जेष्ठ माह की पूर्णिमा ...प्रसन्न होंगी लक्ष्मी, बरसेगा धन
-पं. प्रकाश उपाध्याय
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार हिंदू धर्म में जेष्ठ माह की पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है. पंचांग के अनुसार जेष्ठ माह शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा 4 जून को होगी. हिंदू कैलेंडर के अनुसार जेष्ठ माह साल का तीसरा महीना होता है. जेष्ठ का अर्थ बड़ा अर्थात विद्वान के रूप में बताया गया है. ऐसे ही जेष्ठ माह की पूर्णिमा भी विशेष तौर पर मनाई जाती है.
हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व माना जाता है. जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली के लिए जेष्ठ माह की पूर्णिमा के दिन व्रत और पूजा करने का विधान है. जेष्ठ पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु और शिव को समर्पित दिन है. इस दिन पूजा पाठ, दान ध्यान और स्नान करने का महत्व होता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने, व्रत एवं दान-पुण्य करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है. ऐसे में इस दिन पूजा अर्चना के साथ कुछ उपाय करने से विशेष लाभ प्राप्त होंगे.
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी की पूजा का महत्व
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से अपार धन की प्राप्ति होने की धार्मिक मान्यता भी बताई गई है. कहा जाता है कि इस दिन विधि विधान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करने से उनकी कृपा सदैव बनी रहती है. ज्येष्ठ पूर्णिमा पर स्नान, ध्यान, दान आदि करने का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन चंद्रमा के निमित्त चीजें दान करने का भी विशेष महत्व बताया गया है. ज्येष्ठ पूर्णिमा पर चांदी, फल, फूल, चावल, शक्कर, जरूरत मंदो को खाना, दही, मोती आदि चीजे दान करने से काफी लाभ मिलता है.
सिद्ध योग मनाई जाएगी ज्येष्ठ पूर्णिमा
ज्येष्ठ पूर्णिमा के महत्व को लेकर हमने ज्योतिष शास्त्र की जानकार से बातचीत की. वह बताती है की साल 2023 में होने वाली पूर्णिमा सबसे खास और महत्वपूर्ण है. ज्येष्ठ पूर्णिमा 4 जून 2023 को रविवार के दिन सिद्ध योग में मनाई जाएगी. सिद्ध योग में किए गए कार्य सिद्ध ही होते हैं. यह पूर्णिमा लोगो के सबसे खास बताई जाती है. यह पूर्णिमा साल में होने वाली सभी पूर्णिमा से बड़ी होती है. यह बिना देरी के फल देने वाली होती है. जेष्ठ माह की पूर्णिमा पर पितरों के निमित्त कार्य करने का विशेष महत्व होता है.
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