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हिंदू समाज में फूट डालने के कुचक्र से सावधान रहें  : यादव

*रास्वसं के शताब्दी वर्ष पर बागबाहरा में स्वयंसेवकों का प्रभावी पथ संचलन, शस्त्र-पूजन भी हुआ*
बागबाहरा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर शताब्दी वर्ष समारोह की श्रृंखला में बागबाहरा मंडल में श्रीविजयादशमी उत्सव और पथ संचलन का आयोजन किया गया। यह उत्सव रास्वसं की एक सदी की राष्ट्र-साधना और भविष्य के 'पंच परिवर्तन' के संकल्प को समर्पित रहा।
 कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती शिशु मंदिर से स्वयंसेवकों के पथ संचलन से हुई। घोष दल की लयबद्ध ताल पर स्वयंसेवकों की कदमताल संगठन के उच्च अनुशासन और एकता का प्रतीक था। पथ संचलन जब बागबाहरा नगर के विभिन्न मोहल्लों व मार्गों से गुजरा तो एक अभूतपूर्व दृश्य दिखा। मातृशक्ति और नगर के नागरिकों ने जगह-जगह छतों से, सड़कों व गलियों में संचलन पर पुष्प वर्षा कर स्वयंसेवकों का आत्मीय स्वागत किया। यह सम्मान संघ के राष्ट्र निर्माण के कार्यों के प्रति समाज की गहरी आस्था और स्वीकृति का स्पष्ट प्रमाण था।
 पथ संचलन के पश्चात सरस्वती शिशु मंदिर में प्रकट बौद्धिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ शस्त्र पूजा और भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया। इस अवसर पर नैकूराम ठाकुर (सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी) मुख्य अतिथि और सह प्रांत कार्यवाह गोपालराम यादव मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता श्री यादव ने कहा कि आद्य सरसंघचालक डॉ. हेडगेवार ने विजयादशमी 1925 को नागपुर के मोहितेबाड़ा में संघ की स्थापना की थी। उन्होंने संघ के संघर्षों का वर्णन करते हुए कहा कि संघ के मार्ग में अनेक विपत्तियां आई और सरकारी बाधाएँ भी डाली गईं, लेकिन इन चुनौतियों के बाद भी संघ कार्य अनवरत जारी है। श्री यादव ने स्वयंसेवकों को प्रेरित करते हुए कहा कि भारत भूमि में शौर्य और साहस की कोई कमी नहीं है, यह शैशवावस्था से ही क्रांतिकारियों, महापुरुषों और देशभक्तों की भूमि रही है।
 सह प्रांत कार्यवाह श्री यादव ने कहा कि संघ अपना कार्य करता है, कार्य का प्रचार प्रसार नहीं करता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा व्यक्ति निर्माण का कारखाना हैं, जिससे निर्मित व्यक्ति आज समाज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में परिष्करण का कार्य कर रहे हैं। श्री यादव ने कहा कि भारत में रहने वाला 99.999 प्रतिशत हिंदू हैं, चाहे वह किसी भी मत को मानने वाले हों। आज हिंदू समाज के कुछ अंगों को तोड़ने का प्रयास जारी है, उनसे सावधान रहने की आवश्यकता है। संघ किसी के विरोध में कार्य नहीं करता है। संघ भारत के हित, हिंदू हित में कार्यरत है। संघ के कार्यकर्ता अपनी चमड़ी, अपनी दमड़ी लगाकर संघ का कार्य नि:स्वार्थ भाव से करते हैं। श्री यादव ने कहा कि हिंदू समाज को संगठित होना होगा, क्योंकि संगठन में शक्ति है। दुर्बलों की बात कोई मानता नहीं है और सबलों की बात कोई टालता नहीं हैं। श्री यादव ने अपने सम्बोधन में शताब्दी वर्ष के सबसे महत्वपूर्ण संकल्प 'पंच परिवर्तन' का प्रण भी दुहराया।
 इससे पूर्व मुख्य अतिथि श्री ठाकुर ने संघ की नि:स्वार्थ सेवा भावना की सराहना करते हुए कहा कि संघ 1925 से प्रारंभ होकर आज तक एक विशाल वट वृक्ष बनकर भारत को सेवा रूपी छाया प्रदान कर रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दुनिया का एकमात्र सर्वव्यापी संगठन है, जो देश, धर्म, और दुनिया के प्रति गहरी श्रद्धा रखता है। बागबाहरा का यह सफल आयोजन शताब्दी वर्ष की यात्रा में ऊर्जा और दृढ़ता का संचार करता है, जिसका मुख्य लक्ष्य सामाजिक समरसता, पंच परिवर्तन और राष्ट्र सेवा के प्रति संगठन को समर्पित करना है।

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