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- मुंबई। घरेलू शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 420 अंक लुढ़क कर 61,000 अंक के नीचे बंद हुआ। वैश्विक स्तर पर बिकवाली दबाव के बीच महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फिनसर्व और रिलायंस इंडस्ट्रीज में गिरावट से बाजार नुकसान में रहा। कारोबारियों के अनुसार, डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट से भी घरेलू शेयर बाजार पर असर पड़ा।तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 419.85 अंक यानी 0.69 प्रतिशत की गिरावट के साथ 60,613.70 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स ऊंचे में 60,848.73 तक गया और नीचे में 60,425.47 अंक तक आया। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 128.80 अंक यानी 0.71 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,028.20 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में 3.54 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में एक्सिस बैंक रहा। इसके अलावा बजाज फिनसर्व, टाइटन, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फाइनेंस और इंडसइंड बैंक भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। दूसरी तरफ एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी लि., भारती एयरटेल, कोटक बैंक, डॉ. रेड्डीज और एचयूएल 1.13 प्रतिशत तक लाभ में रहे। एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट, जापान का निक्की, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा।अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.06 प्रतिशत की गिरावट के साथ 92.59 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 30 पैसे टूटकर 81.77 (अस्थायी) पर बंद हुई। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक घरेलू बाजार में शुद्ध लिवाल रहे और उन्होंने बुधवार को 386.83 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।
- नयी दिल्ली ।अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में तेजी आने के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोना 135 रुपये मजबूत होकर 51,898 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 51,763 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।हालांकि, चांदी की कीमत 250 रुपये की गिरावट के साथ 61,618 रुपये प्रति किलोग्राम रह गयी।मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में जिंस शोध विभाग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, नवनीत दमानी ने कहा, ‘‘अमेरिका के महत्वपूर्ण मुद्रास्फीति के आंकड़ों से पहले बाजार भागीदारों ने सतर्कता का रुख बरता। मुद्रास्फीति के आंकड़ों से पता चलते कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक का ब्याज दरों को लेकर रुख क्या रहेगा।'' अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना बढ़त के साथ 1,709 डॉलर प्रति औंस हो गया, जबकि चांदी गिरावट के साथ 21.05 डॉलर प्रति औंस पर रही। गौरतलब है कि बुधवार को शुरुआती कारोबार में रुपया 50 पैसे चढ़कर 81.42 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक विनय रजनी ने कहा, ‘‘सोमवार को भारी तेजी दर्ज करने के बाद सोना पिछले दो कारोबारी सत्रों से ‘सुगठन' के दौर में रहा। निवेशकों को अमेरिकी मध्यावधि चुनावों पर अनिश्चितता के बीच मुद्रास्फीति के आंकड़ों का इंतजार है
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नयी दिल्ली। वैक्यूम क्लीनर बनाने वाली कंपनी यूरेका फोर्ब्स ने शुभम श्रीवास्तव को मुख्य उत्पाद एवं प्रौद्योगिकी अधिकारी और गौरव खंडेलवाल को मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) नियुक्त कर अपने नेतृत्व दल को मजबूत किया है। कंपनी ने बुधवार को यह जानकारी दी। यूरेका फोर्ब्स ने बयान में कहा कि श्रीवास्तव डिजिटल परिवर्तन को आगे बढ़ाएंगे और खंडेलवाल यूरेका फोर्ब्स लिमिटेड (ईएफएल) के वित्त, वाणिज्यिक, कानूनी एवं सचिवीय कार्यों का नेतृत्व करेंगे। श्रीवास्तव प्रौद्योगिकी मंच और उत्पादों के निर्माण के लिए जिम्मेदार होंगे और इस तरह से ईएफएल में डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देंगे। इससे पहले, वह हिंदुस्तान टाइम्स डिजिटल स्ट्रीम्स के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी थे।
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मुंबई.मासिक किस्त बढ़ने के बावजूद आवास ऋण लेने वाले ग्राहकों द्वारा कर्ज की अदायगी पर असर पड़ने की संभावना नहीं है। रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार, आवास ऋण देने वाली कंपनियों के पास कर्ज अवधि बढ़ाने की गुंजाइश कम है। मुख्य आवास ऋण खंड में पहले से ही किस्तें भरने की लंबी अवधि है और ऋण अवधि में एक और वृद्धि से यह कर्ज लेने वालों के कुल जीवन से आगे निकल जायेगी। इक्रा के वित्तीय क्षेत्र की रेटिंग प्रमुख मनुश्री सागर ने कहा कि इसके कारण आवास ऋण के लिए मासिक किस्तें (ईएमआई) 12 से 21 प्रतिशत बढ़ जाएंगी। वहीं, किफायती आवास ऋण खंड के मामले में यह आठ से 13 प्रतिशत बढ़ सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ब्याज दरों में और वृद्धि की संभावना है। इसलिए ऋणदाताओं के पास ऋण अवधि बढ़ाने की सीमित गुंजाइश है। इस प्रकार ईएमआई की राशि को बढ़ाना होगा और इसमें बदलाव करना होगा। हालांकि, इससे एचएफसी के परिसंपत्ति गुणवत्ता संकेतकों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है।'' उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने उच्च मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए इस साल मई के बाद से नीतिगत ब्याज दरों में 1.90 प्रतिशत की वृद्धि की है। इससे कर्ज लेने वालों द्वारा भुगतान की जाने वाली दरों में भी वृद्धि हुई है।
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नयी दिल्ली.डिजिलॉकर, खाता एग्रीगेटर प्रणाली और वीडियो ई-केवाईसी जैसे सार्वजनिक साधन भारत की अगली डिजिटल क्रांति को आगे बढ़ाएंगे। बैंकबाजार डॉट कॉम के संस्थापक मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आदिल शेट्टी ने यह बात कही। सार्वजनिक साधन उन वस्तुओं एवं सेवाओं कहते हैं, जो समाज के सभी सदस्यों के लिए समान रूप से उपलब्ध होती हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल में कहा था कि देश में 2022 में डिजिटल लेनदेन का आंकड़ा 50 अरब तक पहुंच गया। शेट्टी ने एक बातचीत में कहा कि यह आंकड़ा अमेरिका और चीन की तुलना में तीन गुना है। इसे डिजिटल भुगतान क्रांति के दौरान यूपीआई, रुपे और आधार जैसे डिजिटल सार्वजनिक साधनों की मदद से हासिल किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘बैंकबाजार का मानना है कि एक और क्रांति हो रही है। दुनिया इसे अब से एक या दो साल में पहचान लेगी। यह अगली डिजिटल क्रांति होगी, जो दूसरी पीढ़ी के सार्वजनिक साधनों द्वारा संचालित होगी, जैसे डिजिलॉकर, खाता एग्रीगेटर और वीडियो ईकेवाईसी आदि।'' उन्होंने कहा कि आज भारत में डिजिलॉकर पर 12.8 करोड़ पंजीकृत उपयोगकर्ता हैं और 400 प्रकार के दस्तावेज इससे जुड़े हैं। इस तरह तकनीकी रूप से 500 करोड़ ई-दस्तावेज डिजिलॉकर जमा किए जा सकते हैं। शेट्टी ने आगे कहा, ‘‘यह (देश में) ऋण के लिए पासा पलटने वाला है। खाता एग्रीगेटर के संबंध में एक बड़ा बदलाव तब हुआ, जब वित्त मंत्री ने इस साल की शुरुआत बैंकों से इस प्रणाली से जुड़ने के लिए कहा था।'' खाता एग्रीगेटर मॉडल से छोटे कर्जदारों को आसानी से ऋण मिलेगा और डिजिटल कर्ज बढ़ेगा। शेट्टी के मुताबिक, इस समय एक अरब (100 करोड़) बैंक खाते अकाउंट एग्रीगेटर (एए) प्रणाली पर उपलब्ध हैं। बैंकबाजार डॉट कॉम भी एए प्रणाली से जुड़ने पर विचार कर रही है।
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नयी दिल्ली. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आर्थिक सुधारों के जरिये देश को नई दिशा देने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मंगलवार को प्रशंसा करते हुए कहा कि इसके लिए देश उनका ऋणी है। गडकरी ने यहां आयोजित ‘टीआईओएल पुरस्कार 2022' समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 1991 में तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा शुरू किए गए आर्थिक सुधारों ने भारत को एक नई दिशा दिखाने का काम किया। उन्होंने पोर्टल ‘टैक्सइंडियाऑनलाइन' की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘उदार अर्थव्यवस्था के कारण देश को नई दिशा मिली। उसके लिए देश मनमोहन सिंह का ऋणी है।'' गडकरी ने मनमोहन की नीतियों से नब्बे के दशक में महाराष्ट्र की सड़कों के लिए पैसे जुटाने में मिली मदद का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह की तरफ से शुरू किए गए आर्थिक सुधारों की वजह से वह महाराष्ट्र का मंत्री रहने के दौरान इन सड़क परियोजनाओं के लिए धन जुटा पाए थे। गडकरी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत को एक उदार आर्थिक नीति की जरूरत है जिसमें गरीबों को भी लाभ पहुंचाने की मंशा हो। उन्होंने कहा कि उदार आर्थिक नीति किसानों एवं गरीबों के लिए है। उन्होंने उदार आर्थिक नीति के माध्यम से देश का विकास करने में चीन को एक अच्छा उदाहरण बताया।
गडकरी ने भारत के संदर्भ में कहा कि आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए देश को अधिक पूंजीगत निवेश की जरूरत होगी। उन्होंने अपने मंत्रालय की तरफ से देशभर में किए जा रहे 26 एक्सप्रेसवे के निर्माण का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें उन्हें पैसे की कमी का सामना नहीं करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) राजमार्गों के निर्माण के लिए आम आदमी से भी पैसे जुटा रहा है। गडकरी के मुताबिक, 2024 के अंत तक एनएचएआई का टोल से मिलने वाला राजस्व बढ़कर 1.40 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा जो फिलहाल 40,000 करोड़ रुपये सालाना है। -
नयी दिल्ली. एस्कॉर्ट्स कुबोटा की इकाई एस्कॉर्ट्स एग्री मशीनरी (ईएएम) अगले सप्ताह से ट्रैक्टर की कीमतों में एक से दो प्रतिशत की बढ़ोतरी करने वाली है। ईएएम ने शेयर बाजार को दी गई सूचना में कहा कि ट्रैक्टरों की कीमतों में बढ़ोतरी जिंस के दाम एवं अन्य लागत बढ़ने की वजह से करनी पड़ रही है। कीमत बढ़ोतरी 16 नवंबर से लागू होगी। कंपनी ने कहा कि ट्रैक्टरों के मॉडल एवं संस्करणों के आधार पर कीमत वृद्धि का स्तर अलग-अलग होगा। इस बारे में संपर्क किए जाने पर कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि ट्रैक्टर के दाम एक से दो प्रतिशत बढ़ाए जाएंगे। -
नयी दिल्ली. त्योहारी सीजन की मांग से देश में वाहनों की खुदरा बिक्री में अक्टूबर माह में 48 प्रतिशत का जोरदार उछाल आया है। वाहन डीलर संघों के महासंघ (फाडा) ने सोमवार को यह जानकारी दी। अक्टूबर में वाहनों की कुल खुदरा बिक्री 20,94,378 इकाई रही। यह अक्टूबर, 2021 के 14,18,726 इकाई के आंकड़े से 48 प्रतिशत अधिक है। अक्टूबर, 2022 में वाहनों का पंजीकरण कोविड-पूर्व यानी अक्टूबर, 2019 से भी आठ प्रतिशत अधिक रहा है।
पिछले महीने सभी वाहन खंडों.....यात्री और वाणिज्यिक वाहन, दोपहिया, ट्रैक्टर और तिपहिया का प्रदर्शन अक्टूबर, 2021 से बेहतर रहा। पिछले महीने यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री 41 प्रतिशत बढ़कर 3,28,645 इकाई पर पहुंच गई। यह अक्टूबर, 2021 में 2,33,822 इकाई रही थी। इसी तरह दोपहिया वाहनों का पंजीकरण पिछले महीने 51 प्रतिशत के उछाल के साथ 15,71,165 इकाई पर पहुंच गया। यह आंकड़ा अक्टूबर, 2021 में 10,39,845 इकाई रहा था। अक्टूबर में वाणिज्यिक वाहनों की खुदरा बिक्री 25 प्रतिशत बढ़कर 74,443 इकाई रही। एक साल पहले समान महीने में यह 59,363 इकाई रही थी। अक्टूबर, 2022 में तिपहिया और ट्रैक्टर की बिक्री में क्रमश: 66 प्रतिशत और 17 प्रतिशत का उछाल आया। फाडा के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने बयान में कहा, ‘‘अक्टूबर त्योहारों का महीना रहा। सभी श्रेणियों की डीलरशिप पर इस दौरान काफी मांग देखी गई। 2019 के कोविड-पूर्व के महीने की तुलना में भी इस साल अक्टूबर में बिक्री अधिक रही है।'' इस साल 42 दिन की त्योहारी अवधि में वाहनों की कुल खुदरा बिक्री 29 प्रतिशत बढ़कर 28,88,131 इकाई पर पहुंच गई। पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 22,42,139 इकाई रहा था। इस अवधि में यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री 34 प्रतिशत बढ़कर 4,56,413 इकाई पर पहुंच गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 3,39,780 इकाई रही थी। इस दौरान दोपहिया वाहनों का पंजीकरण 26 प्रतिशत बढ़कर 21,55,311 इकाई पर पहुंच गया, जो एक साल पहले समान अवधि में 17,05,456 इकाई रहा था। इसी तरह तिपहिया, वाणिज्यिक वाहन और ट्रैक्टर की बिक्री त्योहारी अवधि में क्रमश: 68, 29 और 30 प्रतिशत अधिक रही। -
नई दिल्ली। टाटा मोटर्स ने साल 2023 के लिए खास तैयारी की है, जहां वह अलग-अलग सेगमेंट में एक से बढ़कर एक कार और एसयूवी लॉन्च करने वाली हैं। इनमें नेक्स्ट जेनरेशन टाटा नेक्सॉन के साथ ही अल्ट्रोज के इलेक्ट्रिक वेरिएंट का लंबे समय से इंतजार है। टाटा मोटर्स अगले साल अपनी कई धांसू कारों के नेक्स्ट जेनरेशन मॉडल लॉन्च करने वाली है, जिनमें बेस्ट सेलिंग एसयूवी टाटा नेक्सॉन भी है। नेक्स्ट जेनरेशन नेक्सॉन को बेहतर लुक के साथ ही काफी सारी नई खूबियों के साथ पेश किया जा सकता है। इसके साथ ही अगले साल कंपनी अपनी फुल साइज एसयूवी टाटा हैरियर (Tata Harrier Petrol) और टाटा सफारी के पेट्रोल वेरिएंट (Tata Safari Petrol) को फेसलिफ्ट अवतार के साथ मार्केट में पेश करने की तैयारी में है। लंबे समय से इन एसयूवी की टेस्टिंग जारी है और जल्द ही इनकी एंट्री हो सकती है।इलेक्ट्रिक कारें
भारत में अगले साल, यानी 2023 में टाटा मोटर्स कई इलेक्ट्रिक कारें लॉन्च कर सकती है, जिसमें पहला नाम टाटा अल्ट्रोज ईवी (Tata Altroz EV) का है। इसके साथ ही टाटा पंच को भी इलेक्ट्रिक वेरिएंट में पेश किया जा सकता है। इन दोनों कारों के प्रोडक्शन रेडी मॉडल को ऑटो एक्सपो 2023 में पेश किया जा सकता है। टाटा अल्ट्रोज इलेक्ट्रिक का लंबे समय से इंतजार है और 10-12 लाख रुपये तक की प्राइस रेंज में आ सकती है। आने वाले समय में पंच ईवी और अल्ट्रोज ईवी लॉन्च को लेकर ज्यादा डिटेल सामने आ जाएगी और निश्चित है कि ये किफायती दाम में बेहतर रेंज के साथ आ सकती हैं। file photo -
नयी दिल्ली। वाहन विनिर्माता टाटा मोटर्स ने अपने यात्री वाहनों की कीमतों में औसतन 0.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है। कंपनी ने शनिवार को जारी एक बयान में अपने वाहनों की कीमत बढ़ाने की घोषणा की। वाहनों के मॉडल एवं संस्करणों के आधार पर कीमतों में वृद्धि अलग-अलग की गई है। औसत कीमत वृद्धि 0.9 प्रतिशत हुई है। नई दरें सात नवंबर से लागू हो जाएंगी। टाटा मोटर्स ने कहा कि वह वाहन विनिर्माण की बढ़ी हुई लागत के बड़े हिस्से का बोझ खुद उठाती रही है लेकिन समग्र इनपुट लागत में तीव्र वृद्धि होने से उसे इसका कुछ बोझ उपभोक्ताओं पर डालने के लिए मजबूर होना पड़ा है। टाटा मोटर्स इस समय टियागो, पंच, नेक्सॉन, हैरियर और सफारी मॉडलों की बिक्री करती है और इन वाहनों के कई संस्करण भी उपलब्ध हैं।
- नई दिल्ली। मारुति सुजुकी ऑल्टो की फेस्टिवल सीजन में सबसे ज्यादा बिक्री हुई है और यह सस्ती कार देश की बेस्ट सेलिंग कार बन गई है। इसके बाद मारुति सुजुकी वैगनआर , स्विफ्ट , बलेनो , टाटा नेक्सॉन , मारुति डिजायर, ह्यूंदै क्रेटा , टाटा पंच , मारुति अर्टिगा और ब्रेजा जैसी कारें टॉप 10 लिस्ट में हैं। देश की सबसे सस्ती कारों में से एक मारुति सुजुकी ऑल्टो अब देश की सबसे ज्यादा बिकने वाली कार हो गई है और फेस्टिवल सीजन में इस एंट्री लेवल हैचबैक ने तो गर्दा ही उड़ा दिया। जी हां, अक्टूबर 2022 की कार सेल्स रिपोर्ट आ गई है, जिसमें मारुति सुजुकी ऑल्टो टॉप सेलिंग कार रही। इसके बाद मारुति सुजुकी वैगनआर के साथ ही स्विफ्ट और बलेनो टॉप 4 में रही। टाटा नेक्सॉन ने लंबी छलांग लगाते हुए टॉप सेलिंग एसयूवी मारुति सुजुकी ब्रेजा को पीछे छोड़ दिया है। आइए, आपको बताते हैं कि भारत में कौन सी 10 कारें सबसे ज्यादा बिकती हैं और बीते अक्टूबर की सेल्स रिपोर्ट में इन कारों के हाल क्या रहे?भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली टॉप 10 कारों की बात करें तो मारुति सुजुकी ऑल्टो की कुल 21,260 यूनिट बिकी, जो कि 22 फीसदी की सालाना बिक्री के साथ है। इसके बाद मारुति सुजुकी वैगनआर का नंबर रहा, जिसकी कुल 17,945 यूनिट बीते अक्टूबर में बिकी है और 45 फीसदी की सालाना ग्रोथ के साथ है। तीसरे नंबर पर स्विफ्ट है, जिसकी पिछले महीने 17,231 यूनिट बिकी और यह 88 फीसदी की सालाना बढ़ोतरी के साथ है। चौथी बेस्ट सेलिंग कार बलेनो रही, जिसकी कुल 17,149 यूनिट पिछले महीने बिकी है और यह 10 फीसदी की सालाना ग्रोथ के साथ है। पांचवीं बेस्ट सेलिंग कार टाटा नेक्सॉन रही, जिसकी कुल 13,767 यूनिट पिछले महीने बिकी और यह 36 पर्सेंट सालाना ग्रोथ के साथ है।ज्यादातर कारों की सालाना बिक्री बढ़ीअक्टूबर 2022 की टॉप 10 बेस्ट सेलिंग कारों की लिस्ट में मारुति डिजायर छठे स्थान पर रही, जिसकी कुल 12,321 यूनिट बिकी और यह 53 फीसदी की सालाना बढ़ोतरी के साथ है। इसके बाद पॉपुलर कॉम्पैक्ट एसयूवी ह्यूंदै क्रेटा है, जिसकी कुल 11,880 यूनिट बिकी और यह 84 फीसदी की सालाना ग्रोथ के साथ है। लिस्ट में आठवें नंबर पर टाटा पंच है, जिसकी बीते महीने 10,982 यूनिट बिकी है और यह 30 फीसदी की सालाना ग्रोथ के साथ है। मारुति अर्टिगा टॉप 10 लिस्ट में 9वें नंबर पर है और इसकी 10,494 यूनिट बिकी है, जो कि 19 फीसदी की सालाना कमी दर्शाती है। लिस्ट में आखिरी नंबर पर ब्रेजा है, जिसकी कुल 9,941 यूनिट पिछले महीने बिकी है और यह 24 फीसदी की सालाना ग्रोथ के साथ है।
- नयी दिल्ली,। आईसीआईसीआई बैंक और इंडियन बैंक ने अपनी बेंचमार्क उधारी दर में 0.35 प्रतिशत तक की वृद्धि की है जिससे उपभोक्ताओं के लिए बैंक कर्ज महंगा होगा। निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक ने विभिन्न अवधि के लिए कोष की सीमान्त लागत-आधारित ऋण दर (एमसीएलआर) को एक नवंबर से 0.20 प्रतिशत बढ़ा दिया है। बैंक की वेबसाइट पर डाली गई सूचना के अनुसार एक साल की एमसीएलआर अब 8.30 प्रतिशत होगी। इसी तरह छह माह की एमसीएलआर को बढ़ाकर 8.25 प्रतिशत किया गया है। सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन बैंक ने एक दिन की एमसीएलआर को 0.35 प्रतिशत बढ़ाकर 7.40 प्रतिशत कर दिया है। एक साल की एमसीएलआर को बढ़ाकर 8.10 प्रतिशत किया गया है।
- नयी दिल्ली। सरकार ने कीमतों में आई गिरावट को देखते हुए मंगलवार को खाद्य तेलों एवं तिलहनों के थोक विक्रेताओं और शॉपिंग श्रृंखला खुदरा विक्रेताओं को भंडारण सीमा के आदेश से छूट दे दी। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में खाद्य तेल एवं तिलहन के विक्रेताओं पर से भंडारण सीमा हटाए जाने के आदेश की जानकारी देते हुए कहा कि इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया जा रहा है। मंत्रालय ने कहा कि इस कदम से थोक विक्रेताओं एवं शॉपिंग श्रृंखला खुदरा विक्रेताओं को खाद्य तेलों की अधिक किस्में एवं ब्रांड रखने की छूट मिल जाएगी। फिलहाल भंडारण की एक सीमा होने से उनके पास खाद्य तेलों का सीमित स्टॉक ही रहता था। सरकार ने खाद्य तेलों एवं तिलहन की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए पिछले साल आठ अक्टूबर को खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं एवं थोक उपभोक्ताओं पर भंडारण सीमा लगा दी थी। इसमें भंडारण सीमा तय करने का अधिकार राज्यों को दिया गया था। उसके बाद केंद्र ने तय की गई समान भंडारण सीमा का प्रावधान करते हुए पाबंदी का आदेश 30 जून तक के लिए बढ़ा दिया। बाद में इसे 31 दिसंबर, 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया था। खाद्य मंत्रालय ने कहा कि देश में खाद्य तेलों एवं तिलहनों की मौजूदा कीमतों का अध्ययन करने के बाद भंडारण सीमा की समीक्षा की गई। कीमतों में अंतरराष्ट्रीय एवं घरेलू स्तर पर लगातार आ रही नरमी को देखते हुए भंडारण सीमा हटाने का फैसला किया गया है।
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नयी दिल्ली. वित्त मंत्रालय ने सभी करदाताओं के लिए एकसमान आयकर रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म लाने का प्रस्ताव मंगलवार को रखा जिसमें डिजिटल परिसंपत्तियों से होने वाली आय को भी अलग से दर्ज किए जाने का प्रावधान होगा। वित्त मंत्रालय के तहत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा कि ट्रस्ट एवं गैर-लाभकारी संगठनों को छोड़कर बाकी सभी करदाता इस प्रस्तावित नए आईटीआर फॉर्म के जरिये अपने रिटर्न जमा कर सकते हैं। इस नए फॉर्म पर हितधारकों से 15 दिसंबर तक टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं। वर्तमान में छोटे एवं मझोले करदाताओं के लिए आईटीआर फॉर्म 1 (सहज) और आईटीआर फॉर्म 4 (सुगम) के जरिये आयकर रिटर्न जमा किए जाते हैं। सहज फॉर्म का इस्तेमाल 50 लाख रुपये तक की सालाना वेतन आय वाला व्यक्ति कर सकता है जबकि सुगम फॉर्म का इस्तेमाल 50 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों एवं फर्मों के लिए निर्धारित है। आईटीआर-2 फॉर्म का इस्तेमाल आवासीय संपत्ति से आय अर्जित करने वाले लोग कर सकते हैं जबकि आईटीआर-3 फॉर्म कारोबार एवं पेशे से लाभ अर्जित करने वाले लोगों के लिए है। आईटीआर-5 एवं 6 फॉर्म सीमित दायित्व भागीदारी (एलएलपी) एवं कारोबारों के लिए निर्दिष्ट हैं जबकि आईटीआर-7 फॉर्म का इस्तेमाल ट्रस्ट कर सकते हैं। आयकर विभाग के नियामकीय संगठन सीबीडीटी ने कहा कि आईटीआर-1 एवं आईटीआर-4 आगे भी बने रहेंगे लेकिन व्यक्तिगत करदाताओं के पास इस साझा आईटीआर फॉर्म के माध्यम से भी रिटर्न जमा करने का विकल्प होगा। सीबीडीटी ने कहा, ‘‘आईटीआर-7 फॉर्म को छोड़कर बाकी सभी रिटर्न वाले फॉर्म को मिलाकर एक साझा आईटीआर फॉर्म लाने का प्रस्ताव है। नए आईटीआर का मकसद व्यक्तियों एवं गैर-कारोबारी करदाताओं के लिए रिटर्न जमा करने को सुगम बनाने और इसमें लगने वाले समय को कम करना है।'' सीबीडीटी ने कहा कि सभी हितधारकों से मिले सुझावों के आधार पर तैयार इस साझा आईटीआर को अधिसूचित कर दिया जाएगा और आयकर विभाग इसके ऑनलाइन उपयोग की भी जानकारी देगा। नांगिया एंडरसन एलएलपी के साझेदार संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि नया फॉर्म आने के बाद आईटीआर-2, 3, 5 एवं 6 फॉर्म के जरिये रिटर्न जमा करने वाले करदाताओं के पास अब पुराने फॉर्म का विकल्प नहीं रह जाएगा।
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पेट्रोल खर्च से मिल जाएगी मुक्ति
पेट्रोल डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अगर आप भी अपने स्कूटर में पेट्रोल का खर्च उठाते-उठाते थक चुके हैं, तो यह खबर आपके काम की है। जी हां, क्योंकि आज हम यहां बताने जा रहे हैं कुछ सस्ते इलेक्ट्रिक स्कूटर्स के बारे में जो आपको पेट्रोल के खर्च से मुक्त कर देंगी। मात्र 50,000 के अंदर आप इन इलेक्ट्रिक स्कूटर्स को खरीदकर घर ला सकते हैं। ग्राहकों की जरूरतों का ध्यान रखते हुए कोमाकी (Komaki), बाउंस (Bounce), ऐवन (Avon) और रफ्तार (Raftaar) समेत अन्य कंपनियों ने 50 हजार रुपये से भी कम प्राइस रेंज में शानदार लुक और फीचर्स के साथ ही अच्छी बैटरी रेंज वाले इलेक्ट्रिक स्कूटर पेश किए हैं। आइए डिटेल से जानें
50 हजार में हैं बाउंस के 4 इलेक्ट्रिक स्कूटर
इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली भारतीय कंपनी बाउंस ग्राहकों के लिए कई ऑप्शन पेश करती है। 50,000 रुपये में कंपनी का इलेक्ट्रिक स्कूटर Bounce Infinity E1 काफी बेहतर ऑप्शन है। इसकी कीमत 45,099 रुपये (एक्स-शोरूम) से शुरू होती है।
इसके बाद दूसरा ऑप्शन Avon E Scoot है, जिसकी कीमत 49,696 रुपये (एक्स-शोरूम) है। इसकी बैटरी सिंगल चार्ज में 65km रेंज देती है।
इसके बाद तीसरा ऑप्शन Raftaar Electrica है। इसकी कीमत 48,540 रुपये से शुरू होती है। इस ईवी के रेंज की बात करें तो इसकी बैटरी सिंगल चार्ज में 100km की रेंज देती है। कंपनी का Greta Harper ZX Series-I इलेक्ट्रिक स्कूटर भी एक बेहतरीन ऑप्शन है। इसकी कीमत 41,999 रुपये (एक्स-शोरूम) है।
50,000 रुपये में कोमाकी के तीन ऑप्शन
इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली कंपनी कोमाकी ने अपने कई इलेक्ट्रिक स्कूटर को 50,000 रुपये में लॉन्च किया है, जो बाजार में मौजूद हैं। इनमें सबसे सस्ता प्रोडक्ट Komaki XGT KM इलेक्ट्रिक स्कूटर है, जिसकी कीमत 42,500 रुपये (एक्स-शोरूम) है। इस इलेक्ट्रिक स्कूटर को सिंगल चार्ज में 85km तक चलाया जा सकता है।
इसके बाद दूसरे नंबर पर Komaki Xone इलेक्ट्रिक स्कूटर है, जिसकी कीमत 45,000 रुपये है। इस ईवी की रेंज भी Komaki XGT KM की तरह सेम है यानी कि यह ईवी भी 85km तक की रेंज देने का दावा करती है। इसके बाद कंपनी की Komaki X2 Vouge भी आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। इसकी कीमत 47,000 रुपये (एक्स-शोरूम) है। इसकी बैटरी रेंज 85km है। -
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने आज थोक बिक्री क्षेत्र में डिजिटल रुपए की पाय़लट परियोजना शुरू की। रिजर्व बैंक ने एक प्रैस विज्ञप्ति में कहा है कि डिजिटल रुपया सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेन-देन निपटाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। आरबीआई को आशा है कि ई-रुपया अंतर बैंक बाजार को और कार्यकुशल बनाएगा और इससे लेन-देन लागत में कमी आएगी। रिजर्व बैंक ने बताया कि इस पायलट परियोजना के नतीजों के आधार पर अन्य थोक लेन-देन और सीमा पार भुगतान की प्रणाली तैयार की जाएगी।
रिजर्व बैंक ने नौ बैंकों - भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बडौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, कोटक महिंद्रा, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी बैंक को इस पायलट परियोजना में भागीदारी के लिए चिन्हित किया है।खुदरा क्षेत्र में डिजिटल रुपए के इस्तेमाल की परियोजना चयनित स्थलों पर एक महीने के भीतर शुरू की जाएगी। -
नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) ने सीमांत लागत पर आधारित अपनी उधारी दरों (एमसीएलआर) में बढ़ोतरी करने की घोषणा की है। पीएनबी ने सभी अवधि वाली एमसीएलआर में 0.30 प्रतिशत तक वृद्धि कर दी है जबकि बीओआई ने इन दरों को 0.15 प्रतिशत तक बढ़ाया है। पीएनबी ने सोमवार को नियामकीय सूचना में कहा कि नई एमसीएलआर दरें एक नवंबर से प्रभावी हो जाएंगी। एक साल की अवधि वाली उधारी दर 7.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.05 प्रतिशत कर दी गई है। वहीं अन्य सभी अवधियों वाली उधारी दर 7.40-8.35 प्रतिशत कर दी गई हैं। बैंक ऑफ इंडिया की एक वर्षीय उधारी दर एक नवंबर से 7.95 प्रतिशत हो जाएगी जो अभी तक 7.80 प्रतिशत थी। बाकी सभी अवधियों वाली उधारी दरों में 0.10 प्रतिशत की वृद्धि की गई हैं।
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नयी दिल्ली. टाटा स्टील के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) टी वी नरेंद्रन ने सोमवार को कहा कि कंपनी का ब्रिटेन में कारोबार ब्रिटिश सरकार की प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा। कंपनी ने एक प्रस्ताव के जरिये ब्रिटेन में अपने कारोबार को बनाए रखने के लिए सरकार से वित्तीय सहायता की मांग की है। टाटा स्टील का साउथ वेल्स के पोर्ट टालबोट में स्थित संयंत्र ब्रिटेन का सबसे बड़ा इस्पात कारखाना है। कंपनी के ब्रिटेन में लगभग 8,000 कर्मचारी हैं। कंपनी कार्बन उत्सर्जन-मुक्त योजनाओं को लागू करने के लिए ब्रिटिश सरकार से 1.5 अरब पौंड की वित्तीय सहायता मांग रही है। नरेंद्रन ने कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा, ‘‘अगर हमें ब्रिटेन सरकार से समर्थन नहीं मिलता है, तो उस स्थिति के लिए जाहिर तौर पर योजनाएं बनाई जा रही हैं। लेकिन इसके बारे में बात करना जल्दबाजी होगी। सभी परिस्थितियों के लिए योजना बनाने को लेकर आंतरिक रूप से बहुत सारी बातचीत चल रही है।'' उल्लेखनीय है कि टाटा स्टील ब्रिटिश सरकार से दो तरह से समर्थन मांग रही है। कंपनी ने नीतिगत नजरिये से हरित इस्पात की तरफ बदलाव को प्रोत्साहन देने के साथ ही लागत प्रतिस्पर्धी परिदृश्य सुनिश्चित करने का प्रस्ताव रखा है।
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नयी दिल्ली. सरकारी कृषि अनुसंधान निकाय आईसीएआर इस रबी सत्र में हाल ही में स्वीकृत जीएम-सरसों हाइब्रिड डीएमएच -11 का खेत में प्रदर्शन (फील्ड डेमो) और परीक्षण कर सकता है। यह तीन साल के भीतर इसे व्यावसायिक उपयोग के लिए उपलब्ध करायेगा। कृषि मामलों के शोध संस्थान ‘एनएएसएस' और ‘टीएएसएस' के शीर्ष अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। 25 अक्टूबर को, पर्यावरण मंत्रालय ने ट्रांसजेनिक सरसों हाइब्रिड डीएमएच -11 तथा बार्नेज, बारस्टार और बार जीन युक्त पैतृक लाइनों को ‘पर्यावरणीय स्तर पर जारी करने' को मंजूरी दे दी ताकि उनका उपयोग भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की देखरेख में नए संकर किस्म को विकसित करने के लिए किया जा सके। नेशनल एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज (एनएएसएस) के अध्यक्ष त्रिलोचन महापात्र और ट्रस्ट फॉर एडवांसमेंट ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज (टीएएएस) के अध्यक्ष आर एस परोदा ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि डीएमएच-11 की पर्यावरण स्तर पर जारी करना एक ‘ऐतिहासिक निर्णय' है, जो जीएम खाद्य फसलों को जारी करने के संदर्भ में लंबे समय से चल आ रहे गतिरोध को को खत्म करेगा। उन्होंने कहा कि आईसीएआर अगले 10-15 दिनों में प्रमुख सरसों उत्पादक राज्यों राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश में डीएमएच-11 का खेत में प्रदर्शन और परीक्षण करने की स्थिति में हो सकता है। कृषि मंत्रालय के तत्वावधान में आईसीएआर, भारत में कृषि में अनुसंधान और शिक्षा के लिए एक शीर्ष निकाय है। इसके तहत लगभग 111 संस्थान और 71 विश्वविद्यालय कार्य करते हैं। वर्तमान में भारत में वाणिज्यिक खेती के लिए बीटी-कॉटन एकमात्र गैर-खाद्य फसल है।
आगे के परीक्षणों की आवश्यकता के बारे में बताते हुए महापात्र ने कहा कि डीएमएच -11 का कृषि विज्ञान और उपज प्रदर्शन के लिए पहले ही आईसीएआर के भरतपुर स्थित राष्ट्रीय रैपसीड-सरसों पर राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र द्वारा परीक्षण किया जा चुका है, लेकिन केवल सीमित स्थानों पर यह परीक्षण किये गये थे। उस समय, अधिक स्थानों पर इसका परीक्षण नहीं किया जा सका था क्योंकि प्रौद्योगिकी को विनियमित नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि डीएमएच-11 के पर्यावरण स्तर पर जारी करने के साथ, प्रौद्योगिकी को नियंत्रणमुक्त कर दिया गया है और अब इसका और अधिक स्थानों पर फिर से परीक्षण किया जा सकता है और खेतों में प्रदर्शित किया जा सकता है और साथ ही नई संकर किस्मों को विकसित करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा सकता है। आईसीएआर के पूर्व महानिदेशक महापात्रा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘तीनों गतिविधियां एक साथ की जाएंगी। आईसीएआर इस रबी सत्र से आसानी से मैदानी प्रदर्शन शुरू कर सकता है।'' उन्होंने कहा कि अभी 10 किलो डीएमएच-11 बीज ही उपलब्ध हैं। चूंकि कम मात्रा में बीज उपलब्ध हैं, पहले इसका उपयोग प्रदर्शन के उद्देश्य से किया जा सकता है, कुछ मात्रा का उपयोग अधिक स्थानों पर खेत परीक्षण के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि डीएमएच-11 की उपज क्षमता का पता लगाने के बाद मात्रा के स्तर पर बीज की संख्या को बढ़ाया जाएगा। ट्रस्ट फॉर एडवांसमेंट ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज (टीएएएस) के अध्यक्ष आर एस परोदा ने कहा, ‘‘उपलब्ध बीजों के साथ, आईसीएआर इस रबी सत्र में नियंत्रित वातावरण में 50-100 खेत प्रदर्शन आसानी से कर सकता है।'' उन्होंने कहा कि निजी और सार्वजनिक भागीदारी के माध्यम से अधिक संकर बीज पैदा करने के प्रयास की जरूरत है ताकि अगले फसल सत्र में अधिक रकबे को शामिल किया जा सके। एनएएएस के सचिव के सी बंसल ने कहा कि इसका न तो इससे मधुमक्खियों को कोई खतरा है और न ही मनुष्यों के लिए कोई स्वास्थ्य जोखिम अबतक बताया गया है। भारत की सरसों की औसत उपज 1-1.3 टन प्रति हेक्टेयर है। उन्होंने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि देश खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर हो जाए क्योंकि ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में भारत की खाद्य तेल की मांग को पूरा करने के लिए खरपतवार नाशक के प्रति सहिष्णु जीएम सरसों को मंजूरी दी है। -
नयी दिल्ली. दुनिया में चीनी के प्रमुख उत्पादक देश भारत में चीनी का उत्पादन विपणन सत्र 2022-23 के पहले महीने में सालाना आधार पर 14.73 प्रतिशत घटकर 4.05 लाख टन रह गया। सहकारी संस्था एनएफसीएसएफएल के सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। चीनी मिलों ने चिपणन सत्र 2021-22 के अक्टूबर के दौरान 4.75 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। चीनी विपणन सत्र अक्टूबर से लेकर सितंबर तक चलता है। नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज लिमिटेड (एनएफसीएसएफएल) ने विपणन सत्र 2022-23 के लिए चीनी का उत्पादन 3.6 करोड़ टन होने का अनुमान लगाया है। एनएफसीएसएफएल के अनुसार, महाराष्ट्र और कर्नाटक में चीनी का नया सत्र शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश और बाकी गन्ना उत्पादक राज्यों में गन्ना पेराई का काम एक हफ्ते में शुरू हो जाएगा। आंकड़ों के अनुसार, चालू सत्र के अक्टूबर तक महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन कम यानी 80,000 टन का हुआ जो साल भर पहले की समान अवधि में 1.40 लाख टन था। इसी तरह, कर्नाटक में चीनी का उत्पादन 2.80 लाख टन का ही हुआ, जो एक साल पहले की समान अवधि के 3.10 लाख टन से कम है। हालांकि, तमिलनाडु में चीनी का उत्पादन इस सत्र में अक्टूबर महीने तक अधिक यानी 45,000 टन रहा, जो एक साल पहले की समान अवधि में 25,000 टन था। अक्टूबर के दौरान लगभग 134 चीनी मिलें चालू थीं, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 160 मिलें पेराई काम में जुटी थीं। विपणन सत्र 2021-22 में चीनी का उत्पादन तीन करोड़ 59.2 लाख टन था। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक देश के शीर्ष तीन चीनी उत्पादक राज्य हैं। -
मुंबई । सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इन्फोसिस के सह-संस्थापक कृष गोपालकृष्णन ने सोमवार को कहा कि भारत अभी दो और दशकों तक कम लागत वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। उन्होंने कहा कि कम लागत वाली अर्थव्यवस्था होने से भारत में अगले कई वर्षों तक उत्पादों को डिजाइन करना और उनका विनिर्माण सस्ता बैठेगा। गोपालकृष्णन ने कहा कि सोमैया विद्याविहार विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अगले तीन दशक में भारत उस स्थान पर होगा जहां आज चीन है। भारत एक मध्यम आय वर्ग वाला देश होगा जहां प्रति व्यक्ति आय कम से कम छह-सात हजार डॉलर होगी। उन्होंने कहा कि भारत अगले 10 से 20 साल तक कम लागत वाला देश बना रहेगा। विकास में हमसे ऊपर के देश ऊंची आय वाले हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में विचार लाना, डिजाइन करना और विनिर्माण करना अगले कई साल तक काफी सस्ता बैठेगा।
- नयी दिल्ली। देश की प्रमुख कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) रियर ब्रेक असेंबली पिन में संभावित गड़बड़ी को दुरुस्त करने के लिए तीन मॉडल....वैगन आर, सेलेरियो और इग्निस की 9,925 इकाइयों को बाजार से वापस लेगी। कंपनी ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में यह जानकारी दी है। प्रभावित वाहनों का विनिर्माण तीन अगस्त से एक सितंबर, 2022 के बीच हुआ है।बीएसई को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा, ‘‘ऐसी आशंका है कि रियर ब्रेक अमेंबली पिन में कुछ खराबी है। कुछ स्थितियों में यह टूट सकता है और इससे आवाज आ सकती है। इससे लंबे समय में ब्रेक के प्रदर्शन पर भी असर पड़ सकता है।'' कंपनी ने कहा कि ग्राहकों की सुरक्षा के मद्देनजर हमने प्रभावित वाहनों को बाजार से वापस लेने का फैसला किया है। कंपनी की अधिकृत वर्कशॉप इस बारे में ग्राहकों से संपर्क करेंगी। जांच के बाद प्रभावित वाहनों में गड़बड़ी को ठीक किया जाएगा।
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मुंबई। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने टाटा समूह को अपने गृहनगर नागपुर और आसपास के क्षेत्रों में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए कहा है कि इस शहर में अवसंरचना, जमीन की उपलब्धता और संपर्क जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। गडकरी ने टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को सात अक्टूबर को लिखे एक पत्र में कहा है कि इस्पात, वाहन, उपभोक्ता उत्पाद, आईटी सेवा और विमानन क्षेत्र की टाटा समूह की कंपनियां अपने निवेश के लिए नागपुर को चुन सकती हैं। चंद्रशेखरन ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा था कि टाटा समूह इलेक्ट्रॉनिक्स, नवीकरणीय ऊर्जा, बिजली चालित वाहनों और अन्य आधुनिक क्षेत्रों में निवेश की संभावनाएं तलाश कर रहा है और इसके लिए एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार के साथ बातचीत चल रही है। मीडिया के साथ शनिवार को साझा किया गया यह पत्र ऐसे समय लिखा गया है जब कई बड़ी परियोजनाएं महाराष्ट्र के हाथ से निकलकर गुजरात के पास जा रही हैं। फॉक्सकॉन-वेदांता गठजोड़ का 1.5 लाख करोड़ रुपये निवेश वाला सेमीकंडक्टर संयंत्र महाराष्ट्र से गुजरात चला गया। इसके बाद टाटा समूह और एयरबस के 22,000 करोड़ रुपये निवेश वाली विमान विनिर्माण परियोजना के भी महाराष्ट्र से गुजरात जाने की घोषणा की गई है। इस पत्र में गडकरी ने कहा है कि ‘मल्टी-मोडल इंटरनेशनल हब एयरपोर्ट ऐट नागपुर (मिहान) एसईजेड और गैर-एसईजेड क्षेत्र में 3,000 एकड़ से अधिक जमीन है। उन्होंने कहा कि इस इलाके में कई कंपनियों ने अपना आधार बनाया है। उन्होंने आगे लिखा, ‘‘टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, वोल्टास, टाइटन इंडस्ट्रीज, बिग बास्केट जैसी टाटा समूह की सभी कंपनियां नागपुर में मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उठा सकती हैं।
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हैदराबाद। उद्योग एवं व्यापार मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि देश में मौजूद स्टार्टअप पारिस्थितिकी का मूल्यांकन करीब तीन लाख करोड़ रुपये हो चुका है। गोयल ने यहां कार्यक्रम में कहा कि देश में इस समय यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक मूल्य वाले) स्टार्टअप की संख्या 110 से अधिक है जबकि करीब 75 कंपनियां जल्द ही इस श्रेणी में पहुंचने की होड़ में शामिल हैं। उन्होंने इसे देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया। गोयल ने कहा, "पिछली बार जब हमने अपने स्टार्टअप पारिस्थितिकी का मूल्यांकन किया था तो वह करीब 368 अरब डॉलर का था। यह आंकड़ा करीब तीन लाख करोड़ रुपये बैठता है।" उन्होंने कहा कि देश में 80,000 से अधिक स्टार्टअप कंपनियां पंजीकृत हैं जिनमें 10 लाख से अधिक लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिला हुआ है। इसके अलावा लाखों लोग अप्रत्यक्ष रूप से भी इससे जुड़े हुए हैं।
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अहमदाबाद। गुजरात सरकार ने शनिवार को नई इलेक्ट्रॉनिक्स नीति पेश की जिसका उद्देश्य राज्य में ‘इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एवं विनिर्माण' (ईएसडीएम)' क्षेत्र में रोजगार के दस लाख नए अवसर पैदा करना है। राज्य सरकार की एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘गुजरात इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2022-2028' को इस तरह तैयार किया गया है कि गुजरात ईएसडीएम गतिविधियों का केंद्र बन सके। इसके तहत निवेशकों को सब्सिडी और छूट की पेशकश की जाएगी। नई नीति के तहत गुजरात में ईएसडीएम क्षेत्र में निवेश करने के इच्छुकों को 20 फीसदी की पूंजीगत व्यय सहायता दी जाएगी जिसकी ऊपरी सीमा 200 करोड़ रुपये है। इसके अलावा पात्र निवेशकों को स्टांप ड्यूटी तथा पंजीयन शुल्क की 100 फीसदी राशि वापस हो जाएगी। विज्ञप्ति के मुताबिक नई नीति में पात्र उद्यमियों को बिजली शुल्क से छूट मिलेगी तथा राज्य सरकार पांच वर्ष की अवधि के लिए एक रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली शुल्क सब्सिडी भी देगी।