मिलेगी। इसके पहले 25 करोड़ डॉलर का 'सबप्रोग्राम 1' कर्ज भी एडीबी ने अक्टूबर, 2021 में दिया था।
- मुंबई। शेयर बाजार की रफ्तार 2024 में धीमी हो सकती है और 50 शेयरों वाला निफ्टी अगले साल केवल दो फीसदी की बढ़त हासिल करेगा। कोटक सिक्योरिटीज ने सोमवार को यह अनुमान जताया। घरेलू ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि कि निफ्टी 2024 के अंत तक 21,834 पर होने की संभावना है, जबकि सोमवार को कारोबार के अंत में सूचकांक 21,418 पर बंद हुआ। कोटक सिक्योरिटीज ने कहा कि भारतीय बाजारों ने 2023 में अब तक 13 प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ इतिहास रचा। इस दौरान मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक में क्रमश: 39 फीसदी और 48 फीसदी की मजबूत वृद्धि हुई। ब्रोकरेज घराने ने 2024 के बारे में अनुमान जताते हुए कहा कि हम विभिन्न घटनाओं से भरे दौर में प्रवेश कर रहे हैं। नए साल की पहली छमाही में वैश्विक ब्याज दर, भारतीय उपभोग के रुख और आम चुनावों सहित कई कारकों पर नजर रहेगी। ब्रोकरेज कंपनी ने यह भी अनुमान जताया कि आरबीआई नए साल में अपने मौद्रिक रुख में बदलाव नहीं करेगा, क्योंकि वह मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत से नीचे लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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नयी दिल्ली। जीवन बीमा निगम (एलआईसी) 2047 तक सभी के लिए बीमा' हासिल करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। एलआईसी के चेयरमैन सिद्धार्थ मोहंती ने कहा कि इसके लिए बीमा कंपनी विशेष योजना बना रही है और खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों के लिए तैयार किए गए उत्पाद पेश किए जाएंगे। उन्होंने बताया, ‘‘जोर इस बात पर होगा कि अधिकतम ग्रामीण जनता को कैसे बीमा के दायरे में लाया जाए, जिन्हें वास्तव में बीमा की जरूरत है। आने वाले दिनों में हमारे कुल कारोबार में ग्रामीण हिस्सेदारी भी बढ़ जाएगी।'' उन्होंने कहा कि ‘2047 तक सभी के लिए बीमा' के लक्ष्य को हासिल करने में एलआईसी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और इस दिशा में कंपनी ने पहले ही काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नियामक को धन्यवाद देना चाहिए। नियामक इरडा ने पहले ही एक समग्र उत्पाद ‘बीमा विस्तार' का प्रस्ताव दिया है, जिसमें जीवन, स्वास्थ्य और संपत्ति बीमा शामिल होगा।'' उन्होंने कहा कि इन उत्पादों को बेचने के लिए ‘बीमा वाहक' को लगाया जाएगा और यह एक महिला-केंद्रित वितरण मॉडल होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का आह्वान किया है, जब देश ब्रिटिश शासन से आजादी के 100 साल पूरे करेगा। फिलहाल, भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है लेकिन वैश्विक औसत की तुलना में यहां बीमा की पहुंच कम है। मोहंती ने कहा कि दावा निपटान, ऋण और अन्य सेवाएं एक क्लिक पर उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने कहा, ग्राहकों को कार्यालय आने की जरूरत नहीं है। वे घर बैठे अपने मोबाइल पर हमारी जरूरी सेवाओं तक पहुंच सकते हैं... हम फिनटेक पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और व्यापार के विस्तार में इसकी क्षमता का उपयोग करेंगे।'' उन्होंने कहा कि एलआईसी अपनी खुद की फिनटेक शाखा के विकल्प भी तलाश रही है, जिसे एक कारोबारी मॉडल के रूप में विकसित किया जा सके।
- नयी दिल्ली। सेंसेक्स की शीर्ष 10 कंपनियों में से नौ के बाजार पूंजीकरण में बीते सप्ताह सामूहिक रूप से 2.26 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। सबसे अधिक लाभ में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और इन्फोसिस रहीं। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,658.15 अंक या 2.37 प्रतिशत के लाभ में रहा।शुक्रवार को सेंसेक्स 969.55 अंक या 1.37 प्रतिशत बढ़कर 71,483.75 के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर बंद हुआ। दिन में कारोबार के दौरान यह 1,091.56 अंक या 1.54 प्रतिशत बढ़कर 71,605.76 अंक तक पहुंच गया था, जो इसका अबतक का सर्वकालिक उच्चस्तर है। समीक्षाधीन सप्ताह में रिलायंस इंडस्ट्रीज, टीसीएस, आईसीआईसीआई बैंक और इन्फोसिस सहित नौ कंपनियों का संयुक्त बाजार मूल्यांकन 2,26,391.77 करोड़ रुपये बढ़ गया। सिर्फ भारती एयरटेल के बाजार मूल्यांकन में गिरावट आई। सप्ताह के दौरान टीसीएस का बाजार मूल्यांकन 85,493.74 करोड़ रुपये बढ़कर 14,12,412.13 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सबसे अधिक लाभ में टीसीएस ही रही। इन्फोसिस की बाजार हैसियत 36,793.61 करोड़ रुपये के उछाल के साथ 6,55,457.54 करोड़ रुपये रही।भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का बाजार मूल्यांकन 30,700.67 करोड़ रुपये बढ़कर 5,78,671.84 करोड़ रुपये पर और रिलायंस इंडस्ट्रीज का 26,386.16 करोड़ रुपये के उछाल के साथ 16,88,173.26 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। आईसीआईसीआई बैंक का बाजार पूंजीकरण 18,493.9 करोड़ रुपये बढ़कर 7,27,330.82 करोड़ रुपये पर और जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का 14,294.5 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 5,03,722.82 करोड़ रुपये हो गया। आईटीसी का मूल्यांकन 11,412.78 करोड़ रुपये बढ़कर 5,71,636.39 करोड़ रुपये पर और एचडीएफसी बैंक का 2,428.72 करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ 12,57,093.46 करोड़ रुपये रहा। हिंदुस्तान यूनिलीवर ने सप्ताह के दौरान 387.69 करोड़ रुपये जोड़े और इसका बाजार मूल्यांकन 5,92,801.88 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस रुख के उलट भारती एयरटेल की बाजार हैसियत 3,654.15 करोड़ रुपये घटकर 5,58,242.75 करोड़ रुपये रह गई। शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही। उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, भारतीय स्टेट बैंक, आईटीसी, भारती एयरटेल और एलआईसी का स्थान रहा।
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नई दिल्ली। एनटीपीसी माइनिंग ने वित्त वर्ष 2023-24 में अब तक दो करोड़ 32.2 लाख टन कोयला उत्पादन किया है। यह पूरे वित्त वर्ष 2022-23 में प्राप्त दो करोड़ 32 लाख टन के उत्पादन स्तर से कुछ अधिक है।
उत्पादन का यह स्तर 257 दिनों में हासिल किया गया। यानी 2022-23 के मुकाबले 108 कम दिन में यह उत्पादन हासिल किया गया। सालाना आधार पर कोयला उत्पादन में 77 प्रतिशत और आपूर्ति में 88 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। एनटीपीसी लि. की अनुषंगी एनटीपीसी माइनिंग ने एक बयान में कहा, ‘‘एनटीपीसी माइनिंग लिमिटेड (एनएमएल) ने वित्त वर्ष 2022-23 के दो करोड़ 32.03 लाख टन की तुलना में 2023-24 में 13 दिसंबर तक दो करोड़ 32.23 लाख टन उत्पादन किया…।’’ -
नयी दिल्ली. चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह बजट अनुमान (बीई) के 58.34 प्रतिशत यानी 10.64 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि अप्रैल-नवंबर के दौरान शुद्ध कर संग्रह 10.64 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 23.4 प्रतिशत अधिक है। रिफंड जारी करने से पहले सकल संग्रह अप्रैल-नवंबर की अवधि में 17.7 प्रतिशत बढ़कर 12.67 लाख करोड़ रुपये हो गया। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से नवंबर तक 2.03 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया।
मंत्रालय ने कहा कि जिन मामलों में रिफंड शुरू में विफल हो गया था, उनके लिए विशेष पहल की गई और बाद में वैध बैंक खातों में रिफंड जारी किया गया। चालू वित्त वर्ष 2022-23 में प्रत्यक्ष कर (व्यक्तिगत आयकर और कॉरपोरेट कर) संग्रह 18.23 लाख करोड़ रुपये और अप्रत्यक्ष कर (जीएसटी, सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क) संग्रह 15.38 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। -
नयी दिल्ली. विमानन नियामक डीजीसीए ने बृहस्पतिवार को अयोध्या हवाई अड्डे के लिए ‘एयरोड्रम' लाइसेंस जारी किया। इस हवाई अड्डे को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) लगभग 350 करोड़ रुपये की लागत से विकसित कर रहा है। एएआई के चेयरमैन संजीव कुमार को डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) के प्रमुख विक्रम देव दत्त ने लाइसेंस दिया। एएआई ने बृहस्पतिवार को कहा कि अयोध्या हवाई अड्डे को सभी मौसम की स्थिति के लिए सार्वजनिक उपयोग श्रेणी में एयरोड्रम लाइसेंस दिया गया है। एएआई ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ‘‘हवाई अड्डे में एयरोनॉटिकल ग्राउंड लाइट (एजीएल) बुनियादी ढांचे के साथ 2,200 मीटर लंबा रनवे है। यह डीवीओआर और इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) से युक्त है, जो हवाई अड्डे को रात में और कम दृश्यता/आरवीआर 550 मीटर के दौरान उड़ानों को संचालित करने की अनुमति देता है।'' डीवीओआर डॉपलर अत्यधिक उच्च फ्रीक्वेंसी ओमनी रेंज से संबंधित है, जो विमान के नेविगेशन में मदद करता है। आरवीआर रनवे की दृश्यता से संबंधित है। एएआई ने बयान में कहा, ‘‘बहुप्रतीक्षित अयोध्या हवाई अड्डे में 6,500 वर्गमीटर क्षेत्रफल वाला एक टर्मिनल भवन होगा। यह व्यस्त अवधि के दौरान 600 यात्रियों और सालाना 10 लाख यात्रियों को संभाल सकता है।'' अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विस्तारित रनवे ए-321/ बी-737 प्रकार के विमानों के संचालन के लिए उपयुक्त है।
- नयी दिल्ली । जयराम रमेश ने मारुति 800 के 40 साल पूरे होने पर इंदिरा, राजीव गांधी का योगदान याद किया कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने देश की पहली स्वदेशी कार ‘मारुति 800’ की शुरुआत के 40 बरस पूरे होने पर गुरुवार को इसके निर्माण में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तथा राजीव गांधी के योगदान को याद किया।वर्ष 1983 में 14 दिसंबर को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पहली मारुति 800 की चाभी हरपाल सिंह नामक व्यक्ति को सौंपी थी। हरपाल सिंह का नाम लकी ड्रॉ में निकला था । इसके बाद यह कार भारत के करोड़ों परिवारों का हिस्सा बनी। अब यह चलन से बाहर हो चुकी है।पूर्व पर्यावरण मंत्री रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आज से 40 साल पहले उपभोक्ता क्रांति ने गति पकड़ी और इंजीनियरिंग उद्योग में बदलाव आया। लोगों की कार मारुति 800 शुरू की गई और देश इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को याद करता है, जिन्होंने पीछे रहकर एक शांत लेकिन बेहद प्रभावी भूमिका निभाई थी। ओ. सुजुकी और वी. कृष्णमूर्ति को याद करना भी महत्वपूर्ण है जिन्होंने ऐतिहासिक सुजुकी-मारुति संयुक्त उद्यम को संभव बनाया।’’ उन्होंने कहा कि कृष्णमूर्ति ने पहले ‘भेल’ (भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड) को मजबूती दी थी और बाद में ‘सेल’ (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) का कायापलट किया।रमेश ने इस बात उल्लेख किया, ‘‘कृष्णमूर्ति भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे महान प्रबंधकों में से एक थे। उन्होंने मुझे तीन अलग-अलग मौकों पर नौकरी की पेशकश की, लेकिन मेरी नजरें, सही या गलत, कहीं और थीं। वह अत्यंत सम्मोहक व्यक्तित्व थे।’’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘40 साल बाद हम मारुति-सुज़ुकी (जो अब केवल सुजुकी है) और इसके कई प्रभावों का स्मरण करते हैं। आइए, असमानता और जलवायु परिवर्तन के दृष्टिकोण से, थोड़ा रुककर सोचें कि आज कुल बिक्री होने वाली कारों में 50 प्रतिशत से अधिक ‘एसयूवी’ (स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल) होती हैं।’’
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नयी दिल्ली. अमेरिकी रेटिंग एजेंसी फिच का अनुमान है कि भारत में अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनावों में मौजूदा सत्ता के ही दोबारा जीतकर आने की ‘काफी हद तक संभावना' है। फिच रेटिंग्स ने मंगलवार को बयान में आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर अपना आकलन पेश करते हुए कहा कि मौजूदा प्रशासन के दोबारा लौटकर आने की अधिक संभावना होने से भारत में नीतियों को लेकर निरंतरता बने रहने की उम्मीद है। हालांकि, अगली सरकार को चुनाव में मिलने वाले बहुमत का आकार ही यह तय करेगा कि सरकार अपने सुधारों के एजेंडा पर कितने महत्वाकांक्षी ढंग से आगे बढ़ पाती है। रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘‘हमारी काफी हद तक यह राय है कि भारत और बांग्लादेश में मौजूदा सरकार के पास ही सत्ता बनी रहेगी। भारत में अगले साल अप्रैल-मई और बांग्लादेश में जनवरी में आम चुनाव होने वाले हैं। ऐसा होने पर व्यापक नीतिगत निरंतरता बने रहने का संकेत मिलता है।'' फिच ने भारत को 'बीबीबी-' रेटिंग के साथ स्थिर परिदृश्य दिया हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली मौजूदा सरकार का इस समय दूसरा कार्यकाल चल रहा है। यह सरकार पहली बार वर्ष 2014 में चुनकर आई थी और वर्ष 2019 में इसने अपनी सत्ता बरकरार रखी थी। अगर मोदी सरकार फिर से चुनाव जीतने में सफल रहती है तो यह इसका लगातार तीसरा कार्यकाल होगा।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि एशियाई क्षेत्र के रेटिंग पोर्टफोलियो में शामिल करीब आधे देशों में वर्ष 2024 में संसद या राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं। इन चुनावों में निरंतरता का मुद्दा प्रमुखता से छाए रहने की उम्मीद है। हालांकि, पाकिस्तान एवं श्रीलंका में चुनावी नतीजों का इन देशों के क्रेडिट प्रोफाइल पर असर पड़ने की आशंका भी है। इसकी वजह यह है कि ये दोनों देश अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से मिले राहत पैकेज कार्यक्रम पर काफी हद तक निर्भर हैं। -
मुंबई. शेयर बाजारों में दो दिन की रिकॉर्ड तेजी के बाद निवेशकों की मुनाफावसूली से मंगलवार को बीएसई सेंसेक्स 377 अंक से अधिक लुढ़क गया। मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी होने से पहले यह गिरावट आई है। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 377.50 अंक यानी 0.54 प्रतिशत की गिरावट के साथ 69,551.03 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 484.68 अंक तक लुढ़क गया था। पचास शेयरों पर आधारित नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 90.70 अंक यानी 0.43 प्रतिशत की गिरावट के साथ 20,906.40 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 21,037.90 अंक की रिकॉर्ड ऊंचाई तक चला गया था। विदेशी निवेशकों की लिवाली से दोनों प्रमुख सूचकांक सोमवार को रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुए थे। बीएसई सेंसेक्स पहली बार कारोबार के दौरान 70,057.83 अंक तक चला गया था। निफ्टी भी 21,000 के नीचे 20,997.10 अंक के रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ था। जियोजीत फाइनेंशियल के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘हाल की उल्लेखनीय तेजी के बाद निफ्टी 50 में कुछ गिरावट आई। इसका कारण खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से नवंबर महीने में मुद्रास्फीति के ऊंचा रहने का अनुमान है। इससे रिजर्व बैंक नीतिगत दर में कटौती में देरी कर सकता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसके विपरीत, अमेरिकी में मुद्रास्फीति परिदृश्य स्थिर बना हुआ है। इससे अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति प्रभावित होगी।'' सेंसेक्स की कंपनियों में इंडसइंड बैंक, मारुति, टाइटन, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एनटीपीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, कोटक महिंद्रा बैंक, एचडीएफसी बैंक और लार्सन एंड टुब्रो प्रमुख रूप से नुकसान में रहीं। दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में अल्ट्राटेक सीमेंट, जेएसडब्ल्यू स्टील, एक्सिस बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, विप्रो और आईटीसी शामिल हैं। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, ‘‘उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में निफ्टी में दो दिन से जारी तेजी पर विराम लगा। वैश्विक शेयर बाजारों में ज्यादातर में हल्की सकारात्मक गतिविधियां रहीं। अमेरिका में महंगाई आंकड़े तथा केंद्रीय बैंक की बैठक से पहले से निवेशक कोई बड़ा जोखिम लेने से दूर रहे।'' अधिक शेयरों का प्रतिनिधित्व करने वाले बीएसई मिडकैप 0.40 प्रतिशत नीचे आया जबकि स्मॉलकैप 0.27 प्रतिशत के नुकसान में रहा। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में ज्यादातर में दोपहर के कारोबार में तेजी का रुख रहा। अमेरिकी बाजार सोमवार को लाभ में रहे थे। इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.39 प्रतिशत की बढ़त के साथ 76.33 डॉलर प्रति बैरल रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को 1,261.13 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। - नयी दिल्ली। निर्यात पर प्रतिबंध के खिलाफ महाराष्ट्र में प्याज किसानों के विरोध के बीच केंद्र ने सोमवार को कहा कि वह किसानों के हितों की रक्षा के लिए सभी मंडियों से अपने बफर स्टॉक के लिए लगभग दो लाख टन खरीफ प्याज फसल खरीदेगी। खरीद यह सुनिश्चित करेगी कि घरेलू थोक दरें स्थिर रहें और प्रतिबंध के कारण तेज गिरावट न आये। दूसरी ओर, सरकार ने कहा कि बफर स्टॉक का इस्तेमाल खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए किया जाएगा। प्याज की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए केंद्र ने आठ दिसंबर को अगले साल 31 मार्च तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके चलते महाराष्ट्र के नासिक जिले में प्याज किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया।उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, ‘‘निर्यात प्रतिबंध का किसानों पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि सरकारी खरीद जारी है। इस साल अबतक हमने 5.10 लाख टन प्याज की खरीद की है तथा लगभग दो लाख टन ख़रीफ़ प्याज फसल की और खरीद की जायेगी।'' आमतौर पर सरकार रबी प्याज के लंबे समय तक खराब न होने की गुणवत्ता को देखते हुए इसकी खरीद करती है। हालांकि, पहली बार सरकार किसानों के हितों की रक्षा करने और खुदरा बाजारों में कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए खरीफ प्याज फसल की खरीद करेगी। सरकार बफर स्टॉक बनाए रखने एवं घरेलू उपलब्धता को बढ़ावा देने तथा कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए बाजार हस्तक्षेप के लिए प्याज की खरीद कर रही है। सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बफर स्टॉक का लक्ष्य बढ़ाकर सात लाख टन कर दिया है, जबकि पिछले साल वास्तविक स्टॉक तीन लाख टन का ही था। सिंह के अनुसार, बफर स्टॉक के लिए किसानों से लगभग 5.10 लाख टन प्याज खरीदा गया है, जिसमें से 2.73 लाख टन का बाजार हस्तक्षेप के तहत थोक मंडियों में निपटान किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 50 दिन में 218 शहरों में खुदरा बाजार में लगभग 20,718 टन प्याज रियायती दरों पर बेचा गया, जबकि खुदरा बिक्री अब भी जारी है। कुमार ने कहा कि बाजार में हस्तक्षेप जारी रहेगा क्योंकि वर्ष 2023 का खरीफ उत्पादन थोड़ा कम होने की उम्मीद है और मौसम के कारण फसल की आवक में भी देरी हो रही है। थोक और खुदरा बाजारों में 5.10 लाख टन बफर प्याज के निपटान के बाद सरकार के पास एक लाख टन प्याज का स्टॉक बचा है। सरकार ने किसानों को कीमतों में गिरावट से बचाने के लिए इस साल फरवरी में थोड़ी मात्रा में देर से आने वाले खरीफ प्याज की खरीद की थी। उन्होंने कहा कि इस बार बाजार में हस्तक्षेप के लिए पहली बार खरीफ फसल की खरीद की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘प्याज का बफर स्टॉक बनाए रखकर सरकार यह संकेत देती है कि अगर व्यापारी जमाखोरी करते हैं और कीमतें बढ़ाते हैं तो इसे बाजार में कभी भी बेचा जा सकता है।'' सिंह ने कहा कि रबी की अच्छी फसल के कारण इस साल जून तक प्याज की कीमतें नियंत्रण में थीं। हालांकि, जुलाई के बाद, जब प्याज का मौसम नहीं होने के दौरान भंडारित प्याज की खपत की जाती है, तो रबी प्याज की गुणवत्ता और देर से हुई खरीफ बुवाई पर चिंताओं के कारण कीमतें बढ़ने लगीं। उन्होंने कहा कि इसके चलते जुलाई में सरकार ने प्याज निर्यात को प्रतिबंधित करने के लिए प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाया। हालांकि, इससे कोई फायदा नहीं हुआ और घरेलू हितों की रक्षा के लिए निर्यात पर प्रतिबंध लगाना पड़ा। उन्होंने कहा कि प्याज की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमतें आठ दिसंबर को घटकर 56 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई हैं, जो आठ नवंबर को 59.5 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि खरीफ की फसल में देरी, मौसम संबंधी समस्याओं के कारण खरीफ उत्पादन प्रभावित हुआ, तुर्की और मिस्र द्वारा लगाए गए निर्यात प्रतिबंध के कारण वैश्विक आपूर्ति में बाधा आई।
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नई दिल्ली| हफ्ते के पहले कारोबारी दिन यानी सोमवार को कुछ चुनिंदा बैंकिंग, मेटल और IT शेयरों में तेजी के दम पर घरेलू बेंचमार्क सूचकांक नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए। इस बीच ग्लोबल मार्केट में मिले-जुले रुझान देखे गए। आज के कारोबार में BSE सेंसेक्स 103 अंक मजबूत हुआ। वहीं, निफ्टी (Nifty) में भी 28 अंक की बढ़ोतरी दर्ज की गई। व्यापक बाजारों ने भी बेहतर प्रदर्शन किया। BSE मिडकैप इंडेक्स 0.9 फीसदी उछला, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स 0.7 फीसदी बढ़ा।
सेंसेक्स ने छुआ नया शिखरसेंसेक्स सोमवार को शुरुआती कारोबार में पहली बार 70,000 के स्तर को पार कर गया, जबकि निफ्टी 21,000 के स्तर के पार पहुंचा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा चालू वित्त वर्ष में वृद्धि पूर्वानुमान बढ़ाने और नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखने के बाद प्रमुख सूचकांक शुक्रवार को अपने ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गए थे।BSE का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स (Sensex) 102.93 अंक यानी 0.15 फीसदी की बढ़त के साथ 69,928.53 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में आज 69,782.48 और 70,057.83 के रेंज में कारोबार हुआ।वहीं, दूसरी तरफ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के निफ्टी (Nifty) में भी 27.70 अंक यानी 0.13 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। निफ्टी दिन के अंत में 20,997.10 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी में आज 20,923.70 और 21,026.10 के रेंज में कारोबार हुआ।आज के कारोबार में सेंसेक्स के शेयरों में 19 शेयर हरे निशान पर बंद हुए। अल्ट्राटेक सीमेंट, नेस्ले इंडिया, पावर ग्रिड, टाटा मोटर्स और इंडसइंड बैंक सेंसेक्स के टॉप 5 गेनर्स रहे। सबसे ज्यादा मुनाफा अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयरों को हुआ। इसके शेयर 3.04 फीसदी चढ़ गए।वहीं, दूसरी तरफ सेंसेक्स के शेयरों में 11 शेयर लाल निशान पर बंद हुए। एक्सिस बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, HUL, मारुति और बजाज फिनसर्व सेंसेक्स के टॉप 5 लूजर्स रहे। सबसे ज्यादा नुकसान एक्सिस बैंक के शेयरों को हुआ। इसके शेयर 1.26 फीसदी गिर गए।एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में जबकि चीन का शंघाई कम्पोजिट और जापान का निक्की लाभ में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में जर्मनी का डीएएक्स अपरिवर्तित रहा जबकि फ्रांस का सीएसी-40 लाभ में और लंदन का एफटीएसई नुकसान में रहा। -
नयी दिल्ली. अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी ने अगले 10 वर्षों में पूंजीगत व्यय के रूप में सात लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना से संबंधित कुछ विवरण साझा किए हैं। इस निवेश से बुनियादी ढांचे के विकास में समूह की स्थिति और मजबूत होगी। अडाणी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर समूह की निवेश योजनाओं के तहत अपनी 'हरित' पहलों के बारे में जानकारी दी है। अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस ने शेयर बाजार को बताया कि समूह ने भारत में सबसे बड़े बुनियादी ढांचा विकासकर्ता के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए अगले 10 वर्षों में सात लाख करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने की योजना बनाई है। समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड खनन, हवाई अड्डों, रक्षा एवं वैमानिकी, सौर विनिर्माण, सड़क, मेट्रो और रेल, डेटा केंद्रों और संसाधन प्रबंधन तक कारोबार का विस्तार कर रही है। समूह का बंदरगाह व्यवसाय हरित अभियान पर खासतौर से ध्यान दे रहा है।
अडाणी ने एक्स पर लिखा, ''हम वर्ष 2025 तक देश में एकमात्र कार्बन-तटस्थ बंदरगाह संचालक के रूप में एक राष्ट्रीय मानदंड स्थापित करेंगे और वर्ष 2040 तक एपीएसईजेड शुद्ध-शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल कर लेगी।'' उन्होंने लिखा, ''हमारे जलवायु-अनुकूल बदलावों में सभी क्रेनों का विद्युतीकरण करना, सभी डीजल-आधारित वाहनों को बैटरी-आधारित वाहनों में बदलना शामिल है। इसके अतिरिक्त 1000 मेगावाट की आंतरिक नवीकरणीय क्षमता भी स्थापित की जाएगा।'' अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एपीएसईजेड) देश की सबसे बड़ी बंदरगाह परिचालक है। इसके देश के पूर्वी और पश्चिमी दोनों तटों पर बंदरगाह हैं। उन्होंने कहा, ''पर्यावरण सुरक्षा के लिए हमारा समर्पण हमारे विस्तारित मैंग्रोव वृक्षारोपण से भी दिखता है। इसे वित्त वर्ष 2024-25 तक 5000 हेक्टेयर क्षेत्र में बढ़ाना है। यह हरित भविष्य की दिशा में एक और कदम है। साथ ही जलवायु प्रबंधन के लिए हमारी प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है।'' गुजरात के कच्छ रेगिस्तान में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य की तस्वीरें साझा करते हुए अडाणी ने कहा कि उनका समूह ''दुनिया का सबसे बड़ा हरित ऊर्जा पार्क'' बना रहा है। उन्होंने कहा कि इस रेगिस्तान के 726 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली यह विशाल परियोजना अंतरिक्ष से भी दिखाई देती है। हम दो करोड़ से अधिक घरों को बिजली देने के लिए 30 गीगावाट बिजली का उत्पादन करेंगे। इसके अलावा एक परियोजना का निर्माण मुंद्रा में भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि समूह की शहरी गैस फर्म अडाणी टोटल गैस लिमिटेड बड़े पैमाने पर विस्तार कर रही है।
इसके साथ ही अडाणी ने कहा कि शहरी इलाकों में गैस की आपूर्ति करने वाली अडाणी टोटल गैस लिमिटेड सीएनजी और पाइपयुक्त प्राकृतिक गैस, संपीडित बायोगैस एवं ई-मोबिलिटी की दिशा में व्यापक प्रसार कर रही है। -
नयी दिल्ली. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ट्रक चालकों के लिए सफर को सुविधाजनक बनाने के मकसद से अक्टूबर, 2025 से बनने वाले ट्रकों के केबिन में एयरकंडीशनर देना अनिवार्य कर दिया है। मंत्रालय ने एक गजट अधिसूचना जारी करते हुए कहा, "एक अक्टूबर, 2025 या उसके बाद बनने वाले एन-2 एवं एन-3 श्रेणी के वाहनों के केबिन में वातानुकूलन प्रणाली (एसी) लगानी होगी।" सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जुलाई में ही ट्रक चालकों के लिए केबिन में एयरकंडीशनर लगाना अनिवार्य किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने की जानकारी दी थी। गडकरी ने हाल ही में कहा था कि माल ढुलाई में ट्रक चालक बहुत अहम भूमिका निभाते हैं लिहाजा उनके कामकाज के हालात और मनोदशा को ठीक रखने के लिए इस पर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने जल्द ही ट्रकों के केबिन में एयरकंडीशनर देना अनिवार्य करने की बात कही थी। गडकरी ने ट्रक चालकों के अत्यधिक गर्मी में काम करने का हवाला देते हुए कहा था कि कुछ पक्ष केबिन में एयरकंडीशनर देने से ट्रक की लागत बढ़ने का तर्क दे रहे थे। लेकिन सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय इसे अनिवार्य करने के पक्ष में रहा है।
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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने छह दशमलव पांच प्रतिशत की रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज मुम्बई में मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद बताया कि समिति ने एकमत से प्रमुख दरों में बदलाव नहीं करने का निर्णय लिया है। समिति ने लगातार पांचवीं बार दरों में यथास्थिति को बनाए रखा है।
शक्तिकांत दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद दर सात प्रतिशत प्रस्तावित है, जबकि तीसरी तिमाही में यह छह दशमलव पांच और चौथी तिमाही में छह प्रतिशत प्रस्तावित है।वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर छह दशमलव सात प्रतिशत, दूसरी तिमाही के लिए छह दशमलव पांच प्रतिशत और तीसरी तिमाही के लिए छह दमशलव चार प्रतिशत प्रस्तावित है। -
नयी दिल्ली. मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने बृहस्पतिवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहेगी। नागेश्वरन ने कहा कि यह दशक अनिश्चितता का रहने वाला है। अगर कॉरपोरेट क्षेत्र अपने निवेश में देरी करता है, तो रोजगार सृजन और आर्थिक वृद्धि में वृद्धि का चक्र हकीकत नहीं बन पाएगा। उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है, जब मैं वास्तविक जीडीपी वृद्धि में औसतन साढ़े छह प्रतिशत हासिल करने की बात करता हूं, तो मैं इसमें तेजी को लेकर खुद को अचंभित होने को लेकर पर्याप्त जगह दे रहा हूं।'' देश की आर्थिक वृद्धि दर 2022-23 में 7.2 प्रतिशत रही थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। विनिर्माण, खनन और सेवा क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन के साथ देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 7.6 प्रतिशत रही है। एक साल पहले इसी तिमाही में यह 6.2 प्रतिशत थी। नागेश्वरन ने कहा कि निवेश और विनिर्माण के प्रति पुनर्संतुलन तब होगा जब निवेश चक्र उच्चस्तर पर पहुंच जाएगा जैसा कि सहस्राब्दी के पहले दशक में हुआ था।
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नई दिल्ली।वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि देश में आर्थिक हालात बेहतर हैं और अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्र महत्वपूर्ण प्रगति कर रहे हैं। राज्य सभा में देश की आर्थिक स्थिति पर अल्पकालिक बहस का जवाब देते हुए श्रीमती सीतारामन ने कहा कि भारत विश्व में विनिर्माण के क्षेत्र में दूसरा सबसे बड़ा आकर्षक स्थल है। उन्होंने सदन में मंगलवार को शुरू हुई बहस का जवाब देते हुए उद्योग जगत में देश की उपलब्धियां भी गिनाई।
वित्तमंत्री ने कहा कि इस वर्ष प्रत्यक्ष कर संग्रह में करीब 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि जीएसटी का मासिक संग्रह एक लाख साठ हजार करोड़ रुपए पर स्थिर रहा है। उन्होंने कहा कि यह सभी संकेत आर्थिक वृद्धि को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि जुलाई से सितम्बर के दौरान सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि देखी गई तथा भारत ने सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था की गति को लगातार बरकरार रखा। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि जुलाई से सितम्बर की तिमाही में विश्व की तीसरी और चौथी सबसे बडी अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट देखी गई। उन्होंने कहा कि दूसरी तिमाही में सात दशमलव छह प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करना भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है।वित्तमंत्री ने कहा कि केवल पिछले आठ वर्ष में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था बना है। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना-पी एल आई योजनाओं के कारण विनिर्माण क्षेत्र भी अब अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि बेरोजगारी दर 2017-18 में 17 दशमलव आठ प्रतिशत से घटकर दस प्रतिशत पर आ गई है। उन्होंने बताया कि महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार ने कई उपाय किए है। चर्चा में विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों ने हिस्सा लिया।