सशक्त अंधोसंरचना ही प्रभावी न्यायप्रणाली की आधारशिला होती है - मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा
- न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने तहसील बिल्हा में नवीन व्यवहार न्यायालय भवन का लोकार्पण किया
बिलासपुर, /छत्तीसगढ़ में न्यायिक अधोसंरचना में वृद्धि के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रकट करते हुए एवं आमजन के लिए बेहतर कार्य वातावरण प्रदान करने के उद्देश्य से माननीय मुख्य न्यायाधिपति महोदय श्री रमेश सिन्हा जी के द्वारा आज बिलासपुर जिला के बिल्हा तहसील में नवीन सिविल कोर्ट भवन लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर माननीय श्री न्यायमूर्ति नरेश कुमार चंद्रवंशी पोर्टफोलियो न्यायाधीश जिला बिलासपुर, माननीय श्री न्यायामूर्ति नरेन्द्र कुमार व्यास, माननीय श्री न्यायमूर्ति रविन्द्र कुमार अग्रवाल, माननीय श्री न्यायमूर्ति अरविंद कुमार वर्मा न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की गरिमामय उपस्थिति रही है।
इस अवसर पर अपने प्रभावशाली उद्धबोधन में माननीय मुख्य न्यायाधिपति महोदय ने न्याय की प्रभावी पहुंच आमजन तक स्थापित किये जाने में न्यायिक अधोसंरचना के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि, सशक्त अंधोसंरचना ही प्रभावी न्यायप्रणाली की आधारशिला होती है, छ०ग० राज्य के समस्त जिलो में बुनियादी न्यायिक अधोसंरचना स्थापित होने से न्यायिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों की दक्षता बढ़ने के साथ-साथ आमजन को निष्पक्ष एवं कुशल न्याय शीघ्र, सरल एवं सुलभ हो सकेगा।
माननीय मुख्य न्यायाधिपति महोदय के द्वारा नवीन सिविल न्यायालय भवन बिल्हा की हरियाली, वातावरण एवं स्वच्छता के साथ-साथ न्यायालय कक्ष, सुविधाजनक प्रतिक्षालय, शिशु देखभाल कक्ष अभियोजन कार्यालय, सुरक्षित बंदीगृह एवं उपलब्ध सुविधाएं की प्रंशसा करते हुए कहा गया कि यह भवन छत्तीसगढ़ के अन्य जिला न्यायालयों के लिये मिसाल साबित होगा।
इस अवसर पर मुख्य न्यायाधिपति श्री रमेश सिन्हा ने कहा कि, माननीय उच्चतम न्यायालय के द्वारा न्यायिक संस्थाओं मे बुनयादी एवं आधारभूत सुविधा उपलब्ध किये जाने पर जोर दिया जाता रहा है, एवं उनकी प्राथमिकता ऐसी व्यवस्था किये जाने की है कि, छत्तीसगढ़ के सभी न्यायिक संस्थाओं में सर्वसुविधायुक्त भवन हो, जिससे आधारभूत संसाधन उपलब्ध रहे। बिल्हा में नवीन सिविल कोर्ट भवन, समय की जरुरत थी। बिल्हा में नवीन न्यायालय भवन निर्माण से स्थानीय नागरिकों को न्याय तक त्वरित पहुँच सुनिश्चित होगी। यह भवन न केवल भौतिक रूप से सुसजित है, बल्कि इसमें डिजिटल कोर्ट, वकीलों के लिए आधुनिक कक्ष, अस्पताल, ए.टी.एम. तथा प्रतीक्षालय जैसी सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं। इस अवसर पर माननीय मुख्य न्यायाधिपति महोदय द्वारा उपस्थित न्यायिक अधिकारी, कर्मचारी एवं अधिवक्तागण को दिशानिर्देश दिया गया कि, सुविधायुक्त अधोसंरचना व आधुनिक तकनीकी का उपयोग पक्षकारों को सुविधापूर्ण वातावरण में शीघ्र एवं गुणवत्तायुक्त न्याय प्रदान किये जाने हेतु किया जावे, न्याय की आशा के साथ उपस्थित पक्षकारों की समस्याओं को सुविधापूर्ण वातावरण में शीघ्रता से निराकृत किया जावे।
यह उल्लेखनीय है कि, माननीय श्री न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा मुख्य न्यायाधिपति महोदय द्वारा पद भार ग्रहण करने के पश्चात् सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य के दूरस्थ जिला मुख्यालय एवं बाह्य न्यायलयों का भ्रमण कर न्यायिक अधोसंरचना एवं आवश्यक सुविधाओं का अभाव होने से पक्षकारों, अधिवक्तागण, न्यायिक कर्मचारी एवं अधिकारियों को होने वाली असुविधा को दृष्टिगत रखते हुये दूरदर्शिता पूर्ण एवं सकारात्मक सोच के भागीरथ प्रयास किये जा रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य में न्यायिक अधोसंरचना से अभूतपूर्ण विकास का कार्य हो रहा है। जिससे अधिकारी एवं कर्मचारियों की दक्षता में वृद्धि होने के साथ पक्षकारों को सुविधायुक्त वातावरण शीघ्र न्याय प्राप्त करने की परिकल्पना साकार हो रही है एवं बिल्हा का नवीन न्यायालय भवन का निर्माण कार्य समयबद्ध एवं गुणवत्ता के उच्चतम मानको के अनुरूप पूर्ण हो सका है।
उपरोक्त लोकार्पण, कार्यक्रम की शुरूआत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, बिलासपुर के स्वागत भाषण से हुई और समापन मुख्य न्यायिक मजिस्टेट धन्यवाद ज्ञापन से हुआ, कार्यक्रम के पश्चात न्यायालय भवन प्रांगण में वृक्षारोपण किया गया।
इस कार्यक्रम में छ.ग. उच्च न्यायालय के महाधिवक्ता, रजिस्ट्रार जनरल, रजिस्ट्री के अधिकारीगण, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं समस्त न्यायिक अधिकारीगण बिलासपुर, अध्यक्ष उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ बिलासपुर, अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ, अध्यक्ष अधिवक्ता संघ बिल्हा, संभाग आयुक्त, पुलिस आयुक्त, जिलाधीश, पुलिस अधीक्षक एवं अन्य प्रशासनिक, पुलिस, एवं लोकनिर्माण विभाग के अधिकारीगण, पी.पीएस., प्रोटोकॉल आधिकारी, अधिवक्तागण, न्यायालयीन कर्मचारी और इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के प्रतिनिधि शामिल थे।
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