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नयी दिल्ली/ ‘ऑपरेशन सिंदूर' के बाद आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने का भारत का संदेश लेकर सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश जाएंगे, जिनमें से कुछ प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व सत्तारूढ दलों के नेता जबकि कुछ की अगुवाई विपक्षी दलों के नेता करेंगे। सरकार ने प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने के लिए जिन नेताओं का चयन किया है, उनमें सत्तारूढ़ दलों से भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद व बैजयंत पांडा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे और जनता दल (यूनाइटेड) के नेता संजय झा, विपक्षी दलों में कांग्रेस के शशि थरूर, द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) की कनिमोई, राकांपा-एसपी की सुप्रिया सुले शामिल हैं। संसदीय कार्य मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल हर तरह के आतंकवाद का मुकाबला करने की भारत की राष्ट्रीय सहमति और दृढ़ दृष्टिकोण को सामने रखेंगे। वे आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने के देश के मजबूत संदेश को दुनिया के सामने लेकर जाएंगे।'' सरकार ने प्रतिनिधिमंडल के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के ऐसे नेताओं का सोच समझकर चयन किया है, जिन्हें मुखर माना जाता है। इन नेताओं में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के चार और विपक्षी ‘इंडिया' गठबंधन के तीन नेता शामिल हैं, जो सार्वजनिक जीवन में लंबे समय से सक्रिय रहने वाले वरिष्ठ सांसद हैं। विपक्ष ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भयावह आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत के मामले पर सरकार की कार्रवाई का समर्थन किया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री थरूर ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के ठिकानों पर भारत के हमलों का बचाव और भारत-पाक संघर्ष पर सत्तारूढ़ गठबंधन के सख्त रुख का समर्थन किया है। संभावना है कि उन्हें अमेरिका जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दिया जा सकता है। मंत्रालय के बयान में कहा गया कि प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में प्रतिष्ठित राजनयिक शामिल होंगे।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में भारत एकजुट है। सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेंगे। वे आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने के हमारे साझा संदेश को लेकर जाएंगे।'' मंत्रालय के बयान को साझा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह राजनीति से ऊपर, मतभेदों से परे राष्ट्रीय एकता का एक शक्तिशाली प्रतिबिंब है।'' बयान में कहा गया कि सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों की प्रस्तावित यात्राएं ‘ऑपरेशन सिंदूर' और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की निरंतर लड़ाई से संबंधित हैं। सूत्रों ने बताया कि प्रसाद के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया का दौरा करने की उम्मीद है, जबकि सुले की अगुवाई वाली सांसदों की टीम ओमान, केन्या, दक्षिण अफ्रीका और मिस्र की यात्रा करेगी। उन्होंने कहा कि झा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल के जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, मलेशिया और इंडोनेशिया (सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश) का दौरा करने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि छह-सात सांसदों वाला प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल चार से पांच देशों का दौरा कर सकता है। अनुराग ठाकुर, अपराजिता सारंगी, मनीष तिवारी, असदुद्दीन ओवैसी, अमर सिंह, राजीव प्रताप रूडी, समिक भट्टाचार्य, बृजलाल, सरफराज अहमद, प्रियंका चतुर्वेदी, विक्रमजीत साहनी, सस्मित पात्रा और भुवनेश्वर कलिता समेत विभिन्न दलों के सांसद इन प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा होंगे। झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में पूर्व विदेश मंत्री और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद को भी शामिल किया गया है। खुर्शीद सांसद नहीं हैं। सरकार ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय को भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इनकार कर दिया। इस व्यापक कूटनीतिक प्रयास का उद्देश्य विभिन्न देशों में पहलगाम हमले पर भारत के रुख को रेखांकित करना है। थरूर ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि वह देश का दृष्टिकोण प्रस्तुत करने के लिए पांच प्रमुख देशों में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए सरकार के निमंत्रण से ‘‘सम्मानित'' महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जब राष्ट्रीय हित की बात होगी और मेरी सेवाओं की आवश्यकता होगी, तो मैं पीछे नहीं रहूंगा। जय हिंद!'' शिंदे ने ‘एक्स' पर कहा, ‘‘हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दृढ़ता से बताएंगे कि भारत में आतंकवाद के लिए कोई स्थान नहीं है, और पाकिस्तान अपनी धरती पर आतंकवाद को पाल रहा है। जब राष्ट्रीय हित के मामलों की बात आती है, तो कोई मतभेद नहीं होता, केवल कर्तव्य होता है।'' प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में किसी भी आतंकवादी कृत्य को युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। इससे यह संकेत मिलता है कि यदि पाकिस्तान भारतीय क्षेत्र में आतंकवाद को बढ़ावा देना जारी रखता है तो भारत उसे निशाना बनाएगा। भारत ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान के साथ कई दिनों तक चले संघर्ष के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर' को केवल रोका गया है और अगली कार्रवाई पड़ोसी देश के आचरण पर निर्भर करेगी। -
नई दिल्ली। आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को वैश्विक मंच पर ले जाने के लिए केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मई के अंत में सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रमुख साझेदार देशों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों का दौरा करेंगे। यह कदम ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले के बाद भारत की सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ निरंतर लड़ाई को दर्शाता है। ये प्रतिनिधिमंडल भारत की एकजुटता और आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ दृढ़ संकल्प को दुनिया के सामने रखेंगे।
इन सात प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व सात सांसद करेंगे, जिनमें कांग्रेस से शशि थरूर, भाजपा से रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, जदयू से संजय कुमार झा, द्रमुक से कनिमोझी करुणानिधि, राकांपा से सुप्रिया सुले और शिवसेना से एकनाथ शिंदे शामिल हैं। सरकार ने इन नेताओं को उनके प्रभावी और स्पष्ट प्रतिनिधित्व के लिए चुना है। इनमें से चार सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से हैं, जबकि तीन विपक्षी इंडिया गठबंधन से हैं। सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल लगभग पांच देशों का दौरा करेगा। इन दौरों में प्रतिनिधिमंडलों के साथ अनुभवी राजनयिक भी होंगे, जो भारत के संदेश को और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने में मदद करेंगे।संसदीय कार्य मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा, “ये सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भारत की राष्ट्रीय एकता और आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ दृढ़ रुख को दर्शाएंगे। वे दुनिया के सामने भारत के आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस का स्पष्ट संदेश लेकर जाएंगे।”संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “जब बात सबसे अहम होती है, भारत एकजुट होकर खड़ा होता है। सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेंगे और हमारा साझा संदेश लेकर जाएंगे।”राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने इस जिम्मेदारी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्रालय का आभार जताया। उन्होंने कहा, “मुझे वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने का गौरव प्राप्त हुआ है।” यह कदम भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। -
नई दिल्ली। अब रोजगार, ट्रेनिंग, कोर्स और नजदीकी स्किल सेंटर्स से जुड़ी जानकारी लोगों को व्हाट्सऐप पर तुरंत मिल सकेगी। इसके लिए भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (MSDE) ने मेटा के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी के तहत नया AI-पावर्ड टूल “स्किल इंडिया असिस्टेंट (SIA)” लॉन्च किया गया है। इस टूल को व्हाट्सऐप पर इस्तेमाल किया जा सकता है। लोग 8448684032 नंबर पर मैसेज भेजकर स्किल कोर्स, ट्रेनिंग सेंटर्स और नौकरी के मौकों के बारे में जानकारी ले सकते हैं। यह सेवा स्किल इंडिया डिजिटल हब पर भी उपलब्ध है। यह दुनिया में अपनी तरह की सबसे बड़ी और पहली पहल है, जिसमें ओपन-सोर्स AI को व्हाट्सऐप जैसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म से जोड़ा गया है।
केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने इस लॉन्च पर कहा कि यह टूल देश के हर नागरिक को सीखने और नौकरी की जानकारी पाने का नया और आसान तरीका देगा। AI और व्हाट्सऐप की मदद से लोग अब घर बैठे ही पर्सनल गाइडेंस ले सकेंगे, जिससे खासतौर पर गांव और दूरदराज के इलाकों के लोगों को बहुत फायदा मिलेगा। मेटा इंडिया के उपाध्यक्ष शिवनाथ ठुकराल ने कहा कि यह पहल दिखाती है कि ओपन-सोर्स टेक्नोलॉजी के जरिए समाज में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्किल इंडिया असिस्टेंट भारत के डिजिटल और समावेशी विकास के विजन को मजबूती देगा।यह टूल फिलहाल हिंदी, अंग्रेजी और हिंग्लिश में उपलब्ध है। आने वाले समय में इसे अन्य भारतीय भाषाओं में भी शुरू किया जाएगा, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इसका फायदा उठा सकें। खास बात यह है कि यह टूल लोगों के फीडबैक के आधार पर समय-समय पर अपडेट होता रहेगा, ताकि उपयोगकर्ताओं को बेहतर अनुभव मिल सके। सर्वम एआई द्वारा विकसित इस टूल का मकसद डिजिटल खाई को खत्म करना और देश के हर नागरिक को सही कौशल और नौकरी से जोड़ना है। विशेषज्ञों के अनुसार भारत “दुनिया की स्किल कैपिटल” बनने की राह पर है, और यह टूल इस दिशा में बड़ा कदम है।- - -ऑपरेशन सिन्दूर, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति, असूचना एजेंसियों की सटीक सूचना और हमारी तीनों सशस्त्र सेनाओं की अचूक मारक क्षमता का अद्वितीय प्रतीक-भारत को अपनी तीनों सशस्त्र सेनाओं, सीमा सुरक्षा बल और सभी सुरक्षा एजेंसियों पर गर्व है--छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा के Korragattalu Hills (KGH) में किये गए ऐतिहासिक नक्सल विरोधी ऑपरेशन्स हमारी सुरक्षा बलों के बेहतरीन समन्वय को दर्शाते हैं-नया MAC, जटिल और परस्पर रूप से जुड़ी मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में सभी एजेंसियों के प्रयासों को synergise करेगा और एक निर्बाध तथा integrated platform प्रदान करेगा-नया नेटवर्क, आतंकवाद, उग्रवाद, संगठित अपराध और साइबर हमलों जैसे गंभीर खतरों से निपटने में देश के प्रयासों को मज़बूती प्रदान करेगानई दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने शुक्रवार को नई दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक में नए Multi Agency Centre (MAC) का उदघाटन किया। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति, आसूचना एजेंसियों की सटीक सूचना और हमारी तीनों सशस्त्र सेनाओं की अचूक मारक क्षमता का अद्वितीय प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारत को अपनी तीनों सेनाओं, सीमा सुरक्षा बल और सभी सुरक्षा एजेंसियों पर गर्व है।हाल ही में, छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा के Korragattalu Hills (KGH) में केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों (CAPFs) द्वारा चलाए गए ऐतिहासिक नक्सल विरोधी ऑपरेशनों के बारे में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ ये ऐतिहासिक अभियान हमारे सुरक्षाबलों के बेहतरीन समन्वय को दर्शाते हैं। श्री शाह ने कहा कि इसी प्रकार का समन्वय ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी देखने को मिला जिससे पता चलता है कि हमारी खुफिया एजेंसियों तथा तीनों सशस्त्र सेनाओं द्वारा कार्य को अंजाम देने की प्रक्रिया और सोच में काफी बेहतर समन्वय है।केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि नया MAC, जटिल और परस्पर रूप से जुड़ी मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में सभी एजेंसियों के प्रयासों को synergise करेगा और एक निर्बाध तथा integrated platform प्रदान करेगा। उन्होंने आशा जताई कि नया नेटवर्क, आतंकवाद, उग्रवाद, संगठित अपराध और साइबर हमलों जैसे गंभीर खतरों से निपटने में देश के प्रयासों को मज़बूती प्रदान करेगा।श्री अमित शाह ने नए MAC नेटवर्क की प्रशंसा की और इसमें हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर से जुड़े कार्यों को रिकॉर्ड समय में सफलतापूर्वक पूरा करने पर संतोष व्यक्त किया। इसमें AI/ML जैसे futuristic capabilities हैं ताकि MAC और GIS services की विशाल डाटाबेस क्षमता का उपयोग किया जा सके। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों के पास जो महत्वपूर्ण डाटाबेस एकाकीपन में काम कर रहे हैं, उन्हें भी इस प्लेटफ़ार्म पर जोड़ा जाना चाहिए जिससे नए MAC के पास उपलब्ध advanced data analytics का फायदा उठाया जा सके। श्री शाह ने कहा कि इससे MAC नेटवर्क पर generate की गई data analytics की गुणवत्ता और बेहतर होगी; trend analysis बिलकुल accurate होगा, hotspot की मैपिंग की जा सकेगी और timeline analysis भी हो सकेगा जो predictive और operational outcome प्रदान करेगा। नया MAC प्लैटफ़ार्म, terror ecosystem से लड़ने में बहुत दूरगामी साबित होगा जो संगठित अपराध से काफी गहराई से जुड़ा हुआ है।भारत के सबसे अग्रणी intelligence fusion centre के रूप में Multi Agency Centre (MAC), वर्ष 2001 से अस्तित्व में है और केन्द्रीय गृह मंत्री निरंतर MAC के तकनीकी उन्नयन का सक्रियता से मार्गदर्शन कर रहे हैं। आसूचना ब्यूरो (Intelligence Bureau) में स्थित नए MAC ने intelligence, security, law enforcement और जांच एजेंसियों को आपस में जोने का काम किया है। 500 करोड़ रुपए की लागत से तैयार नए MAC नेटवर्क में qualitative और quantitative, दोनों तरह के बदलाव किए गए हैं। नया MAC नेटवर्क देश के length और breadth में फैला है जिसमें देश के द्वीपीय हिस्से, उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र और ऊंचे पहाड़ी क्षेत्र भी शामिल हैं। इसमें standalone secure network के साथ दूरदराज के क्षेत्रों के जिला SP तक last mile connectivity दी गई है।
- पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज शुक्रवार को हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सबसे बड़ा निर्णय गया शहर का नाम बदलने को लेकर रहा। अब इस धार्मिक और ऐतिहासिक शहर को ‘गया जी’ के नाम से जाना जाएगा। कैबिनेट ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में शहीद हुए जवानों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की मंजूरी दी है। यह निर्णय सरकार की शहीदों और उनके परिवारों के प्रति सम्मान और जिम्मेदारी को दर्शाता है। वहीं राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को राहत देते हुए महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी की घोषणा भी की है, जिससे लाखों कर्मचारियों को आर्थिक फायदा होगा। प्रखंड और अंचल कार्यालयों की सफाई व्यवस्था अब जीविका दीदियों को सौंपी जाएगी। इससे न सिर्फ स्वच्छता व्यवस्था सुधरेगी, बल्कि महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा।कैबिनेट ने प्रशासनिक ढांचे के विस्तार के तहत छपरा जिले के सोनपुर को नगर परिषद और औरंगाबाद जिले के मदनपुर को नगर पंचायत का दर्जा दिया है। महत्वाकांक्षी ‘जल जीवन हरियाली योजना’ की अवधि बढ़ा दी गई है। साथ ही, दरभंगा जिले की जलापूर्ति योजना के लिए 186 करोड़ रुपये और औरंगाबाद की योजना के लिए 72 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। बोधगया के लिए भी नई जल परियोजना को हरी झंडी मिली है और सोनपुर मेला क्षेत्र का विस्तार किया जाएगा। वहीं राज्य के 900 ग्राम पंचायतों में नए पंचायत भवन बनाए जाएंगे ताकि प्रशासनिक कार्य बेहतर तरीके से हो सकें। शिक्षा क्षेत्र में, केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) के तहत बिहार के कई जिलों में नए विद्यालय खोलने का फैसला लिया गया है। राज्य सरकार 58,193 करोड़ रुपये का ऋण लेकर विकास कार्यों को गति देगी। सहकारिता विभाग के तहत 498 नए पदों को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, मुख्य जांच आयुक्त कार्यालय में 125 पदों को भी मंजूरी दी गई है, जिससे जांच प्रक्रिया तेज होगी।इसके अलावा बिहार सरकार की नौकरियों में अब केवल बिहार के मूल निवासी बेंचमार्क दिव्यांगों को ही क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिलेगा। स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई ‘कैंसर केयर एंड रिसर्च सोसायटी’ बनाई जाएगी, जो कैंसर की रोकथाम, इलाज और अनुसंधान में काम करेगी। अनुपस्थित रहने के कारण पांच डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त किया गया है। राज्य के अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों में अब शिक्षा विभाग के शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति होगी। इसके साथ ही, भागलपुर, अररिया और गोपालगंज में नए अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय खोले जाएंगे। इसके साथ ही कैबिनेट ने पटना मेट्रो परियोजना को गति देने के लिए दो करोड़ 56लाख नौ हजार करोड़ रुपये के भुगतान की मंजूरी दी है। अब जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्रों से संबंधित आवेदन ग्राम पंचायत स्तर पर ही निपटाए जाएंगे, जिससे आम लोगों को सहूलियत मिलेगी। इसके अलावा, भीमराव अंबेडकर आवासीय विद्यालय इमामगंज, समस्तीपुर और भोजपुर में भवनों का पुनर्निर्माण किया जाएगा, और उद्यान प्रशिक्षण निदेशालय के गैर-तकनीकी पदों की नियमावली में बदलाव किया गया है।-(
- पटना। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। चुनाव आयोग की ओर से भारत के चुनाव आयुक्त विवेक जोशी ने शुक्रवार को पटना में एक अहम बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में चुनाव की तैयारियों, कानून-व्यवस्था और मतदाता सुविधाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। इस बैठक में बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल, राज्य पुलिस के नोडल अधिकारी कुंदन कृष्णन, पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अवकाश कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। खास तौर पर पटना जिले की चुनाव तैयारियों पर फोकस किया गया।विवेक जोशी ने कहा कि बिहार में चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और सभी वर्गों की भागीदारी से होने चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ज्यादा से ज्यादा लोगों, खासकर युवाओं और दिव्यांग मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। चुनाव आयोग ने चिंता जताई कि 18-19 साल के युवाओं की संख्या बिहार में करीब 64 लाख है, लेकिन अब तक केवल 8,08,857 युवा ही वोटर के रूप में पंजीकृत हुए हैं। इस स्थिति को सुधारने के लिए अभियान तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।जोशी ने यह भी कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार का मतदान प्रतिशत केवल 56.28% रहा था, जो राष्ट्रीय औसत 66.10% से काफी कम है। इसलिए इस बार पंचायत स्तर तक जागरूकता बढ़ाकर मतदान प्रतिशत बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है। बिहार में इस समय कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 7.80 करोड़ है। इनमें से 7,69,046 दिव्यांग मतदाता और 85 वर्ष से अधिक आयु वाले 5,91,347 बुजुर्ग मतदाता शामिल हैं। राज्य में कुल 77,895 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। चुनाव आयुक्त ने सभी केंद्रों पर दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं के लिए विशेष सुविधाएं सुनिश्चित करने पर जोर दिया।विवेक जोशी चुनावी तैयारियों का जायजा लेने के लिए पूर्वी चंपारण के मोतिहारी, पश्चिमी चंपारण के बेतिया, और वाल्मीकि नगर का दौरा भी करेंगे। रविवार को वह एसएसबी अधिकारियों से मिलेंगे और सोमवार को वैशाली में चुनाव व्यवस्था की जमीनी समीक्षा करेंगे। इस दौरे के जरिए चुनाव आयोग बिहार में पारदर्शी, शांतिपूर्ण और सभी की भागीदारी वाले चुनाव कराने के संकल्प को दोहरा रहा है।-
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नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और भारतीय सेना के शौर्य को सम्मान देने के लिए कोटा में शुक्रवार को एक ऐतिहासिक तिरंगा यात्रा निकाली गई। इस यात्रा की शुरुआत लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रामपुरा स्थित ऐतिहासिक पीपल पेड़ के पास भारत माता और शहीद जवानों को पुष्प अर्पित कर और तिरंगा लहराकर की। यह आयोजन “राष्ट्रीय सुरक्षा हेतु नागरिक कार्यक्रम” के अंतर्गत हुआ, जिसमें हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। इस रैली में जनप्रतिनिधि, सामाजिक संस्थाएं, युवा, महिलाएं और आम नागरिक बड़ी संख्या में शामिल हुए।
इस अवसर पर ओम बिरला ने कहा कि यह सिर्फ एक रैली नहीं, बल्कि देश के गौरव, बलिदान और आत्मसम्मान का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “जब-जब तिरंगा लहराता है, तब-तब हमारी आत्मा और बलिदान की परंपरा भी लहराती है।” उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को सिर्फ एक सैन्य मिशन नहीं, बल्कि भारत की नारीशक्ति की रक्षा और सम्मान बताया। बिरला ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा, “अब भारत की बेटियों की ओर उठी हर नजर का जवाब सीमा पार से मिलेगा। भारत शांति का पक्षधर है, लेकिन जब मातृभूमि पर खतरा आता है, तो भारत सुदर्शन भी उठा सकता है।”उन्होंने लोगों से अपील की कि हर नागरिक अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करे, यही सच्ची श्रद्धांजलि है उन वीरों के लिए जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों में अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया। -
बेंगलुरु. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि उसने चंद्रयान-5/लूपेक्स (चंद्र ध्रुवीय अन्वेषण) मिशन के लिए जापानी अंतरिक्ष एजेंसी जेएक्सए के साथ तीसरी आमने-सामने तकनीकी बैठक (टीआईएम-3) आयोजित की है। इसरो ने बताया कि चंद्रयान-5/लूपेक्स मिशन भारत के चंद्र अन्वेषण अभियान में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, जिसमें 2040 तक भारतीय गगनयात्रियों (अंतरिक्ष यात्रियों) के चंद्रमा पर उतरने की परिकल्पना की गई है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक 13 से 14 मई को बेंगलुरु स्थित इसरो के मुख्यालय में आयोजित बैठक में इसरो, जेएक्सए और जापान की मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज (एमएचआई) के वरिष्ठ अधिकारियों, परियोजना अधिकारियों और तकनीकी टीम के सदस्यों ने हिस्सा लिया। इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-1, चंद्रयान-2 (ऑर्बिटर-आधारित चंद्र अन्वेषण), चंद्रयान-3 (लैंडर-रोवर आधारित इन-सीटू अन्वेषण) और आगामी चंद्रयान-4 (भारत का पहला चंद्र नमूना वापसी मिशन) की विरासत पर निर्माण करते हुए, चंद्रयान-5/लूपेक्स मिशन चंद्र मिशनों की चंद्रयान श्रृंखला में पांचवां होगा। संगठन ने बताया कि इस मिशन को जेएक्सए के सहयोग से, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के स्थायी छाया क्षेत्र (पीएसआर) के आसपास के इलाकों में जल सहित चंद्रमा की अस्थिर सामग्रियों का अध्ययन करने के लिए अंजाम दिया जाएगा। इसरो के मुताबिक इस मिशन को जेक्सा द्वारा अपने एच3-24एल प्रक्षेपण यान के माध्यम से प्रक्षेपित किया जाएगा। यह मिशन अपने साथ भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा निर्मित चंद्र लैंडर जापान निर्मित चंद्र रोवर एमएचआई को ले जाएगा। यहां जारी एक बयान के मुताबिक चंद्र लैंडर के अलावा, इसरो की जिम्मेदारी मिशन के लिए कुछ वैज्ञानिक उपकरण विकसित करने की भी होगी। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि मिशन के लिए वैज्ञानिक उपकरण इसरो, जेएक्सए, ईएसए (यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी) और नासा (नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) द्वारा प्रदान किए जाएंगे, जो सभी चंद्र ध्रुवीय क्षेत्र में आरक्षित वाष्पशील पदार्थों के अन्वेषण और इन-सीटू विश्लेषण (इसका तात्पर्य पदार्थों, जीवों या घटनाओं के उनके प्राकृतिक, अप्रभावित वातावरण में अध्ययन से है) से विषयगत रूप से जुड़े हुए हैं। केंद्र सरकार ने चंद्रयान-5/लूपेक्स मिशन को हरी झंडी वित्तीय मंजूरी के रूप में 10 मार्च, 2025 को दी गई थी। बैठक के दौरान, इसरो के वैज्ञानिक सचिव एम गणेश पिल्लई ने अब तक की तकनीकी उपलब्धियों के लिए दोनों टीम को बधाई दी और मिशन के वैज्ञानिक और तकनीकी पहलुओं के लिए सहयोगात्मक प्रयास के महत्व पर जोर दिया।
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नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को मथुरा में श्री बांके बिहारी मंदिर गलियारे को विकसित करने की उत्तर प्रदेश सरकार की योजना का मार्ग प्रशस्त कर दिया और इससे श्रद्धालुओं को फायदा मिलेगा। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की उस याचिका को स्वीकार कर लिया जिसमें कहा गया था कि श्री बांके बिहारी मंदिर की निधि का इस्तेमाल केवल मंदिर के आसपास पांच एकड़ भूमि खरीदने और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बनाये गये निरुद्ध क्षेत्र (होल्डिंग एरिया) बनाने के लिए किया जाए। इसने कहा, ‘‘हम उत्तर प्रदेश राज्य को इस योजना को पूरी तरह से लागू करने की अनुमति देते हैं। बांके बिहारी जी ट्रस्ट के पास देवता/मंदिर के नाम पर सावधि जमा है...राज्य सरकार को प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण के लिए सावधि जमा में पड़ी राशि का इस्तेमाल करने की अनुमति है।'' उच्चतम न्यायालय ने हालांकि कहा कि मंदिर और गलियारा बनाने के लिए अधिग्रहित की जाने वाली भूमि देवता/ट्रस्ट के नाम पर होनी चाहिए। इस प्रक्रिया में, इसने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आठ नवंबर, 2023 के आदेश को संशोधित किया, जिसमें राज्य की महत्वाकांक्षी योजना को स्वीकार किया गया था, लेकिन राज्य को मंदिर की निधि का इस्तेमाल करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था। पीठ ने कहा कि चूंकि न्यायालय ब्रज क्षेत्र में मंदिरों के प्रशासन और सुरक्षा के मुद्दे पर विचार कर रहा है, इसलिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए मुद्दे पर शीघ्र निर्णय लेना जनहित में है। मंदिर के विकास के लिए राज्य द्वारा पेश प्रस्तावित योजना के तहत, अदालत ने कहा कि मंदिर के चारों ओर पांच एकड़ भूमि अधिग्रहित की जानी थी और उस पर पार्किंग स्थल, भक्तों के लिए आवास, शौचालय, सुरक्षा जांच चौकियां और अन्य सुविधाएं स्थापित कर उसे विकसित किया जाना है। उच्च न्यायालय ने 8 नवंबर, 2023 को अपने आदेश में कहा था कि मंदिर के आसपास की भूमि का अधिग्रहण और उसके परिणामस्वरूप विकास परियोजना तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। पीठ ने कहा कि राज्य सरकार को गलियारा विकसित करने में 500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी और उसने संबंधित भूमि खरीदने के लिए मंदिर की निधि का उपयोग करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे उच्च न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने मथुरा में बांके बिहारी मंदिर की दयनीय स्थिति और उचित प्रशासन एवं सुविधाओं के अभाव की ओर ध्यान दिलाया। इसने कहा कि मंदिर केवल 1,200 वर्ग फुट के सीमित क्षेत्र में फैला हुआ है और यहां प्रतिदिन 50,000 श्रद्धालु आते हैं और यह संख्या सप्ताहांत में 1.5 से 2 लाख और त्योहारों के दौरान पांच लाख से अधिक होती है। सरकार ने कहा कि उत्तर प्रदेश ब्रज योजना एवं विकास बोर्ड अधिनियम, 2015 मथुरा जिले में ब्रज क्षेत्र विरासत के विकास, संरक्षण और रखरखाव के लिए लागू किया गया था। इसने कहा कि अधिनियम के तहत क्षेत्र के मंदिरों के प्रशासन के लिए आवश्यक विशेषज्ञता वाली एक परिषद गठित की गई है और तदनुसार इसकी सेवाओं का उपयोग इन मंदिरों के लिए प्रशासक नियुक्त करने के लिए किया जा सकता है। दूसरी ओर, पीठ ने कहा कि एक दीवानी मुकदमा 25 वर्षों से अधिक समय से लंबित है और केवल ‘कोर्ट रिसीवर' ही मामले को चला रहा है, जो दर्शाता है कि ‘‘कुप्रशासन'' ‘‘गहरा और व्यापक'' है। पीठ ने इसे ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण'' पाया कि ‘रिसीवर' नियुक्त करते समय अदालतों ने इस बात पर विचार नहीं किया कि मथुरा और वृंदावन वैष्णव संप्रदायों के लिए दो सबसे पवित्र स्थान हैं और इसलिए, ‘‘वैष्णव संप्रदायों के व्यक्तियों को ‘रिसीवर' के रूप में नियुक्त किया जाना चाहिए।''
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को स्मार्ट बंदरगाहों और बाजारों के माध्यम से मत्स्य पालन क्षेत्र के आधुनिकीकरण तथा पकड़ी गई मछलियों की ढुलाई और विपणन के लिए ड्रोन के उपयोग पर जोर दिया। गहरे समुद्र में मछली पकड़ने और समुद्री उत्पाद निर्यात पर ध्यान केंद्रित करते हुए मत्स्य पालन क्षेत्र की प्रगति और भविष्य की योजनाओं की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आपूर्ति श्रृंखला को बेहतर करने के लिए कार्य करने की एक स्वस्थ प्रणाली की ओर बढ़ने की आवश्यकता है। एक बयान में कहा गया कि मोदी ने नागरिक उड्डयन अधिकारियों के परामर्श से उत्पादन केंद्रों से शहरों और कस्बों के नजदीकी बाजारों तक ताजी मछली की ढुलाई के लिए तकनीकी प्रोटोकॉल के अनुसार ड्रोन का उपयोग करने का भी आह्वान किया। मोदी ने उत्पाद के प्रसंस्करण और पैकेजिंग में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही बैठक में निजी क्षेत्र से निवेश को सुविधाजनक बनाने पर भी चर्चा की गई। मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मत्स्य पालन क्षेत्र को और मजबूत बनाने के तौर-तरीकों पर एक बैठक की अध्यक्षता की। हम इस क्षेत्र को बहुत महत्व देते हैं और इस क्षेत्र से संबंधित बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया गया है। हमारे मछुआरों के लिए ऋण के साथ-साथ बाजारों तक अधिक पहुंच सुनिश्चित की गई है।'' उन्होंने कहा कि बैठक में इस बात पर विचार-विमर्श किया गया कि निर्यात को कैसे बढ़ाया जाए तथा गहरे समुद्र में मछली पकड़ने पर अधिक ध्यान कैसे दिया जाए। मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेरी तथा पंचायती राज मंत्री ललन सिंह तथा प्रधानमंत्री कार्यालय एवं मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में शामिल थे। मोदी ने कहा कि ‘अमृत सरोवरों' में मछली उत्पादन से न केवल इन जलाशयों की स्थिति में सुधार होगा, बल्कि मछुआरों की आजीविका भी बढ़ेगी।
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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से अपील की है कि श्रीनगर से अतिरिक्त हज उड़ानों की व्यवस्था की जाए, ताकि हाल ही में उड़ानों में आई बाधाओं के कारण रुके हुए 1,895 हज यात्रियों को सऊदी अरब भेजा जा सके। इस संबंध में उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म ‘एक्स’ लिखा, “मैंने भारत सरकार से आग्रह किया है कि श्रीनगर से अतिरिक्त हज उड़ानों की व्यवस्था की जाए ताकि हाल की उड़ान बाधाओं के कारण रुके 1,895 हज यात्रियों को भेजा जा सके।
हज यात्रियों की यात्रा को सुचारु और समय पर पूरा करना सरकार की प्राथमिकता है।” इससे पहले, 11 मई को श्रीनगर से हज के लिए जाने वाले पहले जत्थे के 178 तीर्थयात्रियों को उमर अब्दुल्ला ने शेख-उल-आलम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से विदा किया। इस मौके पर उन्होंने यात्रियों से क्षेत्र में शांति और समृद्धि की दुआ करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “आज मुझे श्रीनगर हवाई अड्डे से पहले जत्थे के 178 हज यात्रियों को भावभीनी विदाई देने का सम्मान मिला। उन्हें सुरक्षित और फलदायी यात्रा की शुभकामनाएं दीं और क्षेत्र की शांति व समृद्धि के लिए दुआ करने का निवेदन किया।”इस मौके पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद रहे। जानकारी के अनुसार, कुल 3,372 हज यात्री (हुज्जाज कराम) 11 मई को श्रीनगर से रवाना हुए थे। हज यात्रियों की सहायता में लगे एक प्रतिनिधि ने बताया कि आखिरी उड़ान 15 मई को तय की गई थी। इस दौरान हज पर जा रहे यात्रियों ने अपने भाव साझा किए। हज यात्रियों का यह जत्था भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में स्थिति सामान्य होने के बाद रवाना हुआ, जिससे हवाई सेवाओं में सुधार आया और हज यात्रा फिर से सुचारु हुई। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से हज यात्रियों की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की अपील की है। -
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को गुजरात के भुज पहुंचे। यहां वे भुज वायु सेना स्टेशन पर वायुसेना के योद्धाओं से बातचीत करेंगे। उनके साथ वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह भी भुज मौजूद रहे।
बताना चाहेंगे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का यह दौरा जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में बादामी बाग कैंट के दौरे के एक दिन बाद हुआ है, जहां उन्होंने भारतीय सेना के जवानों से मुलाकात की और उनसे बातचीत की।भुज में स्मृतिवन भूकंप स्मारक और संग्रहालय भी जाएंगे रक्षा मंत्रीरक्षा मंत्री भुज में स्मृतिवन भूकंप स्मारक और संग्रहालय भी जाएंगे। इससे पहले रक्षा मंत्री ने गुरुवार को श्रीनगर का दौरा किया था और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर सैनिकों को बधाई दी थी। राजनाथ सिंह ने श्रीनगर की अपनी यात्रा के दौरान आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख पर रोशनी डाली, जो पाकिस्तान की बार-बार की परमाणु धमकियों से डरने से इनकार करने में स्पष्ट रही।‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान में छिपे आतंकी संगठनों और उनके आकाओं को दिया स्पष्ट संदेशबादामी बाग कैंट में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सैनिकों से पहली बार बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान में छिपे आतंकी संगठनों और उनके आकाओं को यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वे कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा, “हमारे बलों ने दुनिया को दिखा दिया है कि उनका निशाना सटीक और सटीक है और गिनती का काम दुश्मनों पर छोड़ दिया गया है।”पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को आईएईए की निगरानी में लिया जाना चाहिएउन्होंने कहा, “मैं दुनिया के सामने यह सवाल उठाता हूं: क्या ऐसे गैर जिम्मेदार और दुष्ट राष्ट्र के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की निगरानी में लिया जाना चाहिए।” रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा पार पाकिस्तानी चौकियों और बंकरों को नष्ट करने वाले बहादुर सैनिकों का भी आभार व्यक्त किया, जिससे दुश्मन को स्पष्ट संदेश गया।रक्षा मंत्री ने पीएम मोदी के विचारों को दोहरायाउन्होंने कहा, “मैं आज यहां भारत के लोगों का संदेश लेकर आया हूं: ‘हमें अपने बलों पर गर्व है’।” सिंह ने फिर से जोर दिया कि सीमा पार से कोई भी अनुचित कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए, जो दोनों देशों के बीच बनी समझ का आधार है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों को दोहराया कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते और अगर बातचीत होगी भी तो वह सिर्फ आतंकवाद और पीओजेके पर होगी।रक्षा मंत्री ने पहलगाम में आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मातृभूमि की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को भी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने घायल सैनिकों के साहस की सराहना की और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। -
जयपुर. राजस्थान में कोटपूतली-बहरोड़ जिले में एक युवक ने अपनी मां के चांदी के कड़ों के लिए हंगामा किया और उसकी चिता तक पर लेट गया। इसके चलते महिला के अंतिम संस्कार में लगभग दो घंटे की देरी हुई। एक न्यूज़ एजेंसी के अनुसार पुलिस ने बताया कि यह हैरान करने वाली घटना तीन मई को विराटनगर इलाके के लीला का बास की ढाणी में हुई। घटना का वीडियो बृहस्पतिवार को सामने आया तब और लोगों को इसकी जानकारी मिली। हालांकि अभी तक इस मामले की पुलिस में शिकायत नहीं की गई है। ग्रामीणों के अनुसार दिवंगत छीतरमल रेगर की पत्नी भूरी देवी का तीन मई को निधन हो गया था। उनके सात बेटों में से छह गांव में एक साथ रहते हैं, जबकि पांचवां बेटा ओमप्रकाश अलग रहता है। ओमप्रकाश और उसके भाइयों के बीच कई सालों से संपत्ति का विवाद चल रहा था। ग्रामीणों के मुताबिक महिला के अंतिम संस्कार के लिए घर पर रस्में निभाने के बाद परिजनों ने भूरी देवी के चांदी के कड़े एवं अन्य आभूषण उतारकर सबसे बड़े बेटे गिरधारी को सौंप दिए। इसके बाद अर्थी शमशान घाट ले जायी गयी। ग्रामीणों का कहना है कि ओमप्रकाश ने भी मां की अर्थी को इसे कंधा दिया। लेकिन शमशान घाट में जाकर उसने हंगामा शुरू कर दिया और मां के चांदी के कड़े एवं अन्य आभूषणों की मांग की। यहां तक कि वह वहां बनाई गई चिता पर भी लेट गया। ग्रामीणों और परिवार के सदस्यों द्वारा समझाने के प्रयासों के बावजूद ओमप्रकाश ने करीब दो घंटे तक हंगामा किया। आखिरकार, आभूषण श्मशान घाट पर लाए गए और उसे सौंप दिए गए। इसके बाद ही ओमप्रकाश चिता पर से हटा और भूरी देवी का संस्कार किया जा सका।
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जयपुर. जयपुर के दुदू इलाके में बृहस्पतिवार को तीन युवतियों एवं एक युवक की तालाब में डूबकर मौत हो गयी। पुलिस ने यह जानकारी दी। उसने बताया कि यह हादसा एक युवती को बचाने के प्रयास में हुआ।
पुलिस के अनुसार यह यह दुखद घटना तब हुई जब बकरियां चराने गए कुछ लोग काकड़ियों की ढाणी गांव में एक खेत में बने तालाब के पास रुके और नहाने का फैसला किया। दूदू के थानाधिकारी राममिलन का कहना है कि 18 वर्षीय कमलेश देवी सबसे पहले पानी में उतरी। नहाते समय उसका पैर फिसल गया और वह डूबने लगी। उसे बचाने की कोशिश में विनोद कुमार (20), रामेश्वरी (18) और हेमा बावरिया (18) पानी में कूदे लेकिन वे भी डूब गए। किनारे पर मौजूद उनके दोस्तों ने परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों को इसकी सूचना दी। बाद में पुलिस को सूचित किया गया और स्थानीय निवासियों की मदद से बचाव अभियान शुरू किया गया। राममिलन ने बताया, ‘‘करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद चारों शव पानी से बरामद कर लिए गए।''पुलिस ने बताया कि मृतक एक ही गांव के रहने वाले थे और दिन में एक साथ बकरियां चराने गए थे। -
नयी दिल्ली. इजराइली रक्षा मंत्रालय के महानिदेशक मेजर जनरल (आरईएस) अमीर बरम ने बृहस्पतिवार को रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह से बात की और ‘ऑपरेशन सिंदूर की सफलता' की सराहना की। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में यह जानकारी साझा की। उन्होंने भारत की ‘आतंकवाद के खिलाफ न्यायोचित लड़ाई' के प्रति इजराइल के पूर्ण समर्थन को व्यक्त किया। अधिकारियों ने कहा कि दोनों पक्षों ने ‘द्विपक्षीय' रक्षा संबंधों को गहरा करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की तथा रणनीतिक सहयोग को और मजबूत करने के लिए ‘भविष्य के प्रारूप' पर चर्चा की। पोस्ट में कहा गया, ‘‘इजराइल के रक्षा मंत्रालय के महानिदेशक मेजर जनरल (आरईएस) अमीर बरम ने आज रक्षा सचिव श्री राजेश कुमार सिंह से बात की तथा भारत की आतंकवाद के खिलाफ न्यायोचित लड़ाई के प्रति इजराइल के पूर्ण समर्थन को व्यक्त किया और ‘ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की सराहना की।''
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गोरखपुर . गोरखपुर शहर के झंगहा इलाके में 22 वर्षीय एक युवक की कथित रूप से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। पुलिस सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बुधवार रात नदुआज्ञानपार के पुछियहवा टोला में काली टोला निवासी मुखलाल के बेटे धीरज निषाद उर्फ राजू की कुछ लोगों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। परिजन के मुताबिक रात करीब 11 बजे दो युवक उनके घर आए और धीरज को अपने साथ ले गए। करीब डेढ़ घंटे बाद कुछ ग्रामीणों ने उन्हें (धीरज के घरवालों को) हाथापाई की सूचना दी और जब वे वहां पहुंचे तो धीरज बेहोश और खून से लथपथ पड़ा मिला। उसे ब्रह्मपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और घटनास्थल का निरीक्षण किया है। पूछताछ के लिए कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। अपर पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। पुलिस धीरज के कुछ दोस्तों से पूछताछ कर रही है।
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तिरुपति. अमेरिका के एक प्रवासी भारतीय श्रद्धालु ने बृहस्पतिवार को तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के विभिन्न ट्रस्ट को 1.4 करोड़ रुपये का दान दिया। टीटीडी की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि आनंद मोहन भगवतुला ने इन दान के डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) टीटीडी के अध्यक्ष बीआर नायडू को तिरुमला स्थित उनके कैंप कार्यालय में सौंपे। बयान में कहा गया, ‘‘अमेरिका के बोस्टन के एक एनआरआई आनंद मोहन भगवतुला ने बृहस्पतिवार को टीटीडी के विभिन्न ट्रस्ट को 1.40 करोड़ रुपये से अधिक का दान दिया है।'' टीटीडी तिरुपति स्थित भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का आधिकारिक संरक्षक है। यह दुनिया का सबसे अमीर हिंदू मंदिर है।
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श्रीनगर. सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बृहस्पतिवार को जम्मू कश्मीर के बारामूला जिले में अग्रिम इलाकों का दौरा किया और ‘ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान नियंत्रण रेखा पर अपना दबदबा बनाए रखने के लिए सैनिकों की सराहना की। उन्होंने सैनिकों से कहा कि वे किसी भी चुनौती का निर्णायक ताकत के साथ जवाब देने के लिए हमेशा तैयार रहें। सेना ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि सेना प्रमुख (सीओएएस) ने चिनार कोर की डैगर डिवीजन का दौरा किया। अतिरिक्त लोक सूचना महानिदेशालय ने पोस्ट में कहा, ‘‘सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने चिनार कोर के डैगर डिवीजन के अग्रिम इलाकों का दौरा किया और सभी अधिकारियों के साथ बातचीत की। सैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नियंत्रण रेखा पर अपना दबदबा बनाए रखने के लिए उनके साहस, जोश और सतर्क कार्रवाई की सराहना की।'' पोस्ट के अनुसार, सेना प्रमुख ने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर में आतंकी शिविरों को नष्ट करने में सैनिकों की भूमिका की सराहना की। सेना ने कहा, ‘‘सेना प्रमुख ने पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा के पार की गई कायरतापूर्ण गोलेबारी से पीड़ित नागरिकों को सहायता प्रदान करने में डैगर डिवीजन द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की। उन्होंने सैनिकों को किसी भी चुनौती का निर्णायक ताकत के साथ जवाब देने के लिए हमेशा तैयार रहने की आवश्यकता पर बल दिया।
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लखनऊ . उत्तर प्रदेश के लिये बृहस्पतिवार हादसों का दिन रहा। राज्य की राजधानी लखनऊ के साथ-साथ हरदोई और बलरामपुर समेत विभिन्न जिलों में दुर्घटनाओं में 19 लोगों की मौत हो गयी तथा दर्जनों अन्य घायल हो गये। सबसे बड़ा हादसा आज सुबह लखनऊ स्थित किसान पथ पर मोहनलालगंज के पास हुआ जहां एक निजी बस में अचानक आग लगने से दो बच्चों समेत पांच यात्रियों की मौत हो गई। सहायक पुलिस आयुक्त रजनीश वर्मा का कहना है कि लगभग 80 यात्रियों को लेकर बेगूसराय से दिल्ली जा रही एक निजी बस में सुबह लगभग पांच बजे ‘गियरबॉक्स' में ‘शॉर्ट सर्किट' के कारण आग लग गई। उस वक्त ज्यादातर यात्री सो रहे थे। दमकलर्मियों के तमाम प्रयासों के बावजूद इस घटना में पांच यात्रियों लक्खी देवी (55), सोनी महतो (26), देवराज (तीन), साक्षी (दो) और मधुसूदन (21) की मौत हो गयी। वर्मा ने बताया कि इस हादसे में कई अन्य लोग घायल भी हो गये जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
उन्होंने बताया कि शुरुआती पुलिस जांच में पता चला है कि बस का आपातकालीन द्वार खराब हो गया था जिससे यात्री पीछे के हिस्से में फंस गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर दुख जताया और अधिकारियों को घायलों का तत्काल इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। राजधानी से सटे हरदोई जिले में पूर्वाह्न करीब पौने 10 बजे हरदौल मऊ गांव के पास एक ऑटोरिक्शा और डंपर की टक्कर में छह लोगों की मौत हो गई तथा तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। बांगरमऊ से संडीला जा रहे इस ऑटोरिक्शा में नौ यात्री सवार थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों की पहचान रंजीत राठौर (25), अंकित कुमार (20), अरविंद (20), फूलजहां (24), निसार (40) और बिटाना (25) के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि इस हादसे में घायल सिराज (26), अयाज (दो) और जुगनू (सात) को संडीला स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले जाया गया, जहां से उन्हें लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया। अयाज की हालत गंभीर बतायी जाती है। हरदोई के पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन का कहना है कि डंपर चालक अपना वाहन लेकर मौके से भाग गया। उसकी तलाश की जा रही है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। उधर, बलरामपुर जिले में बलरामपुर-तुलसीपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बुधवार देर रात एक भीषण टक्कर में शादी से लौट रहे एक ही परिवार के पांच सदस्यों की मौत हो गई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक चकवा गांव के पास तेज रफ्तार ट्रक ने एक कार को जोरदार टक्कर मार दी जिससे पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और आठ अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को जिला मेमोरियल अस्पताल ले जाया गया। जिलाधिकारी पवन अग्रवाल और पुलिस अधीक्षक (एसपी) विकास कुमार ने अस्पताल का दौरा किया और घायलों के बेहतर इलाज के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। इस बीच, सोनभद्र में वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर जिलाधिकारी कार्यालय के पास एक ट्रक की टक्कर लगने से मोटरसाइकिल सवार बुजुर्ग दंपति की मौत हो गयी जबकि उनका बेटा गम्भीर रूप से घायल हो गया। हादसे में मरने वालों की पहचान कचनरवा गांव निवासी अमृत उरांव (62) और उनकी पत्नी मंटोरनी देवी (57) के रूप में हुई है। गम्भीर रूप से घायल उनके बेटे का जिला अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। पुलिस ने टक्कर मारने वाले ट्रक के चालक को गिरफ्तार कर लिया है। अमेठी के मुसाफिरखाना क्षेत्र में कनकूपुर गांव के पास एक तेज रफ्तार कार ने ई-रिक्शा को टक्कर मार दी। इस घटना में 70 वर्षीय ओम प्रकाश अग्रहरि की मौत हो गई। पुलिस ने टक्कर मारने वाली कार को जब्त कर लिया है और कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है, हालांकि चालक अब भी फरार है। -
चेन्नई. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने बृहस्पतिवार को कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी के अभियानों की योजना इस तरह से तैयार की गई है ताकि देश की सुरक्षा सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि इसरो 101वें प्रक्षेपण की तैयारी कर रहा है।
नारायणन ने कहा कि इसरो के अभियान देश की विविध क्षेत्रों की आवश्यकताओं से प्रेरित हैं और यह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में प्रौद्योगिकी रूप से सक्षम है। नारायणन से जब यहां संवाददाताओं ने पूछा कि क्या इसरो ने भारतीय सशस्त्र बलों के लिए किसी विशेष प्रक्षेपण की योजना बनाई है, तो उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सभी अभियान देश के लोगों और इसकी सुरक्षा के लिए हैं। हम किसी अन्य देश के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं करते हैं। हमारे अभियान की योजना हमारी जरूरतों के आधार पर बनाई जाती है।'' इसरो प्रमुख ने कहा, ‘‘हमने जनवरी में श्रीहरिकोटा से 100वां रॉकेट सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया है। भारत का 101वां उपग्रह- पृथ्वी अवलोकन उपग्रह आरआईएसएटी-18, ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी61) के जरिये 18 मई को प्रक्षेपित किया जाएगा।'' -
नई दिल्ली। जम्मू -कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के तीन आतंकवादी मारे गए। अधिकारियों ने बताया कि तीनों आतंकवादियों की पहचान आसिफ अहमद शेख, आमिर नजीर वानी और यावर अहमद भट के रूप में हुई है। वे सभी जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के निवासी हैं।
अवंतीपोरा में कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन के दौरान संदिग्ध गतिविधि देखी गई थीकेंद्र शासित प्रदेश में 48 घंटे के भीतर यह दूसरी मुठभेड़ है। इससे पहले श्रीनगर मुख्यालय सेना की 15वीं कोर ने एक्स पर कहा, “15 मई, 2025 को अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी से विशिष्ट खुफिया इनपुट के आधार पर, भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और श्रीनगर सेक्टर सीआरपीएफ द्वारा नादेर, त्राल, अवंतीपोरा में एक कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया था। इस दौरान संदिग्ध गतिविधि देखी गई।गुरुवार की मुठभेड़ शोपियां जिले के केल्लर इलाके में सुरक्षाबलों द्वारा एक अभियान में लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादियों को मार गिराने के दो दिन बाद हुई हैपुलवामा जिले के अवंतीपोरा सब-डिवीजन के त्राल इलाके में गुरुवार को सुरक्षा बलों और छिपे हुए आतंकवादियों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई थी। पुलिस ने एक्स पर कहा, “अवंतीपोरा के नादेर, त्राल इलाके में मुठभेड़ शुरू हो गई है। मौके पर पुलिस और सुरक्षा बल मौजूद हैं।” आगे बताया गया कि खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने तलाशी के लिए त्राल तहसील के नादेर गांव को घेर लिया। गुरुवार की मुठभेड़ शोपियां जिले के केल्लर इलाके में सुरक्षाबलों द्वारा एक अभियान में लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादियों को मार गिराने के दो दिन बाद हुई है।संघर्ष विराम समझौते के लागू होने के करीब दो घंटे बाद ही आतंकियों ने जम्मू जिले के नगरोटा इलाके में व्हाइट नाइट कोर के मुख्यालय के बाहर संतरी चौकी पर गोलीबारी कीवह पिछले साल मई में शोपियां के हीरपोरा में भाजपा सरपंच की हत्या में भी शामिल था। 2024 में आतंकी समूह में शामिल होने वाला शफी शोपियां जिले के वाची में एक गैर-स्थानीय मजदूर की हत्या में शामिल था। 10 मई को भारत और पाकिस्तान ने युद्ध विराम की घोषणा की थी। लेकिन संघर्ष विराम समझौते के लागू होने के करीब दो घंटे बाद ही आतंकियों ने जम्मू जिले के नगरोटा इलाके में व्हाइट नाइट कोर के मुख्यालय के बाहर संतरी चौकी पर गोलीबारी की। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि देश के अंदर किसी भी आतंकी कार्रवाई को “युद्ध कार्रवाई” माना जाएगा। पाकिस्तान द्वारा समर्थित और प्रायोजित आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय सहित 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी थी -
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आज गुरुवार को स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई भी बातचीत केवल आतंकवाद के मुद्दे पर ही होगी। नई दिल्ली में होंडुरास के दूतावास के उद्घाटन के बाद पत्रकारों से बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान से बातचीत का विषय सिर्फ आतंकवाद होगा। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान को पता है कि उसे क्या करना है,आतंकियों को सौंपना और आतंकवादी ठिकानों को बंद करना। हम उनके साथ केवल आतंकवाद के मुद्दे पर ही बात करने को तैयार हैं।”
जयशंकर ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के बाद भारत को अंतरराष्ट्रीय समुदाय का भरपूर समर्थन मिला। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी, जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली थी। जयशंकर ने बताया कि कई देशों के नेताओं और मंत्रियों ने प्रधानमंत्री और उन्हें फोन कर समर्थन जताया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें हमले के दोषियों को सजा देने की बात कही गई थी।जयशंकर ने बताया कि 7 मई को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकियों को सजा दी। इस अभियान में भारत ने आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। उन्होंने कहा, “हमने पाकिस्तान को पहले ही संदेश भेजा था कि हमारी कार्रवाई केवल आतंकियों के खिलाफ है, सेना को इससे अलग रहने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने यह सलाह नहीं मानी। 10 मई की सुबह उन्हें भारी नुकसान हुआ। अब सैटेलाइट तस्वीरों से साफ है कि हमने कितना बड़ा नुकसान किया।”वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी आज श्रीनगर के बडामी बाग कैंटोनमेंट (15 कॉर्प्स मुख्यालय) में सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत का अब तक का सबसे बड़ा आतंक विरोधी अभियान था। उन्होंने कहा, “हमारे सिर पर हमला करने की कोशिश करने वालों को हमने छाती पर चोट मार कर गंभीर घाव दिया।” राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि भारत केवल तभी संघर्षविराम समझौते का पालन करेगा जब देश पर कोई आतंकी हमला नहीं होगा। उन्होंने यह भी मांग की कि पाकिस्तान की परमाणु सुविधा पर वैश्विक निगरानी रखी जानी चाहिए। -
नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय के पूर्व सचिव डॉ. अजय कुमार ने गुरुवार को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के अध्यक्ष के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। आयोग के सबसे वरिष्ठ सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला (सेवानिवृत्त) ने उन्हें यह शपथ दिलाई। उन्होंने जीवन प्रमाण (पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र), माईगव, प्रगति (प्रधानमंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंस), बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली, एम्स में ओपीडी पंजीकरण प्रणाली और क्लाउड सेवा प्रदाताओं के उपयोग के लिए सरकार की “क्लाउड फर्स्ट” नीति जैसी कई ई-गवर्नेंस पहलों को शुरू करने में को शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
डॉ. अजय कुमार भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 1985 बैच के केरल कैडर के अधिकारी हैं। तीन दशक से अधिक के अपने शानदार करियर के दौरान, उन्होंने केरल राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र में भी महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। केरल में उन्होंने जिन महत्वपूर्ण पदों पर काम किया उनमें वह इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रबंध निदेशक; सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव पद पर थे।केंद्र में उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी निदेशक, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के संयुक्त सचिव, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के महानिदेशक, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अपर सचिव, रक्षा उत्पादन सचिव जैसे महत्वपूर्ण विभागों को संभाला। डॉ. कुमार ने अंतिम कार्यकाल के रूप में रक्षा मंत्रालय के सचिव के रूप में कार्य किया।भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक. करने के बाद, डॉ. अजय कुमार ने अमेरिका के मिनेसोटा विश्वविद्यालय से एप्लाइड इकोनॉमिक्स में एमएस और अमेरिका के मिनेसोटा विश्वविद्यालय के कार्लसन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पीएचडी की है। उन्हें 2019 में एमिटी यूनिवर्सिटी द्वारा डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी की मानद उपाधि भी प्रदान की गई थी।आपको बता दें, डॉ. अजय कुमार के लेख कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। इसके अलावा, उन्हें कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। इनमें 1994 में नेशनल स्काउट्स एंड गाइड्स द्वारा “सिल्वर एलीफेंट” पदक; देश में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2012 के लिए “इलेक्ट्रॉनिक्स लीडर ऑफ द ईयर”; 2015 में इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन द्वारा “टेक्नोवेशन साराभाई अवार्ड”, 2017 में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड अप्लायंसेज मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन द्वारा “चैंपियन ऑफ चेंज” जैसे अहम अवार्ड शामिल हैं। - नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की। कर्रेगुट्टा पहाड़ी क्षेत्र में चलाए गए संयुक्त अभियान में सुरक्षा बलों ने महज 21 दिनों में 31 कुख्यात नक्सलियों को मार गिराया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि सुरक्षा बलों की सफलता दर्शाती है कि नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए हमारा अभियान सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट के जवाब में पीएम मोदी ने एक्स पर कहा, “सुरक्षा बलों की यह सफलता बताती है कि नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने की दिशा में हमारा अभियान सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों में शांति की स्थापना के साथ उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।इस ऐतिहासिक ऑपरेशन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा बलों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह नक्सलवाद के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा अभियान है, जिसमें 31 नक्सलियों को मार गिराया गया। शाह ने बताया कि जिस कुर्रगुट्टालू पहाड़ पर पहले नक्सलियों का आतंक था, वहां अब गर्व से तिरंगा लहरा रहा है। यह पहाड़ पीएलजीए बटालियन 1, डीकेएसजेडसी, टीएससी और सीआरसी जैसे बड़े नक्सल संगठनों का मुख्यालय था, जहां नक्सलियों को ट्रेनिंग दी जाती थी और हथियार बनाए जाते थे।गृह मंत्री ने यह भी बताया कि इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक केवल 21 दिनों में पूरा किया गया। खराब मौसम और दुर्गम पहाड़ी रास्तों के बावजूद सीआरपीएफ, एसटीएफ और डीआरजी के जवानों ने बहादुरी से नक्सलियों का सामना किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार 31 मार्च 2026 तक भारत को पूरी तरह नक्सलमुक्त बनाने के लिए संकल्पित है। उन्होंने देशवासियों को भरोसा दिलाया कि यह लक्ष्य निश्चित रूप से हासिल किया जाएगा।गृह मंत्रालय के अनुसार, इस महत्वपूर्ण अभियान के दौरान विभिन्न आईईडी विस्फोटों में कोबरा, एसटीएफ और डीआरजी के कुल 18 जवान घायल हुए। सभी घायल जवान अब खतरे से बाहर हैं और उन्हें विभिन्न अस्पतालों में सर्वोत्तम उपचार प्रदान किया जा रहा है। कुर्रेगुट्टालू पहाड़ी की परिस्थितियां बेहद कठिन हैं और वहां दिन का तापमान 45 डिग्री से अधिक होने के कारण अनेक जवान डिहाईड्रेशन के शिकार हुए। इसके बावजूद भी जवानों के मनोबल में कोई कमी नहीं आई और उन्होंने पूरे साहस और जोश के साथ नक्सलियों के विरूद्ध अभियान जारी रखा।आपको बता दें, यह अभियान राज्य एवं केन्द्र की विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय और मोदी सरकार की संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। अभियान का उद्देश्य नक्सलियों की सशस्त्र क्षमता को कम करना, हथियारबंद दस्तों को न्यूट्रलाईज करना, दुर्गम इलाकों से नक्सलियों को हटाना और नक्सलियों के दुर्दांत संगठन PLGA बटालियन को छिन्न-भिन्न करना था।केन्द्रीय गृह मंत्री शाह के निर्देशन में छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों द्वारा, ज्वाईंट एक्शन प्लान के अंतर्गत नक्सली विरोधी अभियान का संचालन किया जा रहा है। इस अभियान के मुख्य आयाम हैं- नए सुरक्षा कैम्पों की स्थापना कर सुरक्षा गैप्स को भरना, क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए नक्सलवाद-प्रभावित जिलों में विकास योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन करना जिससे स्थानीय नागरिकों को इसका लाभ मिल सके और सुरक्षाबलों द्वारा नक्सलियों के आर्म्ड काडर एवं उनके सम्पूर्ण इकोसिस्टम के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही करना। इस एक्शन प्लान के क्रियान्वयन के फलस्वरूप सुरक्षाबलों ने नक्सलवादियों के आर्म्ड काडर एवं इकोसिस्टम को भारी क्षति पहुंचाई है, जिससे नक्सलियों के प्रभाव क्षेत्र में काफी कमी आयी है।
- नई दिल्ली। भारतीय सेना ने भारत-म्यांमार बॉर्डर पर 10 उग्रवादियों को मार गिराया है। सेना की ईस्टर्न कमांड ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर इसकी जानकारी दी है। भारत के पूर्वी सीमा पर यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है, जब हाल ही में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। इस कार्रवाई के बाद भारत और पाकिस्तान सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है।सेना की पूर्वी कमान ने देर रात एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर बताया, “भारत-म्यांमार सीमा के पास स्थित चंदेल जिले के खेगजॉय तहसील के न्यू समतल गांव के पास खुफिया जानकारी के आधार पर उग्रवादियों की गतिविधियों का पता चला था। इसके बाद असम राइफल्स की यूनिट ने 14 मई 2025 को स्पीयर कॉर्प्स के तहत एक ऑपरेशन शुरू किया।”उन्होंने बताया, “ऑपरेशन के दौरान संदिग्ध उग्रवादियों ने सैनिकों पर गोलीबारी की, जिसका जवाब देते हुए सैनिकों ने तुरंत नियंत्रित और संतुलित तरीके से जवाबी कार्रवाई की। गोलीबारी में 10 उग्रवादी मारे गए और बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है।”यह कार्रवाई मणिपुर में जारी अशांति के बीच सुरक्षाबलों की ओर से एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। सेना की ईस्टर्न कमांड के अनुसार यह ऑपरेशन अभी भी जारी है।उल्लेखनीय है कि पिछले साल केंद्र सरकार ने भारत और म्यांमार के बीच 1,610 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा बाड़ लगाने और सड़कों के निर्माण को मंजूरी दी थी। सरकार ने यह फैसला मणिपुर में घुसपैठियों को रोकने के लिए लिया था।सरकार के सूत्रों की मानें तो पड़ोसी मुल्क म्यांमार से घुसपैठिए, मणिपुर में प्रवेश कर रहे हैं। इसके लिए अब भारत सरकार ने भारत-म्यांमार सीमा पर मुक्त आवाजाही व्यवस्था को समाप्त कर दिया है।जानकारी के अनुसार, सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति ने लगभग 31 हजार करोड़ रुपये की लागत से भारत-म्यांमार के बीच 1610 किलोमीटर लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बाड़ लगाने और सीमा सड़कों के निर्माण के काम को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दी है।