7 सांसदों का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल करेगा विदेशी दौरा, सीमा पार आतंकवाद के बारे में दुनिया को बताएगा भारत
नई दिल्ली। आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को वैश्विक मंच पर ले जाने के लिए केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मई के अंत में सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रमुख साझेदार देशों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों का दौरा करेंगे। यह कदम ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले के बाद भारत की सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ निरंतर लड़ाई को दर्शाता है। ये प्रतिनिधिमंडल भारत की एकजुटता और आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ दृढ़ संकल्प को दुनिया के सामने रखेंगे।
इन सात प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व सात सांसद करेंगे, जिनमें कांग्रेस से शशि थरूर, भाजपा से रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, जदयू से संजय कुमार झा, द्रमुक से कनिमोझी करुणानिधि, राकांपा से सुप्रिया सुले और शिवसेना से एकनाथ शिंदे शामिल हैं। सरकार ने इन नेताओं को उनके प्रभावी और स्पष्ट प्रतिनिधित्व के लिए चुना है। इनमें से चार सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से हैं, जबकि तीन विपक्षी इंडिया गठबंधन से हैं। सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल लगभग पांच देशों का दौरा करेगा। इन दौरों में प्रतिनिधिमंडलों के साथ अनुभवी राजनयिक भी होंगे, जो भारत के संदेश को और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने में मदद करेंगे।
संसदीय कार्य मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा, “ये सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भारत की राष्ट्रीय एकता और आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ दृढ़ रुख को दर्शाएंगे। वे दुनिया के सामने भारत के आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस का स्पष्ट संदेश लेकर जाएंगे।”
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “जब बात सबसे अहम होती है, भारत एकजुट होकर खड़ा होता है। सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेंगे और हमारा साझा संदेश लेकर जाएंगे।”
राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने इस जिम्मेदारी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्रालय का आभार जताया। उन्होंने कहा, “मुझे वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने का गौरव प्राप्त हुआ है।” यह कदम भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
Leave A Comment