सेहत के लिए बेहद लाभकारी गिलोय का काढ़ा, घर बैठे ऐसे करें तैयार
महामारी से लड़ने के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना बेहद जरूरी है. भारत सरकार के आयुष मंत्रालय की ओर से इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कई उपाय बताए गए हैं. जिसमें से एक है गिलोय का काढ़ा. इस खबर में हम आपके लिए लेकर आए हैं गिलोय का काढ़े से होने वाले फायदे और उसको बनाने का तरीका.
गिलोय का काढ़ा तैयार करने का सामान
दो कप पानी
एक चम्मच हल्दी
2 इंच अदरक का टुकड़ा
गिलोय के एक-एक इंच के 5 टुकड़े
6-7 तुलसी के पत्ते
स्वादानुसार गुड़
गिलोय का काढ़ा बनाने का तरीका
एक पैन में 2 कप पानी लें
अब इसे मीडियम आंच पर उबलने के लिए रख दें.
बाकी सभी सामग्री को डालें और गिलोय भी डाल दें.
फिर धीमी आंच पर इसे कुछ समय के लिए पकने दें.
जब पानी आधा रह जाए और सभी चीजें अच्छे से पक जाएं तो गैस बंद कर दें.
किसी कपड़े या छन्नी से इसे छानकर कप में डालें और चाय की तरह पीएं.
इसलिए भी खास है गिलोय का काढ़ा
आयुर्वेद में कई रोगों के इलाज में गिलोय का इस्तेमाल किया जाता है. यह काफी सस्ती आयुर्वेदिक औषधि है. गिलोय को गुडूची या अमृता के नाम से भी जाना जाता है. गिलोग का रस, और काढ़ा डेंगू, चिकनगुनिया, बुखार जैसी गंभीर बीमारियों में दिया जाता है. इसके अलावा बदलते मौसम में गिलोय कई तरह के वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन से भी बचाता है.
कितनी मात्रा में पीएं गिलोय का काढ़ा
आप गिलोय का काढ़ा प्रतिदिन एक कप पी सकते हैं. इससे ज्यादा नहीं पीना चाहिए, क्योंकि ज्यादा का सेवन आपको नुकसान पहुंचा सकता है. अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो आपको डॉक्टर की परामर्श के बाद ही इसे पीना चाहिए.
गिलोय का काढ़ा पीने के 5 फायदे?
गठिया रोग में भी गिलोय बहुत फायदेमंद होता है.
इसे पीने से शरीर कई तरह के संक्रमण और संक्रामक तत्वों से बच सकता है.
इसमें मौजूद अदरक और हल्दी मिलकर इम्यूनिटी बढ़ाने का काम करते हैं.
ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए भी फायदेमंद है गिलोय.
आयुर्वेद में डायबिटीज के मरीजों को गिलोय खाने की सलाह दी जाती है.
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