आंखों में पट्टी बांधकर बच्चों को बताया नेत्रदान का महत्व
0- महाराष्ट्र मंडल के संत ज्ञानेश्वर विद्यालय में बच्चों के लिए प्रेरक आयोजन
रायपुर। महाराष्ट्र मंडल के संत ज्ञानेश्वर विद्यालय में सोमवार, 10 नवंबर को नेत्रदान पर सेमिनार का आयोजन किया गया। मंडल की नेत्रदान- देहदान समिति के प्रभारी विक्रम हिशीकर ने बच्चों को नेत्रदान का महत्व बताने के लिए उनकी आंखों में पट्टी बांधी और फिर जीवन की कल्पना कराई। शिक्षिका आराधना लाल ने बताया कि विक्रम हिशीकर ने सबसे पहले बच्चों से सबसे बड़े दान के बारे में पूछा तो बच्चों ने जवाब दिया धन का दान। इस पर उन्होंने कहा कि इस दान को कभी कोई याद नहीं रखता। इसके पश्चात उन्होंने एक बच्ची की आंखों पर पट्टी बांधकर उसे अपनी आंखों के महत्व और आवश्यकता का आभास कराया। साथ ही यह भी बताया कि नेत्रदान से बड़ा कोई दान नहीं है।
उन्होंने छोटे- छोटे गिफ्ट चॉकलेट, पेन आदि के माध्यम से बच्चों का सेमिनार में प्रतिभागिता सुनिश्चित की और बच्चों को यह भी एहसास कराया कि अभी इस उम्र आपको नेत्रदान नहीं करना है क्योंकि आप अभी बहुत छोटे हो। परंतु आपको दूसरों को नेत्रदान करने के लिए प्रोत्साहित जरूर करना है। इसका महत्व अपने पड़ोस व रिश्तेदारों को बताना है। उन्होंने बच्चों को बताया कि नेत्रदान मृत्यु पश्चात छह से आठ घंटे के भीतर ही किया जाता है। जैसी ही किसी नेत्रदान करने के इच्छुक व्यक्ति का निधन होता है तो तत्काल ‘आई मैन' को बुलाना चाहिए। मृत व्यक्ति की आंखों पर गीली पट्टी रख देनी चाहिए। विक्रम ने शिक्षकों से भी बात की और उन्हें भी नेत्रदान के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम का संचालन आराधना लाल ने किया। विक्रम हिशीकर का सूत माला से स्वागत राहुल वोडितेलवार ने और स्कूल का स्मृति चिन्ह तृप्ति अग्निहोत्री ने दिया। इस कार्यक्रम में प्राचार्य मनीष गोवर्धन सहित अनेक शिक्षक- शिक्षिकाएं उपस्थित थे।



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