प्रांजल ने जीता नटवर गोपीकृष्ण अवार्ड
0- आठ वर्षों से भरतनाट्यम सीख रहीं प्रांजल को महाराष्ट्र मंडल से मिल रहीं बधाइयां
रायपुर। रंगमंदिर में हुए 18वें नटवर गोपीकृष्ण नेशनल अवार्ड्स समारोह में प्रांजल बक्षी ने भरतनाट्यम में शानदार प्रस्तुति दी। राष्ट्रीय स्तर की इस प्रतियोगिता में दो राउंड के बेहतरीन प्रदर्शन पर प्रांजल बक्षी को नटवर गोपीकृष्ण अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। बताते चलें कि प्रांजल बक्षी महाराष्ट्र मंडल के आजीवन सभासद प्रशांत और प्रिया बक्षी की बेटी हैं और डा. जी. रतीश बाबू से भरतनाट्यम सीख रहीं हैं। प्रांजल को उनकी इस उपलब्धि पर महाराष्ट्र मंडल के अध्यक्ष अजय मधुकर काले सहित पूरी कार्यकारिणी ने बधाई व शुभकामनाएं दी।
प्रिया बक्षी ने बताया कि प्रांजल विगत आठ वर्षों से भरतनाट्यम का प्रशिक्षण ले रही हैं। नटवर गोपीकृष्ण अवॉर्ड जीवन में एक बार ही दिया जाता है। शास्त्रीय नृत्य कथक, भरतनाट्यम, कुचीपुडी, मोहिनीअट्टम जैसी विधाओं में सर्वश्रेष्ठ नर्तक को दिया जाता है। दो से 12 अक्टूबर तक 11 दिवसीय यह उत्सव देशभर के संगीत और नृत्य कलाकारों के लिए अनुभव हासिल करने के लिए उपयोगी मंच साबित हुआ। इन 11 दिनों में तीन हजार से अधिक शौकिया कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
प्रांजल ने बताया कि स्पर्धा दो राउंड में हुई। पहला राउंड आठ अक्टूबर को हुआ। इसमें पांच मिनट डांस के बाद थ्योरी प्रश्न पूछे गए। इसी में प्रांजल विजेता रहीं। इसके बाद उन्हें दूसरे राउंड के लिए सलेक्ट किया गया। दूसरे राउंड में उनके साथ 30 प्रतिभागियों ने अपने-अपने नृत्य से अपनी प्रतिभा सिद्ध की। दूसरे राउंड में भी डांस के बाद सवाल- जवाब का दौर चला। सही उत्तर देने के बाद प्रांजल को यह अवार्ड मिला।
प्रांजल बक्षी के अनुसार निर्णायकों ने उन्हें त्रिकाल जति का ताल, नृत्य के रस और भाव के बारे में सवाल पूछा था। इस सवाल का उन्होंने उत्साह के साथ सटीक उत्तर दिया। वहीं उनसे जीवात्म और परमात्मा का नृत्य से संबंध, श्रृंगार रस के प्रकार और नायिकाओं के बारे में भी सवाल पूछे गए, जिसका उन्होंने बेझिझक जवाब देकर उन्हें प्रभावित किया।












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