शिशु एवं बाल आहार के साथ प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा कार्यशाला हुआ आयोजन
- पोषण भी, पढ़ाई भी” कार्यक्रम अंतर्गत जिला स्तरीय तीन दिवसीय कार्यशाला
मोहला । कलेक्टर श्रीमती तुलिका प्रजापति के निर्देशानुसार महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोषण भी, पढ़ाई भी कार्यक्रम के अंतर्गत जिला स्तरीय तीन दिवसीय शिशु एवं बाल आहार एवं प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा कार्यशाला का आयोजन जिला अस्पताल स्थित प्रशिक्षण हॉल में किया गया।
कार्यशाला में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में श्री रूपेश चक्रधारी, जिला पोषण समन्वयक ,AIIMS रायपुर एवं सुश्री अमृता भोयर द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण सत्रों के दौरान शिशु एवं बाल आहार से संबंधित प्रमुख विषयों, व्यवहार परिवर्तन संचार, माताओं को सही पोषण परामर्श देने की प्रक्रिया तथा बच्चों के समग्र विकास पर विस्तृत चर्चा की गई। शिशु एवं बाल आहार का उद्देश्य जन्म से लेकर 2 वर्ष तक के बच्चों को उचित पोषण प्रदान करना है, जिसमें पहले 6 माह तक केवल स्तनपान तथा इसके पश्चात स्तनपान के साथ उपयुक्त पूरक आहार देना शामिल है। प्रशिक्षण में बताया गया कि शिशु एवं बाल आहार की सही पद्धतियाँ अपनाकर बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सकता है तथा उनके शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक विकास को सुनिश्चित किया जा सकता है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री सी. एस. मिश्रा ने बताया कि बच्चों में कुपोषण को दूर करने में मां का स्तनपान एवं समय पर दिया गया उपयुक्त पूरक आहार अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने निर्देशित किया कि प्रशिक्षण से प्राप्त जानकारी को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं समुदाय तक प्रभावी रूप से पहुंचाया जाए। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शिशु एवं छोटे बच्चों के पोषण स्तर में सुधार, कुपोषण की रोकथाम तथा पोषण एवं प्रारंभिक शिक्षा के प्रभावी समन्वय को सुदृढ़ करना रहा।कार्यशाला में जिले के समस्त परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक उपस्थित रहे।
तीन दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला से प्रतिभागियों की क्षमता में वृद्धि होगी, जिसका सकारात्मक प्रभाव जिले में संचालित पोषण एवं बाल विकास कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन पर पड़ेगा।











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