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 प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय आदिवासी महा अभियान  से कमार जनजाति परिवारों के जीवन में बहने लगी बदलाव की बयार

- कमार समुदाय अंधेरे से उजाले, वंचना से विकास और अलगाव से आत्मबल की ओर बढ़ रहा
 महासमुंद / जनजातीय समाज को मुख्यधारा से जोड़ने एवं उनके सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा प्रारंभ किया गया प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय आदिवासी महा अभियान (पीएम-जनमन) आज सामाजिक न्याय, समावेशन और समर्पित प्रशासन का उत्कृष्ट उदाहरण बन चुका है। पीएमजनमन से आज कमार समुदाय अंधेरे से उजाले, वंचना से विकास और अलगाव से आत्मबल की ओर बढ़ रहा है। पीएम-जनमन योजना उनके लिए सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता एक सार्थक कदम है।
इस अभियान की शुरुआत 15 नवंबर 2023 को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर की गई थी। इस दिन को जनजातीय गौरव दिवस’’ के रूप में मनाई जाती है। यह योजना भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित की जा रही है, जिसका उद्देश्य विशेष पिछड़ी जनजातियों को बुनियादी सुविधाओं से जोड़ते हुए उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर देना है।
महासमुंद जिले में निवास करने वाली कमार जनजाति, देश की विशेष पिछड़ी जनजातियों में शामिल है। यह समुदाय पारंपरिक रूप से जंगल, कंद-मूल और मजदूरी पर आश्रित रहा है। इनकी बसाहटें मुख्य ग्राम और शहरों से दूर जंगलों में स्थित हैं, जहाँ मूलभूत सुविधाओं का वर्षों तक अभाव रहा। सत्र 2015-16 के आधारभूत सर्वेक्षण के अनुसार, महासमुंद जिले में 923 कमार परिवार हैं जिनकी कुल जनसंख्या 3309 है। जिसमें पुरुष 1614 एवं महिला जनसंख्या 1695 है। जिले में इनका निवास विकासखण्ड महासमुंद, बागबाहरा एवं पिथौरा के कुछ ग्रामों में है। इनमें बड़ी संख्या में लोग अब भी कच्चे मकानों, बिना बिजली, बिना राशन, बिना स्वास्थ्य सुविधा और बिना सड़क संपर्क के जीवनयापन कर रहे थे।
पीएम-जनमन योजना के तहत कमार जनजाति परिवारों के जीवन में हुआ बदलाव
पीएम-जनमन योजना के अंतर्गत महासमुंद जिले के कमार जनजातीय परिवारों के लिए जिला प्रशासन एवं आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग ने समन्वय से कार्य प्रारंभ किया। घर-घर सर्वेक्षण के माध्यम से उनकी वास्तविक स्थिति को पहचाना गया और व्यक्तिगत दस्तावेजों से लेकर सामुदायिक संरचना तक का विकास किया गया।
इस योजना के तहत 330 परिवारों को बिजली कनेक्शन प्रदान किया गया। जिससे अब बच्चे रात में पढ़ाई कर पा रहे हैं और जहरीले जीव-जंतुओं से मुक्ति मिली है। 314 परिवारों को स्वच्छ पेयजल मुहैय्या कराने पीएम नल-जल योजना के तहत हर घर नल जल प्रदाय किया गया। जिससे गंदे पानी से होने वाली बीमारियों में कमी आई है। विशेष पिछड़ी जनजाति के चिन्हांकित 678 कच्चे मकान में निवासरत परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत स्वीकृति मिल चुकी है। जिसमें 405 परिवारों को पक्का छत मिल गया है। शेष घर निर्माणाधीन है। 75 बसाहटों में आंगनवाड़ी, स्वास्थ्य सेवाएं और स्कूल का संचालन हो रहा है। जिससे बच्चों का नामांकन बढ़ा, संस्थागत प्रसव में वृद्धि हुई है। साथ ही सभी परिवारों का राशन कार्ड, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड बनाए गए है। लक्षित बैंक खाता 1825 में सिर्फ 80 व्यक्तियों का लक्ष्य शेष है। विकासखंड पिथौरा एवं बागबाहरा अंतर्गत शत प्रतिशत लोगों का जाति प्रमाण बना लिए गए है। महासमुंद विकासखंड में 300 व्यक्तियों का जाति प्रमाण पत्र प्रक्रियाधीन है। किसान सम्मान निधि अंतर्गत शत प्रतिशत पात्र लोगों का पंजीयन कर लिया गया है। 26 सड़कविहीन बसाहटों में सड़कें बन रही हैं, जिससे मुख्यधारा से संपर्क सुलभ होगा। मोबाइल टावर की स्थापना स्वीकृत की गई है। अब दूरदराज के ग्रामों में भी डिजिटल सेवाएं पहुँच सकेंगी।
राशन कार्ड बनने से अब हर परिवार को प्रतिमाह 35 किलो चावल मुफ्त मिल रहा है। इससे भोजन की चिंता दूर हुई है और बच्चे विद्यालय जाने लगे हैं। शिक्षा की ओर यह झुकाव आने वाले समय में उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाने में सहायक होगा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख तक के मुफ्त इलाज का लाभ मिलने से अब परिवारों को इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ता। मोबाइल मेडिकल यूनिट और स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाएं ग्राम स्तर तक पहुँच रही हैं। बैंक खाते खुलने से अब लोगों को पेंशन, छात्रवृत्ति, सब्सिडी और अन्य योजनाओं का सीधा लाभ मिल रहा है। विशेषकर महिलाओं को महत्वपूर्ण योजनाओं जैसेमहतारी वंदन योजना का लाभ मिलने से परिवार में आर्थिक स्थिरता आ रही है।
जिला प्रशासन एवं सभी विभागों द्वारा सभी पिछड़ी जनजाति समुदाय को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिले में 2 बहुद्देशीय केंद्रों का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है, जहाँ आंगनवाड़ी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बच्चों के लिए खेल मैदान, रसोई घर, किचन गार्डन जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएँगी। इससे न केवल सेवा वितरण बेहतर होगा बल्कि समुदाय आदिवासी महा अभियान (पीएम-जनमन) महासमुंद जिले के कमार जनजाति के जीवन में खूशियां लेकर आया है। समुदाय के साथ शासन का संवाद और सहभागिता भी सशक्त होगी।
 

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