19 साल बाद राहु-मंगल की युति से बना है योग, जानिए क्या होगा असर
नई दिल्ली। 19 साल बाद मंगल और राहु की युति से अंगारक योग बना है। इससे पहले यह योग 2002 में बना था। 22 फरवरी को लाल ग्रह मंगल का गोचर हुआ है। मंगल ग्रह अपनी स्वराशि मेष से वृषभ राशि में आए हैं और इस राशि में राहु पहले से ही विराजमान हैं। यहां राहु और मंगल का मिलन अंगारक योग का निर्माण कर रहा है। वृष राशि में यह योग 13 अप्रैल 2021 तक प्रभावी रहेगा। ज्योतिष शास्त्र में इसे एक अशुभ योग के रूप में देखा जाता है। यह योग व्यक्ति की बुद्धि को भ्रष्ट करता है। इस योग के प्रभाव से व्यक्ति हिंसक और आक्रामक हो जाता है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार हाल ही में शुक्र का मकर राशि में गोचर हुआ है, शुक्र का यह गोचर 15 मार्च 2021 तक प्रभावी रहेगा। कुंभ राशि के स्वामी शनिदेव हैं। वहीं शुक्र और शनि के बीच आपस में मित्रता का भाव है। ऐसे में शनि की राशि में शुक्र का शुभ प्रभाव देखने को मिलेगा। शुक्र ग्रह भौतिक सुख-सुविधाओं व समृद्धि का कारक है। इसके प्रभाव से सौंदर्य, कला, मनोरंजन आदि के क्षेत्र लाभ होगा। महिलाओं की उन्नति व अधिकारों में वृद्धि भी कराएगा।
मंगल और राहु की युति से आएगी आपदा
वृष राशि में मंगल और राहु की युति के प्रभाव से मौसम में परिवर्तन आने के संकेत हैं। कुछ प्रदेशों में प्राकृतिक आपदा भी आ सकती है। शुक्र और मंगल के राशि परिवर्तन मौसम में सर्दी की एक बार फिर वापसी हो सकती है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मंगल व राहू की युति अच्छी नहीं होती है। यह प्राकृतिक आपदा और सड़क दुर्घटना व अग्नि दुर्घटनाओं का कारण बनती रही है। इस अवधि में कहीं भूस्खलन तो कहीं बारिश के भी आसार बनेंगे। इसके बावजूद गुरु, शनि व बुध के अच्छी स्थिति में होने से व्यापारिक मंदी में तेजी आएगी। युवाओं और महिलाओं को परीक्षा-प्रतियोगिताओं में सफलता मिलेगी और कृषि के क्षेत्र में उत्पादन बढ़ सकता है।
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