झारखंड में 25 लाख के इनामी माओवादी ने किया सरेंडर
रांची। झारखंड में सरकार द्वारा माओवादियों को मुख्यधारा में वापस लाए जाने के प्रयासों का सकारात्मक असर दिखने लगा है. डाल्टनगंज में एक बड़े माओवादी नेता ने पुलिस के समक्ष गुरुवार को सरेंडर कर दिया. वह 77 आपराधिक मामलों में वॉन्टेड था और उस पर 25 लाख रुपये का इनाम था.
सरेंडर करने के तुरंत बाद माओवादी कमलेश कुमार गंझू उर्फ बिरसाई को 25 लाख रुपये का चेक सौंप दिया गया. वह झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ में काफी सक्रिय था. इसके अलावा छत्तीसगढ़ में भी एक बड़े माओवादी नेता वेती रामा ने भी बस्तर पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया. जहां बिरसाई ने निहत्थे आत्मसमर्पण किया, तो रामा ने पुलिस को एक इनसास राइफल भी सौंप दी. रामा किस्ताराम में मार्च में एक वाहन में हुए धमाके में शामिल था, जिसमें सीआरपीएफ के 9 जवान मारे गए थे.
बिरसाई माओवादियों की स्पेशल एरिया कमिटी (एसएसी) का सदस्य था. उसने पलामू डीआईजी (पुलिस) विपुल शुक्ला. डीआईजी (सीआरपीएफ) जे पाल और कमिश्नर एमके झा के समक्ष सरेंडर किया.
अधिकारियों ने बताया कि बिरसाई गढ़वा जिले के 33 मामलों में शामिल था. इसके अलावा उस पर झारखंड के लातेहार में 44 मामले चल रहे थे. बिरसाई लातेहार जिले से ताल्लुक रखता है. वह राज्य में दूसरा सबसे बड़ा माओवादी है, जो सरेंडर करने के बाद मुख्यधारा में वापस लौटा है. इससे पहले जून 2017 में एक अन्य माओवादी ने सरेंडर किया था. रामा 23 साल से माओवादियों से जुड़ा हुआ था. उसके सिर पर 8 लाख रुपये का इनाम था. वह विद्रोहियों के कोंटा डिवीजनल कमिटी का वैकल्पिक प्रेसीडेंट था.
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