माता गुजरी सेवादल की पहली वर्षगांठ सेवाभाव से मनाई गई
-टी सहदेव
भिलाई नगर। नेहरू नगर स्थित गुरुद्वारा नानक सर में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रथम प्रकाशोत्सव पर माता गुजरी सेवादल ने अपना पहला स्थापना दिवस मानवता की सेवा के संकल्प के साथ धार्मिक सद्भाव से मनाया। सिख धर्म के दसवें गुरु गुरुगोविंद सिंह की माता गुजरी जी की सेवा और बलिदान से प्रेरित होकर इस दल का नामकरण माता गुजरी सेवादल किया गया, जो धार्मिक भेदभाव किए बिना जरूरतमंदों की मदद करता है। इस सेवादल का कोई प्रधान नहीं होता, सभी मिल जुलकर काम करते हैं।
बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए समर्पित इस दल का मुख्य उद्देश्य है, नई पीढ़ी को सिख धर्म की शिक्षा और सभी गुरुओं के इतिहास से अवगत कराना। इसका गठन हुए सिर्फ एक ही वर्ष हुआ है, फिर भी इस छोटी-सी अवधि में इस सेवादल ने आर्थिक तंगी से जूझ रहे कई बच्चों को किताबें और यूनीफॉर्म देकर उनका अध्ययन जारी रखा। इसके अलावा जो अपना इलाज कराने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें यह दल मुफ्त में दवाइयां भी उपलब्ध कराता है। साथ ही बच्चों का मनोबल बढ़ाने के लिए कई तरह की प्रतियोगिताएं भी आयोजित करता है।
माता गुजरी सेवादल ने रविवार को प्रकाशोत्सव पर गुरुद्वारे से एक प्रभात फेरी निकाली, जिसमें सारी संगत ने भाग लिया। नगर कीर्तन के दौरान हम चाकर गोविंद के बच्चों ने मार्शल आर्ट की तर्ज पर सिखों की पारंपरिक युद्ध कला गतका का हैरतअंगेज प्रदर्शन भी किया। प्रभात फेरी के बाद गुरुद्वारा साहिब में कीर्तन, गुरुवाणी और कथा विचार किया गया। सत्संग के बाद लंगर भी आयोजित किया गया। इस मौके पर सेवादल के सदस्य हरजोत कौर बिंद्रा, गुरप्रीत कौर होरा, कमलजीत कौर छाबड़ा, सोनिया भट्टी, रेनू कौर, और रमित कालरा ने प्रकाशोत्सव में शामिल सभी संगत के प्रति आभार प्रकट किया तथा लोगों से सेवादल में शामिल होकर सामाजिक कार्यों में सहयोग देने का आग्रह किया। गुरुद्वारे के प्रधान सुरेंद्रपाल सिंह ने समाज सेवा के क्षेत्र में योगदान देने वाले सेवादल की सराहना की।
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