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अगले साल 70 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के पार जा सकता है गोल्ड

 नई दिल्ली।  ब्याज दरों में तेजी के साथ साथ यूएस डॉलर इंडेक्स  और बॉन्ड यील्ड   में जबरदस्त इजाफे के बावजूद इस वर्ष सोने ने जुझारूपन दिखाते हुए बेहतर प्रदर्शन किया है। सोने ने इस साल अब तक 9 फीसदी जबकि पिछले एक साल में 20 फीसदी का रिटर्न दिया है। मिडिल ईस्ट में जारी सैन्य संघर्ष और अमेरिका में आगे ब्याज दरों में बढ़ोतरी की क्षीण होती संभावना के बीच इंटरनैशनल मार्केट में शुक्रवार यानी 20 अक्टूबर को सोने की कीमत बढ़कर अपने 3 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। स्पॅाट गोल्ड 0.2 फीसदी की मजबूती के साथ 1,978 डॉलर प्रति औंस दर्ज किया गया। 20 जुलाई के बाद यह स्पॉट गोल्ड का सबसे ऊपरी स्तर है। जबकि यूएस फ्यूचर्स 0.5 फीसदी बढ़कर 1,990 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया।

 घरेलू बाजार में एमसीएक्स  (MCX) पर सोने का बेंचमार्क दिसंबर फ्यूचर्स भी 1 फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ 60,925 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया। जबकि 5 अक्टूबर को बेंचमार्क कॉन्ट्रैक्ट 56,075 रुपये प्रति 10 ग्राम के निचले स्तर तक नीचे चला गया था।
जानकारों के अनुसार ग्लोबल बैंकिंग संकट और अमेरिका में डेट-सीलिंग को लेकर बने गतिरोध ने अप्रैल, मई की शुरुआत में कीमतों को तगड़ा सपोर्ट किया। जिस वजह से उस समय इंटरनैशनल कीमतें अपने ऑल टाइम हाई के काफी करीब चली गई थी। इसी वर्ष 6 मई को स्पॉट गोल्ड 2,072.19 डॉलर प्रति औंस की ऊंचाई तक चला गया। जबकि 2020 में इसने 2,072.49 का ऑल टाइम हाई बनाया था। ठीक उसी तरह यूएस गोल्ड फ्यूचर्स (US gold futures) भी  6 मई को यह 2,085.40 की ऊंचाई तक जा पहुंचा । जबकि अगस्त 2020 में इसने 2,0892 का रिकॉर्ड हाई बनाया था।जबकि घरेलू बाजार में इसी वर्ष 6 मई को MCX पर सोने की कीमत 61,845 रुपये प्रति 10 ग्राम के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी।
कीमतों में मौजूदा तेजी की वजह जियो पॉलिटिकल टेंशन है। लेकिन इन शॉर्ट-टर्म सपोर्ट को छोड़ दें तो विश्व के बड़े केंद्रीय बैकों खासकर चीन के केंद्रीय बैक की तरफ से आ रही खरीद ने इस साल  अभी तक  सोने को न सिर्फ औंधे मुंह गिरने से बचाया है बल्कि कीमतों को एक हद तक मजबूती बख्शी है।निर्मल बंग के कुणाल शाह के मुताबिक यूएस डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड में तेजी के बावजूद गोल्ड में मौजूदा तेजी की वजह इजरायल और हमास के बीच जारी सैन्य संघर्ष है लेकिन अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती को लेकर जब स्थिति स्पष्ट होगी तब केंद्रीय बैंकों की खरीदारी सही मायने में सोने को तेजी देगी। उन स्थितियों में सोने में एक शानदार और टिकाऊ रैली देखी जा सकती है।
ज्यादातर जानकार मान रहे हैं कि अगले साल दूसरी छमाही में अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती का सिलसिला शुरू कर सकता है।
कहां तक जा सकती हैं कीमतें?
कुणाल शाह के मुताबिक अगले साल की शुरुआत से ही सोने की कीमतों में शानदार तेजी शुरू हो सकती है। कैलेंडर ईयर 2024 के अंत तक इंटरनैशनल मार्केट में सोना 2,400 डॉलर प्रति औंस जबकि घरेलू बाजार में 70 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक ऊपर जा सकता है। शाह मानते हैं कि केंद्रीय बैंकों की खरीद के साथ साथ फिजिकल और ईटीएफ बॉयिंग में आगे अच्छी खासी तेजी आएगी। अभी भी भारत और चीन जैसे देशों में मजबूत फिजिकल बाइंग  आ रही है। हालांकि कीमतों में आई हालिया तेजी के बाद भारत में डीलर्स गोल्ड पर 4 डॉलर प्रति औंस तक का डिस्काउंट दे रहे हैं। उधर चीन में प्रीमियम घटकर 44 -49 डॉलर प्रति औंस रह गया है।

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