एक जैसे लग सकते हैं मानसूनी बुखार और डेंगू के लक्षण, जानें दोनों में अंतर
बारिश की वजह से कई तरह की बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। इस मौसम में हवा में मौजूद नमी के कारण बैक्टीरिया ज्यादा पनपते हैं, जिसकी वजह से भी बीमारियों का खतरा रहता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो बारिश के मौसम में मच्छर जनित (मच्छरों के कारण होने वाली बीमारियां) और मानसूनी बुखार का खतरा ज्यादा रहता है। मानसूनी बुखार और डेंगू के लक्षण एक जैसे ही दिखते हैं। लेकिन इसमें अंतर को पहचानना बहुत जरूरी है, ताकि मरीज को सही इलाज मिल सके। मानसूनी बुखार और डेंगू में क्या अंतर होते हैं और इसकी पहचान कैसे की जाती है, ।
मानसूनी बुखार होने पर क्या लक्षण नजर आते हैं?
इसकी अवधि आमतौर पर 5-7 दिनों के बीच रहती है। मानसूनी बुखार तेज बुखार, ठंड लगना, सिर दर्द और मांसपेशियों में दर्द के साथ शुरू होता है। लक्षणों में शरीर में दर्द, थकान और कभी-कभी आंत संबंधी गड़बड़ी भी हो सकती है। मानसूनी बुखार के लक्षण आमतौर पर एक या दो दिन नजर आते हैं और धीरे-धीरे कम होने लगते हैं।
डेंगू के लक्षण क्या हैं?-
डेंगू मुख्य रूप से 7 से 10 दिनों तक बना रहता है। वहीं, कुछ मामलों में डेंगू को ठीक होने में लंबा वक्त भी लग सकता है। डेंगू होने पर अचानक तेज बुखार, तेज सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, चकत्ते और हल्के रक्तस्राव (जैसे नाक या मसूड़ों से खून आना या आसानी से चोट लगना) जैसे लक्षण नजर आते हैं। डेंगू का गंभीर चरण बीमारी के तीसरे से सातवें दिन से शुरू होता है। इस दौरान मरीज का प्लाज्मा गिर सकता है, जिसकी वजह से कई तरह की गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
मानसूनी बुखार का पता लगाने के लिए मेडिकल टेस्ट
बारिश के मौसम में आपको हुआ बुखार, मानसूनी बुखार है या नहीं इसका पता लगाने के लिए आप नीचे बताए गए मेडिकल टेस्ट करवा सकते हैं।
-ब्लड टेस्ट : संक्रमण और प्लेटलेट के स्तर की जांच के लिए कंप्लीट ब्लड काउंट टेस्ट।
-मूत्र परीक्षण: मूत्र पथ के संक्रमण को दूर करने के लिए मूत्र का परीक्षण किया जाता है।
डेंगू का पता लगाने के लिए मेडिकल टेस्ट
-एनएस 1 एंटीजन परीक्षण: इस टेस्ट के जरिए बुखार के पहले कुछ दिनों के भीतर ही डेंगू वायरस का पता लगाता है।
-आईजीएम और आईजीजी एंटीबॉडी टेस्ट: आईजीएम एंटीबॉडी पहले सप्ताह में दिखाई देते हैं, जबकि आईजीजी एंटीबॉडी बाद के चरण या पिछले संक्रमण का संकेत देते हैं।
-पूर्ण रक्त गणना (सीबीसी): डेंगू की गंभीरता और प्रगति का आकलन करने के लिए प्लेटलेट काउंट और हेमाटोक्रिट स्तरों की नियमित निगरानी की जाती है।
इन दोनों में कैसे करें अंतर?
मानसूनी बुखार और डेंगू इन दिनों दोनों ही रोग के मामले बढ़ रहे हैं और इनके ज्यादातर लक्षण भी एक जैसे ही होते हैं, इसलिए कुछ अंतरों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। दोनों में बुखार, दर्द और थकान होती है, पर डेंगू में आम तौर पर ये अचानक शुरू होता है और लक्षण बढ़ने के साथ गंभीर शरीर दर्द और चकत्ते होने लगते हैं। डेंगू बुखार के कारण ब्लड प्लेटलेट काउंट में कमी आने लगती है जबकि मानसूनी बुखार में ऐसे दिक्कत नहीं देखी जाती है।

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