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 छत्तीसगढ़ को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में मिला राष्ट्रीय सम्मान,‘सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य’ घोषित

-राज्य में PM-JAY के तहत पंजीकृत अस्पतालों में से 97% आयुष्मान योजना अंतर्गत सक्रिय , पूरे देश में यह सर्वाधिक, यह योजना में राज्य के अस्पतालों के विश्वास का प्रमाण
-स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों से राज्य में संदिग्ध दावों की संख्या में आई भारी गिरावट
-राज्य सरकार का लक्ष्य, प्रदेश के सभी पात्र परिवारों को मिले गुणवत्तापूर्ण एवं सम्मानजनक स्वास्थ्य सुविधा : श्री श्याम बिहारी जायसवाल
 रायपुर। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के अंतर्गत उत्कृष्ट कार्यों और शून्य लंबितता (Zero Pendency) सुनिश्चित करने की दिशा में किए गए उल्लेखनीय प्रयासों के लिए छत्तीसगढ़ को “सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य” घोषित किया गया है। यह सम्मान आज भोपाल में आयोजित एनएचए कॉन्क्लेव के दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) के CEO श्री सुनील कुमार बर्नवाल द्वारा राज्य नोडल एजेंसी (SNA) की मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. प्रियंका शुक्ला एवं प्रोजेक्ट डायरेक्टर (ऑपरेशन) श्री धर्मेंद्र गहवाई को प्रदान किया गया। यह उपलब्धि राज्य नोडल एजेंसी द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही को सुदृढ़ करने के लिए की गई निरंतर पहल का परिणाम है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हाल ही में आयोजित हुई कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में पहली बार आयुष्मान भारत योजना को एक एजेंडे के रूप में शामिल किया गया था। मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टर्स को जिलों में योजना की नियमित समीक्षा करने के भी निर्देश दिए हैं। 
छत्तीसगढ़ राज्य की प्रमुख पहल
राज्य नोडल एजेंसी द्वारा हाल के महीनों में कई सशक्त कदम उठाए गए, जिनमें संदिग्ध दावों की पहचान कर व्यापक फील्ड ऑडिट का संचालन, क्लेम प्रोसेसिंग के टर्न-अराउंड टाइम (TAT) में उल्लेखनीय कमी, सभी हितधारकों का उन्मुखीकरण एवं संवेदनशीलता प्रशिक्षण
, स्टेट एंटी फ्रॉड यूनिट (SAFU) टीम का सशक्त गठन और एम्पैनल्ड हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स (EHCPs) के साथ नियमित संवाद एवं समन्वय तंत्र की स्थापना शामिल है। 
जनवरी 2025 में NHA की समीक्षा बैठक में छत्तीसगढ़ में संदिग्ध दावों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक पाई गई थी। इस स्थिति में सुधार के लिए राज्य नोडल एजेंसी ने त्वरित कार्ययोजना तैयार कर अमल में लाई।
सख्त कार्रवाई और पारदर्शिता
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जनवरी–फरवरी 2025 के बीच राज्यभर में 52 अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया गया। योजना के मानकों का पालन न करने पर 45 अस्पतालों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की गई — जो अब तक की सर्वाधिक कार्रवाई रही। इसके अलावा, 32 हजार से अधिक मामलों में फील्ड ऑडिट किए गए, जिससे फर्जी दावों की रोकथाम और दावे निपटान प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाया गया।
स्वास्थ्य सचिव एवं CEO - SNA की अध्यक्षता में जिला एवं राज्य स्तर पर सघन समीक्षा
राज्य में सभी जिलों द्वारा सचिव (स्वास्थ्य) के निर्देशानुसार अस्पतालों का पुनः निरीक्षण किया गया। सचिव श्री अमित कटारिया की अध्यक्षता में आयोजित मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की तिमाही समीक्षा बैठक में PM-JAY को प्रमुख एजेंडा बनाया गया। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, स्टेट नोडल एजेंसी के नेतृत्व में जिलों की मासिक समीक्षा बैठकें प्रारंभ की गईं, वहीं दैनिक उपलब्धियों के आधार पर जिलों को रोजाना फीडबैक और दिशा-निर्देश जारी करने की प्रणाली भी विकसित की गई।
अस्पतालों से निरंतर संवाद
एम्पैनल्ड अस्पतालों की समस्याओं के निराकरण हेतु इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों और निजी अस्पतालों के साथ नियमित बैठकें आयोजित की जा रही हैं। हाल ही में एनएचए विशेषज्ञों की उपस्थिति में स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन भी हुआ, जिसमें अस्पतालों की समयाओं का निराकरण किया गया ,उन से सुझाव प्राप्त किए गए और उन्हें योजना की नवीनतम प्रक्रियाओं की जानकारी दी गई।
उल्लेखनीय सुधार,संदिग्ध दावों की संख्या में भारी गिरावट
स्वास्थ्य विभाग के इन प्रयासों के परिणामस्वरूप संदिग्ध दावों की संख्या में भारी गिरावट आई है — जहां पहले प्रति सप्ताह 2,000 से अधिक संदिग्ध दावे दर्ज होते थे, वहीं अब यह घटकर 500 से भी कम रह गए हैं। वहीं क्लेम अप्रूवल का समय घटकर अब केवल 7–10 दिन रह गया है।
राज्य के 97% अस्पताल सक्रिय
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में PM-JAY के तहत पंजीकृत 97% अस्पताल सक्रिय हैं,जो योजना में अस्पतालों के विश्वास का प्रमाण है।  जबकि पड़ोसी मध्यप्रदेश में यह दर मात्र 62% और  देश का औसत मात्र 52% है। 
प्रशासनिक प्राथमिकता के रूप में योजना
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस उपलब्धि के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा है कि PM-JAY को सभी जिलों की समीक्षा बैठकों के प्रमुख एजेंडा में शामिल किया गया है। राज्य स्तर पर भी प्रत्येक माह जिलों के साथ समीक्षा कर योजना की प्रगति का आकलन किया जा रहा है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के सभी पात्र परिवारों को गुणवत्तापूर्ण, निःशुल्क एवं सम्मानजनक स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ ने अल्प समय में स्वास्थ्य क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार करते हुए अपनी कार्यकुशलता और प्रतिबद्धता का राष्ट्रीय स्तर पर लोहा मनवाया है।

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