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 केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने ई संजीवनी को लोकप्रिय बनाने में राज्यों के योगदान की सराहना की

-ई संजीवनी और ई संजीवनी ओपीडी के माध्यम से 1.5 लाख टेली-परामर्श पूरे हुए
नर्ई दिल्ली।  केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने  रविवार को राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ ई संजीवनी और ई संजीवनी ओपीडी प्लेटफार्मों के बारे में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
 स्वास्थ्य मंत्रालय के टेली मेडिसिन सेवा प्लेटफॉर्मों पर 1.5 लाख टेली-परामर्श पूरे हो गए हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री  अश्विनी कुमार चौबे भी इस अवसर पर उपस्थित थे। तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री डॉ.सी. विजय भास्कर इसमेंवर्चुअल रूप से शामिल हुए।
 नवम्बर 2019 के बाद बहुत कम समय में ही ई संजीवनी और ई संजीवनी ओपीडी द्वारा टेली-परामर्श 23 राज्यों (जिसमें 75 प्रतिशतआबादीरहती है) द्वारा लागू किया गया और अन्य राज्य इसको शुरू करने की प्रक्रिया में हैं। एक ऐतिहासिक उपलब्धि में राष्ट्रीय टेली-मेडिसिन सेवा ने डेढ़ लाख से अधिक टेली-परामर्शों को पूरा किया औरअपने घरों में रहते हुए ही मरीजों को डॉक्टरों के साथ परामर्श करने में सक्षम बनाया।
 इस उपलब्धि की सराहना व्यक्त करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में हमने आयुष्मान भारत - स्वास्थ्य और कल्याण केन्द्रों पर ब्रॉडबैंड और मोबाइल फोन के माध्यम से डिजिटल इंडिया के विजन को लागू करने का काम शुरू कर दिया है। राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के सहयोग से और नि:स्वार्थ तथा प्रतिभाशाली चिकित्सकों और विशेषज्ञों के एक पूल के साथ हमई संजीवनी जैसे टेली-मेडिसिन प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में समर्थ हुए हैं। इससे कोविड महामारी के दौरान हमारे स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में व्यापक रूप से बढ़ोतरी हुई है।
 ई संजीवनी प्लेटफॉर्म ने दो प्रकार की टेली-मेडिसिन सेवाओं को सक्षम बनाया है जैसे डॉक्टर-से-डॉक्टर (ई संजीवनी) और रोगी-से-डॉक्टर (ई संजीवनीओपीडी) टेली-परामर्श। पहली सेवा आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केन्द्र (एबी-एचडब्ल्यूसी) कार्यक्रम के तहत लागू की गई है। दिसम्बर 2022 तक हब एंड स्पोक मॉडल में सभी 1.5 लाख स्वास्थ्य और कल्याण केन्द्रों में टेली-परामर्श लागू करने की योजना बनाई गई है। राज्यों ने चिकित्सा कॉलेजों और जिला अस्पतालों में स्पोक्स जैसेएसएचसी और पीएचसी को टेली-परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए समर्पित केन्द्रों की पहचान की है और उन्हें स्?थापित किया है। आज सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों और डॉक्टरों को मिलाकर 12 हजार उपयोगकर्ताओं को इस राष्ट्रीय ई-प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। वर्तमान मेंटेलीमेडिसिन 10 राज्यों में 3 हजार से अधिक एचडब्ल्यूसी के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है।
 कोविड-19 महामारी के कारण स्वास्थ्य मंत्रालय ने दूसरी टेली-परामर्श सेवा शुरू की है ताकि ई संजीवनी ओपीडी के माध्यम से रोगी से डॉक्टर टेली-मेडिसिन को सक्षम बनाया जा सके।  

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