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 कांग्रेस में 'संगठन सृजन' नहीं, बल्कि 'संगठन सीजन' चल रहा : भाजपा

-प्रदेश प्रवक्ता ठोकने का कटाक्ष : कांग्रेस में संगठन नाम की कोई भावना अंधेरे कमरे में उस काली बिल्ली को ढूँढ़ना जैसा है, जो बिल्ली उस कमरे में है ही नहीं
 रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नलिनीश ठोकने ने कांग्रेस के संगठन सृजन कार्यक्रम के दौरान भी लगातार सामने आ रही कांग्रेस की अंदरूनी कलह से यह साफ हो चला है कि जिस कांग्रेस में नेताओं की कुलजमा सियासी वजूद एक परिवार की परिक्रमा और चरण-वंदना से तय हो रहा है, जिस कांग्रेस में कार्यकर्ताओं को स्लीपर सेल, सत्ता-सुख भोगी और चमचा कहकर अपमानित किए का ट्रेण्ड चल पड़ा है, वहाँ संगठन नाम की कोई भावना अंधेरे कमरे में उस काली बिल्ली को ढूँढ़ना जैसा है, जो बिल्ली उस कमरे में है ही नहीं।
 भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री ठोकने ने कहा कि कांग्रेस के हालात बता रहे हैं कि कांग्रेस में इन दिनों 'संगठन सृजन' नहीं, बल्कि 'संगठन सीजन (यानी मौसम)' चल रहा है। कांग्रेस में संगठन के नाम पर मौसम-मौसम का खेल खेला जाता है। कांग्रेस में संगठन सीजन में नेता रोज रंग बदलकर रंग बदलने वाले मौसम को भी मात दे रहे हैं! कांग्रेस के बड़े और अनुभवी नेताओं के आचार-विचार से कांग्रेस के संगठनात्मक ढाँचे की सहज कल्पना की जा सकती है। प्रदेश प्रवक्ता श्री ठोकने ने कहा कि 140 साल पुरानी हो चली कांग्रेस को अब फिर संगठन सृजन के लिए विवश होना पड़ रहा है, बरसों सत्ता में रहे एक राजनीतिक दल को तौर पर कांग्रेस के लिए इससे अधिक शर्मनाक कुछ और नहीं हो सकता। यह स्थिति छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में है और इसीलिए कांग्रेस अब देश के कुछ राज्यों तक ही सिमटकर रह गई है। इससे कार्यकर्ता हताश और निराश हैं और अब वे कांग्रेस पार्टी का साथ नहीं दे रहे हैं।
 
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री ठोकने ने कहा कि आज हालत यह है कि किसी एक का नेतृत्व कांग्रेस को स्वीकार नहीं है। लगातार दौरे पर दौरे करके भी कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट भी एक तो अपने ही सामने बैठकों में नेताओं और कार्यकर्ताओं के आपसी संघर्ष को देखने के लिए विवश हैं; दूसरे, प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी तक की घोषणा दो साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी नहीं करा पाए हैं। प्रदेश प्रवक्ता श्री ठोकने ने कहा कि कांग्रेस में वर्षों से चली आ रही आपसी खींचतान थमने का नाम ही नहीं ले रही है। कांग्रेस नेताओं के आपसी झगड़े रोज जनता के सामने खुलकर आ रहे हैं। अब कांग्रेस के संगठन सृजन में भी इनकी फूट दिखाई दे रही है। ऐसी सिर फुटौव्वल और अंतर्कलह कांग्रेस में छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहले कभी नहीं देखी गई और इसी के चलते छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का पतन हो चुका है।

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