महाराष्ट्र मंडल में दिवाली पहाट 19 को
0- नरक चतुर्दशी पर सुगम एवं भक्तिमय संगीत का लुत्फ लेंगे श्रद्धालु सभासद
रायपुर। महाराष्ट्र मंडल में सुगम व भक्तिमय संगीत का कार्यक्रम दिवाली पहाट रविवार, 19 अक्टूबर को सुबह छह बजे आयोजित किया गया है। हमेशा की तरह इस बार भी इसमें नए गायकों को अवसर दिया गया है।
सांस्कृतिक समिति के समन्वयक प्रेम उपवंशी ने बताया कि पहली बार दिवाली पहाट का नामकरण ‘स्वरदीप’ किया गया है। महाराष्ट्र मंडल के वरिष्ठ सभासद चंद्रशेखर सुरावधनीवार ‘स्वरदीप’ के सूत्रधार हैं और वे इस संगीतमय कार्यक्रम को अपनी मां मनोरमा रघुनाथ सुरावधनीवार की स्मृति में आयोजित कर रहे हैं। संत ज्ञानेश्वर स्कूल के प्रभारी व कार्यक्रम के समन्वयक परितोष डोनगांवकर के अनुसार नचिकेत हरकरे, अंकिता फाटक हरकरे, कल्याणी देसाई और दीक्षा वराडपाण्डे रविवार को सुबह छह बजे सुगम और भक्तिमय गानों पर सुमधुर आवाज का जादू बिखेरेंगे। इसमें उनका हारमोनियम पर चंद्रशेखर सुरावधनीवार अन्य वाद्य यंत्रों पर सत्या मुद्लियार, अशोक कुर्म देंगे। कार्यक्रम का संचालन प्रिया बक्षी करेंगी।
वरिष्ठ सभासद अनिल श्रीराम कालेले ने जानकारी दी कि दिवाली 'पहाट' का महत्व धार्मिक और प्रतीकात्मक है, जो 'अंधकार पर प्रकाश की विजय' का प्रतीक है। यह सुबह के समय का एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम है, जो दिवाली के दौरान नर्क चतुर्दशी पर आयोजित किया जाता है। मान्यता है कि नर्क चतुर्दशी पर अलसुबह लोग उठते हैं, उबटन लगाकर सूर्योदय से पहले स्नान- ध्यान करते हैं और उसके बाद दिवाली पहाट के माध्यम से एक साथ मिलकर भक्तिमय गीतों- भजनों पर सुगम संगीत का लुत्फ उठाते हैं। यह कार्यक्रम कहीं न कहीं आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व से भी जुड़ा हुआ होता है।












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