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नयी दिल्ली. भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने सोमवार को कहा कि रुपे ने अब अपने डेबिट, क्रेडिट के लिए सीवीवी (कार्ड सत्यापन मूल्य) के बिना भुगतान का विकल्प शुरू किया है। निगम ने बताया कि यह सुविधा उन प्रीपेड कार्डधारकों को दी जाएगी, जिन्होंने विक्रेता के ऐप या वेबपेज पर अपने कार्ड को टोकन किया है। एनपीसीआई ने एक बयान में कहा कि इस नए सीवीवी-रहित अनुभव में यह सुनिश्चित किया गया है कि कार्डधारक को अपने वॉलेट तक पहुंचने या किसी कार्ड का विवरण याद रखने की जरूरत नहीं होगी। ऐसा तभी होगा, जबकि उन्होंने ई-कॉमर्स विक्रेता के मंच पर अपने कार्ड को टोकन किया हो। टोकन व्यवस्था के तहत कार्ड के वास्तविक ब्योरे की जगह कूट संख्या यानी टोकन नंबर का उपयोग किया जाता है। भारतीय रिजर्व बैंक की यह व्यवस्था लेन-देन के लिहाज से सुरक्षित मानी जाती है क्योंकि इसमें लेन-देन के समय कार्ड का वास्तविक ब्योरा व्यापारियों के साथ साझा नहीं किया जाता।
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कोयंबटूर। सरकारी उद्यम इंडियन ऑयल ने सीएनजी (संपीडित प्राकृतिक गैस) एवं पीएनजी (पाइप वाली प्राकृतिक गैस) कनेक्शनों का आवासीय इकाइयों में वितरण शुरू कर दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कंपनी ने देशभर में 1.50 करोड़ कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड के निदेशक (पाइपलाइन्स) एस नरवणे ने एयरवायो टेक्नोलॉजीज द्वारा कोयंबटूर के नजदीक स्थापित होने वाली सीएनजी सिलेंडर परीक्षण इकाई का उद्घाटन किया। यह अपनी श्रेणी की पहली इकाई बताई जा रही है। इस मौके पर उन्होंने कहा, “सीएनजी और पीएनजी अन्य वैकल्पिक ईंधनों की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत किफायती होते हैं और बहुत सुरक्षित माने जाते हैं।”
- नयी दिल्ली। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने शनिवार को उद्योगों को 'ग्रीन ओपन एक्सेस' नियम, 2022 के अंतर्गत लक्ष्य निर्धारित करने का निर्देश दिया। सरकार ने देश के अक्षय ऊर्जा कार्यक्रमों को गति देने के लिए ग्रीन ओपन एक्सेस नियम 2022 अधिसूचित किए थे। इन नियमों को अपशिष्ट-से-ऊर्जा तैयार करने वाले संयंत्रों सहित हरित ऊर्जा के उत्पादन, खरीद और खपत को बढ़ावा देने के लिए अधिसूचित किया गया था। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सिंह ने नयी दिल्ली में ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस नियमों पर उद्योग जगत और अन्य संबंधित लोगों के साथ बैठक की अध्यक्षता की। बिजली मंत्रालय ने कहा, “मंत्री ने उद्योगपतियों से हरित ऊर्जा अपनाने के लिए लक्ष्य निर्धारित करने का आह्वान किया। उन्होंने उद्योगपतियों से हरित ऊर्जा अपनाने के लिए लक्ष्य निर्धारित करने और उचित दरों पर हरित ऊर्जा प्राप्त करने के लिए ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस नियमों के प्रावधानों का लाभ उठाने का आह्वान किया।”
- मुंबई। बैंक जिन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को उधार देते हैं, उन्हें ऐसे एनबीएफसी के कर्ज देने के तरीकों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के प्रबंध निदेशक सी एस शेट्टी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि एनबीएफसी और सूक्ष्मवित्त संस्थानों (एमएफआई) को बड़े बैंकों की तरह ही जोखिम मूल्यांकन और ऋण निगरानी के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए। गौरतलब है कि बैंक एनबीएफसी या एमएफआई को उधार देते हैं और आगे कर्ज देने की व्यवस्था उनकी होती है। ये संस्थान ऋण देने के लिए अपने वितरण और संग्रह तंत्र का इस्तेमाल करते हैं। शेट्टी ने कहा, ''बैंक जिन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को उधार देते हैं, उन्हें ऐसे एनबीएफसी को कर्ज देने के तरीकों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए। एनबीएफसी को बड़े बैंकों की तरह ही जोखिम मूल्यांकन और ऋण निगरानी के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए, जिनसे वे उधार लेते हैं।'' उन्होंने कहा कि बैंकों के कर्ज का एक अच्छा हिस्सा एनबीएफसी और एमएफआई को दिया जाता है, इसलिए जोखिम का अच्छी तरह आकलन करना चाहिए। शेट्टी ने कहा कि एक बैंकर का काम जोखिम का आकलन करना, उसे कम करना और उसकी कीमत तय करना है।उन्होंने यह भी कहा कि एसबीआई 65,000 व्यापार प्रतिनिधि के नेटवर्क को तेजी से बढ़ाने पर विचार नहीं कर रहा है, बल्कि उन्हें अधिक सक्षम बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
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नयी दिल्ली. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने जीएसटी रिटर्न की स्वचालित जांच के लिए एक मॉड्यूल जारी किया है। वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में कहा कि यह मॉड्यूल केंद्र-प्रशासित करदाताओं के माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संबंधी रिटर्न की खुद-ब-खुद जांच करने में अधिकारियों को सक्षम बनाएगा। इन करदाताओं का चयन डेटा विश्लेषण और मापे गए जोखिम के आधार पर किया जाएगा। इस मॉड्यूल में कर अधिकारियों को यह दिख जाएगा कि किसी जीएसटी करदाता की तरफ से दाखिल किए गए रिटर्न में किस तरह के जोखिम एवं उनमें खामियां मौजूद हैं। कर अधिकारी जीएसटीएन कॉमन पोर्टल के जरिये इन खामियों से अवगत करा पाएंगे। मंत्रालय ने कहा कि स्वचालित रिटर्न जांच मॉड्यूल को वित्त वर्ष 2019-20 के जीएसटी रिटर्न की जांच के साथ शुरू कर दिया गया है।
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नयी दिल्ली. दूरसंचार कंपनियों रिलायंस जियो और भारती एयरटेल ने फरवरी माह में कुल 19.8 लाख मोबाइल उपभोक्ता जोड़े जबकि इस अवधि में वोडाफोन आइडिया के 20 लाख ग्राहक कम हो गए। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी। इसके मुताबिक, देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी जियो ने फरवरी में सबसे ज्यादा लगभग 10 लाख उपभोक्ता जोड़े। इसके साथ ही इसके कुल उपभोक्ताओं की संख्या जनवरी के 42.61 करोड़ से बढ़कर फरवरी में 42.71 करोड़ हो गई। फरवरी के महीने में भारती एयरटेल के 9.82 लाख उपभोक्ता बढ़े और उसके कुल उपभोक्ताओं की संख्या 36.98 करोड़ हो गई। दूसरी तरफ, वोडाफोन आइडिया के 20 लाख उपभोक्ता कम हो गए और उसके कुल उपभोक्ताओं की संख्या घटकर 23.79 करोड़ रह गई। विज्ञप्ति के अनुसार, कुल ब्रॉडबैंक उपभोक्ताओं की संख्या जनवरी अंत के 83.918 करोड़ से 0.02 प्रतिशत बढ़कर फरवरी अंत में 83.933 करोड़ हो गई। ब्रॉडबैंड उपभोक्ताओं के कुल बाजार में शीर्ष पांच सेवा प्रदाताओं की हिस्सेदारी 98.38 प्रतिशत रही।
ट्राई ने कहा, “इन सेवा प्रदाताओं में रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड (43.52 करोड़ उपभोक्ता), भारती एयरटेल के (23.97 करोड़), वोडाफोन आइडिया (12.374 करोड़), बीएसएनएल (2.492 करोड़) और एट्रिया कन्वर्जेंस (लगभग 21 लाख उपभोक्ता) शामिल हैं।” कुल वायरलेस उपभोक्ताओं की संख्या जनवरी के 114.3 करोड़ से 0.09 प्रतिशत घटकर फरवरी में 114.1 करोड़ उपभोक्ता रह गई। -
नयी दिल्ली. रियल एस्टेट सलाहकार कंपनी कोलियर्स इंडिया ने इस साल लगभग 400 कर्मचारियों की नियुक्ति की योजना बनाई है। कंपनी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह नई सेवाएं जोड़ने और अपनी वृद्धि की रणनीति के तहत और दूसरी श्रेणी के शहरों में प्रवेश की तैयारी कर रही है। फिलहाल भारत में कोलियर्स इंडिया के 3,000 कर्मचारी हैं।
इस सप्ताह की शुरुआत में कोलियर्स के रियल एस्टेट सेवा- वैश्विक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) क्रिस मैकलेरनन और सीईओ-एशिया प्रशांत जॉन केनी की अगुवाई में वैश्विक नेतृत्व ने भारत का दौरा किया था। कोलियर्स इंडिया ने कहा कि यह उनके भारत की वृद्धि की कहानी और संभावनाओं में भरोसे को दर्शाता है।
कोलियर्स इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सांके प्रसाद ने कहा, ‘‘हम इस साल 350-400 लोगों को जोड़ने की योजना बना रहे हैं। कोलियर्स इंडिया ने 2022 में 1,000 से अधिक कर्मचारियों को काम पर रखा है। हमारी 2023 में अपनी टीम को 15 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना है।'' - नयी दिल्ली। बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों ने 2022 में नौ लाख करोड़ रुपये के कुल 34 लाख आवास ऋण वितरित किए। इसमें से 25 लाख रुपये तक के कर्ज की हिस्सेदारी सबसे अधिक रही। खुदरा ऋण पर इक्विफैक्स और एंड्रोमेडा की एक अध्ययन रिपोर्ट में यह कहा गया है। ‘भारतीय खुदरा ऋण परिदृश्य-अप्रैल 2023' शीर्षक से जारी रिपोर्ट के अनुसार, बीते वर्ष जनवरी-दिसंबर के दौरान ऋण वितरण में सालाना आधार पर 18 प्रतिशत और ऋण संख्या में 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई। रिपोर्ट के अनुसार, कुल बकाया आवास ऋण दिसंबर, 2021 से दिसंबर, 2022 तक 16 प्रतिशत बढ़ गया।वैश्विक आंकड़ा, विश्लेषण एवं प्रौद्योगिकी कंपनी इक्विफैक्स का मुख्यालय अटलांटा में है। एंड्रोमेडा देश की सबसे बड़ी ऋण वितरकों में से एक है। अध्ययन में बताया गया कि व्यक्तिगत ऋण श्रेणी में 2022 में 57 प्रतिशत वृद्धि देखी गई। खुदरा उद्योग का बाजार मूल्य दिसंबर, 2022 तक 100 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। 31 दिसंबर, 2022 तक खुदरा उद्योग में 54 करोड़ सक्रिय ऋण थे। एंड्रोमेडा के कार्यकारी चेयरमैन (बिक्री एवं वितरण) वी स्वामीनाथन ने कहा कि चाहे वह सार्वजनिक बैंक हो, निजी बैंक हो या आवासीय वित्तीय कंपनियां (एचएफसी), सभी इकाइयां आवास ऋण क्षेत्र में अच्छी वृद्धि कर रही हैं। उन्होंने कहा, “भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा हाल में नीतिगत दर रेपो में वृद्धि करने के बावजूद व्यक्तिगत ऋण की ब्याज दरों में आवास ऋण की ब्याज दरों की तुलना में उतनी अधिक वृद्धि नहीं हुई है।” अध्ययन में बताया गया कि कुल ऋण वितरण में 25 लाख रुपये तक के ऋण की हिस्सेदारी 67 प्रतिशत रही। वहीं 75 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये के ऋण वितरण में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वर्ष 2021 में 25 लाख रुपये तक के ऋण में 2020 की तुलना में 67 प्रतिशत वृद्धि हुई।
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मुंबई. कंपनियों के लिए चुनौतीपूर्ण हालात पैदा होने से अप्रैल के महीने में संगठित क्षेत्र में ऑनलाइन भर्तियों की संख्या में एक साल पहले की तुलना में गिरावट दर्ज की गई। एक रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक अनिश्चितता के बावजूद अप्रैल में नवाचार-आधारित स्टार्टअप फर्मों में भर्तियों में खासी तेजी देखी गई। फाउंडइट इनसाइट्स ट्रैकर (एफआईटी) पर आधारित यह रिपोर्ट कहती है कि एक साल पहले की तुलना में अप्रैल, 2023 में संगठित क्षेत्र में ऑनलाइन भर्तियों की संख्या छह प्रतिशत गिर गई लेकिन नए एवं उभरते क्षेत्रों में नौकरियों के लिए अधिक आवेदन मांगे गए। फाउंडइट (पूर्व में मॉन्स्टर) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी शेखर गरिसा ने कहा, ‘‘मौजूदा वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं ने कारोबार के लिए चुनौतीपूर्ण वातावरण पैदा कर दिया है और इसकी वजह से उन्हें तेजी से बदलते माहौल के अनुरूप खुद को ढालना पड़ रहा है। भले ही ऑनलाइन भर्तियों में कमी आई है लेकिन युवाओं के लिए उभरते क्षेत्रों में रोजगार के तमाम मौके उपलब्ध हैं।'' उन्होंने कहा कि भारतीय स्टार्टअप परिवेश में बदलाव आया है और यह मौजूदा रोजगार बाजार के बावजूद नई भर्तियों की मंशा दिखा रहा है। रिपोर्ट कहती है कि स्टार्टअप में से शिक्षण-प्रौद्योगिकी भर्तियां कर रहे शीर्ष पांच उद्योगों में शामिल है लेकिन पिछले साल की तुलना में हिस्सेदारी कम हुई है। इसके अलावा बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा और वित्तीय प्रौद्योगिकी, मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र में भी भर्तियां हुईं। दूसरी तरफ स्वास्थ्य देखभाल और बीपीओ स्टार्टअप ने अप्रैल, 2022 की तुलना में कम भर्तियां कीं। ऑनलाइन भर्ती प्रक्रिया में बड़े शहरों के अलावा छोटी जगहों की भी हिस्सेदारी देखी गई। इनमें बेंगलुरु 33 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ स्टार्टअप नौकरियों के मामले में सबसे आगे रहा।
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नई दिल्ली। विदेशी पूंजी प्रवाह (foreign capital inflow) जारी रहने तथा सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक में लिवाली से बाजार बढ़त में रहा। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 178.87 अंक यानी 0.29 प्रतिशत चढ़कर 61,940.20 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह ऊंचे में 61,974.35 अंक तक गया और नीचे में 61,572.93 अंक तक आया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 49.15 अंक यानी 0.27 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,315.10 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स की कंपनियों में इंडसइंड बैंक, पावर ग्रिड, टाटा मोटर्स, बजाज फाइनेंस, एनटीपीसी, एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, नेस्ले और कोटक महिंद्रा बैंक प्रमुख रूप से लाभ में रहे। दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में इन्फोसिस, भारतीय स्टेट बैंक, टाटा स्टील, हिंदुस्तान यूनिलीवर और टाइटन शामिल हैं। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा। अमेरिकी बाजार मंगलवार को नुकसान में बंद हुए थे। मेहता इक्विटीज लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रशांत तापसे ने कहा, ‘‘अमेरिका में जारी होने वाले मुद्रास्फीति के आंकड़े पर नजर होगी। इससे अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर को लेकर आगे के रुख का पता चलेगा।’’ इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ 76.36 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक मंगलवार को शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने 1,942.19 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। -
नई दिल्ली। वैश्विक बाजारों में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में गिरावट के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में बुधवार को सोने का भाव 265 रुपये के नुकसान के साथ 61,585 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी।
पिछले कारोबारी सत्र में सोना 61,850 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था। हालांकि, चांदी की कीमत 120 रुपये की तेजी के साथ 77,800 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई।एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने की हाजिर कीमत 265 रुपये की गिरावट के साथ 61,585 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गयी।’’विदेशी बाजारों में सोना गिरावट के साथ 2,033 डॉलर प्रति औंस रह गया, जबकि चांदी तेजी के साथ 25.88 डॉलर प्रति औंस हो गई। बुधवार को एशियाई कारोबारी घंटों में सोने की कीमतों में गिरावट रही। -
नयी दिल्ली. कृषि प्रौद्योगिकी फर्म रूकार्ट ने अपने ग्राहकों को उत्पाद खरीदने के लिए आसानी से कर्ज उपलब्ध कराने के लिए एसबीआई के साथ करार किया है। इस करार से ग्राहकों को फलों और सब्जियों को लंबे समय तक ताजा रखने वाले 'सब्जी कूलर' को खरीदने में सुविधा होगी। रूकार्ट के सब्जी कूलर में सिर्फ एक दिन में 20 लीटर पानी की जरूरत होती है। यह फलों, फूलों और सब्जियों को 4-6 दिनों तक अधिक ताजा रखता है। एक सब्जी कूलर की लागत 50,000 रुपये है और इसकी भंडारण क्षमता 100 किलोग्राम है। इसका उपयोग करने के लिए बिजली की जरूरत नहीं है। एसबीआई सोलापुर के सहायक महाप्रबंधक दिनेश कुमार झा ने कहा कि बैंक ने रूकार्ट के साथ करार किया है, जिससे वित्तीय और कृषि क्षेत्र के बीच अंतर कम होगा तथा वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा।
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नयी दिल्ली. प्रमुख उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने राजस्थान में लिथियम का भंडार मिलने पर मंगलवार को खुशी जताते हुए देश में इस महत्वपूर्ण खनिज की शोधन क्षमता स्थापित करने के लिए तेजी से कदम उठाने का आह्वान किया। महिंद्रा ने एक ट्वीट में कहा कि रिफाइनिंग क्षमता के मामले में चीन के पास पहले से बढ़त है लिहाजा भारत को तेजी से काम करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘आखिरकार। हमारे पास 21वीं सदी में विकास के लिए एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन का बड़ा भंडार है। यह संकेत है कि भारत का ‘रोमांचक भविष्य' है। लेकिन आपूर्ति श्रृंखला में रिफाइनिंग न कि भंडार प्रमुख तत्व है। रिफाइनिंग में चीन के पास बहुत बड़ी बढ़त है।'' उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में भारत को खनिज रिफाइनिंग की क्षमता स्थापित करने के लिए तेजी से काम करने की जरूरत है। लिथियम का उपयोग मुख्य रूप से दोबारा चार्ज की जा सकने वाली बैटरी बनाने में किया जाता है। यह बैटरी विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों और पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में इस्तेमाल की जाती है। ऐसी खबरें हैं कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) को राजस्थान के नागौर जिले के डेगाना में लिथियम का एक और भंडार मिला है। इसके पहले लीथियम के भंडार जम्मू-कश्मीर में भी पाए गए थे।
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नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार-प्राप्त वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) ने सोमवार को नियामकों से बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों में पड़ी बिना दावे वाली राशि संबंधित लोगों को दिलाने में मदद के लिये विशेष अभियान चलाने को कहा। आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने एफएसडीसी बैठक में हुई चर्चा के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि बैठक में यह विचार-विमर्श किया गया कि नियामकों को बैंकों में जमा बिना दावे वाली राशि को संबंधित लोगों तक पहुंचाने के लिए विशेष अभियान चलाना चाहिए। साथ ही वित्तीय क्षेत्र में बिना दावे वाले शेयर, लाभांश, म्यूचुअल फंड, बीमा, आदि संबंधित व्यक्तियों अथवा नामित व्यक्तियों तक पहुंचाने के लिये एक विशेष अभियान चलाने की जरूरत बतायी गयी। उन्होंने कहा, ‘‘इस बात पर गौर किया गया कि केंद्रीय बजट में बिना दावे वाली जमा राशि, शेयर और लाभांश को संबंधित लोगों तक पहुंचाने के लिये संबंधित क्षेत्र के नियामकों को विशेष अभियान चलाने के बारे में घोषणा की गयी थी। खासकर यह अभियान उन मामलों में विशेष तौर पर चलाया जाना चाहिए जहां खाते में नामित व्यक्ति का ब्योरा तो है लेकिन संबंधित व्यक्ति को संभवत: इसकी जानकारी नहीं है।'' सेठ ने कहा कि समयबद्ध तरीके से यह काम होना चाहिए, लेकिन जहां नामित व्यक्ति का विवरण नहीं है, वहां निर्धारित प्रक्रिया के तहत काम किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने फरवरी, 2023 तक बिना दावे वाली करीब 35,000 करोड़ रुपये की राशि रिजर्व बैंक को अंतरित की थी। यह राशि उन खातों में जमा थी जिनमें 10 साल या उससे अधिक समय से कोई लेन-देन नहीं हुआ। बिना दावे वाली राशि 10.24 करोड़ खाते से जुड़ी थी। रिजर्व बैंक ने पिछले महीने कहा था कि तीन-चार महीने में इससे संबंधित एक केंद्रीकृत पोर्टल तैयार किया जाएगा। इससे जमाकर्ता और लाभार्थी विभिन्न बैंकों में पड़ी बिना दावे वाली जमा राशि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। एफएसडीसी की 27वीं बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास समेत सभी वित्तीय क्षेत्रों के नियामक शामिल हुए। यह 2023-24 का बजट पेश किये जाने के बाद एफएसडीसी की पहली बैठक थी। उन्होंने कहा कि परिषद ने वैश्विक स्तर पर उत्पन्न चुनौतियों के बीच वित्तीय स्थिरता समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। सेठ ने कहा, ‘‘बैठक में गौर किया गया कि वित्तीय स्थिरता को बनाए रखना एक साझा जिम्मेदारी है और सभी सदस्य इस दिशा में काम करेंगे।'' उन्होंने कहा कि नियामक अनुपालन बोझ और कम करने के लिये काम करेंगे तथा बेहतर और कुशल नियामकीय परिवेश सुनिश्चित करेंगे। इस दिशा में हुई प्रगति की वित्त मंत्री प्रत्येक नियामक के साथ इस साल जून में समीक्षा करेंगी। सेठ ने कहा कि नियामकों को सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली पर साइबर हमले के जोखिम से निपटने, संवेदनशील वित्तीय आंकड़ों की रक्षा करने और समग्र प्रणाली को दुरुस्त बनाने के लिये सक्रियता के साथ काम करने की जरूरत है। बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि न केवल लोगों तक वित्तीय पहुंच बढ़ाने बल्कि उनकी आर्थिक बेहतरी के लिये वित्तीय क्षेत्र को और विकसित करने को लेकर आवश्यक नीति तथा विधायी सुधार उपायों को तैयार किया जा सकता है। सेठ ने कहा कि परिषद ने यह भी निर्णय लिया कि बजट में की गयी घोषणा के अनुसार जहां भी विधायी परिवर्तनों की आवश्यकता है, उसमें तेजी लाई जानी चाहिए ताकि सरकार उन मामलों पर अंतिम निर्णय ले सके। उन्होंने यह भी कहा कि परिषद ने अर्थव्यवस्था के लिए शुरुआती चेतावनी संकेतकों और उनसे निपटने को लेकर हमारी तैयारियों पर भी विचार-विमर्श किया। इसके अलावा, नियामकीय गुणवत्ता में सुधार कर वित्तीय क्षेत्र में विनियमित संस्थाओं पर अनुपालन बोझ को कम करने, देश में कंपनियों और परिवारों के मामले में ऋण स्तर, डिजिटल इंडिया की जरूरतों को पूरा करने के लिये केवाईसी (अपने ग्राहक को जानों) को सरल और सुव्यवस्थित करने पर भी चर्चा की गयी। परिषद ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में एफएसडीसी उप-समिति के कार्यों तथा परिषद के पूर्व फैसलों के क्रियान्वयन पर भी गौर किया गया। बैठक में रिजर्व बैंक के गवर्नर के अलावा, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधबी पुरी बुच, भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) के अध्यक्ष देबाशीष पांडा, भारतीय दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) के अध्यक्ष रवि मित्तल और पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण के नवनियुक्त अध्यक्ष दीपक मोहंती शामिल हुए। इसके अलावा परिषद की बैठक में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी, भागवत किशनराव कराड, वित्त सचिव टी वी सोमनाथन, राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी और वित्त मंत्रालय के अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल थे।
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मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक का स्वर्ण भंडार इस साल मार्च के अंत में सालाना आधार पर 34.22 टन बढ़कर 794.64 टन रहा है। बीते वर्ष मार्च अंत तक रिजर्व बैंक के पास 760.42 टन का स्वर्ण भंडार था। इसमें 11.08 टन का स्वर्ण जमा शामिल है। केंद्रीय बैंक ने विदेशी मुद्रा भंडार का प्रबंधन :अक्टूबर-2022 शीर्षक से जारी छमाही रिपोर्ट में कहा, ‘‘रिजर्व बैंक के पास इस साल मार्च अंत तक 794.64 टन स्वर्ण भंडार (56.32 टन स्वर्ण जमा समेत) था।'' रिपोर्ट के अनुसार, इसमें से 437.22 टन सोना विदेशों में बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) में सुरक्षित रखा गया है। जबकि 301.10 टन सोना देश में रखा गया है। मूल्य के हिसाब से कुल विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी मार्च, 2023 में बढ़कर 7.81 प्रतिशत हो गयी जो सितंबर, 2022 में 7.06 प्रतिशत थी। छमाही के दौरान मुद्रा भंडार इस साल मार्च में बढ़कर 578.45 अरब डॉलर रहा, जो सितंबर, 2022 में 532.66 अरब डॉलर था। विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, सोना, विशेष आहरण अधिकार और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष में रखा भंडार शामिल हैं।
- नई दिल्ली। स्वीडन के कॉलर पहचान ऐप ट्रूकॉलर के यूजर्स की संख्या भारत में 25 करोड़ को पार कर गई है। कंपनी के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी एलन मामेदी का मानना है कि कंपनी के लिए भारत में अब भी वृद्धि की बहुत गुंजाइश है।उन्होंने कहा कि नए नियमनों के आने के बाद ट्रूकॉलर की गोपनीयता-केंद्रित, अनुमति-आधारित प्रणाली में किसी बदलाव की उम्मीद नहीं है। मामेदी ने कहा कि कंपनी भारत में डेटा सुरक्षा के नए नियमों का पालन करेगी और संचार को सुरक्षित और सरल बनाने के लिए सभी उपायों का स्वागत करती है।मामेदी हाल ही में कंपनी के मुख्य रणनीति अधिकारी और सह-संस्थापक नमी जर्रिंगलम के साथ भारत आए थे। उन्होंने कहा कि कंपनी कॉलर नेम प्रजेंटेशन पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के सुझाव की प्रशंसा करती है और इस संबंध में भविष्य में भी सहयोग करेगी। ने परेशान करने वाले कॉल और संदेशों का समाधान करने के लिए हाल ही में दूरसंचार कंपनियों को तत्काल कार्रवाई करने के लिए कहा था। ञ्जह्म्ह्वद्गष्ड्डद्यद्यद्गह्म् ने कहा कि वह अनचाहे और स्पैम कॉल-मैसेज से बचाने के लिए अपनी सेवा के मूल पहलुओं पर अब भी केंद्रित है। मामेदी ने बताया, कंपनी की भारत में भी वृद्धि की बहुत गुंजाइश है। यहां हमारे इस समय 25 करोड़ एक्टिव यूजर्स हैं।
- नयी दिल्ली। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण भारत का सोने का आयात 2022-23 में 24.15 प्रतिशत घटकर 35 अरब डॉलर रहा है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इससे पिछले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में पीली धातु का आयात 46.2 अरब डॉलर रहा था।आंकड़ों के अनुसार, अगस्त, 2022 से फरवरी, 2023 के दौरान सोने के आयात आयात में वृद्धि नकारात्मक क्षेत्र में रही। मार्च, 2023 में यह बढ़कर 3.3 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जबकि एक साल पहले समान महीने में यह एक अरब डॉलर रहा था। हालांकि, बीते वित्त वर्ष में चांदी का आयात 6.12 प्रतिशत बढ़कर 5.29 अरब डॉलर पर पहुंच गया।सोने के आयात में भारी गिरावट के बावजूद देश के व्यापार घाटे को कम करने में मदद नहीं मिली है। आयात और निर्यात का अंतर व्यापार घाटा कहलाता है। वित्त वर्ष 2022-23 में व्यापार घाटा 267 अरब डॉलर रहने का अनुमान है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 191 अरब डॉलर रहा था। उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, सोने पर ऊंचे आयात शुल्क और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण पीली धातु के आयात में गिरावट आई है। एक विशेषज्ञ ने कहा, ‘‘भारत ने अप्रैल-जनवरी, 2023 के दौरान लगभग 600 टन सोने का आयात किया। ऊंचे आयात शुल्क की वजह से यह घटा है। सरकार को घरेलू उद्योग की मदद करने के लिए शुल्क के हिस्से पर विचार करना चाहिए।'' भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक है। सोने के आयात से देश के आभूषण उद्योग की मांग को पूरा किया जाता है। मात्रा के लिहाज से भारत सालाना 800-900 टन सोने का आयात करता है। बीते वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान रत्न और आभूषण निर्यात तीन प्रतिशत घटकर लगभग 38 अरब डॉलर रहा है। चालू खाते के घाटे (कैड) पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने पिछले साल सोने पर आयात शुल्क 10.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया था।
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नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने कहा है कि कई विकसित अर्थव्यवस्थाएं मंदी की कगार पर हैं लेकिन भारत के मंदी में जाने की कोई संभावना नहीं हैं। श्रीमती सीतारामण ने कल बेंगलुरू में एक कार्यक्रम में कहा इसके बावजूद भारत आत्मसंतोष नहीं कर सकता क्योंकि देश ने वर्ष 2047 तक विकसित और उन्नत अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य तय किया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि वर्तमान में भारत विश्व में पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है और तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए कठिन परिश्रम करना होगा। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढा़ंचे को मजबूत करने के लिए सरकार ने 10 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये है जबकि 2019 में 4 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये गए थे। -
नयी दिल्ली. भारत में आधे से ज्यादा इंटरनेट उपभोक्ता समाचार पढ़ने और देखने के लिए ऑनलाइन मंचों का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं और इनमें से आधे लोग समाचार के लिए भरोसे को एक अहम कारक मानते हैं। मीडिया कंपनी कांतार और गूगल ने बृहस्पतिवार को संयुक्त रूप से जारी एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया। इस रिपोर्ट के अनुसार, समाचारों को लेकर ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादा दिलचस्पी (63 प्रतिशत या 23.8 करोड़) है जबकि शहरी इलाकों में यह सिर्फ 37 प्रतिशत है। रिपोर्ट कहती है कि भारतीय भाषाओं में 52 प्रतिशत या 37.9 करोड़ इंटरनेट उपभोक्ता विभिन्न समाचार ऐप/ वेबसाइट, सोशल मीडिया पोस्ट, व्हाट्सएप संदेश और यूट्यूब आदि पर ऑनलाइन समाचार देखते और पढ़ते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 48 प्रतिशत लोगों का मानना है कि ऑनलाइन माध्यम पारंपरिक टीवी चैनलों की तुलना में अधिक लोकप्रिय है। इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत में 72.9 करोड़ इंटरनेट उपभोक्ता हैं। कांतार ने डिजिटल माध्यम पर आठ भारतीय भाषाओं में समाचार देखने के बारे में समझ बढ़ाने के लिए 14 राज्यों के 16 शहरों में लगभग 4,600 लोगों से बात की और 64 चर्चा सत्रों का आयोजन किया। उसने अपने परीक्षण में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के इंटरनेट उपभोक्ताओं को शामिल किया। ऑनलाइन समाचार उपभोक्ताओं के लिए सबसे ज्यादा पसंदीदा खंड वीडियो रहा, जिसके बाद पढ़ने वाले और उसके बाद सुनने वाले समाचार रहे। वीडियो की मांग सबसे अधिक (81 प्रतिशत) बंगाली सामग्री के लिए, उसके बाद तमिल (81 प्रतिशत) फिर तेलुगु (79 प्रतिशत), हिंदी (75 प्रतिशत), गुजराती (72 प्रतिशत), मलयालम (70 प्रतिशत), मराठी और कन्नड़ (66-66 प्रतिशत) हैं। पढ़े जाने वाले समाचार में सबसे ज्यादा गुजराती और कन्नड़ (20 प्रतिशत) और मराठी (18 प्रतिशत) हैं। सुनने वाले समाचार में सबसे ज्यादा मांग मराठी और मलयालम (16 प्रतिशत) हैं। ऑनलाइन समाचार जानने के लिए 93 प्रतिशत के साथ सबसे ऊपर यूट्यूब है, जिसके बाद सोशल मीडिया (88 प्रतिशत), चैट ऐप्स (82 प्रतिशत), सर्च इंजन (61 प्रतिशत), समाचार प्रकाशक ऐप्स या वेबसाइट्स (45 प्रतिशत), सुने जाने वाले समाचार (39 प्रतिशत), ओटीटी (ओवर द टॉप) या टीवी (21 प्रतिशत) आदि हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 80 प्रतिशत ऑनलाइन समाचार उपभोक्ताओं को ऐसे समाचार मिलते हैं जो उन्हें संदिग्ध लगते हैं और उनकी प्रामाणिकता जानना मुश्किल होता है।
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*नलवा स्पेशल स्टील लिमिटेड नई दिल्ली एवम राज्य शासन के बीच हुआ अनुबंध।*
*नलवा स्पेशल स्टील लिमिटेड स्क्वायर रेक्टेंगुलर पाइप बनाने रायगढ़ में लगाएगा संयंत्र।*
रायपुर. नलवा स्पेशल स्टील लिमिटेड ने तहसील तमनार जिला रायगढ़ में लगभग 450 करोड़ रुपए निवेश के साथ स्क्वायर एवं रेक्टेंगुलर पाइप निर्माण हेतु प्लांट लगाने के लिए आज छत्तीसगढ शासन के साथ एम. ओ यू किया। इसमें
6,00,000 टन प्रतिवर्ष उत्पादन का लक्ष्य रखा गया हैं। नए संयत्र लगाने के लिए छत्तीसगढ सरकार के साथ हुए एम.ओ यू पर शासन की ओर से श्री भुवनेश यादव सचिव वाणिज्य एवम उद्योग और कंपनी की ओर से श्री प्रदीप टंडन ने हस्ताक्षर किए।
श्री प्रदीप टंडन में बताया की प्लांट स्थापित होने और उसके संचालन में क्षेत्र के युवाओं को रोज़गार के नये अवसर प्रदान होंगे और यह उद्योग क्षेत्र के विकास में सहभागी बनेगा।नलवा स्पेशल स्टील जिंदल ग्रुप की सहयोगी कंपनी है | -
इंचियोन. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को विश्वास जताया कि विश्व बैंक के भावी अध्यक्ष अजय बंगा बहुपक्षीय कर्ज देने वाली एजेंसी के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अपने कॉरपोरेट जगत के अनुभवों का इस्तेमाल करेंगे। 63 वर्षीय बंगा दो जून को विश्व बैंक के अध्यक्ष का पद संभालेंगे। वह डेविड मलपास की जगह लेंगे। सीतारमण ने ट्वीट किया, ‘‘अजय बंगा को विश्व बैंक का अध्यक्ष चुने जाने पर हार्दिक बधाई। मुझे विश्वास है कि आप बैंक के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कॉरपोरेट जगत में अपने व्यापक अनुभव का उपयोग करेंगे।'' वित्त मंत्री इस समय एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की 56वीं वार्षिक बैठक में भाग लेने के लिए दक्षिण कोरिया के इंचियोन में हैं।
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नयी दिल्ली. मदर डेयरी ने 'धारा' ब्रांड के तहत बिकने वाले अपने खाद्य तेलों का अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) 15 से 20 रुपये प्रति लीटर घटा दिया है। वैश्विक स्तर पर खाद्य तेल कीमतों में आई गिरावट के बीच कंपनी ने यह कदम उठाया है। मूल्य कटौती तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। नए एमआरपी के साथ धारा तेल अगले सप्ताह बाजार में उपलब्ध होने की उम्मीद है।
खाद्य मंत्रालय ने खाद्य तेल उद्योग निकाय सॉल्वेंट एक्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) को खाना पकाने के काम आने वाले तेल के दाम घटाने का निर्देश दिया था। मदर डेयरी के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘धारा खाद्य तेलों के दाम 15 से 20 रुपये प्रति लीटर घटाए गए हैं। यह कटौती विभिन्न किस्मों मसलन सोयाबीन तेल, राइसब्रान ऑयल, सूरजमुखी तेल और मूंगफली तेल में की गई है।" मूल्य कटौती के बाद धारा रिफाइंड सोयाबीन तेल (एक लीटर का पैक) का दाम 170 रुपये से घटकर 150 रुपये रह गया है। धारा रिफाइंड राइस ब्रान का दाम 190 से घटकर 170 रुपये लीटर पर आ गया है। धारा रिफाइंड सूरजमुखी तेल का दाम 175 रुपये से घटकर 160 रुपये प्रति लीटर रह गया है। इसी तरह धारा मूंगफली तेल का दाम 255 रुपये से घटाकर 240 रुपये प्रति लीटर किया गया है। -
नई दिल्ली। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव संजीव चोपड़ा ने निर्देश दिया है कि खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट का लाभ उपभोक्ताओं को शीघ्रता से मिलना चाहिए। कुछ कंपनियों ने अपने उत्पाद के दाम कम नहीं किए हैं और जिनका अधिकतम खुदरा मूल्य दूसरे ब्रांडों से अधिक है, ऐसी कम्पनियों को कीमतें कम करने की सलाह दी गई है। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने संबंधित पक्षों के साथ आज एक बैठक में खाद्य तेल की कीमतों की समीक्षा की। बैठक के दौरान बताया गया कि पिछले दो महीनों में विभिन्न खाद्य तेलों की वैश्विक कीमतों में दो सौ से ढाई सौ डॉलर प्रति टन की गिरावट आई है, लेकिन खुदरा बाजारों में इसका असर दिखने में समय लगेगा।
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नई दिल्ली। मदर डेयरी ने ‘धारा’ ब्रांड के तहत बिकने वाले अपने खाद्य तेलों का अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) 15 से 20 रुपये प्रति लीटर घटा दिया है। वैश्विक स्तर पर खाद्य तेल कीमतों में आई गिरावट के बीच कंपनी ने यह कदम उठाया है।
मूल्य कटौती तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। नए MRP के साथ धारा तेल अगले सप्ताह बाजार में उपलब्ध होने की उम्मीद है। खाद्य मंत्रालय ने खाद्य तेल उद्योग निकाय सॉल्वेंट एक्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) को खाना पकाने के काम आने वाले तेल के दाम घटाने का निर्देश दिया था।मदर डेयरी के प्रवक्ता ने कहा, ‘धारा खाद्य तेलों के दाम 15 से 20 रुपये प्रति लीटर घटाए गए हैं। यह कटौती विभिन्न किस्मों मसलन सोयाबीन तेल, राइसब्रान ऑयल, सूरजमुखी तेल और मूंगफली तेल में की गई है।’मूल्य कटौती के बाद धारा रिफाइंड सोयाबीन तेल (एक लीटर का पैक) का दाम 170 रुपये से घटकर 150 रुपये रह गया है। धारा रिफाइंड राइस ब्रान का दाम 190 से घटकर 170 रुपये लीटर पर आ गया है। धारा रिफाइंड सूरजमुखी तेल का दाम 175 रुपये से घटकर 160 रुपये प्रति लीटर रह गया है। इसी तरह धारा मूंगफली तेल का दाम 255 रुपये से घटाकर 240 रुपये प्रति लीटर किया गया है। -
नई दिल्ली।. अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी किए जाने के बावजूद भारतीय बाजार गुरुवार को पांच महीने उच्चस्तर पर बंद हुए। फेड चेयरमैन जीरोम पॉवेल की टिप्पणी के बाद ज्यादातर वैश्विक बाजारों में कारोबार मिलाजुला रहा, जिसमें पॉवेल ने जून में ब्याज बढ़ोतरी पर विराम लगाने का संकेत दिया है। उन्होंने हालांकि इस साल बाद में ब्याज दरों में कटौती की संभावना को बहुत अहमियत नहीं दी। अमेरिकी डॉलर में कमजोरी से उभरते बाजारों को लेकर सेंटिमेंट मजबूत बनाने में मदद मिली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 1,414 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
बेंचमार्क सेंसेक्स गुरुवार को 556 अंकों की बढ़ोतरी के साथ 61,749 पर बंद हुए। निफ्टी में 166 अंकों का इजाफा हुआ और 18,256 पर बंद हुआ। दोनों सूचकांकों का यह बंद स्तर 19 दिसंबर के बाद का सर्वोच्च स्तर है। पिछले 10 में से नौ कारोबारी सत्रों में बढ़त दर्ज करने वाला सेंसेक्स अपने अब तक के सर्वोच्च स्तर से महज 2.4 फीसदी पीछे है। सेंसेक्स ने 1 दिसंबर को 63,284 का सर्वोच्च स्तर दर्ज किया था।देसी बाजारों में बढ़ोतरी को एचडीएफसी द्वय और रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सहारा दिया। सकारात्मक तिमाही नतीजे और बेहतर आर्थिक आंकड़ों ने निवेशकों की अवधारणा को ऊंचा रखा। पीएमआई अप्रैल में बढ़कर 57.2 हो गया, जो इससे पिछले महीने 56.4 था। लगातार 22 महीनों से पीएमआई 50 से ऊपर बरकरार है। पीएमआई का 50 से ज्यादा रहना विस्तार का संकेत देता है। इसी तरह जीएसटी संग्रह भी अप्रैल में अब तक के सर्वोच्च मासिक स्तर पर पहुंच गया।बीए्सई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 30,000 करोड़ रुपये बढ़ा।मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, चौथी तिमाही में मजबूत आय और पिछले पांच दिनों में एफआईआई की तरफ से अच्छी खरीदारी ने बाजार को जरूरी सहारा दिया। प्रमुख देसी आर्थिक आंकड़े भी उत्साहजनक रहे हैं। बाजार का ढांचा सकारात्मक बना हुआ है और निफ्टी धीरे-धीरे पिछले कुछ हफ्तों के मुकाबले मजबूती हासिल कर रहा है।