पुरी मंदिर के सेवक को 30 दिन के लिए निलंबित किया गया
पुरी/कोलकाता । श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने रविवार को पुरी मंदिर के वरिष्ठ सेवक रामकृष्ण दासमोहनपात्र को 30 दिन के लिए निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई उन्हें पश्चिम बंगाल के दिगा जगन्नाथ मंदिर में एक कार्यक्रम में भाग लेने और अनुशासनहीनता के आरोप में की गई है। एसजेटीए के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि दासमोहनपात्र को मंदिर के सभी कर्तव्यों से निलंबित कर दिया गया है तथा एक महीने के लिए पुरी जगन्नाथ मंदिर में उनके अनुष्ठान करने पर रोक लगा दी गई है। इससे पहले, एसजेटीए ने दासमोहनपात्र को दो नोटिस भेजे थे। पहला नोटिस चार मई को जारी किया गया था, जिसमें उन्हें यह बताने के लिए कहा गया था कि उन्होंने 2015 के नबकलेबरा महोत्सव के दौरान एकत्रित पवित्र लकड़ी से दिगा जगन्नाथ मंदिर के लिए मूर्तियां क्यों बनाई। दूसरे नोटिस में पूछा गया कि वह पुरी सेवक होते हुए दिगा मंदिर के समारोह में क्यों गए।एसजेटीए ने कहा कि यह कदम मंदिर की परंपराओं और अनुशासन को बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने दासमोहनपात्र के निलंबन का समर्थन करते हुए कहा कि दासमोहनपात्र ने पुरी की परंपराओं को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने कहा कि यह निलंबन एक संदेश है कि पुरी जगन्नाथ धाम की पवित्रता की रक्षा की जानी चाहिए।
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