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 कलेक्टर की अध्यक्षता में से संघर्षरत बालकों के प्रकरण में लंबन एवं सामाजिक अन्वेषण प्रतिवेदन के संबंध में समन्वय बैठक

महासमुंद/ कलेक्टर श्री विनय लंगेह की अध्यक्षता में विधि से संघर्षरत बालकों के प्रकरण में लंबन एवं सामाजिक अन्वेषण प्रतिवेदन के संबंध में आज समन्वय बैठक  कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आहूत की गई। उक्त बैठक में सुश्री तान्या ब्रम्हे प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड महासमुंद, श्रीमती सारिका वैद्य  उपपुलिस अधीक्षक, श्री समीर पाण्डेय जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं श्री खेमराज चौधरी जिला बाल संरक्षण अधिकारी, जिला बाल संरक्षण इकाई शामिल हुए।
समन्वय बैठक में चर्चा के दौरान अवगत कराया गया कि किशोर न्याय बोर्ड में जघन्य अपराध के 104 प्रकरण एवं गंभीर अपराध के 155 प्रकरण इस प्रकार कुल 259 प्रकरण लंबित है। कलेक्टर द्वारा एक वर्ष से अधिक लंबित प्रकरणों का त्वरित संज्ञान लेते हुए निराकरण करने के निर्देश दिये गये। पुराने प्रकरण में गवाही, साक्ष्य एवं बालक उपस्थित नहीं होने के कारण अग्रिम कार्यवाही करने में विलंब हो रहा है, साथ ही नये प्रकरण में वारंट जारी नहीं हो रहा है, नोटिस जारी किया जा रहा है। उक्त संबंध में उक्त प्रकरण में  किशोर न्याय बोर्ड, पुलिस  विभाग को कारवाई के निर्देश दिया गया।साथ ही किशोर न्याय बोर्ड से जारी पत्र की तामिली को समय पर करने के निर्देश दिए गए।  इससे  किशोर न्याय बोर्ड में बालक एवं गवाही की उपस्थिति नहीं हो पा रही है।किशोर न्याय बोर्ड में प्रस्तुत प्रकरण के प्रकृति के आधार पर लगभग 3-4 माह में निराकरण की कार्यवाही करने के संबंध में निर्देशित किया गया है। शासकीय बाल सम्प्रेक्षण गृह में निवासरत बालकों का प्रत्येक सप्ताह काउंसलिंग की सुविधा सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया है। बैठक  में न्याय बोर्ड से रिहाई पर चले गये बालकों का डेटा बेस तैयार कर नियमित रूप से फॉलोअप रिपोर्ट तैयार किया जाये तथा ऐसे बच्चों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने की कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया।
बाल कल्याण पुलिस अधिकारी के द्वारा नये प्रकरण किशोर न्याय बोर्ड में प्रस्तुत करने पर किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) आदर्श नियम 2016 के प्रारूप 01 में प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया। पुलिस  थाना में लघु अपराध के प्रकरण को संज्ञान लेते हुए थाना स्तर पर ही कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही एकल प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज नहीं किये जाने के संबंध में निर्देशित किया गया।किशोर न्याय बोर्ड में प्रस्तुत बालक के प्रकरण पर निर्धारित प्रपत्र में सामाजिक जांच रिपोर्ट विधिक सह परिवीक्षा अधिकारी के द्वारा निर्धारित समय-सीमा 15 दिवस के भीतर प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया। उक्त के संबंध में अध्यक्ष महो. को अवगत कराया गया कि माह अप्रैल 2025 की स्थिति में कोई भी सामाजिक जांच रिपोर्ट लंबित नहीं है।किशोर न्याय बोर्ड में प्रस्तुत बाल के प्रकरण में निर्धारित समय-सीमा में पुलिस डायरी बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया जिससे बाल के प्रकरण में नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही प्रस्तुत की जा सकेगी। शासकीय बाल सम्प्रेक्षण गृह में संस्थागत बालक एवं किशोर न्याय बोर्ड में प्रस्तुत जघन्य अपराध (16 से 18 वर्ष आयु) के प्रकरण में त्वरित संज्ञान लेते हुए बालक को प्लेस ऑफ सेफ्टी स्थानांतरण करने की कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है।

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